वाराणसी से ही चुनाव लड़ेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी & Top National News
HIGH LIGHT; देश के नमक में प्लास्टिक की मिलावट, घेरे में कई नामी कंपनियां #मोदी सरकार को सवर्ण जातियों की नाराजगी मोल लेनी पड़ रही है # कोलकाता में फ्लाईओवर गिरने से बड़ा हादसा # राहुल गांधी के नॉनवेज खाने की अफवाह फैलाई गई #गुजरात सरकार ने हार्दिक के आंदोलन पर प्रतिक्रिया दी #पुलिस का काम नागरिकों में ये भरोसा जगाना है – सुप्रीम कोर्ट ने 9 पुलिसवालों को 7-7 साल कैद की सज़ा दी #आशंका ये है कि कुछ महीने पहले दलित बनाम सवर्णों का हिंसक प्रदर्शन देख चुके मध्य प्रदेश में आने वाले दिनों में कहीं गुटीय संघर्ष और न भड़के.
एससी-एसटी और ओबीसी को लेकर किए गए फैसलों से केंद्र की मोदी सरकार को सवर्ण जातियों की नाराजगी मोल लेनी पड़ रही है. सरकार के खिलाफ सवर्ण जातियों की बढ़ती नाराजगी को देखते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को कई शीर्ष मंत्रियों के साथ बैठक बुलाई. केंद्र सरकार ने हाल ही में संशोधित अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) एक्ट लागू किया है। लेकिन सरकार के इस संशोधित एससी/एसटी एक्ट का जगह-जगह पर सवर्णों से जुड़े संगठन विरोध कर रहे हैं।
अमित शाह की इस बैठक में मोदी सरकार के शीर्ष मंत्रियों में शामिल अरुण जेटली, निर्मला सीतारमण, प्रकाश जवाड़ेकर, जेपी नड्डा, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल और स्मृति ईरानी ने हिस्सा लिया. इसके अलावा बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव, रामलाल और मीनाक्षी लेखी भी बैठक में शामिल हुईं. सूत्रों के हवाले से खबर है कि बैठक में बीजेपी नेताओं से सवर्ण वर्गों की नाराजगी को लेकर चर्चा की गई. बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि मोदी सरकार की ओर से ओबीसी और दलितों को लेकर किए गए फैसलों से सवर्ण जाति में नाराजगी फैल रही है और इस नाराजगी को कैसे दूर किया जाए. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली सरकार चाहती है कि सवर्ण जातियों की नाराजगी को किस तरह से दूर किया जाए जिससे यह तबका भी पार्टी के साथ जुड़ा रहे. साथ ही एससी/एसटी और ओबीसी जाति के लोग भी नाराज ना हों. इसी मसले को लेकर अमित शाह ने एनडीए के घटक दलों के नेताओं के साथ भी बात की है.
बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र का एससी-एसटी एक्ट को लेकर एक बड़ा बयान आया है. कलराज मिश्र ने कहा, “ज़मीन पर एससी-एसटी एक्ट का दुरूपयोग हो रहा है. मैं कानून के ख़िलाफ़ नहीं हूं, लेकिन ज़मीन पर लोगों के अंदर असमानता का भाव पैदा हो रहा है. अधिकारी भी डर रहे हैं कि अगर मुकदमा दर्ज़ नहीं हुआ तो कार्यवाही हो जाएगी. फ़र्ज़ी मुकदमों में लोगों को गिरफ़्तार किया जा रहा है.सभी दल के लोगों ने इसे दबाव देकर बनवाया गया है, सभी दल ज़मीन से फ़ीडबैक लेकर इसमें बदलाव कराएं.” कलराज मिश्र से जब पूछा गया कि आपकी ही की सरकार सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद अध्यादेश लेकर आई है. तो इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सभी दलों का दवाब था, लेकिन अब जमीन से आ रहे फीडबैक पर ध्यान देना चाहिए. जीएसटी कानून के बाद लगातार काउंसिल की मीटिंग करके बदलाव किए गए, तो तो एससी-एसटी एक्ट में भी बदलाव किए जाएं. कलराज मिश्र से जब सवाल किया गया कि क्या आपने मोदी जी को कोई पत्र लिखा है या कोई बात हुई है? इसके जवाब में उन्होंने कहा वो कभी पत्र नहीं लिखते हैं, जो कहना होता है वो चर्चा मिलकर होती है. मेरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात नहीं हो पाई है इसलिए मैं आपके माध्यम से ये सरकार को फ़ीडबैक दे रहा हूं. सभी दलों को मिलकर बदलाव करना होगा. ज़मीन पर एक्ट को लेकर माहौल ख़राब है. सौहाद्र बिगड़ रहा है.
