प्रभु शक्ति की कृपा से सकुशल बचे सुमित्रा महाजन, नायडू, मुख्यमंत्री शिवराज
देहरादून आवास पर सीबीआई छापा #देर रात प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय # स्वामी ने की थी सीबीआई जांच की मांग #सीबीआई रेड पर एनडीटीवी ने अपनी वेबसाइट पर अपनी बात रखी है # Dehradun: Caretakers at NDTV co-founder Prannoy Roy’s house say 6-7 people from CBI came in the morning and searched the house. 11:40 AM – 5 Jun 2017
TOP NATIONAL NEWS; 5 JUNE 2017 BY :”HIMALYA GAURAV UTTRAKHAND” प्रेस की आज़ादी पर खुला राजनीतिक हमला #सत्ता के खिलाफ उठी आवाजों को चुप कराने की हो रही है कोशिश #मुस्लिमों से घर में तुलसी का पेड़ लगाने और गोश्त ना खाने की सलाह # भ्रष्टाचार के केस में फंसे सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ अप सिर्फ छह महीने में ही फैसला आएगा #भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में सफलता का नया परचम #बांदीपुरा में सुरक्षाबलों ने चार आतंकवादियों को मार गिराया#एनडीटीवी के को-फाउंडर प्रणय रॉय के घर सीबीआई के छापों का विरोध # चीन भारत का सपोर्ट नहीं करेगा # www.himlayauk.org (Leading Digital Newsportal)
सीबीआई ने देर रात प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय के दिल्ली और देहरादून के आवास पर छापा मारा है. द न्यूज मिनट वेबसाइट के मुताबिक एनडीटीवी बैंक लोन का डिफॉल्टर है. बताया जा रहा है कि इस ग्रुप ने 48 करोड़ का लोन किसी कंपनी के जरिए आईसीआईसीआई बैंक से लिया था. सूत्रों ने पुष्टि की है कि सरकार के दबाव में सीबीआई को एक व्यक्ति की ग़लत शिकायत के आधार पर एफ़आईआर दायर करने के लिए मजबूर किया गया. ये व्यक्ति NDTV से असंतुष्ट उसी का एक पूर्व कंसल्टेंट संजय दत्त है जो झूठे आरोप लगाता रहा है और उनके आधार पर अदालतों में केस दायर करता रहा है. संजय दत्त अभी तक इनमें से किसी भी अदालत से कोई भी आदेश लाने में नाकाम रहा है.
क़ानून के जानकार हैरान हैं कि जहां अदालतें इतने सालों तक उसकी शिकायतों पर आदेश देने से इनकार करती रहीं वहीं सीबीआई ने उसकी एक निजी शिकायत पर छापे डाल दिए.
प्रणय रॉय पर फंड डायवर्जन का आरोप है. सीबीआई प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय से इस मामले में भी पूछताछ कर रही है. प्रणय रॉय के घर सीबीआई छापे को लेकर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्विटर पर लिखा है कि कानून का डर जरूरी है और ये सब पर लागू होना चाहिए फिर चाहे आप कोई भी हो. सीबीआई रेड पर एनडीटीवी ने अपनी वेबसाइट पर अपनी बात रखी है. अपने ऑफिशियल स्टेटमेंट में एनडीटीवी ने लिखा है- सीबीआई ने एनडीटीवी और उसके प्रमोटर्स को वही पुराने और झूठे आरोपों को लेकर आज सुबह निशाना बनाया. कई एजेंसियों द्वारा निशाना बनाए जाने के खिलाफ एनडीटीवी और उसके प्रमोटर अंत तक लड़ेंगे. भारत के लोकतंत्र और बोलने की आजादी को कमजोर करने की इन कोशिशों के खिलाफ हम चुप नहीं बैठेंगे. भारत के संस्थानों को बर्बाद करने की कोशिश करने वालों के लिए हमारे पर एक संदेश है और वो ये है कि हम अपने देश के लिए लड़ेंगे और इन शक्तियों पर जीत हासिल करेंगे.
