लॉकडाउन पर राज्य से रणनीति बनाये; पीएम & निशंक का अभिभावकों एवं छात्रों से संवाद & Top News 27 April 20
27 April 20# High Light# केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने देशभर के अभिभावकों एवं छात्रों से संवाद किया # चीन से रैपिड टेस्ट किट खरीद सरकार को दूनी कीमत पर बेची भारतीय कंपनियों ने# चीन से ख़राब गुणवत्ता वाली कोरोना टेस्ट किट की शिकायत मिलने पर केंद्र सरकार ने ऑर्डर को रद्द कर दिया है# मोदी ने लॉकडाउन (Lockdown) खोलने पर राज्यों से रणनीति बनाने को कहा # उत्तराखंड के सीएम ने पीएम को राज्य की स्थिति बताई और कहा कि यमनोत्री,गंगोत्री के कपाट खोले गए हैं# उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मनरेगा रोजगार की वर्तमान अवधि को 150 दिन कर दिया जाए# नीतीश कुमार ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि क्या पांच लोग सड़क पर आकर मांग करने लगेंगे तो सरकार झुक जाएगी? सरकार ऐसे काम करती है? # कोरोना (Coronavirus) का खौफ फैलाने वाले चीन का वुहान (Wuhan) कोरोना मुक्त # यूपी वालों की मदद के लिए कंट्रोल रूम # फंसे हुए रिश्तेदारों को E-Pass बनवाकर पहुंचवाते हैं# अब तक योगी सरकार के इस कंट्रोल रूम ने 10,000 से भी अधिक लोगों की अलग-अलग तरह से मदद की है# देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या आज 28 हजार के पार
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Breaking देश में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र में आए हैं. यहां 8068 लोग संक्रमित हुए हैं भारत में कुछ राहत भरी खबर सामने आई है। भारत में वैक्सीन का सफल परीक्षण किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजाब के चंडीगढ़ पीजीआई ने कोरोना वैक्सीन का परीक्षण किया है जो कि सफल रहा है। बताया जा रहा है कि पीजीआई में 6 कोरोना मरीजों पर इस वैक्सीन का परीक्षण किया गया है। जिसमें सफलता हासिल हुई है। जिन मरीजों पर वैक्सीन का परीक्षण किया गया है उनकी हालत बेहतर है। अभी तक वैक्सीन के शुरुआती नजीजे सफल हुए हैं। यह भारत के लिए बड़ी उपलब्धी साबित हो सकती है। चंडीगढ़ पीजीआई ने एमडब्ल्यू वैक्सीन का ट्रायल किया है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने देशभर के अभिभावकों एवं छात्रों से संवाद किया
New Delhi (Himalayauk Bureau) केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज वेबिनार के माध्यम से देशभर के अभिभावकों एवं छात्रों से संवाद किया और COVID-19 की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों की वजह से उनके मन में उठ रहे विभिन्न सवालों के जवाब दिए।इस वेबिनार संवाद से जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल तक और गुवाहाटी से लेकर गुजरात तक लगभग 20000 अभिभावक जुड़े। केंद्रीय मंत्री ने अपने वेबिनार संवाद के माध्यम से मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा चलाये जा रहे ऑनलाइन शिक्षा के लिए विभिन्न अभियानों और योजनाओं के बारे में सभी अभिभावकों को अवगत कराया।
