प्रकृति ने बाजपेयी को चुप करा दिया-किसने कहा-& TOP NATIONAL NEWS 12 JUNE

HIGH LIGHTS ; बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि शायद प्रकृति ने अटल बिहारी वाजपेयी को चुप इसलिए करा दिया है क्योंकि आज की राजनीतिक परिस्थिति को देखते हुए वह क्या कहते? (2) कर्ज में डूबे वीडियोकॉन ग्रुप ने मोदी की नीति को जिम्मेदार ठहराया  3) मशहूर भय्यूजी महाराज का निधन (4)वाजपेयी का मेडिकल बुलेटिन  (5)केस का सामना करने के लिए तैयार हूं. – राहुल गांधी   (6)सभी स्कूलों में नए सत्र में संतों का प्रवचन करवाना होगा (7)बिजली का भीषण संकट – आधा दर्जन से अधिक प्राइवेट बिजली घर में उत्‍पादन ठप (8) बेटी जीवा के जन्म के बाद एक इंसान के तौर वह काफी बदल गए  —  महेन्द्र सिंह धोनी # Presented by हिमालयायूके न्यूज पोर्टल www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal & Print Media ) 12 JUNE 2018- अाज की खबर अभी- कल नही- डिजिटल मीडिया युग में- हिमालयायूके के संग- 

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को एम्स में देखकर आए बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि अटल जी का इलाज चल रहा है और उनकी सेहत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. जोशी ने कहा कि अस्पताल में भर्ती अटल जी की हालत स्थिर है. पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली महोहर जोशी ने कहा कि अटल जी से कोई भी मिल नहीं सकता है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी गिर गई है, जिस कमरे उन्हें रखा गया हैं वहां से सभी उन्हें बाहर से देख सकते हैं. हम सभी को उनके परिवार का सहयोग करना चाहिए. 

शायद प्रकृति ने उन्हें चुप इसलिए करा दिया है क्योंकि आज की राजनीतिक परिस्थिति को देखते हुए वह क्या कहते? अटल जी का अपनी बात कहने का अलग अन्दाज़ था. वो बड़ी से बड़ी बात को बड़े सहज रूप से कहने की क्षमता रखते थे.

दिल्ली के एम्स में इलाज के लिए भर्ती कराए गए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पिछले 9 सालों से बीमार हैं। न कुछ बोल पाते हैं, न किसी को पहचान पाते हैं।  अटल बिहारी वाजपेयी महान वक्‍‍‍‍ता के रूप में विख्‍यात रहेेे- –   महान वक्‍ता को कुदरत ने चुप करा दियाा- –मुुुुरली मनोहर जोशी भाजपा के बडे नेता के इस कथन के पीछे निहितार्थ के गहरे मायने हैं

अटल सरकार में मंत्री रहे जोशी ने कहा कि शायद प्रकृति ने उन्हें चुप इसलिए करा दिया है क्योंकि आज की राजनीतिक परिस्थिति को देखते हुए वह क्या कहते? अटल जी का अपनी बात कहने का अलग अन्दाज़ था. वो बड़ी से बड़ी बात को बड़े सहज रूप से कहने की क्षमता रखते थे.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को बीते दिन दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. एम्स ने बयान जारी करते हुए कहा है कि उनकी हालत स्थिर है, लेकिन अभी इलाज चल रहा है और उन्हें अस्पताल में भी रखा जाएगा. बीते दिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एम्स जाकर उनका हाल जाना था.
शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत कई दिग्गज नेताओं ने एम्स में अटल बिहारी की तबीयत की जानकारी ली. मंगलवार को भी बड़े नेताओं के एम्स जाने का सिलसिला जारी है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी वायपेयी का हाल जानने के लिए एम्स पहुंचे हैं.
अस्पताल की ओर से रात पौने ग्यारह बजे जारी स्वास्थ्य बुलेटिन में एम्स ने कहा है कि वाजपेयी को लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन और किडनी संबंधी दिक्कतों के बाद भर्ती कराया गया था. जांच में उन्हें यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन निकला है. बुलेटिन में कहा गया कि वाजपेयी का उचित इलाज किया जा रहा है और उन्हें डॉक्टरों की एक टीम की निगरानी में रखा गया है.
वाजपेयी 1998 से 2004 तक देश के प्रधानमंत्री थे. उनका स्वास्थ्य खराब होने के साथ ही धीरे -धीरे वह सार्वजनिक जीवन से दूर होते चले गए और कई साल से अपने आवास तक सीमित हैं.

