खुशी कम और मातम ज्यादा ; मोदी & RG की अमेरिका यात्रा & AAP-Congress Alliance बात नहीं बनी &  राम माधव की बीजेपी को आई याद 

 BJP में राम माधव की वापसी

राम माधव एक बार फिर RSS से बीजेपी में शिफ्ट हो गए हैं. देखा जाए तो इसे सक्रिय राजनीति में उनकी वापसी कही जाएगी. राम माधव 2019 के बाद पार्टी से शिफ्ट होकर RSS में चले गए थे. अब उनको बीजेपी ने जम्मू कश्मीर का चुनाव प्रभारी बनाया है. तेलंगाना बीजेपी के अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी को भी ये जिम्मेदारी दी गई है. राम माधव की वापसी पर कई तरह की चर्चाएं हैं. जैसे बीजेपी को राम माधव की जरूरत क्यों पड़ गई है?

दरअसल राम माधव को जम्मू कश्मीर में काम करने का अच्छा खासा अनुभव है. अनुच्छेद 370 हटाने की तैयारियों में भी राम माधव की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी, PDP के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, इस सफलता के पीछे राम माधव ही थे. राम माधव की वापसी, बीजेपी में RSS की मजबूत पकड़ को भी दिखाता है. दरअसल लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और संघ के बीच दूरी की खबरें आई थीं. चुनाव परिणामों में इसका असर दिखाई दिया. खासतौर से यूपी में बीजेपी के प्रदर्शन ने रणनीतिकारों को काफी निराश किया था. यही वजह है कि अब बीजेपी ने RSS की ओर रुख किया है. राम माधव की जम्मू कश्मीर में वापसी यही संकेत दे रही है.

जम्मू कश्मीर में चुनावों का ऐलान हो गया है. 18 सितंबर से तीन चरणों में जम्मू कश्मीर का मुकद्दर तय होना है. जनता किस राजनीतिक पार्टी के सपोर्ट करेगी, ये देखना है. लेकिन वो राजनीतिक पार्टी कौन सी होगी, ये सुनिश्चित करने की जंग भी शुरू हो गई है.

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे दो दिन के दौरे पर श्रीनगर पहुंचे हुए हैं. जम्मू कश्मीर पहुंचने के बाद राहुल गांधी ने बुधवार रात वहां के एक प्रसिद्ध रेस्टोरेंट में खाना खाया. ये रेस्टोरेंट जिस जगह पर मौजूद है, वहां पर 2019 से पहले किसी बड़े राजनेता का पहुंचना या तिरंगा फहराना मुमकिन नहीं था। वो जगह है श्रीनगर का लाल चौक.

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राहुल गांधी जिस निडरता के साथ लाल चौक पर घूम रहे हैं, उन्होंने खुद भी नहीं सोचा होगा कि कभी वो इस तरह से लाल चौक पर घूम सकेंगे. दरअसल लाल चौक का खूनी इतिहास को देखने के बाद, किसी भी कांग्रेस सरकार ने इस विषय में नहीं सोचा होगा. लेकिन अनुच्छेद 370 के हटने के बाद हर भारतीय, अब लाल चौक पर ऐसे ही घूमता है, जैसे राहुल गांधी दिखाई दे रहे हैं.

राहुल गांधी लाल चौक पर मौजूद एक बड़े रेस्टोरेंट में डिनर करने गए थे. यहां पर वो काफी देर रुके रहे। इस दौरान कांग्रेस के कुछ स्थानीय नेता और मल्लिकार्जुन खडगे भी उनके साथ थे. डिनर करने के बाद राहुल इस रेस्टोरेंट से निकले, तो आसपास घूमते हुए पास में ही एक आइसक्रीम पार्लर में भी गए. यहां भी वो काफी देर रुके और आइसक्रीम खाई. वहां मौजूद स्थानीय लोगों के साथ कुछ फोटोज़ भी खिंचवाईं. इसके बाद वो रात में ही कुछ देर लालचौक के आसपास घूमकर, वापस अपने होटल चले गए

सुरक्षाबलों ने उनकी सिक्योरिटी से कोई समझौता नहीं किया. लेकिन फिर भी राहुल गांधी आम लोगों से मिले. राहुल और मल्लिकार्जुन खड़गे का श्रीनगर दौरे का मकसद संगठन की मजबूती और राजनीतिक साथी की तलाश थी. नेशनल कांफ्रेंस फारुख अब्दुल्ला ने कांग्रेस पार्टी के साथ चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.

जम्मू कश्मीर में जीत की गारंटी के लिए कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेस एक साथ आ गए हैं. बीजेपी ने भी पार्टी की मजबूती के लिए RSS के एक भरोसेमंद चेहरे को जम्मू कश्मीर का जिम्मा दिया है.