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने फेमा प्रावधानों का उल्लंघन करने को लेकर एनडीटीवी के खिलाफ 2,030 करोड़ रुपए का नोटिस जारी किया था. ईडी का ये नोटिस एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय रॉय, राधिका रॉय और सीनियर एग्जीक्यूटिव केवीएल नारायण राव के खिलाफ जारी किया गया था. आपको बता दें कि पिछले साल बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एनडीटीवी पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप लगाया था. स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सीबीआई और ईडी से इस मामले में जांच कराने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि सीबीआई और ईडी एनडीटीवी नेटवर्क के शेयरहोल्डर्स से पूछताछ करे.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने एनडीटीवी के को-फाउंडर प्रणय रॉय के घर सीबीआई के छापों का विरोध किया है, और कहा है कि हम सीबीआई के छापे की घोर निंदा करते हैं और ये असहमति की आवाज को चुप कराने की एक कोशिश है। अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘ हम डॉ प्रणय रॉय और एनडीटीवी समूह पर छापों की घोर निंदा करते हैं, ये आजाद और सत्ता के खिलाफ उठी आवाजों को चुप कराने की एक कोशिश है।’ आप नेता अरविंद केजरीवाल ने कई पत्रकारों के ट्वीट को भी रिट्वीट किया है। इन ट्वीट्स में पत्रकारों ने एनडीटीवी समूह पर छापे को गलत बताया है। जांच एजेंसी सीबीआई ने एनडीटीवी के को-फाउंडर प्रणय रॉय के घर सोमवार (5 जून) को छापा मारा है। सीबीआई ने प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय के खिलाफ केस भी रजिस्टर किया है। इन दोनों पर ये केस निजी बैंक आईसीआईसीआई को कथित तौर पर 48 करोड़ रुपये का घाटा पहुंचाने के आरोप में दर्ज किया गया है।
केजरीवाल के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया में लोग उनके पक्ष और समर्थन में ट्वीट कर रहे हैं। प्रमिला नाम की यूजर ने लिखा, ‘पहले अलगाववादियों पर छापे पड़े,फिर NDTV पर और परेशान AAP वाले हैं।’ वही अमित कुमार नाम के एक यूजर ने लिखा है कि प्रेस की आजादी के समर्थक सभी लोगों को अपना डीपी बदलकर आईस्टैंडविदएनडीटीवी रखना चाहिए। रजनी पाटिल ने लिखा है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को पहले कपिल शर्मा के आरोपों पर सफाई देनी चाहिए, कपिल शर्मा ने केजरीवाल पर दो करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने पहले भी अपने दफ़्तर पर सीबीआई छापे का विरोध किया था, और कहा था कि पीएम नरेन्द्र मोदी इनकी लोकप्रियता से डरकर ये कार्रवाई करवा रहे हैं।
सीबीआई ने शेयरों का लेन-देन सेबी से छिपाने और एक निजी बैंक को नुकसान पहुंचाने के आरोप के चलते आज एनडीटीवी के मालिक प्रणय रॉय के घर पर तलाशी ली. चैनल ने इस कदम को ‘पुराने झूठे आरोपों’ पर आधारित ‘बदले की कार्रवाई’ करार दिया.
सरकार पर केजरीवाल का हमला
इस कार्रवाई के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसकी निंदा की. केजरीवाल ने कहा कि ये ‘‘स्वतंत्र और सत्ता-विरोधी आवाजों को बंद कर देने’’ का प्रयास है.
केजरीवाल ने ट्वीट में कहा, ‘‘हम डॉ रॉय और एनडीटीवी समूह पर की गई छापेमारी की कड़ी निंदा करते हैं. यह स्वतंत्र और सत्ता विरोधी आवाजों को बंद कर देने की कोशिश है.’’
सरकार का जवाब: राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं – वेंकैया नायडू
सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय राय की संपत्तियों पर सीबीआई के छापे कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं है और कानून अपना काम कर रहा है.
नायडू ने कहा ‘‘अगर कोई कुछ गलत करता है तो केवल इसलिए आप सरकार से चुप रहने की अपेक्षा नहीं कर सकते कि वह मीडिया से संबद्ध है.’’
उन्होंने कहा कि अधिकारी अपनी ड्यूटी कर रहे हैं और इसमें कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि देश में मीडिया स्वतंत्र और आजाद है.
एनडीटीवी का बयान
एनडीटीवी ने इसे ‘बदले की कार्रवाई’ करार दिया. टीवी चैनल ने अपने एक बयान में कहा, ‘‘आज सुबह सीबीआई ने पुराने अंतहीन झूठे आरोपों के आधार पर एनडीटीवी और उसके प्रमोटरों के संगठित उत्पीड़न को और अधिक बढ़ा दिया.’’ चैनल ने कहा कि वो इस बदले की कार्रवाई के खिलाफ लगातार लड़ते रहेंगे.