भोपाल: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से एससी-एसटी एक्ट में संसोधन से सवर्ण नाराज़ हो गए हैं. 6 सितंबर को सवर्णों ने भारत बंद का एलान किया है. इसे देखते हुए मध्य प्रदेश प्रशासन भी अपनी तैयारियों में जुट गया है. प्रदेश के शिवपुरी, भिंड और छतरपुर में धारा 144 लागू कर दी गई है. एससी एसटी एक्ट के खिलाफ सूबे के सामान्य वर्ग में जबरदस्त नाराजगी है. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आज राजपूत करणी सेना के बैनर तले एक बड़ी रैली की गई. इस रैली में बीजेपी और कांग्रेस दोनों के खिलाफ नेताओं ने आग उगली. रैली का आयोजन कथा वाचक देवकी नंदन ठाकुर ने किया था. कऱणी सेना की भारत बंद की ये ललकार मध्य प्रदेश से निकलकर राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी की परेशानी बढ़ा सकती है, क्योंकि राजस्थान में इस संगठन का बड़ा प्रभाव है. ऐसा नहीं है कि सामान्य वर्ग यानी ब्राह्मण, राजपूत, वैश्य, यादव, कुर्मी जैसी जातियों के लोगों के गुस्से का शिकार सिर्फ बीजेपी के नेता हो रहे हैं. सतना में कांग्रेस के नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के सामने लोगों ने नारेबाजी की. ये पूरा विवाद उस एक्ट को लेकर है जिसमें मोदी सरकार ने संशोधन कर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट दिया था. अब सवर्ण और ओबीसी समाज सरकार के फैसले के खिलाफ खड़ा हो गया है और विरोध बीजेपी कांग्रेस दोनों का हो रहा है. ऐसे में अगर ये विरोध चलता रहा तो फिर बीजेपी के लिए बड़ी परेशानी हो सकती है.
दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार की ओर से लाए गए एससी/एसटी कानून को लेकर कई सवर्ण संगठनों द्वारा छह सितंबर को आहूत की गई ‘भारत बंद’ के मद्देनजर समूचे मध्य प्रदेश में पुलिस अलर्ट हो गई है.
मध्य प्रदेश में 6 सितंबर के बंद के मद्देनजर कई जिलों में धारा 144 लागू की गई है। मध्य प्रदेश में एससी/एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सवर्ण संगठनों ने भारत बंद बुलाया है। भारत बंद से पहले सतना, भिंड, शिवपुरी, ग्वालियर और अन्य जिलों में धारा 144 लगा दी गई है। 6 सितंबर को लगभग 35 संगठनों ने बंद का आह्वान किया है।
इसी के तहत राज्य के 3 जिलों मुरैना, भिंड और शिवपुरी में ऐहतियाती तौर पर मंगलवार से धारा 144 तत्काल प्रभाव से लगा दी गई जो सात सितंबर तक प्रभावी रहेगी. मध्य प्रदेश में एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था (सपाक्स) के द्वारा शुरू किया गया आंदोलन पूरे राज्य में फैलता जा रहा है. प्रशासन को डर है कि राज्य में विरोध प्रदर्शन के दौरान दलित समुदाय के युवा प्रदर्शन कर सकते हैं और अगर ऐसा होता है तो हिंसा भड़क सकती है.
मध्य प्रदेश में यूं तो द्वि-दलीय राजनीतिक व्यवस्था है, कांग्रेस और बीजेपी. जो तीसरा दल कभी सीमावर्ती इलाकों में सिर उठा भी पाया, तो बहुत कमजोर तरीके से, लेकिन इस बार तस्वीर बदली है. इस बार गैर राजनीतिक संगठन सपाक्स ने तेजी से अपने पैर पसारे हैं. सवर्ण बनाम दलित की लड़ाई से उपजा यह सरकारी कर्मचारियों का संगठन न केवल राजनीतिक दल का, बल्कि कुछ जगह सामाजिक आंदोलन की शक्ल लेता जा रहा है. ऐसा नहीं है कि आजादी के आंदोलन की तरह इनकी गतिविधियां चोरी-छिपे हो रही हैं, बल्कि ये दिलेरी से हर शहर में मीटिंग कर रहे हैं.