उन्होनें कहा कि मंत्रालय को अपने छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों की चिंता है और इसी वजह से हमने पहले से चली आ रही विभिन्न योजनाओं को युद्ध स्तर पर लागू किया जिसका लाभ देश के 33 करोड़ छात्र कभी भी और कहीं से भी उठा सकते हैं। देशभर के अभिभावकों का आभार प्रकट करते हुए केंद्रीय मंत्री जी कहा कि देश इस समय अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा है। अभिभावकों के लिए ये समय और भी मुश्किल हो जाता है क्योंकि उन्हें अपने बच्चों की पढाई की और भविष्य की चिंता भी सता रही होगी। निशंक ने अभिभावकों को विश्वास दिलाया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय छात्रों की पढाई और उनके भविष्य के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस दिशा में मंत्रालय दीक्षा, ई-पाठशाला, मुक्त शैक्षिक संसाधनों का राष्ट्रीय भंडार (एनआरओईआर), स्वयं, डीटीएच चैनल स्वयंप्रभा इत्यादि द्वारा सभी छात्रों की पढाई अनवरत जारी रखने का प्रयास कर रहा है।
पोखरियाल ने बताया कि ऑनलाइन शिक्षा नीति को सुदृढ़ बनाने के लिए हमने भारत पढ़े ऑनलाइन अभियान की शुरुआत की है जिसमें देशभर से छात्रों, अभिभावकों और अध्यापकों से सुझाव मांगे गए थे। हमें 10000 से अधिक सुझाव प्राप्त हुए थे जिस पर मंत्रालय बहुत जल्द दिशानिर्देश लेकर आएगा। केंद्रीय मंत्री ने विद्यादान 2.0 के बारे में अभिभावकों को बताते हुए कहा कि इस अभियान के तहत मंत्रालय ने देश के शिक्षाविदों और शैक्षणिक संगठनों से विभिन्न ई-लर्निंग प्लेटफार्म पर पाठ्यक्रम के अनुसार सामग्री विकसित करने और इसमें योगदान देने का आग्रह किया है। निशंक ने आगे कहा कि इस कार्यक्रम में अनेक शिक्षाविदों एवं शैक्षणिक ने अपनी रूचि दिखाई है और आशा जताई कि बहुत जल्द हमें इसके तहत काफी सारी पाठ्यसामग्री मिल जाएगी। इस संवाद के दौरान डॉ निशंक ने अभिभावकों के सवालों के जवाब भी दिए।पटना से एक अभिभावक के एनसीआरईटी पुस्तकों की उपलब्धता के सवाल पर मंत्री जी ने कहा कि एनसीआरईटी ने लगभग सभी राज्यों में पुस्तकें भेज दी हैं और बहुत शीघ्र विद्यार्थियों को ये पुस्तकें उपलब्ध हो जाएंगी।
सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाएं आयोजित कराने के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हालात सामान्य होने पर मुख्य विषयों के 29 पेपर्स की परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। लॉक डाउन में विद्यार्थियों की शिक्षा का नुकसान कैसे कम किया जाए इस सवाल के जवाब में उन्होनें कहा कि मंत्रालय के विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से विद्यार्थियों की शिक्षा जारी है।
उन्होंने बताया कि मंत्रालय के केवल दीक्षा प्लेटफार्म पर ही 80,000 से ज्यादा पाठ्यसामग्री उपलब्ध है और लॉकडाउन के समय में इसको लगभग 12 करोड़ बार इस्तेमाल किया गया है।एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि लॉक डाउन के कारण शिक्षा का नुकसान ना हो इसके लिए एनसीआरईटी द्वारा वैकल्पिक कैलेंडर बनाया गया है और सीबीएसई को भी नया शैक्षणिक कैलेंडर जारी करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने विद्यार्थियों के करियर संबंधी, परीक्षा संबंधी और अन्य कई सवालों के जवाब दिए।
उन्होनें इस वेबिनार में ये भी बताया कि मंत्रालय लगातार सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों एवं शिक्षा सचिवों के साथ संपर्क में हैं और यह सुनिश्चित करने में लगा है कि इस मुश्किल घड़ी में भी छात्रों की पढाई जारी रहे। श्री निशंक ने इस वेबिनार से जुड़ने के लिए सभी अभिभावकों का आभार व्यक्ति किया और कहा कि अगले सप्ताह वह वेबिनार के माध्यम से विद्यार्थियों से जुड़ेंगे और उनसे संवाद स्थापित करेंगे। उन्होनें अपने संवाद को ख़त्म करने से पहले सभी अभिभावकों का इस मुश्किल समय में धैर्य के साथ लॉकडाउन का पालन करने, सोशल डिस्टैन्सिंग और स्वास्थ्य विभाग के दिशानिर्देशों का पालन करते रहने के लिए आभार व्यक्ति किया और उनसे कोरोना के खिलाफ इस जंग में पूरी ईमानदारी के साथ भाग लेने के लिए धन्यवाद किया।
