कोरोना वायरस पर काबू करने में कई राज्य सरकार पूरी तरह विफल & Top National News 4 June 20
4 JUNE 20# Himalayauk Newsportal & Print Media # High Light# कोरोना वायरस पर काबू करने में कई राज्य सरकार पूरी तरह विफल : राहुल गांधी से बात नहीं करने की नसीहत मिली थी. #गुजरात – बीजेपी ने राज्यसभा चुनावों के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त में अपनी सारी ऊर्जा लगाई #Creta से मिल रही चुनौती को देखते हुए सेल्टोस लॉन्च # लॉकडाउन के दौरान बॉलीवुड ने अपने तमाम नगीनों को खो दिया #भारत में मौजूद सस्ती दवा विश्व स्वास्थ्य संगठन को रास नहीं आ रही. #शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी को बढ़ाने में गिलोय काफी कारगर # विश्व साइकिल दिवस — एटलस साइकिल फैक्ट्री बंद -1000 मजदूरों की नौकरी पर संकट # ‘सामना’ ने गवर्नर कोश्यारी पर साधा निशाना कहा- समानांतर सत्ता केंद्र चलाते हैं # लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाएं कुछ पीछे हट गई हैं। # भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिमान भी सभी सुविधाओं से लैस होगा #
कोरोना वायरस पर काबू करने में कई राज्य सरकार पूरी तरह विफल
सरकार ने कहा है कि देश में केस लगातार बढ़ रहे हैं। मोदी सरकार ने देश में बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर — रक्षा सचिव में कोरोना वायरस (कोविड-19) के लक्षण दिखाई दिया है। जिसके बाद रक्षा सचिव को घर में ही क्वारंटीन किये जाने की खबर है। बुधवार को रक्षा सचिव अजय कुमार में कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई दिए हैं।
भारत में कोरोना वायरस तीसरे चरण में प्रवेश कर गया है। इसके कारण देश के छोटे कस्बों में भी बड़ी संख्या में लोग महामारी से संक्रमित हो रहे हैं। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस पर काबू करने में दिल्ली सरकार पूरी तरह विफल रही है। दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 1513 लोग महामारी की चपेट में आए हैं। इसके बाद कोरोना वायरस संक्रमितों का आंकड़ा 23645 पर पहुंच गया है। हालात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पिछले 10 दिनों में 9500 से अधिक कोरोना वायरस संक्रमित मिले हैं। दिल्ली के अलावा महाराष्ट्र में 2560, तमिलनाडु में 1286, गुजरात में 485, पश्चिमी बंगाल में 340, हरियाणा में 302, राजस्थान में 279, कर्नाटक में 267, बिहार में 230 कोरोना वायरस के मामले आए हैं।
पिछले 24 घंटे यानि 3 मई को रिकॉर्ड 9638 लोग महामारी की चपेट में आए हैं। जबकि देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2.17 लाख को पार कर गई है।महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के अधिकांश मामले मुंबई में आ रहे थे। लेकिन मुंबई में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या स्थिर हो गई है लेकिन छोटे जिलों में मामले बढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र के सोलापुर में 98 और पालघर में 77 संक्रमित मिले हैं। इसी तरह राजस्थान के भरतपुर में सबसे ज्यादा 88 मामले आए हैं। जबकि राजस्थान की राजधानी जयपुर में 55 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। इसी तरह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सिर्फ 4 मामले आए हैं जबकि बुलंदशहर में 19 औऱ हरदोई में 16 संक्रमित दर्ज किए गए हैं। दूसरी तरफ भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों के लगातार नए मामले आने के बावजूद सक्रिय मरीजों की संख्या कम तेजी से बढ़ रही है। इसका बड़ा कारण है मरीजों का तेजी से ठीक होना।
भारत में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 2,17,965 है। इसमें से 1,07,621 मरीजों का अस्पतालों में उपचार चल रहा है। जबकि 1,04,242 मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। 3 मई को 3786 मरीज ठीक हुए हैं।कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़ने के साथ ही मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। देशभर में 3 मई को 259 लोगों की मौत हुई है। इसमें से महाराष्ट्र में 122 लोगों ने दम तोड़ा है। जबकि दिल्ली में 59, गुजरात में 30 और पश्चिमी बंगाल में 10 लोगों की मौत हुई है।
देश में कोरोना वायरस (coronavirus) के संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी जारी है. पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा नए मामले सामाने आए हैं. कोरोना का पहली बार 24 घंटे में आंकड़ा 9 हजार पार हुआ है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) के मुताबिक, देश मे कोरोना के पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 216919 हो गई है. 1, 04107 लोग ठीक हुए हैं. पिछले 24 घंटे में 260 लोगों की जान इस महामारी से गई है.
रिकवरी रेट घटकर 47.99% हो गया है. देश में अब तक कुल 6075 लोगों की मौत कोरोना वायरस के संक्रमण से हुई हैं. फिलहाल देश में 1, 04, 104 लोगों का इलाज चल रहा है. फिलहाल देश में 1, 04, 104 लोगों का इलाज चल रहा है. महाराष्ट्र कोरोना वायरस के संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित है. महाराष्ट्र में कोरोना के मामलों की संख्या बढ़कर 74860 हो गई है. तमिलनाडु में अब तक 25, 872 केस सामने आ चुके हैं. दिल्ली में भी कोरोना के मामलों मे लगातार बढ़ोतरी जारी है और राज्य में केस बढ़कर 23, 645 हो गए हैं.
