BJP सांसद का जवाब- हां, चीन ने किया कब्जा -वही नेपाल ने कहा- हमारी जमीन वापस करे भारत- योगी के बारे में क्‍या कह बैठा नेपाल

10 JUNE 20# राहुल गांधी को लद्दाख के BJP सांसद का जवाब- हां, चीन ने किया कब्जा # भारत और नेपाल के बीच पिछले कुछ दिनों से तल्खी तेज # नेपाली प्रधानमंत्री ने यूपी के मुख्यमंत्री  से कहा कि वे केंद्रीय सरकार की निर्णायक भूमिका में नहीं हैं. एक प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. मुख्यमंत्री के हिसाब से भी उनको ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए थी.

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लद्दाख से बीजेपी सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल ने कहा “हां, चीनियों ने भारतीय भूभाग पर कब्जा किया है.” इसके साथ ही, उन्होंने चीनी कब्जे में भारतीय क्षेत्र की पूरी लिस्ट भी शेयर की. लेकिन इसमें उन्होंने बीजेपी के बजाय कांग्रेस की ही सरकार के कार्यकाल में हुए चीनी अतिक्रमण का जिक्र किया.

बीजेपी सांसद ने लिखा, 1962 में कांग्रेसी शासन में अक्साई चिन (37,244 वर्गकिमी) गंवाया, यूपीए कार्यकाल के दौरान चुमूर इलाके में तिया पैंगनाक और चाब्जी घाटी पर चीन ने कब्जा किया और 2008 में चीन की सेना ने डेमजोक में जोरावर किले को नष्ट कर दिया. 2012 में चीन ने यहां निगरानी केंद्र भी स्थापित कर लिए. लद्दाख से बीजेपी सांसद ने आगे लिखा, 2012 में चीन ने डेमजोक में 13 घर बनाकर एक नई कॉलोनी भी बना दी. 2008-09 में यूपीए सरकार में ही भारत ने दुंगती और डेमचोक के बीच स्थित दूम चेले पर भी चीन ने कब्जा कर लिया. नामग्याल ने एक नक्शा भी शेयर किया जिसमें डेमजोक इलाके को दिखाया गया है. बीजेपी सांसद ने कहा कि साल 2012 तक कांग्रेस के शासनकाल में चीन ने कई भारतीय भू-भाग में घुसपैठ की.

भारत और नेपाल के बीच पिछले कुछ दिनों से तल्खी तेज

नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने कहा, सेना रख कर हमसे हमारी जमीन छीनी गई है. जब तक वहां भारतीय सेना की मौजूदगी नहीं थी, तब तक वह जमीन हमारे पास ही थी. सेना रखने के कारण हम उधर नहीं जा सकते हैं. एक प्रकार से कहा जाए तो यह कब्जा है. इस कारण हम बार-बार अपने मित्रराष्ट्र भारत से कह रहे हैं कि वह जमीन हमारी है. हमें हमारी जमीन वापस चाहिए. प्रमाण के आधार पर, ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर हमारी जमीन वापस करनी होगी. लिपुलेख सीमा विवाद मामले में भारत और नेपाल के बीच पिछले कुछ दिनों से तल्खी तेज है. हालांकि दोनों देशों ने आपसी बातचीत से इस तनाव को खत्म करने का निर्णय लिया है. इस बीच बुधवार को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने एक बयान में कहा कि ‘लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी विवादित भूमि है, जिसका पूरा भूगोल ही भारत के कब्जे में है. कालापानी में भारतीय सेना रख कर वहां से लिपुलेख और लिम्पियाधुरा पर भारत ने कब्जा कर लिया है.’ केपी शर्मा ओली ने कहा, हम कूटनीतिक संवाद के जरिए इसका समाधान चाहते हैं और समाधान तब होगा जब हमें हमारी जमीन वापस मिलेगी. यही सत्य है और इसकी ही जीत होगी. हमें विश्वास है कि हम अपनी जमीन को वापस लेकर रहेंगे. एक ओर सेना रख कर हमारी जमीन पर कब्जा किया गया और ऊपर से फर्जी सीमा रेखा बनाई गई. एक नकली काली नदी बनाई गई, एक फर्जी काली मंदिर बनाकर, एक तिमुंहा नदी दिखा कर इलाके पर कब्जा किया गया और हमारे नक्शे से इस क्षेत्र को बाहर कर दिया गया.

नेपाली प्रधानमंत्री ने यूपी के मुख्यमंत्री  से कहा कि वे केंद्रीय सरकार की निर्णायक भूमिका में नहीं हैं. एक प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. मुख्यमंत्री के हिसाब से भी उनको ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए थी.

नेपाली प्रधानमंत्री ने यूपी के मुख्यमंत्री के बयान पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने नेपाल को लेकर कुछ कहा है. उन्होंने अगर ऐसी बातें कही हैं तो यह जायज नहीं है. अगर उन्होंने नेपाल को धमकी दी है तो वह भी उचित नहीं है. वे केंद्रीय सरकार की निर्णायक भूमिका में नहीं हैं. एक प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. मुख्यमंत्री के हिसाब से भी उनको ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए थी. उन्होंने नेपाल के बारे में जो भी बातें की हैं, वह दुखद और निंदनीय है. ओली ने कहा. उनके (सीएम योगी) इस बयान को नेपाल के अपमान के रूप में लेते हैं और नेपाल किसी की धमकी से डरने वाला नहीं है. यह बात मैं योगी जी को स्मरण कराना चाहता हूं. गौरतलब है कि मीडिया में ऐसी रिपोर्ट आई थी जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेपाल की सरकार को आगाह करते हुए कहा था कि उसे राजनीतिक सीमाएं तय करने से पहले उसके होने वाले प्रभावों को ध्यान में रखना चाहिए.

क्या सारी ज़मीन ख़ाली करेगा चीन ? https://youtu.be/8FXuK_XC7KA

राहुल गांधी ने एक ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लेते हुए ट्वीट किया था, चीनी हमारी सीमा के भीतर घुस आए हैं और लद्दाख के कुछ हिस्से पर कब्जा जमा लिया है. जबकि हमारे पीएम बिल्कुल खामोश हैं और पूरे परिदृश्य से ही गायब हो गए हैं. राहुल गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह की वर्चुअल रैली के दौरान एक टिप्पणी को लेकर भी तंज कसा. अमित शाह ने कहा था कि भारत की सुरक्षा नीति को वैश्विक स्तर पर स्वीकार्यता मिली है. पूरी दुनिया इस बात से सहमत है कि अमेरिका और इजरायल के बाद अगर कोई देश अपनी सीमा की सुरक्षा करने में सक्षम है तो वह भारत है.

क्या ट्रंप से दोस्ती मोदी को महंगी पड़ी? क्या “गलवॉ घाटी “ चीन को हार जायेंगे? https://youtu.be/tsRq-qU1ODQ

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