कोरोना का शक- युवती को बस से बाहर फेंकने का आरोप;मौत & बिहार के सियासी गलियारे में हड़कंप -टॉयलेट सीट के ढक्कन को बंद रखे & Top News 4 July 20

4 JULY 2020# HIGH LIGHT# Himalayauk Newsportal : कोरोना का शक- युवती को बस से बाहर फेंकने का आरोप;मौत # शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार दूसरे दिन रिकॉर्ड वृद्धि #भारत ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह में अपनी किलेबंदी शुरू कर दी # दुबे की सारी प्रॉपर्टी को अटैच करने की तैयारी# एक ट्रेंड पुलिस टीम किसी  कुख्यात अपराधी को उसी के गढ़ में पकड़ने के लिए सूर्यास्त के बाद जाती है — चिदंबरम # सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल न करे, टॉयलेट सीट के ढक्कन को बंद रखे # ट्रंप के प्रमुख सलाहकार पीटर नवारो ने यह भी कहा कि जब चीन अपने देश के भीतर यात्राओं पर प्रतिबंध लगा चुका था, उसने लाखों चीनी नागरिकों को हवाई जहाज से दुनियाभर में भेजा. # नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली के लिए राजनीतिक संकट

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कोरोना का शक- युवती को बस से बाहर फेंकने का आरोप;मौत

नोएडाः उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में कोरोना संक्रमित होने के संदेह में एक युवती को कथित तौर पर बस से बाहर फेंकने के बाद उसकी मौत हो गई. घटना 15 जून की है, जब अपनी मां के साथ रोडवेज़ बस से नोएडा से शिकोहाबाद जा रही 19 वर्षीय युवती रास्ते में थकान और गर्मी से बेहोश हो गई. परिजनों का आरोप है कि बस ड्राइवर और कंडक्टर ने कोरोना संक्रमित होने के संदेह में उसे बस से बाहर फेंक दिया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के पटपड़गंज इलाके की रहने वाली 19 साल की अंशिका की पिछले महीने मौत हो गई थी. अंशिका के परिवार का आरोप है कि कोरोना संक्रमित होने के शक में उसे बस से बाहर फेंक दिया गया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई.

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पीड़ित परिवार का कहना है कि 15 जून को अंशिका अपनी मां के साथ यूपी रोडवेज बस से नोएडा से फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद जा रही थी कि यात्रा के दौरान गर्मी और थकान की वजह से वह बेहोश हो गई.

इसके बाद बस के ड्राइवर और कंडक्टर को उसके कोरोना संक्रमित होने का संदेह हुआ, जिसे लेकर उनका विवाद भी हुआ और बाद में मथुरा टोल प्लाजा के पास अंशिका को बस से बाहर फेंक दिया गया.

परिवार का कहना है कि इसी खींचतान के दौरान अंशिका को दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई.

उधर, मथुरा पुलिस का कहना है कि पीड़िता को सामान्य यात्री की तरह बस से बाहर उतारा गया था और झड़प के किसी तरह के सबूत नहीं मिले हैं.

मांट थाने के एसएचओ भीम सिंह ने बताया, ‘पीड़िता के परिवार ने पुलिस से संपर्क किया और हमने जिला अस्पताल में मृतका का पोस्टमार्टम कराया. मौत की वजह दिल का दौरा है, जो प्राकृतिक कारण है और इस आधार पर एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती. हालांकि पीड़िता का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की वजह से कोरोना वायरस को लेकर डर था लेकिन बस ड्राइवर ने उसे टोल प्लाजा के पास उतार दिया ताकि वह किसी अन्य साधन से जा सके.’

अंशिका के पिता सुशील कुमार पटपड़गंज में सिक्योरिटी गार्ड का काम करते हैं. उनका कहना है कि दिल्ली में कोरोना के बढ़ रहे मामलों के मद्देनज़र परिवार ने अंशिका को मां के साथ अपने घर शिकोहाबाद भेजने का फैसला किया था.

15 जून को दोपहर लगभग दो बजे अंशिका और उसकी मां सर्वेश देवी नोएडा सेक्टर 37 से यूपी रोडवेज की बस में सवार हुईं. उसी दिन दोपहर 4.20 बजे मृतका के भाई शिव को फोन कर बताया गया कि अंशिका की मौत हो गई है.

