पर्वतीय किसानों को फसल का एक दाना भी नसीब नहीं होने की स्थिति & Top UK News 17 July 20
17 July 20# High Light# Himalayauk Newsportal & Print Media, Publish at Dehradun & Haridwar# रुद्रप्रयाग – बादल फटने से भारी नुकसान # चारधाम परियोजना प्रधानमंत्री की एक महत्वाकांक्षी परियोजना – नितिन गडकरी # वोकल फोर लोकल – ग्रोथ सेंटर की परिकल्पना भी इसी सोच पर आधारित – मुख्यमंत्री # शिक्षकों के सभी रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी – अरविंद पांडेय शिक्षा मंत्री # बदायूँ निवासी शिप्रा पाठक ने पैदल चलकर 108 दिनों में अकेले नर्मदा की 3600 कि.मी. परिक्रमा की – मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से शिष्टाचार भेंट की #चमोली -त्रिस्तरीय पंचायतों को मजबूत करने के लिए राज्य सराकर ने 238 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया # जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने शुक्रवार क्लेक्ट्रेट सभागार में महाविद्यालयों के सभी प्राचार्यो की बैठक ली
रुद्रप्रयाग – बादल फटने से भारी नुकसान
रुद्रप्रयाग में जिले की ऊखीमठ तहसील के क्यूजा न्याय पंचायत के कनसिरी ग्राम पंचायत में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है. ग्रामीणों के अनुसार गांव के बीच गेदेरे का जलस्तर बढ़ने से दो पुलिया भी बह गईं. वही कई सरकारी योजनाओं को भी इससे भारी नुकसान हुआ है. सूचना के बाद प्रशासन की टीम गांव पहुंच गई है और नुकसान का आकलन किया जा रहा है.
रात करीब 3 बजे कनसिरी गांव के ऊपर पहाड़ी पर भारी बारिश के बाद बादल फटा और मलबा जलजले की तरह गांव में पहुंचा इससे गांव में भारी नुकसान हुआ है. गुरुवार शाम हुई ओलावृष्टि से रूद्रप्रयाग में पूरी फसल बर्बाद हो गई. हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि कई क्षेत्रों में इस बार किसानों को फसल का एक दाना भी नसीब नहीं होने की स्थिति आ गई है. रुद्रप्रयाग के की मेहनत पूरी तरह से ओलों की भेंट चढ़ गई है. किसानों का कहना है कि ऐसी ओलावृष्टि और मौसम अपने जीवन में कभी नहीं देखा है, उनके पूरे खेत ओलों से भर गये हैं.
भारी नुकसान के साथ ही खेत भी बह गए हैं, वही जल सस्थान व जल निगम की पेयजल लाइनें, सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं. पानी में सार्वजनिक महिला स्नानागार और दो सम्पर्क पुलिया भी बह गई हैं. कई सिचांई नहरें भी मलबे की चपेट में आने से टूट गई हैं. किसान निराश और हताश हैं. एक तरफ लॉकडाउन से उद्योग धंधे बंद हैं, तो दूसरी तरफ कुदरत की दोहरी मार झेल रहे हैं, जिससे किसानों के सामने भुखमरी जैसे हालात भी आ सकते हैं, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है.