कई राज्यों से शिकायत मिलने के बाद आइसीएमआर ने इस किट की ख़रीद वोन्डफ़ू से बंद कर दी। शिकायत में कहा गया था कि किट खराब है और इसके नतीजे पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
भारत सरकार ने चीन में बना रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट दुगुने से भी ज़्यादा क़ीमत पर खरीदा है। लेकिन यह बढ़ी हुई क़ीमत उसने चीनी कंपनी को नहीं, एक भारतीय कंपनी को ही चुकाई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने इसके बाद एक आदेश में इस किट की अधिकतम कीमत तय कर दी है। सरकार ने जिस कंपनी से ये टेस्ट किट बढ़ी हुई कीमत पर ली हैं, उसका नाम है रीयल मेटाबॉलिक्स। वह डिस्ट्रीब्यूटर है।भारत सरकार ने इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च के ज़रिए 6.50 लाख टेस्ट किट का आदेश दिया, जिसमें रैपिड टेस्ट किट भी शामिल थे। बीजिंग में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी कि 6.50 लाख टेस्ट किट गुआंगज़ू हवाई अड्डे से भारत को भेज दिया गया है। इसमें रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट और आरएनए एक्सट्रैक्शन किट भी शामिल है। आईसीएमआर ने यह ऑर्डर चीनी कंपनी वोन्डफ़ू को दिया था। भारतीय कंपनी मैट्रिक्स ने 245 रुपए प्रति किट की दर पर ये किट्स चीनी कंपनी से आयात किए। लेकिन डिस्ट्रीब्यूटर रीयल मेटाबॉलिक्स और आर्क फ़ार्मास्यूटिकल्स ने यही किट 600 रुपए की दर पर केंद्र सरकार को दीं। यानी, उसने दूने से अभी अधिक कीमत वसूली। दूसरी ओर तमिलनाडु सरकार ने भी ये किट्स उसी चीनी कंपनी से लीं। मैट्रिक्स ने ये किट आयात कीं और शान बायोटेक इसका डिस्ट्रीब्यूटर था। सारे विवाद की जड़ यहीं है। रीयल मेटाबॉलिक्स ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर दी। उसने इस याचिका में शिकायत की कि मैट्रिक्स ने तमिलनाडु के लिए दूसरे डिस्ट्रीब्यूटर को लगाया। यह उसके साथ हुए क़रार का उल्लंघन है क्योंकि पूरे देश में इस उत्पाद का एकमात्र डिस्ट्रीब्यूटर वही है।
अदालत ने अपने ऑर्डर में रैपिड टेस्ट किट की कीमत 400 रुपए तय कर दी और कहा कि इससे अधिक कीमत पर यह नहीं बेचा जाना चाहिए, इस कीमत में जीएसटी भी शामिल है। एनडीटीवी के मुताबिक़, अदालत ने इस आदेश में यह भी कहा है, ‘देश की अर्थव्यवस्था बुरी स्थिति में है, इस महामारी को रोकने के लिए यह ज़रूरी है कि इस तरह के किट उपलब्ध कराए जाएं। इस विवाद के बाद जनता की भलाई के लिए यह ऑर्डर दिया जाता है कि यह रैपिड टेस्ट किट 400 रुपए से ऊँची कीमत पर नहीं बेचा जाना चाहिए।’ बढ़ी हुई कीमत पर आइसीएमआर ने सफ़ाई दी है। उसने कहा है कि किट की कीमत 528 रुपए से 795 रुपए तय की गई थी। यह कीमत किट की क्वालिटी, स्पेशीफिकेशन और सप्लायर की क्षमता पर निर्भर करती है। राजस्थान सरकार ने शिकायत करते हुए कहा था कि सिर्फ 5.4 प्रतिशत किट ही ठीक पाए गए थे, बाकी सब खराब थे। इसके बाद आइसीएमआर ने किट का इस्तेमाल रोक देने को कहा था। आइसीएमआर शुरू में इस किट के ख़िलाफ़ था और उसका मानना था कि इसका इस्तेमाल सिर्फ स्क्रीनिंग के लिए किया जा सकता है, पूरी जाँच के लिए नहीं। उसका यह भी कहना था कि हॉटस्पॉट पर जाँच के लिए यह ठीक नहीं है।