शिव ने कहा, ‘जब वह बस में सवार हुई थी, तब बिल्कुल ठीक थी. उसमें किसी तरह का लक्षण नहीं था, उसे पहले से केवल किडनी में पथरी की शिकायत थी. हमें लगा था कि ऐसे में उसका घर पर रहना ही ठीक होगा. सफर के दौरान गर्मी और थकान से वह बेहोश हो गई थी. पूरी बस ने ऐसे बर्ताव किया, जैसे उसे कोरोना हो. बस ड्राइवर और कंडक्टर ने उन्हें प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और बस से बाहर फेंकने की धमकी दी. मथुरा टोल प्लाजा के पास उन्होंने अंशिका को कंबल में लपेटा और बस से बाहर फेंक दिया.’

शिव ने कहा, ‘वह इस तरह का बर्ताव सह नहीं पाई और उन्हें दिल का दौरा पड़ गया. मैं एफआईआर कराने गया लेकिन पुलिस ने कहा कि मौत प्राकृतिक कारण से हुई है लेकिन सच यह है कि बस स्टाफ के बुरे व्यवहार की वजह से उसे दिल का दौरा पड़ा. अगर आप कोरोना के शक की वजह से किसी को बस से बाहर फेंक देंगे, तो इससे उस पर प्रभाव तो पड़ेगा ही.’

डॉक्टर का कहना है कि ऑटोप्सी रिपोर्ट से पता चला है कि अंशिका के दिल का आकार सामान्य की तुलना में बड़ा था, जो युवाओं में दिल का दौरा पड़ने का कारण बन सकता है.

शिव कहते हैं, ‘हम चाहते हैं कि इस मामले में एफआईआर दर्ज की जाए ताकि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को पकड़ा जा सके. वह परिवार की एकलौती बेटी थी और ये नाइंसाफी सह सकने जैसी नहीं है.’

शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार दूसरे दिन रिकॉर्ड वृद्धि

नई दिल्ली: भारत में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार दूसरे दिन रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है. बीते 24 घंटे के दौरान नए मामलों की संख्या 22 हजार का आंकड़ा पार करते हुए करीब 23 हजार हो गई. बीते तीन जुलाई को ये आंकड़ा पहली बार 20 हजार के पार हुआ था.

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में शनिवार को बीते 24 घंटे के दौरान कोविड-19 के सबसे अधिक 22,771 मामले आने के साथ ही संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 648,315 हो गई है, जबकि 442 और लोगों की मौत होने से मृतक संख्या 18,655 पर पहुंच गई है.

अब बीते 24 घंटे या एक दिन में संक्रमण के नए मामलों की बात करें तो तीन जुलाई को इनकी संख्या 20,903 थी, जो अब तक सर्वाधिक आंकड़ा था. दो जुलाई को 19,148, एक जुलाई को 18,653, 30 जून को 18,522, 29 जून को 19,459 थी और 28 जून को 19,906 नए मामले सामने आए थे.

27 जून को संक्रमण के नए मामलों की संख्या पहली बार 18 हजार का आंकड़ा पार 18,552 हो गई थी. 26 जून को नए मामलों की संख्या पहली बार 17 हजार का आंकड़ा पार कर 17,296 हुई थी. 25 जून को पहली बार 16 हजार का आंकड़ा पार करते हुए नए मामलों की संख्या 16,922 दर्ज की गई थी. इसी तरह बीते 24 जून को संक्रमण के नए मामलों की संख्या 15,968 थी, 23 जून को 14,933, 22 जून को 14,821 और 21 जून को 15,413 नए मामले सामने आए थे. इस दिन पहली बार नए मामलों की संख्या ने 15 हजार का आंकड़ा पार किया था. 20 जून को इनकी संख्या 14,516, 19 जून को 13,586 थी और 18 जून को 12,881 मामले दर्ज किए गए थे.

इस तरह 20 जून के बाद से यह लगातार 15वां दिन है, जब नए मामलों की संख्या 14 हजार से अधिक रही है और 27 जून से लगातार आठवां दिन है, जब संक्रमण के नए मामले हर दिन 18,000 से अधिक रहे हैं. यह लगातार दूसरा दिन है जब कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 20,000 से ज्यादा सामने आए हैं. एक जून से लेकर अब तक कोविड-19 के कुल मामले 457,780 बढ़ गए हैं. एक दिन या 24 घंटे के दौरान मरने वालों संख्या की बात करें तो बीते तीन जुलाई को यह संख्या 379 थी. बीते दो जुलाई को 434 लोगों की मौत और एक जुलाई को 507 लोगों की मौत हुई थी, ये एक दिन में मरने वालों का अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है.

