कोरोना:4राज्यों में हालात चिंताजनक & जून और जुलाई में संक्रमण शिखर पर& Top News 9 June 20
9 JUNE 20# Himalayauk Newsportal & Print Media Bureau # High Light# कोरोना:4 राज्यों में हालात चिंताजनक # दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया # सिंधिया और उनकी मां माधवी राजे सिंधिया को कोरोना #राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक बलवीर सिंह कोरोना पॉजिटिव पाए गए # उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) एसपी गौतम की कोरोना वायरस से मौत# बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नर शिरीष दीक्षित की कोरोना वायरस से मौत हो # . भारत में 1 लाख 30 हजार के करीब कोरोना मरीज ठीक हो चुके हैं. भारत में कोरोना वायरस के मरीजों का किन दवाओं और थेरेपी से इलाज किया जा रहा है. #महामारी विशेषज्ञों ने बताया कि कोरोना के असर से उनकी जिंदगी कैसी होगी.# डेथ सर्टिफिकेट बनाने का आरोप : कोरोना से जान गंवाने वालों की आत्मा को शांति मिले; अमित शाह# जून और जुलाई महीनों में संक्रमण बढ़ने की गति अपने शिखर पर होगी # हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने एक शोध में कहा है कि आशंका है कि चीन में कोरोना वायरस पिछले साल अगस्त से ही फैल रहा होगा। Presents by Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper, publish at Dehradun & Haridwar: Mob 9412932030 ; Mail; himalayauk@gmail.com
कोरोना:4 राज्यों में हालात चिंताजनक
नई दिल्ली:देश में कोरोना वायरस (coronavirus) केे संक्रमण के एक दिन में रिकॉर्ड 9,987 मामले सामने आए हैं, जिसके बाद मंगलवार सुबह आठ बजे तक कुल संक्रमितों की संख्या 2,66,598 हो गई. वहीं एक दिन में 266 लोगों की मौत के साथ ही मृतकों की संख्या 7,466 तक पहुंच गई.पिछले 24 घंटे में 266 लोगों की मौत कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते हुई है. कोरोना से प्रभावित राज्यों की सूची में गुजरात चौथे नंबर पर है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने बताया कि देश में फिलहाल 1,29,917 मरीजों का उपचार चल रहा है और 1,29,214 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं जबकि एक व्यक्ति देश से बाहर जा चुका है. इस महामारी से अब तक 7466 लोगों की मौत हो चुकी है. मंत्रालय ने बताया, “अब तक 48.47 फीसदी लोग ठीक हो चुके हैं.” कोरोना संक्रमण की जांच के लिए अब तक देश में 49 लाख, 16 हजार 116 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं. जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका, ब्राजील, रूस और ब्रिटेन के बाद कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला भारत पांचवां देश बन गया है.
पिछले 24 घंटे में 266 मौतों में से सबसे ज्यादा 109 लोगों की जान महाराष्ट्र में गई है. इसके बाद दिल्ली में 62, गुजरात में 31, तमिलनाडु में 17, हरियाणा में 11, पश्चिम बंगाल में नौ, उत्तर प्रदेश में आठ, राजस्थान में छह, जम्मू-कश्मीर में चार, कर्नाटक में तीन, मध्य प्रदेश और पंजाब में दो-दो और बिहार तथा केरल में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है.
महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली और गुजरात में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी जारी है. महाराष्ट्र के कोरोना के केस 90 हजार के आंकड़े को छूने वाले हैं. महाराष्ट्र में अब तक 88,528 केस सामने आ चुके हैं. 44384 मरीजों का इलाज चल रहा है. 40975 लोग इस महामारी से यहां ठीक हो चुके हैं. 3169 लोगों की मौत हो चुकी है.
तमिलनाडु में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे. इस राज्य में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 33229 हो गई है. 15416 लोग अस्पताल में भर्ती हैं जिनका इलाज जारी है. 17527 लोग डिस्चार्ज हो चुके हैं. राज्य में 286 लोगों की मौत कोरोना के चलते हुई है.
दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले 30 हजार के करीब हो गए हैं. अब तक 29, 943 केस सामने आ चुके हैं. 17712 मरीजों का इलाज जारी है. 11357 लोग संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं. प्रदेश में 874 लोगों को इस महामारी से अब तक जान गंवानी पड़ी है.
कोरोना से प्रभावित राज्यों की सूची में गुजरात चौथे नंबर पर है. प्रदेश में अब तक 20545 केस सामने आ चुके हैं. 5309 लोगों का इलाज जारी है और 13956 मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं. राज्य में 1280 लोगों की जान कोरोना संक्रमण के चलते गई है.
देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा ढाई लाख को पार कर गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में कुल मरीजों का आंकड़ा 2 लाख 56 हजार 611 है, जिसमें 7 हजार 135 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1 लाख 24 हजार 95 लोग ठीक हो चुके हैं. देश में अभी 1 लाख 25 हजार 381 एक्टिव केस हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी मां माधवी राजे सिंधिया को कोरोना हो गया है. दोनों को दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है. सिंधिया को गले में खराश और बुखार की शिकायत थी. इसके बाद उनका कोरोना टेस्ट किया गया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक बलवीर सिंह कोरोना पॉजिटिव पाए गए
ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी मां माधवी राजे सिंधिया को चार दिन पहले मैक्स साकेत में एडमिट कराया गया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया में कोरोना के सिम्टम्स थे, लेकिन उनकी मां में कोई लक्षण नहीं थे. आज दोनों का टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आया है. अब दोनों का इलाज चल रहा है.
बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के ऐलान के बाद से ही ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली में ही हैं. वह अपने परिवार के साथ दिल्ली स्थित अपने आवास पर रह रहे थे, लेकिन चार दिन पहले अचानक ज्योतिरादित्य सिंधिया में कोरोना के सिम्टम्स दिखे. इसके बाद उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया.
ज्योतिरादित्य सिंधिया में कोरोना सिम्टम्स दिखने के बाद उनका कोरोना टेस्ट कराया गया. इसके साथ ही उनकी मां माधवी राजे सिंधिया की भी कोरोना जांच कराई गई. दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई है. अब दोनों के संपर्क में आए लोगों को क्वारनटीन करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. साथ ही कोरोना के सोर्स की तलाश की जा रही है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को छोड़ा है. वह कांग्रेस के महासचिव थे, लेकिन कांग्रेस का हाथ छोड़कर वह बीजेपी में शामिल हो गए. सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिर गई थी. बीजेपी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश से राज्यसभा का टिकट भी दिया है.
उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) एसपी गौतम की कोरोना वायरस से मौत
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नर शिरीष दीक्षित की कोरोना वायरस से मौत हो
उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) एसपी गौतम की कोरोना वायरस से मौत हो गई. वह लखनऊ के पीजीआई में भर्ती थे. मंगलवार को उन्होंने कोरोना के कारण दम तोड़ दिया. कोरोना वायरस हर बीतते दिन के साथ और खतरनाक होते जा रहा है. इससे पहले मंगलवार को ही बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नर शिरीष दीक्षित की 54 साल की आयु में कोरोना वायरस से मौत हो गई. शिरीष दीक्षित का 2 से 3 दिन पहले कोरोना का टेस्ट हुआ था. हालांकि, उनमें कोरोना के लक्षण नहीं थे. मंगलवार सुबह उनकी तबीयत खराब हो गई थी. घर पर जब तक डॉक्टरों की टीम पहुंची तब तक उनकी मौत हो गई. उनके परिवार के तीन सदस्यों को क्वारनटीन कर दिया गया है. देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. आम से खास लोग इस महामारी की चपेट में आ रहे हैं. मंगलवार को ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी मां माधवी राजे सिंधिया के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की खबर आई.