#########(2)
कर्ज में डूबे वीडियोकॉन ग्रुप ने मोदी की नीति को जिम्मेदार ठहराया
कर्ज में डूबे वीडियोकॉन ग्रुप ने अपने ऊपर हुए 39 हजार करोड़ रुपये के कर्ज के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति को जिम्मेदार ठहराया है. यही नहीं, ग्रुप ने पीएम मोदी के अलावा देश के सुप्रीम कोर्ट और ब्राजील को भी इसमें घसीटा है.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंज्यूमर अप्लायंसेस मेकर कंपनी वीडियोकॉन ने अपने भारी-भरकम लोन के लिए इन्हें जिम्मेदार ठहराया है. वीडियोकॉन ने अपने ऊपर हुए कर्ज के लिए पीएम मोदी की तरफ से नोटबंदी की घोषणा किए जाने को अहम वजह बताया. वीडियोकॉन की तरफ से कहा गया है कि नवंबर 2016 में पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले से कैथोड रे ट्यूब (CRT) टेलीविजन्स बनाने के लिए जो सप्लाई होती थी. वह पूरी तरह से ठप पड़ गई. इस वजह से कंपनी को काफी नुकसान झेलना पड़ा. कंपनी को अपना कारोबार बंद करना पड़ा. वहीं, ब्राजील को लेकर वीडियोकॉन ने कहा है, ”ब्राजील में इस कंपनी का तेल और गैस का कारोबार लालफीताशाही की वजह से डूबने की कगार पर है.” सुप्रीम कोर्ट को लेकर ग्रुप ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के लाइसेंस रद्द करने पर टेलीकम्युन‍िकेशंस का कारोबार ठप पड़ा गया. इसका भी नकारात्मक असर ग्रुप की बैलेंसशीट पर देखने को मिला. वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के ख‍िलाफ इस समय दिवालिया कानून के तहत सुनवाई शुरू हो चुकी है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने पिछले हफ्ते ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के नेतृत्व में इस कंपनी के खिलाफ सुनवाई की याचिका स्वीकार की थी.
वीडियोकॉन कंपनी को लोन देने वाले बैंकों ने SBI के नेतृत्व में अपील की है कि अगले 180 दिनों में नीलामी के जरिये इस कंपनी के नए मालिक का चयन किया जाए. इसके बाद कंपनी के मालिकों की ओर से कंपनी पर अपने नियंत्रण को बचाने के लिए अपील की गई है.
वीड‍ियोकॉन इंडस्ट्रीज वेणुगोपाल धूत की फ्लैगश‍िप कंपनी है. इस कंपनी पर बैंकों का हजारों करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है. सिर्फ वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के ख‍िलाफ एनसीएलटी ने याच‍िका स्वीकार कर ली थी. इसके अलावा वीडियोकॉन टेलीकॉम के ख‍िलाफ दायर याचिका पर भी सुनवाई हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2016 में नोटबंदी की घोषणा की थी. इस दौरान 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद कर दिए गए थे. नोटबंदी के बाद कई लोगों के कारोबार पर इसका असर देखने को मिला था.