चीन से ख़राब गुणवत्ता वाली कोरोना टेस्ट किट की शिकायत मिलने पर केंद्र सरकार ने ऑर्डर को रद्द कर दिया
सरकार ने कहा है कि इन किट को मुहैया कराने वाली कंपनियों को एक रुपया भी नहीं दिया जाएगा। सरकार ने यह भी कहा कि उन कंपनियों को भुगतान अभी नहीं किया गया है। हाल के दिनों में कई राज्यों की सरकारें टेस्ट किट के सही से काम नहीं करने की शिकायतें करती रही हैं। पिछले हफ़्ते राजस्थान सरकार ने इसकी रिपोर्ट की थी और कहा था कि टेस्ट किट माणक के अनुसार नहीं है। राजस्थान और पश्चिम बंगाल ने नयी टेस्ट किट के बारे में शिकायत की थी कि ये किट 5.4 फ़ीसदी ही सही परिणाम बता रही हैं। विपक्षी दलों द्वारा शासित इन राज्यों ने केंद्र सरकार की ख़रीद पर सवाल उठाए थे। ऐसे ही आरोप यूरोप और अमेरिका के देश भी लगाते रहे हैं कि चीन से मिलने वाली टेस्ट किट और दूसरे उपकरणों की गुणवत्ता सही नहीं है। राज्य सरकारों की शिकायतों के बीच आज केंद्र सरकार ने भी कहा कि इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने भी इन शिकायतों को सही पाया है। सरकार ने कहा कि ग्वांगझू वोन्डफो बायोटेक और झूआई लिवज़ोन डायग्नॉस्टिक्स द्वारा सप्लाई की गई टेस्ट किट की गुणवत्ता उस स्तर की नहीं है जैसी होनी चाहिए।
आज ही आईसीएमआर ने सभी हॉस्पिटलों से कहा है कि वे चीन की इन दो कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराई गई टेस्ट किट का इस्तेमाल करना बंद कर दें। आईसीएमआर ने यह भी कहा है कि इन दोनों कंपनियों द्वारा दी गई किट को वापस लौटा दें ताकि इसे वापस सप्लायर के पास भेजा जा सके। बता दें कि हाल ही में चीन से क़रीब पाँच लाख रैपिड एंडी-बॉडी टेस्ट किट और आरएनए एक्सट्रैक्शन किट की ख़रीद की गई थी और इसे देश भर के हॉस्पिटलों में बँटवाया गया।
आईसीएमआर ने कहा है कि कुछ राज्यों ने रैपिड एंटी-बॉडी टेस्ट किट ख़रीदी थी और उनकी माँग पर आईसीएमआर ने भी यह मुहैया कराई थी। लेकिन इसके साथ ही यह भी साफ़ निर्देश दिए गए थे कि इनका सिर्फ़ निगरानी रखने के उद्देश्य से ही इस्तेमाल किया जाए। इसने कहा है, ‘कुछ राज्यों ने टेस्टिंग के दौरान किट की टेस्टिंग क्षमता को लेकर शिकायतें कीं। इसके बाद आईसीएमआर ने फ़ील्ड में इसकी पड़ताल की। कंपनियों द्वारा निगरानी के लिए ही अच्छे परिणाम के किए गए दावे के बावजूद परिणाम अलग-अलग आए। इसी कारण टेस्टिंग को रोकने के लिए कह दिया गया है।’
सरकार की ओर से आधिकारिक बयान में कहा गया है कि तय प्रक्रिया का पालन किया गया है यानी इन किट की खरीद में 100 फ़ीसदी एडवांस में नहीं दिया गया है और इस कारण सरकार को एक रुपया का भी नुक़सान नहीं होगा।
मोदी ने लॉकडाउन (Lockdown) खोलने पर राज्यों से रणनीति बनाने को कहा
नई दिल्ली:देश में कोरोना वायरस (coronavirus) के संक्रमण के हालात पर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. बैठक में पीएम मोदी ने लॉकडाउन (Lockdown) खोलने पर राज्यों से रणनीति बनाने को कहा. प्रधानमंत्री के साथ बैठक में 4 मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन बढ़ाने की भी बात कही. प्रधानमंत्री ने राज्यों को सलाह दी कि अपने प्रशासन और नीतियों में सुधार लाकर वे वर्तमान चुनौतियों को अवसर में बदलने की संभावनाएं तलाशें.