सूचना के बाद प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची
चारधाम परियोजना प्रधानमंत्री की एक महत्वाकांक्षी परियोजना – नितिन गडकरी
देहरादून 17 जुलाई, 2020 (सू.ब्यूरो) himalayauk Newsportal & Print Media, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी, वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर, सड़क परिवहन राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह एवं मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चारधाम परियोजना के सम्बन्ध में बैठक की। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि चारधाम परियोजना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जो सामरिक दृष्टि से भी अति महत्वपूर्ण है। इसे निर्धारित समय के अन्तर्गत पूरा किए जाने के लिए तेजी से कार्य किए जाएं। राज्य एवं केन्द्र स्तर पर भूमि अधिग्रहण, वन एवं पर्यावरण आदि की क्लीयरेंस के लम्बित प्रकरणों को समयबद्धता के साथ निपटाया जाए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं को समय से पूरा करने के लिए केन्द्र एवं राज्य के अधिकारी आपसी समन्वय से काम करें। केन्द्र एवं राज्य स्तर के सम्बन्धित अधिकारी लगातार बैठकें आयोजित कर आपत्तियों का निस्तारण करें।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री गडकरी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। चारधाम यात्रा मार्ग सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के कारण इसका तेजी पूर्ण होना और भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि गैरसैण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने श्री गडकरी से गैरसैण को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-87 एवं राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 309-ए को विकसित कर टू-लेन करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि भराड़ीसैण ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित होने के फलस्वरूप यातायात बढ़ने की सम्भावना है, जिसके दृष्टिगत नेशनल हाईवे-87 का चैड़ीकरण अपरिहार्य है। केन्द्रीय मंत्री ने इस पर सैद्धान्तिक सहमति देते हुए इसकी डीपीआर मंत्रालय को शीघ्र उपलब्ध करवाने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 309-ए के टू-लेन होने से पिथौरागढ़, मुनस्यारी, डीडीहाट, गंगोलीहाट, चैकोड़ी बेरीनाग आदि पर्यटक स्थल जुड़ जाएंगे, जो पर्यटन की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि इस मार्ग के 208 किमी लम्बाई के इस भाग को 02 लेन चैड़ीकरण हेतु डीपीआर एवं भूमि अधिग्रहण की स्वीकृति प्रदान की गयी है। उन्होंने कहा कि चैकोड़ी से अल्मोड़ा तक प्रथम चरण में कुल 126 किमी लम्बाई की डीपीआर गठन की कार्यवाही गतिमान है।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मंत्रालय द्वारा चारधाम परियोजना से सम्बन्धित सभी प्रकार की क्लीयरेंस का निस्तारण तेजी के साथ किया जा रहा है।
सड़क परिवहन राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड का पूरा क्षेत्र सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। चारधाम परियोजना सभी प्रकार के मार्गों के काम को तेजी से पूर्ण करने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार के अधिकारियों को अपनी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। सभी प्रकार की क्लीयरेंस के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी निभाते हुए क्लीयरेंस एवं आपत्तियों का निस्तारण करना होगा।
बैठक में बताया गया कि कुल 12072 करोड़ लागत एवं कुल 826 किमी लम्बाई की इस चारधाम परियोजना का शुभारम्भ 27 दिसम्बर, 2016 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था। इस महत्वकांक्षी परियोजना के अन्तर्गत 350 किमी लम्बाई का कार्य पूर्ण हो चुका है।
बैठक में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, वन एव पर्यावरण मंत्रालय, बीआरओ और उत्तराखण्ड सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
वोकल फोर लोकल – ग्रोथ सेंटर की परिकल्पना भी इसी सोच पर आधारित – मुख्यमंत्री
