उत्तराखण्ड- सत्ता के गलियारों से प्रमुख खबरे- 15 जून 17
भारी बारीश के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपनी गैरसैंण जिन्दाबाद यात्रा पर गैरसैंण व भराणीसैंण पहुंचे,
देहरादून 15 जून, 2017(सू.ब्यूरो)
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उŸारकाशी में स्थानांतरित किए गए उपजिलाधिकारियों द्वारा अभी तक कार्यभार ग्रहण न करने पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए उनका स्पष्टीकरण लिए जाने के निर्देश दिए हैं। सुखा आदि दैवीय आपदा घोषित किये जाने के लिये न्याय पंचायत को ईकाई माना जायेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत गुरूवार को देर सांय तक सचिवालय में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समस्त जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों, पुलिस अधीक्षकों के साथ आपदा प्रबन्धन व मानसून से पूर्व की जाने वाली तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जनपद से विस्थापन के लिए शीर्ष प्राथमिकता वाले 2-2 गांवों का चयन तत्काल कर लिया जाए। आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग तहसील व ब्लाॅक स्तर तक दिए जाने के निर्देश दिए। सुनिशित किया जाए कि आपदा की स्थिति में प्रभावितों को त्वरित राहत मिले। अति संवेदनशील लैंडस्लाईड क्षेत्रों में वैकल्पिक मार्ग चिन्हित कर लिए जाएं।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने आपदा से संबंधित कार्यों के लिए जिलों को 2-2 करोड़ रूपए की अतिरिक्त राशि उपलब्ध करवाए जाने के निर्देश दिए। पुलिस प्रशासन के पास नाईट विजन के उपकरण उपलब्ध होने चाहिए। प्रयास किया जाए कि प्लास्टिक का न्यूनतम प्रयोग हो। समस्त ऐसे मार्गों, जो भारी वर्षा के कारण बन्द हो सकते हैं, का विवरण एवं उनके वैकल्पिक मार्ग तैयार रखे जाएं। साथ ही समस्त सबन्धित अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता जेसीबी ड्राईवरों के मोबाईल नम्बर भी संकलित किये जाएं। आपदा संभावित एवं महत्वपूर्ण स्थानों पर साईनेजज के माध्यम से महत्वपूर्ण मोबाईल व दूरभाष नम्बर डिस्प्ले किये जाएं ताकि भारी बारिश अथवा आपदा की स्थिति में इनसे सम्पर्क किया जा सके। आपदा कंट्रोल रूम में विभिन्न कम्पनियों के अनलिमिटेड प्लान युक्त न्यूनतम एक-एक मोबाईल फोन रखे जाएं, ताकि किसी एक कम्पनी की मोबाईल सेवा बाधित होने पर अन्य के माध्यम से संपर्क किया जा सके।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा मार्ग, अन्य पर्यटक स्थलों तथा जनपद में अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर आपदा की स्थिति में अथवा लम्बे समय के लिये रास्ता आदि बंद होने की स्थिति में यात्रियों एवं स्थानीय नागरिकों आदि के लिये आवासीय, खान-पान, पेयजल, परिवहन तथा संचार आदि की व्यवस्था की जाए। टेण्डर के माध्यम से जनपद में कई स्थानों पर वेण्डर तैयार कर लिये जाये ताकि आवश्यकता के समय इनका उपयोग किया जा सकें। ऐसे लैंडस्लाईड जोन, जहां अक्सर लैंडस्लाईड होती है, पर जेसीबी की तैनाती की जाए। ऐसे स्थानों पर वैकल्पिक पैदल मार्ग भी तैयार रखे जाएं। अत्यन्त खतरनाक स्थानों को चयनित कर साइनबोर्ड लगाए जाएं। पूर्व में क्रय किये गये उपकरणों का सत्यापन, खराब होने पर ठीक कराया जाना तथा सभी संबंधित द्वारा उनका उपयोग कराकर समय रहते सत्यापन एवं चैकिंग कर ली जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिये कि राज्य में मोबाईल सेवा प्रदाता कम्पनियों से समन्वय तथा फोन एवं इंटरनेट सेवा की निर्बाध गति बनाये रखने हेतु रणनीति एवं इनकी सेवायें बाधित होने पर वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। जनपद के समस्त हेलीपैड्स की अक्षांश-देशान्तर के विवरण सहित तहसीलवार सूची बनायी जाए तथा उसे अधीक्षण अभियंता, लोनिवि से सत्यापन कराया जाए। साथ ही सभी जनपदों के रिमोट एरीया में खाद्यान्न की स्थिति पर ध्यान दिया जाए। जिन स्थानों पर आम तौर पर रास्ता बंद हो जाता है, उन स्थानों पर पी.