आबकारी राजस्व का जरिया नहीं बनाना चाहते;मुख्यमंत्री

UK TOP NEWS; वैध खनन को पूर्णतः समाप्त किया जाय# चारधाम यात्रा मार्गों को यात्रा शुरू होने से पहले दुरूस्त कर लिया जाय# आॅल वेदर रोड़ के निर्माण में तीव्रता लायी जाय#मंत्री उत्तराखण्ड सरकार प्रकाश पंत -मुख्यालय का निरीक्षण

देहरादून 18 अप्रैल, 2017(सू.ब्यूरो)
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को कैम्प कार्यालय, मुख्यमंत्री आवास में वित्त एवं लोक निर्माण विभागों की समीक्षा बैठक ली। राज्य की आर्थिक स्थिति पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य के राजस्व संसाधनों को बढ़ाने को कहा। उन्होंने कहा कि हमें आय के संसाधन बढ़ाने होंगे, इसके लिये सबसे पहले अवैध खनन को रोकना होगा। इसके लिये परिवहन, वन, पुलिस विभाग एवं जिला प्रशासन को मिलजुलकर कार्य करना होगा। भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की नीति को अपनाया जाय। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद हमें राज्य के विकास को अवरूद्ध नहीं होने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान राज्य की सड़कों की स्थिति की जानकारी ली। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री श्री रावत ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि चारधाम यात्रा से पहले राज्य के सभी यात्रा मार्गों को दुरूस्त कर दिया जाए। यात्रा शुरू होने से पहले यात्रा एवं मैन मार्गों को गड्ढा मुक्त कर दिया जाए। उन्होंने आॅल वेदर रोड के निर्माण तीव्रता लाने के भी निर्देश दिये। सड़कों को प्राथमिकता के आधार पर चिन्हित करके निर्धारित अवधि में पूर्ण किया जाए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिये कि हमें टारगेट बना के कार्य करना होगा।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री एस.रामास्वामी, प्रमुख सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्री अमित नेगी, श्री अरविन्द सिंह ह्यांकि सहित सम्बन्धित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

#### मंत्री उत्तराखण्ड सरकार प्रकाश पंत -मुख्यालय का निरीक्षण
देहरादून 18 अप्रैल 2017, संसदीय कार्य, विधायी, भाषा, वित्त, आबाकारी, पेयजल एवं स्वच्छता, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, मनोरंजन कर, स्टाम्त्प एवं निबन्धन, वाणिज्य कर मंत्री उत्तराखण्ड सरकार प्रकाश पंत ने नेहरू कालोनी स्थित जल संस्थान के मुख्यालय का निरीक्षण तत्पश्चात विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
उन्होने जल संस्थान के कन्ट्रोल रूम को प्राप्त शिकायतों का संज्ञान लिया तथा समाधान का स्तर देखा साथ शिकायतकर्ताओं/उपभोक्ताओं से दूरभाष पर फीडबैक भी लिया। उन्होने कहा कि जल निगम से पेयजल से सम्बन्धित पूरी हो चुकी योजनाओं को जलसंस्थान को 30 अपै्रल 2017 तक हैंडओवर किया जायेगा तथा अधूरे कार्य को शीघ्रता-शीघ्र पूर्ण किया जायेगा। उन्होने अधिकारियों को पेजयल आपूर्ति बढाने हेतु भविष्य में अधिक आपूर्ति की परियोजना पर होमवर्क करने तथा वर्तमान में चलित योजनाओं की गुणवत्ता बढाने के निर्देश दिये। उन्होनेे मुख्यालय में एस.सी.ए.डी.ए (सुपरवाईजर कन्ट्रोल डाटा एक्टिवेशन )/आटोमेशन प्रक्रिया से की जा रही माॅनिटिरिंग व्यवस्था को भी जांचा तथा अधिकारियों को निर्देश दिये कि विभिन्न योजनाओं का अधिकाधिक लाभ जनता तक पंहुचाने के लिए अपने अधीनस्थ कार्मिकों की भी उचित तरीके से माॅनिटिरिंग करने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर जल संस्थान के मुख्य महाप्रबन्धन एस.के गुप्ता, महाप्रबन्धक श्रीमती निलिमा गर्ग, उप महाप्रबन्धक सुधीर कुमार व सचिव एल. के अदलखा, ए.डी.बी के अभियन्ता सलाहकार पी.सी किमोटी सहित जल संस्थान के अधीनस्थ अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित थे।