देहरादून 17 जुलाई, 2020 (सू.ब्यूरो) HIGH LIGHT# ग्रोथ सेंटरों के उत्पादों की मार्केटिंग सुनिश्चित की जाएः मुख्यमंत्री # सभी ग्रोथ सेंटरों के आउटपुट का आंकलन किया जाए# ब्रांडिंग और आनलाईन मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए# मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में उद्योग विभाग के अंतर्गत ग्रोथ सेंटर योजना की समीक्षा की# himalayauk Newsportal & Print Media,
himalayauk Newsportal & Print Media, मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य में ग्रोथ सेंटरों के आउटपुट का आंकलन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह भी देखा जाए कि संचालित ग्रोथ सेंटरों से संबंधित क्षेत्रवासियों की आय में कितनी बढोतरी हुई है। ग्रोथ सेंटरो के उत्पादों की क्वालिटी और मार्केटिंग सुनिश्चित की जाए। ऑनलाइन मार्केटिंग पर भी ध्यान दिया जाए। इनकी ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। एग्रीबिजनेस से जुङे ग्रोथ सेंटरों को माइक्रो फूड प्रोसेसिंग से भी जोङा जा सकता है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में उद्योग विभाग के अंतर्गत ग्रोथ सेंटर योजना की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रोथ सेंटर में तैयार किए जा रहे उत्पाद इतनी मात्रा में बनाए जाएं कि खरीददार वहां आकर इन उत्पादों को खरीदें। इससे किसानों और ग्रामीणों को अपने उत्पादों की अच्छी कीमत मिल सकेगी। एमएसएमई विभाग एक वेबसाईट तैयार करे जहां सभी ग्रोथ सेंटरों में बनाए जा रहे उत्पादों की जानकारी ऑनलाईन उपलब्ध हो सके। प्रधानमंत्री जी ने वोकल फोर लोकल का आह्वान किया है। ग्रोथ सेंटर की परिकल्पना भी इसी सोच पर आधारित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रोथ सेंटरों के उत्पादों के लिए बेकवर्ड और फारवर्ड लिंकेज पर सबसे अधिक ध्यान दिया जाए। सरकारी विभाग भी यहां तैयार किए जाने वाले उत्पादों को प्राथमिकता दे सकते हैं। एलईडी ग्रोथ सेंटरों को डिजायनर उपलब्ध कराए जाएं ताकि वहां स्वतंत्रता दिवस, दीपावली आदि अवसरों पर सजावट के लिए विभिन्न डिजाईनों में लाईट तैयार की जा सकें। सभी ग्रोथ सेंटर को एक समान कलर कल्चर दिया जाए ताकि दूर से ही उन्हें पहचाना जा सके।
बैठक में बताया गया कि हर न्याय पंचायत स्तर पर ग्रोथ सेंटर स्थापित किए जाने हैं। 96 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत किए जा चुके हैं। इनमें डेयरी विकास में 4, एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना में 25, उत्तराखण्ड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड में 10, सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी में 2, एनआरएलएम में 9, जलागम में 7, मत्स्य में 11, उत्तराखण्ड खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड में 3 और जनपदों के अंतर्गत 25 ग्रेथ सेंटर स्वीकृत किए गए हैं। यूएनडीपी के माध्यम से फार्म और नॉन फार्म एग्री बिजनेस की 12 वैल्यू चैन तैयार कर विभागों के साथ साझा की गई है। जनपदवार देखा जाए तो पिथौरागढ़ में 10, बागेश्वर में 9, अल्मोडा में 8, चम्पावत में 3, नैनीताल में 7, ऊधमसिंहनगर में 6, चमोली में 19, रूद्रप्रयाग में 5, उत्तरकाशी में 7, टिहरी में 8, पौड़ी में 5, देहरादून में 6 और हरिद्वार में 3 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत किए जा चुके हैं। सभी स्वीकृत ग्रोथ सेंटर का कुल बजट 39 करोड़ 62 लाख रूपए है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव श्री आनंदबर्द्धन, सचिव श्री एल फैनई, श्री आर मीनाक्षी सुंदरम, श्रीमती सौजन्या सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
शिक्षकों के सभी रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी – अरविंद पांडेय शिक्षा मंत्री
देहरादून। himalayauk Newsportal & Print Media, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के पद खाली होने से पढ़ाई को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। अरविंद पांडेय शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों के सभी रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। नियमित भर्ती होने तक ये नियुक्तियां जारी रहेंगी। 2015 के अतिथि शिक्षकों को भी अस्थायी तैनाती के आदेश जारी किए गए हैं। अतिथि शिक्षकों की तैनाती के लिए दूसरी काउंसलिंग तुरंत प्रारंभ होगी। इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के पद खाली होने से पढ़ाई को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। नियमित नियुक्तियों में समय लगता है। लिहाजा अतिथि शिक्षकों को अस्थायी नियुक्ति दी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के निर्देशों पर अमल करते हुए अतिथि शिक्षकों की तैनाती की प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है। पहली काउंसलिंग में एलटी और प्रवक्ता के रिक्त पदों पर तकरीबन साढ़े तीन हजार अतिथि शिक्षकों की तैनाती की जा चुकी है।