डी.एस. गोदामों में पर्याप्त खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाए। विभिन्न बाजारों तथा व्यापार मण्डलों से स्थानीय प्रशासन द्वारा संपर्क करते हुए सभी प्रकार की आवश्यक दैनिक उपभोग की वस्तुओं का लगभग दो माह का आवश्यक स्टाॅक रखा जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिये कि जनपद में मेडिकल एम्बुलेंस, डाॅक्टर, 108 वाहन, पैरामेडिकल स्टाॅफ व दवाईयों की आवश्यकता एवं उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। वर्षा के दौरान संक्रमण से फैलने वाली बीमारियों की संभावना का आंकलन तथा इससे बचने के लिये आवश्यक तैयारियां भी पूर्ण कर ली जाएं, साथ ही, इस दौरान पशुओं में होने वाली बीमारियों की संभावना का आंकलन तथा इससे बचने के लिए आवश्यक तैयारियों को भी पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि जनपद में पैरामिलिट्री फोर्सेस के साथ समन्वय बनाकर उनके पास उपलब्ध मानव शक्ति, उपकरण आदि की जानकारी तथा आवश्यकता पड़ने पर उपयोग हेतु उनसे सहयोग लिया जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जिलाधिकारियों द्वारा दैवीय आपदा मद में धनराशि निर्गत करने व कार्यदायी संस्थाओं द्वारा मानकों के अनुरूप प्रस्ताव तैयार करने के संबंध में जिलाधिकारियों के स्तर पर सभी संबंधित अधिकारियों के साथ कार्यशालाएं आयोजित की जाएं।
प्रत्येक जनपद से शीर्ष प्राथमिकता वाले विस्थापन हेतु प्रस्तावित 2-2 गांवों का चयन तथा 29 बिन्दु पर आवश्यक रिपोर्ट एवं अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट के साथ जिलाधिकारी के हस्ताक्षर से प्रस्तावों का विवरण प्राथमिकता से पे्रषित किया जाए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने आपदा की स्थिति में सूचना दिए जाने व मीडिया से समन्वय हेतु नोडल अधिकारी की तैनाती करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों के लिए की जा रही कार्यवाही का पूरा डाॅक्यूमेंटेशन किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने जिलाधिकारी चमोली को घाट क्षेत्र पर विशेष फोकस करने व पिथौरागढ़ के डीएम को शहर के नालों की सफाई कराए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी उŸाराकाशी को असी गंगा व भागीरथी के संगम पर जमा अत्यधिक सिल्ट का समाधान करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्रदेश में वनाग्नि की घटनाओं व इसकी रोकथाम के लिए जनपद स्तर की गई व्यवस्थाओं के बारे में भी जिलाधिकारियों से विस्तार से जानकारी प्राप्त की। बरसात के सीजन में प्रस्तावित वृक्षारोपण की कार्ययोजना व जनपदों में बायोमैट्रिक्स उपस्थिति की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
सभी जिलाधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई कि संवेदनशील व अति संवेदनशील लैंडस्लाईड क्षेत्रों को चिन्हित कर यिला गया गया है। यहां वैकल्पिक मार्ग चिन्हित कर लिए गए हैं। इन क्षेत्रों में जेसीबी, पोकलैंड, डोजर आदि मशीन लगाई गई हैं। गोदामों में तीन माह का राशन व अन्य आवश्यक वस्तुएं रख ली गई हैं।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग में प्रमुख सचिव डा.उमाकांत पंवार, सचिव श्री अमित नेगी, सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी, सभी जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