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मंगलवार को मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएम कैम्प कार्यालय में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कहा कि आबकारी को राज्य सरकार, राजस्व का जरिया नहीं बनाना चाहती है। प्रदेश में शराब को धीरे-धीरे कम करने का प्रयास किया जाएगा। वर्तमान में शराब की दुकानें के खुलने की अवधि को घटाकर 6 घंटे करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। जल्द ही शराब की दुकानें केवल दोपहर 3 बजे से सांय 9 बजे तक ही खुल सकेंगी। इससे मातृशक्ति को कुछ राहत मिलेगी। युवा पीढ़ी को शराब के दुष्प्रभाव से दूर रखने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। शराब को कम करने के लिए भविष्य में और भी कई निर्णय लिए जा सकते हैं। हम प्रयास कर रहे हैं कि आबकारी पर प्रदेश की निर्भरता कम की जा सके। राजस्व की चोरी को रोका जाएगा और प्रदेश की जनता पर अतिरिक्त भार डाले बिना अन्य स्त्रोत भी विकसित किए जाएंगे। सेल्स टैक्स में पिछले केवल तीन दिनों में ही 1 करोड़ 31 लाख रूपए की कर चोरी पकड़ी गई है। अवैध शराब में लिप्त लोगों को सजा दिलाए जाने के लिए आवश्यकता होने पर एक्ट में परिवर्तन करने के निर्देश दिए गए हैं। अवैध खनन को पूरी तरह से रोका जा रहा है। बहुत से के्रशर भी जब्त किए गए हैं। अवैध खनन को रोककर खनन से इस बार 1000 करोड़ राजस्व का लक्ष्य रखा जा रहा है। अभी खनन से 285 करोड़ रूपए का वार्षिक राजस्व मिल रहा है।
एक माह के कार्यकाल के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि किसी भी सरकार के लिए एक माह का समय बहुत कम होता है। फिर भी हमने अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताएं स्पष्ट कर दी हैं। भ्रष्टाचार पर हमारी जीरो टाॅलरेंस की नीति है। हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कार्यवाही भी की है। दिसम्बर 2017 तक प्रदेश में रहने वाले सभी घरों को ऊर्जाकृत करने का हमारा दृढ़ संकल्प है। वर्ष 2019 तक 100 प्रतिशत साक्षरता का लक्ष्य हासिल किया जाएगा। वर्ष 2022 तक सभी को अपना आवास उपलब्ध करवाने का लक्ष्य पूरा किया जाएगा।
प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली के बारे मे पूछे जाने पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि सभी का काम करने का अपना तरीका होता है। परंतु मंजिल एक ही होती है, राज्य का सर्वांगीण विकास, संतुलित, पारदर्शी व भ्रष्टाचारमुक्त विकास। हम धीरे-धीरे परंतु ठोस रूप से व्यवस्था को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। व्यवस्थित कार्यसंस्कृति विकसित की जा रही है। माह में दो बार केबिनेट बैठकों का समय निर्धारित करना ऐसा ही एक कदम है। जमीनों की रजिस्ट्री के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जा रही है। चीड़ की पŸिायों के एकत्रण को मनरेगा से जोड़ा जाएगा। अखरोट के पेड़ लगाने को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए चैबटिया व टिहरी में मगरा को माॅडल फार्म के तौर पर विकसित किया जाएगा। चारधाम यात्रा की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। प्रत्येक श्रद्धालु सरलता के साथ दर्शन कर सके और अपने साथ अच्छी यादें ले जा सके, इसका पूरा प्रयास किया जा रहा है। भ्रष्टाचार के संबंध में यदि कोई व्यक्ति शपथ पत्र पर तथ्यों के साथ शिकायत करता है तो आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएंगी।
