पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने चौंकाने वाली बात आपबीती बताई & Top UK News 4 July
4 JULY 20: HIGH LIGHT# Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper# मुख्यमंत्री ने अपनी विधानसभा डोईवाला क्षेत्र के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की # मुख्यमंत्री के ऊर्जा उत्पादन की संभावनाएं तलाशने के निर्देश # UK कोविड-19 के कुल एक्टीव केस 500 से भी कम रह गए # उत्तराखंड के पौड़ी जिले में बनेगा माता सीता का भव्य मंदिर #सचिव पर्यटन ने संरक्षित जगत ग्राम अश्वमेध स्थल का निरीक्षण किया # नेपाल ने लिपुलेख , लिम्पियाधूरा और कालापानी को नेपाल (Nepal) का हिस्सा बताया
सतपाल महाराज कई बार भावुक भी नज़र आए.
देहरादून. (न्यूज़ 18 से साभार) करोना संक्रमित होने के बाद करीब एक महीने तक पहले आइसोलेशन और फिर होम क्वारंटीन में रहे पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने अब कामकाज शुरु कर दिया है. स्वस्थ होने के बाद न्यूज 18 को दिए अपने पहले इंटरव्यू में सतपाल महाराज ने आपबीती बताई. उन्होंने कहा कि संक्रमित होने के बाद जब वे एम्स में भर्ती हुए तो उन्होंने सबसे पहले नेल्सन मंडेला को याद किया जो 27 साल एक कैदी के तौर पर द्वीप में रहे. सतपाल महाराज ने कोविड-19 मरीज़ों के साथ किए जा रहे बर्ताव को भी बदलने का सुझाव दिया और अस्पतालों की हालत और ट्रीटमेंट को लेकर चौंकाने वाली बात कह दी.
ज्ञात हो कि सतपाल महाराज के खिलाफ कुछ न्यूज वेबसाइटो ने खुल कर इस तरह मोर्चा खोल दिया था कि मानो जैसे वह अपराधी हो, लगातार कुछ वेबसाइटो ने महाराज के खिलाफ खबरे प्रकाशित की गयी, इसके पीछे क्या संकेत रहे होगे यह भविष्य में सामने आना तय है,
सरकार में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, उनके पुत्र, पुत्र वधु, नाती समेत उनके 22 सहयोगी 30 मई को कोरोना संक्रमित पाए गए थे. इससे पहले उनकी पत्नी अमृता रावत कोरोना पॉज़िटिव पाई गई थी.सतपाल महाराज और उनके परिवार के सदस्यों को ऋषिकेश एम्स में भर्ती करा दिया गया था, जबकि उनके सहयोगियों को दून हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था.
न्यूज़ 18 को दिए एक्सक्लुसिव इंटरव्यू के दौरा सतपाल महाराज कई बार भावुक भी नज़र आए. उन्होंने कहा, “एसिम्प्टमैटिक होने के बावजूद मैंने 14 दिन एम्स में काटे और फिर 17 दिन होम क्वारंटीन रहा. नियमों का पूरी तरह पालन किया लेकिन स्टाफ को कई कटु अनुभवों से गुजरना पड़ा.”
सतपाल महाराज ने कहा कि उनके स्टाफ में एक व्यक्ति की गाय थी, जिसका दूध बेचकर वह आजीविका चलाता था. वह पॉज़िटिव भी नहीं था. बावजूद इसके लोगों ने उससे दूध लेना बंद कर दिया. नतीजा उसे गाय बेचने को मजबूर होना पड़ा. उन्होंने कहा कि कोरोना से संक्रमित होना कोई अपराध नहीं है, लोगों को चाहिए कि वे ऐसे समय में पीड़ित का साथ दें, उसे भावनात्मक सपोर्ट दें.
