हरिद्वार -हर की पैड़ी पर गिरी बिजली & तीर्थ पुरोहित सुप्रीम कोर्ट जायेगे &CM के डॉक्टर ‘स्वस्थ्याग्रह’ पर हडकम्प Top News 21 July 20
21 JULY 20: High Light# Himalayauk Bureau# मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री लाल जी टंडन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया :हरिद्वार में हर की पैड़ी पर गिरी बिजली : मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर माननीय उच्च न्यायालय ने एक तरह से राज्य सरकार के निर्णय पर अपनी मुहर लगाई है # तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। # मुख्यमंत्री के डॉक्टर ‘स्वस्थ्याग्रह’ पर बैठे हडकम्प मचा #उत्तराखण्ड में भी फिल्म इंस्टीट्यूट खोला जाय- फिल्म निर्माता विशाल भारद्वाज ने मुख्यमंत्री से कहा # डोईवाला-उत्तरकाशी-बड़कोड़ रेलवे लाइन का सर्वे पूरा #चमोली 21 जुलाई,2020 ; 82 संक्रमित व्यक्तियों में से 78 लोग स्वस्थ्य हो कर घर लौट चुके है
मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री लाल जी टंडन के निधन पर गहरा शोक
देहरादून 21 जुलाई, 2020 (सू.ब्यूरो)
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री लाल जी टंडन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय लाल जी टंडन का पूरा जीवन जनसेवा को समर्पित रहा। वे एक कुशल प्रशासक और राजनेता थे। देश की राजनीति में उनका बहुत बड़ा योगदान था।
मुख्यमंत्री ने पुराने संस्मरण याद करते हुए कहा कि ‘‘ जब मैं उत्तर प्रदेश का सहप्रभारी था और लखनऊ में जाता था तो स्वर्गीय लालजी के आवास में ही रूकता था। स्वर्गीय लालजी के पुत्र गोपाल जी और मैं हमउम्र हैं। यहां तक की हमारा जन्मदिन भी एक ही दिन है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धेय अटल जी भी लखनऊ से चुनाव लड़ते थे तो उनके ही आवास में रूकते थे। मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय लालजी टंडन को विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए प्रार्थना की कि ईश्वर अपने श्रीचरणों में उन्हें स्थान दे और शोक संतप्त परिवारजनों को धैर्य प्रदान करे।
हरिद्वार में हर की पैड़ी पर गिरी बिजली
उत्तराखंड में मानसून कहर बरपा रहा है। कल पिथौरागढ़ में तबाही मचाने के बाद अब देर रात हर की पैड़ी पर बादलों ने बर्बादी का मंजर ला दिया। ढह गई 80 फीट की दीवार, देर रात यहां आकाशीय बिजली गिरने के खासा नुकसान हो गया। बिजली के ट्रांसफार्मर पर आकाशीय बिजली गिरने से ट्रांसफार्मर समेत दीवार ध्वस्त हो गई। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने हर की पैड़ी पहुंचकर क्षतिग्रस्त दीवार का जायजा लिया।
हर की पैड़ी के ट्रांसफार्मर पर बिजली गिरने से यहां पूरी दीवार ध्वस्त हो गई। घटना देर रात करीब ढाई बजे की बताई जा रही है। गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है। हरिद्वार और रुड़की में हुई मूसलाधार बारिश से जगह-जगह जलभराव हो गया। जिससे यहां सड़कों पर कमर तक पानी भर गया
पैड़ी की एक दीवार की बगल में रोड की ओर भूमिगत केबिल के रिंग मेन यूनिट का बॉक्स बना हुआ था। मंगलवार तड़के इस बॉक्स पर आकाशीय बिजली आ गिरी। जिससे उसके परखच्चे उड़ गए। विस्फोट इतना भयंकर थी कि हर की पैड़ी की 1935 में बनी बाउंड्री वॉल धराशाही हो गई।
हरिद्वार में मंगलवार रात से हो रही भारी बारिश के चलते उत्तरी हरिद्वार के रानी गली स्थित शारदा मठ की करीब 100 मीटर दीवार जमींदोज हो गई। इसके अलावा सप्त सरोवर मार्ग स्थित सप्त ऋषि चौराहा से संगम पुरी तक करीब 500 मीटर सड़क धंस गई है।