#########3) मशहूर भय्यूजी महाराज का निधन
मध्य प्रदेश के मशहूर भय्यूजी महाराज का निधन हो गया है. भय्यूजी महाराज ने खुद को गोली मार ली थी. बाद में गंभीर हालत में उन्हें इंदौर के बॉम्बे अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन उनको बचाया नहीं जा सका. जानकारी के मुताबिक भय्यूजी महाराज के कमरे से अंग्रेजी में लिखा एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है. इसमें लिखा है कि जिंदगी के तनाव से परेशान हो गया हूं. मेरी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है. जिस वक्त भय्यू जी महाराज ने खुद को गोली मारी उनकी मां और पत्नी घर में ही मौजूद थीं. एक सहयोगी की मदद से दरवाजा तोड़ कर बाहर निकाला गया. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. इंदौर के आईजी मकरंद देउस्कर ने कहा कि सुसाइड नोट और पिस्टल जब्त कर ली गई है, सभी पहलुओं की जांच हो रही है. घर के सदस्यों से भी पूछताछ की जाएगी. लाइसेंसी हथियार से ही सुसाइड किया.
भय्यूजी महाराज ग्लोबल वॉर्मिंग से भी चिंतित हैं, इसीलिए गुरु दक्षिणा के नाम पर एक पेड़ लगवाते हैं. अब तक 18 लाख पेड़ उन्होंने लगवाए हैं. आदिवासी जिलों देवास और धार में उन्होंने करीब एक हजार तालाब खुदवाए हैं. वह नारियल, शॉल, फूलमाला भी नहीं स्वीकारते.
आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली है. बॉम्बे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उनकी मौत के बाद से उनके अनुयायी और पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है. भय्यूजी महाराज ने खुद को गोली मारने से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा था. भय्यूजी महाराज ने एक पन्‍ने के सुसाइड नोट में लिखा कि वो जिंदगी के तनाव से परेशान हो चुके हैं. मेरी मौत के लिए कोई जिम्‍मेदार नहीं है.
इंदौर के हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया था, जिसे इन्होंने लेने से इनकार कर दिया था. 29 अप्रैल 1968 में मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के शुजालपुर में जन्मे भय्यूजी के चहेतों के बीच धारणा है कि उन्हें भगवान दत्तात्रेय का आशीर्वाद हासिल है. शुजालपुर के जमींदार परिवार से ताल्लुक रखने वाले भय्यू महाराज देश के दिग्गज राजनेताओं से संपर्क थे.
मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौरान ने भय्यू जी महाराज के निधन पर शोक व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ”राष्ट्रसंत श्री भय्यू जी महाराज के अवसान से उन अनगिनत लोगों को व्यक्तिगत क्षति हुई है जिन्हें अपने आध्यात्मिक ज्ञान से उन्होंने जीवन जीने की राह दिखाई. नर्मदा सेवा मिशन से उनके जुड़ाव एवं पर्यावरण संरक्षण व सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में किए गए कार्य को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा.” मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भय्यू जी महाराज की मौत की सीबीआई जांच कराने की मांग की है. कांग्रेस नेता मयंक अग्रवाल ने कहा, ”मध्य प्रदेश सरकार ने सुवुधाओं और समर्थन के लिए उनके ऊपर दबाव डाला, जिसके लिए वो इनकार कर चुके थे. वे मानसिक रूप से दबाव में थे.”
पिछले साल अपनी शादी को लेकर भय्यूजी महाराज विवादों में फंस गए थे. मल्लिका राजपूत नाम की एक्ट्रेस ने उनपर ‘मोहजाल’ में बांधकर रखने का आरोप लगाया था.बता दें कि इसी साल अप्रेल में मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार की तरफ से पांच हिंदू धार्मिक और आध्यात्मिक चेहरों को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया था. इन पांच आध्यात्मिक चेहरों में भय्यूजी महाराज भी शामिल थे. मॉडलिंग से अपने करियर की शुरुआत करने वाले भय्यू जी महाराज ने आध्यात्म की ओर रुख किया. उनका असली नाम उदय सिंह देशमुख है. भय्यू जी महाराज को उनके हाई प्रोफाइल लाइफस्टाइल के लिए जाना जाता था. उनके काफिले में मर्सडीज से लेकर कई महंगी गाड़ियां शामिल होती थीं. मध्यप्रदेश के साथ साथ महाराष्ट्र में उनका काफी प्रभाव था. महाराष्ट्र के दिवंगत मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख से उनके बेहद करीबी संबंध थे. उनका मुख्य आश्रम इंदौर के बापट चौराहे पर है.
आध्यात्म के साथ साथ भय्यू जी महाराज का प्रभाव राजनीति और सामाजिक क्षेत्र में भी था. उनके फॉलोअर में कई दलों के नेता और दिग्गज बिजनेस मैन भी शामिल हैं. भय्यू महाराज की वेबसाइट पर दावा किया गया है कि वह एक आध्यात्मिक नेता, समाज सुधारक और मोटिवेटर हैं. जिनका मात्र एक उद्देश्य है देश के गरीब-गुरबों के चेहरे पर खुशी लाना है. पिछले साल वह तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने इंदौर की एक लड़की डॉ. आयुषी से शादी की थी. उनकी पहली पत्नी माधवी का 2015 में निधन हो गया था. पहली पत्नी से उनकी एक बेटी भी है.
साल 2011 के देशव्यापी अन्ना आंदोलन में भय्यूजी महाराज ने सरकार और आंदोनकारियों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी. बताया जाता है कि अन्ना का अनशन तुड़वाने के लिए केंद्र सरकार ने दूत बनाकर भेजा था. बतौर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का भी सद्भावना उपवास भय्यू जी महाराज ने ही तुड़वाया था.
पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देखमुख, शरद पवार, लता मंगेशकर, उद्धव ठाकरे और मनसे के राज ठाकरे, आशा भोंसले, अनुराधा पौडवाल, फिल्म एक्टर मिलिंद गुणाजी भी उनके आश्रम आ चुके हैं.

