एक महीना-योगी आदित्यनाथ के 40 फैसले
TOP NATIONAL NEWS; योगी ‘हिंदवी’अखबार के संपादक # नीतीश खुद अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं?##अशांत कश्मीर घाटी की आबादी कम कर देनी चाहिए#8 राज्यों में 14 मई से हर रविवार बंद रहेंगे पेट्रोल पंप; मोदी की अपील का असर# रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अफसरों से कहा है कि ट्रेन लेट होने की दिक्कत दूर करें या फिर एक्शन के लिए तैयार रहें #www.himalayauk.org (Newsportal)
योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का सीएम बने आज एक महीना पूरा हो गया. इस एक महीने में योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से काम किया है उसने विरोधियों को चुप करा दिया है.यूपी सरकार ने मंगलवार (18 अप्रैल) को अपनी तीसरी कैबिनेट की मींटिग की। इस मीटिंग में कई बड़े फैसले लिए गए। इसमें योगी सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं।
चुनाव के वक्त महज रस्म अदायगी समझने जाने वाले घोषणापत्र को सार्थक बनाने के लिए योगी सरकार ताबड़तोड़ फैसले ले रही है. पिछले तीस दिनों में योगी सराकार ने कई ऐसे फैसले लिए जो एक सीएम और नेता के तौर पर आदित्यनाथ की अलग पहचान बनाते हैं. गोरखपुर एयरपोर्ट का नाम बदला गया है। इसको अब योगी गोरखनाथ एयरपोर्ट कहा जाएगा। साथ ही आगारा एयरपोर्ट का नाम बदलकर दीन दयाल एयरपोर्ट किया जाने का फैसला लिया गया है। विकलांग विकास विभाग का भी नाम बदला गया। उसको अब दिव्यांग जन शक्तिकरण कहा जाएगा। इसके अलावा 20 नए कृषि केंद्र खोलने का भी फैसला लिया गया है। अब उनकी संख्या 89 हो जाएगी। इनके लिए वैज्ञानिक देने की बात भी कही गई है। यूपी के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि ‘एक थी रानी ऐसी भी’ पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा। वह फिल्म विजय राजे सिंधिया की जीवनी पर बन रही है। बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को पूरी शिद्दत से लागू किए जाने की भी कही गई।
यूपी सरकार ने आज ही 41 अधिकारियों का तबादला भी किया। उसकी तरफ से यह दूसरी ऐसी कार्यवाही थी। जिन लोगों के तबादले की खबर आई उसमें आईएस (Indian Administrative Services) और पीसीएस (Provincial Civil Services) के अधिकारी शामिल हैं। इसमें राजीव रौतेला को गोरखपुर का डीएम बनाया गया है। प्रभात कुमार को मेरठ का कमिश्नर बनाया गया है। उन्हें ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है। अनिल गर्ग को लखनऊ का मंडलायुक्त बनाया गया है। पीवी जगमोहन बरेली के कमिश्नर बनाए गए हैं। इससे पहले भी योगी आदित्य नाथ ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया था। तब सरकार ने 20 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए थे। उसमें अखिलेश यादव और उनकी सरकार के पसंदीदा आईएएस अफसरों को किनारे कर दिया गया था।
योगी सरकार को एक महीना पूरा हो चुका है। इस एक महीने में योगी सरकार ने काफी सारे फैसले लिए। जिसमें एंटी रोमियो स्कवैड, बूचड़खानों पर कार्रवाई की काफी चर्चा हुई।
बता दें कि यूपी में नाम बदलने को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है। देवबंद का नाम देववृंद करने को लेकर भी काफी विवाद हुआ था। वहां देववृंद के पोस्टर्स भी देखने को मिले थे। जिसके बाद विवाद बढ़ा था।
चार हफ्ते में योगी आदित्यनाथ के 40 फैसले
फैसला नंबर एक: योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में आते ही पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को बल देने का काम किया. इसके लिए 31 दिसंबर तक तीस जिले खुले में शौच से मुक्त का आदेश दिया गया है.
फैसला नंबर दो: योगी सरकार गरीबों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध दिख रही है. इसके लिए योगी सरकार ने एडवांस लाइफ सपोर्ट वाली एंबुलेंस सेवा 75 जिलों के लिए 150 हाइटेक एंबुलेंस देने काएलान किया गया है.
फैसला नंबर तीन: योगी आदित्यनाथ अपने ऊपर लगे सांप्रदायिकता के दाग को भी हटाने की कोशिश में है. इसके लिए योगी सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए सद्भावना मंडप योजना और गरीब मुस्लिम लड़कियों की शादी में मदद का ऐलान किया है.
फैसला नंबर चार: योगी आदित्यनाथ ने महापुरुषों के नाम पर छुट्टियों की छुट्टी को रद्द कर महापुरुषों के जन्मदिन पर समारोह आयोजन का एलान किया है. इस दिन स्कूल में समारोह का आयोजन कर बच्चों को महापुरषों से जुड़ी जानकारी दी जाएगी.
फैसला नंबर पांच: राशनचोरों पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है. अब प्रदेश में फर्जी कार्ड धारकों पर सख्त कार्रवाई होगी. प्रदेश में राशनचोरों से हर्जाने की वसूली की जाएगी
फैसला नंबर छह: योगी सरकार भू माफियाओं को भी छोड़ने के मूड में नहीं है. भू-माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा. योगी सरकार की कैबिनेट ने इस अहम फैसले को मंजूरी दी है.