बयान में कहा गया, ‘‘हम भारत में लोकतंत्र और बोलने की स्वतंत्रता को बुरी तरह से कमजोर कर देने के इन प्रयासों के आगे घुटने नहीं टेकेंगे. भारत के संस्थानों और भारत जिन चीजों के लिए खड़ा है, उन्हें बर्बाद करने की कोशिश करने वालों के लिए हम एक संदेश देना चाहते हैं- हम अपने देश के लिए लड़ेंगे और इन ताकतों पर जीत हासिल करेंगे.’’
आरोप और कार्रवाई
सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने आईसीआईसीआई बैंक को कथित तौर पर 48 करोड़ रूपए का नुकसान पहुंचाने के मामले में रॉय, उनकी पत्नी राधिका और आरआरपीआर होल्डिंग्स के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है.
उन्होंने कहा कि एजेंसी दिल्ली और देहरादून में चार स्थानों पर तलाशी ले रही है.
आरआरपीआर होल्डिंग्स ने जनता से एनडीटीवी के 20 प्रतिशत शेयर खरीदने के लिए इंडिया बुल्स प्राइवेट लिमिटेड से कथित तौर पर 500 करोड़ रूपए का कर्ज़ लिया था. सीबीआई ने आरोप लगाया कि एनडीटीवी के प्रमोटरों ने एनडीटीवी में अपने तमाम शेयरों को गिरवी रखकर आईसीआईसीआई से यह रिण लिया था.
2015 में Caravan में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2000 के मध्य के बाद से रॉय द्वारा की गई फाइनेंशियल ट्रांजेक्शंस पर सरकारी एजेंसियां की करीबी नजर थी. अगर एनडीटीवी पर लगे आरोप सच साबित होते हैं, तो इससे चैनल की छवि को भारी नुकसान पहुंचेगा. इसके पहले सेबी ने 2016 में एनडीटीवी और इसके प्रमोटर्स के खिलाफ एक्शन लिया था. सेबी का आरोप था कि 2009 में टेलीविजन कंपनी के भीतर पदों को लेकर जो बदलाव हुए उसकी जानकारी सेबी को नहीं दी गई थी. जून 2015 में सेबी ने एनडीटीवी पर 2 करोड़ का जुर्माना भी लगाया था. सेबी ने फायनेंसियल जानकारी छुपाने की वजह से ये जुर्माना लगाया था. एनडीटीवी ने अपने बिजनेस चैनल एनडीटीवी प्रॉफिट को भी बंद कर दिया था.
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पंडाल गिर गया सुमित्रा महाजन, वेंकैया नायडू, मुख्यमंत्री शिवराज चौहान भी मौजूद थे.
इंदौर: इंदौर के दशहरा मैदान में तेज बारिश की वजह से पंडाल गिर गया. वहां उस कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, वेंकैया नायडू, मुख्यमंत्री शिवराज चौहान भी मौजूद थे. इस हादसे में करीब 15-20 लोग घायल हो गए. पंडाल में बैठे 50 लोग इसमें दब गए। 28 लोग घायल हुए। इन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। सीएम ने ट्वीट कर इस मामले की जानकारी दी। सोमवार शाम दशहरा मैदान में ननि ने प्रणाम इंदौर कार्यक्रम आयोजित किया था। यह प्रोग्राम इंदौर को देश की सबसे क्लीन सिटी का अवाॅर्ड मिलने के बाद ऑर्गनाइज किया गया था। शिवराज जनता का शुक्रिया अदा करने पहुंचे थे। वैंकेया और सुमित्रा महाजन भी इस प्रोग्राम में मौजूद थे। नगर निगम ने इसके लिए बड़ा पंडाल लगवाया था। मेयर मालिनी गौड़ भाषण दे रहीं थीं। इसी दौरान पहले आंधी और बाद में बारिश शुरू हो गई। इसकी वजह से पंडाल गिर गया और अफरा-तफरी मची। पंडाल में 50 से ज्यादा लोग दब गए। अफसरों ने सभी मेहमानों को बाहर निकालने का अरेंजमेंट किया। सीएम ने सुमित्रा महाजन, नायडू के साथ ही माया सिंह को भी रवाना किया। सीएम ने मेहमानों से कहा- आप जाइए, मैं यहीं रहूंगा। चौहान ने अफसरों को घायलों के इलाज का ऑर्डर दिया। इसके बाद खुद हॉस्पिटल पहुंचे और मरीजों के हालचाल जाने।शहर के दशहरा मैदान पर चल रहे सीएम के कार्यक्रम में गिरे टेंट से घायल लोगों को यूनिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मुख्यमंत्री ने घोषणा की है, “घायलों के साथ हम सब खड़े हैं. घायलों का इलाज मध्य प्रदेश सरकार कराएगी. प्राकृतिक आपदा में प्रभु शक्ति की कृपा से सभी सकुशल हैं. डॉ. से बात हुई है, घायलों को ज्यादा चोट नहीं आई है, ईश्वर की कृपा से सभी सकुशल हैं. मैं स्वयं भी घटना स्थल पर तब तक रहा जब तक प्रत्येक भाई बहन सकुशल पंडाल से बाहर नहीं आ गए. अभी घायलों से मिलने के लिए हॉस्पिटल पहुंच कर सबके हाल चाल जाने.’ अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) अजय देव शर्मा ने बताया कि दशहरा मैदान पर आयोजित ‘प्रणाम इंदौर’ कार्यक्रम में पंडाल गिरने से घायल कम से कम 23 लोगों को नजदीक के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. यह कार्यक्रम केंद्र के ‘स्वच्छता सर्वेक्षण 2017’ में इंदौर के देश के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब पाने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था. उन्होंने बताया कि पंडाल गिरने से घायल लोगों में शामिल चार गंभीर मरीजों को अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया, जिन्हें सिर और सीने में चोट आयी थी. इन मरीजों की हालत फिलहाल स्थिर है. चश्मदीद लोगों के मुताबिक भारी बारिश के दौरान अचानक पंडाल गिरने से कार्यक्रम में मौजूद सैकड़ों लोगों में भगदड़ मच गयी. इस दौरान पंडाल की बिजली भी गुल हो गयी. पंडाल में घुटने तक बारिश का पानी भर गया. घबराये लोग जैसे-तैसे पंडाल से बाहर निकले.
हादसे के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मौके पर मौजूद रहकर राहत कार्य का निरीक्षण किया और अधिकारियों को जरूरी निर्देश देकर घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया.
##मुस्लिमों से घर में तुलसी का पेड़ लगाने और गोश्त ना खाने की सलाह
नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया में इफ्तार पार्टी में शामिल होने पहुंचे आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने मुस्लिमों से घर में तुलसी का पेड़ लगाने और गोश्त ना खाने की सलाह दी है. साथ ही उन्होंने तीन तलाक को महापाप करार दिया.
उन्होंने हिन्दू आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में खुद का नाम उछाले जाने पर कहा कि भारत सरकार ने उन्हें फंसाने की कोशिश की लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल पाई और सरकार ही बदल गई.
इफ्तार के बाद मीडिया से बात करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि रमजान एक पवित्र महीना है. लोग रोजा रख कर खुद को पवित्र करते हैं. इंद्रेश कुमार ने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने मुस्लिमों से अपील की है कि रमजान में पर्यावरण के लिए पेड़ लगाएं, घर में तुलसी का पौधा लगाएं ताकि जन्नत नसीब हो. गोश्त ना खाएं वो एक बीमारी है. दूध औषधि है, इसलिए मंच द्वारा इफ्तार में दूध का इस्तेमाल किया जा रहा है.
इंद्रेश कुमार का जामिया में विरोध भी हुआ. विरोध पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि जिन्होंने विरोध किया वो शैतान के रास्ते पर जा रहे हैं, हालांकि हमने उनके लिए भी दुआ की. विरोध के बदले उन्हें बात करनी चाहिए थी कि मुल्क और मुसलमानों की तरक्की की बात करनी चाहिए थी. उन्हें बात करनी चहिए थी कि हमें पत्थर-बंदूक नहीं चाहिए, पाकिस्तान का नहीं हिंदुस्तान का झंडा चाहिए.
मोदी सरकार द्वारा इफ्तार पार्टी आयोजित ना करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि केवल इफ्तार पार्टी की बात करना ही साम्प्रदायिक है. हिंदुस्तान की सरकार सेकुलर सरकार है. उसे अगर इफ्तार पार्टी करनी चाहिए तो उसे अन्य त्योहार भी मानना चाहिए. आज की सरकार ने साम्प्रदायिकता का विष खत्म किया है और सद्भावना का अमृत लाया है इसके लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं.