सतपाल महाराज ने कहा कि एसिम्प्टमैटिक होने के बावजूद उनके नाती को हॉस्पिटल के एक कमरे में रहना पड़ा. चार साल का कोई बच्चा एक कमरे में कैसे बंद रहा होगा, यह सोचने की बात है. उन्होंने कहा कि इसलिए मानवीय पक्ष भी देखा जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे कि लोग कोरोना से डरें नहीं, कोरोना संक्रमित को अपराधी की तरह ट्रीट न करें. इसके लिए छोटे-छोटे पॉजीटिव संदेश देते वीडियो बनाए जाएं ताकि लोगों में जागरूकता आ सके.
मुख्यमंत्री ने अपनी विधानसभा डोईवाला क्षेत्र के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की
देहरादून 04 जुलाई, 2020 (सू.ब्यूरो) मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को सचिवालय में डोईवाला विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की। बैठक में डोईवाला विधानसभा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, शासन, प्रशासन एवं संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये विकास कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाय। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने अधिकारियों एवं इंजीनियरों को निर्देश दिये की फील्ड में जाकर कार्यों का निरीक्षण किया जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण हों।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सिटी पार्क के लिए लच्छीवाला क्षेत्र को विकसित किया जाय। मोटर मार्ग निर्माण के लिए आवश्यक अनुमति की प्रक्रियाओं में तेजी लाई जाय। उन्होंने कहा कि सम्बंधित विभागों द्वारा आपसी समन्वय से कार्य किया जाय। कार्यों में तीव्रता लाने के लिए मैनेजमेंट सिस्टम को मजबूत किया जाय। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी देहरादून को प्रतिमाह विकास कार्यों की रिब्यू बैठक करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत किये जाने वाले कार्यों में तेजी लाई जाय। दुधली क्षेत्र के अन्तर्गत शुद्ध पेयजल की उपलब्धता के लिए सर्वे किया जाए। सर्वे होने के बाद ही आगे की कार्ययोजना बनाई जाए।
उन्होंने कहा कि दूरस्थ स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस के लिए कार्ययोजना बनाई जाए। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने मुख्यमंत्री घोषणाओं के तहत किये जा रहे कार्यों की भी विस्तार से समीक्षा की। मुख्यमंत्री घोषणाओं के तहत अधिकांश कार्य पूर्ण हो चुके हैं, अवशेष कार्यों को भी जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिये गये।
बैठक में जानकारी दी गई कि सूर्यधार झील का निर्माण कार्य अगस्त माह तक पूर्ण हो जायेगा। डोईवाला में सौंग ब्रिज के समीप श्मशान घाट का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जल संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए जलाशयों के निर्माण किये जा रहे हैं। माजरी ग्रान्ट में नवग्रह वाटिका एवं हरित पट्टिका का निर्माण कार्य किया जा रहा है। बालावला एवं बांसवाड़ा में ऊर्ध्व जलाशय का निर्माण कार्य प्रगति पर है। मिस्सरवाला पेयजल योजना के सुदृढ़ीकरण का कार्य प्रगति पर है। डोईवाला विधानसभा के अन्तर्गत विभिन्न क्षेत्रों में नलकूप निर्माण एवं हैण्डपम्पों की स्थापना के कार्य किये जा रहे हैं। लच्छीवाला में झील निर्माण, पार्किंग स्थल तथा मुख्य मार्ग से पिकनिक स्पॉट तक सड़क निर्माण का कार्य प्रगति पर है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, मुख्यमंत्री के तकनीकी सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह, आईटीसलाहकार श्री रवीन्द्र दत्त, विशेष कार्याधिकारी श्री धीरेन्द्र पंवार, जिलाधिकारी देहरादून श्री आशीष श्रीवास्तव, मुख्य विकास अधिकारी सुश्री निकिता खण्डेलवाल, भाजपा के जिलाध्यक्ष देहरादून श्री शमशेर सिंह पुण्डीर, डोईवाला विधानसभा से श्री करन बोहरा, श्री राजेन्द्र मनवाल, श्री राजकुमार श्री विनय कण्डवाल, श्री अशोक राज पंवार एवं सबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री के ऊर्जा उत्पादन की संभावनाएं तलाशने के निर्देश