बीते 30 जून को 418, 29 जून को 380, 28 जून को 410, 27 जून को 384, 26 जून को 407, 25 जून को 418 और 24 जून को 465 लोगों की मौत हुई थी. इसके अलावा 23 जून को 312 और 22 जून को कुल 445 लोगों की मौत हुई थी. इस दिन पहली बार एक दिन में मरने वालों की संख्या 400 के आंकड़े को पार हुई थी.

11 जून से 21 जून के बीच मरने वालों की संख्या 300 से 400 के अंदर रही है. 11 जून को 24 घंटे के दौरान 357 लोगों की मौत दर्ज की गई थी, इस दिन पहली बार मरने वालों की संख्या 300 के आंकड़े को पार कर गई थी. इस तरह से 11 जून के बाद यह लगातार 24वां दिन है, जब बीते 24 घंटे के दौरान मरने वालों की संख्या 300 से अधिक रही है. बहरहाल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, इस संक्रमण से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या 394,226 है और एक मरीज देश छोड़कर चला गया है. देश में अब भी 235,433 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं.

इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘अभी तक करीब 60.80 प्रतिशत मरीज स्वस्थ हो चुके हैं.’

संक्रमित लोगों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक, तीन जुलाई तक कुल 9,540,132 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से 242,383 नमूनों की शुक्रवार को जांच हुई. पिछले 24 घंटों में जिन 442 लोगों की मौत हुई है, उनमें से 198 लोगों की महाराष्ट्र में मौत हुई है. इसके बाद तमिलनाडु में 64, दिल्ली में 59 लोगों की मौत हुई.

कर्नाटक में 21, गुजरात और पश्चिम बंगाल में 18-18, उत्तर प्रदेश में 14, राजस्थान में 10, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में आठ-आठ, पंजाब में पांच, हरियाणा, मध्य प्रदेश और जम्मू कश्मीर में चार-चार, बिहार में तीन, असम और ओडिशा में दो-दो लोगों की मौत हुई है.

अब तक हुई कुल 18,655 मौतों में से सबसे अधिक 8,376 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई है. इसके बाद दिल्ली में 2,923, गुजरात में 1,904, तमिलनाडु में 1,385, उत्तर प्रदेश में 749, पश्चिम बंगाल में 717, मध्य प्रदेश में 593, राजस्थान में 440 और कर्नाटक में 293 लोगों की मौत हुई है.

तेलंगाना में कोविड-19 से मरने वालों की तादाद 283, हरियाणा में 255, आंध्र प्रदेश में 206, पंजाब में 157, जम्मू कश्मीर में 119, बिहार में 80, उत्तराखंड में 42, ओडिशा में 29 और केरल में 25 हो गई है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, झारखंड में 15, छत्तीसगढ़ और असम में 14-14, पुदुचेरी में 12, हिमाचल प्रदेश में 10, चंडीगढ़ में छह, गोवा में चार और मेघालय, त्रिपुरा, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है.

मंत्रालय ने कहा कि 70 प्रतिशत से ज्यादा मौत अन्य गंभीर बीमारियों के चलते हुई हैं.

संक्रमण के मामलों के लिहाज से भी महाराष्ट्र पहले नंबर पर है, जहां अब तक 192,990 मामले सामने आए हैं. इसके बाद तमिलनाडु में 102,721, दिल्ली में 94,695, गुजरात में 34,600, उत्तर प्रदेश में 25,797, पश्चिम बंगाल में 20,488 और तेलंगाना में 20,462 मामले हैं.

वहीं, कर्नाटक में कोविड-19 के मामले 19,710 हो गए हैं जबकि राजस्थान में 19,052, आंध्र प्रदेश में 16,934, हरियाणा में 16,003 और मध्य प्रदेश में 14,297 मामले हो गए हैं. बिहार में ये मामले बढ़कर 10,954, असम में 9,673, ओडिशा में 8,106 और जम्मू कश्मीर में 8,019 हो गए हैं. पंजाब में 5,937 जबकि केरल में 4,964 मामले हैं.