फैसला नंबर सात: आदित्यनाथ सरकार ने अखिलेश सराकर की समाजवादी पेंशन योजना बंद करने का फैसला किया है. इस योजना के तहत पेंशन में 6 हजार सालाना की रकम मिलते थे.
फैसला नंबर आठ: योगी सरकार जल्द से जल्द प्रदेश को सड़कों को 15 जून तक गड्ढामुक्त प्रदेश बनाने का निर्देश
सड़कें क्षतिग्रस्त पाई गईं तो अधिकारी होंगे दंडित
फैसला नंबर नौ: पिछले साल नोएडा में खरीदारों को बिल्डरों ने बहुत परेशान किया था. योगी आदित्यनाथ ने बिल्डरों की इसी मनमानी पर नकेल लगाने का काम किया है. योगी सरकार ने राज्य विकास प्राधिकरणों का कैग से ऑडिट कराने का फैसला किया है.
फैसला नंबर दस: योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को बिजली संकट से मुक्ति दिलाने का फैसला किया है. योगी सरकार ने यूपी के गांव में 18 घंटे, शहरों को 24 घंटे बिजली देने का फैसला किया है. इसके साथ रही गांव में 48 घंट और शहरों में 72 घंटे में खराब ट्रांसफॉर्मर की बदले जाएंगे.
फैसला नंबर 11: योगी सराकर बिजली चोरी रोकने पर बेहद सख्त रुख अख्तियार किए है. इसके लिए अगले 100 दिनों में 5 लाख नए बिजली कनेक्शन देने का फैसला किया गया है.
फैसला नंबर 12: योगी सरकार ने नोएडा के पास जेवर में को एयरपोर्ट बनाने का फैसला किया है. इस एयरपोर्ट के बनने से नोएडा के पास के 10 शहरों को फायदा होगा.
फैसला नंबर 13: राज्य की योजनाओं से हटेगा ‘समाजवादी’ शब्द हटाने का फैसला किया गया है. अब योजनाओं से ‘समाजवादी’ शब्द हटाकर ‘मुख्यमंत्री’ शब्द लगेगा.
फैसला नंबर 14: प्रदेश के अभिवाभकों को राहत देने के लिए योगी सरकार ने प्राइवेट स्कूलों में बढ़ती फीस पर लगाम लगाने का भी फैसला किया है. इसके साथ ही प्रदेश में शिक्षकों की अनुपस्थिति पर भी लगाम की तैयारी है.
फैसला नंबर 15: योगी सरकार ने राज्य में छात्रों को नर्सरी से ही अंग्रेजी शिक्षा पर जोर देने का फैसला किया है. 11वीं-12वीं में एक विदेशी भाषा पढ़ाने की भी योजना है.
फैसला नंबर 16: यूपी में अगले 5 सालों में 25 नए मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव है. इसके साथ ही राज्य में 6 नए एम्स भी खोलने का लक्ष्य रखा गया है.
फैसला नंबर 17: योगी सरकार ने सत्ता में आते ही अपना सबसे बड़ा वादा निभाया. पहली कैबिनेट बैठक में सानों के एक लाख तक के कर्ज माफी का फैसला किया. इस फैसले से राज्य के सवा दो करोड़ किसानों को सीधा फायदा पहुंचेगा.
फैसला नंबर 18: राज्य सरकार के फैसले मुताबिक राज्य में 5 हजार गेहूं खरीद केंद्र खोले जाएगे. इसके साथ ही 80 लाख मैट्रिक टन गेहूं की खरीदारी की व्यवस्था की जाएगी.
फैसला नंबर 19: घोषणा पत्र के एक और बड़े वादे को पूरा करते हुए सीएम ने किया एंटी रोमियो स्क्वॉड टीम का गठन किया. राज्य के 75 जिलों में 996 एंटी रोमियो स्क्वॉड टीम का गठन किया गया.
फैसला नंबर 20: यूपी में रोजगार बढ़ाने के लिए उद्योग धंधों में निवेश का फैसला किया गया. नई उद्योग नीति स्टडी करने के लिए टीमें बनाई गई है. ये टीमें अलग अलग राज्यों में जाकर अध्य्यन करेंगी.
फैसला नंबर 21: अपने घोषणापत्र के वादे को पूरा करते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार ने सीएम की अवैध बुचड़खानों पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए. सराकार में आते ही राज्य के 26 अवैध बूचड़खाने बंद किए गए.
फैसला नंबर 22: सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य के मंत्रियों से संपत्ति का ब्यौरा मांगा इसके साथ ही मंत्रियों को बयानबाजियों से बचने का सख्त निर्देश दिए गए.
फैसला नंबर 23: योगी सरकार ने सत्ता में आते ही प्रदेश की कानून व्यवस्था पर नकेल कसी. पुलिसवालों को FIR करने में ढिलाई नहीं करने के निर्देश दिए गए. साथ ही पुलिस को जनता के साथ अच्छे व्यवहार की नसीहत भी दी गई.
फैसला नंबर 24: योगी सरकार ने पीएम के भारत स्वच्छता अभियान पर भी अमल किया. पुलिस वालों को ही थानों की सफाई का निर्देश दिया. हर शुक्रवार को पुलिसवाले मिलकर थाने की सफाई करेंगे.
