आरएसएस की बेंगलुरु में संपन्न प्रतिनिधि सभा में स्वीकार्य प्रस्ताव & चंद्रशेखर को शीर्ष नेतृत्व का समर्थन

*राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बेंगलुरु में संपन्न अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा- २०१९ में स्वीकार्य प्रस्ताव* : *”हिंदी से न्याय” पिछले तीन दशकों से देशव्यापी अभियान चलाने वाले न्यायविद श्री चंद्रशेखर उपाध्याय को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष नेतृत्व ने अपना समर्थन प्रदान किया है। उत्तराखंड देश का पहला व एकमात्र राज्य है जहाँ इस प्रकार की चरणबद्ध सफलताएं मिली हैं # पंडित दीन दयाल उपाध्याय के प्रपौत्र न्यायविद श्री चंद्रशेखर उपाध्याय के प्रयासों से नैनीताल हाई कोर्ट में पहली बार हिंदी भाषा में याचिका स्वीकृत हुई थी,

गूगल ने अपने सर्च इंजन में रखा वरियता क्रम में- BY: www.himalayauk.org (Uttrakhand Leading Newsportal & Daily Newspaper) Publish at Dehradun & Hariwar Mail us; himalayauk@gmail.com Mob. 9412932030## Special Bureau Report. उत्‍तराखण्‍ड सरकार से विज्ञापन मान्‍यता प्राप्‍त न्‍यूज पोर्टल तथा दैनिक समाचार पत्र

1.    भारतीय भाषाओं के संरक्षण व संवर्धन की आवश्यकता है। 2.    आज विविध भारतीय भाषाओं व बोलियों का लोप होना तथा विदेशी भाषाओं व शब्दों का परिस्थापन होना गंभीर चुनौती है। 3.    सरकारों, नीति निर्धारकों एवं स्वैच्छिक संगठनों सहित समाज को इसे बचने हेतु हर संभव प्रयास करने चाहियें। 4.    देश भर में प्राथमिक शिक्षण मातृभाषा या अन्य भारतीय भाषा में हो। 5.    उच्च शिक्षा के स्तर पर पाठ्य सामग्री तथा परीक्षा का विकल्प भारतीय भाषाओं में भी सुलभ कराया जाना चाहिए। 6.    नीट (राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा) एवं संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षायें भारतीय भाषाओं में होनी प्रारम्भ की गई, जोकि सराहनीये है, अन्य प्रवेश एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में भी यह विकल्प होना चाहिए। 7.    सभी शासकीय तथा न्यायिक कार्यों में भी भारतीय भाषाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। 8.    स्वयं सेवकों सहित समस्त समाज को अपने पारिवारिक जीवन में वार्तालाप व्यवहार में मातृभाषा को प्राथमिकता देनी चाहिए।  9.    अपनी मातृभाषा का स्वाभिमान रखते हुए अन्य सभी भाषाओं के प्रति सम्मान का भाव रखना चाहिए। 10.      केंद्र व राज्य सरकारों को सभी भारतीय भाषाओं, बोलियों तथा लिपियों के संरक्षण व संवर्धन हेतु प्रभावी प्रयास करने चाहिए।

 आज दिनांक 17 मार्च 2020 को देहरादून में आयोजित की गई महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता की

देश की ऊंची अदालतों (सुप्रीम कोर्ट व 25 हाई कोर्ट्स) में हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में सम्पूर्ण वाद कार्यवाही निस्तारित किये जाने एवं निर्णय भी पारित किये जाने हेतु *”हिंदी से न्याय”* इस प्रकार का पिछले तीन दशकों से देशव्यापी अभियान चलाने वाले न्यायविद श्री चंद्रशेखर उपाध्याय को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष नेतृत्व ने अपना समर्थन प्रदान किया है। –

यह *“हिंदी से न्याय”* अभियान की नैतिक जीत है। उत्तराखंड इस अभियान की जन्मभूमि है। नैनीताल हाई कोर्ट में सम्पूर्ण वाद कार्यवाही हिंदी भाषा में निस्तारित किये जाने हेतु हिंदी माध्यम से एल-एल.एम. उत्तीर्ण करने वाले पहले भारतीय छात्र एवं न्यायविद श्री चंद्रशेखर उपाध्याय ने कड़ा संघर्ष किया है। उत्तराखंड देश का पहला व एकमात्र राज्य है जहाँ इस प्रकार की चरणबद्ध सफलताएं मिली हैं।

भारत के संविधान के अनुच्छेद 348 में तत्काल संशोधन किया जाना अपरिहार्य है। संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने इस मांग को अपना शुभाशीष प्रदान किया है। हम उत्त्साहित हैं तथा हमें पूरा भरोसा है कि केंद्र सरकार इस पर स्वतः संज्ञान लेकर देश की इच्छा का सम्मान करेगी।

इससे पूर्व जब 2013 में भारतीय जनसंघ के श्लाका पुरुष पंडित दीन दयाल उपाध्याय के प्रपौत्र न्यायविद श्री चंद्रशेखर उपाध्याय के प्रयासों से नैनीताल हाई कोर्ट में पहली बार हिंदी भाषा में याचिका स्वीकृत हुई थी, तब *“हिंदी से न्याय संचालन समिति”* ने प्रदेश भर से लगभग साढ़े चार लाख से अधिक हस्ताक्षर नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश को सौंपे थे, पुनः जनवरी 2020 में हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया है, लगभग आठ लाख से अधिक हस्ताक्षर प्रदेश भर से प्राप्त हुए हैं, कुल दस लाख हस्ताक्षर का लक्ष्य रखा गया है जिन्हें प्रधानमंत्री को सौंपा जायेगा, प्रधानमंत्री कार्यालय से भेंट एवं वार्ता हेतु समय माँगा गया है।

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