सरल स्वभाव के त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री की शपथ ली
हिमालयायूके (हिमालय गौरव उत्तराखण्ड) ब्यूरो #त्रिवेंद्र सिंह रावत नेअसीमित अपेक्षाओं के बीच कांटो का ताज पहना # भाजपा ने कांग्रेस को मात देते हुए 70 में से 57 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था #अपने ही दल के विधायकों की लम्बी फौज भारी साबित न हो जाये- किशोर उपाध्याय ने मंत्रिमण्डल को क्षेत्रीय एवं जातीय असंतुलनयुक्त बताया
18 March: 2017, त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. देहरादून के परेड ग्राउंड में होने वाले शपथग्रहण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देहरादून मौजूद थे.कांग्रेस छोड़कर आए 5 नेता मंत्री बने. सतपाल महाराज, यशपाल आर्य, हरक सिंह समेत कुल 9 मंत्रियों ने शपथ ली शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश सिंह रावत भी थे.
आरएसएस के पूर्व प्रचारक त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इन्हें देहरादून के परेड ग्राउंड में राज्यपाल डॉक्टर कृष्णकांत पॉल ने पद की शपथ दिलाई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी समारोह में मौजूद थे। इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री श्री राजनाथ सिंह, सुश्री उमा भारती, श्री जे.पी नड्डा, श्री राधा मोहन सिंह, श्री अजय टम्टा, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उŸाराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री भगत सिंह कोश्यारी, मे.ज.(से.नि.) भुवन चंद्र खण्डूड़ी, डा. रमेश पोखरियाल निशंक, श्री विजय बहुगुणा, श्री हरीश रावत, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय भट्ट, भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री रामलाल, श्री शिवप्रकाश, श्री अनिल बलूनी सहित वरिष्ठ संत महात्मा, विधायकगण, वरिष्ठ अधिकारी, अन्य गणमान्य व बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मुख्य सचिव श्री एस.रामास्वामी ने किया।
शनिवार को मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शपथ ग्रहण से पूर्व कचहरी स्थिति शहीद स्मारक जाकर शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उनकी सरकार शहीद राज्य आंदोलनकारियों की भावना के अनुरूप राज्य का विकास करने के लिए कृतसंकल्प है।
त्रिवेंद्र के अलावा सतपाल महाराज, प्रकाश पंत, यशपाल आर्य, अरविंद पांडे, सुबोध उनियाल, हरक सिंह रावत, मदन कौशिक ने मंत्री पद की शपथ ली। त्रिवेंद्र सिंह रावत को शुक्रवार को देहरादून में हुई एक बैठक में विधायक दल का नेता चुना गया था। शुक्रवार को सीएम कैंडिडेट का नाम चुनने के लिए देहरादून के होटल पैसिफिक में हुई बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता धर्मेन्द्र प्रधान, श्याम जाजू और जेपी नड्डा के अलावा पार्टी के सभी विधायक मौजूद थे
रावत ने शनिवार तीन बजे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. शपथ-ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए. रावत ने राज्य के नौवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इसके अलावा, सतपाल महाराज, प्रकाश पंत, हरक सिंह रावत ने भी मंत्री पद की शपथ ली.मदन कौशिक ने भी मंत्री पद की शपथ ली. कौशिक हरिद्वार से विधायक हैं. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष यशपाल आर्य ने भी मंत्री पद की शपथ ली. अरविंद पांडे ने भी मंत्री पद की शपथ ली. सुबोध उनियाल को भी सरकार में शामिल किया है. विजय बहुगुणा के करीबी माने जाते हैं. सोमेश्वर सीट से 710 वोटों से जीत दर्ज करने वाली रेखा आर्य को भी मंत्री बनाया गया है. श्रीनगर से पहली बार विधायक बने धन सिंह रावत को भी मंत्रीमंडल में जगह दी गई है.
त्रिवेंद्र सिंह रावत आज दोपहर तीन बजे उत्तराखंड के नौवें मुख्यमंत्री के रुप में पद की शपथ लेंगे. देहरादून के परेड ग्राउंड में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी शामिल होंगे. इससे पहले शुक्रवार को बीजेपी के विधायक दल की बैठक में त्रिवेंद्र सिंह रावत को विधायक दल का नेता चुन लिया गया.