फैसला नंबर 25: राशन वितरण में होने वाली धांधली पर लगाम लगाने के लिए यूपी में स्मार्ट राशन कार्ड देने का फैसला किया गया है.
फैसला नंबर 26: सीएम ने गोमती रिवर फ्रंट योजना की जांच का आदेश दिए. गोमती रिवर फ्रंट योजना अखिलेश सराकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है
फैसला नंबर 27: गोमती रिवर फ्रंट योजना को नमामि गंगे योजना से जोड़ा गया. केंद्र और राज्य सरकार के तालमेल से गोमती रिवर फ्रंट योजना को पंख लगेंगे.
फैसला नंबर 28: तीर्थ यात्रियों को मानसरोवर यात्रा के लिए 1 लाख की सहायता का एलान. यूपी के चुनिंदा जगहों पर मानसरोवर भवन बनाने का फैसला.
फैसला नंबर 29: सरकारी दफ्तरों में पान-गुटखे खाने पर रोक लगाई गई. सरकारी दफ्तरों में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर भी बैन लगाया गया.
फैसला नंबर 30: योगी सरकार का फैसला यूपी में जल्द ही सिटिजन चार्टर होगा लागू. सरकार सिटिजन चार्टर का सख्ती से पालन कराएगी.
फैसला नंबर 31: सीएम ने बाबुओं को दफ्तर में समय पर आने का निर्देश दिए. कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए बायोमेट्रिक वयवस्था लगाई जाएगी. मंत्री बाबुओं से पहले दप्तर पहुंच कर औचर निरीक्षण कर रहे हैं.
फैसला नंबर 32: मंत्री किसी भी योजना से जुड़ी फाइल घर नहीं जा सकेंगे. इसके साथ ही मंत्रियों को हर हफ्ते अपनी रिपोर्ट देने के निर्देश भी दिए गए.
फैसला नंबर 33: सरकार आम लोगों को सुरक्षा देने के उद्देश्य से वीवीआईपी को दी गई सुरक्षा की समीक्षा करेगी.
फैसला नंबर 34: बिजली बंटवारे में भेदभाव खत्म करने के लिए राज्य में गरीबों को मुफ्त बिजली कनेक्शन देने का ऐलान किया गया है.
फैसला नंबर 35: राज्य में 3000 नई सरकारी दवा दुकानें खोलने का भी फैसला किया गया है. इन दुकानों पर सस्ती जेनरिक दवाएं मिलेंगी जिससे मरीजों को राहत मिलेगी.
फैसला नंबर 36: प्रदेश के 5 जिलों में मेट्रो रेल चलाने का खाका भी तैयार कर लिया गया है. इन शहरों की लिस्ट में लिस्ट में इलाहाबाद, मेरठ, आगरा, गोरखपुर और झांसी शामिल हैं.
फैसला नंबर 37: फसल खरीदने के लिए योगी सरकार छत्तीसगढ़ मॉडल अपनाएगी.
फैसला नंबर 38: गुंडों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश देते हुए राज्य में कानून व्यवस्था को प्राथमिकता बनाया गया है.
फैसला नंबर 39: योगी सरकार शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए भी जोर दे रही है. बोर्ड परीक्षाओं में होने वाली नकल पर लगी नकेल कसी जा रही है. इसी का असर है कि करीब 6 लाख अभ्यर्थियों ने बोर्ड परीक्षा छोड़ दी है.
फैसला नंबर 40: योगी सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना को बल देगी. योगी सरकार बेटी के जन्म होने पर 50 हजार रु देगी.
#############
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को कांग्रेस उनके पुराने लेख के जरिए घेरने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस सीएम बनने से पहले लिखे गए लेख के जरिए सीएम योगी आदित्यनाथ पर महिला विरोधी होने का आरोप लगा रही है. कल कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया था कि इस लेख में आदित्यनाथ ने महिलाओं को ‘कम करके आंका’ है. योगी आदित्यनाथ ने ऐसा करके महिलाओं का अपमान किया है.
योगी ने लेख में लिखा था, ”हमारे शास्त्रों में जहां स्त्री की इतनी महिमा वर्णित की गई है वहां उसकी महत्ता और मर्यादा को देखते हुए उसे सदा संरक्षण देने की बात भी कही गई है. जैसे ऊर्जा को खुला और अनियंत्रित छोड़ दिया जाए तो वह व्यर्थ और विनाशक भी हो सकता है. वैसे ही शक्ति स्वरूपा स्त्री को भी स्वतंत्रता की नहीं, उपयोगी रूप में संरक्षण और चैनलाइजेशन की आवश्यकता है.”