सरकार ने कहा है कि देश में केस लगातार बढ़ रहे हैं। मोदी सरकार ने देश में बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर
केंद्र की मोदी सरकार ने देश में बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है। जिसमें सरकार ने कहा है कि देश में केस लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में अस्पताल में मेक शिफ्ट अस्पताल बनाने पर सकते हैं। सरकार ने माना है कि हां देश में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। कोरोना संकट पर केंद्र ने दिया हलफनामा मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया। जिसमें कहा कि देश में कोरोना के संक्रमण बढ़ रहे हैं। ऐसे में देश के अंदर मेकशिफ्ट अस्पताल बनाने होंगे। ऐसे में देश में बड़ी संख्या में मेक-शिफ्ट अस्पतालों की स्थापना करनी होगी। केंद्र सरकार ने चिंता जाहिर करते हुए हलफनामे में कहा है कि अब देश में तेजी से कोरोना संक्रमितओं की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में भविष्य में हमें पूरी तरह से मरीजों के लिए अस्थाई मेकशिफ्ट अस्पतालों का निर्माण करना होगा। ताकि मरीजों को सही से इलाज मिल सके।
वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने आगे कहा कि संकट की इस घड़ी में मरीजों की देखभाल के लिए देशभर में स्वास्थ्य कर्मियों की देखभाल करने की भी जरूरत है। सरकार ने साफ कहा कि पूरी निष्ठा के साथ संरक्षण की कोशिश की जा रही है। जानकारी के लिए बता दें कि भारत में कोरोना संक्रमण के दो लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। बीते 4 से 5 दिनों के अंदर 8000 मामले सामने आ चुके हैं। तो वहीं राजधानी दिल्ली में अब तक बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमित की संख्या 15 के पार हो चली है। वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट में लॉक टाउन के दौरान मजदूरों की सैलरी को लेकर सुनवाई हुई और इस दौरान सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया कि यह कंपनी और मजदूरों के बीच का मामला है। ऐसे में सरकार दखल नहीं दे सकती है। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अब 12 जून को फैसला सुनाया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के बॉर्डर सील किए जाने का मामला भी सुनाया गया।
एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनसीआर के लिए कॉमन पास बनाने की आवश्यकता है और ऐसे में तीनों राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के राज्यों को समन्वय स्थापित कर नागरिकों को असुविधा ना हो इसके लिए पास बनाए जाएं। यह कॉमन पास बॉर्डर के लिए होंगे। जिससे आसानी से लोग एक राज्य से दूसरे राज्य में जा सकेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि रक्षा सचिव में कोरोना वायरस (कोविड-19) के लक्षण दिखाई दिया है। जिसके बाद रक्षा सचिव को घर में ही क्वारंटीन किये जाने की खबर है। मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार को रक्षा सचिव अजय कुमार में कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई दिए हैं। जिसके बाद रक्षा मंत्रालय ने उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाने को लेकर व्यापक अभियान शुरू किया। इस दौरान रायसीना हिल्स के साउथ ब्लॉक में मंत्रालय के मुख्यालय में कार्यरत कम से कम 35 अधिकारियों को घरों में ही आइसोलेशन पर भेजा गया है।
राहुल गांधी से बात नहीं करने की नसीहत मिली थी.
बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से बात नहीं करने की नसीहत मिली थी. ये खुलासा खुद राजीव बजाज ने किया है. दरअसल, इन दिनों देश की इकोनॉमी को लेकर राहुल गांधी अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञों से बातचीत कर रहे हैं. इसी के तहत उन्होंने बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज से भी बात की है. राहुल गांधी अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञों से बातचीत कर रहे हैंराहुल गांधी ने बजाज ऑटो के MD राजीव बजाज से भी बात की
इस बातचीत के दौरान राजीव बजाज ने राहुल गांधी से कहा, ”मैंने जब किसी को बताया कि मैं राहुल गांधी से बात करने जा रहा हूं. उसकी पहली प्रतिक्रिया थी, मत करो. इससे आपको परेशानी हो सकती है.” राजीव बजाज के मुताबिक उस शख्स ने कहा, मीडिया में बोलना अलग बात है, लेकिन राहुल गांधी से बातें करना दूसरी बात है.
वहीं बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने राजीव बजाज को एक घटना के बारे में बताया. राहुल गांधी ने कहा, ” कल, मेरे एक मित्र ने मुझसे पूछा कि आपका अगला संवाद किसके साथ है? और मैंने उसे बताया कि मैं मिस्टर बजाज से बात कर रहा हूं. इस पर उस आदमी ने कहा कि दम है बंदे में.. ” राहुल गांधी के मुताबिक उन्होंने पूछा कि इसका क्या मतलब? तो इस सवाल पर मेरे मित्र ने कहा ”अच्छा है, उनमें आपसे बात करने की हिम्मत है.”
राहुल गांधी से बातचीत के दौरान राजीव बजाज ने देश के माहौल को लेकर भी बयान दिया है. राजीव बजाज ने कहा कि हमारे यहां 100 लोग बोलने से डरते हैं, जबकि उनमें से 90 के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं होता. मेरे पिता की तरह बोलने का जोखिम बहुत कम लोग उठा पाते हैं. उन्होंने ये कहा कि उद्योगपित भी दूध के धुले नहीं हैं लेकिन सभी एक जैसे नहीं होते हैं.