उधमसिंहनगर/देहरादून 15 जून, 2017(सू.ब्यूरो)
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनता की समस्याओं को धैर्यपूर्वक सुने और जनसमस्याओं का निस्तारण तेजी से करें। उन्होंने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रहे कि बिजली व पानी की दिक्कतें न होने पायें। उन्होंने कहा कि शहरी व ग्रामीण हर क्षेत्र में जहां तक बिजली व पेयजल की पहुंच है वहां बिजली व पेयजल की आपूर्ति सुचारु रुप से की जाय। उन्होंने कहा कि डायरिया का सीजन चल रहा है इसलिए स्वास्थ्य महकमा चैकन्ना रहकर कार्य करें। गरीब वर्ग को स्वास्थ्य सेवाओं का समुचित लाभ दिया जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने यह निर्देश कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में दिये।
मुख्यमंत्री ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिन क्षेत्रों में विद्युत कटौती व शटडाउन किया जाता है इसकी सूचना सोशल मीडिया व प्रिन्ट मीडिया के माध्यम से स्थानीय जनता को अवश्य दे दी जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जनपद के किसानों को सिचांई हेतु पर्याप्त जल की आपूर्ति की जाय। उन्होंने उद्यान व कृषि विभाग के अधिकारियों को किसानों को पौध रोपण सहित पौधों की किस्मों व फल देने की अवधि आदि की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये ताकि किसान फलोत्पादन का समुचित लाभ लें सकें। उन्होंने कहा उद्यान के क्षेत्र में टिश्यू कल्चर को अधिक महत्व दिया जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपद में मजदूर व गरीब वर्ग डायरिया से अधिक प्रभावित रहता है इसलिए मजदूर व गरीब वर्ग तक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ अवश्य पहुचंना चाहिए। श्री रावत ने राजस्व विभाग को वर्ग चार व वर्ग 01(ख) सम्बन्धी भूमि मामलों के निस्तारण में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने लम्बित वादों का निस्तारण शीघ्र किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जनपद में जल संरक्षण व संवर्धन के लिए मनरेगा से अधिक से अधिक प्रस्ताव बनाये जायें। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों का 44 करोड रुपये का बकाया भुगतान शीघ्र करवाया जायेगा। श्री रावत ने कहा कि काशीपुर बाईपास, गाबाचैक बाईपास व किच्छा में आदित्य चैक से डीडी चैक तक विस्तारीकरण कार्य हेतु प्रस्ताव बनाकर शासन को उपलब्ध करायें ताकि इस हेतु धनराशि उपलब्ध करायी जा सके। बैठक में जिलाधिकारी डाॅ0 नीरज खैरवाल द्वारा पावर प्रजेन्टेशन के माध्यम से जनपद में किये जा रहे कार्याें की जानकारी दी गयी। जिलाधिकारी ने कार्यालयों में बायोमेट्रिक मशीन व सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने, जिला मुख्यालय में स्थापित जन शिकायत निवारण केन्द्र सहित राजकीय कार्याें में उठाये गये सुधारात्मक कदमों की जानकारी दी।
एक अन्य कार्यक्रम में श्री रावत द्वारा शिवनगर से ट्रांजिट कैम्प तक 2.25 किमी सडक बनाने व किच्छा में डिग्री कालेज बनाने की घोषणा की गयी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाओं पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है इसके लिए प्रदेश सरकार आर्मी के सेवानिवृत चिकित्सकों को तैनात करने के साथ चिकित्सालयों में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए तमिलनाडु, उडीसा व महाराष्ट्र से भी चिकित्सकों का चयन करेगी। उन्होंने कहा तीन माह के भीतर चिकित्सकों की कमी दूर कर ली जायेगी। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड के स्थायी निवासियों को राज्य में कार्य करने हेतु 05 करोड रुपये तक के ठेके दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्रों के लिए पूर्व में 243 करोड का बजट रखा गया था जिसे बढाकर 587 करोड कर दिया गया है। उन्होंने कहा रुद्रपुर में रिंग रोड बनाने व ट्रचिंग ग्राउण्ड हेतु प्रस्ताव बनाकर शीघ्र उपलब्ध कराये।
