UK; पहाडो में बारिश का तांडव ;बदरीनाथ हाईवे कई जगहों पर डेंजर जोन & Top News 20 July 20

20 JULY 20# Himalayauk Bureau # High Light # राज्य में भूमि बन्दोबस्त लंबे समय से नहीं हुआ है – मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत #भारत सरकार द्वारा ‘‘कृषि अवसंरचना निधि के तहत वित्तीय सुविधा’’ नामक केन्द्रीय क्षेत्र की एक नई अखिल भारतीय योजना # मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड की बहुद्देशीय साधन सहकारी समितियों के कम्यूटरीकरण का शुभारम्भ किया # श्री सतपाल महाराज ने की केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से  स्वीकृत योजनाओं के लिए की धनराशि मांगी # गोल्डन फॉरेस्ट के वाद 24 जुलाई 2020 को सुनवाई # पुलिस ने हिंदुस्तान लीवर कंपनी प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया # चमोली -प्रवासी /बेरोजगार युवकों का स्वरोजगार हेतु साक्षात्कार # Presents by Himalayauk Newsportal

राज्य में भूमि बन्दोबस्त लंबे समय से नहीं हुआ है – मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत

देहरादून 20 जुलाई, 2020 (सू.ब्यूरो)   मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को खैरासैंण, सतपुली में राजकीय महाविद्यालय खैरासैंण का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में भूमि बन्दोबस्त लंबे समय से नहीं हुआ है। राज्य में जल्द भूमि बंदोबस्त की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। उन्होंने कहा कि भूमि पर अपने पति के साथ महिलाओं का अधिकार भी हो, ताकि उन्हें लोन लेने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। इस पर भी सरकार जल्द निर्णय लेगी। पर्वतीय क्षेत्रों में खेती का अधिकांश कार्य महिलाएं करती हैं।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने खैरासैंण में डिग्री कॉलेज, इण्टर कॉलेज एवं जवाहर नवोदय विद्यालय के लिए अपनी कीमती भूमि शिक्षा के लिए दान करने पर खैरासैंण की जनता का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने 07 करोड़ 27 लाख रूपये की योजनाओं का शिलान्यास किया। जिसमें खैरासैंण में डिग्री कॉलेज भवन निर्माण के लिए 03 करोड़ 06 लाख रूपये, कम्यूनिटी टूरिज्म को प्रोत्साहन देने हेतु खैरासैंण (सतपुली)में पर्यटक परिसर के निर्माण हेतु 01 करोड़ 84 लाख रूपये, खैरासैंण-बयाली मोटर मार्ग पर लोडिंग स्टील गर्डर सेतु के निर्माण हेतु 01 करोड़ 74 लाख रूपये एवं खैरासैंण-बयाली मोटर मार्ग के डामरीकरण हेतु 63 लाख रूपये के कार्य शामिल हैं।  

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने खैरासैंण में डिग्री कॉलेज, इण्टर कॉलेज एवं जवाहर नवोदय विद्यालय के लिए अपनी कीमती भूमि शिक्षा के लिए दान करने पर खैरासैंण की जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेशवासियों के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं लाई गई हैं। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 150 प्रकृति के कार्यों को शामिल किया गया है। राज्य में लोग जिस भी क्षेत्र में लोग कार्य करना चाहते हैं, इस योजना से आच्छादित हैं। लोगों के सुझाव मिलेंगे तो इस योजना में और भी कार्य शामिल किये जायेंगे। किसानों के लिए 03 लाख तक का  एवं महिला स्वयं सहायता समूहों को 05 लाख रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत छोटे-छोटे सोलर प्रोजक्ट लगाये जायेंगे। जिससे 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। 25-25 किलोवाट के छोटे-छोटे प्रोजक्ट पर कार्य किया जायेगा। इस योजना के तहत 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जायेगी। इन प्रोजक्ट से उत्पादित बिजली सरकार खरीदेगी। पिरूल की पत्तियों से बिजली बनाने का कार्य शुरू किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लवाड़ गांव में 64 लाख रूपये के कार्यों की स्वीकृति दी गई है। जल जीवन मिशन के तहत गांवों में पेयजल योजना का कनेक्शन 2350 रूपये में दिया जाना था। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि  गांवों में मात्र एक रूपये में पानी का कनेक्शन देंगे। मानकों के अनुरूप स्वच्छ जल दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोटद्वार में अर्द्ध सैनिक बलों के लिए कैंटीन के लिए भूमि दी जायेगी। सतपुली में पार्किंग के लिए 3 करोड़ 26 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई। यहां पर भवन एवं पब्लिक यूटिलिटी की व्यवस्थाएं भी की जायेंगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में विभिन्न सड़क मार्गों के निर्माण की घोषणाएं की।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक श्री दिलीप सिंह रावत, श्री मुकेश कोली, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. कुमकुम रौतेला आदि उपस्थित थे।