बीते साल एक कार्यक्रम में राजीव के उद्योगपति पिता राहुल बजाज ने गृह मंत्री अमित शाह के सामने सरकार की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि इस वक्त देश में लोगों के बीच खौफ का माहौल है. लोगों को ये विश्वास नहीं है कि उनकी आलोचना को सरकार में किस तरह लिया जाएगा.
गुजरात – बीजेपी ने राज्यसभा चुनावों के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त में अपनी सारी ऊर्जा लगाई
Presents by Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper राज्यसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और वोटिंग से पहले गुजरात में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. खबर है कि गुजरात कांग्रेस के दो विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले मार्च में गुजरात कांग्रेस के पांच विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद कांग्रेस के विधायकों की संख्या 68 हो गई थी. सूत्रों का कहना है कि कर्जन विधायक अक्षय पटेल ने इस्तीफा दे दिया है और कपराडा के विधायक जीतू चौधरी अब पार्टी के संपर्क में नहीं हैं. कांग्रेस का मानना है कि उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अपुष्ट खबरें हैं कि एक और विधायक भी इस्तीफा दे सकते हैं. एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं दो विधायकों के इस्तीफे की पुष्टि कर सकता हूं. तीसरे विधायक के बारे में हम पुष्टि करने की कोशिश कर रहे हैं. हमें इसकी उम्मीद थी. यह गुजरात है. अगर वे (बीजेपी) अन्य राज्यों में इस तरह का काम कर सकती है, तो गुजरात उनका घरेलू मैदान है.
गुजरात में राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है. गुरुवार को कांग्रेस के दो विधायकों ने पार्टी और विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. गुजरात में राज्यसभा की चार सीटों के लिए 19 जून को चुनाव होने हैं. इन चार सीटों के लिए पांच उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस मुरली कृष्ण के मुताबिक 19 जून को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे के बीच मतदान की प्रक्रिया होगी. जिसके बाद शाम पांच बजे से मतों की गिनती शुरू की जाएगी. जरात में जो चार राज्यसभा सीटें खाली हुई हैं. उनमें से तीन पहले बीजेपी के पास थीं और एक कांग्रेस के पास. कांग्रेस ने इस बार अपनी मजबूत स्थिति देख दो उम्मीदवारों को उतारा था. लेकिन अब उसकी संख्या घटती जा रही है. कांग्रेस ने शक्तिसिंह गोहिल और भरतसिंह सोलंकी जैसे वरिष्ठ चेहरों को मैदान में उतारा है वहीं बीजेपी ने अभय भारद्वाज, रमीला बारा और नरहरि अमीन को मैदान में उतारा है. अगर बीजेपी अंतिम समय में अमीन को उम्मीदवार नहीं बनाती तो चुनाव की जरूरत ही नहीं होती.
वहीं, गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष राजीव सातव ने कहा कि भारत अपने स्वतंत्र इतिहास के सबसे बड़े स्वास्थ्य, आर्थिक और मानवीय संकटों के बीच है. इसके बावजूद बीजेपी राज्यसभा चुनावों के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त में अपनी सारी ऊर्जा लगाए हुए है. इससे गुजरात के लोगों का नुकसान हो सकता है.
गुजरात विधानसभा में बीजेपी के 103 विधायक हैं. कांग्रेस के 66, भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के 2 और एनसीपी का 1 विधायक है. राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 35.01 वोट की जरूरत. कांग्रेस पहले बीटीपी-एनसीपी और निर्दलीय विधायक की मदद से 2 सीटें आसानी से जीतने का सपना देख रही थी लेकिन दो विधायकों के इस्तीफे के बाद उसका गणित फेल हो गया है. गुजरात की स्थिति एकबार फिर 2017 के राज्यसभा चुनावों जैसी हो सकती है.
इससे पहले कांग्रेस को मार्च में झटका लगा था, जब उसके पांच विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद उसकी संख्या 68 हो गई थी. ताजा घटनाक्रम के बाद कांग्रेस विधायकों की संख्या अब 66 हो गई है. ऐसे में चार में से दो राज्यसभा सीटों पर जीत दर्ज करने के दावे पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं.
2017 में भी बीजेपी ने गुजरात में एक अतिरिक्त राज्यसभा उम्मीदवार उतारकर कांग्रेस के चाणक्य माने जाने वाले अहमद पटेल की सीट फंसा दी थी. उस वक्त भी कांग्रेस के 6 विधायकों ने चुनाव से ठीक पहले इस्तीफा दे दिया था. उस चुनाव में अहमद पटेल की जीत के लिए कांग्रेस को काफी पापड़ बेलने पड़े थे. कांग्रेस ने इसके लिए देर रात चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा तक खटखटाया था. अंत में एक वोट निरस्त होने की वजह से किसी तरह अहमद पटेल जीत पाए थे. अब फिर गुजरात में वैसी ही स्थिति बन रही है.