छत्तीसगढ़ में कुल 3,065, उत्तराखंड में 3,048, झारखंड में 2,695, त्रिपुरा में 1,525, गोवा में 1,482, मणिपुर में 1,316, हिमाचल प्रदेश में 1,033 और लद्दाख में 1,001 मामले सामने आए हैं.

पुदुचेरी में कोविड-19 के 802 मामले, नगालैंड में 539, चंडीगढ़ में 457 और दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव को मिलाकर 257 मामले हैं. अरुणाचल प्रदेश में 252, मिजोरम में 162, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 116, सिक्किम में 102 जबकि मेघालय में अब तक 62 मामले सामने आए हैं.

भारत ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह में अपनी किलेबंदी शुरू कर दी

चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह में अपनी किलेबंदी शुरू कर दी है। वहाँ अतिरिक्त सैन्य बल भेजा जा रहा है, नौसेना अपने युद्ध पोत वहाँ भेजने की तैयारी में है। ढाँचागत सुविधाएँ विकसित करने की दीर्घकालिक योजनाएँ बनाई जा रही हैं। टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने एक ख़बर में कहा है कि चीन के बढ़ते दबदबे को देखते हुए यह सोचा जा रहा है कि अंडमान द्वीप समूह में भारत भी अपना सैनिक जमावड़ा करे और सैन्य बुनियादी सुविधाएँ विकसित करे। यह स्वाभाविक है कि भारत अपने इस उपेक्षित पड़े द्वीप समूह पर ध्यान दे और वहाँ अपनी सैन्य मौजूदगी दर्ज ही नहीं करे, उसे मजबूत करे। 

अंडमान निकोबार में युद्ध पोतों की तैनाती से चीन को घेरा जा सकता है क्योंकि यह मलक्का स्ट्रेट से बहुत दूर नहीं है। चीन के दक्षिण में है मलक्का स्ट्रेट। चीन के लिए यह दो कारणों से बेहद अहम है। एक है व्यावसायिक हित और दूसरा है सामरिक रणनीतिक कारण।

मलक्का स्ट्रेट वह इलाक़ा है जिससे हर साल तकरीबन 70 हज़ार मालवाही जहाज़ गुजरते हैं जो चीन ही नहीं, मलेशिया, इंडोनेशिया, जापान, फिलीपीन्स, ब्रूनेई, वियतनाम और दूसरे देशों के लिए सामान लाते हैं और इनके उत्पाद पूरी दुनिया खास कर अफ्रीका और यूरोप तक ले जाते हैं। चीन के लिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण इसलिए है कि यह सबसे बड़ा निर्यातक है और इस मलक्का स्ट्रेट के बिना निर्यात की कल्पना नहीं की जा सकती।

चीन ने इस स्ट्रेट के विकल्प के रूप में ही बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) की कल्पना की है जिससे उसे यूरोप तक पहुँचने का थलमार्ग यानी सड़क मार्ग मिल जाए। लेकिन इससे बड़ी वजह है सामरिक रणनीति। इस इलाक़े पर नज़र डालने से साफ़ है कि यह दक्षिण चीन सागर से बहुत दूर नहीं है। दक्षिण चीन सागर चीन की सुरक्षा के लिए बेहद अहम है। मलेशिया, इंडोनेशिया, फिलीपीन्स, वियतनाम, इंडोनेशिया, जापान वे देश हैं जो इस सागर से किसी न किसी रूप में जुड़े हुए हैं। इसमें से ज़्यादातर देशों के साथ चीन के सीमा विवाद भी हैं।

बीजिंग का मानना है कि चीन सागर से भारत को कोई मतलब नहीं है पर वह सिर्फ उसे रोकने के लिए अमेरिका के साथ मिला हुआ है, उसका रणनीतिक सहयोगी बन गया है। 

इसी नीति के तहत भारत-अमेरिका-जापान-ऑस्ट्रेलिया ने मिल कर क्वाडिलैटरल स्ट्रैटिजिक डायलॉग (क्वैड) नामक संगठन बनाया है। एक बार फिर इस इलाक़े पर नज़र डालने की ज़रूरत है।दक्षिण चीन सागर से सीधे और इंडोनेशिया-पूर्व तिमोर को पार करने के बाद ही ऑस्ट्रेलिया है। ऑस्ट्रेलिया के डार्विन बंदरगाह पर अमेरिकी युद्ध पोत की तैनाती पहले से है। वहाँ से अमेरिकी लड़ाकू जहाज़ मिनटों में चीन के तटीय इलाके में पहुँच सकते हैं।  अब यदि इसमें अंडमान निकोबार द्वीप समूह भी जुड़ जाता है तो कल्पना कीजिए। 