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य की नदियों एवं नहरों में फ्लोटिंग टरबाइन के माध्यम से ऊर्जा उत्पादन की संभावनाएं तलाशने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सोलर व विंड पावर की भांति ऊर्जा उत्पादन की यह विधि राज्य की नहरों एवं नदियों के अनुकूल होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में नदियों में इस प्रकार के फ्लोटिंग टरबाइन ऊर्जा उत्पादन के साथ ही खेतों की सिंचाई तथा पेयजल आपूर्ति में मददगार हो सके इसकी भी संभावनाएं तलाशी जाएं, इससे वर्षा जल पर आधारित खेतों की सिंचाई की निर्भरता कम होगी। उन्होंने इसके लिए स्थानीय लोगों को भी प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत बताई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की नदियों एवं नहरों का राज्य हित में तकनीकी के माध्यम से ऊर्जा एवं पर्यटन की दृष्टि से बेहतर उपयोग समय की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस दिशा में नदियों व नहरों की क्षमता के उपयोग लागत आदि का भी आधुनिक तकनीकी दक्षता के साथ आकलन करने को कहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रयासों से नवाचार को भी बढ़ावा मिलेगा। इस अवसर पर इस संबंध में प्रस्तुतीकरण भी प्रस्तुत किया गया।
बैठक में मुख्यमंत्री के तकनीकी सलाहकार श्री नरेंद्र सिंह, मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, सचिव श्री अमित नेगी, श्री नितेश झा, श्रीमती राधिका झा, तीनों ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशकों के साथ ही अन्य संस्थानों के अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।
UK; कोविड-19 के कुल एक्टीव केस 500 से भी कम रह गए
देहरादून 04 जुलाई, 2020 (सू.ब्यूरो)
कोविड-19 से लड़ाई में लगातार सतर्कता जरूरी : मुख्यमंत्रीकान्टेक्ट ट्रेसिंग, सर्विलांस और सेम्पलिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। क्लिनिकल मैनेजमेंट में समय पर रेस्पोंस को प्राथमिकता दी जाए।मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कोविड-19 के संबंध में सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कोविड-19 के एक्टीव मामलों में कमी होने पर भी लगातार सावधान रहने की जरूरत है। प्रशासनिक स्तर पर किसी तरह की शिथिलता न हो। शनिवार को मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम तथा बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों की सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि हमारी रिकवरी रेट 81 प्रतिशत से अधिक हो गई है। मृत्यु दर को कम करने पर विशेष ध्यान देना होगा। गम्भीर मामलों पर जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्वयं लगातार नजर रखें। ऐसे मामलों में अविलम्ब रेस्पोंस सुनिश्चित किया जाए। लगातार सर्विलांस किया जाए और संदिग्ध मामलों में सेम्पलिंग जरूर की जाए।