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अखरोट की खेती के लिये 02 माॅडल फार्म विकसित किये जायें।
इन फाम्र्स को सेंटर आॅफ एक्सीलेंस की तर्ज पर विकसित किया जाय।
अखरोट की खेती को प्रोत्साहित करने के लिये व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय।
वर्ष 2017 तक राज्य को 100 प्रतिशत विद्युतिकृत कर दिया जाय।
विद्युत चोरी को रोकने के लिये विभाग द्वारा कठोर कदम उठाये जायें।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को कैम्प कार्यालय, मुख्यमंत्री आवास में उद्यान एवं ऊर्जा विभागों की समीक्षा बैठक ली। उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में अखरोट की अत्याधिक सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में कागजी अखरोट को प्रोत्साहन दिया जाए। इसके लिये 2 माॅडल फार्म विकसित किये जाएं। इन फाम्र्स को सेंटर आॅफ एक्सीलेंस की तर्ज पर विकसित किया जाए। इसमें प्रशिक्षित लोगों को जोड़ा जाए। इन फाम्र्स के विकसित होने के उपरान्त अन्य स्थानों पर ऐसे फार्म विकसित किये जाने चाहिए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने वाॅलनट एवं अदर फ्रूट ग्रोवर्स एसोसिएशन आॅफ इंडिया के अनुभव का लाभ लेते हुए इसमें किसानों को अखरोट की अच्छी प्रजातियों के कलमी पौधे उपलब्ध कराये जाएं। किसानों एवं ग्रामीणों को अखरोट की खेती के लिये प्रोत्साहित करने के लिये प्रचार-प्रसार किया जाए। पर्वतीय क्षेत्रों में खेती के लिये पानी की व्यवस्था रेन वाटर हार्वेस्टिंग से किया जाना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि किसानों को दी जाने वाली पौध की गुणवत्ता में कोई कमी न हो, इसके लिये विभाग को जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने इसके लिये एक्ट तैयार करने की बात भी कही। अखरोट को राज्य का भविष्य बताते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि अखरोट को हमें अपनी प्राथमिकता में रखना होगा।
ऊर्जा विभाग की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उन ग्रामों जहाँ अभी तक विद्युत नहीं पहुंची है उन ग्रामों को वर्ष 2017 तक विद्युतिकृत करना है। इसके लिये अन्य स्रोतों का प्रयोग भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में हमें आत्मनिर्भर होना है। साथ ही विद्युत चोरी को रोकने के लिये कठोर कदम ऊर्जा विभाग को उठाने होंगे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमें गुड गवर्नेंस का ध्यान रखना है। आम जनता को होने वाली परेशानियों को कम करते हुए ऊर्जा विभाग को कार्य करना होगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने देहरादून एवं हरिद्वार में अंडरग्राउण्ड केबलिंग के लिये प्रस्ताव तैयार करने को कहा। उन्होंने निर्देश दिये कि बायो ऊर्जा परियोजना के तहत सरकारी मिलों को शामिल किया जाए। माईक्रो और मिनी हाईड्रो प्रोजेक्ट्स को विशेष तौर पर बढ़ावा दिया जाए। इसमें स्थानीय लोगों एवं संस्थाओं को भी जोड़ा जाए। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री एस.रामास्वामी, अपर मुख्य सचिव डाॅ.रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्री अमित नेगी, श्री उमाकांत पंवार, वालनट एंड अदर नट फ्रूट ग्रोवर्स एसोसियेशन आॅफ इंडिया के अध्यक्ष श्री के.सी.पाण्डेय सहित सम्बन्धित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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उत्तरकाषी  18  अप्रैल  2017