रेप के लिए वैलेंटाइन डे को जिम्मेदार ठहराने वाले अपने कथित बयान पर सवाल पूछने पर इंद्रेश कुमार ने कोई जवाब नहीं दिया. इस इफ्तार पार्टी का आयोजन आरएसएस से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने किया था. इसमें जामिया के कुलपति को भी शामिल होना था लेकिन वो नहीं आए. विरोध के मद्देनजर जामिया परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था.
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भ्रष्टाचार के केस में फंसे सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ अप सिर्फ छह महीने में ही फैसला आएगा
नई दिल्ली: भ्रष्टाचार के केस में फंसे सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ अप सिर्फ छह महीने में ही फैसला आएगा. केंद्र सरकार ने आज पचास साल पुराने कानून में बदलाव करते हुए यह फैसला किया. सरकार के इस फैसले से लंबित पड़े भ्रष्टाचार के मामलों की जांच में तेजी आएगी.
केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने आज जो नोटिफिकेशन जारी किया उसके मुताबिक जांच एजेंसी को छह महीने के भीतर जांच रिपोर्ट देनी होगी. अगर इस समय के अधिक समय तभी मिलेगा जब जांच ऑथॉरिटी लिखित में एक उचित कारण बताएगी.
आपको बता दें कि अभी तक इस तरह की जांच के लिए कोई समय सीमा नहीं थी. नया नियम सभी कैटेगरी के कर्मचारियों पर लागू होगा इनमें आईएएस, आईपीएस भी शामिल हैं. एंटी करप्शन वॉचडॉग के मुताबिक छह महीने का समय जांच अधिकारी की नियुक्ति के बाद से शुरू होगा.
नए नियम के मुताबिक जांच अथॉरिटी सरकार को आरोपों की लिस्ट, दुर्व्यवहार के आरोप की कॉपी, इसके साथ ही गवाहों की लिस्ट जिनके आधार पर आरोप लगे हैं उसे भ्रष्टाचार के आरोपी सरकार कर्मचारी को सौंपना होगा.
अंतरिक्ष के क्षेत्र में सफलता का नया परचम –
भारतीय वैज्ञानिकों ने देश का सबसे वजनी रॉकेट GSLVMK3 को सफलता पूर्वक लॉन्च कर दिया. लॉन्च के साथ ही श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेन्टर में इसरो के वैज्ञानिक खुशी से झूम उठे. 300 करोड़ की लागत से बने इस रॉकेट के लॉन्च के साथ ही अपने यान से अंतरिक्ष में भारतीय को भेजने की संभावनाओं को पंख लग गए हैं.
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों को बधाई
GSLVMK3 के सफलतापूर्वक लॉन्च के बाद राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और प्रधानमंत्री मोदी ने इसरो और देश को बधाई दी. प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, ”GSLV – MKIII D1/GSAT-19 मिशन के सफलतापूर्वक लॉन्च पर इसरो के समर्पित वैज्ञानिकों को बधाई.”
इसरो के अनुसार संचार उपग्रह जीसैट-19 को अंतरिक्ष में ले जाने का 25 घंटे का काउंटडाउन कल शुरू हुआ था. इस सैटेलाइट को अंतरिक्ष में ले जाने का काम देश का सबसे भारी राकेट जीएसएलवी एमके-III डी-1 करेगा. इससे दुनिया में भारत की साख और भी बढ़ जाएगी. जीएसएलवी एमके-III डी-1 राकेट 3,136 किलोग्राम वजन के उपग्रह जीसैट-19 को अंतरिक्ष में स्थापित करेगा.
अब तक 2300 किलोग्राम से अधिक वजन के संचार उपग्रहों के लिए इसरो को विदेशी लॉन्चर्स पर निर्भर रहना पड़ता था. जजीएसएलवी एमके-III डी-1 4000 किलोग्राम तक के पेलोड को उठाकर भूतुल्यकालिक अंतरण कक्षा (जीटीओ) और 10 हजार किलोग्राम तक के पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा में पहुंचाने में सक्षम है.
जीएसएलवी मार्क III डी-1 जिस GSAT19 को लेकर आज उड़ान भरेगा, वो अब तक का सबसे भारी सैटेलाइट है. सैटेलाइट के बारे में अगर आपको बताए तो ये जिओ-स्टेशनरी कम्युनिकेशन सैटेलाइट है, जिसका वजन 3136 किलो का है. यानी अब तक इसरो ने जितने भी उपग्रह लॉन्च किए है, उनमे ये सबसे भारी है.