पीएम मोदी ने कहा, ‘2 गज की दूरी, हमारा मूलमंत्र होना चाहिए. राज्य सरकारों को रेड जोन को ऑरेंज जोन और ऑरेंज जोन को ग्रीन जोन में तब्दील करने का प्रयास करना चाहिए. लॉकडाउन के कारण पिछले डेढ़ महीने में हजारों लोगों की जान बचाने में हम सफल रहे हैं. कोरोना वायरस का दुष्परिणाम हमें आने वाले महीनों में भी दिखाई पड़ेगा. मास्क और सामाजिक दूरी जीवन का हिस्सा बनाना होगा
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया, “पीएम मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से सजग और सचेत रहने को कहा है. रेड जोन, ऑरेंज जोन में अभी सख्ती बरती जाएगी और लॉकडाउन का पालन भी सुनिश्चित किया जाएगा. रेड जोन और ऑरेंज जोन में नजर बनाए रखें.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये हमारा चौथा संवाद है. बीच-बीच में सभी मुख्यमंत्रियों से मेरी व्यक्तिगत बात होती रहती है. लॉकडाउन का प्रभाव पड़ा और हमें उसका लाभ मिला है. हमारे सामूहिक प्रयासों का कुछ हद तक असर भी दिख रहा है. देश में सामूहिक प्रयासों का परिणाम दिखा है. हजारों जिंदगियां बचाने में ये प्रयास महत्वपूर्ण रहे हैं. राज्यों में अच्छा काम हुआ है. एक्सपर्ट्स के सुझाव लगातार ले रहे हैं.
केंद्र सरकार ने बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस में मोदी ने कोरोना वायरस से अत्यधिक संक्रमित क्षेत्रों में दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करने के महत्व पर जोर दिया है. प्रधानमंत्री ने बताया कि लॉकडाउन के ‘सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं क्योंकि पिछले डेढ़ महीने में देश में हजारों जिंदगियां बचाई गई हैं.” हालांकि लॉकडाउन तीन मई को खत्म होगा, इसलिए हर राज्य को अपने वर्तमान कड़े दिशानिर्देशों में छूट शुरू करने की नीति पर निर्णय करना होगा. इसमें यातायात को अनुमति देने, बुजुर्गों को घर से बाहर आना है अथवा नहीं, दुकानों को कैसे खुलने की अनुमति देना है, आदि शामिल हैं.
पीएम ने कहा, ‘MNRGA समेत कुछ उद्योग के काम चलने लगे हैं. लॉकडाउन खोलने को लेकर एक नीति तैयार करनी होगी. राज्य अपनी नीति तैयार करे कि कैसे ग्रीन और ऑरेंज को खोलना है.’
उत्तराखंड के सीएम ने पीएम को राज्य की स्थिति बताई और कहा कि यमनोत्री,गंगोत्री के कपाट खोले गए हैं. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मनरेगा रोजगार की वर्तमान अवधि को 150 दिन कर दिया जाए।
संकेत साफ है कि रेड जोन पर फिलहाल कोई छूट नहीं मिलने जा रही. जो प्रदेश ज्यादा प्रभावित हैं वहां लॉकडाउन जारी रहेगा. जिन राज्यों में ठीक है वहां जिलावार कुछ छूट दी जाएगी. PM ने ये भी कहा कि देश के आर्थिक हालात मजबूत हैं. इसके लिए चिंता करने की जरूरत नहीं है.
बैठक को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सावधानी का मंत्र हमें विजय दिलवाएगा. हालांकि आर्थिक गतिविधियां ज्यादा समय नहीं रोकी जा सकतीं. लेकिन हमें सावधानी बरतनी होगी. ज्यादा से ज्यादा मास्क का इस्तेमाल होना चाहिए. शहर के साथ ही पूरे ग्रामीण इलाके में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होना चाहिए. अमित शाह ने ये भी कहा कि ये लंबी लड़ाई है. धैर्यपूर्वक लड़ना है. जहां-जहां लॉकडाउन भंग की घटनाएं हो रही हैं, उसे तुरंत रोकने का प्रयास होना चाहिए. अमित शाह ने ये भी कहा कि केंद्रीय और राज्य नेतृत्व मिलकर आगे बढ़ रहे हैं.