सबसे ज्यादा इनसे युवा जुड़ रहे हैं, वे युवा जो भले ही अपनी कमजोरी के कारण प्रतियोगी परीक्षा नहीं पास कर पाते लेकिन उसकी जाहिरा वजह आरक्षण को मानते हैं. ये ठीक है सपाक्स सरकार बनाने या गिराने की निर्णायक भूमिका में इस चुनाव में तो नहीं होगी, लेकिन राजनीतिक दलों के कान उमेठने की स्थिति में तो जरूर है.
बीते कुछ दिनों में कांग्रेस नेता कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर दिग्विजय सिंह तक इन सवर्णों का सार्वजनिक गुस्सा झेल चुके हैं. बीजेपी रविवार को सीधी में हुई घटना के लिए भले ही कांग्रेस को निशाने पर ले रही है लेकिन उसके पीछे भी सवर्णों का ही हाथ बताया जा रहा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रथ में तब हमला करना जब वे खुद उस रथ में बैठे में हो, ये बताता है कि आरक्षण के खिलाफ गुस्सा दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है
कांग्रेस और बीजेपी चोरी छिपे तो सपाक्स के नेताओं से मिलते और बात करते हैं, लेकिन जाहिर तौर पर उन्हें अपना साथी कहने से बचते हैं. वजह भी है कि मध्य प्रदेश में सवर्णों का वोट बैंक बहुत छोटा है. सबसे ज्यादा 50 फीसदी से अधिक वोटर ओबीसी हैं, उसके बाद एसटी और फिर एससी. सबसे आखिर में नंबर सवर्णों का आता है. दोनों राजनीतिक दल इसी कारण इस गुस्से को अनदेखा कर रहे हैं, लेकिन आशंका ये है कि कुछ महीने पहले दलित बनाम सवर्णों का हिंसक प्रदर्शन देख चुके मध्य प्रदेश में आने वाले दिनों में कहीं गुटीय संघर्ष और न भड़के.
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कोलकाता में फ्लाईओवर गिरने से बड़ा हादसा
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में फ्लाईओवर गिरने से बड़ा हादसा हो गया है. दक्षिण कोलकाता के माझेरहाट फ्लाईओवर का एक हिस्सा टूट गया जिसमें कई लोगों को दबे होने की आशंका जताई जा रही है. हादसे में 1 की मौत हो गई जबकि 19 लोग घायल हो गए हैं. हादसे के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए घटना पर दुख जताया और इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. मेरी संवेदना पीड़ित परिवारों के साथ है. मैं घायल लोगों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.राज्य सरकार ने हादसे में मारे गए मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है. जबकि घायलों को 50 हजार मुआवजा दिया जाएगा.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह ने हादसे पर दुख जताया और ट्विट करते हुए कहा कि मैंने पार्टी कीबंगाल ईकाई से कहा है कि वे सर्च ऑपरेशन में मदद करें और जरुरतमंदों की मदद करें. साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की. वहीं पार्टी के महासचिव राहुल सिन्हा ने हादसे के लिए मुख्यमंत्री ममता और पीडब्ल्यूडी मंत्री का इस्तीफा मांगा.
राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने घटनास्थल का दौरा किया. हादसे पर उन्होंने कहा कि पुल का और अच्छे से मेंटेनेंस किया जाना चाहिए था. कुछ समय पहले पुल को लेकर शिकायत की गई थी. मैं नहीं जानता कि पीडब्ल्यूडी ने इस पर ध्यान दिया या नहीं. इसके रखरखाव की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी और रेलवे के पास है. हादसे की जांच होनी चाहिए. हादसे पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पूरे मामले की जांच मुख्य सचिव की निगरानी में होगी. रोजाना हजारों लोगों की आवाजाही वाले पुल पर जरूरी हुआ तो कई अन्य जरूरी एक्शन लिए जाएंगे. यह गंभीर मामला है.
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राहुल गांधी के नॉनवेज खाने की अफवाह फैलाई गई
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा पर निकले हुए हैं. इसी के तहत राहुल गांधी 31 अगस्त को नेपाल पहुंचे थे. राहुल गांधी नेपाल की ओर से कैलाश मानसरोवर यात्रा कर रहे हैं नेपाल पहुंचते ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर विवादों में फंस गए. एक बार फिर उनके खाने को लेकर विवाद शुरू हो गया.