इस अवसर पर विधायक राजकुमार ठुकराल व राजेश शुक्ला, पूर्व सांसद बलराज पासी, शिव अरोडा, एसएसपी सदानन्द दांते, सीडीओ आलोक कुमार पाण्डेय सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
देहरादून 15 जून, 2017(सू.ब्यूरो)
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनपद टिहरी के चम्बा से उत्तरकाशी की तरफ कोट गांव के समीप हुई वाहन दुर्घटना में मृतकों के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगतों की आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने के साथ ही घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की ईश्वर से कामना की है।
केन्द्र सरकार की सभी जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक वर्ग एवं प्रत्येक पात्र तक पहुंचे। जन-जन तक सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार हो इसके लिए ब्लाॅक स्तर पर भी विकास सम्बन्धी बैठकें की जाए। विकास कार्यों के लिए सभी विभाग आपसी समन्वय बनाकर कार्य करें। यह बात हरिद्वार सांसद डाॅ रमेश पोखरियाल ’निशंक’ ने विकास भवन सभागार रोशनाबाद में आयोजित मोदी फेस्ट कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, मुद्रा लोन, फसल बीमा योजना, स्टेण्ड अप, स्टार्टअप आदि योजनाओं एवं विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि केन्द्र सरकार की योजनाओं का लाभ अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान एवं स्पर्श गंगा अभियान पर विशेष बल दिया जाए।
जिलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि केन्द्र की सब्सिडी आधारित योजनाओं के लिए सबका आधार कार्ड होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि जिनके अभी तक आधार कार्ड नहीं बने हैं, स्थाई आधार शिविरों में जाकर अपना आधार कार्ड अवश्य बनवायें। उन्होंने कहा कि पेंशन से सम्बन्धित आवेदनों को सम्बन्धित ब्लाॅक में जाकर जमा करवायें एवं रसीद अवश्य प्राप्त करें। आवेदनों का रजिस्टर ब्लाॅक स्तर पर मेंटेन किया जायेगा एवं सम्बन्धित विभाग को समाधान हेतु भेजा जायेगा। जिलाधिकारी ने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि आपदा के दृष्टिगत कुछ महत्वपूर्ण उपकरण ग्राम पंचायत स्तर पर अवश्य रखे जाएं। जो आपात स्थिति में राहत एवं बचाव कार्यों हेतु काम आ सकें। उन्होने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का अधिक से अधिक लोगों तक लाभ पहुंचे इसके लिए जो जिस योजना के लिए पात्र हों आवेदन अवश्य करें। इस अवसर पर ग्राम्य विकास विभाग, कृषि, बाल विकास विभाग, पशुपालन विभाग की विभिन्न योजनाओं की भी जानकारी दी गई।
इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य अमन त्यागी, सांसद प्रतिनिधि ओमप्रकाश जमदग्नि, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व डाॅ ललित नारायण मिश्र, जिला विकास अधिकारी पुष्पेन्द्र चैहान, डी.एफ.ओ. एच.के.सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी जे.पी.तिवारी, जिला उद्यान अधिकारी हितपाल सिंह, एल.डी.एम. के.एस.पाल, डी.पी.ओ. शैली प्रजापति एवं सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ स्पोर्टिंग गुड्स एंड फिजिकल एक्सरसाइज इक्विपमेंट (टीएएसजीपीआईआईद्) ने जीएसटी दरों की समीक्षा की अपील की एशोसिएशन को उम्मीद है कि फिटनेस उपकरणों पर जीएसटी दर 28 प्रतिशत होगी और इससे बिक्री25 प्रतिशत तक प्रभावित हो सकती है