(4)वाजपेयी का मेडिकल बुलेटिन
एम्स में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का मेडिकल बुलेटिन आ चुका है. चिंता की कोई बात नहीं है. वाजपेयी की तबीयत स्थिर है. एम्स की तरफ से जारी किए गए मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक उनकी हालत में अब काफी सुधार है. लेकिन उनके डिस्चार्ज होने की संभावना कम है. बता दें कि यूरीन में इनफैक्शन की वजह से कल उन्हें भर्ती कराया गया था. वाजपेयी के लिए देशभर में दुआएं हो रही हैं. जिस एम्स में अटल जी भर्ती हैं, उसके बाहर भी पूर्व पीएम के स्वास्थ्य के लिए हवन किया जा रहा है.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की ओर से मंगलवार को जारी मेडिकल बुलेटिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के चाहने वालों को सुकून देने वाली है. मेडिकल बुलेटिन में कहा गया है कि वाजपेयी का स्वास्थ्य स्थिर. फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है. हालांकि संक्रमण ठीक होने तक वे AIIMS में ही भर्ती रहेंगे.

इससे पहले AIIMS की ओर से सोमवार रात पौने ग्यारह बजे जारी स्वास्थ्य बुलेटिन में एम्स ने कहा था कि वाजपेयी को लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन और किडनी संबंधी दिक्कतों के बाद भर्ती कराया गया. जांच में उन्हें यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन निकला है. इससे पहले अस्पताल ने बताया था कि लंबे समय से बीमार चल रहे वाजपेयी को नियमित जांच और परीक्षण के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उनकी हालत स्थिर बनी हुई है. बुलेटिन में कहा गया था कि वाजपेयी का उचित इलाज किया जा रहा है और उन्हें डॉक्टरों की एक टीम की निगरानी में रखा गया है. अस्पताल की ओर से जारी बयान के अनुसार , एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम 93 वर्षीय नेता के स्वास्थ्य संबंधी परीक्षण कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी वाजपेयी के स्वास्थ्य की जानकारी लेने एम्स पहुंचे. आधिकारिक बयान के अनुसार , मोदी ने डॉक्टरों से भेंट कर वाजपेयी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार के सदस्यों से भी भेंट की. बयान के अनुसार , प्रधानमंत्री करीब 50 मिनट तक अस्पताल में रुके.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी , गृहमंत्री राजनाथ सिंह , बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह , कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी , स्वास्थ्य मंत्री जयप्रकाश नड्डा और पर्यावरण मंत्री हर्षवर्द्धन भी बीमार नेता को देखने पहुंचने वालों में शामिल रहे.
बीजेपी ने एक बयान में कहा कि वाजपेयी के इलाज को लेकर अमित शाह ने डॉक्टरों से लंबी बातचीत की. वह अस्पताल में पूर्व प्रधानमंत्री के परिजनों से भी मिले. केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि वाजपेयी का यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन का इलाज चल रहा है और आशा है कि कल उन्हें छुट्टी मिल जाएगी.
वाजपेयी 1998 से 2004 तक देश के प्रधानमंत्री थे. उनका स्वास्थ्य खराब होने के साथ ही धीरे – धीरे वह सार्वजनिक जीवन से दूर होते चले गए और कई साल से अपने आवास तक सीमित हैं.