भारत सरकार द्वारा ‘‘कृषि अवसंरचना निधि के तहत वित्तीय सुविधा’’ नामक केन्द्रीय क्षेत्र की एक नई अखिल भारतीय योजना

देहरादून 20 जुलाई, 2020 (सू.ब्यूरो)      मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रारंभ की गई “कृषि अवसंरचना निधि के तहत वित्तीय सुविधा“ योजना से कृषि क्षेत्र में बङे सुधार लाने में सहायक होगी। इससे कृषि उद्यमियों, कृषि साख समितियों, विपणन सहकारी समितियों, इससे जुड़े स्टार्टअप को कम ब्याज पर ऋण और क्रेडिट गारंटी लाभ मिलने से प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से किसानों को फायदा मिलेगा। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

        गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा ‘‘कृषि अवसंरचना निधि के तहत वित्तीय सुविधा’’ नामक केन्द्रीय क्षेत्र की एक नई अखिल भारतीय योजना शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत ब्याज में छूट और वित्तीय सहायता के जरिये, फसलोपरांत प्रबंधन से संबंधित अवसंरचना तथा सामुदायिक कृषि-परिसम्पत्तियों की व्यावहारिक योजनाओं में निवेश के लिए मध्यम और लम्बी अवधि की ऋण-सुविधा के रूप में वित्त-पोषण किया जाएगा।
यह जानकारी केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को प्रेषित पत्र में दी गई है, उन्होंने कहा है कि प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स), विपणन सहकारी समितियों, कृषि उद्यमियों, स्टार्ट-अप और सार्वजनिक – निजी भागीदारी परियोजनाओं इत्यादि को बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा 1 लाख करोड़ रूपये की वित्त पोषण सुविधा प्रदान की जाएगी, इस योजना के तहत वर्तमान वर्ष में 10,000 करोड़ रूपये और अगले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान 30,000 करोड़ रूपये के ऋण प्रतिवर्ष वितरित किए जाएंगे।

      उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि इसमें वित्तीयन सुविधा के अंतर्गत 2 करोड़ रूपये तक के सभी ऋणों पर 3 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज छूट प्रदान की जाएगी और 2 करोड़ रूपये तक के ऋणों के मामले में ‘सूक्ष्म एवं लघु उद्यम क्रेडिट गारण्टी फण्ड ट्रस्ट’ के तहत पात्र ऋण-ग्रहीताओं के लिए क्रेडिट गारण्टी कवरेज भी उपलब्ध होगा। इस कवरेज के लिए शुल्क का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा। एफपीओ के मामले में कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग की एफपीओ संवर्धन योजना के तहत दी गई सुविधा से क्रेडिट गारंटी लाभ उठाया जा सकता है। इस वित्तपोषण सुविधा के तहत ऋणों की अदायगी के लिए अधिस्थगन अवधि न्यूनतम 6 महीने और अधिकतम 2 वर्ष होगी।

       केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री ने अवगत कराया है कि कृषि अवसरंचना निधि का प्रबंधन तथा निगरानी ऑनलाइन एमआईएस प्लेटफॉर्म के माध्यम से की जाएगी। रियल टाइम निगरानी और प्रभावी फीड-बैक सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर निगरानी समितियों की स्थापना की जाएगी। योजना की अवधि वित्तीय वर्ष 2020 से 2029 (10 वर्ष) तक होगी।

केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र से योजना के प्रभावी एवं सफल कार्यान्वयन में सहयोग की अपेक्षा करते हुए योजना की प्रगति से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग के साथ साझा करने की भी अपेक्षा की है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने इस योजना को उत्तराखण्ड के व्यापक हित में बताया है, उन्होंने उत्तराखण्ड में इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये संबंधित अधिकारियों को प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड की बहुद्देशीय साधन सहकारी समितियों के कम्यूटरीकरण का शुभारम्भ किया

देहरादून 20 जुलाई, 2020 (सू.ब्यूरो)   मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड की बहुद्देशीय साधन सहकारी समितियों के कम्यूटरीकरण का शुभारम्भ किया। अगले 06 माह में में सभी सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण का कार्य पूर्ण हो जायेगा। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सहकारी समितियों के कम्यूटरीकरण से कार्यों में पारदर्शिता व तेजी आयेगी। इससे किसानों को बहुत सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण उत्तराखण्ड के लोग काफी संख्या में वापस आये हैं। कृषि एवं उससे सबंधित क्षेत्रों में राज्य एवं केन्द्र सरकार का विशेष ध्यान है। बहुद्देशीय साधन सहकारी समितियों में ऑनलाईन की प्रक्रिया से केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का किसानों को सीधा फायदा मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने नाबार्ड के अध्यक्ष श्री जी.आर चिंतला से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से वार्ता की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निगमों का विस्तार किया गया गया है। लेकिन विस्तारित क्षेत्र में कृषि कार्यों के लिए बहुत सम्भावनाएं हैं और लोग कृषि कार्य कर रहे हैं। नाबार्ड द्वारा ऐसे क्षेत्रों में क्या योगदान दिया जा सकता है, इस पर जरूर विचार किया जाय।इससे ऐसे क्षेत्रों में कार्य करने वाले किसानों को बड़ा फायदा होगा। राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा है। महिला समूहों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है। राज्य में महिला समूहों को 05 लाख रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है। नाबार्ड की ओर से महिला समूहों को और बढ़ावा देने के लिए सहयोग की आवश्यकता होगी। लघु एवं सीमांत कृषकों को भी ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है।

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि क्रॉप ऋण के लिए अभी राज्य को नाबार्ड से 500 करोड़ का लोन मिल रहा है। राज्य सरकार द्वारा कृषकों को फायदा पहुंचाने के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य को नाबार्ड से लगभग एक हजार करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी। नाबार्ड के अध्यक्ष श्री जी.आर चिंतला ने कहा कि राज्य को हर सम्भव मदद की जायेगी। सहकारिता मंत्री ने कहा कि राज्य में 670 बहुद्देशीय साधन सहकारी समिति हैं। इन समितियों के माध्यम से किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिले, इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं।

नाबार्ड के अध्यक्ष श्री जी.आर चिंतला ने कहा कि कोविड के दौर में एग्रीकल्चर सेक्टर को बढ़ावा देना जरूरी है। स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देना जरूरी है। फॉर्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन पर नाबार्ड ने विशेष ध्यान दिया है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महिला स्वयं सहायता को अधिक से अधिक बढ़ावा देना जरूरी है। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा कार्य किया गया है। यह महिला सशक्तीकरण की दिशा में अच्छा प्रयास है।

इस अवसर पर  अध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य सहकारी बैंक लि. श्री दान सिंह रावत, मुख्यमंत्री के तकनीकि सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह, आईटी सलाहकार श्री रवीन्द्र दत्त, सचिव सहकारिता श्री आर.मीनाक्षी सुंदरम,  निबंधक श्री बाल मंयक मिश्रा, अपर निबंधक श्री आनन्द शुक्ला, श्रीमती ईरा उप्रेती आदि उपस्थित थे।

श्री सतपाल महाराज ने की केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से  स्वीकृत योजनाओं के लिए की धनराशि मांगी

नई दिल्ली/देहरादून 20 जुलाई, 2020। उत्तराखंड के सिंचाई, पर्यटन, एवं संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से भेंट कर उत्तराखंड के लिए स्वीकृत सिंचाई योजनाओं के लिए धनराशि की मांग करने के साथ-साथ बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम एवं त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के माध्यम से केंद्र सरकार से मिलने वाली सहायता के लिए उनका आभार जताया।