योगी ने लेख में लिखा था, ”स्त्री शक्ति की रक्षा बचपन में पिता करता है, योवन में पति करता है और बुढ़ापे में उसका पुत्र करता है. इस प्रकार स्त्री सर्वथा स्वतंत्र या मुक्त छोड़ने योग्य नहीं है. पुरुषों में यदि पुरुषोचित गुणों के साथ-साथ स्त्रियों के भी गुण आ जाएं तो वे देवता हो जाते हैं. किन्तु यदि स्त्रियों में पुरुषों के गुण आ जाएं तो वो राक्षस हो जाती हैं.” कांग्रेस के आरोप पर जिस अखबार में योगी आदित्यनाथ का लेख छपा था उस अखबार के संपादक रहे प्रदीप राव प्रतिक्रिया सामने आयी है. हिंदवी अखबार के संपादक का कहना है कि योगी का ये लेख पुराना है और ये तब लिखा गया था जब वो महिला आरक्षण का विरोध कर रहे थे. कांग्रेस इस पर अनावश्यक रूप से विवाद खड़ा कर रही है. योगी ने महिला आरक्षण का विरोध इसलिए किया था क्योंकि वो मानते हैं कि महिलाओं को बराबरी का हक मिले. आरक्षण मिले तो 33% नहीं 50% आरक्षण मिले. योगी आदित्यनाथ पांच साल पत्रकारिता भी कर चुके हैं. गोरखपुर से योगी एक साप्ताहिक अखबार चलाते रहे जिसके प्रधान संपादक रहते उन्होंने ज्वलंत मुद्दों पर संपादकीय भी लिखा. योगी आदित्यनाथ जिस अखबार के संपादक थे उसका नाम ‘हिंदवी’ है.
ये अखबार आज से दस साल पहले शुरू हुआ था और पांच सालों तक पढ़ा गया. यहां बता दें कि अखबार में संपादकीय किसी मुद्दे पर अखबार की राय होती है जिसे संपादक खुद लिखते हैं.
16 पेज का अखबार हर हफ्ते सोमवार को बाजार में आता था. शुरू में पांच हजार प्रतियां छपती थीं जो 15 हजार तक बढ़ गई थीं. इस अखबार में पूर्वांचल से लेकर नेपाल और देश-विदेश के ज्वलंत मुद्दों पर खबरें और लेख प्रकाशित होते थे.
#######################गांधी के बहाने नीतीश खुद अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं?
महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह के 100 साल पूरे होने पर बिहार सरकार रोज बड़े समारोह कर रही है लेकिन गांधी के नाम पर होने वाले ये कार्यक्रम राजनीति का मंच बनते जा रहे हैं. बिहार के मोतीहारी में नीतीश कुमार की पदयात्रा के दौरान ये नारे लगने लगे कि 2019 का पीएम नीतीश कुमार जैसा हो – सवाल है कि क्या गांधी के बहाने नीतीश खुद अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं?
देश का दूसरा गांधी कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो, देश का पीएम कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो, 2019 का पीएम कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो, 2019 का पीएम कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो…आगे आगे समर्थक ये नारे लगा रहे थे औऱ पीछे पीछे नीतीश कुमार महात्मा गांधी के नाम पर पदयात्रा कर रहे थे. करीब 7 किलोमीटर की पदयात्रा चंपारण सत्याग्रह समारोह के तहत निकाली गई लेकिन यहां पर जिस तरह नीतीश कुमार की मौजूदगी में उन्हें पीएम बनाने के नारे लगे उससे साफ है कि नीतीश की नजर कहां हैं?
गांधी के नाम पर नीतीश के इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छता अभियान की काट के तौर पर देखा जा रहा है. दरअसल नीतीश लगातार बीजेपी विरोधी पार्टियों का महागठबंधन बनाने की वकालत कर रहे हैं, जाहिर है इसका मकसद 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी को टक्कर देना है. लेकिन सवाल है कि मोदी को टक्कर देने वाले ऐसे किसी संयुक्त मोर्चे का नेता कौन होगा? नीतीश इस रेस में सबसे आगे माने जाते हैं.
नीतीश समर्थकों की ये नारेबाजी उनके मिशन 2019 की एक झलक भर है. हालांकि उसके लिए पहले तो वैसे किसी गठबंधन का बनना जरूरी है और फिर उस गठबंधन के नेता के नाम पर सबकी सहमति होना यानी मंजिल दूर है लेकिन नीतीश अपने कदम बढ़ा चुके हैं.
############ ##अशांत कश्मीर घाटी की आबादी कम कर देनी चाहिए.
बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सुझाव दिया है कि विरोध-प्रदर्शन से निपटने के लिए अशांत कश्मीर घाटी की आबादी कम कर देनी चाहिए. स्वामी ने एक ट्वीट में आगे कहा कश्मीरियों को तमिलनाडु में शरणार्थी शिविरों में भेज देना चाहिए. घाटी में सुरक्षा बलों के साथ यूनिवर्सिटी और कॉलेज के छात्रों की झड़प के एक दिन बाद स्वामी ने ट्वीट किया, “कश्मीर घाटी में विद्रोह से निपटने के लिए घाटी में आबादी कम कर देनी चाहिए, जैसा कश्मीर घाटी में हिंदुओं के साथ किया गया था. कुछ वर्षो तक उन्हें तमिलनाडु के शरणार्थी शिविरों में रखा जाना चाहिए.” घाटी में अशांति चरम पर है और सरकार ने सभी स्कूलों व कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया है.
ताजा विरोध-प्रदर्शन हालिया उपचुनाव में हिंसा को लेकर है, जिसमें सुरक्षाबलों की गोलीबारी में आठ लोगों की मौत हो गई. बडगाम जिले में मतदान केंद्रों में लोगों के घुसने के प्रयास को नाकाम करने को लेकर सुरक्षाबलों को गोलीबारी का सहारा लेना पड़ा था.
#####################################
माल्या को भारत लाना अभी दूर की कौड़ी #कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष बीजेपी में शामिल#
कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली बीजेपी में शामिल हो गए हैं. लवली भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए. भाजपा ज्वॉइन करने के बाद उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी खत्म हो रही है. लवली के अलावा दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष अमित मलिक भी भाजपा में शामिल हो गए.