(5)केस का सामना करने के लिए तैयार हूं. – राहुल गांधी 
ठाणे/मुंबई: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मानहानि मामले में ठाणे की अदालत में पेश हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोर्ट में कहा है कि मैं दोषी नहीं हूं, लेकिन केस का सामना करने के लिए तैयार हूं. बता दें कि राहुल गांधी ने एक रैली में महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया था. कोर्ट ने राहुल गांधी पर आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत आरोप तय किए हैं. 

आरएसएस के एक कार्यकर्ता राजेश कुंटे की तरफ से राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकादमा दायर किया गया था. राहुल गांधी इससे पहले भी इस मामले में पेश हो चुके हैं. राहुल गांधी ने साल 2004 के लोकसभा चुनाव के अभियान के दौरान 6 मार्च 2014 को अपने भाषण में महात्मा गांधी की हत्या को लेकर कथित तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ टिप्पणी की थी. राहुल ने अपने भाषण में कहा था कि संघ के लोगों ने गांधी जी को गोली मारी थी. इस बयान के बाद आरएसएस की एक शाखा के सेक्रेटरी राजेश कुंटे ने राहुल के खिलाफ भिवंडी के लोकल कोर्ट में क्रिमिनल केस दर्ज करवाया था. उनका आरोप था कि इससे आरएसएस की छवि को नुकसान पहुंचा है. साल 2016 के नवंबर महीने में सुनवाई के दौरान भिवंडी की कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवराज पाटिल के जमानतकर्ता बनने के बाद राहुल गांधी को जमानत दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी से कहा था कि अगर वो अपने बयान पर खेद जताएं तो मुकदमा खत्म किया जा सकता है. हालांकि, राहुल ने इससे मना करते हुए अपनी दलीलें रखने की बात कही थी.

जनता बीजेपी का खेल समझ चुकी है, 2019 में देश की जनता बीजेपी को सबक सिखाने का काम करेगी.

मुंबई : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज मंगलवार को मुंबई में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. यहां कांग्रेस के बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया था. कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने बीजेपी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जनता बीजेपी का खेल समझ चुकी है, 2019 में देश की जनता बीजेपी को सबक सिखाने का काम करेगी.
राहुल गांधी ने बीजेपी पर तीखे कटाक्ष करते हुए कहा कि वे (बीजेपी) गुजरात में बचके निकले फिर कर्नाटक में हार गए और अब मध्य प्रदेश, राजस्थान छत्तीसगढ़ में दिखाई नहीं देंगे. कांग्रेस और अन्य दल मिलकर उन्हें 2019 के चुनाव में करारी हार देंगे. पूरा हिंदुस्तान मिलकर बीजेपी को हरायेगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश को बांटने का काम किया है, नफरत फैलाने का काम किया है, उन्होंने युवाओं को, किसानों को, गरीब लोगों को धोखा दिया है. हमारे युवाओं में कोई कमी नहीं है. हिंदुस्तान का हर युवा अपनी सरकार से रोज़गार मांग रहा है. कोई मुफ्त तोहफा नहीं मांग रहा है.
राहुल गांधी ने कहा, ‘लेकिन प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि नहीं तुम एक दूसरे से लड़ो, रोज़गार की कोई ज़रुरत नहीं, मैं प्रधानमंत्री हूं मेरे भाषणों से हिंदुस्तान चलेगा, अंत में सच्चाई समझनी होगी, इस देश के युवाओं को रोज़गार दिलवाना पड़ेगा. देश का युवा देख रहा है और घबराया हुआ है, क्योंकि आज उसे रास्ता नहीं दिख रहा है. उसके दिल में एक भावना है कि मैंने अपने प्रधानमंत्री पर भरोसा किया था और प्रधानमंत्री ने वो भरोसा तोड़ा और वही भावना किसान के दिल में है.’
बैंक घोटालों का जिक्र करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एक तरफ नीरव मोदी 35,000 करोड़ रुपया लेकर भाग जाता है, प्रधानमंत्री जी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को ‘नीरव भाई’ और ‘मेहुल भाई’ कहते हैं. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अमित शाह का पुत्र तीन महीने में 50,000 को 80 करोड़ में बदल देता है, गब्बर सिंह टैक्स ने मुंबई के सब बिजनेस बंद कर दिए लेकिन अमित शाह के पुत्र के बिजनेस को कोई फर्क नहीं पड़ा. उन्होंने कहा कि जय शाह के पिता (अमित शाह) की आवाज़ में नरेंद्र मोदी जी की आवाज़ से भी ज्यादा घबराहट है. राहुल गांधी ने अपने भाषणों में वीर सावरकर को भी नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा कि जब सावरकर अंग्रेजों से दया की भीख मांग रहे थे, ये कांग्रेस के लोग ही थी जो देश के लिए खुद को बलिदान कर रहे थे. बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का जिक्र करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री जी हिंदू धर्म की बात करते हैं, हिंदू धर्म में गुरु से बड़ा कोई नहीं होता. लालकृष्ण आडवाणी प्रधान मंत्री मोदी के गुरु रहे हैं, लेकिन मैंने अक्सर में देखा है कि प्रधान मंत्री मोदी अपने गुरु का भी सम्मान नहीं करते हैं. आज मैं आडवाणी जी के लिए बहुत दुखी महसूस करता हूं. कांग्रेस पार्टी ने उन्हें मोदी जी से ज्यादा सम्मान दिया है.

