पत्रकारों पर हमले करने वालों की खैर नहीं
TOP NATIONAL NEWS; (www.himalayauk.org) HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND (Leading Digital Newsportal & Daily Newspaper)
देश के विभिन्न हिस्सों से पत्रकारों पर हमले की घटनाएं लगातार सामने आ रही जा रही हैं, ऐसे में महाराष्ट्र सरकार ने पत्रकारों पर हमले की घटनाओं को गंभीरता से लिया है। इसलिए महाराष्ट्र में अब पत्रकारों और मीडिया संस्थानों पर हमले करने वालों की खैर नहीं है, क्योंकि महाराष्ट्र कैबिनेट ने पत्रकारों पर हमले रोकने के लिए ‘पत्रकार सुरक्षा कानून’ पर मसौदा विधेयक को गुरुवार को मंजूरी दी और बजट सत्र के अंतिम दिन यानी शुक्रवार को राज्य विधायिका के दोनों सदनों में इस विधेयक को सर्वसम्मति से पास करा लिया।
विधेयक में कानून का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ भी कार्यवाही का प्रावधान है। पत्रकारों की सुरक्षा से संबंधित कानून बनाने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बन गया है।
इस कानून के तहत अपना काम कर रहे पत्रकारों या मीडिया कार्यालयों पर हमला करने वाले को दोषी को तीन साल की सजा या 50,000 रुपए जुर्माने अथवा दोनों सजाएं एक साथ हो सकती हैं।
इस विधेयक में जहां पत्रकार व मीडिया संस्थान और उसके साथ काम कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने पत्रकारों पर हमला करने वालों का अपराध गैरजमानती होगा। पत्रकारों के साथ ड्यूटी के दौरान किसी तरह की हिंसा करने, पत्रकार और मीडिया संस्थान की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने पर इस कानून के तहत मामला दर्ज किया जा सकेगा।
हमला करने वाले को पीड़ित के इलाज का खर्च और मुआवजा भी देना होगा। मेडिकल खर्च व मुआवजा न अदा करने पर भूमि राजस्व बकाया मान कर रकम वसूल की जाएगी। पुलिस उपाधीक्षक व उससे उच्च स्तर का अधिकारी इस तरह के मामलों की जांच करेगा। साथ ही, यदि आरोप झूठा पाया गया तो दोषी व्यक्ति यदि मान्यता प्राप्त पत्रकार है, तो उसकी अधिस्वीकृति भी समाप्त की जा सकेगी । इसके साथ ही उसके खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
सरकार द्वारा तैयार किए गए इस विधेयक को पत्रकार संगठनों के पास सुझाव और आपत्तियों के लिए पिछले साल भेजा गया था। सरकार ने सुझावों और आपत्तियों के बाद ही यह विधेयक तैयार किया है।
गौरतलब है कि पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग 2005 से ही हो रही है। तत्कालीन गृहमंत्री दिवंगत एनसीपी नेता आर.आर. पाटिल ने पत्रकारों की सुरक्षा से जुड़ा कानून बनाने का वादा किया था। इसको लेकर नारायण राणे की अध्यक्षता में समिति गठित की गई थी लेकिन कांग्रेस-एनसीपी की गठबंधन सरकार इस कानून को पारित करने में टालमटोल करती रही।
विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय (DAVP) ने ऐसे अखबारों और पत्रिकाओं को नोटिस जारी किया है, जिन्होंरने अपने मासिक अंक (Monthly Copies) पत्र सूचना कार्यालय (PIB) अथवा (DAVP) के कार्यालय में जमा नहीं कराए हैं। DAVP के पैनल में ऐसे 804 अखबार अथवा पत्रिकाएं हैं, जिन्होंने अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 के बीच के मासिक अंक जमा नहीं कराए हैं।
प्रिंट मीडिया ऐडवर्टाइजिंग पॉलिसी 2016 के क्लॉाज-13 के अनुसार, DAVP के पैनल में शामिल सभी समाचार पत्र अथवा पत्रिकाओं को अपने मासिक अंक अगले महीने की 15 तारीख से पहले निदेशालय के समक्ष जमा कराने होते हैं। ऐसा न करने पर ऐसे अखबारों अथवा पत्रिकाओं को दिया जाने वाला विज्ञापन बंद किया जा सकता है।
इस संबंध में DAVP द्वार हर महीने एडवाइजरी जारी की जाती है। इसके बावजूद इन पब्लिशर्स द्वारा संबंधित विभाग में अपने मासिक अंक जमा नहीं कराए हैं। DAVP के एडिशनल डीजी सत्येंवद्र प्रकाश की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि ऐसे पब्लिकेशंस को प्रिंट मीडिया ऐडवर्टाइजिंग पॉलिसी 2016 के क्लॉज-26(बी) के अनुसार निलंबित (Suspended) किया जा रहा है। इन अंकों को सक्षम प्राधिकारी के अप्रूवल के बाद जमा कराया जाना है।
नोएडा: भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आते ही शहर के चौराहों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई देते हुए होर्डिंग लगाने की छुटभैया नेताओं में होड़ सी लग गयी है. बीजेपी के बड़े नेताओं ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है.