देहरादून 15 जून 2017 . माननीय जीएसटी कौंसिल द्वारा खेल के सामानों और व्यायाम के उपकरणों पर क्रम से 12% और28% की अलग जीएसटी दर लगाए जाने के मद्देनजर ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ स्पोर्टिंग गुड्स एंड फिजिकल एक्सरसाइज इक्विपमेंट (टीएएसजीपीआईआईद्) ने कौंसिल से अपील की है कि व्यायाम उपकरणों के लिए सीएसटी दर पर पुनर्विचार किया जाए। खेल और व्यायाम उपकरणों के देश भर के निर्माताओं और व्यापारियों की प्रमुख संस्थाए टीएएसजीपीआईआई ने कहा है कि दुनिया भर में चल रहे कराधान के व्यवहार के अनुसार भी जीएसटी को चाहिए कि स्पोर्ट्स गुड्स ;खेल के काम आने वाला सामानद्ध और व्यायाम के उपकरणों पर जीएसटी टैक्स की दर समान होनी चाहिए और एसोसिएशन ने मांग की है कि इसे 12% ण्ही रखा जाना चाहिए।
जीएसटी दर 28% होने का मतलब है कि जीएसटी कौंसिल की राय में व्यायाम और फिटनेस उपकरण लक्जरी आयटम हैं जबकि ऐसा है नहीं। उदाहरण के लिएए ऐथलेटिक उपकरणों में जैवलिनए हाई जंप मैटए हर्डल्सए रीले बैटनए स्पाइक्ड जूते आदि आते हैं। जिमनास्टिक उपकरणों में पैरलल बारए पैरलल बीमए रोम रिंग्सए कंपीटिशन हाई बारए क्लाइंबिंग रोप आदि हैं। जनरल फिजिकल उपकरणों में योगा मैटए योगा ब्रिक स्किपिंग रोपए डम्बबेलए वेट लिफ्टिंग रॉडए जिम बॉलए ट्रेडमिलए होम जिमए एक्सरसाइज बाइक आदि शामिल हैं।
जीएसटी की 28 प्रतिशत दर व्यायाम और फिटनेस के उपकरणों को आम आदमी की पहुंच से बाहर बना देंगे। इस तरहए फिटनेस उद्योग को नुकसान होगा जो इस समय शुरुआती स्थिति में है और उद्योग के अनुमानों के मुताबिकए करीब 500करोड़ रुपए का है और 16.18 : ंवार्षिक की दर से बढ़ रहा है। एसोसिएशन को लगता है कि 28% की जीएसटी की दर बिक्री को करीब 25% प्रभावित करेगी और इसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी होगा।
श्रीनगर में हुई जीएसटी कौंसिल की 14 वीं बैठक में माननीय कौंसिल ने अध्याय 95 के तहत जीएसटी की दर इस प्रकार तय की है रू
12% खेल के सामान सामान्य व्यायाम के सामान और उपकरणों को छोड़कर
28% सामान्य व्यायाम के लिए सामान और उपकरणए जिमनास्टिकए एथलेटिक्सए अन्य खेल ;टेबल टेनिस समेतद्ध या आउटडोर गेम्स जो विनिर्दिष्ट नहीं हैं या इस अध्याय में कहीं और शामिल नहीं किया गया है। स्वीमिंग पूल्स और पैडलिंग पूल्स।
व्यायाम और फिटनेस के लिए उपकरण किसी स्पोर्ट्स पर्सन के फिटनेस इंतजाम का अभिन्न हिस्सा है। यही नहींए ये आम लोगों के लिए लगातार महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं क्योंकि देश जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहा है और इसका नतीजा यह है कि व्यायाम को बढ़ावा देने की आवश्यकता गंभीर हो गई है। और यह एक स्थापित सत्य है कि नियमित व्यायाम से फायदा होता है और यह तनावए चिन्ता तथा अवसाद कम करने में सहायक है तथा ढेर सारी बीमारियों को दूर रखता है।
उत्पादों के नाम रखने की अंतरराष्ट्रीय प्रणालीए हारमोनाइज्ड सिस्टम ऑफ नोमेनक्लेचर या ष्एचएसएनष् बहुद्देश्यीय है और इसका विकास वर्ल्ड कस्टम्स ऑर्गनाइजेशन ने किया है। इसका उपयोग सीमा शुल्क और व्यापार आंकड़ों के लिए आधार के रूप में किया जाता है और यह भी फिटनेस उपकरणों को दुनिया भर में स्पोर्टिंग गुड्स ध् उपकरण मानता है। विशिष्ट एचएसएन संख्या 9506 का अनुपालन करीब 200 देशों में किया जाता है और यह डब्ल्यूटीओ की मेम्बर कमिटमेंट पॉलिसी के साथ तालमेल में है। इसे स्थानीय जीएसटी और वैट कानून में भी शामिल किया गया है। प्रमुख देश जैसे यूनाइटेड किंगडमए ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका भी स्पोर्ट्स के सामानों का एसएस नाम मानते हैं और इनमें व्यायाम के उपकरण हैं तथा किसी भी तरह का भेदभाव नहीं है।