एक्टीव मामलों में कमी आई, पर किसी तरह की ढ़िलाई न आए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले लगभग 4 माह में कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए काफी काम किया गया है। इसी का परिणाम है कि वर्तमान में प्रदेश में कोरोना का रिकवरी रेट 81 प्रतिशत से अधिक है और यह निरंतर बढ़ रहा है। हमारे यहां एक्टीव मामलों की संख्या 500 से भी कम हो गई है। परंतु अभी आराम का समय नहीं है। सतत सतर्कता बनाए रखनी है। कान्टेक्ट ट्रेसिंग और क्वारेंटाईन सेंटरों की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। डेथ ऑडिट रिपोर्ट में कोरोना संक्रमित की मृत्यु के कारणों का विश्लेषण कर देखा जाए कि कहां-कहां सुधार किए जाने की जरूरत है। क्लिनिकल मैनेजमेंट में गम्भीरतम मामलों पर उच्च स्तर से मॉनिटरिंग की जाए।
आशा व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय का समय पर भुगतान सुनिश्चित होआशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्रि आदि फ्रंटलाईन वर्कर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में हमारे प्रमुख योद्धा हैं। इनके मानदेय के भुगतान में किसी प्रकार का विलम्ब नहीं होना चाहिए। साथ ही इन्हें फेस शील्ड, सेनेटाईजर आदि उपलब्घ करवाना सुनिश्चित किया जाए।
मास्क व फिजीकल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन होमुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रदेश में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया है। आई.सी.यू., वेंटिलेटर, टेस्टिंग मशीन व लेब आदि सुविधाओं में भी काफी वृद्धि हुई है। लोगों को लगातार जागरूक करने की जरूरत है। सार्वजनिक स्थानों पर मास्क व फिजीकल डिस्टेंसिंग का पालन सख्ती से कराया जाए। कोविड-19 को लेकर भ्रामक व गलत समाचार प्रसारित करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। कोराना से ठीक हुए लोगों के अनुभवों के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में साझा किया जाए ताकि आम जन में इसके प्रति जागरूकता आए।
बुजुर्गो और गम्भीर बीमार व्यक्तियों के हेल्थ स्टेटस की लगतार मॉनिटरिंगमुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि कोविड-19 को लेकर किसी भी प्रकार का निर्णय बहुत सोच समझकर लिया जाता है। प्रदेश में स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है। अन्य बहुत से प्रदेशों से हमारी स्थिति बेहतर है। परंतु अभी भी हमारे प्रयासों में किसी प्रकार की ढ़िलाई नहीं आनी चाहिए। कान्टेक्ट ट्रेसिंग में कमी न रहे। कोविड-19 के प्रति संवेदनशील बुजुर्गो, छोटे बच्चों और बीमार व्यक्तियों को टार्गेट करते हुए उनके हेल्थ स्टेटस को लगातार मॉनिटर किया जाए। जो भी डाटा प्राप्त होता है, जिलाधिकारी भी उसका विश्लेषण कर देखें कि उनके जिले में कहां कमियां रही हैं। उनमें सुधार किया जाए। कोविड-19 के साथ ही डेंगू पर भी ध्यान देना है। बरसात के सीजन को देखते हुए भी सभी तैयारियां कर ली जाएं।
विभिन्न मानकों पर राज्य की स्थिति बेहतरसचिव श्री अमित नेगी ने बताया कि राज्य में कोविड-19 के कुल एक्टीव केस 500 से भी कम रह गए हैं। पिछले सात दिन में कोरोना की वृद्धि दर 0.56 प्रतिशत है जबकि भारत में यह 1.28 प्रतिशत है। उत्तराखण्ड में पॉजिटीविटी रेट 4.68 प्रतिशत है और देश में औसत पॉजिटीविटी रेट 6.73 प्रतिशत है। राज्य में कुल पॉजिटिव मामलों में से 89 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में और 11 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में पाए गए हैं। सेम्पलिंग में भी पहले की तुलना में लगातार बढ़ोतरी हुई है। राज्य की डबलिंग रेट 57.39 दिन है जबकि देश की डबलिंग रेट 23.52 दिन है।