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नर शिरीष दीक्षित की कोरोना वायरस से मौत हो गई है. वह 54 साल के थे. 2 से 3 दिन पहले उनका कोरोना का टेस्ट हुआ था. हालांकि, उनमें कोरोना के लक्षण नहीं थे. मंगलवार सुबह उनकी तबीयत खराब हो गई थी. घर पर जब तक डॉक्टरों की टीम पहुंची तब तक उनकी मौत हो गई. उनके परिवार के तीन सदस्यों को क्वारनटीन कर दिया गया है.बता दें कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का कहर जारी है. आम से खास लोग इस महामारी की चपेट में आ रहे हैं. देश में सबसे ज्यादा मरीज अभी महाराष्ट्र में हैं. सोमवार को महाराष्ट्र में कोरोना के 2553 नए मामले सामने आए और 109 लोगों की मौत हुई. कुल मौतों का आंकड़ा देखें तो यह 3169 पर पहुंच गया है और कोरोना के कुल केस की तादाद 88528 हो गई है. हालांकि एक्टिव केस की संख्या कुल मामलों से लगभग आधी है. महाराष्ट्र में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 44374 है. अब तक 40975 लोग ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं. मुंबई की जहां तक बात है तो यहां कोरोना के 50085 मामले हैं. मुंबई में अब तक इस बीमारी से 1702 लोगों की मौत हुई है. मुंबई में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 26345 है. पिछले 24 घंटे के आंकड़े देखें तो मुंबई में 311 नए मामले सामने आए हैं और 64 लोगों की मौत हुई है.
. भारत में 1 लाख 30 हजार के करीब कोरोना मरीज ठीक –भारत में कोरोना वायरस के मरीजों का किन दवाओं और थेरेपी से इलाज किया जा रहा है.
दुनिया भर में कोरोना वायरस की वैक्सीन की खोज जारी है लेकिन अब तक कोई सटीक दवा नहीं बन सकी है. भारत में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. हालांकि अच्छी बात ये है कि यहां कोरोना से रिकवर होने वाले मरीजों की भी अच्छी तादाद है. भारत में 1 लाख 30 हजार के करीब कोरोना मरीज ठीक हो चुके हैं. आइए जानते हैं कि भारत में कोरोना वायरस के मरीजों का किन दवाओं और थेरेपी से इलाज किया जा रहा है.
रेमडेसिवीर- ये एक एंटीवायरल दवा है, जिसे सबसे पहले 2014 में इबोला के इलाज में इस्तेमाल किया गया था. WHO के ट्रायल में इस दवा को Covid-19 के कारगर इलाजों में से एक माना गया है. यह शरीर में वायरस रेप्लिकेशन को रोकता है. पिछले महीने, अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीज ने शुरुआती ट्रायल के आधार पर बताया था कि रेमडेसिवीर देने वाले कोरोना के मरीजों में 11 से 15 दिनों तक में सुधार हुआ है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने 1 जून को रेमडेसिवीर के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी. गंभीर रूप से बीमार कोरोना के मरीजों को अब डॉक्टरों की तरफ से ये दवा दी जा रही है.
फेवीपिरवीर- ये एक एंटीवायरल है जो वायरस रेप्लिकेशन को रोकने के लिए दी जाती है. इसे एंटी-इन्फ्लूएंजा दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है. इस दवा को सबसे पहले जापान की फ्यूजीफिल्म टोयामा केमिकल लिमिटेड ने विकसित किया था. भारत में ये दवा ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स और स्ट्राइड्स फार्मा को बनाने की मंजूरी मिली है. ये दवा कोरोना के गंभीर रूप से बीमार मरीजों से लेकर हल्के लक्षण वाले मरीजों को दी जा रही है. कोरोना के मरीजों पर दवा के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए दस अस्पतालों को शॉर्टलिस्ट किया गया है.
टोसिलीज़ुमाब – यह एक इम्यूनो सप्रेसेंट दवा है जिसे आमतौर पर गठिया के इलाज में दी जाती है. मुंबई में, कोरोना वायरस के 100 से अधिक गंभीर मरीजों का इलाज इस दवा से किया गया है. सरकारी अस्पतालों में ये दवा मुफ्त में दी जा रही है. पहली बार ये दवा लीलावती अस्पताल में 52 साल के एक मरीज को दी गई थी, जिसकी हालत बहुत गंभीर हो चुकी थी. इस दवा से कोरोना के कई मरीजों की हालत में सुधार देखा गया है लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि इस पर कोई भी डेटा देना अभी जल्दबाजी होगी. भारत में कई जगहों पर इसका ट्रायल शुरू हो चुका है. ये दवा Roche Pharma द्वारा बनाई जाती है जिसे भारत में एक्टेमरा ब्रांड के तहत बेचा जाता है.