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जनपद उत्तरकाशी के दो दिवसीय भ्रमण पर मंगलवार सांय जनपद मुख्यालय पंहुचे। मुख्यमंत्री ने अपने दो दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम के दौरान मंगलवार को लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन में पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में प्रतिभाग किया। पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जनता ने जो विश्वास दिखाया है, उससे हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ठोस शुरूआत की है। भ्रष्टाचार के खिलाफ हर कार्यकर्ता को युद्व लड़ना है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन, कर चोरी आदि को रोककर राज्य की आय को बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने बहुमंजिला पार्किंग निर्माण के लिए 6 करोड रूपये़, भटवाड़ी तहसील भवन के लिए 3 करोड रूपये़, रैथल मिनि स्टेडियम एवं पहंुच मार्ग के लिए 1 करोड़ 50 लाख रूपये की घोषणा की। उन्होंने यह भी बताया कि 4 करोड़ रूपये आपदा आकस्मिक मद तथा 10 लाख रूपये की धनराशि वनाग्नि सुरक्षा के लिए जिलाधिकारी के निर्वतन में जनपद को जारी की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आवास विहीन हर परिवार को घर एवं शौचालय उपलब्ध कराना राज्य सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने वर्ष 2019 तक कोई भी अशिक्षित न रहे इसका संकल्प लिया है। इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय भट्ट ने वहां उपस्थित पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया।

इस मौके पर विधायक गंगोत्री श्री गोपाल रावत ने मुख्यमंत्री के जनपद आगमन पर उनका हार्दिक स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश के मुखिया के नेतृत्व में प्रदेश चैहमुखी विकास करेगा।

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देहरादून 18 अप्रैल, 2017(सू.ब्यूरो)
मंगलवार को सचिवालय में राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, भारत सरकार के विशेष सहयोग से आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विभाग तथा वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एक समन्वयन कार्यशाला (Coordination Conference) का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उदघाटन राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, भारत सरकार के सलाहकार मे. जनरल वी. के. दत्ता (से. नि), सचिव आपदा प्रबन्धन अमित नेगी एवं इंसीडेन्ट रिस्पाॅस सिस्टम विशेषज्ञ बी. बी. गणनायक द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, भारत सरकार के सलाहकार मे. जनरल वी. के. दत्ता (से.नि.) ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्वतीय राज्य है, जिस कारण यह प्राकृतिक आपदाओं के दृष्टिगत संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि वनाग्नि की दृष्टि से भी उत्तराखण्ड अत्याधिक संवेदनशील हैं और विगत वर्ष हुयी वनाग्नि से सम्बन्धित घटनाओं से वन सम्पदा के साथ ही भारी मात्रा में वन्य जीवों पर असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की माॅक अभ्यास करना काफी सफल रहता है। उल्लेखनीय है कि वनाग्नि प्रबन्धन के विशेष परिप्रेक्ष्य में इस प्रकार का माॅक अभ्यास आयोजित करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है।