यह पहली बार नहीं है कि राहुल गांधी के खाने को लेकर विवाद हुआ है. कर्नाटक चुनाव कैंपेन के दौरान भी मंदिर जाने से पहले राहुल गांधी के नॉनवेज खाने की अफवाह फैलाई गई थी. हालांकि इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई थी.
नेपाल पहुंचकर राहुल गांधी ने काठमांडू के आनंद भवन स्थित वूटू फूड बुटिक में खाना खाया. राहुल गांधी के इसी खाने पर विवाद हो गया. नेपाली मीडिया में खबर छपी कि राहुल गांधी ने नॉनवेज यानी मांसाहारी खाना खाया. नेपाली मीडिया के अनुसार राहुल ने इस रेस्टोरेंट की फेमस नॉनवेज डिश नेवारी डिश खाई जिसके तहत उन्होंने चिकन मोमो, चिकन कुरकुरे और बंदेल की डिश ऑडर की थी. इसके बाद विवाद हो गया कि राहुल गांधी ने हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है. सोशल मीडिया पर राहुल गांधी के खिलाफ मैसेज शेयर होने लगे.
रेस्टोरेंट के अनुसार राहुल गांधी ने वेज खाना खाया. रेस्टोरेंट की ओर से कहा गया कि मीडिया की तरफ से काफी पूछताछ की जा रही है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने वूटू में क्या खाया. उन्होंने मेन्यू देखकर शुद्ध शाकाहारी भोजन ऑर्डर किया था. वूटू ने उनके खाने के संबंध में किसी मीडिया संस्थान को कोई बयान जारी नहीं किया है राहुल गांधी ने रेस्टोरेंट में फेमस वेज थाली संडेको वेज प्लेटर ऑर्डर की थी. इसमें कई तरह की सब्जियां और साग परोसी जाती है.
हालांकि विवाद के बाद वूटू Vootoo Food Voutique ने अपने फेसबुक पेज पर सफाई दी. रेस्टोरेंट के अनुसार राहुल गांधी ने वेज खाना खाया. रेस्टोरेंट की ओर से कहा गया कि मीडिया की तरफ से काफी पूछताछ की जा रही है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने वूटू में क्या खाया. उन्होंने मेन्यू देखकर शुद्ध शाकाहारी भोजन ऑर्डर किया था. वूटू ने उनके खाने के संबंध में किसी मीडिया संस्थान को कोई बयान जारी नहीं किया है राहुल गांधी ने रेस्टोरेंट में फेमस वेज थाली संडेको वेज प्लेटर ऑर्डर की थी. इसमें कई तरह की सब्जियां और साग परोसी जाती है. रेस्टोरेंट के अनुसार राहुल ने अचारी आलू और सादा वेज खाना खाया, जिसमें क्रिस्पी कॉर्न आदि शामिल था. कांग्रेस के अनुसार जब होटल प्रबंधन ने कहा दिया कि राहुल गांधी ने शुद्ध शाकाहारी खाना खाया तो फिर बाकी का विवाद बेकार है. ये बीजेपी का अजेंडा है. बीजेपी राहुल गांधी की मानसरोवर यात्रा में विघ्न पैदा करना चाहती है. ये देव और दानवों की लड़ाई है.
राहुल गांधी की कैलाश मानसरोवर यात्रा 12 दिन की है. वह दिल्ली से उड़ान भरकर 31 अगस्त शुक्रवार को शाम 5.30 बजे काठमाण्डू आए थे और काठमाण्डू के होटेल यार्डिसन में ठहरे थे. मानसरोवर यात्रा के दौरान राहुल गांधी काठमांडू होते हुए चीन की तरफ गए हैं.
यह पहली बार नहीं है कि राहुल गांधी के खाने को लेकर विवाद हुआ है. कर्नाटक चुनाव कैंपेन के दौरान भी मंदिर जाने से पहले राहुल गांधी के नॉनवेज खाने की अफवाह फैलाई गई थी. हालांकि इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई थी.
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गुजरात सरकार ने हार्दिक के आंदोलन पर प्रतिक्रिया दी
गुजरात सरकार ने मंगलवार को दावा किया कि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल का आरक्षण आंदोलन कांग्रेस के समर्थन वाली राजनीति से प्रेरित मुहिम है. पहली बार बीजेपी सरकार ने 25 वर्षीय हार्दिक के आंदोलन पर प्रतिक्रिया दी है जो किसानों के लिए कर्ज में छूट तथा पाटीदारों को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा क्षेत्र में ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण देने की मांग को लेकर पिछले 11 दिन से बेमियादी अनशन पर हैं.