उत्तराखण्ड सिंचाई, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज ने श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत मा0 मंत्री, जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार से भेंट कर उनसे बाढ़ प्रबन्धन कार्यक्रम एफ0एम0पी0 12 सं0 योजनाओं के लिए 29.52 करोड़ ए0आई0बी0पी0 32 सं0 योजनाओं के लिए 77.41 करोड़ है, दोनों योजनाओं के लिए कुल राशि 106.93 करोड़ की मांग की गयी।

श्री महाराज ने स्वीकृति हेतु नई योजनाओं में बाढ़ प्रबन्धन कार्यक्रम एफएमपी 59 सं0 के लिए 1582.89 करोड़ एवं जल संचयन व संवर्द्धन बैराजध्जलाशयध्झील निर्माण निर्माण 14 सं0 योजनाओं के लिए 2170.70 करोड़ दोनों के लिए कुल राशि 3753.59 करोड़ की मांग की है।

उत्तराखण्ड पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने बताया कि लघु सिंचाई विभाग के लिए प्रस्तावित नई योजना पी0एम0के0एस0वाई0 हर खेत को पानी 422 सं0 योजनाओं के लिए 349.39 व पी0एम0के0एस0वाई भूजल 4 सं0 योजना के लिए 16.44 करोड़ है, दोनों योजनाओं के लिए कुल 365.83 करोड़ रूपये की मांग की।

उत्तराखण्ड पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत जी मा0 मंत्री, जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार ने सभी प्रस्तावित योजनाओं के लिए आश्वासन दिया है। साथ उन्होने भारत सरकार से हर संभव मदद का भरोसा दिया है।

सिंचाई मंत्री श्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय जल मंत्री को बताया कि उत्तराखण्ड राज्य देवभूमि होने के साथ-साथ अति महत्वपूर्ण नदियों गंगा एवं यमुना का उद्गम स्थल भी है, परन्तु इसके अधिकांश भू-भाग की प्रकृति पर्वतीय है एवं इसे प्रतिवर्ष विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं यथा बाढ़, अतिवृष्टि, बादल फटना आदि से जूझना पड़ता है। राज्य सरकार अपने अति सीमित संसाधनों से बाढ़ सुरक्षा एवं प्रबंधन कार्य कराने का भरसक प्रयास करती है। उन्होने कहा कि हम भारत सरकार के आभारी हैं कि वह उपरोक्त कार्यों हेतु विशेष पैकेज के अन्तर्गत बाढ़ प्रबन्धन कार्यक्रम एवं त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के माध्यम से राज्य सरकार की सहायता कर रही है। श्री सतपाल महाराज ने कहा है कि उनका हर संभव प्रयास है कि उत्तराखण्ड आये प्रवासियों को बिल्कुल भी पानी की कमी न होने पाये। प्रदेश के हर खेत को पानी मिले इसके लिए उनका प्रयास जारी रहेगा।

गोल्डन फॉरेस्ट के वाद 24 जुलाई 2020 को सुनवाई

देहरादून दिनांक 20 जुलाई 2020 (जि.सू.का),  अपर जिलाधिकारी प्रशासन अरविंद पांडे ने अवगत कराया है कि पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन एवं अपर जिलाधिकारी वित्त राज्य के न्यायालय में गोल्डन फॉरेस्ट के वाद विचारधीन  है, जिनकी सुनवाई 24 जुलाई 2020 को की जानी है। उन्होंने सभी पक्षकारों को सूचित किया है कि 24 जुलाई 2020 को अपर जिलाधिकारी प्रशासन एवं अपर जिलाधिकारी वित्त राजस्व के न्यायालय में गोल्डन फॉरेस्ट के वादों की सुनवाई की जाएगी, जिसमें वादियों की उपस्थिति आवश्यक है।

पुलिस ने हिंदुस्तान लीवर कंपनी प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया

देहरादून, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्‍स) ऋषिकेश में भर्ती टीबी रोग पीड़ित कोरोना वायरस संक्रमित मरीज की सोमवार को मौत हो गई। एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल के मुताबिक ऋषिकेश सर्वहारा नगर निवासी 58 वर्षीय मरीज बीते रविवार को ओपीडी में आया था। उसकी कोविड जांच की गई। इस मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। सोमवार की सुबह इस मरीज की मौत हो गई। प्रशासन को सूचित कर दिया गया है। नजदीकी श्मशान घाट में शव का अंतिम संस्कार गाइडलाइन के मुताबिक किया जाएगा।

हरिद्वार में सिडकुल की हिंदुस्तान लीवर कंपनी में कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। बीते रोज तक यह संख्या 220 थी। सोमवार सुबह तक चार कर्मचारियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अब यह आंकड़ा 224 पहुंच गया है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने हिंदुस्तान लीवर कंपनी प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। जिसमें कर्मचारियों को इकट्ठा कर लोगों की जान खतरे में डालने का आरोप लगाया गया है। एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ने इसकी पुष्टि की है।

हरिद्वार जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढा दी है। गुरुवार को चार, शुक्रवार को हिंदुस्तान यूनिलीवर के 33, शनिवार को 27 कर्मियों के बाद रविवार को 156 मरीजों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इन्हें मिलाकर यहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों की तादात 220 पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग के एसीएमओ डॉ. अजय कुमार ने बताया कि तीन दिन में मरीजों की तादात 220 हो गई है। अधिकतर मरीज हरिद्वार के रहने वाले हैं। जबकि कुछ ऋषिकेश और दूसरे स्थानों के हैं। सभी की जांच प्राइवेट लैब में कराए गए हैं। वहीं प्लांट को बंद कर वहां सैनिटाइजेशन का कार्य तेजी से चल रहा है। 

उत्तराखंड में रविवार को कोरोना के रिकॉर्ड 239 नए मामले आए हैं। यह एक दिन में कोरोना संक्रमित मरीजों की अभी तक की सर्वाधिक संख्या है। इससे पहले 29 मई को 216 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई थी। बीते दस दिन के भीतर उत्तराखंड में 1210 मामले आ चुके हैं। यह अब तक आए मामलों का तकरीबन 27 फीसद है। जिस तेज रफ्तार से मामले बढ़ रहे हैं दिन-ब-दिन स्थिति भयावह होती दिख रही है। अभी तक उत्तराखंड में कोरोना के कुल 4515 मामले आ चुके हैं। जिनमें 3116 स्वस्थ हो गए हैं। वर्तमान में प्रदेश में 1311 एक्टिव केस हैं, जबकि 36 मरीज राज्य से बाहर जा चुके हैं। कोरोना संक्रमित 52 लोगों की अब तक मौत भी हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार रविवार को 2744 सैंपल की रिपोर्ट मिली है। जिनमें 2505 की रिपोर्ट निगेटिव व 239 मामले पॉजिटिव आए हैं।

रविवार को सर्वाधिक 150 मामले हरिद्वार जनपद में आए हैं। इनमें 139 पूर्व में कोरोना संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोग हैं। देहरादून में 58 और लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इनमें सेना व सीआइएसएफ के 15 जवान और तीन स्वास्थ्य कर्मी भी शामिल हैं। ऊधमसिंहनगर में कोरोना के 13 नए मामले आए हैं। वहीं एक-एक अफजलगढ़, दिल्ली व बदायूं से लौटे लोग हैं।

चमोली -प्रवासी /बेरोजगार युवकों का स्वरोजगार हेतु साक्षात्कार

चमोली 20 जूलाई,2020 (सू0वि0)  मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (एम.एस.वाई) के तहत लाभाथर््िायों के चयन हेतु जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की अध्यक्षता में सोमवार को जिला सभागार में जनपद में आने वाले प्रवासी /बेरोजगार युवकों का स्वरोजगार हेतु साक्षात्कार लिया गया। ऋण इच्छुक अभ्यार्थियों को जिलाधिकारी द्वारा सुझाव दिये गये कि अभ्यार्थी ने जिस क्षेत्र में स्वरोजगार पाने के लिए आवेदन किया है। वे संबंधित विभागों से योजना संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते है। कहा कि इस से योजना के संचालन में आने वाली तकनीकी जानकारी अभ्यार्थियों को मिल सके। उन्होंने योजना से जुडे विभागों के अधिकारियों को आवश्यक जानकारी व सहयोग उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