किस राज्य के मुख्यमंत्री ने क्या कहा…. 1. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक के दौरान कहा कि लॉकडाउन से लाभ मिल रहा है। इसे बढ़ना चाहिए। 2. दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने बैठक के दौरान कहा कि लॉकडाउन नहीं हटना चाहिए। 4. उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पीएम मोदी से बैठक के दौरान कहा कि लॉकडाउन को एक महीनो और बढ़ाना चाहिए। 5. बैठक के दौरान मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा कि कुछ छूटों के साथ गतिविधियों को अनुमति दी जानी चाहिए। 6. राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि एक साथ लॉकडाउन को पूरी तरह हटाना संभव नहीं है। 7. पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी ने बैठक के दौरान पीएम मोदी से कहा कि लॉकडाउन में उद्योग बंद है। सरकार को इनकी मदद करनी चाहिए। 8. बैठक के दौरान गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने लॉक डाउन का खुला समर्थन किया और कहा कि लॉकडाउन को कुछ दिनों के लिए और आगे बढ़ाना चाहिए। 9. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मनरेगा रोजगार की वर्तमान अवधि को 150 दिन कर दिया जाए।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कोटा में फंसे छात्रों का मुद्दा उठाया और कहा कि एक नीति होनी चाहिए. कुछ राज्य छात्रों को बुला चुके हैं. नीतीश कुमार ने ये भी कहा कि जब Disaster कानून में साफ है कि Interstate और Inter-District गतिविधियां न हों, तो भी कुछ राज्य छात्रों को बुला चुके हैं. जबकि हम केंद्र के निर्देश का पालन कर रहे हैं. नीतीश ने कहा कि बाहर से श्रमिक भी आएं, पर आने वालों की स्वास्थ्य जांच भी हो.
नीतीश कुमार ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि क्या पांच लोग सड़क पर आकर मांग करने लगेंगे तो सरकार झुक जाएगी? सरकार ऐसे काम करती है?
नीतीश कुमार ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि क्या पांच लोग सड़क पर आकर मांग करने लगेंगे तो सरकार झुक जाएगी? सरकार ऐसे काम करती है? पीएम मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास जब कुछ बोलने का मौक़ा आया तो उन्होंने आपदा प्रबंधन कानून के प्रावधान ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पढ़कर सुनाना शुरू कर दिया. शुरू में तो कुछ लोग समझ नहीं पाए लेकिन नीतीश कुमार कोटा से छात्रों को या अन्य जगहों से मजदूरों को लाने के मामले में साफ-साफ नाराजगी जाहिर कर दी. नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि आप देख लीजिए एक्ट में एक राज्य से दूसरे राज्य में व्यक्ति और न ही वाहन जाने का प्रावधान है इसलिए हम इसका पूरा पालन कर रहे हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि अगर केंद्र चाहे तो एक समान नीति बना दे और उन्हें अपने लोगों को वापस लाने में कोई दिक्कत नहीं हैं. लेकिन नीतीश ने कहा कि उनके पास इतने संसाधन नहीं हैं कि वो बस भेजे साथ केंद्र से सभी लोगों की मेडिकल जांच कराने का भी आग्रह किया. नीतीश के रुख़ से साफ़ हैं कि जैसा कुछ राज्य अपने तरफ़ से बस भेजकर छात्रों को वापस बुला रहे हैं उससे वो ख़ुश नही हैं. दूसरा वो केंद्र से इस सम्बंध में एक समान नीति बनाने का आग्रह कर ये भी संदेश देना चाहते हैं कि बच्चे हो या प्रवासी मज़दूर अगर वो फंसे हैं तो केंद्र की भी ज़िम्मेदारी बनती है.
कोरोना (Coronavirus) का खौफ फैलाने वाले चीन का वुहान (Wuhan) कोरोना मुक्त
बीजिंग: पूरी दुनिया में कोरोना (Coronavirus) का खौफ फैलाने वाले चीन का वुहान (Wuhan) कोरोना मुक्त हो गया है. यहां COVID-19 के सभी मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है. वुहान में पिछले कुछ हफ़्तों से नए रोगियों की संख्या लगातार घट रही थी. पूरे चीन में कोरोना के तीन नए मामले सामने आये हैं, लेकिन किसी की मौत नहीं हुई है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (NHC) का दावा है कि वुहान में अब एक भी संक्रमित मरीज नहीं है. NHC के प्रवक्ता मी फेंग (Mi Feng) ने सोमवार को कहा कि वुहान और देश भर के मेडिकल कर्मचारियों के संयुक्त प्रयासों के चलते वुहान अब कोरोना मुक्त हो गया है. रविवार को देश में तीन नए मामले दर्ज हुए हैं, उनमें दो संक्रमित व्यक्ति विदेश से चीन आये हैं. यानी उन्हें संक्रमण चीन की सीमा से बाहर हुआ है. जबकि तीसरा मामला उत्तर पूर्व सीमावर्ती शहर हेइलोंगजियांग (Heilongjiang) का है’.