Creta से मिल रही चुनौती को देखते हुए सेल्टोस लॉन्च
Presents by Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper Kia Motors India की 2020 Seltos लॉन्च; बाजार में मौजूद सेल्टॉस के मुकाबले इसमें कई शानदार फीचर्स दिए गए हैं. नई 2020 Kia Seltos की शुरुआत की कीमत दिल्ली में 9.89 लाख रुपये है, और 17.34 लाख रुपये तक जाती है. कंपनी ने बेस वेरिएंट की कीमतों को कोई बदलाव नहीं किया है. कंपनी का कहना है कि पुराने के मुकाबले नई सेल्टॉस 10 नया शानदार फीचर्स जोड़े गए हैं. जिसमें सेफ्टी, कनेक्टिविटी और डिजाइन में थोड़ा बदलाव किया गया है. भारतीय बाजार में KIA Seltos की सीधी टक्कर हुंडई की क्रेटा से है. इसके अलावा मार्केट में इसकी टक्कर एमजी हेक्टर, महिंद्रा एक्सयूवी 500, टाटा हैरियर जैसी एसयूवी है.
सबसे ज्यादा बेस वेरिएंट में बदलाव की बात कही जा रही है. KIA ने पिछले साल अगस्त में seltos को भारतीय बाजार में उतारा था. Hyundai Creta से मिल रही चुनौती को देखते हुए सेल्टोस को अपडेट किया है. नई Seltos की सभी ऑटोमैटिक वेरिएंट्स में रिमोट इंजन स्टार्ट का फीचर दिया गया है. साथ ही, लेदराइट गियर नॉब, ब्लॉस ब्लैक फिनिश और डुअल मफलर डिजाइन जैसे नए बदलाव भी देखने को मिलेंगे
10 नए फीचर्स में इमरजेंसी स्टॉप सिग्नल्स (ESS) सभी वेरिएंट्स में स्टैंडर्ड दिया है, जो कि रियर लाइट ऑटोमैटिकली ब्लिंक करने लगती है, जब चालक 55 kmph से ज्यादा की रफ्तार पर एक दम से ब्रेक लगाते हैं. वहीं कंपनी ने HTX, HTX+ और GTX, GTX+ वेरिएंट्स में 8 फीचर्स जोड़े हैं.
कार में अब डैशबोर्ड पर मौजूद ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम पर डेको पैनल सिल्वर गार्निश दिया है. 2020 Seltos में फ्रंट ट्रै और रियर USB चार्जर भी सभी वेरिएंट्स में स्टैंडर्ड दिए हैं. नई Seltos में Smartstream के 1.5 लीटर नैचुरली एस्पिरेटेड और 1.4 लीटर टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन, 1.5 लीटर CRDi VGT डीजल इंजन दिया है. इंजन में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
Kia सेल्टॉस में UVO ऐप का भी फीचर दिया गया है, जिसकी मदद से आप अपनी SUV की लोकेशन शेयर कर सकते हैं. इसके अलावा आप रिमोट से Kia Seltos की स्पीड लिमिट सेट कर सकते हैं. सेल्टॉस के रियर-व्यू मिरर में तीन बटन हैं, जिनका उपयोग रोड साइड असिस्टेंस बुलाने या इमरजेंसी में कॉल सेंटर को मैसेज भेजने के लिए किया जा सकता है.
Kia Seltos लुक के मामले में अपने सेगमेंट के सभी SUV को पछाड़ती नजर आ रही है. फीचर्स भी इसे सबसे अलग बनाती है. एसयूवी के फ्रंट में किआ की सिग्नेचर टाइगर नोज ग्रिल दी गई है, जिसके चारों ओर फॉक्स सिल्वर है. ये सभी इंजन BS-VI एमिशन नॉर्म क्मपलाइंट पर खरे उतरते हैं. किआ सेल्टॉस की लंबाई 4,315 mm, चौड़ाई 1,800 mm और ऊंचाई 1,620 mm है.
लॉकडाउन के दौरान बॉलीवुड ने अपने तमाम नगीनों को खो दिया
Presents by Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper कोरोना वायरस के तेजी से फैलते संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को देशभर में तालाबंदी की घोषणा कर दी. तमाम इंडस्ट्रीज की तरह मनोरंजन जगत भी बुरी तरह प्रभावित हुआ. टीवी शोज से लेकर करोड़ो के बजट वाली फिल्मों तक हर चीज की शूटिंग रोक दी गई. यहां तक कि सिनेमाघरों में भी फिल्मों की स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी गई. बॉलीवुड सेलेब्स के लेकर फिल्ममेकर्स तक सभी अपने-अपने घरों में बंद रहने को मजबूर हो गए. लोगों को लगा कि बॉलीवुड अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. लेकिन किसे पता था कि इससे भी बुरा कुछ होना बाकी था.
लॉकडाउन के दौरान बॉलीवुड ने अपने तमाम नगीनों को खो दिया. वो कलाकार जिन्होंने भारतीय सिनेमा को एक नए पायदान तक पहुंचाया था उन्होंने लॉकडाउन के दौरान इस दुनिया को अलविदा कह दिया. आइए जानते हैं उन कलाकारों के बारे में जिनका इस लॉकडाउन के दौरान निधन हो गया
बॉलीवुड को पहला झटका लगा इरफान खान के जाने पर. 29 अप्रैल को लंबी बीमारी के बाद जादुई आंखों वाले इस एक्टर ने दुनिया को अलविदा कह दिया.
बॉलीवुड इस सदमे से उबरने की कोशिश ही कर रहा था जब 30 अप्रैल को बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर चल बसे. ऋषि कपूर का जाना बॉलीवुड के लिए एक युग के खत्म होने जैसा था.