मंत्रिमण्डल को क्षेत्रीय एवं जातीय असंतुलनयुक्त बतायाउत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने राज्य मंत्रिमण्डल को क्षेत्रीय एवं जातीय असंतुलनयुक्त तथा चुनाव मे भाजपा के सबका विकास सबका साथ के नारे के प्रतिकूल बताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री उपाध्याय ने चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि मंत्रिमण्डल में अंतर विरोधों की भरमार है तथा समाज के कमजोर वर्ग का मंत्रिमण्डल में ध्यान नहीं रखा गया है। सबसे अधिक निराशा मंत्रिमण्डल के स्वरूप से भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा में विश्वास रखने वालों को होगी। भय और भ्रष्टाचार के जीवंत उदाहरण एवं पांच मुख्यमंत्रियों के इस मंत्रिमण्डल के सुखद भविष्य की कामना करता हूं।
मोदी से जुड़े रहे रावत उत्तराखंड में भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान कृषि मंत्री थे. दोईवाला से निर्वाचित रावत ने कांग्रेस प्रत्याशी हीरा सिंह बिष्ट को 24,000 वोटों से मात दी थी. वह आरएसएस में प्रचारक के रूप में भी जाने जाते हैं.
इस साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को मात देते हुए 70 में से 57 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था. रावत राज्य में भाजपा के पांचवें मुख्यमंत्री हैं. पार्टी ने उत्तराखंड में अपनी पहली सरकार साल 2000 में बनाई थी, जब उत्तर प्रदेश से अलग होकर यह राज्य बना था. नित्यानंद स्वामी राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने थे. त्रिवेंद्र सिंह रावत को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का करीबी माना जाता है. 2014 के लोकसभा के दौरान रावत ने शाह के साथ काम किया था. मंत्री के रूप में उन्हें कई वर्षों का अनुभव है. उनका नाम बीजेपी नेता प्रकाश पंत ने प्रस्तावित किया था. सतपाल महाराज ने भी उनके नाम पर हामी भरी थी. हालांकि ये दोनों नेता भी सीएम पद की रेस में थे. रावत प्रदेश के नौवें मुख्यमंत्री होंगे.
मीडिया को संबोधित करते हुए कल केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा था, “त्रिवेंद्र सिंह रावत को विधायक दल का नेता चुना गया है. उनके नाम पर सर्वसम्मत से सहमति बनी है.” बीजेपी ने उत्तराखंड में 70 में से 57 सीटें जीते हैं. रावत ठाकुर समुदाय से आते हैं और बीजेपी के राज्य के पांचवें मुख्यमंत्री होंगे. बीजेपी ने 2000 में राज्य का गठन होने के बाद पहली बार सरकार बनाई थी. हालांकि, रावत के सामने मुसीबतें भी कम नहीं हैं. सबसे पहले चुनौती मंत्रीमंडल चुनने की है. 70 सदस्यीय विधानसभा में मुख्यमंत्री समेत केवल 12 मंत्री बन सकते हैं. चूंकि बीजेपी से ही कई दावेदार हैं और कांग्रेस से बीजेपी में आए नेता भी मंत्री बनने के लिए जोर लगा रहे हैं. ऐसे में रावत के सामने पहली चुनौती इसमें सामंजस्य बिठाने की होगी.
उत्तराखंड में त्रिवेंद्र रावत ने सीएम पद की शपथ ले ली है. उनके शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे. इसके साथ ही अमित शाह, उमा भारती और राजनाथ सिंह भी इस समारोह में मौजूद थे. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. त्रिवेंद्र रावत के मंत्रिमंडल में 5 बागियों को भी जगह मिली. इनमें यशपाल आर्य, रेखा आर्य, सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल और हरक सिंह रावत शामिल हैं. उत्तराखंड के राज्यपाल कृष्णकांत पॉल ने त्रिवेंद्र रावत समेत 9 लोगों को पद की शपथ दिलाई.