          जिलाधिकारी ने कहा कि योजना के अन्र्तगत विनिर्माण ,सेवा व्यवसाय की सभी गतिविधियों के लिए राष्ट्रीयकृत बैकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। जिससे बेरोजगारों कों उन्हीं के घर में स्वरोजगार दिया जा सके। उन्होंने कहा बेरोजगारों को स्वरोजगार मिलने से पलायन को भी रोका जा सकता है। बताया कि जनपद में बेरोजगारों को स्वरोजगार से जोडने के लिए, उद्योग विभाग के साथ कृषि, मत्स्या, उद्यान, डेरी, पर्यटन, ग्राम्य विकास, समाज कल्याण, पशुपालन, नाबार्ड विभागों के माध्यम से भी समन्वय स्थापित किया जा रहा है। तांकि बेरोजगारों को सभी क्षेत्रों में स्वरोजगार हेतु सभी विकल्प खुले रहें।

मुख्य विकास अधिकारी हंसा दत्त पांडे ने प्रवासियों को साक्षात्कार के दौरन कहा कि पहले आप अन्य राज्यों में काम करते थे, लेकिन अब अपने घर में स्वरोजगार कर के मालिक बनकर कार्य करें। कहा कि राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना का लाभ प्राप्त कर अपना रोजगार स्थापित करें। उन्होंने रेडीमेट गारमेंन्ट के क्षेत्र में कार्य करने वाले अभ्यार्थियों को सुझाव दिए कि पर्यटकों के लिए कपडे तैयार कर किराये पर भी दिये जा सकते है।

जिला उद्योग केंन्द्र के  महाप्रबन्धक डाॅ एम0एस0 सजवाण ने कहा कि साक्षात्कार में 73 अभ्यर्थियों के  आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे, जिसमें से 57 अभ्यर्थी साक्षात्कार में उपस्थित हुए, इसमें 38 प्रवासी व अन्य स्थानीय बेरोजगारों का साक्षत्कार लिया गया। सभी 57 अभ्यर्थियोें के आवेदन पत्र के साथ 315 लाख की योजनाएं स्वीकृत की गयी। जिसमें डेरी,,पोल्ट्री, भेड बकरी पालन, रेस्टोरेंन्ट, रेडीमटे, जनरल स्टोर  के अधिक आवेदन प्राप्त हुए है।

                           इस दौरान लीड बैक अधिकारी प्रताप सिंह, स्टेट बैंक मुख्य प्रबन्धक दिनेश नेगी, पर्यटन अधिकारी ब्रिजेश पाण्डे, अपर कृषि अधिकारी जितेंन्द्र भास्कर, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी के0पी0 बडोली सहायक प्रबन्धक विक्रम सिंह कुॅवर आदि उपस्थित रहे।

उत्तरकाशी. पुरोला ब्लॉक के दूरस्थ क्षेत्र सरबडियार के 8 गांवों तक सड़क नहीं पहुंची है और लोगों को उफनते नदी-नाले पार करने पड़ते हैं.

  यमुना घाटी में बहने वाली सरबडियार नदी के ऊपर झूलती हुई ट्रॉली से यात्रा करना बहुतों के लिए एडवेंचर हो सकता है लेकिन पुरोला ब्लॉक का सबसे दूरस्थ क्षेत्र सरबडियार के लोगों के लिए नहीं. बल्कि क्षेत्र के 8 गांवों के लोगों को तो यह वरदान सरीखा लग रहा है क्योंकि यह इलाका अब भी सड़क से महरूम है. बरसात के मौसम में भी ग्रामीणों को उफ़नते हुए नदी-नाले पार करके आवाजाही करनी पड़ती थी जिसकी वजह से कई बार हादसे हो चुके हैं. ग्रामीणों की परेशान देखते हुए ज़िला प्रशासन ने अब सरबडियार नदी पर तत्कालीन ज़रूरतों के लिए ट्रॉली की व्यवस्था की है. आजादी के बाद इन ग्रामीणों के लिए ट्राली किसी सौगात से कम नहीं है. अब तक ग्रामीणों को दिन हो या रात उफनते हुए नदी, नालों को पार करके अस्पताल, जिला मुख्यालय और नजदीकी बाजार बड़कोट या पुरोला तक 20 से 25 किलोमीटर पैदल चलकर सफर करना पड़ता है. बारिश में फ़िसलन होने की वजह से ही पहाड़ी रास्ते खतरनाक नहीं हो जाते बल्कि कई जगहों से तेज़ रफ़्तार पानी आने का डर भी स्थिति को डरावना बताता है.

