रावण के दरबार में पैर के नीचे कौन & विश्व स्तर पर 20 के लिये बडी भविष्यवाणियां; रुझान अध्यात्म की तरफ
बुल्गारिया के भविष्यवक्ता वेन्गा ने 2020 के लिये कौन सी भविष्यवाणियां की हैं?
बाबा वेंगा की भविष्यवाणी के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कोई रहस्य्मयी बीमारी भी हो सकती है। इस बीमारी के कारण ट्रंप बहरे हो सकते हैं। बीमारी का असर उनके दिमाग पर भी पड़ेगा। साथ ही रूस के राष्ट्रपति को उनके देश के अंदर ही मारने की भविष्यवाणी भी की गई है।
आएंगी कई प्राकृतिक आपदाएं
२०२० साल में बाबा वेंगा के अनुसार कई प्राकृतिक आपदाएं भी आएंगी। इससे दुनिया के कई हिस्से प्रभावित होंगे। साथ ही लोगों का रुझान अध्यात्म की तरफ होने लगेगा।
हिमालयायूके एक्सक्लूसिव- मनुष्य अक्सर महसूस करते हैं कि हम ऐसे प्राणी हैं जो किसी भी चीज़ से अधिक बड़े और शक्तिशाली हैं। जब तक कि हम यह नहीं देखते कि प्रकृति ऐसी बहुत सी चीजे है जो हमारे इस घमंड को तोड़ सकती है. हम कुछ तुलनात्मक तस्वीरें लेकर आ रहे हैं जो आपकी आँखे खोल देगी. हिमालयायूके देखते रहे- सम्पादक-
क्या आप यह बता सकते हैं कि लंकापति रावण के दरबार में रावण के पैर के नीचे कौन लेटा हुआ दिखाई पड़ता है? जब रावण को अपने दरबार में दिखाया जाता है तो रावण के सिंहासन के सामने , पायदान की जगह (जहां पर रावण पैर रखता है ) वहां पर कोई लेटा हुआ दिखाई पड़ता है, जितनी देर रावण अपने सिंहासन पर बैठता है शनि को अपने पैर से दबाए रखता है, ऐसा प्रतीत होता है इससे रावण के मन को बहुत सुकून मिलता है,जो उसके अभिमान एवं अहंकार को और पुष्ट करता है
कोई कहता है कि रावण के पैर के नीचे काल दबा पड़ा हुआ है ,तो कोई कहता है रावण के पैर के नीचे शनि देव है,तीर्थराज प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय ने अपनी प्रकाशित पुस्तक ” कैसे दूर करें शनि पीड़ा ” में इसका स्पष्ट उल्लेख किया है
“शनि देव की दृष्टि से बचने के लिए शनि देव को उल्टा लिटा कर रावण ने उनके ऊपर पैर रखा हुआ है क्योंकि शनि की दृष्टि बहुत खराब होती है जिस पर शनि की दृष्टि पड़ जाए उसका सर्वनाश हो जाता है इसीलिए रावण ने शनिदेव को उल्टा रखा हुआ है ”
उल्टा लेटे होने के कारण यह पता लगता है कि वह काल नहीं शनि देव है , रावण ने तोड़ी शनि देव की टांग और उल्टा पटक कर चरणों के नीचे दबाया
जब रावण के पुत्र मेघनाद का जन्म होने वाला था, तब रावण ने सभी ग्रहों को शुभ सर्वश्रेष्ठ स्थिति में रहने का आदेश दिया था। बाकि सरे ग्रहों ने आज्ञा का पालन किया किन्तु ठीक उसी समय शनि ग्रह ने अपनी स्थिति में परिवर्तन कर लिया |शनि ने मेघनाद के जन्म के समय ऐसा योग बना दिया था, जिससे आगे चलकर मेघनाद लक्ष्मण के हाथों मारा गया था।
जब रावण के पुत्र का जन्म होने ही वाला था, उसने सभी नवग्रहों को ये आदेश दिया कि वो उसके पुत्र की कुंडली के ११वें घर पर स्थित हो जाएँ। व्यक्ति की जन्मकुंडली का ११वां घर शुभता का प्रतीक होता है। यदि ऐसा हो जाता तो उसके होने वाले पुत्र की मृत्यु असंभव हो जाती। रावण की आज्ञा अनुसार सभी ग्रह उसके होने वाले पुत्र की कुंडली के ११वें घर में स्थित हो गए। रावण निश्चिंत था कि अब इस मुहूर्त में उत्पन्न होने वाला उसका पुत्र अजेय होगा।
किन्तु अंतिम क्षणों में, जब उसका पुत्र पैदा होने ही वाला था, शनिदेव उसकी कुंडली के ११वें घर से उठ कर १२वें घर में स्थित हो गए। कुंडली का १२वां घर अशुभ लक्षणों का प्रतीक है। स्थिति परिवर्तन से मेघनाद अल्पायु हो गया,( इसीलिए लक्ष्मण से मारा गया )
रावण हर तरह से निश्चिंत था किन्तु जब उसने अपने राजपुरोहित से अपने पुत्र की कुंडली बनाने को कहा तब उसे पता चला कि शनिदेव ने उसकी आज्ञा का उलंघन किया है। उसे अपार दुःख हुआ और उसने ब्रह्मदण्ड की सहायता से शनि को परास्त कर बंदी बना लिया।रावण ने दंड स्वरूप शनिदेव की टांग पर प्रहार कर शनिदेव की एक टांग भी तोड़ दी
कहा जाता है कि रावण के दरबार में नवग्रह सदैव उपस्थित रहते थे किन्तु शनिदेव से विशेष द्वेष/ विशेष दंड के कारण उन्हें रावण सदैव अपने चरण पादुकाओं के स्थान पर रखता था। बाद में लंका दहन के समय महाबली हनुमान ने शनिदेव को मुक्त करवाया।
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