इस मुद्दे पर अपने विचार रखते हुए ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ स्पोर्टिंग गुड्स एंड फिजिकल एक्सरसाइज इक्विपमेंट;टीएएसजीपीआईआईद्ध के प्रेसिडेंट डॉण् दिनेश कपूर ने कहाए श्हम जीएसटी कौंसिल की मीटिंग के दौरान भिन्न सामानों की दर निश्चित किए जाने का स्वागत करते हैं। हालांकिए हम माननीय कौंसिल से अपील करना चाहते हैं कि व्यायाम के उपकरण को खेल के सामान का भाग माना जाए और इनपर जीएसटी की दर 12% रखी जाए। हमारा दृढ़ता से मानना है कि भारत जैसे देश को खेल के क्षेत्र में अंतरराएट्रीय स्तर पर काफी दूर जाना है। इसलिए आवश्यक है कि हम स्वास्थ्य उन्मुख इकोसिस्टम और समाज को बढ़ावा दें। यही नहींए हमारे देश में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की दर खतरनाक है और इसलिए भी यह आवश्यक है कि हम जल्दी से जल्दी स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा दें जिसमें फिटनेस उपकरणों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए इसे लक्जरी नहीं माना जाना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कौंसिल इस मामले में ध्यान देगा और हम आग्रह करते हैं कि फिटनेस उपकरणों पर जीएसटी की दर पर पुनर्विचार किया जाए।श्
श्री कपूर ने आगे कहाए ष्खेलेगा इंडिया खिलेगा इंडिया की सरकार की कल्पना से पता चलता है कि खेल मनुष्य़ के विकास की प्रमुख गतिविधि है। और संयुक्त राष्ट्र को योग दिवस के भारत के प्रस्ताव के बाद इसका आयोजन हर साल 21 जून को दुनिया भर में किया जा रहा है। इससे स्वस्थ विश्व के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के प्रयासों का महत्व मालूम होता है। इसलिएए हमारा मानना है कि इन भावनाओं के मद्देनजर सरकार गंभीरता से हमारी सिफारिशों पर विचार करेगी।
इसी मुद्दे पर अपने विचार रखते हुए द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता भूपेन्दर धवन ने कहाए ष्किसी भी स्पोर्ट्स पर्सन के फिटनेस सबसे महत्वपूर्ण है क्योकि उसके प्रदर्शन और कैरियर के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण चीज है। फिटनेस उपकरण किसी भी स्पोर्ट्स पर्सन के दैनिक जीवन का अभिन्न भाग है और हमारा मानना है कि सरकार को इसे किफायती तथा आम आदमी की पहुंच में रखने पर विचार करना चाहिए।
टीएएसजीपीआईआई ;ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ स्पोर्टिंग गुड्स एंड फिजिकल एक्सरसाइज इक्विपमेंटद्ध के बारे में
ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ स्पोर्टिंग गुड्स एंड फिजिकल एक्सरसाइज इक्विपमेंट देश भर के व्यापारियों का एक पंजीकृत एसोसिएशन है जो हर तरह के खेल के समान और हर तरह के जिम तथा फिटनेस उपकरण बेचने वालों का संगठन है। इसकी स्थापना 2013 में हुई थी और यह लोगों को फिटए स्वस्थ तथा बेहतर ढंग से जीने में सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए यह कोशिश करता है कि फिटनेस उपकरणों को किफायती बनाया जाए और आम लोगों की आसान पहुंच में हो ताकि वे फिटए स्वस्थ और खुश रह सकें।
चमोली 15 जून,2017 (सू0वि0)
मुख्य विकास अधिकारी विनोद गोस्वामी ने जनता/जनप्रतिनिधियों से भेंट करते हुए उनकी समस्याओं को सुना तथा समस्याओं का निराकरण किया। इसके बाद उन्होंने जिला कार्यालय के सभगार में सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत आहूत कार्यशाला में भी प्रतिभाग किया।
उप जिलाधिकारी, कर्णप्रयाग केएन गोस्वामी द्वारा बताया गया कि उन्होंने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग बा्रडगेज रेलवे लाइन से प्रभाावित होने वाले भू-स्वामियों एवं भवन स्वामियों की स्पष्ट रिपोर्ट जिसे आर एण्ड आर प्लान में सम्मिलित किया जाना है, को तैयार किया गया तथा कार्यालय से संबंधित दैनिक सामान्य कार्यो का निस्तारण भी किया गया।