अंडमान निकोबार द्वीप समूह अधिक महत्वपूर्ण इसलिए है कि वह चीन से कुछ नॉटिकल मील की दूरी पर ही है, वहाँ से ऑस्ट्रेलिया बहुत दूर नहीं है।अंडमान निकोबार की किलेबंदी मलक्का स्ट्रेट को ब्लॉक करने के काम आ सकती है और दक्षिण चीन सागर को बंद करने के काम भी आ सकती है।अंडमान निकोबार में भारत के साथ दिक्क़त यह है कि इस ओर अब तक किसी का ध्यान नहीं जाने के कारण यहाँ कोई सैन्य सुविधा नहीं है। भारत को इसे विकसित करना होगा और इस पर अरबों-खरबों रुपए का खर्च बैठेगा, कई साल लगेंगे।क्या भारत इसके लिए तैयार है?

चौबेपुर पुलिस स्टेशन के स्टेशन अफ़सर विनय तिवारी को सस्पेंड

उत्तर प्रदेश पुलिस ने कानपुर जिले के चौबेपुर पुलिस स्टेशन के स्टेशन अफ़सर विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया है। पुलिस को शक है कि पुलिस फ़ोर्स के बिकरू गांव में पहुंचने से पहले विनय तिवारी ने विकास दुबे को इसकी सूचना दी थी। 

एक तरफ गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने के लिए यूपी पुलिस जगह-जगह दबिश दे रही है, वहीं दूसरी तरफ उसकी पूरी जायदाद जब्त करने की तैयारी भी जारी है. शनिवार दोपहर कानपुर प्रशासन ने विकास दुबे के बिठुर स्थित आवास को गिराने का फैसला लिया, जिसके बाद उसी की जेसीबी मशीन से पूरा घर जमींदोज कर दिया गया. उधर दूसरी तरफ विकास दुबे की सारी प्रॉपर्टी को अटैच करने की तैयारी चल रही है. उसके सारे बैंक अकाउंट्स सीज किए जा रहे हैं. प्रशासन विकास दुबे की सारी प्रॉपर्टी की जांच कर रहा है. घटना के करीब 36 घंटे बाद भी कुख्यात अपराधी विकास पुलिस की पकड़ से बाहर है.

विकास दुबे बेहद शातिर बदमाश है। उसका नाम पहली बार चर्चा में तब आया था, जब उसने 2001 में उत्तर प्रदेश सरकार के तत्कालीन राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की पुलिस थाने के अंदर हत्या कर दी थी। दुबे को कानपुर के रिटायर्ड प्रिंसिपल सिद्धेश्वर पांडे की हत्या में उम्र क़ैद की सजा हो चुकी है।

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से सटे बिकरु गांव में शुक्रवार को तड़के पुलिस और विकास दुबे गिरोह के बीच हुई खूनी मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया और विकास दुबे यूपी पुलिस का मोस्ट वांटेड चेहरा बन गए यह सब तब हुआ जब शुक्रवार को एक मामले की जांच के लिए कानपुर पुलिस बिकरु गांव गई थी. इसी समय विकास दुबे के गुर्गों ने जेसीबी मशीन लगाकर पुलिस का रास्ता बंद कर दिया. जैसे ही पुलिसकर्मी आगे बढ़े तो विकास के गुर्गों ने तीन दिशाओं से उन पर फायरिंग शुरू कर दी.

कानपुर गोलीकांड मामले में कानपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने इस मामले में चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया है. कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने ये कार्रवाई की है. बता दें कि पुलिस की अबतक की जांच में ये बात सामने आई है कि पुलिस से ही जुड़े कुछ अफसरों ने अपराधी विकास दुबे को पुलिस रेड की पूर्व सूचना दे दी थी. पुलिस की जांच में चौबेपुर के थानाध्यक्ष और कुछ दूसरे सिपाहियों का नाम आया था. विनय तिवारी चौबेपुर के थानाध्यक्ष हैं. इस जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया है.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक कुछ पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ की जा रही है, जिससे यह जाना जा सके कि दुबे को पुलिस छापेमारी की खबर पहले कैसे मिली. जिससे कि उसने योजनाबद्ध तैयारी के साथ पुलिस दल पर हमला बोला. पुलिस सूत्रों ने बताया कि सर्विलांस टीम लगभग 500 मोबाइल फोन पर नजर बनाए हुए है ताकि विकास दुबे के बारे में सुराग मिल सके.