होर्डिंग लगाने वाले नेताओं की बाढ़
बीजेपी के महानगर अध्यक्ष राकेश शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद होर्डिंग लगाने वाले नेताओं की बाढ़ सी आ गयी है. कुछ ऐसे लोग भी पार्टी के नाम पर होर्डिंग लगा रहे हैं जिनका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है.
BJP से जुड़ा हुआ दिखाकर अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं ऐसे लोग
राकेश शर्मा ने कहा, ‘‘ये लोग सिर्फ अपने आपको पार्टी से जुड़ा हुआ दिखाकर अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सरकार के तौर-तरीकों को बीजेपी नहीं चलने देगी. बदलाव दिखना चाहिए.”
जरूरत पड़ी तो होर्डिंग लगाने वाले नेताओं के खिलाफ दर्ज होगी FIR
शर्मा ने कहा, ”पार्टी के कार्यकर्ताओं को अनुशासन में रहना होगा. यदि ये हवाई नेता नहीं सुधरे तो उनके खिलाफ पार्टी कार्यवाही करेगी.” उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो होर्डिंग लगाने वाले नेताओं के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज होगी.
## नई दिल्ली: भारत और बांग्लादेश के बीच रक्षा, असैन्य परमाणु सहयोग और साइबर सुरक्षा के विभिन्न रणनीतिक क्षेत्रों सहित करीब दो दर्जन समझौतों पर आज हस्ताक्षर किये गये.
लगभग 50 करोड़ डॉलर का रक्षा रिण मुहैया करने के लिए एक समझौता पर हस्ताक्षर करने के अलावा रक्षा सहयोग प्रारूप के एक समझौते पर भी दोनों देशों ने हस्ताक्षर किए.
भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों की ‘सार्थक’ वार्ता के बाद दोनों देशों ने ढाका के नेशनल डिफेंस कॉलेज और नई दिल्ली स्थित नेशनल डिफेंस कॉलेज के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा, विकास और रणनीतिक अध्यक्षन के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर किया गया.
परमाणु सुरक्षा और विकिरण सुरक्षा के विनियमन के लिए तकनीकी सूचना एवं सहयोग के आदान-प्रदान को लेकर परमाणु उर्जा विनियामक बोर्ड भारत और बांग्लादेश परमाणु उर्जा विनियामक प्राधिकरण के बीच एक व्यवस्था पर पहुंचने के साथ-साथ दोनों देश परमाणु उर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल पर सहयोग को लेकर भी सहमत हुए.
बैठक के दौरान इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम और बांग्लादेश गवर्नमेंट कंप्यूटर इंसिडेंट रिस्पांस टीम साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को लेकर सहमत हुए.
## इलाहाबाद: यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि मायावती राज में बेची गईं 11 चीनी मिलों के मामले की जांच का फैसला गहराई से समीक्षा करने और गड़बड़ियों की तमाम शिकायतें मिलने के बाद लिया गया है. उनके मुताबिक़ यह सरकार का एक सामान्य फैसला है, जिसका सियासत से कोई लेना-देना नहीं है.