सचिव आपदा प्रबन्धन अमित नेगी ने कहा कि वर्तमान में गीष्म ऋतु अपने चरम में है ऐसे में वनाग्नि सम्बन्धित घटनाओं को न्यून किये जाने के साथ ही पूर्व-तैयारियों का उच्च स्तर सुनिश्चित किये जाने हेतु राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, भारत सरकार के विशेष सहयोग से आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विभाग तथा वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में यह समन्वयन कार्यशाला(Coordination Conference) का आयोजन किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस सम्बन्ध में दिनंाक 06 अप्रैल, 2017 को जनपद स्तर के सभी अधिकारियों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से Orientation Conference का आयोजन किया जा चुका है।
आज की इस समन्वयन कार्यशाला में जनपदीय अधिकारियों के साथ वनाग्नि के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा कर प्रायः उभर कर आने वाली समस्याओं एवं शंकाओं का निदान किया गया। साथ ही माॅक अभ्यास में वन विभाग द्वारा भौगोलिक सूचना प्रणाली (जी.आई.एस.) के सहयोग से मानचित्रित संसाधनों के उपयोग पर भी विचार-विमर्श किया गया। कार्यशाला में समस्त जनपदों मे आपातकालीन परिचालन केन्द्रों को सक्रिय किये जाने, रिसोर्स मोबिलाईजेशन आदि की व्यवस्था के संबंध में विस्तृत चर्चा की गयी।
श्री नेगी ने बताया कि माॅक अभ्यास से पूर्व 19 अप्रैल 2017 को टेबल टाॅप (Table Top Exercise) अभ्यास किया जायेगा व इसमें वीडियों काॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समस्त जनपदों के साथ पुनः विचार-विमर्श किया जायेगा, जिसमें सभी जनपदों के जिलाधिकारियों के साथ ही वन विभाग के सम्बन्धित अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।
20 अप्रैल, 2017 को वनाग्नि सम्बन्धित माॅक अभ्यास किया जायेगा, जो कि पूर्णतः इंसीडेन्ट रिस्पाॅस सिस्टम पर आधारित होगा। इस माॅक अभ्यास में राज्य स्तरीय अधिकारियों के साथ ही समस्त जनपदीय अधिकारी भी प्रतिभाग करेंगे। साथ ही 20 अप्रैल, 2017 को माॅक अभ्यास के बाद अपरान्ह् 3.00 बजे से वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समस्त जनपदों के साथ डी-ब्रीफिंग(De-briefing) का भी आयोजन किया जायेगा।
कार्यशाला में राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, भारत सरकार के सलाहकार मे. जनरल वी. के. दत्ता (से. नि), इंसीडेन्ट रिस्पाॅस सिस्टम विशेषज्ञ श्री बी. बी. गणनायक के साथ ही आपदा प्रबन्धन, वन विभाग, पुलिस, अग्निशमन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सैन्य बल, एन.डी.आर.एफ., एस.डी.आर.एफ., भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल, सूचना विभाग तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
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देहरादून 18 अप्रैल 2017, राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के सहयोग से आपदा प्रबन्धन विभाग द्वारा वनाग्नि से सुरक्षा के सम्बन्ध में 19 अपै्रल 2017 को टेबल टाॅक अभ्यास तथा 20 अपै्रल 2017 को राज्य स्तरीय माॅक अभ्यास के क्रम में जिलाधिकारी रविनाथ रमन ने जनपद के वन, पुलिस, फायर, चिकित्सा, जल संस्थान, लो.नि.वि, राजस्व, परिवहन आदि विभागों के अधिकारियों के साथ माॅक अभ्यास की तैयारियों के सम्बन्ध में समन्वय बैठक आयोजित कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
