कोरोना संकट के लॉकडाउन से बाहर निकली बीजेपी; फेरबदल शुरू & Top News 2 June 20

2 June 20 # Himalayauk Bureau # भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने दिल्ली में बड़ा बदलाव # 24 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव कांग्रेस प्रशांत किशोर की मदद लेगी # अमेरिका के राष्ट्रपति को पुलिस अफसर की सलाह- भारत में राजद्रोह का आरोप होता:  क्वरंटाइन  सेंटर में तोहफ़ा- कंडोम और गर्भनिरोधक गोलियां : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अंडरग्राउंड बंकर में ले जाया गया :जेसिका लाल हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे मनु शर्मा (Manu Sharma) को सोमवार को तिहाड़ जेल (Tihar Jail) से रिहा # Presents by Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने दिल्ली में बड़ा बदलाव किया है. मनोज तिवारी की जगह आदेश गुप्ता को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है.

बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने तिवारी के अलावा तीन और राज्यों की प्रदेश इकाई में बदलाव कर दिया है। छत्तीसगढ़ में पूर्व मंत्री विष्णुदेव साय को अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी दी गई है, उन्हें विक्रम उसेंडी की जगह लाया गया है। साय संघ और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के क़रीबी माने जाते हैं। साय इससे पहले 2006 से 2009 तक और फिर 2013 में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और 1999 से 2014 तक सांसद भी रहे हैं। मणिपुर में भावनानंद की जगह एस टिकेन्द्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। इसके साथ ही बीजेपी के लिए सबसे अहम राज्य माने जाने वाले पश्चिम बंगाल में चन्द्र कुमार बोस को उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। यूँ तो चन्द्र कुमार सुभाष चन्द्र बोस के पोते हैं, लेकिन पिछले साल उन्होंने नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ अपनी राय रखी थी। पश्चिम बंगाल में फ़िल्म अभिनेत्री अग्निमित्रा पॉल को बीजेपी के महिला मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है।

संगठन में इस फेरबदल से साफ़ है कि पार्टी अब कोरोना संकट के लॉकडाउन से बाहर निकल रही है और नए अध्यक्ष जगत प्रसाद नड्डा संगठन पर फ़ैसले लेने लगे हैं। वैसे, दो दिन पहले ही गृह मंत्री अमित शाह ने एक टीवी इंटरव्यू में माना कि कुछ लोग अब भी उन्हें ‘अध्यक्ष जी’ कहते हैं।

भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनोज तिवारी को दिल्ली बीजेपी चीफ के पद से हदा दिया गया है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मनोज तिवारी की जगह आदेश गुप्ता को दिल्ली बीजेपी की कमान सौंपी है. वहीं, पद से हटाए जाने के बाद मनोज तिवारी ने जनता और कार्यकर्ताओं का आभार जताते हुए नए अध्यक्ष को बधाई दी है.

मनोज तिवारी ने ट्वीट करके कहा कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में 3.6 साल के कार्यकाल में जो प्यार और सहयोग मिला, उसके लिए सभी कार्यकर्ता, पदाधिकारी व दिल्लीवासियों का सदैव आभारी रहूंगा. जाने-अनजाने में कोई त्रुटि हुई तो क्षमा करना. नए प्रदेश अध्यक्ष भाई आदेश गुप्ता को असंख्य बधाइयां.

मनोज तिवारी को 2016 में बीजेपी की कमान सौंपी गई थी. 2017 में बीजेपी ने मनोज तिवारी के नेतृत्व में एमसीडी चुनाव जीता था. हालांकि, इसी साल फरवरी में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी को बुरी हार का सामना करना पड़ा. दिल्ली चुनाव के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया गया था. हाल ही में मनोज तिवारी का एक वीडियो सामने आया, जिसमें वह लॉकडाउन का उल्लंघन करते देखे गए थे.

नए बीजेपी चीफ आदेश गुप्ता दिल्ली की जमीनी राजनीति से जुड़े हुए नेता के तौर पर जाने जाते हैं. आदेश गुप्ता के पास पार्षद और नॉर्थ दिल्ली के मेयर का तजुर्बा है. हालांकि, आदेश गुप्ता मनोज तिवारी की तरह चर्चित चेहरा नहीं हैं. आदेश गुप्ता NDMC स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य भी रहे हैं.