कांग्रेस नेताओं का घुट रहा है दम
आपको बता दें कि दिल्ली में कुछ दिनों बाद एमसीडी चुनाव के लिए मतदान होने हैं. ऐसे में कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. कहा जा रहा है कि अरविंदर एसमीडी चुनाव में टिकट बंटवारे से नाराज थे. उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके वालिया द्वारा एमसीडी चुनाव में टिकट बेचे जाने के के विषय को उठाया था. कांग्रेस के कई नेताओं का पिछले दो वर्षो से दम घुट रहा है. वहीं कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने इसके लिए दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन को जिम्मेदार ठहराया है. वहीं शीला दीक्षित ने इसे गद्दारी कहा है.
माकन अपनी तरह से चला रहे हैं पार्टी
संदीप दीक्षित ने लवली और मलिक के इस कदम पर कहा कि लवली बीजेपी से सख्त नफरत करते थे. मुझे आश्चर्य है कि उन्होंने बीजेपी कैसे ज्वॉइन की. वह अक्सर बीजेपी के सांप्रदायिक एजेंडे पर भी काफी बार बोल चुके हैं. हालांकि कांग्रेस में इनके साथ हो रहा बर्ताव काफी निराशाजनक है. अजय माकन अपनी तरह से पार्टी चला रहे हैं.
वहीं शीला दीक्षित ने भी अजय माकन पर निशाना साधते हुए कहा कि माकन की कार्यशैली से पार्टी के कार्यकर्ता काफी फ्रसट्रेट हो रहे हैं. हालांकि लवली द्वारा उठाया गया कदम राजनीतिक अवसरवादिता है. शीला के मुताबिक मैंने लवली को कई फोन कॉल किए लेकिन उन्होंने मेरा कोई फोन नहीं उठाया. लवली को एमसीडी चुनाव के परिणामों तक इंतजार करना चाहिए था.
###########दसवीं कक्षा तक हिन्दी पढ़ना अनिवार्य
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध स्कूलों और केंद्रीय विद्यालयों के छात्रों के लिए दसवीं कक्षा तक हिन्दी पढ़ना अनिवार्य हो सकता है.दरअसल इस संबंध में एक संसदीय समिति की सिफारिश को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है. राष्ट्रपति के आदेश में कहा गया है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पाठ्यक्रम में हिन्दी भाषा को अनिवार्य बनाने के लिए गंभीर प्रयास करना चाहिए. मानव संसाधन विकास मंत्रालय को हिन्दी भाषा को अनिवार्य बनाने के लिए राज्य सरकारों के साथ सलाह मशविरा करके एक नीति बनाने का भी निर्देश दिया गया है.
पहले कदम के रूप में, हिन्दी को सीबीएसई और केन्द्रीय विद्यालय संगठन के सभी स्कूलों में दसवीं कक्षा तक एक अनिवार्य विषय बनाया जाना चाहिए. इसमें कहा गया कि केंद्र को राज्य सरकारों के साथ सलाह मशविरा करके एक नीति बनानी चाहिए. है कि ये सिफारिशें राजभाषा हिन्दी पर संसद की समिति की नौवीं रिपोर्ट में कही गईं. सीबीएसई ने पिछले साल तीन भाषा का फार्मूला (अंग्रेजी और दो अन्य भारतीय भाषाएं) नौवीं और दसवीं कक्षा में भी लागू करने की सिफारिश की थी. हालांकि मंत्रालय ने अब तक इस सुझाव पर कोई फैसला नहीं किया है.
##ट्रेन लेट होने की दिक्कत दूर करें या फिर एक्शन के लिए तैयार रहें-रेल मंत्री
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अफसरों से कहा है कि ट्रेन लेट होने की दिक्कत दूर करें या फिर एक्शन के लिए तैयार रहें। प्रभु ने ये निर्देश ट्रेनों के देरी से आने की शिकायतें बढ़ने के बाद दिया। इस सिलसिले में रेलवे मिनिस्टर ने अफसरों को लेटर लिखा है। लेटर में प्रभु ने जोनल हेड्स से एक सीनियर अफसर को तुरंत रात 10 से सुबह 7 बजे की शिफ्ट में तैनात करने को कहा। ये अफसर हालात पर नजर रखेगा और प्रॉब्लम की पहचान करें, ताकि ट्रेनों की लेटलतीफी को रोका जा सके। इसके अलावा इंडियन रेलवे की ऑफिशियल वेबसाइट नेशनल ट्रेन इंक्वाइरी सिस्टम के डाटा में ट्रेनों की टाइमिंग और पैंसेजर्स तक ट्रेनों के पहुंचने की एक्चुअल टाइमिंग में अंतर को भी प्रभु ने गंभीरता से लिया। उन्होंने इन परेशानियों को दूर करने के लिए तुरंत जरूरी कदम उठाए जाने के निर्देश दिए। पिछले साल 1 से 16 अप्रैल के मुकाबले, 2017 में इस दौरान ट्रेनों के पंक्चुऐलिटी रेट में गिरावट दर्ज की गई। पिछले साल ये 84 फीसदी थी, जबकि इस साल 1-16 अप्रैल के बीच ये 79 फीसदी रही। 