उप जिलाधिकारी, गैरसैण, स्मृता परमार ने अपने कार्यालय में दैनिक सामान्य कार्यो को निपटाया। बताया कि गैरसैंण क्षेत्र में काफी तेज बारिश हुई, लेकिन कहीं से कोई अप्रिय घटना की सूचना संज्ञान में नहीं आई है तथा क्षेत्र के सड़क मार्ग खुले हुए हैं।
उप जिलाधिकारी, थराली सीएस डोभाल द्वारा तहसीलदार एवं राजस्व उप निरीक्षकों के साथ बैठक कर तहसील एवं राजस्व उप निरीक्षकों के स्तर पर लम्बित मामलों की समीक्षा की गई। इसके अलावा उन्होंने ग्राम खैनोली-मींग गदेरा की ओर जाने वाली सड़क के संबंध में क्षेत्रीय पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान के साथ राजस्व उप निरीक्षक की उपस्थित में बैठक भी की।
जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी, नन्द किशोर जोशी ने बताया कि जिले के अन्तर्गत सभी मोटर मार्ग खुले है तथा बद्रीनाथ एवं हेमकुण्ड साहिब यात्रा निर्बाद्ध रूप से चल रही है। उन्होंने यह भी बताया कि 14 जून को 9,480 तीर्थयात्री बद्रीनाथ तथा 3,356 तीर्थयात्री हेमकुण्ड साहिब दर्शनार्थ पहुॅचे। इस प्रकार 14 जून तक 5,37,701 तीर्थयात्री बद्रीनाथ तथा 50,218 तीर्थयात्री हेमकुण्ड साहिब के दर्शन कर चुके है। बद्रीनाथ धाम से 5,25,895 तथा हेमकुण्ड साहिब से 46,720 तीर्थयात्री दर्शनोपरान्त अपने गन्तव्य को वापस जा चुके है।
गैरसैंण दिनांक-15 जून, 2017
भारी बारीश के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपनी गैरसैंण जिन्दाबाद यात्रा पर गैरसैंण व भराणीसैंण पहुंचे, जबरदस्त के बीच में भारी संख्या में पंहुचकर जनता व कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गैरसैंण राज्य आन्दोलन की भावना का प्रतीक है, राज्य आन्दोलन की संघर्ष की पहचान है, और मैं इस पहचान को कमजोर नहीं पड़ने दूंगा, मैंने गैरसैंण को चारों दिशाओं से जोड़ने के लिए सड़कों की योजनाओं को रूप दिया था, गैरसैंण की भावना को मजबूत करने के लिए भराड़ीसैंण में विधानसभा भवन बनने से पहले ही विधानसभा के सत्र यहां किये और यह राज्य कि विधानसभा की सर्वसमिति से पारित संकल्प जिसके तहत गैरसैंण में बजट सत्र किया जाना था, यहां पर बजट सत्र न कर राज्य निर्माण की अवधारणा का अपमान किया है। यह विधानसभा के साथ-साथ राज्य की जनता व राज्य निर्माण की जनभावना का भी अपमान है। मैं व कांग्रेस पार्टी इस जनभावना का अपमान सहन करने को तैयार नहीं हैं, उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण की गैरसैंण से जुड़ी हुई भावना को मैं कमजोर नहीं पड़ने दूंगा। मेरी गैरसैंण जिन्दाबाद की यात्रा चलती रहेगी, जब तक राज्य निर्माण के लिए देखे गये सपने पूरे नहीं होंगे तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण पहुंचकर भारी वर्षा के बीच में धरना दिया व जनता को संबाधित किया, तपश्चात भराड़ीसैंण पहुंचकर विधानसभा भवन के समक्ष कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठे, दोनों स्थानों पर गैरसैंण जिन्दाबाद गगन भेदी नारे लगाये गये, उनके साथ गैरसैंण व भराड़ीसैंण में पूर्व मंत्री, मंत्री प्रसाद नैथानी, राजेन्द्र भण्डा, पूर्व उपाध्यक्ष, विधानसभा अनसूया प्रसाद मैखुरी, पूर्व विधायक गणेश गोदियाल, ललित फर्सवाण, मनोज तिवारी व राजेन्द्र बाराकोटी, हरिकिशन भट्ट, सुशील राठी, विशाल डोभाल, एडवोकेट कृष्णा बिष्ट, सुरेश बिष्ट, मेहलचौरी, सुरेश बिष्ट, गैरसैंण एवं आदि सैकड़ों क्रांगेस कार्यकर्ता व जनता मजूद रहे।
मैड ने जल पुरुष को दिखाया निर्जल रिस्पना का हाल!
