समय कम है, मुझे 2019 तक रिजल्ट देना है- योगी
UK SLOW RACE?; TOP NATIONAL NEWS; 16 APRIL; यूपी में महागठबंधन की तैयारी #हवाईअड्डों में विमान अपहरण की आशंका #दिग्विजय सिंह ने एक विवादास्पद बयान दिया #गौ रक्षा के नाम पर हो रहे हमलों के लिए मोदी-योगी को ठहराया जिम्मेदार – गौ रक्षा के नाम पर हिंसा पर बोलते-बोलते एजाज खान कुछ ज्यादा ही बोल गए. वीडियो में एजाज कहते दिख रहे हैं “अगर आप लोग मर्द हो, माई के लाल हो – मोदी जी, योगी जी #वो राग जिसे लताजी ने फोन पर गाकर महबूब खां की बीमारी ठीक कर दी # (www.himalayauk.org) Digital Newsportal & Print Media ;
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बीजेपी के खिलाफ एकजुट होंगे अखिलेश-माया!
उत्तर प्रदेश में करारी हार के बाद अब विरोधी पार्टियों के नेता बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की बात कर रहे हैं. मायावती के बाद अखिलेश यादव ने भी बीजेपी के खिलाफ गठबंधन की बात कह दी है. अब यूपी में मायावती औऱ अखिलेश साथ मिलकर 2019 में बीजेपी का मुकाबला करेंगे. यानी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन 2019 को फेल करने के लिए दो दुश्मनों को हाथ मिलाना पड़ रहा है.
यूपी में महागठबंधन की तैयारी
सवाल है कि क्या ये बीजेपी के मिशन 2019 का डर है कि यूपी समेत सभी राज्यों में बीजेपी विरोधी गठबंधन की बातें तेज हो गई हैं. भुवनेश्वर में चल रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में बीजेपी ने 2019 के लिए कमर कस ली है. केंद्र में मोदी और यूपी में योगी एक्शन में है. मोदी और योगी की इस जोड़ी ने विरोधी दलों की चिंता बढ़ा दी है. जिससे पुराने वक्त के राजनीतिक दुश्मन भी अब साथ आने की बातें करने लगे हैं.
मायावती ने दिया था गठबंधन का प्रस्ताव
दो दिन पहले मायावती ने कहा था, ‘अपने देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए बीजेपी और ईवीएम की गड़बड़ी के विरुद्ध किए जा रहे संघर्ष में यदि बीजेपी विरोधी पार्टियां भी हमारे साथ आना चाहेंगी तो उनके साथ भी अब हमें हाथ मिलाने में कोई परहेज नहीं होगा.’’
मायावती ने बीजेपी को रोकने के लिए साथ विपक्षी दलों के साथ आने के संकेत दिए हैं तो तो के साथ आने को तैयार अखिलेश भी कुछ दिन पहले उनसे हाथ मिलाने को तैयार दिखे थे.
अखिलेश-मायावती हाथ मिलाने को तैयार
अखिलेश यादव का कहना है, ‘’हम तो हर एक का स्वागत करने वाले लोग हैं. हमने पहले भी स्वागत किया था, तब भी बहुत बड़ी खबर निकली थी. जब परिणाम उस समय नहीं आया था. हम तो अब भी तैयार हैं.’’
समय कम है, मुझे 2019 तक रिजल्ट देना है- योगी
अखिलेश और मायावती की इस जुगलबंदी की बड़ी वजह है यूपी के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मिशन 2019. हाल ही में योगी आदित्यनाथ ने एक इंटरव्यू में कहा था कि यूपी में समस्याएं बहुत ज्यादा हैं और समय कम है, क्योंकि मुझे 2019 में रिजल्ट देना है.
इसमें कोई शक नहीं कि योगी के कंधे पर जिम्मेदारी बड़ी है, क्योंकि 2014 में जब वो मुख्यमंत्री नहीं थे तब बीजेपी को यूपी की 80 में से 71 सीटें मिली थीं ऐसे में अब उन्हें इस आंकड़े को और आगे बढ़ाना होगा. लेकिन योगी की इस चुनौती से भी ज्यादा बड़ी चुनौती अखिलेश और मायावती की है, क्योंकि उनके लिए ये पार्टी के अस्तित्व को बचाने की लड़ाई होगी.