आईसीयू, वेंटीलेटर व आक्सीजन सपोर्ट की पर्याप्त उपलब्धता कोविड केयर सेंटरों में वर्तमान में 22601 रिक्त बेड उपलब्ध हैं। कोविड फेसिलिटी में 1126 आक्सीजन सपोर्ट बेड, 247 आईसीयू बेड और 159 वेंटीलेटर उपलब्ध हैं। जिलों को सेम्पलिंग के लिए 16 ट्रू-नेट मशीन उपलब्ध करवाई जा चुकी हैं। जिलों की आवश्यकता के अनुसार सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
कान्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए तीन राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम कार्यरतआईजी श्री संजय गुन्ज्याल ने बताया कि प्रदेश में कान्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए तीन कंट्रोल रूम काम कर रहे हैं। देहरादून, उत्तरकाशी व टिहरी के लिए देहरादून कंट्रोल रूम, हरिद्वार, पौड़ी, चमोली और रूद्रप्रयाग के लिए हरिद्वार कंट्रोल रूम और कुमायूं मण्डल के सभी जिलों के लिए रामनगर कंट्रोल रूम कार्य कर रहा है। सभी 13 जिलों में कांटेक्ट ट्रेसिंग के लिए बीआरटी और सीआरटी सक्रिय हैं। हर जिले में इसके लिए एक नोडल अधिकारी भी तैनात है।
बैठक में आयुक्त गढ़वाल श्री रविनाथ रमन, आयुक्त कुमायूं श्री अरविंद सिंह ह्यांकि, सचिव डा. पंकज कुमार पाण्डेय, अपर सचिव श्री युगल किशोर पंत, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. अमिता उप्रेति सहित सभी जिलाधिकारी व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
उत्तराखंड के पौड़ी जिले में बनेगा माता सीता का भव्य मंदिर
देहरादून, 4 जुलाई, 2020। उत्तराखंड के पौड़ी जिले के फलस्वाड़ी गांव में माता सीता का भव्य मंदिर बनाने हेतु मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्रस्ट के गठन की अनुमति दे दी है। 12 सदस्यीय इस ट्रस्ट के अध्यक्ष को मुख्यमंत्री द्वारा नामित किया जाएगा। ट्रस्ट में शेष सदस्यों के तौर पर पौड़ी क्षेत्र के कतिपय जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ विभिन्न विशेषज्ञों एवं अन्य वर्गों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया ।
राज्य के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज ने मुख्यमंत्री जी की इस पहल का को स्वागत योग्य बताया और कहा कि मुख्यमंत्री जी ने उनसे कहा था कि इस मंदिर के निर्माण के लिए हर घर से मिट्टी और हर घर की एक प्रयोग में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पौड़ी में सीता जी के अतिरिक्त लक्ष्मण जी और वाल्मीकि जी के मंदिर भी आस पास ही स्थित हैं। मान्यता है कि इसी स्थान पर माता सीता ने भूमि समाधि ली थी और इस गांव के लोग वर्षों से माता सीता की पूजा अर्चना करते आ रहे हैं।
ट्रस्ट के गठन की घोषणा पर सचिव पर्यटन एवं संस्कृति, श्री दिलीप जावलकर ने कहा कि शीघ्र ही ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन कर लिया जाएगा। प्रस्तावित सीता माता सर्किट, पौड़ी के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। भव्य मंदिर बन जाने से यहां देश व विदेश से श्रद्धालुओं का आगमन होगा मंदिर निर्माण के दौरान तथा उसके पश्चात रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे जिससे स्थानीय आमजन तथा पर्यटन क्षेत्र के हित धारक लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजना इस स्थल को सीता सर्किट के माध्यम से धार्मिक पर्यटन के पटल पर लाने की है।
सचिव पर्यटन ने संरक्षित जगत ग्राम अश्वमेध स्थल का निरीक्षण किया
सचिव पर्यटन एवं संस्कृति श्री दिलीप जावलकर ने आज विकासनगर स्थित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित जगत ग्राम अश्वमेध स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा इस ऐतिहासिक स्थल को पुन: स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है जिस के क्रम में पर्यटन विभाग द्वारा इस स्थान में पर्यटन सुविधाओं का सृजन करते हुए इसका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा।