4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। जोनवार इस पंक्चुऐलिटी रेट का एनालिसिस बताता है कि इस्टर्न रेलवे के रेट में 8.9%, नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे में 11%, ईस्ट सेंट्रल रेलवे में 10%, साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे में 11%, वेस्ट सेंट्रल रेलवे में 8% और कोंकण रेलवे के पंक्चुऐलिटी रेट में 6.9% की गिरावट आई है। प्रभु ने वाराणसी, मुंबई, संभलपुर, दानापुर, समस्तीपुर, झांसी, जबलपुर समेत 11 डिवीजंस के हेड को पंक्चुऐलिटी के बारे में लेटर लिखा। उन्होंने कहा कि जिस परफॉर्मेंस की उम्मीद थी, उसमें काफी कमी रह गई है। निर्देशों के मुताबिक, परफॉर्मेंस पर नजर रखने के अलावा अफसर ट्रेनों के लेट होने पर तुरंत कदम उठाएं। इसके अलावा अफसर डिवीजन और पड़ोसी डिवजन के कंट्रोल ऑफिस के साथ कोऑर्डिनेशन करें, ताकि देरी की भरपाई की जा सके। रोजाना इन अफसरों के नाम और मोबाइल नंबर बोर्ड के पंक्चुऐलिटी कंट्रोल को भेजे जाएं।
###################
उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत को बढ़ावा देने की नीति बनाने की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र से चार हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र को नोटिस जारी किया और उसे याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। पीठ ने संसद, विधानसभाओं, अदालतों, स्कूलों और कॉलेजों में कामकाज के दिवस पर राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत गाने की व्यवहार्यता पर जवाब मांगा। वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका में देश में भाईचारा और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई है।
उच्चतम न्यायालय ने 17 फरवरी को स्कूलों में राष्ट्रगान को अनिवार्य बनाने की बहस में पड़ने से इंकार कर दिया था और स्पष्ट किया कि उसने अपना विचार व्यक्त किए बगैर ही केवल राष्ट्रगान के लिए इस तरह की याचिका को विचारार्थ रखा है।
उच्चतम न्यायालय ने पिछले वर्ष 30 नवम्बर को देश भर के सिनेमा हॉल को आदेश दिया था कि किसी फिल्म के प्रदर्शन से पहले अनिवार्य रूप से राष्ट्रगान बजाएं और उस समय दर्शकों को खड़े होकर राष्ट्रगान के प्रति सम्मान दर्शाना होगा।
#############तमिलनाडु में चौंकाने वाला मोड़
तमिलनाडु की पार्टी AIADMK में सोमवार रात से ही चल रहे नाटकीय घटनाक्रम में चौंकाने वाला मोड़ आ गया है. AIADMK की ताकतवर महासचिव शशिकला के पूरे परिवार को ही पार्टी से बाहर कर दिया गया है.
तमिलनाडु सरकार के मंत्री डी. जयकुमार ने बताया, ‘पार्टी नेताओं ने एक स्वर से यह निर्णय लिया है कि पार्टी को किसी एक परिवार के द्वारा शासित नहीं होना चाहिए. इसलिए हम टीटीवी दिनाकरन सहित पूरे शशिकला परिवार को पार्टी से बाहर कर रहे हैं.
गौरतलब है कि सोमवार रात में पार्टी के करीब 25 मंत्रियों और सांसदों ने एक आपात बैठक की थी, इसके बाद ही यह अटकलें लगनी शुरू हो गई थीं कि पार्टी से शशिकला को किनारे करने की कोशिश हो रही है. मुख्यमंत्री पलानीस्वामी और पन्नीरसेल्वम धड़े के एक होने की भी चर्चा चल पड़ी थी. कहा जा रहा है कि इस काम के लिए पन्नीरसेल्वम को राज्य का वित्तमंत्री बनाया जा सकता है. उन्हें पार्टी में भी कोई अहम ओहदा मिल सकता है. बैठक के बाद दोनों धड़ों के विलय के लिए एक कमेटी बनाने का ऐलान किया गया है.
शशिकला के भतीजे दिनाकरन के सिंबल मामले में फंस जाने के बाद यह कोशिश तेज हो गई. दिनाकरन पर आरोप है कि उन्होंने पार्टी के चिनाव चिन्ह को शशिकला धड़े के नाम करवाने के लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों को रिश्वत देने की कोशिश की.
#########
::: विजय माल्या को भारत सरकार की अर्जी के आधार पर लंदन में गिरफ्तार किया गया और उन्हें तत्काल जमानत भी मिल गई. ब्रिटिश कानूनों को देखते हुए ऐसा लगता है कि माल्या को भारत लाना अभी दूर की कौड़ी है. भारत ने ब्रिटेन के साथ प्रत्यर्पण संधि के अनुरूप आठ फरवरी को एक नोट वर्बेल के जरिए माल्या के प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक आग्रह किया था.
जानकारों के मुताबिक प्रत्यपर्ण के लिए देश में तीन तरह के रास्ते हैं और वो इंडियन पीनल कोड, क्रिमिनल प्रोसिजर कोड और एंविडस एक्ट के तहत हैं. लेकिन सरकार अगर जोर लगाएगी तभी प्रत्यर्पण में सफलता मिलेगी. भारत सरकार के लिए ब्रिटिश सरकार के साथ बातचीत का भी रास्ता खुला है.