चुनाव में एसपी, कांग्रेस, बीएसपी को कुल 73 सीटें
2017 विधानसभा चुनाव के नतीजो में जहां बीजेपी गठबंधन को 403 में से 325 सीटें मिलीं है. वहीं एसपी-कांग्रेस और बीएसपी तीनों की मिलाकर भी सिर्फ 73 सीटें ही हुईं. लेकिन वोट प्रतिशत की बात करें तो इस चुनाव में बीएसपी और समाजवादी पार्टी दोनों को ही करीब 22-22 फीसदी वोट मिले हैं और कांग्रेस को 6 फीसदी.
अगर ये तीनों पार्टियां साथ होतीं तो इनका कुल वोट प्रतिशत लगभग 50 फीसदी होता, जो बीजेपी के 40 फीसदी से कहीं ज्यादा होता. इसी तरह अगर हर सीट पर इन तीनों पार्टियों को मिलने वाले वोटों को जोड़ दिया जाए तो उस स्थिति में गठबंधन की 285 सीटों पर बढ़त दिख रही है. जबकि उस स्थिति में बीजेपी गठबंधन सिर्फ 118 सीटों पर सिमटता दिख रहा है. यानी यही वो गणित है जो विरोधी पार्टियों के नेताओं को भी साथ आने के लिए मजबूर कर रहा है.
यूपी में लोकसभा की सबसे ज्यादा 80 सीटें हैं. 2014 में बीजेपी गठबंधन ने यूपी की 80 में से 73 सीटें जीती थी. जबकि पूरे विपक्ष को सिर्फ 7 सीटें मिलीं थी और बीएसपी को एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई थी.
#######हवाईअड्डों में विमान अपहरण की आशंका
मुंबई, हैदराबाद और चेन्नई हवाईअड्डों में विमान अपहरण की आशंका के बारे में एजेंसियों से खबर मिली है. इस सूचना के बाद देश के इन तीनों बड़े अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. अधिकारियों ने बताया कि मुंबई पुलिस को एक महिला से बीती रात एक ई.मेल मिलने के बाद तीनों हवाईअड्डों पर हाईअलर्ट जारी कर दिया गया. उन्होंने बताया कि ई.मेल में कहा गया कि महिला ने 6 लड़कों को इन हवाईअड्डों पर विमान का अपहरण के प्रयास के बारे में बात करते सुना.
मुंबई पुलिस ने यह ई.मेल सभी सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों को भेज दिया. इसके बाद इन हवाईअड्डों पर सभी पक्षों की बैठक बुलाई गई और खुफिया जानकारी को विशिष्ट और कार्रवाई योग्य घोषित किया गया.
सीआईएसएफ के निदेशक जनरल ओ पी सिंह ने पुष्टि की है कि इन हवाईअड्डों पर सुरक्षा उपकरणों को अलर्ट पर रखा गया और सतर्कता बढ़ा दी गई है.
इन हवाईअड्डों पर तोड़फोड़ रोधी विशेष कदम उठाए जा रहे हैं और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल सहित सुरक्षा एजेंसियों ने सुबह से ही यात्रियों की तलाशी, सामान की जांच, विमान में चढ़ने से पहले जांच और हवाईअड्डा परिसरों में गश्त तेज कर दी है.
हवाईअड्डों पर जांच के लिए सीआईएसएफ ने अपने खोजी कुत्तों के दल और त्वरित प्रतिक्रिया दलों को बुला लिया है. एयरलाइनों से अतिरिक्त सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है.
हवाईअड्डा सुरक्षा टीम में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया ‘‘घबराने की जरूरत नहीं है. इन हवाईअड्डों पर सभी अभियान सामान्य होंगे और यात्रियों को कोई मुश्किल नहीं होगी.’’ पुलिस ई.मेल की सामग्री की जांच कर इसे भेजने वाले से संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रही है.
(2)कश्मीरी लोगों को एक तरफ आतंकवादी मारते हैं, दूसरी तरफ भारतीय सेना के जवान.
कश्मीर विवाद के बीच कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने एक विवादास्पद बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि कश्मीरी लोगों को एक तरफ आतंकवादी मारते हैं, दूसरी तरफ भारतीय सेना के जवान. दिग्विजय सिंह के इस बयान के बाद सवाल उठ रहा है कि वो भारतीय सेना पर इस तरह के इल्जाम लगाकर चाहते क्या हैं?