उन्होने कहा कि सभी विभाग अपने अपने स्तर के समस्त संशाधनों को तैयार रखें तथा उन संसाधनों के माध्यम से वनाग्नि से कितने कारगर ढंग से प्रतिक्रिया दे सकें उस पर कार्य करें। उन्होने वन विभाग को विशेष रूप से अपने सभी कू्र स्टेशन पर सभी मानवीय तथा अन्य संसाधनों को दुरूस्त तथा तैयार रखने तथा स्थानीय स्तर पर गठित प्राथमिक सुरक्षा टीम को भी तैयार रखने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि जनपद में चकराता तथा मसूरी वनाग्नि के लिहाज से अधिक संवेदनशील है जिस कारण सभी विभागों को अग्निकाल के संवेदनशील सीजन के दौरान अलर्ट रहने तथा अपने स्तर पर सभी तैयारियां पूर्ण रखने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी बंशीधर तिवारी, जनपद के समस्त प्रभागीय वनाधिकारी, पुलिस अधीक्षक यातायात धीरेन्द्र गुंज्याल, अपर जिलाधिकारी हरबीर एवं वीर सिंह बुदियाल सहित सम्बन्धित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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देहरादून 18 अप्रैल 2017, संसदीय कार्य, विधायी, भाषा, वित्त, आबाकारी, पेयजल एवं स्वच्छता, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, मनोरंजन कर, स्टाम्त्प एवं निबन्धन, वाणिज्य कर मंत्री उत्तराखण्ड सरकार प्रकाश पंत ने नेहरू कालोनी स्थित जल संस्थान के मुख्यालय का निरीक्षण तत्पश्चात विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
उन्होने जल संस्थान के कन्ट्रोल रूम को प्राप्त शिकायतों का संज्ञान लिया तथा समाधान का स्तर देखा साथ शिकायतकर्ताओं/उपभोक्ताओं से दूरभाष पर फीडबैक भी लिया। उन्होने कहा कि जल निगम से पेयजल से सम्बन्धित पूरी हो चुकी योजनाओं को जलसंस्थान को 30 अपै्रल 2017 तक हैंडओवर किया जायेगा तथा अधूरे कार्य को शीघ्रता-शीघ्र पूर्ण किया जायेगा। उन्होने अधिकारियों को पेजयल आपूर्ति बढाने हेतु भविष्य में अधिक आपूर्ति की परियोजना पर होमवर्क करने तथा वर्तमान में चलित योजनाओं की गुणवत्ता बढाने के निर्देश दिये। उन्होनेे मुख्यालय में एस.सी.ए.डी.ए (सुपरवाईजर कन्ट्रोल डाटा एक्टिवेशन )/आटोमेशन प्रक्रिया से की जा रही माॅनिटिरिंग व्यवस्था को भी जांचा तथा अधिकारियों को निर्देश दिये कि विभिन्न योजनाओं का अधिकाधिक लाभ जनता तक पंहुचाने के लिए अपने अधीनस्थ कार्मिकों की भी उचित तरीके से माॅनिटिरिंग करने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर जल संस्थान के मुख्य महाप्रबन्धन एस.के गुप्ता, महाप्रबन्धक श्रीमती निलिमा गर्ग, उप महाप्रबन्धक सुधीर कुमार व सचिव एल. के अदलखा, ए.डी.बी के अभियन्ता सलाहकार पी.सी किमोटी सहित जल संस्थान के अधीनस्थ अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित थे।
हरिद्वार।
जिलाधिकारी एस.ए. मुरूगेशन की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार रोशनाबाद में नेट आधारित खनन प्रक्रिया ई पोर्टल एवं ई रवन्ना के सम्बन्ध में प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। उप निदेशक खनन भूतत्व एवं खनिकर्म इकाई जी.