पुलिस को शक है कि विनय तिवारी ने ही गैंगस्टर विकास दुबे को उसके घर में रेड की सूचना दी है. सूत्रों के मुताबिक विनय तिवारी से एसटीएफ ने पिछले शाम को पूछताछ की थी. जांच में पता चला है कि विनय तिवारी ने कुछ दिनों पहले विकास दुबे के खिलाफ शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया था.पुलिस अब विनय तिवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रही है.विनय तिवार के खिलाफ FIR दर्ज की जा सकती है.

इसके अलावा यूपी एसटीएफ की टीमें भी अपने काम में लगी हैं. आईजी ने विकास दुबे के बारे में सही जानकारी देने वाले को पचास हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है. साथ ही जानकारी देने वाले की पहचान गुप्त रखने की बात भी कही है.

गुरुवार देर रात कानपुर के चौबेपुर में पुलिस की टीम दबिश देने गई थी. इसी दौरान अपराधियों ने पुलिस टीम को चारों तरफ से घेर कर हमला कर दिया. इस हमले में एक क्षेत्राधिकारी, एक थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए. मुठभेड़ में पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक आम नागरिक घायल हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है.

पहली मुठभेड़ के दौरान अपराधियों ने पुलिसकर्मियों के हथियार छीन लिए थे, जिनमें एके-47 रायफल, एक इंसास रायफल, एक ग्लाक पिस्टल और दो नाइन एमएम पिस्टल शामिल हैं. इस मुठभेड़ के कुछ घंटे बाद हुई दूसरी पुलिस मुठभेड़ में पुलिस ने दो अपराधियों को मार गिराया और उनके पास से लूटी गई एक पिस्टल भी बरामद की.

लखनऊ पुलिस ने शुक्रवार शाम को विकास दुबे के कृष्णानगर स्थित मकान पर भी छापा मारा था लेकिन वहां दुबे नहीं मिला. पुलिस ने अब तक इस मामले में पूछताछ के लिए 12 लोगों को हिरासत में लिया है. जिससे कि जल्द से जल्द विकास दुबे को पकड़ा जा सके. विकास दुबे के नेपाल भागने की भी आशंका है, लिहाजा लखीमपुर खीरी जिले की पुलिस भी अलर्ट पर है.

लखीमपुर खीरी की एसपी पूनम ने बताया, ‘विकास दुबे को लेकर नेपाल बॉर्डर पर अलर्ट कर दिया गया है. यहां नेपाल से जुड़ी 120 किमी की सीमा है, चार थाने हैं, हर जगह फोटो चस्पा कर दी गई है, एसएसबी के अधिकारियों से बात हो गई है. जिले के बॉर्डर पर भी अलर्ट है और जांच की जा रही है.’ वहीं पुलिस ने मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर कई लोगों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ जारी है. ये सभी वे लोग हैं जिन्होंने पिछले 24 घंटे में विकास दुबे से बात की थी.

पुलिस ने ऐलान किया है कि जो शख्स कानपुर मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मियों की मौत के जिम्मेदार कुख्यात अपराधी विकास दुबे की जानकारी देगा, उसे 50 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा. कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने शुक्रवार को इस इनाम की घोषणा की. उन्होंने कहा कि विकास दुबे का ठिकाना बताने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा. पूरे बिकरू गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. घटना के बाद से ही गांव और आस-पास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. डीजीपी ने खुद गांव का दौरा किया है. वहीं गांव से जोड़ने वाले नाकों के सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं.