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन- कोरोना वायरस पर इस एंटी मलेरिया ड्रग के प्रभाव को लेकर पूरी दुनिया में बहस जारी है. द लैंसेट में छपी एक स्टडी के बाद WHO ने इसका सॉलिडैरिटी ट्रायल रोक दिया था. हालांकि स्टडी के लेखकों द्वारा इसे वापस लेने के बाद ट्रायल को फिर से बहाल कर दिया गया है. भारत इस दवा का सबसे बड़ा उत्पादक है.
कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों जैसे सिर दर्द, बुखार, बदन दर्द से लेकर गंभीर मरीजों को डॉक्टर ये दवा दे रहे हैं. ICMR के दिशानिर्देशों के अनुसार नौ दिनों तक इसकी कम खुराक दी जा सकती है. हालांकि इसके साइड इफेक्ट्स को देखते हुए इसका इस्तेमाल अब कुछ मरीजों पर ही किया जा रहा है.
डॉक्सीसाइक्लिन+आइवरमेक्टिन – डॉक्सीसाइकलीन एक एंडीबायोटिक दवा है, जिसका उपयोग यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन, आंखों और श्वसन तंत्र संक्रमण के इलाज में किया जाता है. वहीं आइवरमेक्टिन शरीर में मौजूद कीड़ों को मारने की दवा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा इस दवा का इस्तेमाल जुएं मारने के लिए भी किया जाता है. इन दोनों दवाओं के मिश्रण से कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज किया जा रहा है.
मई के मध्य में, बांग्लादेश मेडिकल कॉलेज अस्पताल की एक स्टडी में पाया गया कि इस मिश्रण से कोरोना वायरस के 60 फीसदी मरीज ठीक हो गए थे. मोनाश बायोमेडिसिन डिस्कवरी इंस्टीट्यूट की स्टडी से भी ये पता चला है कि आइवरमेक्टिन वायरस को 48 घंटों में खत्म करता है.
रिटोनावीर+लोपिनावीर– ये एंटीवायरल आमतौर पर एचआईवी के मरीजों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. सॉलिडैरिटी ट्रायल में इनकी जांच की जा रही है. कुछ स्टडीज से पता चला है कि ये दवाएं कोरोना के मरीजों के मृत्यु दर को कम करती हैं जबकि कुछ स्टडीज का दावा है कि मरीजों पर इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिलता है. भारत में एक दर्जन से अधिक दवा निर्माता इन दोनों दवाओं की आपूर्ति करते हैं. कोरोना के गंभीर मरीजों को डॉक्टर कभी-कभी इन दवाओं का मिश्रण देते हैं.
महामारी विशेषज्ञों ने बताया कि कोरोना के असर से उनकी जिंदगी कैसी होगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनिया में कोरोना का संकट गहराता जा रहा है. कुछ देशों में मामले कुछ कम हुए हैं, लेकिन ऐसे कई देश हैं जहां मामला बढ़ने का खतरा बरकरार है. ऐसे में न्यूयॉर्क टाइम्स ने महामारी के 511 विशेषज्ञों के बीच एक सर्वे किया है और ये जानने की कोशिश की है कि आने वाले दिनों में कोरोना के असर से उनकी जिंदगी कैसी होगी. हालांकि, इन महामारी विशेषज्ञों ने लोगों के लिए कोई गाइडलाइन नहीं जारी की है, बल्कि अपनी निजी जिंदगी के बारे में बताया है.
कुछ महामारी विशेषज्ञों ने तो अभी से डॉक्टर से मिलना और छोटे समूह में शामिल होना शुरू कर दिया है. लेकिन ज्यादातर महामारी विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक कोई वैक्सीन या ट्रीटमेंट नहीं आ जाता, वे बड़े कॉन्सर्ट, स्पोर्ट्स इवेंट, धार्मिक कार्यक्रम में नहीं जाना चाहेंगे. ट्रीटमेंट या वैक्सीन आने में एक साल का वक्त लग सकता है. कई विशेषज्ञों ने कहा कि वे अब कभी लोगों से गले नहीं मिलेंगे और हाथ भी नहीं मिलाएंगे
कोरोना संकट के दौरान हर शख्स अलग-अलग परिस्थिति में रह रहा है. सबकी जोखिम लेने की क्षमता, उम्मीद अलग-अलग है. इस दौरान ये भी देखना जरूरी होता है कि टेस्टिंग, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट किस तरह हो रहा है. एक्सपर्ट्स ने कहा कि इन्हीं चीजों के आधार पर वे फैसले लेंगे.
60 फीसदी एक्सपर्ट ने कहा कि वे अत्यंत महत्वपूर्ण अप्वाइंटमेंट नहीं होने पर भी गर्मियों में डॉक्टर से मिलने जाएंगे. 29 फीसदी ने कहा कि ऐसी स्थिति में वे 3 से 12 महीने इंतजार करेंगे. 11 फीसदी ने कहा कि वे एक साल से अधिक वक्त तक रुकेंगे.
नजदीक की किसी जगह पर ड्राइव करके एक रात के लिए छुट्टी पर जाने के बारे में 56 फीसदी एक्सपर्ट ने कहा कि वे गर्मियों में ऐसा करना पसंद करेंगे. 26 फीसदी 3 से 12 महीने बाद ऐसा करेंगे और 18 फीसदी एक साल के बाद छोटे वैकेशन पर जाएंगे
19 फीसदी एक्सपर्ट ने कहा कि वे सैलून जाकर बाल कटाने के लिए साल भर से अधिक इंतजार करेंगे. जबकि 39 फीसदी ने कहा कि वे 3 से 12 महीने तक रुकेंगे. 41 फीसदी ने गर्मियों में ही सैलून जाने की बात कही.
छोटी डिनर पार्टी को लेकर 46 फीसदी एक्सपर्ट ने कहा कि वे 3 से 12 महीने बाद ऐसा करेंगे. जबकि 32 फीसदी ने गर्मियों में ही छोटी डिनर पार्टी आयोजित करने की बात कही. लेकिन 21 फीसदी एक्सपर्ट एक साल तक रुकने के लिए तैयार दिखे.
वहीं, गर्मियों में सिर्फ 20 फीसदी एक्सपर्ट ने एयर ट्रैवल में रुचि दिखाई. 44 फीसदी एक्सपर्ट 3 से 12 महीने बाद एयर ट्रैवल करना पसंद करेंगे, जबकि 37 फीसदी तो एक साल से अधिक वक्त तक रुकना चाहेंगे.
डेथ सर्टिफिकेट बनाने का आरोप
मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में कोरोना (Coronavirus) महामारी के बीच बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है. मुंबई के एक निजी हॉस्पिटल पर मोटी रकम लेकर कोरोना मरीज की मौत को आम बीमारी का नाम देकर डेथ सर्टिफिकेट बनाने का आरोप लगा है. बीएमसी ने अस्पताल को कारण बताओ नोटिस भेजकर मामले का जांच शुरू कर दी है.
कोरोना से जान गंवाने वालों की आत्मा को शांति मिले; अमित शाह
नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार को बंगाल में पहली वर्चुअल रैली की शुरुआत में बंगाल को पवित्र भूमि को प्रणाम करते हुए कहा कि कोरोना से जान गंवाने वालों की आत्मा को शांति मिले. शाह ने कहा कि कोरोना काल में जनसंवाद का रास्ता ढूंढा है. बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं का बलिदान बीजेपी के निर्माण में अहम है. सियासत में हिंसा की कोई जगह नहीं है.”
अपने संबोधन में शाह ने कहा, “बीजेपी बंगाल को सोनार बांग्ला बनाना चाहती है. बीजेपी संस्कारी बंगाल बनाना चाहती है. बंगाल की जनता को पीएम मोदी का समर्थन है. 6 साल में गरीबों के बैंक अकाउंट खोले हैं.”