रुड़की शहर में मंगलवार को 90 एमएम बारिश से हर तरफ जलभराव हो गया। सिविल लाइंस जैसे पॉश बाजार में सड़क तालाब बन गई। पुरानी तहसील, अंबर तालाब, बीटीगंज, रेलवे रोड, मालवीय चौक पर सड़कें नहर बन गई। पुरानी तहसील में बारिश के तेज बहाव में एक बाइक तक बह गई। रुड़की में मंगलवार की सुबह को बूंदाबांदी शुरू हुई पूरे शहर में पानी-पानी कर दिया। तहसील मुख्यालय पर ही एसपी देहात कार्यालय परिसर में पानी भर गया। रामपुर मंडी का भी यहां पर भी कई स्थानों पर पानी घुस गया। सिविल लाइंस बाजार में गांधी आश्रम के आसपास काफी पानी जमा हो गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर माननीय उच्च न्यायालय ने एक तरह से राज्य सरकार के निर्णय पर अपनी मुहर लगाई है।
देहरादून 21 जुलाई, 2020 (सू.ब्यूरो) मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर माननीय उच्च न्यायालय ने एक तरह से राज्य सरकार के निर्णय पर अपनी मुहर लगाई है।
तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज ने कहा कि सरकार हमारे अधिकारों और परंपराओं के साथ छेड़छाड़ कर रही है। इस मामले में वे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।
मुख्यमंत्री ने चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया बोर्ड का गठन, राज्य गठन के बाद सबसे बड़ा सुधारात्मक कदम। भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया गया बोर्ड का गठन। तीर्थ पुराहितों और पंडा समाज के हक हकूक पूरी तरह से सुरक्षित।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता सबके पास है लेकिन वह चाहेंगे कि दूसरा पक्ष बातों को समझे.
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री आवास में आयोजित प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य की आवश्यकताओं, श्रद्धालुओं की सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की दृष्टि से बोर्ड का गठन किया गया है। पिछले वर्ष 36 लाख श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आए। आने वाले समय में इसमें बहुत वृद्धि होने की सम्भावना है। इसलिए इतनी बड़ी संख्या मे आने वाले यात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। माननीय उच्च न्यायालय ने एक तरह से राज्य सरकार के निर्णय पर अपनी मुहर लगाई है।
हाईकोर्ट ने चारधाम देवस्थानम एक्ट (Char Dham Devsthanam Act) को चुनौती देने वाली भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने बदरीनाथ , केदारनाथ और गंगोत्री यमुनोत्री समेत 51 मंदिरों का प्रबंधन करने के लिए देवस्थानम बोर्ड के गठन के लिए बनाए गए कानून को सही बताया है. इस कानून का तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारी शुरू से विरोध कर रहे थे. उनके पक्ष में सुब्रमण्यम स्वामी ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि तीर्थ पुरोहित और पण्डा समाज के लोगों के हक हकूक और हितों को सुरक्षित रखा गया है। जहां भी धर्म और संस्कृति का विषय होता है, वहां परम्पराओं का बहुत महत्व है। हमने चारधाम के संबंध में सभी परम्पराओं का बनाए रखा है। सैंकड़ों सालों से स्थानीय तीर्थ पुरोहितों और पण्डा समाज ने चारधाम की पवित्र परम्पराओं का संरक्षण किया है। विपरीत परिस्थितियों के होने पर भी दूर दूर से आने वाले श्रद्धालुओं का ध्यान रखा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वयं देखा है कि बरसात में रास्ते बंद हो जाने पर किस प्रकार तीर्थ पुराहितों ने श्रद्धालुओं के रूकने, खाने आदि की व्यवस्था की है। इसी भावना के कारण उत्तराखण्ड को देवभूमि का मान मिलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थ पुराहितों ने यहां की परम्पराओं का संरक्षण किया है और देवभूमि का मान बढ़ाया है, उनके हितों की रक्षा, सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। चारधाम देवस्थानम बोर्ड को लेकर किसी प्रकार का संशय नहीं होना चाहिए। राज्य गठन के बाद चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन सबसे बड़ा सुधारात्मक कदम है। माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय को किसी की जीत हार से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। यह राजनीतिक विषय नहीं है। आने वाले समय में चारधाम देवस्थानम बोर्ड, चारधाम यात्रा के प्रबंधन की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहा है।
पिछले साल नवंबर-दिसंबर में उत्तराखंड सरकार ने बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री समेत प्रदेश के 51 मंदिरों का प्रबंधन हाथ में लेने के लिए चार धाम देवस्थानम एक्ट से एक बोर्ड, चार धाम देवस्थानम बोर्ड बनाया था. तीर्थ पुरोहित शुरू से ही इसका विरोध कर रहे थे, बाद में उन्हें बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी का भी साथ मिल गया. इसके अलावा केदार सभा व गंगोत्री के पंडा-पुरोहितों ने भी याचिका दाखिल कर सरकार के फैसले का कोर्ट में विरोध किया. इसके बाद देहरादून की रुलेक संस्था ने सरकार के बचाव में अपनी याचिका दाखिल की. सरकार ने कहा कि राज्य सरकार का एक्ट एकदम सही है और वह किसी की भी धार्मिक आज़ादी का उल्लंघन नहीं करता और उसके धार्मिक स्थलों से दूर नहीं करता. सरकार ने धार्मिक स्थलों के महत्व को रखते हुए कहा कि राज्य सरकार जो एक्ट लेकर आई है, उसके तहत सभी खर्चे व चढ़ावे का हिसाब-किताब रखा जाना है, जिसके चलते इसका विरोध हो रहा है.
केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने कहा है कि वह इसके खिलाफ अपना आंदोलन और तेज करेंगे। फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में भी जाएंगे। केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहां की न्यायालय का यह फैसला काफी निराशाजनक है, देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के भंग होने की पूरी संभावना थी, लेकिन हमारी याचिका खारिज कर दी है। तीर्थ पुरोहित अब सड़कों पर उतरेगा, केदारनाथ में इसके खिलाफ धरना जारी रहेगा। वही केदारनाथ व्यापार संघ के अध्यक्ष वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित महेश बगवाड़ी ने कहा में कि देवस्थानम बोर्ड भंग करने की याचिका खारिज किए जाने पर निराशा जताते हुए कहा कि न्याय के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी, किसी भी स्थिति में पूर्व को स्थानीय हकदारी तीर्थ पुरोहितों के हित में सरकार को भंग करना ही होगा।
चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को रद्द करने की मांग को लेकर गंगोत्री धाम में तीर्थ पुरोहितों का धरना प्रदर्शन जारी है। यहां धरना प्रदर्शन पिछले 28 दिनों से चल रहा है। गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्णय का उन्हें पता चला है। आज सुबह स्वामी सुब्रमण्यम से उनकी बात हुई है। इस मामले को लेकर को लेकर तीर्थ पुरोहित सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। तीर्थों को बचाने और तीर्थ पुरोहितों के हक़ हकूक बचाने के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।
देवभूमि तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत देवस्थानम बोर्ड का करती है विरोध हरीश सेमवाल (अध्यक्ष, देवभूमि तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत) का कहना है कि देवभूमि तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत देवस्थानम बोर्ड का विरोध करती है।