1 जून को जब देश लॉकडाउन 5 की तरफ बढ़ रहा था तभी साजिद-वाजिद की जोड़ी हमेशा के लिए टूट गई. संगीतकार वाजिद का निधन हो गया. वाजिद लंबे वक्त से किडनी की समस्या से जूझ रहे थे. उनकी कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी.
कॉमेडी शो छोटे मियां से पॉपुलर हुए एक्टर मोहित बघेल का 23 मई को निधन हो गया. वह लंबे वक्त से कैंसर की बीमारी से लड़ रहे थे.
25 मई को प्रेक्षा मेहता के सुसाइड की खबर ने देश को चौंका दिया. उन्होंने कई प्रोजेक्ट्स में सराहनीय काम किया था.
एक्टर मनमीत ग्रेवाल की मौत की खबर भी सबके लिए सदमा देने वाली थी. आदत से मजबूर और कुलदीपक जैसे शोज में काम कर चुके मनमीत ने पैसों की तंगी के चलते आत्महत्या कर ली थी.
लॉकडाउन के दौरान ही एक्टर शफीक अंसारी का निधन हो गया. जानकारी के मुताबिक वह भी लंबे वक्त से कैंसर से लड़ रहे थे. शफीक टीवी शो क्राइम पेट्रोल के चलते घर-घर में लोकप्रिय हो गए थे.
कहीं दूर जब दिन ढल जाए जैसे तमाम गाने लिखने वाले लिरिक्स राइटर योगेश गौड़ ने 29 मई को इस दुनिया को अलविदा कह दिया
पीके और रॉक ऑन जैसी फिल्मों में नजर आ चुके अभिनेता साई गुंडेवर ने 10 मई को इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
बॉलीवुड के दिग्गज फिल्ममेकर बासु चटर्जी का निधन 4 जून को हो गया. 93 वर्षीय बासु बढ़ती उम्र से होने वाली दिक्कतों से परेशान थे. बासु चटर्जी के काम का ही जादू था कि उन्हें सात बार फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था. इनमें चार बार बेस्ट स्क्रीनप्ले के लिए और दो बार क्रिटिक्स अवॉर्ड फॉर बेस्ट मूवी शामिल था. एक फिल्म फेयर उन्हें बेस्ट डायरेक्टर अवॉर्ड के लिए मिला था. बासु एक बार नेशनल अवॉर्ड और एक बार आईफा का लाइफटाइम अचीवमेंट पा चुके थे.
हिंदी सिनेमा में बासु चटर्जी के अद्वितीय काम के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा. उनकी फिल्मों की बात करें तो ये फेहरिस्त बहुत लंबी है. उन्होंने पिया का घर, उस पार, चितचोर, स्वामी, खट्टा मीठा, प्रियतमा, चक्रव्यूह, जीना यहां, बातों बातों में, अपने प्यारे, शौकीन और सफेद झूठ जैसी फिल्मों का निर्देशन किया था.
बासु चटर्जी के बारे में कम ही लोग ये बात जानते हैं कि उन्होंने शुरुआत एक कार्टूनिस्ट और एक इलस्ट्रेटर के तौर पर की थी. उन्होंने तकरीबन 18 साल तक मुंबई के एक अखबार में ये काम किया था जिसके बाद उनकी मुलाकात सिनेमा जगत में फिल्में बनाने की ओर रुख किया. उन्होंने शुरुआत बासु भट्टाचार्य के असिस्टेंट के तौर पर की थी.
राज कपूर और वहीदा रहमान की फिल्म तीसरी कसम में उन्होंने बासु भट्टाचार्य को असिस्ट किया था. ये फिल्म साल 1966 में रिलीज हुई थी और इसमें बेस्ट फीचर फिल्म का अवॉर्ड जीता था. जहां तक उनके डायरेक्टोरियल डेब्यू की बात है तो उन्होंने निर्देशन के क्षेत्र में फिल्म सारा आकाश से शुरुआत की थी. ये फिल्म साल 1969 में रिलीज हुई थी और इसके लिए बेस्ट स्क्रीनप्ले का फिल्मफेयर अवॉर्ड जीता था.
भारत में मौजूद सस्ती दवा विश्व स्वास्थ्य संगठन को रास नहीं आ रही.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (coronavirus) को लेकर अभी कई दवाओं पर रिसर्च चल रही है. 25 मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अचानक हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के वर्ल्ड सोलिडेरिटी ट्रायल को रोक दिया तो भारतीय डॉक्टरों को समझ ही नहीं आया कि ये अचानक क्या हुआ. लेकिन अच्छी बात ये रही कि 26 मई को ही देश में मेडिकल रिसर्च करने वाली सर्वोच्च संस्था आईसीएमआर यानी इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के निदेशक ने सामने आकर हाइ़़ड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर भरोसा जताया और कहा कि हम इस दवा को इस्तेमाल करते रहेंगे. कोरोना वायरस पूरी दुनिया के लिए एक नई बीमारी है. इस पर कौन सी दवा कितना कारगर होगी ये अभी नहीं कहा जा सकता, लेकिन भारत में मौजूद सस्ती दवाओं ने जो कामयाबी हासिल की है वो विश्व स्वास्थ्य संगठन को रास नहीं आ रही.