हरियाणा चुनाव के लिए बीजेपी ने जब से दावदारों के नाम का ऐलान किया है, बीजेपी में खुशी कम और मातम ज्यादा है. वजह सिर्फ ये है कि… चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री बदलने वाली बीजेपी ने हरियाणा चुनाव में नए मुख्यमंत्री की सीट ही बदल दी है

हरियाणा चुनाव के लिए बीजेपी ने जब से दावदारों के नाम का ऐलान किया है, बीजेपी में खुशी कम और मातम ज्यादा है. वजह सिर्फ ये है कि…

चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री बदलने वाली बीजेपी ने हरियाणा चुनाव में नए मुख्यमंत्री की सीट ही बदल दी है

वही 12 दिन बाद मोदी की अमेरिका यात्रा ट्रम्प को मजबूती देगी? अमेरिका में भारी संख्या में RG का प्रभाव दिखाई दे रहा है: Himalaya UK News by Chandra Shekhar Joshi

www.himalayauk.org (Leading Newsportal & youtube Channel & Daily Newspaper) Chandra Shekhar Joshi Chief Editor, Mob. 9412932030 Mail; himalayauk@gmail.com

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इन दिनों तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे पर हैं. अमेरिका के डलास में टेक्सास विश्वविद्यालय में उन्होंने देश में बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए चीन और अन्य कई देशों की स्थिति को भारत से बेहतर बताया है. राहुल गांधी के अमेरिका में दिए इस बयान पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कड़ा पलटवार किया है. उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “राहुल गांधी को यह बताना चाहिए कि वह चीन के साथ हैं या भारत के. अगर उन्हें चीन की नीतियां अच्छी लगती हैं, तो उनको चीन जाकर राजनीति करनी चाहिए. मैं राहुल गांधी के ऐसे बयानों से बहुत हैरान हूं.”

वह कहते हैं, “असदुद्दीन ओवैसी भी देश के बाहर जाकर देश के खिलाफ नहीं बोलते हैं. ओवैसी देश के बाहर देश के साथ खड़े रहते हैं. वह कभी बाहर देश का विरोध नहीं करते. लेकिन राहुल गांधी ऐसे व्यक्ति हैं, जो देश के बाहर जाकर देश के खिलाफ बोलते हैं.” पश्चिमी देशों का उत्पादन केंद्र चीन में बन जाने को लेकर दिए राहुल गांधी के बयान पर उन्होंने कहा कि 2004 से लेकर 2014 तक 10 साल राहुल गांधी की सरकार रही. 

इसके अलावा इस देश पर लगभग 60 साल कांग्रेस की हुकूमत रही है. पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह, ये सारे प्रधानमंत्री कांग्रेस पार्टी के थे. इसके बावजूद राहुल गांधी की समझ में यह आज आया है. उनकी समझ में यह तब क्यों नहीं आया था. प्रमोद कृष्‍णम ने कहा क‍ि आज भी उनकी जिन राज्यों में सरकार है, वहां उनको हर घर में नौकरी दे देनी चाहिए. वह तेलंगाना, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी खत्म कर दें. राहुल गांधी के ऊपर एक कहावत फिट बैठती है कि हाथी के दांत खाने के कुछ और, और दिखाने के कुछ और हैं.

त्राहिमाम मचा है और इस बार बदलाव तय

नूंह हिंसा के आरोपी बिट्टू बजरंगी की हरियाणा चुनाव में एंट्री हो गई है. बिट्टू बजरंगी ने सोमवार (9 सितंबर) को फरीदाबाद एनआईटी सीट से नामांकन दाखिल किया. सोमवार को बिटटू बजरंगी अपने  समर्थकों के साथ सेक्टर 12 लघु सचिवालय पहुंचा और नामांकन भरा.

मीडिया से बातचीत के दौरान बजरंगी ने कहा, “विधायक बनने पर दो-तीन एफआईआर और होंगी मुझे क्षेत्र की जनता ने अपना उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारा है. जनता दुखी है इसलिए बदलाव चाहती है. नेताओं ने एनआईटी की जनता को ठगा है. नेता लाखों-करोड़ों  खर्च कर चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन मेरे पास पैसे नहीं केवल जनता है.” 

इसके साथ ही बिट्टू बजरंगी ने कहा, “बहन-बेटियों के साथ लव जिहाद होगा तो आवाज उठाता रहूंगा. जनता ने ठाना है कि अबकी बार बदलाव होगा, खेला होगा. सरकार की काम करने की नीयत नहीं है. गाय के लिए करोड़ों रूपए आते हैं लेकिन कहा जाते हैं. कह दूंगा तो एक और केस लगा देंगे.”