उत्तराखण्ड में भी फिल्म इंस्टीट्यूट खोला जाय- फिल्म निर्माता विशाल भारद्वाज ने मुख्यमंत्री से कहा
मसूरी फिल्म कॉन्क्लेव में आये सुझावों पर जल्द संशोधित पॉलिसी बनाकर प्रस्तुत की जाय – मुख्यमंत्री
देहरादून 21 जुलाई, 2020 (सू.ब्यूरो) मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में फिल्म निर्माता एवं निर्देशक श्री विशाल भारद्वाज एवं श्रीमती रेखा भारद्वाज ने भेंट की। श्री विशाल भारद्वाज ने कहा कि उत्तराखण्ड फिल्म निर्माण के लिए फिल्म निर्माताओं एवं अभिनेताओं को आकर्षित कर रहा है। उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौन्दर्य एवं देवभूमि का स्वरूप लोगों को बहुत आकर्षित करता है। उन्होंने कहा कि राज्य से फिल्म के क्षेत्र में लोगों को लाने के लिए फिल्म एजुकेशन की ओर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने सुझाव दिया कि उत्तराखण्ड में भी एफटीआई की तर्ज पर कोई इंस्टीट्यूट खोला जाय तो, यहां के युवाओं का भविष्य फिल्म के क्षेत्र में उज्ज्वल होगा। उन्होंने कहा कि लोगों का फिल्म जगत में कार्य करने के लिए रूझान बढ़े इसके लिए राज्य में किसी यूनिवर्सिटी में फिल्म प्रोडक्शन और फिल्मों से संबंधित सभी जानकारियों के लिए कक्षाएं शुरू की जाय तो इसके आने वाले समय में काफी सकारात्मक परिणाम होंगे। उन्होंने उत्तराखण्ड में फिल्म फेस्टिवल करने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य में फिल्मकारों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए फिल्म पॉलिसी बनाई गई है। उन्होंने उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी श्री के.एस. चौहान को निर्देश दिये कि मसूरी फिल्म कॉन्क्लेव में आये सुझावों पर जल्द संशोधित पॉलिसी बनाकर प्रस्तुत की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनिवर्सिटी में फिल्म के निर्माण एवं अन्य पहलुओं से संबंधित कक्षाओं का अच्छा सुझाव है। दून विश्वविद्यालय में इसके लिए इन्फ्रास्टक्चर विकसित करने के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ फैकल्टी की नियुक्ति के साथ ही गेस्ट फैकल्टी जो फिल्म जगत के अनुभवी लोग हैं, उनसे सहयोग लिया जा सकता है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड-19 की वजह से अभी राज्य में फिल्म फेस्टिवल कराना संभव नहीं होगा। कोविड का प्रभाव खत्म होने के बाद इस पर विचार किया जायेगा।
मुख्यमंत्री के डॉक्टर ‘स्वस्थ्याग्रह’ पर बैठे हडकम्प मचा
मुख्यमंत्री के डॉक्टर एनएस बिष्ट ने देहरादून के सीएमओ डॉ बीसी रमोला पर गंभीर आरोप लगाकर गांधी अस्पताल में ‘स्वस्थ्याग्रह’ पर बैठ गए हैं। जिससे मुख्यमंत्री आवास सचिवालय और स्वास्थ्य महानिदेशालय में हडकम्प मच गया ।
मुख्यमंत्री के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एनएस बिष्ट ने सीएमओ डॉ. बीसी रमोला पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए राजकीय गांधी शताब्दी अस्पताल में मौन व्रत रख सत्याग्रह शुरू कर दिया। डॉ. एनएस बिष्ट राजकीय जिला कोरोनेशन अस्पताल में तैनात है मंगलवार सुबह डॉक्टर बिष्ट और उनकी असिस्टेंट फिजीशियन राजकीय गांधी शताब्दी अस्पताल पहुंचे। जहां पर डॉ. बिष्ट ने विरोध स्वरूप अपना एप्रिन उल्टा पहन और आला भी पीठ की तरफ लटका कर सत्याग्रह शुरू कर दिया।