गुजरात के ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल ने एक बयान में कहा,‘पाटीदार आरक्षण आंदोलन कांग्रेस के समर्थन वाली राजनीतिक मुहिम है. तीन साल पहले आंदोलन शुरू होने के समय से हमें संदेह था कि इसके पीछे कांग्रेस है. अब हमारा संदेह सच हो गया है.’ सौरभ ने कहा कि हार्दिक के आवास पर उससे मिलने गये कांग्रेस के नेता ‘बीजेपी विरोधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधी’ हैं. मंत्री ने कहा,‘आरक्षण आंदोलन राजनीति से प्रेरित है. कांग्रेस को आरक्षण को लेकर अपना रुख साफ करना होगा, जब उच्चतम न्यायालय और कई उच्च न्यायाल पहले ही साफ कर चुके हैं कि आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता.’’ उन्होंने हार्दिक पटेल से डॉक्टरों को मेडिकल जांच करने देने का आग्रह किया. ऊर्जा मंत्री ने कहा,‘हमें उनकी सेहत की भी फिक्र है. हमारी सरकार चाहती है कि वह डॉक्टरों के साथ सहयोग करें.’
इससे पहले अपनी भूख हड़ताल के नौवें दिन रविवार (2 सितंबर) को हार्दिक पटेल ने अपनी वसीयत जारी की। एक पाटीदार नेता ने कहा कि पटेल ने अपने माता-पिता, एक बहन, 2015 में कोटा आंदोलन के दौरान मारे गए 14 युवाओं के परिजनों और अपने गांव के पास एक पंजरापोल (बीमार और पुरानी गायों के लिए आश्रय) के बीच अपनी संपत्ति का वितरण किया है। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के प्रवक्ता मनोज पनारा ने कहा कि पटेल ने अपनी मृत्यु के बाद अपनी आंखें दान करने की इच्छा व्यक्त की है।
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पुलिस का काम नागरिकों में ये भरोसा जगाना है – सुप्रीम कोर्ट ने 9 पुलिसवालों को 7-7 साल कैद की सज़ा दी
नई दिल्ली: हिरासत में पिटाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 9 पुलिसवालों को 7-7 साल कैद की सज़ा दी है. नागपुर के 25 साल पुराने इस मामले में जिस शख्स को पीटा गया था उसकी मौत हो गई थी. महाराष्ट्र सरकार ने सभी पुलिसवालों को हत्या का दोषी करार देते हुए उम्र कैद दिए जाने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने सभी पुलिसवालों को IPC की धारा 330 (गुनाह कबूल करवाने के लिए हिरासत में पिटाई) का दोषी माना है. दरअसल, पोस्टमार्टम में मौत की वजह पिटाई को न बताए जाने के चलते निचली कोर्ट ने पुलिसवालों को हत्या के आरोप से मुक्त किया था. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस निष्कर्ष को माना है. लेकिन घटना की रात पुलिसवालों के बर्ताव को निहायत आपत्तिजनक मानते हुए 7 साल की अधिकतम सज़ा दी है
23 जून 1993 को एक कांस्टेबल नागपुर के देवलपार पुलिस थाने के इंस्पेक्टर नरुले के पास तीन लोगों को लेकर पहुंचा. उनके साथ शहर के एक होटल में हुई लूट की घटना की जानकारी दी. उन लोगों ने घटना की कोई रिपोर्ट पुलिस में नहीं लिखवाई थी. लेकिन रात को करीब 1 बजे इंस्पेक्टर 10 पुलिसवालों की टीम लेकर जॉइनस नाम के शख्स के घर पहुंच गई थी. जॉइनस पर पहले भी चोरी के कुछ मामलों में शामिल होने के आरोप लग चुके थे. पुलिस टीम ने जॉइनस को घर के बाहर एक खंभे पर बांध कर खूब पीटा. बाद में एक और जगह पर भी ले जाकर उसकी पिटाई की गई. फिर रात 3.45 पर उसे अधमरी हालत में लॉकअप में बंद किया गया. सुबह तक उसकी मौत हो चुकी थी. पुलिस टीम पर जॉइनस की पत्नी ज़रीना के साथ छेड़छाड़ और उसके नाबालिग बच्चों को तंग करने के भी आरोप लगे. हालांकि, निचली कोर्ट में ये आरोप साबित नहीं हो सके. हाई कोर्ट ने 10 पुलिसवालों में से एक को सबूतों के अभाव में बरी किया. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी 9 लोगों को हिरासत में पिटाई का दोषी करार दिया.