एक ट्रेंड पुलिस टीम किसी  कुख्यात अपराधी को उसी के गढ़ में पकड़ने के लिए सूर्यास्त के बाद जाती है — चिदंबरम

नई दिल्ली:  उत्तर प्रदेश के  कानपुर में अपराधी  को पकड़ने गई पुलिस की टीम पर हुए हमले ने अब सियासी रंग लेना शुरू कर दिया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने इसके लिए योगी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. ट्विटर के जरिए पी चिदंबरम ने उत्तर प्रदेश की मौजूदा और पूर्व सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश हर मामले में पिछड़ा हुआ और इसके लिए वो लोग जिम्मेदार हैं जो पिछले कई सालों से यहां शासन कर रहे हैं. चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस 1985-1989 के बाद से उत्तर प्रदेश की सत्ता में नहीं है. ऐसे में बीजेपी चिंतित होगी कांग्रेस के सिवाय वह इसके लिए किसे जिम्मेदार ठहराए.    चिदंबरम ने कहा इस बात पर विश्वास करना मुश्किल है कि एक ट्रेंड पुलिस टीम किसी  कुख्यात अपराधी को उसी के गढ़ में पकड़ने के लिए सूर्यास्त के बाद जाती है. इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए मैं पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. 

गौर है कि शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कानपुर में कुख्यात अपराधी विकास दुबे को दबोचने गई पुलिस टीम पर अपराधियों ने चारों तरफ से हमला कर दिया. इसमें 8 पुलिस वालों की मौत हो गई. 

सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल न करे, टॉयलेट सीट के ढक्कन को बंद रखे

कोरोना वायरस संक्रामक बीमारी है और इस महामारी से पीड़ित किसी भी मरीज के संपर्क में आने से आप भी इसके शिकार बन सकते हैं. ऐसे में दफ्तर, शॉपिंग सेंटर या फिर कहीं भी अगर आप सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल करते हैं तो आप भी कोरोना के शिकार हो सकते हैं. लेकिन एक रिसर्च में सामने आया है कि अगर इस्तेमाल करने के बाद फ्लश चलाने से पहले टॉयलेट सीट के ढक्कन को बंद कर दिया जाए तो संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है.

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के मल से वायरस फैलने की संभावना पर वैज्ञानिकों ने रिसर्च किया है. अध्ययन से पता चला है कि मरीज के ठीक हो जाने के बाद भी उसके मल में कोरोना का वायरस पांच हफ्तों तक जिंदा रह सकता है. ऐसे में वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे है कि अगर शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद टॉयलेट सीट के ढक्कन को बंद कर फ्लश का इस्तेमाल किया जाए तो संक्रमण के खतरे को बहुत हद तक कम किया जा सकता है.

रिसर्च में सामने आया है कि फ्लश करने पर पानी के बहाव के कारण संक्रमित कण पानी से तीन फीट (करीब 1 मीटर)  तक ऊपर उठ जाते हैं. ऐसे में मल में मौजूद संक्रमित कणों के साठ प्रतिशत कण हवा में पहुंच सकते हैं इसलिए अगर ढक्कन बंद हो तो वायरस को बाथरूम में फैलने से रोका जा सकता है.

फिजिक्स ऑफ फ्लड जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक टॉयलेट सीट से निकलकर बाथरूम के वातावरण में संक्रमित कण एक मिनट से ज्यादा समय तक हवा में रहते हैं. इन कणों के संपर्क में आते ही कोई भी व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकता है.

रिसर्च के अनुसार सार्वजनिक शौचालयों में इस तरह से संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है क्योंकि वहां एक ही शौचालय को कई लोग इस्तेमाल कर रहे होते हैं. वहां वायरस फैलने की गति भी तेज हो सकती है इसलिए वहां टॉयलेट सीट को बंद रखा जाना जरूरी है.

ट्रंप के प्रमुख सलाहकार पीटर नवारो ने कहा कि जब चीन अपने देश के भीतर यात्राओं पर प्रतिबंध लगा चुका था, उसने लाखों चीनी नागरिकों को हवाई जहाज से दुनियाभर में भेजा.

अमेरिका के जाने-माने इकोनॉमिस्ट और डोनाल्ड ट्रंप के प्रमुख सलाहकार पीटर नवारो ने कहा है कि चीन ने जानबूझकर कोरोना वायरस से संक्रमित लाखों लोगों को देश से बाहर जाने दिया ताकि कोरोना वायरस दुनिया में फैले. MSNBC चैनल पर बात करते हुए नवारो ने कहा कि अमेरिकी लोगों को अपने घरों में बंद रहने को मजबूर करने के लिए और नौकरी खोने के लिए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी जिम्मेदार है.

independent.co.uk की रिपोर्ट के मुताबिक, पीटर नवारो ने कहा कि सभी को लगता था कि वायरस का प्रभाव गर्मी में घट जाएगा. हालांकि, ऐसा होता नहीं दिखा. यह वायरस हथियार की तरह लग  रहा है.