नयी पीढ़ी का सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी मार्क-III डी-1 को माना जा रहा है. इसमें भी स्वदेशी तकनीक से तैयार क्रायोजेनिक इंजन लगा है, पहले भेजे गये उपग्रहों का प्रभावी डेटा जहां प्रति सेकेंड एक गीगाबाइट है, वहीं जीसैट- 19 से प्रति सेकेंड चार गीगाबाइट डेटा मिलेगा. इसरो चेयरमैन ए एस किरण कुमार ने कहा कि सभी नये यान और सभी नये उपग्रहों के साथ यह एक बड़ा प्रयोग है.
स्पेस साइंस में इसरो (इंडियन स्पेस रीसर्च ऑर्गेनाइजेशन) एक बड़ा नाम है. अमेरिका की नासा जैसी सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी भी इसरो का लोहा मान चुकी हैं. आइए जानते हैं साल 1969 से अबतक कैसा रहा है इसरो का कामयाबी भरा सफर.
GSLV मार्क-3 यानी सबसे ज़्यादा वज़न वाले रॉकेट की लॉन्चिंग पूरी हो गई है, लेकिन इससे पहले भी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान यानी इसरो ने कामयाबी के कई झंडे गाड़े हैं.
‘इसरो’ का कामयाबी भरा सफर
भारत ने 18 जुलाई 1980 को पहला स्वदेशी उपग्रह SLV-3 लांच किया
1990 में पोलर सैटेलाइट लॉन्चिंग व्हीकल (PSLV) तैयार किया
1993 में पीएसएलवी की मदद से पहला उपग्रह अंतरिक्ष की कक्षा में भेजा गया
साल 2001 में पहले GSLV को लॉन्च किया गया जिसकी मदद से जीसैट-वन उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया गया
इसरो ने साल 2008 में महत्वाकांक्षी चंद्रयान मिशन भी शुरू किया
पांच साल बाद 2013 में इसरो ने मंगल अभियान शुरू किया. इसरो का मंगल यान पहली ही कोशिश में ग्यारह महीने बाद मंगल पर पहुंचने में कामयाब रहा. जबकि अमेरिका, रूस और यूरोपीय स्पेस एजेंसियों को इस कामयाबी के लिए कई कोशिस करनी पड़ी.
पिछले साल अप्रैल 2016 में PSLV रॉकेट के जरिये भारत ने अपना सातवां नेविगेशन सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजा और अमेरिका की तरह अपना जीपीएस सिस्टम- नाविक बनाने में कामयाब हुआ.
इसी साल फरवरी में इसरो ने एक साथ 104 सैटेलाइट अंतरक्षि में भेजकर नया कीर्तिमान बनाया. अब इस कड़ी में जीएसएलवी मार्क- 3 नया इतिहास रच दिया है.
बांदीपुरा में सुरक्षाबलों ने चार आतंकवादियों को मार गिराया
जम्मू कश्मीर के बांदीपुरा में सुरक्षाबलों ने चार आतंकवादियों को मार गिराया है. आतंकवादियों ने वहां सुबह 4 बजे सीआरपीएफ के कैंप पर हमला किया था. जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों को मार गिराया है. सुरक्षाबलों के मुताबिक ये फिदायीन हमला था जिसे नाकाम कर दिया गया है. दूसरे आतंकवादियों की तलाश में अभी वहां सर्च ऑपरेशन चल रहा था.
ये हमला आज सुबह करीब तीन बजे के करीब शुरू हुआ था, जब हमलावरों ने सुंभल में 45वें बटेलियन सीआरपीएफ के कैंप में घुसने की कोशिश की थी. हलावरों ने पहले संतरी पोस्ट को निशाना बनाकर फायरिंग की थी और दीवारें कूदकर कैंप के अंदर जाने की कोशिश की थी.