गौरतलब है कि हेइलोंगजियांग रूस (Russia) से लगी सीमा पर स्थित है और बीते दिनों यहां संक्रमण के कई मामले देखने को मिले थे. जिसके बाद चीनी प्रशासन ने सीमा को सील कर दिया था और आने -जाने पर पाबंदी लगाई थी. चीन में अब तक कोरोना के 82,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, और 4,633 लोगों की संक्रमण से मौत हुई है. स्थिति सामान्य होती देख चीन ने कड़े उपाय हटा लिए हैं. वुहान को काफी पहले ही लॉकडाउन से मुक्ति मिल गई थी और अब वह कोरोना मुक्त भी घोषित हो गया है. हालांकि, चीन में कोरोना का खतरा अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. विशेषज्ञ पहले ही आशंका जता चुके हैं कि कोरोना दोबारा चीन में दस्तक दे सकता है. चीन भी शायद इस खतरे को महसूस कर रहा है. इसी के मद्देनजर रविवार को बीजिंग ने ‘सभ्य व्यवहार’ को बढ़ावा देने के उपायों की घोषणा की. इसके तहत नागरिकों को सार्वजनिक रूप से छींकने और खांसने से बचने की सलाह दी गई है. इसके अतिरिक्त, उन्हें सार्वजनिक रूप से भोजन न करने और बीमारी के दौरान मास्क पहनने के लिए भी कहा गया है. साथ ही रेस्टोरेंट को भी विशेष निर्देश जारी किये गए हैं. इन सभी प्रावधानों के 1 जून से प्रभावी होने की उम्मीद है.
यूपी वालों की मदद के लिए कंट्रोल रूम – मसीहा बने योगी
लखनऊ: लॉकडाउन (Lockdown) के चलते बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के रहने वाले लोग पूरे देश में कहीं न कहीं फंसे हुए हैं. ऐसे में इनको राशन और दूसरी सुविधाओं को मुहैया करवाने के मकसद से उत्तर प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ अधिकारियों को देश के अलग-अलग हिस्सों का नोडल अधिकारी बनाया है. इन नोडल अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वह उत्तर प्रदेश के मूल निवासियों की मदद करें. बता दें कि सरकार ने इन नोडल अफसरों के नंबर भी जारी किए हैं. समाज कल्याण निदेशालय में बिहार और झारखंड में फंसे यूपी वालों की मदद के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है.
इस कंट्रोल रूम में बड़ी संख्या में यूपी के रहने वाले लोग अपनी मदद के लिए फोन कर रहे हैं. साथ ही साथ बिहार और झारखंड के रहने वाले लोग भी इस कंट्रोल रूम के नंबर पर फोन करके मदद मांग रहे हैं. वैसे तो अन्य प्रदेशों के लोगों की मदद करना इनकी जिम्मेदारी में शामिल नहीं है, लेकिन समाज कल्याण विभाग के अधिकारी दादर नगर हवेली, चेन्नई, महाराष्ट्र समेत देश की जिस किसी कोने से फोन आ रहे हैं, उनकी भी समस्याओं को मानवीय आधार पर दूर कर रहे हैं. जिनके भी फोन आते हैं, उनकी पूरी डिटेल और समस्या का पूरा विवरण कंप्यूटर पर दर्ज किया जाता है.
लॉकडाउन (Lockdown) के चलते बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के रहने वाले लोग पूरे देश में कहीं न कहीं फंसे हुए हैं. ऐसे में इनको राशन और दूसरी सुविधाओं को मुहैया करवाने के मकसद से उत्तर प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ अधिकारियों को देश के अलग-अलग हिस्सों का नोडल अधिकारी बनाया है. इन नोडल अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वह उत्तर प्रदेश के मूल निवासियों की मदद करें.