निरीक्षण के दौरान सचिव पर्यटन ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को इस ऐतिहासिक स्थल के लिए मार्ग निर्माण हेतु टोपोग्राफिकल सर्वे करते हुए संबंधी आंगड़न उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के आसपास के अन्य ऐतिहासिक स्थलों जैसे कालसी शिलालेख आदि को सम्मिलित करते हुए एक “यमुना वैली सर्किट” का निर्माण किया जाएगा, साथ ही पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से यहां पर साईनेज भी लगाए जाएंगे और इस स्थान का विभिन्न माध्यमों से पर्यटकों के मध्य प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि 1952 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा जगत ग्राम नमक इस विरासत स्थल की खोज की गई थी। यह माना जाता है कि यहां प्राचीन काल में अश्वमेध यज्ञ का आयोजन होता था। यहां पर मौजूद तीन अग्निकुंड उसी यज्ञ हेतु निर्मित प्रतीत होते हैं। फिलहाल ऐतिहासिक महत्व की यह धरोहर पर्यटकों के लिए एक अज्ञात गंतव्य ही है। राज्य सरकार के प्रयासों से यह छुपा हुआ ऐतिहासिक स्थल खोजी पर्यटकों के लिए एक नए गंतव्य के रूप में विकसित हो सकेगा।
नेपाल ने लिपुलेख , लिम्पियाधूरा और कालापानी को नेपाल का हिस्सा बताया
पिथौरागढ़. भारत और नेपाल के बीच इन दिनों सीमा विवाद (India-Nepal Dispute) काफी बढ़ गया है. चीन सीमा (China) को जोड़ने वाली लिपुलेख सड़क के उद्घाटन के बाद नेपाल ने लिपुलेख , लिम्पियाधूरा और कालापानी को नेपाल का हिस्सा बताया है. यही नहीं इन इलाकों को अपने नक्शे में दिखाते हुए इस नक्शे को नेपाली संसद से पास भी करवाया है. बता दें कि ये तीनों इलाके उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के उच्च हिमालय में मौजूद हैं. नेपाली सरकार ने नए राजनीतिक नक्शे में भारत के इन हिस्सों को भी शामिल कर लिया है.
नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा जारी करने के बाद अब पिथौरागढ़ से सटी अपनी सीमा के चप्पे-चप्पे पर बीओपी खोलने की योजना को धरातल पर उतारना शुरू कर दिया है. मई माह में नेपाल ने छांगरू में पहली बीओपी स्थापित की थी. जिसके बाद खलंगा और झूलाघाट में भी बीओपी खोलीं गई थीं. बुधवार को ही पंचेश्वर में भी नेपाल ने चौथी बीओपी बनाई. जिसके बाद एक ही दिन में जौलजीबी, लाली और डमलिंग में 3 बीओपी खोल दी हैं. नेपाल की इन बीओपी का उद्घाटन नेपाल के सशस्त्र सीमा प्रहरी बल के महानिदेशक हरिशंकर बूढ़ाथोकी ने किया. इस मौके पर बूढ़ाथोकी ने कहा कि भारत से लगे बॉर्डर इलाकों में बीओपी स्थापित करने से जहां सीमाओं की निगरानी तेज होगी, वहीं अवैध कारोबार पर भी लगाम लगाना आसान हो जाएगा. यही नहीं भारत से होने वाली तस्करी पर भी आसानी से रोक लगाई जा सकती है. पिथौरागढ़ से सटे बॉर्डर इलाकों में नेपाल लिपुलेख सड़क के उद्घाटन के बाद कुल 7 बीओपी स्थापित कर चुका है. एक बीओपी में नेपाल के सशस्त्र सीमा प्रहरी बल के 35 जवानों के साथ 1 इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी हर वक्त मौजूद रहता है. अभी नेपाल की ज्यादातर बीओपी अस्थाई कैंपों में संचालित हो रही हैं, लेकिन इनको खोलने के साथ सभी जगहों पर बिल्डिंग बनाने का काम भी तेजी से किया जा रहा है. लिपुलेख सड़क के उद्घाटन से पहले इस इलाके में नेपाल की सिर्फ एक बीओपी धारचूला में मौजूद थी.
Presents by Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper, publish at Dehradun & Haridwar: Mob 9412932030 ; CHANDRA SHEKHAR JOSHI- EDITOR; Mail; himalayauk@gmail.com