पीटर नवारो ने कहा कि जब चीन अपने यहां लॉकडाउन कर रहा था, उसने अपने संक्रमित नागरिकों को अमेरिका, इटली और अन्य जगहों पर जाने दिया. इससे पहले ट्रंप भी कोरोना वायरस के लिए चीन को कई बार जिम्मेदार ठहरा चुके हैं. वहीं, अमेरिकी सरकार के आलोचकों का कहना है कि वायरस को काबू करने में नाकाम रहने की वजह से अमेरिकी सरकार अपनी असफलता से ध्यान हटाने के लिए बार-बार चीन पर आरोप लगा रही है.

इससे पहले ट्रंप ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि चीन ने इरादतन वायरस को फैलाया. इससे पहले अमेरिका के कई अधिकारी यह भी कह चुके हैं कि कोरोना चीन की लैब से फैला. हालांकि, चीन ऐसे आरोपों को लगातार खारिज करते आया है.

बिहार के सियासी गलियारे में हड़कंप —

पटना:  बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद बाद बिहार के सियासी गलियारे में हड़कंप मच गया है. बुधवार 1 जुलाई को सभापति ने नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई थी. शपथ ग्रहण समारोह में सीएम नीतीश समेत कई नेता शामिल हुए थे. इस अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, मंत्रीगण श्रवण कुमार, मंगल पांडेय, विनोद नारायण झा सहित बिहार विधान परिषद में सत्तारूढ़ दल की सचेतक रीना यादव, सदस्यगण प्रेमचंद मिश्रा, बीरेंद्र नारायण यादव, सीपी. सिंह, विधायकगण अब्दुल बारी सिद्दीकी, भोला यादव सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.

बताया जा रहा है कि इस मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके साथ काम करने वाले सचिवों का सैम्पल लिया गया. बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय चौधरी और उनके साथ काम करने वाले ने भी टेस्टिंग के लिए स्वॉब दिया है.

बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और अब तक 11 हजार से ज्यादा मरीज सामने आ चुके हैं. शनिवार को भी राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से 6 लोगों की मौत हो गई जिसके बाद राज्य में मृतकों की संख्या 84 हो गई. संक्रमण के 197 नये मामले सामने आने के साथ राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 11,111 हो गई है. स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में यह जानकारी दी गई.

राज्य में इस समय कोरोना वायरस के 2,816 मरीजों का इलाज चल रहा है, वहीं 8,211 रोगी स्वस्थ हो चुके हैं. शुक्रवार देर रात को जारी बुलेटिन के अनुसार, ‘‘बिहार में कोविड-19 के 197 नये मामले सामने आने के साथ संक्रमितों की कुल संख्या 11,111 हो गई है.”

नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली के लिए राजनीतिक संकट

नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली के लिए राजनीतिक संकट खड़ा हो गआ है। हाल में हुई नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति की बैठक स्थगित हो गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के विभाजन के संकेत मिल रहे हैं। खबर है कि पार्टी के नेता पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ पीएम ओली से मुलाकात के लिए नहीं पहुंचे हैं। ऐसे में पार्टी दो भागों में विभाजित हो सकती है।

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेताओं ने अपनी हालिया भारत विरोधी टिप्पणियों पर प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग की है। पीएम का भविष्य तय करने के लिए नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की महत्वपूर्ण स्थायी समिति की बैठक सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है। प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार सूर्या थापा ने कहा कि बैठक को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। क्योंकि एनसीपी के शीर्ष नेताओं को बकाया मुद्दों पर समझ बनाने के लिए अधिक समय की आवश्यकता थी। पार्टी की सबसे शक्तिशाली संस्था एनसीपी की 45 सदस्यीय स्थायी समिति की अहम बैठक शनिवार को होने वाली थी। एनसीपी के शीर्ष नेताओं ने प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि भारत विरोधी टिप्पणी न तो राजनीतिक रूप से सही है और न ही राजनयिक रूप से उचित है।

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