भारतीय सेना पर इतना बड़ा इल्जाम लगाते हुए दिग्विजय सिंह ने उस वीडियो को भी साफ दरकिनार किया है जिसमें सीआरपीएफ के जवानों को कश्मीरी गुंडे सरेआम पीट रहे हैं. सीआरपीएफ के जवान को जब पीटा जा रहा था जब उसके कंधे पर हथियार टंगा हुआ था लेकिन उसने हथियारों के इस्तेमाल की बजाय बदसलूकी को बरदाश्त करना पसंद किया और यहां दिग्विजय सिंह उल्टी गंगा बहा रहे हैं.
अगर ये बयान देते समय दिग्विजय सिंह के दिल दिमाग में सेना की जीप पर बंधे उस कश्मीरी की तस्वीर है तो उन्हें पता होना चाहिए कि यहां भी सेना ने पत्थरबाजों से अपनी रक्षा के लिए इस पत्थरबाज को जीप के आगे बांधा था और बाद में उसे सुरक्षित छोड़ भी दिया.
दिग्विजय सिंह ने भारतीय सेना पर इतना बड़ा इल्जाम तो लगा दिया लेकिन उन्होंने उन पत्थरबाजों के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा जो खुलेआम भारत विरोधी नारे लगाते हैं और सेना के जवानों पर हमला करते हैं.
मोदी सरकार की कश्मीर नीति पर निशाना साधते हुए दिग्विजय सिंह ने पाकिस्तान से युद्ध की आशंका जताई है लेकिन यहां भी वो इस बात का जिक्र करना भूल गये कि कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद के पीछे असली हाथ पाकिस्तान का ही है.
श्रीनगर के बाहरी हिस्से पुलवामा में 9 अप्रैल को कश्मीर में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स यानि सीआरपीएफ के जवान राज्य में हुए उपचुनाव में चुनाव सुरक्षा ड्यूटी करने के बाद अपने बैरक में लौट रहे थे. इसी दौरान कश्मीर के युवकों ने उनपर पत्थर से हमला कर दिया था. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों को गोली भी चलानी पड़ी थी. सीआरपीएफ के जवान को पत्थर मारने के बाद एक वीडियो वायरल हुई थी. एबीपी न्यूज़ की पड़ताल में ये वीडियो सच साबित हु्आ था. एबीपी न्यूज़ की खबर का असर दिखा और पुलिस ने 5 युवकों को गिरफ्तार कर लिया है.
गौ रक्षा के नाम पर हो रहे हमलों के लिए मोदी-योगी को ठहराया जिम्मेदार
बिग बॉस के कंटेस्टेंड रहे एक्टर एजाज खान ने नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को चैलेंज किया है कि उनमें हिम्मत है तो हार्ले डेविडसन बंद करवाएं। उनका कहना है कि यह कंपनी काउ लेदर वाले सामान बना रही है। उन्होंने अपना एक वीडियो जारी किया है। जिसमें उन्होंने यह भी कहा है कि देश में हिंदू-मुस्लिमाें के बीच दंगे कराने की कोशिश हो रही है। गोरक्षक इंसानों को मार रहे हैं…
टीवी एक्टर एजाज खान ने एक नए विवाद को न्योता दे दिया है. एजाज खान ने फेसबुक पर एक वीडियो अप्लोड कर गौ रक्षा के नाम पर हो रहे हमलों पर सवाल उठाए हैं. लेकिन बातें करते-करते जिस भाषा पर एजाज पहुंच गए उससे नया विवाद होना तय है. दिलचस्प ये भी है इन दिनों वो अपनी फिल्म की शूटिंग में व्यस्त हैं. सवाल ये है कि क्या ये बयान फिल्म का नाम चमकाने के लिए दिया गया है.
गौ रक्षा के नाम पर हिंसा पर बोलते-बोलते एजाज खान कुछ ज्यादा ही बोल गए. वीडियो में एजाज कहते दिख रहे हैं “अगर आप लोग मर्द हो, माई के लाल हो – मोदी जी, योगी जी और गौ रक्षक ये है हार्ले डेविडसन. हार्ले डेविडसन ये बेल्ट है. ये मैंने कल एयरपोर्ट से खरीदा है. ये उसका बिल है 8 हजार रुपये खर्चा किया है मैंने. अब मैं गौ रक्षकों से, मोदी जी से और योगी जी से ये बोलता हूं कि हार्ले डेविडसन गाय माता का बेल्ट बेच रहा है दिस इज ए काऊ लेदर बेल्ट जो पूरे हिंदुस्तान में और पूरे वर्ल्ड में बिक रहा है.”