आदेश गुप्ता दिल्ली की जमीनी राजनीति से जुड़े हुए नेता के तौर पर जाने जाते हैं. आदेश गुप्ता के पास पार्षद और नॉर्थ दिल्ली के मेयर का तजुर्बा है. यानी दिल्ली की सियासत में उनका तजुर्बा काफी नीचे तक है. हालांकि, आदेश गुप्ता मनोज तिवारी की तरह चर्चित चेहरा नहीं हैं.

आदेश गुप्ता NDMC स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य भी रहे हैं. दिल्ली बीजेपी में काफी लंबे समय बाद बदलाव किया गया है. मनोज तिवारी को 2016 में बीजेपी की कमान सौंपी गई थी. 2017 में बीजेपी ने मनोज तिवारी के नेतृत्व में एमसीडी चुनाव जीता था. हालांकि, इसी साल फरवरी में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी को बुरी हार का सामना करना पड़ा.

लोकसभा सांसद और कलाकार के रूप में मनोज तिवारी काफी चर्चित चेहरा हैं, लेकिन तिवारी की जगह लेने वाले आदेश गुप्ता दिल्ली की राजनीतिक चेहरों में शुमार नहीं किए जाते हैं. लेकिन तमाम बड़े नामों को पीछे छोड़ते हुए आदेश गुप्ता को पार्टी ने दिल्ली की कमान सौंप दी है.

आदेश गुप्ता मूल रूप से यूपी के रहने वाले हैं. कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद वो दिल्ली आ गए थे. यहां उन्होंने शुरुआती दिनों में ट्यूटशन पढ़ाकर अपना गुजारा किया. साथ ही कारोबार भी शुरू कर दिया. इस दौरान राजनीतिक में उनकी दिलचस्पी भी जारी रही. वो बीजेपी युवा मोर्चा में भी सक्रिय रहे. इसके साथ ही उन्होंने कॉन्ट्रैक्टर के रूप में काम शुरू कर दिया जिसमें उन्हें काफी तरक्की मिली. 2017 में आदेश गुप्ता को एमसीडी चुनाव में टिकट मिला और उन्होंने जीत दर्ज की. इसके बाद उन्हें नॉर्थ दिल्ली का मेयर बनाया गया. अब आदेश गुप्ता के कंधों पर दिल्ली संगठन की जिम्मेदारी दी गई है.

24 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव कांग्रेस प्रशांत किशोर की मदद लेगी

भोपाल: मध्यप्रदेश में आने वाले दिनों में 24 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं. इसको लेकर बीजेपी-कांग्रेस जमकर तैयारियां कर रही हैं. कोरोना संकट के दौर में कांग्रेस प्रदेश अध्य्क्ष कमलनाथ गुप-चुप तरीके से उपचुनाव जीतने की रणनीति बना रहे हैं. कमलनाथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यकर्ताओं से चर्चा कर रहे हैं. बड़ी खबर ये है कि कांग्रेस उपचुनाव जीतने के लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मदद लेने जा रही है.

लॉकडाउन के दौर में ना तो रैलियां निकली जा सकती हैं ना सभाएं और ना ही डोर टू डोर जा कर प्रचार किया जा सकता है. ऐसे में एक मात्र विकल्प सोशल मीडिया प्लेटफार्म बचता है. लॉकडाउन की अवधि में राजनीतिक पार्टियों के पास सोशल मीडिया ही एक मात्र बड़ा हथियार बचता है. चुनाव के प्रचार-प्रसार का जिसके चलते दोनों ही प्रमुख पार्टियों ने सोशल मीडिया पर अपनी गतिविधियों को बढ़ाने का काम शुरू कर दिया है.

कांग्रेस के उपचुनाव जीतने के लिए प्रशांत किशोर की मदद लेने पर सूबे की सरकार के गृह एवं स्वस्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस धक्का प्लेट गाड़ी है, सेल्फ स्टार्ट होने को कोशिश कर रही है. साथ ही उपचुनाव के लिए कांग्रेस ब्राह्मण चेहरा खोज रही है, नरोत्तम मिश्रा ने कहा की कांग्रेस के पास कोई चेहरा ही नहीं है. ब्राह्मण चेहरा कहां से मिलेगा.

पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने नरोत्तम के बयान का पलटवार करते हुए कहा, ‘प्रशांत किशोर की मदद कांग्रेस लेगी. उपचुनाव में कांग्रेस के लिए प्रशांत किशोर काम करेंगे. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर प्रशांत की मजबूत पकड़ है. 2018 में हमने इसी के दम पर बीजेपी को हराया था. बीजेपी की अल्पमत की सरकार है और उनकी गाड़ी धक्का प्लेट तक नहीं है.’ आगे उन्होंने कहा कि उपचुनाव में कमलनाथ ही कांग्रेस का चेहरा होंगे. कमलनाथ की अगुवाई में एक बार फिर मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाएगी. 24 सीटों में होने वाले उपचुनाव में हर सीट पर कांग्रेस के पास 20 से ज्यादा दावेदार हैं.

प्रशांत किशोर चुनावा जीतने के लिए चुनावी मैनेजमेंट गुरू माने जाते है. चुनावी मैनेजमेंट गुरु प्रशांत किशोर लोकसभा और विधानसभा में पीएम नरेंद्र मोदी, अरविंद केजरीवाल और नीतीश कुमार के साथ काम कर चुके हैं और नतीजा सबके सामने है. कांगेस अब मध्यप्रदेश में 24 सीटों के लिए होने जा रहे उपचुनाव में प्रशांत किशोर का सहारा ले रही है.

अमेरिका के राष्ट्रपति को पुलिस अफसर की सलाह- भारत में राजद्रोह का आरोप होता

नई दिल्ली: अमेरिका मे जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) की मौत के बाद से हंगामा मचा हुआ है, और नस्लवाद को लेकर खूब हिंसा हो रही है. इसी बीच एक पुलिस अफसर का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को ऐसी सलाह दे डाली है, जिसने सबको हैरान करके रख दिया है. इसे लेकर बॉलीवुड डायरेक्टर हंसल मेहता (Hansal Mehta) का रिएक्शन आया है और उनकी ट्वीट खूब पढ़ा बी जा रहा है. हंसल मेहता ने क्रिस्टिएन अमनपोर (Christiane Amanpour) का एक ट्वीट रिट्वीट किया है.

क्रिस्टिएन अमनपोर ने अमेरिका के ह्यूस्टन पुलिस चीफ का इंटरव्यू का अपना वीडियो शेयर किया था, जिसमें पुलिस चीफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सलाह दे रहे थे, ‘मैं इस देश के सभी पुलिस प्रमुखों की ओर से अमेरिका के राष्ट्रपति से यह कहना चाहूंगा कि अगर आपके पास कहने के लिए कुछ ठोस नहीं है, तो अपना मुंह बंद रखिए.’ जिस तरह के अमेरिका में माहौल बना हुआ है, उसके मद्देनजर यह अहम बात है.

बॉलीवुड डायरेक्टर हंसल मेहता (Hansal Mehta) ने इसी ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा, ‘अगर भारत में कोई पुलिस चीफ इस तरह की बात करता? उस पर राजद्रोह का आरोप लग गया होता.’ इस तरह उन्होंने भारत की ओर इशारा किया है. हंसल मेहता के इस ट्वीट पर खूब रिएक्शन आ रहे हैं.

 क्वरंटाइन  सेंटर में तोहफ़ा- कंडोम और गर्भनिरोधक गोलियां

पटना:इस बात में कोई शक नहीं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रवासी श्रमिकों के वापसी में अपने स्टैंड के कारण बिहार और राज्य के बाहर काफी आलोचना झेली है. लेकिन अब जिन श्रमिकों को  क्वरंटाइन  सेंटर में रखा गया है इनके आदर सत्कार में कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है.  हालांकि खाने की बदइंतज़ामी और रहने की उचित व्यवस्था न होने के कारण सैकड़ो0 वीडियो पिछले एक महीने में वायरल हुए. लेकिन अब नीतीश कुमार सरकार ने इन श्रमिकों को क्वरंटाइन सेंटर से विदाई के दिन एक नया तोहफ़ा देना शुरू कर दिया है. नीतीश सरकार की ओर से श्रमिकों को पैकेट कंडोम और गर्भनिरोधक गोलियों का पैकेट दिया जा रहा है.  इस कदम के पीछे बिहार राज्य हेल्थ सोसायिटी  के कार्यकारी निदेशक मनोज कुमार कहते हैं कि पूरे देश में बिहार का प्रजनन दर एक चिंता का विषय बना हुआ है जो देश में सर्वाधिक है. उन्होंने कहा, ‘हम लोगों का अपना विश्लेषण है कि ये श्रमिक जो साल में  होली, दिपावली या छठ के समय आते हैं उसके नौ महीने के बाद सरकारी अस्पतालों में प्रसव का दर काफ़ी बढ़ जाता है’ 