हमले को देखते हुए सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी फायरिंग शुरू कर दी. दोनों ओर से करीब एक घंटे तक गोलीबारी चलती रही. सीआरपीएफ और पुलिस के मुताबिक इस मुठभेड़ मे चार आतंकियों को मार गिराया गया है और मुठभेड़ को खत्म कर दिया गया है. जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है कि ये एक फिदायीन हमला था और फिदायीन हमलावरों ने इस हमले को अंजाम देने की कोशिश की थी और कैंप में घुसना उनका मकसद था. पुलिस का यह भी कहना है कि जिस हथियार और गोला बारूद के साथ ये आतंकि अंदर आ रहे थे, उनका मकसद कैंप के अंदर घुसकर एक लंबी लड़ाई लड़ना था. उनका मकसद किसी परिसर को अपने कब्जे में लेकर सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाना था. अधिकारी ने कहा, ‘‘जवाबी गोलीबारी में चार आतंकवादी मारे गए और आत्मघाती हमले को नाकाम कर दिया गया.’’ उन्होंने कहा कि मारे गए आतंकवादियों के पास से चार एके राइफल, एक यूबीजीएल (अंडरबैरेल ग्रेनेड लांचर) और कुछ गोला-बारूद बरामद किए गए.
घटना की पुष्टि करते हुए जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक शेष पॉल वैद ने ट्वीट किया, ‘‘बांदीपोरा के सम्बल में सीआरपीएफ की 45 बटालियन और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने चार आतंकवादियों को मार गिराया है जो सीआरपीएफ शिविर पर आत्मघाती हमले की कोशिश कर रहे थे.’’
###चीन भारत का सपोर्ट नहीं करेगा
चीन ने नरेंद्र मोदी के रूस में दिए बयान का वेलकम किया है। हालांकि ये भी साफ किया है कि वह एनएसजी (न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप) मेंबरशिप के मसले पर भारत का सपोर्ट नहीं करेगा। बता दें कि मोदी ने कुछ दिनों पहले सेंट पीटर्सबर्ग में कहा था कि भारत-चीन बॉर्डर पर पिछले 40 साल में तनाव होने के बावजूद एक भी गोली नहीं चली है। हमें बाइलैट्रल रिलेशन को ज्यादा मजबूत बनाना चाहिए…
न्यूज एजेंसी के मुताबिक चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन हुआ चुनयिंग ने कहा, “”हमने मोदी के बयान को पॉजिटिव तौर पर लिया है। हम इसका वेलकम करते हैं। दोनों देशों के नेता सीमा विवाद से जुड़े सवालों को ज्यादा अहमियत देते हैं। जब भी वे मिलते हैं, इस मसले पर अपने विचार एक-दूसरे से शेयर करते हैं। दोनों पक्ष इस पर रजामंद हैं कि यह मुद्दा दोनों देशों के हितों से जुड़ा है। इसका एक रणनीतिक पक्ष भी है, दोनों देश इसे हल करने की कोशिश कर रहे हैं।” सीमा विवाद को लेकर दोनों पक्षों के बीच अब तक हुई 19 दौर की बातचीत का जिक्र करते हुए चुनयिंग ने कहा, “दोनों देशों ने बॉर्डर वाले इलाकों में शांति के लिए गंभीर कदम उठाए हैं। हम इस बात पर जोर देते रहे हैं कि चीन और भारत के रिश्तों का बहुत ज्यादा महत्व है। दो बड़े देशों के तौर पर हमें बाइलैट्रल रिलेशन को स्थिर और ज्यादा मजबूत बनाना चाहिए।”
मोदी ने पिछले हफ्ते सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में एक पैनल डिस्कशन में कहा था, “आज दुनिया के सभी देश एक-दूसरे पर डिपेंड हैं, इस बदलाव ने भारत-चीन के लिए भी जरूरी बना दिया है कि वे सीमा विवाद के बावजूद ट्रेड और इन्वेस्टमेंट को लेकर एक-दूसरे को कॉआपरेट करें। सीमा विवाद है, ये एक सच है, लेकिन पिछले 40 साल में एक भी गोली इसके चलते नहीं चली।”