एजाज ने योगी आदित्यानाथ को हार्ले डेविडसन की गाय की खाल वाली बेल्ट की बिक्री रोकने की चुनौती दी है. एजाज के संदेश से ज्यादा एजाज के तरीके ने सवाल खड़े कर दिए हैं.
एजाज ने ये बयान कश्मीर से दिया है. कश्मीर में उनकी फिल्म ‘है तुझे सलाम इंडिया’ की शूटिंग चल रही है. इससे पहले भी उनकी फिल्म ‘लव डे’ आई थी तो उन्होंने पिछले साल अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद के भांजे की महफिल में विवादित गाना गाया था.
बिस बॉस में रहने के दौरान और सोशल मीडिया पर एजाज खान विवाद खड़े करके ही सुर्खियां बनाते रहे हैं. सवाल ये है कि कि क्या ये ताजा बयान एक बार फिर सुर्खियां बटोर कर फिल्म को सस्ती लोकप्रियता दिलाने की कोशिश है?
वो राग जिसे लताजी ने फोन पर गाकर महबूब खां की बीमारी ठीक कर दी
1956 में एक फिल्म आई थी चोरी चोरी. इस फिल्म को कई वजहों से याद किया जाता है. फिल्मी दुनिया की सबसे हिट जोड़ियों में से राज कपूर-नरगिस की एकसाथ ये आखिरी फिल्म थी.
इस फिल्म का संगीत शंकर जयकिशन ने तैयार किया था. जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था. इस फिल्म में एक गाना था- रसिक बलमा. हसरत जयपुरी के लिखे इस गाने को लता मंगेशकर ने गाया था. आप इस गाने को सुनिए फिर इसके बाद आपको बताएंगे इस गाने से जुड़ा एक बेहद दिलचस्प किस्सा-
हुआ यूं कि जाने माने फिल्म निर्देशक महबूब खां जिन्होंने ‘मदर इंडिया’ जैसी एतिहासिक फिल्म बनाई थी, किसी काम के सिलसिले में लॉस एंजिलिस गए थे. वहां अचानक उन्हें दिल का दौरा पड़ गया. आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया. कुछ दिनों बाद महबूब खां की सेहत तो ठीक हो गई लेकिन उन्हें कुछ समय आराम की सलाह दी गई.
एक रात उन्होंने लता मंगेशकर को फोन करके गुजारिश की कि वो उन्हें ‘रसिक बलमा’ गाना फोन पर ही गाकर सुना दें. लता जी ने उन्हें वो गाना फोन पर ही सुनाया. कहते हैं कि इसके बाद अगले कई दिनों तक महबूब साहब लता जी की आवाज में फोन पर ही ये गीत सुनते रहे. निश्चित तौर पर उन्हें इस गाने में कुछ ऐसा लगा जो बीमारी में उनके दुख दर्द को दूर करता था.
इस गाने से जुड़े एक और किस्से को आपको बताएं उससे पहले ये बता दें कि ये गाना शंकर जयकिशन ने राग शुद्ध कल्याण में तैयार किया था. गाने की शुरूआत में इस्तेमाल की गई सारंगी के सुर की पीड़ा दिल को गहरे से छूती है. इस गाने में सितार भी था.
इस फिल्म के संगीत के लिए जब 1957 में शंकर जयकिशन को फिल्मफेयर अवॉर्ड देने का एलान हुआ तो जयकिशन ने लता जी से फरमाइश की कि वो अवॉर्ड सेरेमनी में ये गाना गा दें. लता जी ने ऐसा करने से मना कर दिया. लता जी ने सादगी से ये बात कही कि शंकर जयकिशन को इस फिल्म के संगीत के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिल रहा है ना कि उनके गाने के लिए ऐसे में बेहतर होगा कि वो मंच से फिल्म की धुन ही बजाएं. इस बात पर दोनों के बीच कुछ समय के लिए मनमुटाव भी हुआ था.
बाद में जब ये बात इस पुरस्कार के आयोजकों के पास पहुंची तो उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ. दरअसल, तब तक फिल्म संगीतकारों को ही फिल्मफेयर अवॉर्ड दिया जाता था. प्लेबैक गायक-गायिकाओं के लिए पुरस्कार की कोई कैटेगरी नहीं थी. ऐसे में आयोजकों ने अगले साल से प्लैबेक गायक-गायिकाओं के लिए भी फिल्मफेयर अवॉर्ड की शुरूआत की.