त्रिवेंद्र रावत की टीम
सतपाल महाराज
सतपाल महाराज कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए. उन्होंने 1989 में कांग्रेस के साथ शुरुआत की. वह सांसद भी रहे हैं. चौबट्टाखाल से विधायक हैं.प्रकाश पंत
प्रकाश पंत उत्तराखंड में पूर्व कैबिनेट मंत्री हैं. वह पिथौरागढ़ से विधायक हैं और उनकी संगठन पर अच्छी पकड़ है. वैसे उन्हें सीएम पद का दावेदार भी माना जा रहा था.हरक सिंह रावत
हरक सिंह रावत कोटद्वार से विधायक बने. वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए. वह कांग्रेस सरकार में मंत्री थे. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं.यशपाल आर्य
यशपाल पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रहे. बाजपुर से विधायक और दलित चेहरा माने जाते हैं. वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए.इनके बेटे नैनीताल से विधायक हैं.सुबोध उनियाल
सुबोध उनियाल नरेंद्र नगर से विधायक हैं. कांग्रेस के बागी रहे.एनडी तिवारी सरकार में पर्यटन सलाहकार थे. इन्हें विजय बहुगुणा का करीबी माना जाता है.धन सिंह रावत
धन सिंह रावत श्रीनगर से विधायक. वह आरएसएस से जुड़े हैं. उनकी संगठन में मजबूत पकड़ है.वह पहली बार विधायक बने.मदन कौशिक
मदन कौशिक हरिद्धवार से विधायक हैं. वह सबसे ज्यादा अंतर से जीतने वाले विधायकों में शामिल हैं. राज्य बनने के बाद वह लगातार चुनाव जीते.बीजेपी के दिग्गज नेताओं में शामिल हैं.रेखा आर्य
रेखा आर्य कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में आईं. उन्होंने सोमेश्वर सीट जीती. उन्हें 710 वोटों से जीत मिली.अरविंद पांडे
अरविंद पांडे गदरपुर सीट से विधायक हैं. वह 14000 वोटों से जीते हैं.
अमित शाह के करीबी माने जाने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत दो दशकों तक आरएसएस के प्रचारक रहे हैं. रावत साल 2014 के बाद से ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेहद करीब आ गए. पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के भी वो बेहद करीबी हैं. खबरों के मुताबिक त्रिवेंद्र रावत का मुख्यमंत्री के लिए नाम भी कोश्यारी ने ही आगे बढ़ाया.
झारखंड में बीजेपी की सरकार बनवाने में रावत की बड़ी भूमिका
त्रिवेंद्र सिंह रावत को जमीनी स्तर का नेता माना जाता है. 57 साल के रावत 1979 से संघ से जुड़े रहे हैं. रावत का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से रिश्ता उनके मुख्यमंत्री बनने में अहम माना जा रहा है. इससे पहले साल 2013 में वो बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव रह चुके हैं. 2007 में वो उत्तराखंड में बीजेपी सरकार में कृषि और शिक्षा मंत्री रहे. माना जाता है कि अक्टूबर 2014 में झारखंड में बीजेपी की सरकार बनवाने में उनकी बड़ी भूमिका थी.
20 दिसंबर 1960 को खैरासैण गांव में हुआ था जन्म
57 साल के त्रिवेन्द्र सिंह रावत का जन्म 20 दिसंबर 1960 को पौड़ी गढ़वाल के मल्ला बदलपुर पट्टी के गांव खैरासैण में हुआ था. उनके पिता का नाम स्व. प्रताप सिंह रावत जबकि मां का नाम स्व. बोद्धा देवी है. त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पत्नी सुनीता रावत एक सरकारी टीचर हैं. आपको बता दें कि रावत को दो बेटियां हैं.
RSS में स्वयं सेवक के रूप भूमिका:-
– 1979 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने.
– 1981 में संघ के प्रचारक के रुप कार्य करने का संकल्प लिया.
– 1985 में देहरादून महानगर के प्रचारक बने.
राजनीतिक जीवन:-
त्रिवेंद्र सिंह रावत पहली बार साल 2002 में डोईवाला विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे. साल 2007 में दूसरी बार डोईवाला विधानसभा क्षेत्र से रावत ने 14127 मतों से रिकॉर्ड जीत हासिल की और तात्कालिक सीएम भुवनचन्द्र खण्डूरी की कैबिनेट में कृषि और लघु सिंचाई जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री के रूप में अपने दायित्वों का निवर्हन किया. इसके बाद वह उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल के मंत्रिमण्डल में दोबारा कैबिनेट मंत्री बनें.
– 1993 में भारतीय जनता पार्टी के संगठन मंत्री बने.
– साल 1997 से 2002 तक प्रदेश के संगठन मंत्री बने और इस दौरान सम्पन्न सभी विधानसभा, लोकसभा और विधान परिषद चुनाव में बीजेपी को अभूतपूर्व सफलता मिली.
– साल 2013 में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को राष्ट्रीय सचिव और टेक्नोक्रेट सेल का प्रभारी बनाया.
– साल 2017 में रावत ने तीसरी बार डोईवाला विधानसभा क्षेत्र से 24869 मतों से रिकॉर्ड जीत हासिल की.