पिथौरागढ़ की मुनस्यारी और बंगापानी तहसील में बारिश ने फिर तांडव मचाया है.

भारी बारिश से बदरीनाथ हाईवे कई जगहों पर डेंजर जोन में आ गया है। सोमवार को तोता घाटी, सोनला, भनेरपाणी और लामबगड़ में हाईवे दिनभर अवरुद्ध रहा।  हाईवे अवरुद्ध होने से जगह-जगह लगभग  श्रद्धालु और आम लोग फंसे हुए हैं।  बदरीनाथ हाईवे तोता घाटी में भी तीन दिन से अवरुद्ध है। तोता घाटी से करीब 50 मीटर आगे यातायात चालू रखने के लिए बनाया गया रैंप भी ध्वस्त हो गया है। जिसके चलते पीडब्लूडी राष्ट्रीय राजमार्ग खंड को दो-दो मोर्चों पर जूझना पड़ रहा है। चमोली जिले में रुक-रुककर हो रही बारिश से अभी हाईवे के खुलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।   बदरीनाथ हाईवे पीपलकोटी के भनेरपाणी में दो दिन से बंद है। हाईवे पर चट्टान से बोल्डर लगातार गिर रहे हैं। इसके चलते रास्ता आवाजाही के लिए आज भी सुचारू नहीं हो पाया।  रविवार को रास्ते में फंसे यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा। यात्रियों का कहना है कि अगर हाईवे बंद है और रास्ता खराब है तो सरकार ई-पास क्यों जारी कर रही है। वहीं, ऋषिकेश से  एंट्री के वक्त ही हाईवे बंद होने की बात क्यों नहीं बताई जा रही है।

पिथौरागढ़ की मुनस्यारी और बंगापानी तहसील में बारिश ने फिर तांडव मचाया है. गैला गांव में एक घर पर मलबा आने से तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि तीन गंभीर रूप से घायल हैं. मरने वालों में दो महिला और एक पुरुष है. वहीं तांगा गांव में भी भारी बारिश ने तांडव मचाया है, तांगा में मलबे की चपेट में आने से एक व्यक्ति घायल है जबकि 6 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं. लापता लोगों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है.  

18, 19 july 20 मुनस्यारी और बंगापानी तहसील क्षेत्र में दो दिन के बीच हुई प्रलयंकारी बारिश के चलते ग्रामीण अब अपने पुश्तैनी गांव और पुश्तैनी मकानों को छोडऩे को मजबूर हो चुके हैं। मदकोट क्षेत्र के जोशा गांव में बारिश ने तबाही मचा दी है। गांव के दो तोक रोपाड़ और गैखान मेंं स्थिति बेहद खराब है। घरों के आंगन बह चुके हैं। पहाड़ की तरफ से लगातार भूस्खलन हो रहा है। 150 परिवार वाले जोशा गांव में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। जान बचाने के लिए ग्रामीण बारिश थमने के बाद घर से आवश्यक सामान दूसरी जगह श्रिफ्ट करने लगे हैं।

पिथौरागढ़, 18, 19 july 20 बारिश ने फिर तबाही मचा दी। तहसील बंगापानी के टांगा और गैला गांवों में भारी भूस्खलन से मकानों के मलबे में दबने से तीन लोगों की मौत ह्रो चुकी है जबकि पांच घायल हैं। इसके अलावा 11 लोग लापता हैं।