उन्होंने आगे कहा कि लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए इस बार क्वरंटाइन सेंटरों को लक्ष्य बनाया गया है. सरकार के निर्देश के अनुसार अब वहां कंडोम और गर्भनिरोधक गोलियों का पैकेट देकर मजदूरों को विदा किया जा रहा है. हालांकि इस संबंध में जब फ़ोटो और कुछ वीडियो सामने आए तो आप सरकार की जमकर आलोचना भी हो रही है. क्योंकि पत्रकारों के सवाल के जवाब में अधिकांश श्रमिक यही कहते हैं कि उन्हें इन सबसे ज़्यादा पेट भरने के लिए और सर पर छत की ज़रूरत है. उस पर ध्यान देते तो उनके लिए ज़्यादा अच्छा होता.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अंडरग्राउंड बंकर में ले जाया गया

 वाशिंगटन: कोरोना संकट से जूझ रहे अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) की मौत के बाद इंसाफ के लिए अश्वेतों का प्रदर्शन जारी है. करीब 30 शहरों में हिंसक प्रदर्शन भी हुए. ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर के अनुसार, शुक्रवार की रात सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी वॉशिंगटन स्थित व्हाइट हाउस (White House) के बाहर जमा हो गए थे. प्रदर्शनकारियों के बाहर इकट्ठा होने की खबर मिलते ही व्हाइट हाउस के सुरक्षा अधिकारी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) को अंडरग्राउंड बंकर में ले जाया गया था. प्रदर्शनों का दौर रविवार और सोमवार को भी अमेरिका में जारी रहा है. जिसके बाद  व्हाइट हाउस की तरफ से एक वीडियो ट्वीट किया गया जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति की तरफ से कहा गया है कि सड़कों पर जो अराजकता देखी जा रही है उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

व्हाइट हाउस की तरफ से जारी वीडियो ट्वीट में साथ ही लिखा गया है, “राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया है कि हम अमेरिका की सड़कों पर जो देख रहे हैं वह अस्वीकार्य है. हिंसा, लूटपाट, अराजकता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

गौरतलब है कि अमेरिका में एक अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत और इस घटना के वीडियो वायरल होने के बाद से हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. मामले में पुलिसकर्मी को बर्खास्त कर उस पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है. पहले शांतपूर्ण चल रहा प्रदर्शन देखते ही देखते हिंसक हो गया. अमेरिका के अधिकतर शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति ट्रंप की चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया है. इस मामले को लेकर कई जगह झड़पें हुई हैं. 

जेसिका लाल हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे मनु शर्मा (Manu Sharma) को सोमवार को तिहाड़ जेल (Tihar Jail) से रिहा

नई दिल्ली:  Jessica Lal Murder Case: जेसिका लाल हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे मनु शर्मा (Manu Sharma) को सोमवार को तिहाड़ जेल (Tihar Jail) से रिहा कर दिया गया. बता दें कि दिल्ली सजा समीक्षा बोर्ड ने जेसिका लाल हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे मनु शर्मा की समय से पहले रिहाई की सिफारिश की थी.

सजा समीक्षा बोर्ड के पास मनु शर्मा का नाम 6वीं बार आया था और इस बार दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने रिहाई पर मुहर लगा दी है. मनु शर्मा (Manui Sharma) को दिल्ली की तिहाड़ जेल से 18 अन्य कैदियों के साथ सोमवार को रिहा किया गया.

पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा ने 30 अप्रैल, 1999 को एक एक पार्टी में ड्रिंक परोसने से मना करने के बाद मॉडल जेसिका लाल (Jessica Lal) की हत्या कर दी थी. इसके बाद मनु शर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.  2018 में जेसिका लाल की छोटी बहन सबरीना लाल ने कहा था कि उसने मनु शर्मा को माफ कर दिया है और अगर उसे मुक्त कर दिया गया तो कोई आपत्ति नहीं होगी.

