28 Sep को CM अचानक मंत्री यशपाल आर्य के घर नाश्ते पर पहुंच गये थे, क्या धामी को किसी बड़े दलबदल के संकेत मिल गये थे?
11 Oct 21; (Himalayauk Bureau) उत्तराखंड की भाजपा सरकार में मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य, सोमवार को कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए हैं। यशपाल आर्य परिवहन मंत्री रहे हैं, जबकि उनके बेटे संजीव आर्य, नैनीताल से विधायक हैं।
28 Sep को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अचानक मंत्री यशपाल आर्य के घर नाश्ते पर पहुंच गये थे, क्या धामी को किसी बड़े दलबदल के संकेत मिल गये थे? सीएम धामी ने बैठक के बारे में सिर्फ इतना कहा था कि आर्य के साथ उनकी शिष्टाचार मुलाकात थी “क्योंकि वह आर्य पार्टी के एक वरिष्ठ नेता हैं.”
बड़ी खबर 11 oct 21; उत्तराखंड में चमत्कार; बीजेपी कैबिनेट मंत्री कांग्रेस में शामिल –हिमालयायुके की खबर सटीक साबित हुई # खुलासा – क्या बीजेपी मंत्री यशपाल आर्य कांग्रेस का दलित मुख्यमंत्री चेहरा हो सकते है? खास खबर “हिमालयायुके”
कांग्रेस पार्टी ने अगले वर्ष उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड सहित सात राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर दलित फैक्टर पर विशेष काम करना शुरू कर दिया है। यशपाल आर्य और संजीव आर्य की ज्वाइनिंग से पहले पंजाब में भी दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया गया है…
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उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य आज कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.
हिमालयायुके न्यूस्पोर्टल ने 2 दिन पूर्व ही खबर प्रकाशित की थी ”
यशपाल आर्य ने कहा, कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र है। यहां लोकतांत्रिक मूल्यों की वैल्यू है। जहां हम अपनी बात सबल तरीके से खुलकर कह सकते हैं। सहमति और असहमति जाहिर कर सकते हैं। पूर्व भाजपाई यशपाल ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की जमकर पोल खोली। भाजपा के राज में बेरोजगारी बढ़ी है, महंगाई बढ़ी है और महिलाओं की अस्मिता के ऊपर आंच आ रही है।
आर्य उत्तराखंड में एक प्रमुख दलित नेता हैं। उन्होंने पिछले चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ दी थी। आर्य राज्य में आबकारी परिवहन एवं समाज कल्याण मंत्रालय संभाल रहे थे।
28 सितम्बर 21 शनिवार सुबह वरिष्ठ मंत्री यशपाल आर्य के घर अनायास पहुंच गए धामी ने आर्य के साथ नाश्ता करते हुए अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार साझा किए. बताया जाता है कि धामी की यह ‘ब्रेकफास्ट डिप्लोमेसी’ कांग्रेस सूत्रों की उन अटकलबाजियों के परिप्रेक्ष्य में शुरू हुई, जिसमें कहा गया था कि आर्य अपने विधायक पुत्र के साथ ‘घर वापसी’ कर सकते हैं अर्थात वह अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं.
कांग्रेस पार्टी ने अगले वर्ष उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड सहित सात राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर दलित फैक्टर पर विशेष काम करना शुरू कर दिया है। यशपाल आर्य और संजीव आर्य की ज्वाइनिंग से पहले पंजाब में भी दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया गया है। कांग्रेस पार्टी की सोच है कि अब उत्तर प्रदेश सहित दूसरे राज्यों में बसपा जैसी पार्टियों की पकड़ कमजोर हो चुकी है। भाजपा राज में जिस तरह से महंगाई आसमान छू रही है, उससे दलित एवं दूसरे समुदाय के लोग भी नाराज हैं। यशपाल आर्य और संजीव, ये दोनों नेता दिल्ली में हरीश रावत, रणदीप सुरजेवाला और केसी वेणुगोपाल की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
साल 2017 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. कांग्रेस की सदस्यता लेकर दोनों नेताओं ने घर वापसी कर ली है. दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर में इस दौरान कांग्रेस के संगठन मंत्री केसी वेणुगोपाल, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) और रणदीप सुरजेवाला मौजूद रहे.
उत्तराखंड में अगले साल चुनाव होने हैं और कांग्रेस राज्य में मुख्य विपक्षी दल है। कांग्रेस ने हाल ही में रावत को अभियान समिति का प्रमुख नियुक्त किया है, लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने दावा कर दिया था कि आने वाले दिनों में भाजपा को अपने नेताओं के पाला बदलने का सामना करना पड़ सकता है. इधर, पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक बड़ा बयान तब दिया था, जब पंजाब में कांग्रेस ने दलित नेता चन्नी को सीएम बनाया था. रावत ने कहा था कि उत्तराखंड में भी कोई दलित अगर सीएम बने, तो उन्हें खुशी होगी. इसके बाद से ही उत्तराखंड के दलित नेता कांग्रेस की और कांग्रेस पार्टी दलित नेताओं की नज़र में है. इसी तारतम्य में सीएम धामी और यशपाल आर्य के बीच ‘ब्रेकफास्ट’ को अहम माना जा रहा है.
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