अदालत के आदेश के मुताबिक 2015 के अतिथि शिक्षकों को भी रिक्त पदों पर तैनाती दी जाएगी। इस संबंध में विभागीय आदेश हो चुके हैं। उन्होंने तैनाती के लिए दूसरी काउंसिलिंग तुरंत शुरू करने के निर्देश माध्यमिक शिक्षा निदेशक को दिए हैं। 2015 के अतिथि शिक्षकों को उन्हीं जिलों में तैनाती दी जाएगी, जहां वे पहले तैनात थे। उन्हें उन्हीं स्थानों के लिए आवेदन करने को कहा गया है।
बदायूँ निवासी शिप्रा पाठक ने पैदल चलकर 108 दिनों में अकेले नर्मदा की 3600 कि.मी. परिक्रमा की – मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से शिष्टाचार भेंट की
देहरादून 17 जुलाई, 2020 (सू.ब्यूरो) himalayauk Newsportal & Print Media,
शुक्रवार को नदी जल की स्वच्छता को बनाये रखने को लेकर जनजागरण की अलख जगाने के लिए पैदल चलकर 108 दिनों में अकेले नर्मदा की 3600 कि.मी. परिक्रमा करने वाली उत्तर प्रदेश के जनपद बदायूँ निवासी शिप्रा पाठक ने मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में शिष्टाचार भेंट की।
इस दौरान मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शिप्रा पाठक के इस साहसिक एवं प्रेरणापरक कार्य के लिए उन्हें सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री से भेंट के दौरान सुश्री शिप्रा पाठक ने बताया कि उन्होंने यह परिक्रमा नवंबर, 2018 में प्रारम्भ की थी, जो फरवरी, 2019 में पूर्ण हुई। यह परिक्रमा उन्होंने मध्यप्रदेश के ओमकारेश्वर से प्रारम्भ की थी, जो महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़ होते हुए वापस मध्यप्रदेश में आकर पूरी हुई। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी कई धार्मिक स्थलों, कैलाश मानसरोवर, ब्रज की 84 कोस और अयोध्या में लगातार 24 घंटे होने वाली विशेष परिक्रमा भी की है। इसके अलावा मनकामेश्वर पर्वत पर 10 कि.मी. की परिक्रमा की है। इस यात्रा का लक्ष्य निज आध्यात्मिक स्वार्थ तक न होके पर्यावरण जल स्वच्छता का बचाव तथा तट किनारे निवास करने वाले लोगों को शिक्षित कर उनको पर्यावरण के बचाव के लिए जागरूक करना है। इस अवसर पर सुश्री शिप्रा पाठक ने परिक्रमा के दौरान मिले अनुभवों को उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘रिवा’ मुख्यमंत्री को भेंट की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारी भावी पीढ़ी धार्मिकता एवं संस्कृति की ओर अग्रसर हो रही हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि नदी जल को स्वच्छ करने के लिए शिप्रा पाठक द्वारा किये गए कार्य समाज के लिए एक मिसाल पेश है।
चमोली -त्रिस्तरीय पंचायतों को मजबूत करने के लिए राज्य सराकर ने 238 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया
चमोली 17 जुलाई,2020 (सू0वि0) himalayauk Newsportal & Print Media, मा0 राज्य मंत्री (दर्जा प्राप्त)/उत्तराखंड सरपंच सलाहकार परिषद के मा0 अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सिंह बिष्ट ने हरेला कार्यक्रम के तहत ग्राम पंचायत टंगसा के वन पंचायत क्षेत्र में पौध रोपण करते हुए चिपको आंदोलन के नेता एवं पर्यावरणविद् स्व0 चक्रधर तिवारी को श्रद्वांजलि दी। उन्होंने कहा कि वनों के संरक्षण एवं सवर्धन में स्व0 चक्रधर तिवारी की अहम भूमिका रही है और हम सभी को उनका अनुसरण करना चाहिए। राइका इंटर काॅलेज टंगसा में क्षेत्रवासियों को संबोधित करते हुए मा0 मंत्री ने कहा कि देश इस समय कोरोना संक्रमण के कठिन दौर से गुजर रहा है। हम सबको अपने आप को सुरक्षित रखते हुए प्रकृतिक को भी संरक्षित करना होगा। ताकि हमारी आने वाली पीढी सुरक्षित रह सके।
उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की सरकार कोरोना संकट में भी बेहतर ढंग से विकास कार्यो को तेजी से आगे बढाने का कार्य कर रही है। पिछले 4 महीनों में राज्य सरकार ने सामाजिक सुरक्षा के तहत सभी पेंशनरों के खातों में एडवांस में एकमुस्त पेंशन पहुॅचाने का काम किया है। लाॅकडाउन में कोई भूखा न रहे इसके लिए पर्याप्त मात्रा में राशन वितरण किया। देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासियों को वापस लाने का काम किया और अब प्रवासियों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। त्रिस्तरीय पंचायतों को मजबूत करने के लिए राज्य सराकर ने 238 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है।
मा. मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड राज्य में 12168 वन पंचायतें है। इनके विकास के लिए भी सरकार प्रतिबद्व है और आने वाले 6 महीनों में बहुत कुछ परिवर्तन देखने को मिलेगा। कहा कि हरेला पर्व पर पूरे राज्य में 2 करोड पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वन पंचायत क्षेत्रों से एकत्रित किए गए पिरूल खरीदने के लिए 3.5 रुपये प्रतिकिलो के दर से भुगतान करेगी। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों को राज्य सरकार की योजना का व्यापक प्रचार प्रसार करने को कहा ताकि अधिक से अधिक लोग इन योजनाओं का लाभ ले सके। इस अवसर पर टंगसा के वन पंचायत सरपंच ने पूरे ग्राम सभा की ओर से 4 सूत्री मांग पत्र भी मा0 मंत्री को सौंपा। जिसमें उन्होंने चिपको आंदोलन के नेता स्व0 चक्रधर तिवारी के नाम से वन पंचायत टंगसा में स्मृति वन निर्माण हेतु राजकीय मदद देने, राइका टंगसा में खेल मैदान के सुधारीकरण एवं सौन्दर्यीकरण, ग्राम पंचायत टंगसा में विवाह एवं अन्य समारोह के लिए टेंट एवं साज सज्जा सामग्री, टंगसा वन पंचायत की 500 हैक्टियर भूमि पर चीड वृक्षों का उन्मूलन एवं चारापत्ती पौधों को लगाने हेतु राजकीय मदद देने की बात कही। इस दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
इसके बाद मा0 राज्य मंत्री (दर्जा प्राप्त) ने केदारानाथ वन प्रभाग के सभागार में चमोली वन विभाग के सभी अधिकारियों की बैठक लेते हुए वन पंचायतों में संचालित कार्यो की गहनता से समीक्षा की। उन्होंने सभी डिविजनों की वन पंचायतों में ग्रीन इंडिया मिशन के तहत किए गए कार्यो, लेन्टना उन्मूलन, नमामि गंगे, चारा पत्ती, विकास, चालखाल निर्माण, वनीकरण, फायर वर्क, कैट प्लान, जायका, हरेला आदि के तहत संचालित कार्यो की जानकारी ली। मा0 मंत्री ने आगामी 14 अगस्त तक सभी वन पंचायतों में हरेला कार्यक्रम के तहत वृहद पौधरोपण अभियान चलाने के निर्देश भी दिए। जंगली जानवरों से मवेशियों की क्षतिप्रतिपूति के लंबित मामलों का त्वरित निस्तारण करने को कहा। स्वयं सहायता समूहों की आजीविका बढाने के लिए कार्य करने पर जोर दिया। मा0 मंत्री ने कहा कि जिन वन पंचायतों में जायका प्रोग्राम के तहत चालखाल, पौधरोपण, चैकडैम आदि कार्य किए जा रहे है उन वन पंचायतों को छोड़कर अन्य सभी वन पंचायतों में वन विभाग की योजनाओं के तहत विकास कायों को तेजी से पूरा करना सुनिश्चित करें।
इससे पूर्व मा0 राज्य मंत्री ने लोनिवि गेस्ट हाउस में प्रेस वार्ता करते हुए केन्द्र एवं राज्य सरकार की विकास नीतियों एवं योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार जीरो टाॅलरेन्स की नीति से लगातार आगे बढ रही है। तीन वर्षो में राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने एवं पारदर्शिता के साथ विकास कार्यो को पूरा करने का काम किया है। पहाड़ो से पलायन रोकने के लिए कारगर कदम उठाए गए है। आज रेल मार्ग, आॅलवेदर मोटर मार्ग सहित कई विकास कार्य तेज गति से आगे बढ रहे है।
कोरोना महामारी के चलते लाॅकडाउन में राज्य सरकार ने गरीबों के अलावा सामान्य वर्ग के लोगों तक भी पर्याप्त राशन पहुॅचाने की व्यवस्था की। कोरोना से बचाव के लिए सरकार ने 13 लाख मास्क बांटे। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए चिकित्सक, नर्स एवं अन्य स्टाॅफ सहित आवश्यक उपकरण जैसे वैटिलेटर व दवाईयों की कमी को दूर किया है। कोरोना संकट में देश के विभिन्न राज्यों में फंसे 3.28 लाख लोगों को वापिस लाने का काम किया। आज उत्तराखंड राज्य में संक्रमित मरीजों की रिकवरी दर 82 प्रतिशत है जो देश में सार्वाधिक है। स्वास्थ्य विभाग, ऊर्जा निगम, जल निगम में भर्तीयां की जा रही है। किसानों को कृषि कार्यो के लिए 3 लाख तक ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है। जल, जंगल एवं जमीन को संरक्षित करने के लिए लगातार कार्य किए जा रहे है। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों के सवालों के उत्तर भी दिए। बताया कि उनकी सरकार पादर्शिता के साथ निरन्तर विकास कार्यो को आगे बढाने के लिए संकल्पबद्व है।