डी. प्रसाद ने जानकारी दी कि खनिजों की प्रभावी माॅनेटरिंग एवं खनन व्यवसायियों की सुगमता के उद्देश्य से प्रदेश में ई- रवन्ना व्यवस्था लागू की गई है। उन्होंने कहा कि माइनिंग गार्ड एप के माध्यम से रवन्ना की पूरी जानकारी प्राप्त हो जायेगी। इस एप के माध्यम से सम्पूर्ण जानकारी मिल जायेगी कि जनपद में कितने स्टोन क्रेशर हैं, कितने समय के लिए रवन्ना जारी किया गया है एवं कितना खनिज ले जाया जा रहा है तथा कितना स्टाॅक बचा है। ई रवन्ने में व्यवसायी का पूर्ण पता रहता है। क्यू आर. कोड के माध्यम से भी रवन्ने की सम्पूर्ण जानकारी ली जा सकती है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन की प्रभावी रोकथाम के लिए खनन वाहनों पर जी.पी.एस. लगेगा एवं रजिस्ट्रेशन होगा। उन्होंने कहा कि माइनिंग एक्टिविटी से सम्बन्धित जानकारी ूूूण्कहउंचचसण्नाण्हवअ पर भी प्राप्त की जा सकती है। जिलाधिकारी ने कहा कि एक ऐसा सिस्टम डेवलप किया जाए कि एक ही एप् के माध्यम से खनन सम्बन्धी सभी जानकारी मिल सके।
इस अवसर पर एस.एस.पी. कृष्ण कुमार वी.के, अपर जिलाधिकारी प्रशासन डाॅ अभिषेक त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व डाॅ ललित नारायण मिश्र, एस.पी. सिटी प्रमेन्द्र डोभाल, एस.पी. ग्रामीण मणिकान्त मिश्रा, एस.पी. ट्रेफिक शाहजहां जावेद, नगर मजिस्ट्रेट जय भारत सिंह, एस.डी.एम. हरिद्वार मनीष कुमार, एस.डी.एम. भगवानपुर अनिल गब्र्याल, एस.डी.एम. लक्सर कौस्तुभ मिश्रा, डिप्टी कलक्टर प्रेम लाल, डिप्टी कलक्टर संगीता कन्नोजिया, समस्त सी.ओ. एवं तहसीलदार उपस्थित थे।
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मिशन ग्लोबल स्टूडेंट 2017 के के तहत सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार लाने के लिए जनपद हरिद्वार के 22 स्कूलों को पायलेट प्रोजक्ट के तहत चिन्हित किया गया है। जिलाधिकारी एस.ए. मुरूगेशन ने कलक्ट्रेट सभागार रोशनाबाद में बैठक लेते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर एवं स्कूलों की मूलभूत आवश्यकताओं पर बल दिया जाए। उन्होंने कहा कि चिन्हित स्कूलों में क्वालिटी मेनेजमेंट, स्किल डेवलपमेंट, साॅफ्टवेयर कम्पोनेंट एवं आधुनिकतम शिक्षा प्रणाली पर बल दिया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि छात्रों में भाषाओं की दक्षता, आकर्षक व्यक्तित्व, कला, क्राफ्ट, व्यावसायिक शिक्षा, खेलकूद, राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय घटनाओं, सम सामयिक जानकारी, लेखन, नेतृत्व छमता, कम्प्यूटर के कार्य में दक्षता जैसे गुण विकसित किये जाएं। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए हरसम्भव प्रयास किये जाएं। उन्होंने सभी प्रधानाचार्यों को कहा कि शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए अपने विचारों को साझा करें। उन्होंने कहा कि बच्चों के कौशल विकास तथा गुणवत्ता परक शिक्षा प्रदान करने के लिए टीचिंग मेटीरियल का अधिकतम प्रयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्कूल के एक-एक अध्यापक को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जायेगा।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व डाॅ ललित नारायण मिश्र, मुख्य शिक्षा अधिकारी डाॅ पुष्पा रानी वर्मा, सिडकुल एसोशिएशन के अध्यक्ष हरेन्द्र गर्ग, जिला विकास अधिकारी पुष्पेन्द्र चैहान, परियोजना निदेशक बी.के टमटा, जिला बचत अधिकारी अखिलेश शुक्ला, प्राचार्य राजकीय पाॅलिटेक्निक राजेश उपाध्याय, जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपराज अग्निहोत्री एवं समस्त स्कूलों के प्रधानाचार्य उपस्थित थे।\
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चमोली 18 अप्रैल,2017(सू.वि.)