डॉ. बिष्ट के लिखित में आरोप हैं कि वर्तमान सीएमओ एवं जिला अस्पताल के तत्कालीन प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीसी रमोला लगातार मार्च से उनका उत्पीड़न करते आ रहे हैं। कोविड फिजिशियन के रूप में ड्यूटी के बावजूद उनसे भरी मीटिंग में गैर पेशेवर अंदाज में उल-जलूल सवाल कर सार्वजनिक रूप से उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने की कोशिश की गई। डॉक्टर एनएस बिष्ट का आरोप है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी जानबूझकर उनका और अन्य कुछ चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों का शोषण कर रहे हैं। उनकी एसीआर खराब कर दी गई है। वहीं, सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ गलत बातें चलाते हैं । उनकी संवेदनाएं आहत होने पर ही उन्होंने यह आंदोलन शुरू किया है।
यही नहीं उनकी एसीआर में भी प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज की गई। डॉ. बिष्ट ने अस्पताल की महिला स्वास्थ्य कर्मियों के यौन उत्पीड़न के आरोप के बावजूद प्रमोट कर उन्हें सीएमओ बनाए जाने पर भी एतराज जताया है।
डॉ. बिष्ट का कहना है कि इसी से डॉ. रमोला की मनमानी बढ़ती जा रही है। इसके अलावा भी अन्य कई आरोप लगाए हैं। उधर इस संबंध में डॉ. रमोला ने बताया कि वह वह अभी गांधी शताब्दी अस्पताल से तीन नेत्र रोगियों का ऑपरेशन कर कर लौटे हैं। साथ ही वह अपने काम में जी-जान से जुटे हुए हैं। इसमें अगर किसी को बुरा लगता है तो वह इस बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं। ‘स्वस्थ्याग्रह’ के 2 घंटे बाद स्वास्थ्य विभाग में निदेशक डॉ एस के गुप्ता एक प्रतिनिधिमंडल के साथ गांधी अस्पताल पहुंचे और तमाम बिंदुओं पर डॉक्टर एनएस बिष्ट से बात की । उन्हें आश्वासन दिलाया कि उनकी तमाम मांगों पर कार्रवाई की जाएगी
डोईवाला-उत्तरकाशी-बड़कोड़ रेलवे लाइन का सर्वे पूरा
देहरादून 21 जुलाई, 2020 (सू.ब्यूरो) मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में रेल विकास निगम लि. के अधिकारियों से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। 125.20 किमी की ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन में 12 स्टेशन बनाये जा रहे हैं। जिसमें कुल 105.47 किमी में 17 टनल बनाई जा रही हैं। ऋषिकेश में रेलवे स्टेशन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। 01 सुरंग का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, जबकि 05 में निर्माण कार्य प्रगति पर है। तीन प्रमुख रेलवे ब्रिज पर कार्य प्रारम्भ हो चुका है। जिन 03 ब्रिज पर कार्य शुरू किया गया है उनमें चन्द्रभागा नदी पर 300 मीटर का ब्रिज, लछमोली में अलकनन्दा नदी पर 275 मीटर का ब्रिज एवं श्रीनगर में अलकनन्दा पर 450 मीटर का ब्रिज शामिल है। शेष पुलों का कार्य टनल निर्माण के साथ ही किया जायेगा। श्रीनगर, गौचर एवं सिवाई (कालेश्वर)में एप्रोच रोड ब्रिजेज का कार्य प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि रेलवे लाइन निर्माण कार्य में और तेजी लाई जाय। किसी भी समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार की ओर से पूरा सहयोग दिया जायेगा। कार्यों में गुणवत्ता, गति एवं पारदर्शिता का विशेष ध्यान रखा जाय। उन्होंने कहा कि इस रेलवे लाइन का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद उत्तराखण्ड की जनता एवं राज्य में आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को काफी सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर एक गुलाब की वाटिका विकसित की जाय। जिसमें विभिन्न प्रजातियों के गुलाब हों।