सरकार की कोशिशाें का नतीजा
सूत्रों के मुताबिक ये सरकार की ही कोशिशों का नतीजा था कि माल्या का केस ब्रिटेन की कोर्ट तक पहुंचा है, ब्रिटेन सरकार ने इसे संबधित कोर्ट के पास भेजा है. अब ब्रिटेन की अदालत में माल्या अपनी दलील और सरकार अपनी दलील रखेगी. माल्या को आज बेल इसलिए मिली, क्योंकि ये मनी लॉन्ड्रिंीग का मामला था, अगर गंभीर मामला होता तो बेल न मिलती. सूत्रों के मुताबिक सरकार को उम्मीद है कि जल्द ही ब्रिटेन की अदालत में मामले का निपटारा होगा और माल्या का प्रत्यार्पण होगा.
भारत सरकार ने ब्रिटेन को अर्जी सौंपते हुए कहा था कि माल्या के खिलाफ उसके पास एक जायज मामला है. सरकार ने उल्लेख किया था कि यदि प्रत्यर्पण आग्रह का सम्मान किया जाता है तो यह हमारी चिंताओं के प्रति ब्रिटेन की संवेदनशीलता को प्रदर्शित करेगा. इस साल के शुरू में एक सीबीआई अदालत ने 720 करोड़ रुपये के आईडीबीआई बैंक लोन डिफॉल्ट मामले में माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था.
कठिन है प्रत्यर्पण की राह
पिछले महीने ब्रिटिश सरकार ने माल्या के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया के संबंध में भारत के आग्रह को प्रमाणित कर इसे आगे की कार्रवाई के लिए एक जिला न्यायाधीश के पास भेज दिया था. ब्रिटेन से प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में न्यायाधीश द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी करने सहित कई कदम शामिल होते हैं. वारंट के मामले में व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है और प्रारंभिक सुनवाई के लिए अदालत लाया जाता है. फिर विदेश मंत्री द्वारा अंतिम फैसला किए जाने से पहले एक प्रत्यर्पण सुनवाई होती है.
ब्रिटेन की जटिल कानूनी प्रणाली है. सबसे पहले जज को इस बात से संतुष्टल होना होगा कि माल्यास पर भारत में जो आरोप लगाए गए हैं वह ब्रिटेन में भी आपराधिक श्रेणी में आते हैं या नहीं. लंदन कोर्ट के जज यह भी तय करेंगे कि क्याह माल्या का प्रत्येर्पण उनके मानवाधिकारों के अनुरूप या असंगत तो नहीं है. यदि जज संतुष्ट् हो जाते हैं तो इस मामले को अंतिम निर्णय के लिए विदेश मंत्रालय के पास भेजा जाएगा. माल्यान के पास फैसले को हाई कोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का भी अधिकार है.
कारोबारी विजय माल्या पिछले कई साल से भारत सरकार और कर्ज देने वाले कई बैंकों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं. 9000 करोड़ का कर्ज लेकर लंदन फरार माल्या मंगलवार को गिरफ्तार हुए और फिर उन्हें जमानत भी मिल गई. उद्योगपति के घर जन्मे माल्या का पूरा सफर…
2017
18 अप्रैल को लंदन में स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने विजय माल्या को गिरफ्तार किया और तीन घंटे के भीतर ही उसे जमानत मिली.
8 फरवरी को भारत सरकार ने ब्रिटेन को माल्या के प्रत्यर्पण की अर्जी दी.
जनवरी में सीबीआई की विशेष अदालत ने आईडीबीआई लोन डिफाल्ट केस में माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था.
2016
2 मार्च को विजय माल्या भारत से फरार, लंदन में देखा गया
16 फरवरी को पीएनबी ने भी यूबी होल्डिंग को ‘विलफुल डिफाल्टर’ घोषित किया.
27 फरवरी को एसबीआई के नेतृत्व वाले कंसोर्शियम ने माल्या का पासपोर्ट जब्त करने के लिए डेट रिकवरी ट्राइब्यूनल का शरण लिया.
अप्रैल में प्रीवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट मामले में विशेष अदालत ने माल्या के खिलाफ विशेष वारंट जारी किया.
2015
24 फरवरी को 17 बैंकों के कंसोर्शियम ने किंगफिशर हाउस पर कब्जा किया
25 अप्रैल को यूनाइटेड स्पिरिट्स के नए मालिकान माल्या से कंपनी के सीएमडी पद छोड़ने को कहा, कंपनी का फंड किंगफिशर एयरलाइंस और यूबी ग्रुप की अन्य कंपनियों में डायवर्ट करने का था आरोप
10 अक्टूबर को सीबीआई ने माल्या के कार्यालयों पर मारे छापे
10 दिसंबर को आईडीबीआई के 900 करोड़ के कर्ज के विलफुल डिफाल्ट मामले में सीबीआई ने माल्या से की पूछताछ
2014
31 जुलाई को माल्या आयकर विभाग द्वारा दाखिल 3 आपराधिक मामले में बंगलुरु की विशेष अदालत में पेश हुए. कोर्ट ने जमानत दिया.
9 अगस्त को सीबीआई ने आईडीबीआई और किंगफिशर एयरलाइंस के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू की. बैंक ने नेगेटिव रेटिंग के बावजूद कंपनी को 950 करोड़ का लोन मंजूर किया था.