वनाग्नि को लेकर 20 अप्रैल को होगी माॅकड्रिल
फाॅरेस्ट फायर सीजन को देखते हुए प्रशासन ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। मुख्य सचिव एस0 रामास्वामी ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को वनाग्नि से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने के निर्देश दिये है। कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में वनाग्नि से निपटने के लिए 20 अप्रैल को माॅकड्रिल आयोजित किया जायेगा।

मुख्य सचिव ने जिलास्तरीय अधिकारियों के साथ वीडियों काॅन्फ्रेंसिंग कर जिला स्तर पर 20 अपै्रल को आयोजित होने वाले माॅकड्रिल की तैयारियों की समीक्षा करते हुए आवश्यक उपकरणों के साथ संचार आदि व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि घटना वाले क्षेत्र में सबसे पहले रिस्पोन्डर वहां के स्थानीय निवासी होते है इसलिए प्रत्येक गावं में महिला मंगल दल, युवा मंगल दल, ग्राम प्रहरी, वन पंचायत सदस्यों एवं प्रधानों आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाय।

आईआरएस के विशेषज्ञ बीबी गणनायक ने वीडियों काॅन्फ्रंसिंग के माध्यम से इन्सीडेंन्ट रिस्पोन्स सिस्टम की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फाॅरेस्ट फायर भयानक आपदा है, जिसमें अरबों की सम्मपत्ति एवं जान माल का खासा नुकसान होता आया है। वनाग्नि को रोकने के लिए इन्सीडेंन्ट रिस्पोन्स सिस्टम के तहत कार्य किया जायेगा। आईआरएस सिस्टम के तहत जिला स्तर पर जिलाधिकारी को रिस्पोन्सिबिल आॅफिसर व मुख्य विकास अधिकारी को इन्सीडेंन्ट कमाॅडर बनाया गया है। इन्सीडेंन्ट कमाॅडर के साथ मीडिया आॅफिसर, लाइजेनिंग आॅफिसर तथा सेफ्टी आॅफिसर को रखा गया है, जो पूरी घटनाक्रम पर नजर रखते हुए सूचना देगें। इन्सीडेंन्ट कमाॅडर के द्वारा आॅपरेशन सेक्शन, प्लानिंग सेक्शन तथा लाॅजिस्ट सेक्शन में समन्वय स्थापित करते हुए कार्य किया जायेगा। आॅपरेशन सेक्शन के चीफ प्रभागीय वनाधिकारी को बनाया गया है। रिर्सोस मूवमेंन्ट के लिए प्लानिंग सेक्शन के माध्यम से कार्य किया जायेगा तथा संचार एवं सशाधनों का कार्य लाॅजिस्टिक सेक्शन के माध्यम से संपादित किया जायेगा। काॅन्फेंसिंग में स्टेट लेबल पर भी सूचनाओं को समय से आदान-प्रदान करने की जानकारी दी गयी।

जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन ने जानकारी दी कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए इन्सीडेंन्ट रिस्पोंन्स सिस्टम के तहत अधिकारियों को जिम्मेदारी तय की गयी है। 20 अपै्रल को माॅकड्रिल हेतु जिला मुख्यालय में स्पोर्स स्टेडिम गोपेश्वर, तहसील स्तर पर कर्णप्रयाग, थराली, पोखरी, जोशीमठ, गैरसैंण व घाट को स्टेजिंग एरिया बनाया गया है। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय की टीम मण्डल, चमोली व पीपलकोटी क्षेत्र को कबर करेगी जबकि तहसील स्तर की टीमें तहसील क्षेत्र में वनाग्नि की घटना को कबर करेगी। उन्होंने कहा कि तहसील स्तर पर 15-15 लोगों की टीम व मुख्यालय स्तर में 20 लोगों को टीम में शामिल किया जायेगा। वानाग्नि की सूचना मिलने पर सभी टीमें अपने-अपने स्टेजिंग एरिया में एकत्रित होकर घटना स्थल के लिये रवाना होंगी। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि जिले में 4 फाॅरेस्ट डिविजन है। फाॅरेस्ट फायर की सूचना के लिए जिला मुख्यालय में मुख्य कन्ट्रोल रूम तथा नन्दप्रयाग, धनपुर एवं जोशीमठ में मास्टर कन्ट्रोल रूम बनाये गये है। जिले मे 102 क्रू-स्टेशन तथा 06 वाॅच टावर स्थापित है। अग्नि समन हेतु 413 फायर वाचर तथा 360 वन कर्मी तैनात किये गये है, जो फायर घटनाओं की निरन्तर निगरानी करेंगे।

इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट, उप वन संरक्षक एनएन पाण्डेय, उप वन संरक्षक अलकनंदा सुरेन्द्र सिंह, उप वन संरक्षक केदारनाथ नीतू लक्ष्मी एम, सीटीओ वीरेन्द्र कुमार, डीडीओ आन्नद सिंह सहित आईटीबीपी, लोनिवि, सिंचाई, आपदा, अग्नि शमन आदि विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

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