एक और बेहद दिलचस्प बात ये भी है कि 1958 में जो पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड प्लेबैक गायिका को मिला वो लता मंगेशकर ही थीं, जिन्हें फिल्म मधुमती के गाने ‘आ जा रे परदेसी मैं तो कब से खड़ी इस पार’ के लिए मिला था. इस गाने का संगीत सलिल चौधरी ने तैयार किया था.
1957 में ही देव आनंद और नूतन की एक फिल्म आई- पेइंग गेस्ट. इस फिल्म का संगीत एसडी बर्मन का था. राग शुद्ध कल्याण में ही कंपोज किया गया इस फिल्म का ये गाना सुनिए-
इसके अलावा राग शुद्ध कल्याण में तमाम हिंदी फिल्मी गानों को कंपोज किया गया. जो खूब हिट हुए. इनमें से कुछ गाने जिनका जिक्र जरूरी है. इसमें ‘लो आ गई उनकी याद वो नहीं आए’ (दो बदन), ‘तेरा जाना दिल के अरमानों का लुट जाना’ (सीमा), ‘छुपा लो यूं दिल में प्यार मेरा’ (ममता) और ‘ओ मेरे दिल के चैन, चैन आए मेरे दिल को दुआ कीजिए’ (मेरे जीवन साथी) बहुत लोकप्रिय हुए.
इसके अलावा राग शुद्ध कल्याण में ही कंपोज किया गया ये गाना तो देशभक्ति के तरानों में अब भी सबसे लोकप्रिय है- जहां डाल डाल पे सोने की चिड़िया करती है बसेरा (सिकंदर-ए-आजम)-
राग शुद्ध कल्याण के शास्त्रीय पक्ष पर जाने से पहले आपको बताना जरूरी है कि इस राग में गजलें भी कंपोज की गई. 1983 में आई फिल्म अर्थ में कैफी आजमी की लिखी गज़ल ‘तुम इतना जो मुस्करा रहे हो क्या गम है जिसको छुपा रहे हो’ को राग शुद्ध कल्याण में ही कंपोज किया गया था.
हिंदी बोली में गजल को लोकप्रियता का अलग मुकाम दिलाने वाले जगजीत सिंह ने इसे बेहद संजीदगी से गाया था. यही वजह है कि आज भी ये गजल अगर कहीं सुनाई दे जाए तो कदम रूक जाते हैं.
राग शुद्ध कल्याण की जाति औढव संपूर्ण वक्र है. इसका थाट कल्याण है. इसीलिए इस राग को शुद्ध कल्याण का नाम दिया गया है. कल्याण थाट में और भी कई रागें हैं. राग शुद्ध कल्याण को भूप कल्याण भी कहा जाता है हालांकि इसका ज्यादा प्रचलित नाम शुद्ध कल्याण ही है. इस राग का आरोह अवरोह भी देखिए-
सा रे ग प ध सा’ – सा’ नि ध प म् ग रे सा; ग रे ग प रे सा;
इस राग का वादी ‘ग’ और संवादी ‘ध’ है. इस राग को गाने बजाने का समय रात का पहला पहर माना जाता है. शुद्ध कल्याण में वादी स्वर यानी सबसे अहम स्वर है गंधार (ग) और संवादी यानी दूसरा सबसे अहम स्वर है धैवत (ध).
यानी इन दोनों स्वरों को बार-बार इस्तेमाल करें तो राग की शक्ल खिलकर सामने आती है. हम आपको एक बार फिर बताते चलें कि आसान शब्दों में हम किसी भी राग के आरोह और अवरोह को एक सीढ़ी की तरह मान सकते हैं.
आरोह का मतलब है कि सुरों कि सीढ़ी का ऊपर जाना और अवरोह का मतलब है कि उसी सीढ़ी से वापस उतरना. वादी, संवादी और पकड़ का मतलब ये होता है कि आप जैसे ही इन नियम कायदों में बंध कर गाएंगे, शास्त्रीय संगीत के जानकार तुरंत इस बात को पकड़ लेंगे कि आप कौन सा राग गा रहे हैं. किस सुर पर आपने कितना जोर दिया, ये जानकारों को बताने के लिए काफी होता है कि राग कौन सा है.
किसी भी राग में वादी और संवादी सुर की अहमियत शतरंज के खेल के हिसाब से बादशाह और वजीर जैसी होती है.
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