‘गलत नहीं किया तो घबरा क्यों रही हैं मायावती’
बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर इशारों में निशाना साधते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि अगर जांच के दायरे में आने वाले लोगों ने कोई गड़बड़ी नहीं की है, तो वह अनर्गल बयानबाजी करते हुए क्यों घबरा रहे हैं.
इलाहाबाद में मीडिया से बातचीत करते हुए केशव मौर्य ने कहा कि बीएसपी द्वारा मायावती के भाई आनंद कुमार के यहाँ इनकम टैक्स के छापे और माया राज में बिकी चीनी मिलो की जांच के मामले को तूल दिये जाने को बेवजह करार दिया और कहा कि जहाँ भी गड़बड़ी की शिकायतें आएंगी, वहां जांच होगी और छापे पड़ेंगे. इन फैसलों के पीछे सियासी बदले की कोई भावना नहीं है.
2019 में यूपी में पूरी 80 सीटें जीत सकती है BJP
केशव मौर्य ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के मिशन 2019 वाले बयान पर कहा कि यूपी सरकार सूबे में दो साल में विकास के इतने काम कर देगी, जिससे अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी यूपी में पूरी अस्सी की अस्सी सीटें जीत सकती है.
इलाहाबाद में कैशलेस ट्रांजिक्शन को बढ़ावा देने के लिए लगे डिजिधन मेले की शुरुआत करते हुए केशव मौर्य ने कहा कि यूपी में निवेशकों के लिए बेहतर मौके मुहैया कराए जाएंगे. उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी और बेहतर माहौल बनाकर उनके बिजनेस को ब
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को सवाल उठाया कि क्या भारतीय जनता पार्टी और उसका मार्गदर्शक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य ही भारतीय हैं? साथ ही उन्होंने बीजेपी सांसद तरुण विजय की दक्षिण भारतीयों पर टिप्पणी की आलोचना की.
क्या सिर्फ BJP और RSS के मेंबर ही भारतीय हैं?
पूर्व केंद्रीय गृह व वित्तमंत्री ने ट्वीट किया, “जब तरुण विजय ने कहा, ‘हम अश्वेत लोगों के साथ रहते हैं’, तो मैं उनसे पूछता हूं कि हमलोग कौन हैं? क्या वह केवल बीजेपी और आरएसएस के सदस्यों के ही भारतीय होने की ओर इशारा कर रहे हैं?”
अफ्रीकियों पर हमले का नस्लवाद से कोई लेना-देना नहीं
अंतर्राष्ट्रीय टेलीविजन चैनल अल जजीरा को दिए इंटरव्यू में तरुण विजय ने कहा है कि भारत में अफ्रीकियों पर हमले का नस्लवाद से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा, “अगर हम नस्लवादी हैं, तो फिर पूरा दक्षिण भारत हमारे साथ क्यों है…अगर हम नस्लवादी हैं, तो फिर हम उनके साथ क्यों रहते हैं? हमारे चारों ओर अश्वेत लोग हैं.”
‘मेरे कहने का वह मतलब नहीं’
अपनी पार्टी और मार्गदर्शक संगठन की मानसिकता का परिचय देने के बाद तरुण को जब अपनी गलती का अहसास हुआ, तो उन्होंने माफी मांगी और कहा, “मैं उन सब से माफी मांगता हूं, जिनके दिल को मेरी बात से ठेस पहुंची. मेरे कहने का वह मतलब नहीं था.”
## लखनऊ: केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर आज कहा कि यह उनकी आस्था का विषय है और इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़े तो जाएंगी.
उमा भारती ने कहा, ‘‘राम मंदिर मेरी आस्था का विषय है. मेरे विश्वास का विषय है. मुझे इस पर गर्व है … अगर जेल भी जाना पड़े तो जाउंगी, फांसी पर लटकना पड़े तो लटक जाउंगी.’’ जब सवाल किया गया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मुलाकात के दौरान क्या अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर चर्चा हुई तो उमा ने कहा, ‘‘राम मंदिर पर हमें बात करने की जरूरत कहां रहती है. इस विषय पर हम अजनबी नहीं हैं. योगी जी के गुरू महंत अवैद्यनाथ राम मंदिर आंदोलन के पुरोधा थे.’’ उन्होंने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है इसलिए वह ज्यादा नहीं बोलेंगी लेकिन खुद सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि मामले का हल अदालत से बाहर भी हो सकता है.