अप्रैल के महीने में जापान और अमेरिका समेत हर देश हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के लिए भारत की ओर देख रहा था. पीएम मोदी ने कई देशों को ये दवा डोनेट भी की.
हमने इस पूरे मामले पर रेमडिसिविर बनाने वाली कंपनी गिलियड को भी मेल लिखा है लेकिन अभी तक जवाब का ही इंतजार है. वैसे भारत में कई दवाओं पर ट्रायल चल रहे हैं जो कोरोना वायरस के इलाज के तौर पर काम आ सकती हैं ये दवाएं हैं-
फेविपिरावीर आइवरमैक्टीन हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन प्लाज्मा थेरेपी बीसीजी वैक्सीन-जो आपकी इम्युनिटी बढ़ा सकती है. माइकोबैक्टीरियम डब्लयू और रेमडिसिविर भी
लेकिन फिलहाल डॉक्टर सबसे ज्यादा भरोसा उसी दवा पर जता रहे हैं जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने खारिज कर दिया.
आईसीएमआर के निदेशक बलराम भार्गव ये बता रहे हैं कि इससे कुछ लोगों को उल्टी होती है- खाना खाने के वक्त लें, तो ये परेशानी नहीं होगी, और कोई दिक्कत नहीं है. ये भी बता रहे हैं कि किसको कितनी डोज लेना चाहिए.
मलेरिया में इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं – हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और क्लोरोक्वीन पिछले 60 सालों से मलेरिया और आर्थराइटिस जैसी बीमारियों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक इम्युनोमॉडलेटर दवा है.
1955 से अमेरिका इस्तेमाल कर रहा है. मलेरिया, ल्यूपस, रयूमेटाइड आर्थराइटिस जैसी आटोइम्यून बीमारियों में इस्तेमाल की जा रही ये दवा विश्व स्वास्थ्य संगठन के सेफ्टी लेवल में अव्वल नंबर पर है. लेकिन अचानक कुछ रिसर्च कंपनियों को दवा में खामियां नजर आने लगें तो हैरान होना लाजमी है.
कहीं इसके पीछे फार्मा कंपनियों और एक बड़ी अमेरिकी मेडिकल लॉबी के निजी हित तो नहीं छिपे हैं. हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर अचानक से आरोप लगने लगे कि इस दवा से दिल पर असर पड़ रहा है और मौतों की तादाद बढ़ रही है, जबकि मेडिकल लिटरेचर में कहीं भी इस दवा के दिल के लिए साइड इफेक्ट दर्ज नहीं हुए
इसी दौरान एक अमेरिकी कंपनी गिलियड की दवा रेमडिसिविर की वकालत होने
लगी. ईबोला के लिए ईजाद की गई इस एंटीवायरल दवा के पक्ष में रिसर्च आने लगी, जबकि अमेरिका में दवाओं को मंजूरी देने
वाली एजेंसी यूएस-एफडीए ने 30 अप्रैल 2020 तक इस दवा को किसी भी बीमारी में
इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी थी।
बिक नहीं पाई दवा
इससे आप ये समझिए कि दवा बनी तो सही लेकिन बिक नहीं पाई. ईबोला और नीपा वायरस जिसके लिए दवा बनाई गई थी. वो ज्यादा फैला ही नहीं. अचानक इस दवा को लेकर दावे किए जाने लगे कि ये दवा कोरोना वायरस में रिकवरी को तेज कर देती है यानी मरीज जल्दी ठीक होने लगता है.
एक मई 2020 को दवा को कोरोना वायरस में इमरजेंसी इस्तेमाल के तौर पर मंजूरी मिली. इंट्रावेनस यानी आईवी इंजेक्शन के तौर पर दी जाने वाली इस दवा को केवल गंभीर मरीजों को ही दिया जा सकेगा और अस्पताल में भर्ती मरीजों को ही ये दवा दी जा सकेगी.
क तरफ हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन है, जो सुरक्षित भी है, सस्ती भी और दवा यानी टैबलेट के फॉर्म में इसे भारत में डॉक्टरों, कोविड ड्यूटी में लगे स्टाफ और मरीजों को भी बेखौफ दिया जा रहा है. लेकिन 60 साल के सेफ इस्तेमाल के बाद अचानक इस दवा में खामियां ढूंढने वाली रिसर्च सामने आ रही है. और दूसरी तरफ एक ऐसी दवा है जो केवल एक अमेरिकी कंपनी बना रही है, जिसके दाम अभी तय भी नहीं हैं, जो किसी बीमारी में अपनी सफलता साबित नहीं कर पाई. अचानक मंजूरी पा जाती है.
अब आपको तीस साल से ज्यादा वक्त से एम्स में काम कर रहे डॉक्टर डॉ. विनोद पॉल की बातें ध्यान से सुननी चाहिए. डॉ. पॉल नीति आयोग के सदस्य हैं और कहते हैं. भरोसा रखिए, ये दवा बिल्कुल ठीक है और हम इसे इस्तेमाल करते रहेंगे, कोई खतरा नहीं है.
अब आप उन दो दवाओं के दाम और उपलब्धता के बारे में जानिये जो इस वक्त कोरोना वायरस के इलाज में काम आ रही हैं.
-200 मिलीग्राम, इसकी दस गोलियों का एक स्ट्रिप 60 रुपए में मिल जाता है. -आइवरमैक्टीन-12 मिलीग्राम, 4 गोलियों की कीमत 90 रुपए से लेकर 150 रुपए के बीच है.