ममता बनर्जी पर निशान साधते हुए गृह मंत्री ने कहा, “ममता सरकार आयुष्मान योजना को बंगाल में लागू होने दे रही है. गरीबों को मुफ्त इलाज का लाभ नहीं मिल रहा. केजरीवाल ने आयुष्मान योजना को स्वीकार किया लेकिन ममता सरकार ने नहीं. आयुष्मान योजना से देश के गरीबों का मुफ्त इलाज हो रहा है. हमारी सरकार 6 साल से समस्याओं का समाधान कर रही है.”
शाह ने ममता पर हमला बोलते हुए कहा, “‘ममता दी आप हमारा हिसाब मांगती हो, मैं तो हिसाब लेकर आया हूं. लेकिन आप भी कल प्रेस कांफ्रेंस करके अपनी सरकार का हिसाब दीजिए और कहीं बम धमाकों या बंद हुई फैक्टरियों का नंबर मत बता दीजिएगा. भाजपा के मार दिए गए कार्यकर्ताओं की संख्या मत बता दीजिएगा.”
उन्होंने आगे कहा, “ममता बनर्जी ने श्रमिकों का अपमान किया है. श्रमिक ट्रेन को आपने ‘कोरोना एक्सप्रेस’ कहा है लेकिन यही उन्हें राज्य से बाहर करेंगी. आप मजदूरों के घावों पर नमक छिड़क रही हैं और वे इस अपमान को नहीं भूलेंगे.” शाह ने कहा, “जिस बंगाल में रविन्द्र संगीत की धुन सुनाई देती थी, वो बंगाल आज बम धमाकों से दहल रहा है. गोलियों की आवाज, हत्याओं और लोगों की चीखों से सुन्न रह गया है. कौमी दंगों से इसकी आत्मा को बहुत बड़ी क्षति पहुंची है.
जून और जुलाई महीनों में संक्रमण बढ़ने की गति अपने शिखर पर होगी
लॉकडाउन में ढील देने के बाद जिस तरह से कोरोना मरीज़ों की संख्या में ज़बरदस्त बढ़ोतरी की आशंका जताई गई थी वह अब लगता है जल्द ही यह होने वाला है। लगातार छह दिन से हर रोज़ 9 हज़ार से ज़्यादा कोरोना पॉजिटिव मामले आ रहे हैं और लगातार यह संख्या बढ़ती जा रही है। लेकिन अब जो स्थिति अलग दिख रही है वह यह है कि जिस गति से पूरे देश भर में औसत रूप से संक्रमण बढ़ रहा है उससे ज़्यादा दर से बढ़ोतरी अब 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में होने लगी है।
देश में कोरोना संक्रमण बढ़ने का राष्ट्रीय औसत 4.39 प्रतिशत है। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में ही स्थिति बदली है और उन 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संक्रमण राष्ट्रीय औसत से ज़्यादा बढ़ना शुरू हुआ है। दिल्ली सरकार ने तो यहाँ तक आकलन किया है कि दिल्ली में जुलाई के अंत तक क़रीब साढ़े पाँच लाख कोरोना संक्रमण के मामले आ जाएँगे। नीति आयोग से लेकर एम्स जैसे संस्थानों ने भी कहा है कि जून और जुलाई महीनों में संक्रमण बढ़ने की गति अपने शिखर पर होगी।
जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में असामान्य रूप से संक्रमण के नये मामले काफ़ी ज़्यादा संख्या में आए। पिछले तीन दिनों में उत्तर प्रदेश में दो बार बड़ी संख्या में संक्रमित मरीज़ आए। राज्य में संक्रमण के मामले बढ़कर 11 हज़ार के क़रीब पहुँच गए हैं। असम और त्रिपुरा में एक हफ़्ते से क़रीब 10 फ़ीसदी के हिसाब से हर रोज़ मामले बढ़ रहे हैं। कर्नाटक में हाल के कुछ दिनों में इतने मामले बढ़े कि यह सबसे ज़्यादा कोरोना संक्रमित 10 राज्यों में आ गया।
पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और केरल में तो हर रोज़ बड़ी संख्या में संक्रमण के मामले आ ही रहे हैं।