सबरीना लाल ने कहा था, ‘मुझे सच में विश्वास है कि वह जेल में अच्छा काम कर रहा है.’ सबरीना ने कहा था कि वह 1999 से इस लड़ाई को लड़ रही हैं. अब हमें गुस्से को त्याग देना चाहिए. मनु शर्मा ने लगभग 17 साल जेल में बिताए हैं.


जेसिका लाल हत्याकांड एक नज़र

29-30 अप्रैल, 1999 की रात : साउथ दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में पार्टी में जेसिका की गोली मारकर हत्या  30 अप्रैल, 1999 : अपोलो अस्पताल में डॉक्टरों ने घोषित किया कि जेसिका को अस्पताल में मृत लाया गया था  2 मई, 1999 : मनु शर्मा की टाटा सफारी को दिल्ली पुलिस ने यूपी के नोएडा से बरामद किया  6 मई, 1999 : चंडीगढ़ की एक अदालत के सामने मनु शर्मा का सरेंडर 

इसके बाद यूपी के नेता डीपी यादव के बेटे विकास यादव सहित 10 सह अभियुक्तों की गिरफ्तारी

3 अगस्त, 1999 : आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत जेसिका मर्डर केस में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट 31 जनवरी, 2000 : मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस केस को सेशन कोर्ट को सुपुर्द किया

23 नवंबर, 2000 : सेशन कोर्ट ने हत्या के मामले में नौ लोगों के खिलाफ आरोप तय किए

एक आरोपी अमित झिंगन बरी और रविंदर उर्फ टीटू को भगोड़ा घोषित किया

2 मई, 2001 : कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्य दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की 

3 मई, 2001 : चश्मदीद गवाह श्यान मुंशी अपने बयान से मुकरा, कोर्ट में उसने मनु की शिनाख्त नहीं की 5 मई, 2001 : कुतुब कोलोनेड में इलेक्ट्रिशियन एक अन्य चश्मदीद शिव दास भी अपने बयान से मुकरा 16 मई, 2001 : तीसरा प्रमुख गवाह करन राजपूत भी अपने बयान से मुकरा

6 जुलाई, 2001 : एक गवाह मालिनी रमानी ने मनु शर्मा की शिनाख्त की

12 अक्तूबर, 2001 : रेस्टोरेंट और बार मालकिन बीना रमानी ने भी मनु की शिनाख्त की

17 अक्तूबर, 2001 : बीना के कनाडाई पति जार्ज मेलहोत ने गवाही दी और मनु शर्मा की शिनाख्त की

20 जुलाई, 2004 : विवादास्पद जांच अधिकारी सुरिंदर शर्मा ने गवाही दी

21 फरवरी, 2006 : लोअर कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सभी नौ अभियुक्तों को बरी किया

13 मार्च, 2006 : दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में अपील दायर की

3 अक्तूबर, 2006 : हाईकोर्ट ने इस अपील पर नियमित आधार पर सुनवाई शुरू की

29 नवंबर, 2006 : हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा

18 दिसंबर, 2006 : हाईकोर्ट ने मनु शर्मा, विकास यादव और अमरदीप सिंह गिल उर्फ टोनी को दोषी करार दिया

आलोक खन्ना, विकास गिल, हरविंदर सिंह चोपड़ा, राजा चोपड़ा, श्याम सुंदर शर्मा और योगराज सिंह बरी हुए

20 दिसंबर, 2006 : हाईकोर्ट ने मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया

सह अभियुक्त अमरदीप सिंह गिल और विकास यादव को चार साल की जेल की सजा और तीन हजार का जुर्माना

2 फरवरी, 2007 : मनु शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की 8 मार्च, 2007 : सुप्रीम कोर्ट ने मनु शर्मा की अपील स्वीकार की 27 नवंबर, 2007 : सुप्रीम कोर्ट ने मनु की जमानत की दलील खारिज की 12 मई, 2008 : सुप्रीम कोर्ट ने मनु शर्मा की जमानत याचिका फिर से खारिज की

19 अप्रैल, 2010 : फिर से ने मनु शर्मा की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा

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