इस दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट, विधायक प्रतिनिधि मोहन सिंह नेगी, जिला महिला र्मोचा की अध्यक्षा चन्द्र कला तिवारी, पार्टी के अन्य वरिष्ठ कार्यकर्ता सहित डीएफओ केदारनाथ अमित कंवर, डीएफओ बद्रीनाथ आशुतोष सिंह, डीएफओ अलकनंदा सर्वेश कुमार दुबे एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने शुक्रवार क्लेक्ट्रेट सभागार में महाविद्यालयों के सभी प्राचार्यो की बैठक ली
चमोली 17 जुलाई,2020 (सू0वि0) himalayauk Newsportal & Print Media,
जिले के महाविद्यालयों में संचालित विभिन्न निर्माण कार्यो एवं उच्च शिक्षा से सम्बंधित मूलभूत समस्याओं को दूर करने के उदेश्य से जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने शुक्रवार क्लेक्ट्रेट सभागार में महाविद्यालयों के सभी प्राचार्यो की बैठक ली। जिसमें लंबित निर्माण कार्यो को शीघ्र पूरा कराने तथा उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने सभी प्राचार्यो को महाविद्यालयों में चल रहे निर्माण कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दिए। कहा कि निर्माण कार्यो को कराने में अगर कोई भी समस्या आ रही हो तो तत्काल अवगत कराना सुनिश्चित करें। ताकि समस्याओं को दूर करने के लिए उचित कार्यवाही की जा सके। उन्होंने नोडल अधिकारी को समय-सयम पर अपने स्तर से भी प्राचार्यो के साथ बैठक करते हुए महाविद्यालयों की समस्याओं का निराकरण करने के निर्देश दिए। उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए जिलाधिकारी ने कहा कि फर्नीचर, कम्प्यूटर, प्रोजेक्टर आदि सहित जो भी सामान की आवश्यकता हो उसकी शीघ्र डिमांड उपलब्ध करें। इस दौरान जिलाधिकारी ने महाविद्यालयों में चल रहे निर्माणाधीन छात्रावास, भवन, लाइब्रेरी, खेल मैदान, चाहरदीवारी आदि कार्यो की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने गुणवत्ता के साथ निर्माण कार्यो को तेजी से पूरा कराने के निर्देश प्राचार्यो को दिए।
राजकीय स्नात्कोतर महाविद्यालय गोपेश्वर के प्राचार्य/नोडल अधिकारी महाविद्यालय प्रो0 आरके गुप्ता ने अवगत कराया कि महाविद्यालय गोपेश्वर में छात्रावास का कार्य पूर्ण हो चुका है जिसको हैण्ड ओवर किया जाना शेष है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय की चाहरदीवारी, प्रचार्य निवास की मरम्मत, जिम हाॅल की मरम्मत कराई जानी आवश्यक है। जिस पर जिलाधिकारी ने उक्त कार्यो का शीघ्र आंगणन तैयार करने और उच्च स्तर पर आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिए।
रा0 महाविद्यालय घाट के प्राचार्य ने अवगत कराया कि निर्माण एजेंन्सी द्वारा महाविद्यायल भवन निर्माण का कार्य बहुत धीमी गति से किया जा रहा है। इसके अलावा महाविद्यालय के लिए संपर्क मार्ग का कार्य अभी तक शुरू नही किया गया है। जिस पर जिलाधिकारी ने शासन को पत्र प्रेषित कर तत्काल आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। रा0 महाविद्यालय पोखरी के प्राचार्य ने अवगत कराया कि विज्ञान संकाय एवं गेट निर्माण हेतु आंगणन तैयार कर निर्माण कार्य हेतु कृषि मंडी देहरादून को नामित किया जा चुका है। रा0 महाविद्यालय तलवाडी एवं गैरसैंण के प्रचार्य के बैठक में उपस्थित न रहने पर निर्माण कार्यो की समीक्षा नही हो सकी। इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए अनुपस्थित प्राचार्यो को तीन दिन के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे, रा0 महाविद्यालय घाट के प्राचार्य डा0 केएन बरमोला, रा0महाविद्यालय कर्णप्रयाग के असि0 प्रो0 डा0 एमएस कण्डारी, रा0 विधि विद्यालय गोपेश्वर के प्रचार्य राजेश कुमार, रा0महाविद्यालय पोखरी के असि0प्रो0 डा0 नन्द किशोर चमोली, रा0 महाविद्यालय गैरसैंण के असि0 योगेन्द्र सिंह राणा, रा0 महाविद्यालय गोपेश्वर के प्रो0 आर0के0 गुप्ता आदि उपस्थित थे।