अटल बिहारी वाजपेयी की बीमारी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी जरुर हमारे खिलाफ लड़े लेकिन उन्होंने हिंदुस्तान के लिये काम किया, और अगर आज वह बीमार हैं तो हम उनके साथ खड़े होंगे. यही हमारा इतिहास है और यही हमारा धर्म है.
पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी के हर कार्यकर्ता की आवाज़ कांग्रेस के नेता तक पहुंचे, ये पार्टी आपकी है नेताओं की नहीं है. इस पार्टी में सबसे जरुरी जगह आपकी है. मैं आपको आश्वासन देना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी के वर्कर की रक्षा मैं करुंगा, आपकी आवाज़ सुनने का काम मेरी ज़िम्मेदारी है.’

(6)सभी स्कूलों में नए सत्र में संतों का प्रवचन करवाना होगा
राजस्थान सरकार ने राज्य के स्कूलों के लिए अजीबो गरीब फरमान जारी किया है. शिक्षा विभाग की ओर जारी नई शिक्षा नीति के मुताबिक राज्य के सभी स्कूलों में नए सत्र में संतों का प्रवचन करवाना होगा. यह आदेश सभी सरकारी, गैर सरकारी, सीबीएसई से जुड़े स्कूलों में भी लागू होगा. सरकार ने इसके लिए शनिवार का दिन तय किया है, बाकायदा एक कैलेंडर जारी किया गया है.
राजस्थान सरकार के नियम के मुताबिक महीने के पहले शनिवार को महापुरुष की जीवनी, दूसरे शनिवार को अच्छे आचरण की सीख और तीसरे शनिवार को संतों का प्रवचन तथा चौथे शनिवार को महाकाव्यों पर प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम आयोजित करना होगा. इसी प्रकार पांचवें और अंतिम शनिवार को जीवन मूल्य समझाने वाले नाटक का मंचन व विद्यार्थियों की ओर से राष्ट्रभक्ति गीत गाया जाएगा. साथ ही, महीने के अंतिम शनिवार को सभी सरकारी शिक्षकों व विद्यार्थियों द्वारा स्वैच्छिक श्रमदान भी किया जाएगा.
हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने बच्चों में देश भक्ति की भावना जगाने के उद्देश्य से ऐसा ही एक परमान जारी किया था. इस आदेश के मुताबिक बच्चों को स्कूल में हाजिरी के वक्त ‘जय हिंद’ बोलना होगा. सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि बच्चों में देश भक्ति की भावना जागृत करने के उद्देश्य से अब सभी स्कूलों में अटेंडेंस के दौरान ‘जय हिन्द’ बुलवाया जाए. इस आदेश को अभी सरकारी स्कूलों में लागू किया गया है, प्राइवेट स्कूलों फैसले पर निर्णय लेने की छूट दी गई है.