बिट्टू बजरंगी ने कहा, “दुकानदारों के दुकान नहीं चल रहे. दुकानों में पानी भरा हुआ है. बहन-बेटियों के चलने के लिए रास्ता नहीं है. बच्चे स्कूल नहीं जा सकते. मजदूर वर्ग जितना कमाते नहीं है उससे ज्यादा पैसों का पानी खरीदकर पीते हैं. लोगों में त्राहिमाम मचा है और इस बार बदलाव तय होगा.” 

AAP-Congress Alliance  बात नहीं बनी. 

बैठकों का लंबा दौर चला. जमकर बातचीत हुई. मोलभाव हुआ. लेकिन बात नहीं बनी. हरियाणा विधानसभा चुनाव अब और ज्यादा रोचक हो गया है. वो इसलिए क्योंकि सोमवार को आम आदमी पार्टी ने अपने 20 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. कांग्रेस के साथ गठबंधन की बातचीत फेल हो गई. यानी अब जाटलैंड में मुकाबला बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी के बीच होगा. 12 सितंबर को नॉमिनेशन की आखिरी तारीख है. राज्य में वोटिंग 5 अक्टूबर को होनी है और रिजल्ट 8 अक्टूबर को आएगा. 

रविंद केजरीवाल की अगुआई वाली आम आदमी पार्टी 10 सीट की मांग कर रही थी, जबकि कांग्रेस ने उसे केवल पांच सीट की पेशकश की थी. कांग्रेस के इसी रवैये के कारण भी आम आदमी पार्टी के नेता खफा थे. आप चाहती थी कि गठबंधन में उसे ज्यादा सीटें दी जाएं, जिसके लिए कांग्रेस तैयार नहीं थी. माना जा रहा है कि यह फैसला अगले साल दिल्ली विधानसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन की दो बड़ी पार्टियों के साथ आने की संभावना पर भी असर डाल सकता है.

यह भी कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी अपनी सीटों की मांग को 10 से घटाकर 5 तक भी ले आई थी. लेकिन कांग्रेस ने उसे 3 सीटों का ऑफर दिया, जो आप को नागवार गुजरा. 

जिन 20 सीटों पर आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवार उतारे हैं, उनमें से 12 ऐसी हैं, जिन पर कांग्रेस पहले से ही उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है. ये सीटें हैं- नारायणगढ़, असंध, उचाना कलां, समालखा, महम, बादशाहपुर, रोहतक, बादली, बेरी, महेंद्रगढ़, डबवाली और बहादुरगढ़. 

’90 सीटों पर चुनाव की कर रहे तैयारी’

कांग्रेस के साथ गठबंधन के मुद्दे पर आप हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने कहा, ‘मैं साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि हम पहले दिन से ही सभी 90 सीट के लिए तैयारी कर रहे हैं. चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है, नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 12 सितंबर है. इसलिए अब इंतजार खत्म हुआ.’ उन्होंने कहा कि हरियाणा में आप एक मजबूत विकल्प है और पार्टी के उम्मीदवारों की दूसरी सूची भी जल्द ही जारी की जाएगी.

वहीं आप के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि इससे इस बात की संभावना का पता चलता है कि दोनों पार्टियां राज्य में सीट बंटवारे के लिए गठबंधन के तहत एक साथ नहीं आएंगी और इसके बजाय पार्टी ने नए विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के लिए संगठनात्मक आधार तैयार करने का विकल्प चुना है, जहां एक ओर उसे अपनी जड़ें जमाने का ‘विश्वास’ है, वहीं दूसरी ओर जहां उसका कैडर पहले से ही मौजूद है, वहां पार्टी को और मजबूत किया जाएगा.

 रिपोर्ट्स के मुताबिक राहुल गांधी भी चाहते थे कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा जाए. लेकिन इस प्रस्ताव को राज्य नेतृत्व ने मानने से इनकार कर दिया खासकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा कैंप ने. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्तावित गठबंधन को लेकर पार्टी के भीतर असहमति के कारण हरियाणा कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता हुड्डा पार्टी की एक बैठक से बाहर चले गए थे. इसके बाद गठबंधन की बातचीत पटरी से उतर गई. 

आप ने आज जो लिस्ट जारी की है, उसमें हरियाणा इकाई के उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा को कलायत से मैदान में उतारा है, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का मजबूत गढ़ माना जाता है. वहीं, इंदु शर्मा को भिवानी से मैदान में उतारा गया है. विकास नेहरा महम से और बिजेंद्र हुड्डा रोहतक से मैदान में होंगे. आप ने चौटाला परिवार के गढ़ डबवाली से कुलदीप गदराना को मैदान में उतारा है. पार्टी के अन्य उम्मीदवारों में बहादुरगढ़ से कुलदीप छिकारा, बादली से रणधीर गुलिया, बेरी से सोनू अहलावत शेरिया, बल्लभगढ़ से रविंदर फौजदार, सोहना से धर्मेंद्र खटाना और बादशाहपुर से बीर सिंह सरपंच शामिल हैं. 

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