हालाँकि शीर्ष पाँच राज्यों में से तीन – महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में मामले अब उतनी तेज़ी से नहीं बढ़ रहे हैं और इसी कारण राष्ट्रीय स्तर पर संक्रमण नहीं बढ़ा है। हालाँकि इसके बावजूद महाराष्ट्र में अभी भी हर रोज़ सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले आ रहे हैं और यह क़रीब 2000 से 3000 के बीच रह रहे हैं। आज ही महाराष्ट्र में क़रीब 2600 नये मामले आए हैं। मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड, उत्तराखंड, झारखंड और गोवा जैसे राज्यों में पहले जहाँ संक्रमण का या तो कोई मामला ही नहीं था या फिर गिनती के मामले थे वहाँ अब काफ़ी संख्या में संक्रमण के मामले आने लगे हैं।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने एक शोध में कहा है कि आशंका है कि चीन में कोरोना वायरस पिछले साल अगस्त से ही फैल रहा होगा।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने एक शोध में कहा है कि आशंका है कि चीन में कोरोना वायरस पिछले साल अगस्त से ही फैल रहा होगा। इसका शोध सैटेलाइट की तसवीरों, अस्पताल में आने वाले लोगों के पैटर्न और सर्च इंजन के डाटा के आधार पर किया गया है। हालाँकि चीन ने इस शोध को ‘हास्यास्पद’ क़रार दिया है।
अनुसंधान ने वुहान में उस अस्पताल की पार्किंग की सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग किया जहाँ इस बीमारी की पहचान पहली बार 2019 के आख़िर में हुई थी। अनुसंधान में सर्च इंजन पर खाँसी और दस्त जैसे लक्षण से जुड़े प्रश्नों के डेटा का भी इस्तेमाल किया गया। इसने अगस्त 2019 में अस्पताल की कार पार्किंग में वृद्धि दिखाई। शोध में कहा गया है कि ‘अगस्त में दस्त के लिए सर्च में एक अद्वितीय वृद्धि देखी गई जो पिछले फ्लू के मौसम में कभी नहीं देखी गयी थी।
शोध के अनुसार, ‘वुहान के अस्पताल में यातायात और सर्च इंजन पर उन लक्षणों से जुड़ी खोज बढ़ने का मामला दिसंबर 2019 में कोरोना महामारी की शुरुआत से पहले था।’
शोध में कहा गया है कि ‘जबकि हम पुष्टि नहीं कर सकते हैं कि बढ़ी हुई मात्रा सीधे नए वायरस से संबंधित थी या नहीं, लेकिन हमारे साक्ष्य अन्य हालिया शोधों का समर्थन करते हैं जो दिखाते हैं कि हुआनन सीफूड मार्केट (वुहान में) में पहचान से पहले यह (कोरोना वायरस) आ गया था।’
ताज़ा शोध में जिस हुआनन सीफूड मार्केट का ज़िक्र आया है वह पहले भी सुर्खियों में रहा है। पहले ऐसी रिपोर्ट आई थी कि हुआनन सीफूड मार्केट से नए कोरोना वायरस के फैलने की आशंका थी। वहाँ भेड़िये के बच्चे से लेकर कस्तूरी बिलाव तक विभिन्न नस्ल के वन्य एवं समुद्री जीव बिकते हैं। कस्तूरी बिलाव जैसे कई जीवों का संबंध पहले फैल चुकी कई महामारियों से रहा है। जब यह रिपोर्ट आई थी तब चीनी अधिकारियों ने भी कहा था कि हुआनान सी-फूड बाज़ार की कड़ी निगरानी की जा रही है। तब वैज्ञानिकों ने आशंका जताई थी कि चमगादड़ों ने बिल्ली जैसे जीवों को संक्रमित किया होगा और संक्रमित जीवों का मांस खाने से यह वायरस इनसान में फैला होगा। हालाँकि इसके बारे में अब तक कोई पुष्टि नहीं हो पाई है और यह सिर्फ़ आशंका ही है।
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