देहरादून के शिक्षित छात्रों के संगठन मेकिंग ए डिफ्फेरेंस बाय बीइंग दी डिफ्फेरेंस (मैड) संस्था ने बृहस्पतिवार को जल पुरुष के नाम से प्रसिद्ध राजेंद्र सिंह को रिस्पना पुल पर आयोजित संस्था की नुक्कड़ पे चर्चा में आमंत्रित किया। इस चर्चा के माध्यम से मैड ने राजेंद्र सिंह से उनके द्वारा नदियों के पुनर्जीवन पर किये काम की जानकारी एवं उनके प्रेरणा स्त्रोत को पहचान ने की कोशिश की। गौरतलब है की राजेंद्र सिंह पूरे देश में कई जगहों पर विलुप्त होती जलधाराओं में फिर जान फूंकने में कामियाब रहे हैं और इसीलिए उन्हें जल पुरुष के नाम से भी जाना जाता है।
मैड संगठन के छात्र छात्राओं ने राजेंद्र सिंह को रिस्पना, बिंदाल और सुस्वा की जर्जर हालत का विस्तृत ब्यौरा दिया। मैड ने बताया की राष्ट्रीय जलविज्ञान संसथान रुड़की द्वारा बारहमासी पहले ही चिन्हित की जा चुकी रिस्पना नदी पर आज भी बेइंतिहां अतिक्रमण जारी है और जलधारा सिकुड़ती जा रही है। मैड ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी किया अधिनियम भी सिंह से साँझा किया जिसमे स्पष्ट तौर पर रिस्पना और बिंदल को गंगा रिवर बेसिन का अहम् भाग माना गया है।
इसके जवाब में राजेंद्र सिंह ने संस्था के सदस्यों को बताया कि एक सक्रीय सरकारी तंत्र का बिना किसी दबाव के यह अपने आप ही फ़र्ज़ बनता है की वह पर्यावरण संरक्षण हेतु सभी उचित कदम उठाये। उन्होंने यह भी बताया की यह तो स्वाभाविक है कि रिस्पना, सुस्वा एवं बिंदाल ही नहीं बल्कि उत्तराखंड में जनम लेती और बहती हर जलधारा कहीं न कहीं गंगा रिवर बेसिन का ही एक भाग है।
सिंह ने मैड संस्था द्वारा समय समय पर चलाये जा रहे व्यापक अभियानों का संज्ञान लिया और उन्हें यह सुझाव दिया की वह यूँही ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को अपने साथ जोड़ती रहे और सरकारी तंत्र को भी समय समय पर जनभावना से अवगत कराने का काम करती रहे।
मैड द्वारा आयोजित इस नुक्कड़ पे चर्चा में कई दर्जनों सदस्य एवं आम दून वासी शामिल हुए। इनमें करन कपूर, सम्मानिका रावत, चेतना, मयंक, अंशिका, अभिषेक जौनसारी, श्रेया, हिमानी, शिवांगी, विवेक, आश्रित, विजय और वैशाली ने सक्रीय भूमिका निभाई।
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