बता दें कि सरकार ने इन नोडल अफसरों के नंबर भी जारी किए हैं. समाज कल्याण निदेशालय में बिहार और झारखंड में फंसे यूपी वालों की मदद के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है. इस कंट्रोल रूम में बड़ी संख्या में यूपी के रहने वाले लोग अपनी मदद के लिए फोन कर रहे हैं.
साथ ही साथ बिहार और झारखंड के रहने वाले लोग भी इस कंट्रोल रूम के नंबर पर फोन करके मदद मांग रहे हैं. वैसे तो अन्य प्रदेशों के लोगों की मदद करना इनकी जिम्मेदारी में शामिल नहीं है, लेकिन समाज कल्याण विभाग के अधिकारी दादर नगर हवेली, चेन्नई, महाराष्ट्र समेत देश की जिस किसी कोने से फोन आ रहे हैं, उनकी भी समस्याओं को मानवीय आधार पर दूर कर रहे हैं. जिनके भी फोन आते हैं, उनकी पूरी डिटेल और समस्या का पूरा विवरण कंप्यूटर पर दर्ज किया जाता है.
समाज कल्याण के ज्वाइंट डायरेक्टर सुनील कुमार का कहना है, “हर दिन हजारों कॉल आते हैं. हर 15 सेकंड में इस कंट्रोल रूम में फोन आता है और हम उनकी जरूरत के हिसाब से मदद करते हैं.”
प्रमुख सचिव मनोज सिंह बताया, “हमारे पास किसी भी तरह की समस्या के लिए फोन आते हैं. हम उनकी समस्या का निराकरण करते हैं. जैसे इलाहाबाद के रहने वाले जितेंद्र श्रीवास्तव बिहार के कटिहार में फंसे हैं. उनको किडनी की बीमारी है, जिसका इलाज पटना में हो रहा है. लेकिन लॉकडाउन की वजह से दवा नहीं मिल पा रही थी. हम लोगों ने पटना प्रशासन से बात करके उनको दवा पहुंचवाई. ऐसे ही कहीं किसी की मौत हो गई तो उनके फंसे हुए रिश्तेदारों को E-Pass बनवाकर पहुंचवाते हैं. अब तक योगी सरकार के इस कंट्रोल रूम ने 10,000 से भी अधिक लोगों की अलग-अलग तरह से मदद की है.”
देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या आज 28 हजार के पार
देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या आज 28 हजार के पार हो गई. स्वास्थ्य मंत्रालय ने शाम के करीब साढ़े पांच बजे आंकड़े जारी किए. इसके मुताबिक, पिछले 24 घंटों में 1463 नए मामले सामने आए हैं और 60 लोगों की मौत हुई है. पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक मौत हुई है.
अब तक 28380 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं और इनमें से 6362 मरीज ठीक हुए हैं. 886 लोगों की मौत हुई है. इस समय देश के अलग-अलग अस्पतालों में 21132 कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा है. इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में अब तक 22.17 फीसदी ठीक हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 85 जिलों से बीते 14 दिनों में कोरोना वायरस के एक भी नए मामले नहीं आए हैं.
उन्होंने कहा, ”भारत के जिन 16 जिलों में पहले कोविड-19 के मामले थे , उन जिलों से पिछले 28 दिन से कोरोना वायरस के किसी नए मामले की खबर नहीं है.” साथ ही मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि किसी भी समुदाय या क्षेत्र को कोविड-19 का संक्रमण फैलने के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए, स्वास्थ्य कर्मियों और सफाई कर्मियों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए.
आंध्र प्रदेश में 1177, अंडमान निकोबार में 33, अरुणाचल प्रदेश में एक, असम में 36, बिहार में 277, चंडीगढ़ में 30, छत्तीसगढ़ में 37, दिल्ली में 2918, गोवा में 7, गुजरात में 3301, हरियाणा में 289, हिमाचल प्रदेश में 40, जम्मू-कश्मीर में 523 कोरोना पॉजिटिव हैं. वहीं पुडुचेरी में 8, पंजाब में 313, राजस्थान में 2185, तमिलनाडु में 1885, तेलंगाना में 1002, त्रिपुरा में 2, उत्तराखंड में 51, उत्तर प्रदेश में 1955 और पश्चमि बंगाल में 649 मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं.
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