ये दोनों दवाएं भारत में उपलब्ध हैं, सस्ती हैं और शायद इसीलिए किसी फार्मा कंपनी की इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है. लेकिन एक ऐसी अमेरिकी दवा जिसकी गुणवत्ता का अभी कोई पता नहीं है, जिसके दाम अभी तय किए जाने हैं और सबसे बड़ी बात, ये दवा एक ही अमेरिकी फार्मा कंपनी बनाती है, उसकी चर्चा अचानक गर्म हो गई है.
शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी को बढ़ाने में गिलोय काफी कारगर
शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी को बढ़ाने में गिलोय काफी कारगर होती है. ये आपको कई रोगों से लड़ने की क्षमता देती है. कोरोना वायरस से बचने के लिए आपके भीतर इम्युनिटी का होना जरूरी है. इसलिए जरूरी है कि रोजाना आप निश्चित मात्रा में गिलोय का सेवन करें. गिलोय के जूस का नियमित सेवन करने से बुखार, फ्लू, डेंगू, मलेरिया, पेट में कीड़े होने की समस्या, रक्त में खराबी, लो ब्लड प्रेशर, हार्ट की बीमारियों, टीबी, पेट के रोग, डायबिटीज और स्किन की बीमारियों से राहत मिल सकती है. गिलोय भूख भी बढ़ाती है.
इन रोगों में फायदेमंद
-डायबिटीज के ऐसे मरीज जिन्हें टाइप-2 डायबिटीज की समस्या है, उन्हें गिलोय के सेवन से काफी फायदा होगा.
-गिलोय के नियमित सेवन से रयूमेटाइड आर्थराइटिस में राहत मिलती है.
-बार-बार बीमार पड़ते हैं, तो इसका मतलब है कि आपकी इम्यूनिटी कमजोर है. गिलोय हेल्दी कोशिकाओं को मेंटेन करती है और शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स से लड़कर इम्यूनिटी को बढ़ाती है.
-गिलोय स्ट्रेस लेवल को भी कम करने में कारगर है.
-ऐसे लोग जिन्हें Chronic Fever है. उनके लिए गिलोय बेहद फायदेमंद होती है. ये ब्ल्ड प्लेटलेट्स को बढ़ाने और जानलेवा बीमारियों से लड़ने में मदद करती है.गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं.
-गिलोय अस्थमा को भी ठीक करती है. अस्थमा के रोगियों को गिलोय की जड़ चबाने की सलाह दी जाती है.
-सांस लेने से जुड़ी समस्याएं जैसे सर्दी-जुकाम, टॉन्सिल, कफ आदि गिलोय के सेवन से आसानी से ठीक हो सकती है.
20 एमएल (ml) से ज्यादा नहीं
गिलोय इम्यूनिटी बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी है. लेकिन आप आयुर्वेद के डॉक्टर की सलाह के बिना इसका सेवन न करें. दिन में गिलोय की 20 gm मात्रा का सेवन किया जा सकता है. वहीं अगर गिलोय का जूस पी रहे हैं तो इसकी मात्रा 20 एमएल (ml) से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
विश्व साइकिल दिवस — एटलस साइकिल फैक्ट्री बंद -1000 मजदूरों की नौकरी पर संकट
देश की बड़ी साइकिल बनाने वाली कंपनी में शुमार एटलस साइकिल ने
दिल्ली से सटे गाजियाबाद के साहिबाबाद में स्थित अपनी सबसे बड़ी फैक्ट्री को
अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है. विश्व साइकिल दिवस के दिन कंपनी ने ये फैसला
किया है, जिससे 1000 मजदूरों की नौकरी पर संकट आ गया है.
बुधवार को सुबह जब मजदूर काम करने
पहुंचे तो उन्होंने कंपनी के बाहर एक नोटिस लगा पाया जिसमें लिखा था कि कंपनी के
पास फैक्ट्री चलाने का पैसा नहीं है. साहिबाबाद में एटलस की यह फैक्ट्री 1989 से चल रही है.
एटलस साइकिल ने साहिबाबाद की फैक्ट्री में लॉकडाउन से पहले हर महीने दो लाख साइकिलें बनाई जा रही थीं. इस हिसाब से पूरे साल में कंपनी करीब 50 लाख साइकिलों को बनाती थी. अब हालत यह है कि फैक्ट्री के मजदूरों और कर्मचारियों को मई माह का वेतन भी नहीं दिया गया है.
ले-ऑफ नोटिस में कंपनी के प्रबंधक ने कहा कि संचालकों के पास फैक्टरी चलाने के लिए रकम नहीं है. कच्चा माल खरीदने तक के पैसे नहीं हैं. इसलिए कर्मचारियों को तीन जून से ले-ऑफ करने के लिए कहा गया है.
एटलस साइकिल यूनियन के महासचिव महेश कुमार ने बताया कि कंपनी ने लॉकडाउन लागू होने के बावजूद एक और दो जून को सभी कर्मचारियों को कंपनी में काम के लिए बुलाया था. इस दौरान कर्मचारियों ने पूरे दिन काम किया और फिर वो घर चले गए. बुधवार को कर्मचारी ड्यूटी पर पहुंचे तो उन्हें गार्डों ने अंदर नहीं घुसने दिया. इस पर कर्मियों ने रोकने का कारण पूछा तो गार्ड ने बताया कि बैठकी यानी ले-ऑफ लागू कर दी गई है.