हिंदू राष्ट्र की अवधारणा गलत नहीं है और सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुत्व को वे ऑफ लाइफ बताया है. ये वो बयान है जिसके बाद से हिंदू राष्ट्र के मुद्दे पर बहस शुरू हो गई है. यूपी के नए सीएम योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया था जो एक तेजतर्रार हिंदूवादी नेता रहे हैं.
एक पक्ष हिंदू राष्ट्र की वकालत कर रहा है तो दूसरा पक्ष इसे धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में ही देखना चाहता है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या देश हिंदू राष्ट्र की तरफ बढ़ रहा है? हिंदू राष्ट्र या धर्म निरपेक्ष राष्ट्र ?
यूपी का सीएम बनने के बाद पहले टीवी इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हिंदू राष्ट्र की अवधारणा गलत नहीं है और सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुत्व को वे ऑफ लाइफ बताया है. सवाल था क्या उनकी नियुक्ति हिंदू राष्ट्र की तरफ बढ़ने का एक कदम है ? एक बार फिर उन्होंने धर्म पर अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण से कहा कि उपासना नहीं है धर्म. दोनों में अंतर है. विवाद तब होता है जब उपासना की विधियों को धर्म मान लिया जाता है. सनातन धर्म जीवन पद्धति है. धर्म व्यापक अवधारणा है. महर्षि अरविंद की एक बात मुझे बहुत ठीक लगती है कि धर्म का आधार राष्ट्र है. धर्म व मानवता की रक्षा ही धर्म है जबकि सबसे बड़ा पाप है राष्ट्र की क्षति.
धर्म पर योगी की दलीलों के बाद भी बहस कायम है कि क्या देश हिंदू राष्ट्र की तरफ बढ़ रहा है ? हालांकि बीजेपी ना हां कह रही है और ना खुलकर ना. योगी नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए आंदोलन चलाते रहे हैं और अब उन्हीं के बहाने भारत की राजनीति में भी बड़ी बहस जारी है कि क्या देश हिंदू राष्ट्र की तरफ बढ़ रहा है .
हिंदू राष्ट्र होगा तो क्या होगा?
बीजेपी सासंद साक्षी महाराज ने तो एक कदम और आगे बढ़ते हुए देश को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए संविधान में संशोधन करने की मांग कर दी? ऐसे में सवाल ये उठता है कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाकर क्या होगा, क्या हिंदू राष्ट्र बनते ही देश का स्वरूप एकदम से बदल जाएगा. एबीपी न्यूज़ ने अलग-अलग पार्टियों के सांसदों की राय ली, जानना चाहा कि हिंदू राष्ट्र बनने से देश में क्या बदल जाएगा ?
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सांसद तो इसे देश तोड़ने वाला करार दे रहे हैं. दिग्विजय सिंह ने कहा कि हिंदुत्व शब्द सावरकर जी लाए थे, आर्य समाजी थे, इसलिए हिंदुत्व का संबंध हिंदू धर्म से नहीं है.
शिवसेना से राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि एक तरफ मोदी जी हैं. दूसरी तरफ योगी जो को बिठाया है, हिंदू राष्ट्र की ओर ये एक कदम बढ़ाया है. कांग्रेस से राज्यसभा सांसद राज बब्बर ने कहा कि वेद पुराणों में कहीं भी हिंदू शब्द का उल्लेख नहीं है, सनातन धर्म कहा गया है.
समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद रेवती रमण सिंह ने कहा कि इससे देश टुकड़े टुकड़े हो जाएगा. वहीं इतिहासकार इरफान हबीब के मुताबिक अगर भारत हिंदू राष्ट्र बन गया तो दुनिया में इसकी इज्जत खत्म हो जाएगी.
धर्म के नाम पर जिन देशों का निर्माण हुआ उन्हें भी कहीं ना कहीं बदलना पड़ा, पड़ोसी देश नेपाल हिंदू राष्ट्र हुआ करता था लेकिन उसे भी बाद धर्मनिरपेक्ष बनना पड़ा.
योगी आदित्यनाथ के हिंदू राष्ट्र के बयान पर विवाद बढ़ गया है. कम ही लोग जानते हैं कि योगी आदित्यनाथ नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र बनाने की खुलकर वकालत करते रहे हैं. गोरक्षपीठ का महंत होने के नाते नेपाल राजघराने से भी उनके संबंध रहे हैं.
योगी आदित्यनाथ का बयान
मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने पहले टीवी इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ ने भारत के लिए हिंदू राष्ट्र की अवधारणा को सही माना है. नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए भी योगी आदित्यनाथ आंदोलन चलाते रहे हैं.
नेपाल के साथ योगी आदित्यनाथ का पुराना नाता है. कहते हैं नेपाल के मशहूर पशुपति नाथ मंदिर में बैठकर बाबा गोरखनाथ ने 12 साल तक तपस्या की थी. यहां बाबा गोरखनाथ की धुनी आज भी मौजूद है. नेपाल की राजशाही भी बाबा गोरखनाथ की भक्त थी. राजतंत्र के खात्मे से पहले तक नेपाल की करेंसी पर बाबा गोरखनाथ के चरण चिन्ह होते थे.
कहते हैं कि नेपाल का राजपरिवार खुद बाबा गोरखनाथ का शिष्य है. यही वजह है कि नेपाल राज परिवार की तरफ से खिचड़ी हर साल बाबा गोरखनाथ मंदिर में चढ़ाई जाती है. बाबा गोरखनाथ के बनाए रिश्ते को योगी आदित्यनाथ ने भी बनाए रखा है. योगी आदित्यनाथ विश्व हिंदू महासंघ की भारत शाखा के अध्यक्ष हैं जिसकी नेपाल में अच्छी खासी पैठ है.
योगी आदित्यनाथ नेपाल में ना सिर्फ हिंदू राष्ट्र के पक्षधर रहे हैं बल्कि राज्य में हिंदू राजतंत्र के भी खुलकर हिमायत करते रहे हैं. पिछले साल सितंबर महीने में योगी ने नेपाल हिन्दू युवा वाहिनी को गठित किया था और नेपाल में ज्ञानेंद्र राज भट्ट को युवा वाहिनी का अध्यक्ष बनाया गया है. सितंबर महीने से अबतक 10 हज़ार के करीब युवकों को इस संगठन से जोड़ा गया है.
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बिहार के बेगूसराय जिले में रामनवमी के दौरान मुस्लिमों ने एक हनुमान मंदिर का जीर्णोद्धार कर सांप्रदायिक सौहार्द की अनोखी मिसाल पेश की है. जिले के बखरी क्षेत्र में इस मंदिर के लिए मुस्लिम परिवारों ने न केवल अपनी जमीन दान दी, बल्कि अपनी क्षमता के हिसाब से आर्थिक मदद की और श्रमदान भी किया.
बखरी के शहीद चौक पर स्थापित प्राचीन हनुमान मंदिर काफी जर्जर हो गया था. जगह की कमी के कारण श्रद्धालुओं को यहां पूजा-पाठ में काफी परेशानी होती थी. इस मंदिर पर बखरी के थाना प्रभारी सुनील कुमार की नजर पड़ी. उन्होंने इस मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए स्थानीय लोगों से बात की. मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए तो सभी तैयार थे, लेकिन सबसे बड़ी समस्या जमीन को लेकर थी. मंदिर के आसपास मुस्लिम परिवारों की जमीन थी. जब इस बारे में मुस्लिम परिवारों से बात की गई, तो वे खुद आगे आए. थाना प्रभारी ने बताया कि मोहम्मद मुर्तजा ने स्वेच्छा से मंदिर के पास की अपनी जमीन मंदिर के लिए दान दे दी, जबकि मोहम्मद तुफैल अहमद, मोहम्मद सलीम और कारी अहमद ने इस कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.जमीन मिलने के बाद मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू हो गया. इसके बाद कई स्थानीय मुस्लिम परिवारों ने मंदिर के लिए आर्थिक सहयोग दिया और श्रमदान भी किया. जीर्णोद्धार के बाद इस हनुमान मंदिर में रामनवमी से फिर पूजा-पाठ शुरू हो गई. मुस्लिम परिवार के लोगों ने रामनवमी के मौके पर हुए आयोजनों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
बखरी में मंदिर का जीर्णोद्धार मुस्लिम परिवारों की मदद से होने की जानकारी जब बेगूसराय के पुलिस अधीक्षक रंजीत कुमार मिश्र को मिली, तो उन्होंने वहां जाकर नेकदिल इंसानों से मुलाकात की और उनकी जमकर तारीफ की. मिश्र ने कहा, ‘बखरी के लोगों ने राज्य में ही नहीं, पूरे देश में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की है. उन्होंने एक अनोखा उदाहरण पेश किया है.’ मंदिर समिति के सदस्य और स्थानीय ग्रामीण मोहम्मद सलीम ने कहा, ‘अगर हिंदू और मुस्लिम धर्म के नाम पर सियासी रोटी सेंकने वालों के बहकावे में न आकर एकजुट हो जाएं, तो भारत को दुनिया में सबसे शक्तिशाली देश बनने से कोई रोक नहीं सकेगा.’