गैला गांव में मलबे से तीनों शव निकाल लिए गए हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। घटनास्थल पर एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व और आपदा प्रबंधन की टीम पहुंच चुकी है। थल-मुनस्यारी मार्ग, टनकपुर-तवाघाट हाईवे सहित चीन सीमा को जोडऩे वाले तीनों मार्ग बंद हैं। मुनस्यारी और मदकोट में पेयजल लाइनें ध्वस्त हो गई हैं। दहशत में ग्रामीण पुश्तैनी मकान छोड़ कर सुरक्षित स्थानों को जा रहे हैं। गांवों में अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है।

शनिवार रात सीमांत में बादल फटने से भारी तबाही मची। रविवार शाम भी मुनस्यारी, बंगापानी और धारचूला तहसीलों में बारिश ने फिर कहर बरपाया। मध्य रात्रि लगभग एक बजे के आसपास से बारिश ने कहर बरपाना शुरू किया। बंगापानी तहसील के दूरस्थ गांव गैला में तीन मकान मलबे की चपेट में आकर ध्वस्त हो गए। एक ही परिवार के 50 वर्षीय शेर सिंह पुत्र रतन सिंह, 45 वर्षीय गोविंदी देवी पत्नी शेर सिंह और 24 वर्षीय ममता पुत्री शेर सिंह की मौत हो गई।

बंगापानी तहसील के टांगा मुनियाल गांव में भी बारिश ने कहर बरपाया। पहाड़ से गिरे मलबे में तीन मकान दब गए। 11 लोग लापता हैंं। एक ग्रामीण घायल है। इस गांव तक पहुंचने वाले मार्ग बह जाने तथा चट्टानों के बीच मार्ग नहीं होने से बचाव दल समय से नहीं पहुंच पाए। ग्रामीण लापता लोगों का पता लगाने में जुटे हैं। प्रशासन ने आइटीबीपी मिर्थी से मदद मांगी। मौके पर एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व, आपदा प्रबंधन टीम के साथ आइटीबीपी के जवान भी पह्रंच कर बचाव कार्य चला रहे हैं।दो अन्य मकानों में रहने वाले प्रियंका, ढीला, रुक्मिणी देवी और डिगर सिंह घायल हो गए। शवों और घायलों को ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद मलबे से निकाला ।

लापता लोगों के नाम

जीत राम पुत्र हुड़किया राम, पार्वती देवी पत्नी जीत राम, रोशन कुमार पुत्र जीत राम, माधो सिंह पुत्र चंद्र सिंह, तुलसी देवी पत्नी माधो सिंह, हीरा देवी पत्नी गणेश सिंह, दिव्यांशु पुत्र गणेश सिंह ,लक्की पुत्री गणेश सिंह, पुष्पा देवी पत्नी भीम सिंह , प्रतिमा देवी पत्नी खुशाल सिंह हैं। नंदन सिंह घायल है। उन्हें पिथौरागढ़ जिला अस्पताल भेजा गया है।

तीसरी घटना बाता, मदकोट की है। यहां दो मकान ध्वस्त हो गए। एक गाय और एक बकरी मलबे में दब गए हैं। दोनों परिवारों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया है। चौथी घटना सिरतोला गांव की है। यहां तीन मकानों में मलबा घुस गया। परिवार सुरक्षित हैं। सभी स्थानों पर खोज एवं बचाव दल तैनात हैं।

वही राजधानी देहरादून के निकटवर्ती उपनगर विकासनगर में जुड्डो के आसपास के क्षेत्र में नाले और गदेरे उफान पर आ गए. इनमें भारी मात्रा में मलबा आने से दिल्ली-यमुनोत्री हाइवे बाधित हो गया. मलबा आने से जुड्डो खेड़ा गांव को भी खतरा पैदा हो गया है. मलबे की चपेट में आने से उत्तराखंड जल विद्युत निगम के गेस्ट हाउस को बड़ा नुकसान पहुंचा है. गेस्ट हाउस के कई कमरों में मलबा भर गया. ख़बर लिखे जाने तक गेस्ट हाउस से मलबा निकालने का काम चल रहा था. रविवार शाम हुई मूसलाधार बारिश के बाद

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