कंपनी के पास जब उत्पादन के लिए पैसे नहीं होते हैं, तो उस परिस्थिति में कंपनी कर्मचारियों की छंटनी न करके और किसी प्रकार का अतिरिक्त काम ना कराकर सिर्फ उसकी हाजिरी लगवाती है. कंपनी का कर्मचारी रोजाना गेट पर आकर अपनी हाजिरी नोट कराएगा और उसी हाजिरी के आधार पर कर्मचारी को आधे वेतन का भुगतान किया जाएगा.
‘सामना’ ने गवर्नर कोश्यारी पर साधा निशाना कहा- समानांतर सत्ता केंद्र चलाते हैं
महाराष्ट्र में फाइनल ईयर की परीक्षा न लेते हुए छात्रों को पिछले सत्र के अंकों का मूल्यांकन करके औसत अंक दिए जाने पर राज्य की शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की गठबंधन सरकार और गवर्नर में ठनी हुई है. गवर्नर राज्य की सभी यूनिवर्सिटीज के चांसलर हैं और पहले ही पत्र लिखकर इसको अपना विरोध जता चुके हैं.
आज आग में घी डालने का काम शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने किया. ‘सामना’ ने गवर्नर पर निशाना साधा और संपादकीय में लिखा, ” विपक्ष से पत्र प्राप्त होते ही राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के निर्णय का विरोध करते हुए एक पत्र लिखा और मीडिया में इसकी घोषणा भी. “
संपादकीय में लिखा गया है, ” गवर्नर एक प्रकार से जीतेंगे या मरेंगे जैसे आवेश में हैं. लेकिन किससे जीतना है और किसे मारना है, इसे भी एक बार समझ लेना चाहिए. ”
राज्यपाल का ये कहना की फैसला लेने से पहले उन्हें विश्वास में लेना चाहिए था. उस पर ‘सामना’ ने लिखा है कि उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने राज्यपाल से इस मामले पर चर्चा की थी.
‘सामना’ लिखता है, ” डिग्री की अंतिम परीक्षा को लेकर राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच मतभेदों का सार्वजनिक प्रदर्शन जारी है. राजभवन में संबंधित लोगों की एक बैठक बुलाकर अंतिम परीक्षा के बारे में कोई निर्णय लिया जा सकता था. हालांकि राज्यपाल अधिकारियों आदि को बुलाकर समीक्षा बैठकें करते रहते हैं और समानांतर सत्ता केंद्र चलाते रहते हैं.” यहां बता दें कि मुख्यमंत्री की पत्नी रश्मि उद्धव ठाकरे ‘सामना’ की एडिटर हैं और शिवसेना नेता संजय राउत ‘सामना’ के एसोसिएट एडिटर.
लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाएं कुछ पीछे हट गई है
भारत-चीन के बीच पिछले पीछले कुछ दिनों से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव चल रहा है। इसे लेकर दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर की बातचीत भी की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाएं कुछ पीछे हट गई हैं। बताया जा रहा है कि चीनी सैनिक दो किलोमीटर पीछे हट गए हैं और भारतीय सेना एक किलमीटर पीछे हट गई है। भारत और चीन की सेना फिंगर फोर इलाके में कई हफ्ते से एक दूसरे के सामने डटी हुई हैं। गलवान घाटी में फोर फिंगर क्षेत्र में भारत-चीन सैनिकों के बीच बीते कुछ दिनों से तनाव बना हुआ है। बताया जा रहा है कि यहां का पैंगोंग इलाका सबसे अधिक विवादों में है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिमान भी सभी सुविधाओं से लैस होगा
दुनिया की सबसे ताकतवर राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के विमान की तरह अब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिमान भी सभी सुविधाओं से लैस होगा जल्द ही भारत दो ऐसे खास विमान आने वाले हैं। जो अब अमेरिकी राष्ट्रपति जितने सुरक्षित विमान में सफर के योग्य होंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के लिए दो बेहद खास विमान भारत आने वाले हैं। इस विमान का नाम बोइंग 777 विमान है, जो सितंबर के अंत महीने तक आएगा। बताया जा रहा है कि मिसाइल अटैक से भी सुरक्षित ही विमान पूरी सिक्योरिटी फीचर से लैस होगा। जो अमेरिकी राष्ट्रपति की विमान जैसा बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, जानकारी मिली है कि पहला हैंड ऑफ स्टेट बोइंग 777 विमान अमेरिका से अगस्त के अंत में भारत पहुंचेगा। तो वही दूसरा उससे अगले महीने सितंबर तक पहुंचेगा। ये विमान सेल्फ प्रोटेक्शन सूइट्स (SPS) से लैस होंगे। इन्फ्रारेड रोधी, अडवांस डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूइट्स और मिसाइल हमलों से बचाने वाली तकनीक इन विमानों को बेहद खास बनाते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति की एयर फोर्स वन विमान कितना है। दोनों विमान सुरक्षित होंगे। मिसाइल का इस विमान पर कोई असर नहीं होगा। तो वहीं अन्य सुविधाओं से भी यह विमान पूरी तरह लैस होगा। अभी तक प्रधानमंत्री एयर इंडिया के विमान में यात्रा करते हैं। दोनों विमान 3 साल से कम पुराने हैं।
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