इस अवसर पर रेल विकास निगम लि. द्वारा डोईवाला-उत्तरकाशी-बड़कोड़ रेलवे लाइन पर भी प्रस्तुतीकरण दिया गया। बैठक में जानकारी दी गई की इस रेल लाइन का सर्वे किया जा चुका है। सर्वे का कार्य मार्च 2018 से किया जा रहा था। इस प्रोजेक्ट में कुल 24 हजार करोड़ रूपये की लागत का अनुमान है। उत्तरकाशी से डोईवाला तक कुल 10 स्टेशन के लिए सर्वे किया गया है। इस रेल लाइन के लिए 24 टनल एवं 19 ब्रिज के लिये सर्वे किया गया है। यह रेल लाइन लगभग 122 किमी की होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रेल लाइन उत्तराखण्ड में पर्यटन को बढ़ावा देने एवं कृषि बागवानी एवं स्थानीय उत्पादों की मार्केटिंग के लिए भी मददगार साबित होगी।
इस अवसर पर रेल विकास निगम लि. के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर श्री हिमांशु बडोनी, एडिशनल जनरल मैनेजर श्री विजय डंगवाल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्री सुरेन्द्र कुमार, श्री विकास बहुगुणा आदि उपस्थित थे।
चमोली ; 82 संक्रमित व्यक्तियों में से 78 लोग स्वस्थ्य हो कर घर लौट चुके है
चमोली 21 जुलाई,2020 (सू0वि0) चमोली जिले में 82 संक्रमित व्यक्तियों में से 78 लोग स्वस्थ्य हो कर घर लौट चुके है। जिले में अभी तक 3987 संदिग्ध व्यक्तियों के सैंपल कोरोना टेस्ट के लिए भेजे जा चुके है, जिसमें से 3573 सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव तथा 82 सैंपल की रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है। जबकि 214 सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है।
कोविड संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत बाहरी प्रदेशों से आए 94 प्रवासी अभी फेसलिटी क्वारेन्टाइन में चल रहे है। मेडिकल टीम फेसलिटी क्वारंन्टीन में ठहराए गए लोगों की प्रतिदिन जाॅच कर रही है। इसके अलावा 943 प्रवासी अभी होम क्वारंन्टीन में चल रहे है। होम क्वारंन्टीन लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए गठित 23 मोबाइल चिकित्सा टीमों ने सोमवार को 63 गांव में घर-घर जाकर होम क्वारेंटीन में रह रहे 183 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। जिले के विभिन्न क्षेत्रों से कोरोना संक्रमण की जानकारी जुटाने के लिए 18 ब्लाक एवं सिटी रिसपोंस टीम निरंतर कार्य कर रही है।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने सभी प्रवासियों को क्वारेंटाइन नियमों का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। वही शासकीय कार्मिकों के माध्यम से क्वारेंटीन लोगों पर निरतंर निगरानी रखते हुए नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरूद्व कार्यवाही भी की जा रही है।
जिले में लाॅकडाउन का उल्लंघन करने पर डीएम एक्ट के तहत 35 ए फआईआर, महामारी अधिनियम के तहत 4, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने पर 02, सीआरपीसी-151 के तहत 66, डीएम एक्ट के तहत गिरफ्तारियां 62, महामारी अधिनियम के तहत गिरफ्तरियां 9, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने पर गिरफ्तारियां 1, पुलिस एक्ट के तहत 1501 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा चुके है। इसके आलावा 2577 चालान और 95 वाहनों को सीज किया गया है।
जिले में आवश्यक सेवाओं के तहत खाद्यन्न की आपूर्ति सुचारू बनी हुई है। स्टाॅक में गेहूं 5263.35 कुन्तल, चावल 8042.46 कुन्तल, मसूर दाल 143.59 कुन्तल, चना दाल 225.34 कुन्तल, चीनी 45.26 कुन्तल, पीएम गरीब कल्याण चावल 429.71 कुन्तल व दाल 140.91 कुन्तल तथा घरेलू गैस के 3029 गैस सिलेण्डर अवशेष है।
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