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री आजम खान द्वारा वक्फ की भूमि पर कथित रूप से कब्जा करने के आरोपों के बीच केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि जो ईमानदार हैं, उन्हें डरने की जरूरत नहीं हैं, लेकिन कुछ बेईमान हैं, जिन्हें डरने की जरूरत है. जो ईमानदार है उसे छेड़ा नहीं जाएगा और जो बेईमान हैं, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा. नकवी से यूपी के पूर्व वक्फ मंत्री आजम खान के खिलाफ जांच को लेकर सवाल किया गया था.
आजम खान द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के अन्य नेताओं के खिलाफ की जाने वाली विवादास्पद टिप्पणियों के बारे में किए गए सवाल पर नकवी ने कहा, ‘हम बदजुबानी और गालीगलौज की प्रतिस्पर्धा में न तो पड़ना चाहते हैं और न ही उस पर यकीन करते हैं.’ उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्तियों को कैसे बचाया जाए, अवैध कब्जे कैसे मुक्त कराए जाएं, इसका प्रयास सरकार करेगी. नए वक्फ कानून में इसे लेकर कई अहम प्रावधान हैं.
गौरतलब है कि पूर्व समाजवादी पार्टी (सपा) नेता अमर सिंह ने गुरुवार को सपा नेता आजम खान पर जमकर निशाना साधते हुए उन्हें पापी, दुराचारी और भ्रष्ट तक कह दिया. मिर्जापुर जिले के विंध्याचल मंदिर में दर्शन करने पहुंचे अमर सिंह ने आजम खान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पता नहीं आजम खान का महिलाओं से क्या बैर है. उन्होंने कहा, “आजम खान के इन बयानों को सुन कर मुझे अलाउद्दीन खिलजी याद आता है. और ये दुस्साहसी इतना है कि मुलायम सिंह का जन्मदिवस मनाकर कहता है कि दाऊद इब्राहिम और अबू सलेम ने हमको फंड किया है, जिसको जो करना है कर ले.
शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद नकवी ने कहा कि उनकी मुख्यमंत्री के साथ करीब 45 मिनट की बैठक हुई. इस दौरान उनके मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार के संबद्ध विभागों के अधिकारी मौजूद थे. उन्होंने कहा, ‘हमारा संकल्प है कि हर गरीब और हर तबके के लोगों की आंखों में खुशी आए. इसी संकल्प के साथ केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार काम कर रही है.’
मुख्तार अब्बास नकवी ने यूपी की पूर्ववर्ती सपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र की ओर से अल्पसंख्यकों के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक सशक्तीकरण के लिए उत्तर प्रदेश को अरबों रुपये दिए गए. पिछले तीन साल में 15 हजार करोड़ रुपये भेजे गए. जितना भेजा गया है, उसके हिसाब से तो अल्पसंख्यकों में गरीब और कमजोर तबके में किसी को भी अशिक्षित और बेरोजगार नहीं रहना चाहिए था.’ उन्होंने कहा कि धन के खर्च और योजनाओं को अमली जामा पहनाए जाने की समीक्षा की जाएगी.
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