2 सितंबर 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने एयरलाइंस और विजय माल्या को यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया द्वारा विलफुल डिफाल्टर घोषित करने के मामले में किसी तरह की राहत देने से इंकार किया.
2013
21 फरवरी को बंगलुरु में आर्थिक अपराध की विशेष अदालत ने टैक्स न जमा करने के मामले में माल्या के खिलाफ समन जारी किया.
3 अप्रैल को बॉम्बे हाईकोर्ट ने यूबी होल्डिंग को किसी तरह का अंतरिम राहत देने से इंकार किया.
2012
डियाजियो पीएलसी और यूएसएल ने डील किया जिसके तहत डियाजियो ने यूएसएल की बहुल हिस्सेदारी खरीदने पर सहमत हुई
इसी साल अक्टूबर माह में किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दिया, नवंबर में एयरलाइंस की सेवाएं बंद हो गईं और सरकार ने लाइसेंस निलंबित कर दिया.
इसी साल मार्च महीने में इनकम टैक्स विभाग ने किंगफिशर एयरलाइंस के खाते सीज किए. कंपनी को मार्च 2012 तक 2328 करोड़ रुपये का घाटा.
एसबीआई सहित कई बैंकों ने किंगफिशर के कर्ज को एनपीए घोषित कर बट्टा खाता में डाला.
5 दिसंबर को एसबीआई के नेतृत्व में बैंकों के कसोर्शियम ने बताया कि किंगफिशर ने लिया है 7,000 करोड़ का लोन.
31 दिसंबर को किंगफिशर का लाइसेंस पूरी तरह खत्म, डीजीसीए ने एयर ऑपरेटर परमिट के रीन्यूअल से किया इंकार
2011
किंगफिशर को 1027 करोड़ का घाटा, कर्ज बढ़कर 7,000 करोड़ रुपये पहुंचा, कंपनी ने बजट एयरलाइंस सेवा बंद की. डेट रीस्ट्रक्चरिंग के बाद बैंकों को कंपनी में मिली हिस्सेदारी
2010
किंगफिशर को 1647 करोड़ रुपये का घाटा, कर्ज बढ़कर 7,900 करोड़ रुपये पहुंचा.
2009
किंगफिशर एयरलाइंस को 1609 करोड़ रुपये का घाटा, एयर डेक्कन के अधिग्रहण की वजह से कंपनी का कर्ज छह गुना बढ़कर 5,666 करोड़ रुपये पहुंचा
डच कंपनी हीनकेन ने यूबीएल में स्कॉटिश ऐंड न्यूकैसल्स का 37.5 फीसदी हिस्सा खरीदा
2008
आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बंगलौर को 11.16 करोड़ डॉलर में खरीदा
बंगलुरु में यूबी सिटी के साथ रियल एस्टेट कारोबार में प्रवेश
2007
फॉर्मूला वन टीम स्पाइकार को खरीदकर फोर्स इंडिया के नाम से रीब्रांडिंग की
लो कॉस्ट एयरलाइंस एयर डेक्कन को खरीदा.
2006
बैगपाइपर की निर्माता कंपनी हर्बरस्टोन्स लिमिटेड को खरीदा, फ्रांस की शराब कंपनी बोवेट लाडुबे एसएएस को भी खरीदा.
यूबी ग्रुप की सभी शराब कंपनियों का विलय कर एक कंपनी यूएसएल बनाई गई.
2005
अपने बेटे सिद्धार्थ माल्या के 18वें जन्मदिन पर किंगफिशर एयरलाइंस की शुरुआत की. कुछ ही साल में यह देश की नंबर दो एयरलाइंस बन गई.
2004
ब्रिटेन की एसऐंडएन ने यूबीएल का 37.5 फीसदी हिस्सा खरीदा.
2002
विजय माल्या राज्यसभा के लिए नामांकित हुए.
2001
सिने ब्लिट्ज का प्रकाशन करने वाले रिफा पब्लिकेशंस को खरीदा.
1999
यूबीएल ने किंगफिशर स्ट्रांग बियर लॉन्च किया.
1993
पहली पत्नी को तलाक देने के बार रेखा से शादी.
1991
बर्जर पेंट्स का बहुल हिस्सा बेचा.
1990
मंगलौर केमिकल्स ऐंड फर्टिलाइजर्स का नियंत्रण मिला.
1988
बर्जर पेंट का अधग्रिहण किया, इंजीनियरिंग कंपनी बेस्ट ऐंड क्रॉम्पटन खरीदा जिसका बाद में यूबी इंजीनियरिंग में विलय किया.
1987
पिता बने विजय माल्या.
1986
फेमा उल्लंघन के मामले में पहली बार थोड़े समय के लिए गिरफ्तार, एक दिन बाद ही रिहा एयर इंडिया की फ्लाइट अटेन्डेंट समीरा से शादी.
1983
पिता के निधन के बाद 28 साल की उम्र में यूबी ग्रुप के चेयरमैन बने.
1976
कलकत्ता के सेंट जैवियर्स कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन पूरा.
1955
18 दिसंबर को उद्योगपति विट्टल माल्या और ललिता माल्या के परिवार में कोलकाता में जन्म.
www.himalayauk.org (HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND) DegitaL Newsportal & Daily Newspaper. Availble in FB, Twitter, whatsup group
by CS JOSHI- Editor Mob. 9412932030 : Mail; csjoshi_editor@yahoo.in .+