(7)बिजली का भीषण संकट – आधा दर्जन से अधिक प्राइवेट बिजली घर में उत्‍पादन ठप
नई दिल्‍ली: गर्मी में तापमान बढ़ने के साथ बिजली का भीषण संकट खड़ा गया है. इस बीच, यह भी खबर है कि करीब आधा दर्जन से अधिक प्राइवेट बिजली घर में उत्‍पादन ठप है. क्‍योंकि उन्‍हें कोयला और गैस नहीं मिल पा रही है. इनमें निजी क्षेत्र के बड़े बिजलीघर -अडानी पावर, एस्‍सार पावर, जीएमआर एनर्जी, जीवीके पॉवर एंड इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर, लार्सन एंड टुब्रो और जय प्रकाश एसोसिएट्स बिजली घर शामिल हैं. गुरुवार तक इकट्ठा आंकड़ों के मुताबिक कोयला न मिलने के कारण करीब 9000 मेगावाट या 9 गीगा वाट बिजली का उत्‍पादन ठप पड़ा है. इसके अलावा करीब 3500 मेगावाट बिजली उत्‍पादन वाले बिजली घर गैस न मिलने के कारण बंद पड़े हैं. कोयले से चलने वाले बिजली घरों को कोलफील्‍ड से कोयला नहीं मिल पा रहा है. सरकार ने मई में निर्देश दिया था कि सरकारी बिजली घरों को कोयले की सप्‍लाई अधिक से अधिक की जाए. इस कारण भी प्राइवेट बिजली घर बंद पड़े हैं. वे कोयले के लिए सरकारी तंत्र पर ही निर्भर हैं. सरकारी आंकड़ों की मानें तो 92 नॉन पोर्टेड और 14 पोर्टेड बिजली घरों के पास मात्र 5 दिन का कोयला स्‍टॉक है. वहीं 8 बिजली घरों के पास 6 दिन का कोयला है. ऐसी स्थिति में बिजली संकट बढ़ने का अंदेशा है.

प्राइवेट बिजली घरों के पास कोयला खत्‍म
ज्‍यादातर थर्मल पॉवर प्‍लांट में सभी बंद नहीं हैं. उनकी कुछ यूनिट ठप पड़ी है. मसलन जयप्रकाश एसोसिएट्स के प्रयागराज थर्मल पॉवर प्‍लांट की यूनिट 3, जहां से 600 मेगावाट बिजली का उत्‍पादन होता है, कोयला न मिलने से ठप है. इसी प्रकार अडानी पॉवर का मुंडरा थर्मल पॉवर स्‍टेशन के पास भी कोयला नहीं है. इससे इसकी 5 इकाई ठप पड़ी है, जिससे करीब 2310 मेगावाट बिजली का उत्‍पादन होता है. अडानी के तिरोरा प्‍लांट की यूनिट 5 भी बंद है. यहां से 660 मेगावाट बिजली बनती है. एस्‍सार के सलाया पॉवर प्‍लांट का भी हाल बुरा है. यहां 1200 मेगावाट बिजली बनती है. लार्सन एंड टुब्रो नाभा पॉवर का राजपुरा थर्मल पॉवर प्‍लांट भी बंद है. यहां 700 मेगावाट बिजली बनती है. जीवीके और जीएमआर के आंध्र प्रदेश स्थित प्‍लांट की भी यही स्थिति है. मध्‍य प्रदेश पॉवर जनरेशन कंपनी का सतपुरा थर्मल पॉवर स्‍टेशन कोयला न मिलने से ठप पड़ा है. वहीं महाराष्‍ट्र का चंद्रपुर और तमिलनाडु का कोविल कलप्‍पल में भी उत्‍पादन रुका पड़ा है. ईवाई के पार्टनर व उद्योग नेता कुलजीत सिंह का कहना है कि ओडिशा में कुछ कोयला खदान बंद पड़ी हैं. इसका कारण पैसे की किल्‍लत और सप्‍लाई में कमी है. हालांकि सरकार अपने स्‍तर पर फौरी उपाय कर रही है लेकिन बिजली की बढ़ती मांग के आगे वे खोखले साबित हो रहे हैं. उसने 6 से 12 माह के लिए कोयले का इंतजाम करने का उपाय किया है.