उधर, चीन के फॉरेन अफेयर्स के असिस्टेंट मिनिस्टर लि हुलाई ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा, “बदले हालात में एनएसजी मेंबरशिप के लिए नई दिल्ली के दावे का सपोर्ट करना ज्यादा मुश्किल हो गया है। अब यह नए हालात में एकदम नए सिरे से विचार किए जाने वाला मसला बन चुका है। साथ ही यह पहले जितना सोचा गया था, उससे कहीं ज्यादा जटिल भी हो चुका है।” हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वे किन हालात और किस तरह की मुश्किलों का जिक्र कर रहे हैं। लि हुलाई ने कहा, “नए देशों को एनएसजी की मेंबरशिप के मसले पर चीन ऐसी चर्चा का समर्थन करता है, जो किसी से भेदभाव न करती हो, साथ ही यह एनएसजी के सभी मेंबर्स पर लागू हो।” बता दें कि भारत एनएसजी में शामिल होने के लिए काफी वक्त से कोशिश कर रहा है, लेकिन चीन यह तर्क देकर रास्ता रोक रहा है कि भारत ने एनपीटी (ट्रीटी ऑन नॉन-प्रोलिफरेशन ऑफ न्यूक्लियर वेपंस) पर दस्तखत नहीं किए हैं। दरअसल चीन, भारत के साथ पाकिस्तान को भी एनएसजी मेंबरशिप दिलाना चाहता है।
पिछले महीने यह खबर आई थी कि एनएसजी प्लेनरी की मीटिंग जून में स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में हो सकती है। भारत ने ऑफिशियली पिछले साल मई में एनएसजी की मेंबरशिप के लिए अप्लाई किया था। जून 2016 में सिओल में एनएसजी प्लेनरी की मीटिंग हुई थी, लेकिन चीन समेत 10 देशों के विरोध के चलते भारत को मेंबरशिप नहीं मिल पाई थी। बता दें कि चीन के विरोध के अलावा यूएस, यूके, फ्रांस और रूस भी भारत की एंट्री में अहम रोल निभा सकते हैं।
बीते एक साल से भारत एनएसजी की मेंबरशिप को लेकर अपना पक्ष मजबूत करने को लेकर जुटा है। तुर्की ने भारत को समर्थन देने की बात कही है। साथ ही ये भी कहा है कि वह पाकिस्तान को भी सपोर्ट करेगा। वहीं, न्यूजीलैंड ने भारत के दावे को लेकर कोई ठोस भरोसा नहीं दिलाया है। पिछले साल भारत दौरे पर आए न्यूजीलैंड के पीएम जॉन फिलिप ने कहा था कि वे भारत के दावे पर पॉजिटिव रवैया रखेंगे। हम चाहते हैं कि भारत की मेंबरशिप जल्द से जल्द फैसला हो जाए। न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी और यूरेनियम बिना किसी खास समझौते के हासिल होगी। न्यूक्लियर प्लान्ट्स से निकलने वाले कचरे को खत्म करने में भी एनएसजी मेंबर्स से मदद मिलेगी। साउथ एशिया में हम चीन की बराबरी पर आ जाएंगे। एनएसजी यानी न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप मई 1974 में भारत के न्यूक्लियर टेस्ट के बाद बना था। इसमें 48 देश हैं। इनका मकसद न्यूक्लियर वेपन्स और उनके प्रोडक्शन में इस्तेमाल हो सकने वाली टेक्नीक, इक्विपमेंट और मटेरियल के एक्सपोर्ट को रोकना या कम करना है। 1994 में जारी एनएसजी गाइडलाइन्स के मुताबिक, कोई भी सिर्फ तभी ऐसे इक्विपमेंट के ट्रांसफर की परमिशन दे सकता है, जब उसे भरोसा हो कि इससे एटमी वेपन्स को बढ़ावा नहीं मिलेगा। एनएसजी के फैसलों के लिए सभी मेंबर्स का सपोर्ट जरूरी है। हर साल एक मीटिंग होती है। भारत-चीन 20 साल से सीमा विवाद का हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं। 3488 Km लंबी एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) को लेकर दोनों देशों में विवाद है। सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच अभी तक 19 बार बातचीत हो चुकी है। चीन का दावा है कि अरुणाचल पारंपरिक तौर पर साउथ तिब्बत का हिस्सा है, वहीं भारत अक्साई चिन इलाके को अपना बताता है। 1962 के युद्ध में चीन ने इस इलाके पर कब्जा कर लिया था। पिछले कुछ साल के दौरान चीन ने तिब्बती इलाके में रेल, रोड और एयरपोर्ट्स के कंस्ट्रक्शन पर फोकस बढ़ा दिया है। ये भारत के लिए परेशानी का सबब है, क्योंकि इस तरह के कंस्ट्रक्शन से चीन की सेना इस इलाके में आसानी से मूवमेंट कर सकती है। पिछले कुछ समय से भारत भी बॉर्डर एरिया में इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ा रहा है।
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