कोर्ट की सख्त टिप्पणी
जस्टिस एन वी रमना की बेंच ने फैसले में पुलिस को उसके फ़र्ज़ की याद दिलाई है. फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा, “शक्ति और जिम्मेदारी साथ चलते हैं. ज्यादा ताकत का मतलब है, बड़ी जिम्मेदारी. पुलिस का काम नागरिकों में ये भरोसा जगाना है कि देश में कानून का राज है. पुलिस को लोगों के लिए जवाबदेह बनना होगा. अपराध पर नियंत्रण जरूरी है लेकिन उसके लिए गलत तरीके नहीं अपनाए जा सकते.”
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वाराणसी से ही चुनाव लड़ेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा चुनाव 2019 में ओडिशा के पुरी से चुनाव लड़ने की अटकलों के बीच आज साफ हो गया है कि वह वाराणसी से ही चुनाव लड़ेंगे. बीजेपी ने वाराणसी में पूरी ताकत लगाने का फैसला किया है.
बीजेपी सूत्रों के अनुसार अगले तीन महीनों में 25 केंद्रीय मंत्री बनारस की जनता से सीधे संवाद करेंगे. ये मंत्री अपने मंत्रालयों से जुड़े प्रोफेशनल्स से तो बात करेंगे ही साथ ही उपलब्धियों का लेखा-जोखा रखने के साथ उनकी समस्याओं का समाधान भी करेंगे. हर मंत्री से कहा गया है कि पांच से दस हजार लोगों के सम्मेलन करें. इन सम्मेलनों में मंत्री बनारस में हुए अपने मंत्रालयों के काम का ब्यौरा देंगे. इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. हाल ही में कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने बनारस में पांच हजार किसानों का सम्मेलन किया था. अगले हफ्ते रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा कुलियों के बीच जाएंगे. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद वकीलों से संवाद करेंगे तो वहीं वित्त राज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ला चार्टर्ड अकाउंटेंट से मिलेंगे. स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा डॉक्टरों से मुख़ातिब होंगे, रसायन व उर्वरक मंत्री अनंत कुमार केमिस्ट से बात करेंगे, सड़क एवं परिवहन राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ई रिक्शा चालकों से मिलेंगे, वहीं ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ग्राम प्रधानों से संवाद कर उनकी राय जानेंगे, महिला कल्याण के लिए काम करने वाली संस्थाओं से महिला विकास मंत्री मेनका गांधी बात करेंगी, तो बुनकर और साड़ी बनाने वाले कारीगरों से वस्त्र मंत्री स्मृति ईरानी मुखातिब होंगी. बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह कार्यक्रम सिर्फ पीएम के चुनाव क्षेत्र तक ही सीमित नहीं रहेगा. इसे अन्य चुनाव क्षेत्रों में भी आयोजित किया जाएगा. इसका नाम सांसद जन संवाद रखा गया है. इसमें हर चुनाव क्षेत्र में व्यवसायिकों से सीधा संवाद किया जाएगा. इसका मकसद यह जानना है कि सरकार के फैसले जमीन तक पहुंच भी पा रहे हैं या नहीं. साथ ही, सरकारी योजनाओं के बारे में जनता की क्या राय है?
##### मुझे गिरफ्तार करिए- दिग्विजय
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पर नक्सली कनेक्शन का आरोप लगाया है।
संबित पात्रा के द्वारा लगाए गए आरोप पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर ऐसा है तो सरकार मुझे गिरफ्तार करे। पहले देशद्रोही, अब नक्सली। इसलिए, मुझे गिरफ्तार करिए।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने आज भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तारियों के दौरान रेड में मिली एक खत का हवाला देते हुए कहा कि दो कॉमरेडों के बीच एक खत का आदान प्रदान हुआ था, जिसमें एक फोन नंबर लिखा हुआ है।
जिसमें प्रदर्शन के लिए नक्सली को फंड देने की बात कही गई है और उसमें कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का नंबर मिला है, जो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के गुरु हैं। पात्रा ने कांग्रेस नेताओं पर नक्सलियों का समर्थन करने का आरोप लगाया।
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