(8) बेटी जीवा के जन्म के बाद एक इंसान के तौर वह काफी बदल गए  —  महेन्द्र सिंह धोनी

मुंबई 
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि पिता बनने के बाद क्रिकेटर के तौर पर उनमें कोई बदलाव आया है कि नहीं लेकिन बेटी जीवा के जन्म के बाद एक इंसान के तौर वह काफी बदल गए हैं। इंडियन प्रीमियर लीग में चेन्नै सुपरकिंग्स को चैंपियन बनाने वाले 37 साल के दिग्गज ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि पिता बनने के बाद क्रिकेटर के तौर पर मुझ में कोई बदलाव आया है कि नहीं, एक व्यक्ति के तौर पर जरूर बदलाव आया है क्योंकि बेटियां पिता के काफी करीब होती हैं।’  इसके साथ ही धोनी ने कहा, ‘मेरे मामले में समस्या तब हुई थी जब जीवा का जन्म हुआ था और मैं वहां नहीं था। मैं ज्यादा समय क्रिेकेट खेलता था और वह जब भी गलती करती तो उसे मेरा नाम लेकर डराया जाता था। धोनी ने कहा, ‘जीवा जब खाना नहीं खाती थी तो उसे कहा जाता था, पापा आ जाएंगे खाना खालो। वह कुछ गलती करती तो कहा जाता कि पापा आ जाएंगे ऐसा मत करो। इसलिए एक तरह से वह मुझे देखकर थोड़ा पीछे हट जाती थी।’ 

जीवा को इस साल आईपीएल के दौरान कई बार देखा गया था। कई मैचों के बाद वह धोनी के साथ पुरस्कार समारोहों का हिस्सा भी रही। धोनी ने स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम में कहा, ‘मैंने उसके साथ शानदार समय बिताया। वह पूरे आईपीएल के दौरान वहां थी और वह हमेशा मैदान में जाना चाहती थी जो उसके लिए लॉन की तरह था। टीम में बहुत सारे बच्चे थे।’ 

धोनी ने मजाकिया लहजे में कहा, ‘मुझे यह नहीं पता कि वह क्रिकेट को कितना समझ पाती है लेकिन मुझे उसे किसी दिन मैच के बाद होने वाले पुरस्कार समारोह में उसे ले जाना होगा और वह सभी सवालों का जवाब देगी।’ अपनी दिनचर्या के बारे में उन्होंने बताया कि वह आईपीएल के दौरान रोइंग अभ्यास करते थे। धोनी ने कहा, ‘एक बार टूर्नमेंट (आईपीएल) शुरू होने के बाद मैं जिम नहीं जाता था। मैंने अभी रोइंग किया है और चेन्नै में मेरे कमरे में रोइंग मशीन थी। मैं उठता था, अपना नाश्ते का ऑडर करता था और नाश्ते आने से पहले मैं रोइंग शुरू कर देता था।’ 

(9)

बाबाओं के खिलाफ रेप के मुकदमे दर्ज होने का सिलसिला कम नहीं हो रहा है. इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है. दिल्ली के शनिधाम के बाबा दाती महाराज के खिलाफ एक महिला ने पुलिस पर मुकदमा दर्ज करवाया है. राजस्थान की निवासी एक पच्चीस वर्षीय युवती ने स्वयंभू बाबा दाती महाराज और उसके चेलों पर उसके साथ बार-बार बलात्कार करने का आरोप लगाया है. दक्षिणी दिल्ली के फतेहपुर बेरी थाने में युवती ने रविवार को दाती महाराज के खिलाफ शिकायत दी है. युवती ने आरोप लगाया है कि बाबा की एक अन्य महिला अनुयायी उसे महाराज के कमरे में जबरन भेजती थी. मना करने पर धमकाती थी कि वह सभी से कहेगी कि पीड़िता अन्य चेलों के साथ भी यौन संबंध बनाती है. वह करीब दो साल पहले आश्रम से भाग गई थी और लंबे समय से अवसाद में थी. अवसाद से उबरकर उसने अपने माता-पिता को पूरी बात बताई और उनके साथ पुलिस को शिकायत दी है.​ पुलिस ने दाती महाराज की तलाश में शनिधाम और महाराज के फ़ार्म हाउस पर छापेमारी की है. लेकिन उसका कोई सुराग़ नहीं मिला. राजस्थान में भी बाबा के ठिकाने पर छापेमारी की तैयारी है.मामला दर्ज होने के बाद से दाती महाराज फ़रार हो गया है 

हिमालयायूके न्यूज पोर्टल www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal & Print Media ) Publish at Dehradun & Haridwar, Available in FB, Twitter, whatsup Groups & All Social Media ; Mail; himalayauk@gmail.com (Mail us) whatsup Mob. 9412932030; CS JOSHI- EDITOR ; H.O. NANDA DEVI ENCLAVE, BANJARAWALA, DEHRADUN (UTTRAKHAND)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *