2019 में उत्तराखंड में गंभीर मुकदमों में केवल 30% सजा & हरिद्वार में तैयार औषधि कहां मिलेगी & Top UK News 28 May 20
28 May 20 # High Light # (Himalayauk Newsportal Bureau) :उत्तराखण्ड वापस लौटे लोगों को स्वरोजगार योजना तो शुभारम्भ #भारत सरकार के निर्देशों पर हरिद्वार में तैयार की गयी औषधि वितरण की औपचारिक शुरूआत के बाद अब सबसे पहले औषधि का वितरण कोरोना वारियर्स, फ्रंट लाइन वर्कर, कोरोना आपदा मे कार्य कर रहे सरकारी कार्मिकों, रेड या कंटेनमेंट जोन क्षेत्रों के बीच # चमोली में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुॅचाने का सिलसिला जारी #हरिद्वार 06 लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज # जनपद चमोली गुरूवार को 76 संदिग्ध व्यक्तियों के सैंपल जाॅच के लिए भेजे गए, # जनपद हरिद्वार में प्रवासियों के लिए संचालित किये जा रहे क्वारंटाईन केन्द्रों के संबंध में # 2019 में उत्तराखंड में गंभीर मुकदमों में केवल 30 प्रतिशत ही सजा हुई # Presents by Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper, publish at Dehradun & Haridwar: Mob 9412932030 ; CHANDRA SHEKHAR JOSHI- EDITOR; Mail; himalayauk@gmail.com
उत्तराखण्ड वापस लौटे लोगों को स्वरोजगार योजना तो शुभारम्भ
देहरादून 28 मई, 2020 (सू.ब्यूरो) (Himalayauk Newsportal Bureau)
‘‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’’ का हुआ शुभारम्भ मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने योजना का किया शुभारम्भ। विनिर्माण में 25 लाख रूपये और सेवा क्षेत्र में 10 लाख रूपये तक की परियोजनाओं पर मिलेगा ऋण। मार्जिन मनी, अनुदान के रूप में होगी समायोजित।
राज्य के उद्यमशील एवं प्रवासी उत्तराखण्डवासियों को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करना मुख्य उद्देश्य।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इस योजना की जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाई जाय ताकि युवा इस योजना का लाभ उठा सकें। जन प्रतिनिधियों एवं जिलास्तरीय अधिकारियों के माध्यम से योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय। इस योजना के तहत लाभार्थियों को लोन लेने में कोई समस्या न हो इसके लिए जिलाधिकारी, बैंकर्स से समन्वय करें।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, राज्य के उद्यमशील युवाओं और कोविड-19 के कारण उत्तराखण्ड वापस लौटे लोगों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्घ कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इससे कुशल और अकुशल दस्तकार, हस्तशिल्पि और बेरोजगार युवा खुद के व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित होंगे। राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों के माध्यम से ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य सरकार द्वारा रिवर्स पलायन के लिए किए जा रहे प्रयासों में योजना महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, सहकारी बैंकों के माध्यम से सभी पात्र विनिर्माणक, सेवा और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए वित्त पोषित किया जायेगा। एमएसएमई विभाग द्वारा योजना के अन्तर्गत मार्जिन मनी की धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जायेगी। विनिर्माण क्षेत्र में परियेाजना की अधिकतम लागत 25 लाख रूपये और सेवा व व्यवसाय क्षेत्र के लिए अधिकतम लागत 10 लाख रूपये होगी। एमएसएमई नीति के अनुसार वर्गीकृत श्रेणी ए में मार्जिन मनी की अधिकतम सीमा कुल परियोजना लागत का 25 प्रतिशत, श्रेणी बी व बी़ में 20 प्रतिशत तथा सी व डी श्रेणी में कुल परियोजना लागत का 15 प्रतिशत तक मार्जिन मनी के रूप में देय होगी। उद्यम के 02 वर्ष तक सफल संचालन के बाद मार्जिन मनी, अनुदान के रूप में समायोजित की जायेगी। योजना के अन्तर्गत सामान्य श्रेण्ी के लाभार्थियों द्वारा परियोजना लागत का 10 प्रतिशत जबकि विशेष श्रेणी के लाभार्थियों को कुल परियोजना लागत का 05 प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में जमा करना होगा।
इस योजना के अन्तर्गत आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। शैक्षिक योग्यता की बाध्यता नहीं है। योजना के अन्तर्गत उद्योग, सेवा एवं व्यवसाय क्षेत्र में वित्त पोषण सुविधा उपलब्ध होगी। आवेदक अथवा उसके परिवार के सदस्य को योजना के तहत केवल एक बार लाभान्वित किया जायेगा। लाभार्थियों का चयन अधिक आवेदन प्राप्त होने पर प्रोजेक्ट वायबिलिटी को देखते हुए ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर किया जायेगा।
आवेदक, महाप्रबंधक एवं जिला उद्योग केन्द्रों में
आॅनलाईन एवं मैनुअल आवेदन कर सकते हैं। योजना के क्रियान्वयन के लिए एमएसएमई विभाग
के नियंत्रणाधीन उद्योग निदेशालय, उत्तराखण्ड नोडल विभाग होगा। योजना का क्रियान्वयन जिला स्तर पर जिला उद्योग
केन्द्र द्वारा किया जायेगा।
बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री रमेश
भट्ट,
आईटी सलाहकार श्री रवीन्द्र दत्त, निदेशक उद्योग श्री सुधीर नौटियाल आदि
उपस्थित थे।
भारत सरकार के निर्देशों पर हरिद्वार में तैयार की गयी औषधि वितरण की औपचारिक शुरूआत के बाद अब सबसे पहले औषधि का वितरण कोरोना वारियर्स, फ्रंट लाइन वर्कर, कोरोना आपदा मे कार्य कर रहे सरकारी कार्मिकों, रेड या कंटेनमेंट जोन क्षेत्रों के बीच
हरिद्वार (Himalayauk Newsportal Bureau) । आयुर्वेद एंव युनानी चिकित्सक श्री स्वास्तिक जैन द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि जिला जिलाधिकारी श्री रविशंकर द्वारा आयुष मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशों पर कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु हरिद्वार में तैयार की गयी औषधि वितरण की औपचारिक शुरूआत के बाद अब सबसे पहले औषधि का वितरण कोरोना वाॅरियर्स, फ्रंट लाइन वर्कर, कोरोना आपदा मे कार्य कर रहे सरकारी कार्मिकों, रेड या कंटेनमेंट जोन क्षेत्रों के बीच किया जायेगा। अभी औषधि का निर्माण गतिमान है उपलब्धता के आधार लोगों में औषधि वितरण किया जायेगा। हरिद्वार जनपद में लगभग एक लाख आबादी को किट के वितरण किये जाने की योजना वर्तमान में बनायी गयी है।
भविष्य में इसकी संख्या बढ़ाने पर विचार किया जायेगा। दवा का उत्पादन भी बढ़ाया जायेगा। किट का प्रयोग करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को आयुष संजीवनी एप डाउनलोड करना होगा और दवा के प्रयोग के बाद से उसके शरीर में आये बदलावों की जानकारी निर्धारित आॅनलाइन प्रारूप देने होगी। यह एक रिसर्च आधारित प्रक्रिया है। किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सम्बंधी जानकारी किट का प्रयोग करने पर अनिवार्य रूप् से देनी होगी। प्रयोग के बाद लाभार्थियों के अनुभव के आधार पर दवा पर आयुर्वेदिक किट को वैश्विक मान्यता दिलाना का प्रयास किया जायेगा।
चमोली में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुॅचाने का सिलसिला जारी
चमोली 28 मई,2020 (सू0वि0) (Himalayauk Newsportal Bureau)
कोरोन संकट के बीच लाॅकडाउन चलते जनपद चमोली में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुॅचाने का सिलसिला जारी है। चमोली जिला प्रशासन ने गुरूवार को उत्तर प्रदेश के 158 मजदूरों को 6 बसों से उनके गतंब्य स्थलों तक भेजा गया। ये सभी मजदूर यूपी में लखीमपुर, कुशीनगर, गौरखपुर, बिजनौर, सोनभ्रद आदि जिलों के रहने वाले है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने यूपी में संबधित जिला प्रशासन से बात करके इन मजदूरों को सुरक्षित घर पहुॅचाने की व्यवस्था की। इन मजदूरों को 6 बसों से गौचर से हरिद्वार तक पहुॅचाने की व्यवस्था चमोली जिला प्रशासन की ओर से की गई। जबकि हरिद्वार से उनके गंतब्य स्थल तक पहुॅचाने हेतु यूपी के संबधित जिला प्रशासन की ओर से व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई। ताकि मजदूरों को अपने गतंब्य तक पहुॅचने में किसी तरह की परेशानी न हो। गौचर में रवानगी से पहले सभी मजदूरों की मेडिकल जाॅच भी कराई गई। चमोली जिला प्रशासन से मिली मदद पर प्रवासी मजदूर बेहद खुश दिखे। अपने घर जाने की इच्छुक अधिकांश प्रवासी मजदूरों को अब जिला प्रशाासन द्वारा उनके गतंब्य स्थालों तक पहुॅचाया जा चुका है।
वही दूसरी ओर कोरोना संकट के चलते जिले के प्रवासी नागरिकों की घर वापसी भी लगातार जारी है। विगत 3 मई से अब तक चमोली जनपद में 20146 प्रवासी देश के विभिन्न राज्यों से घर आए है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के निर्देशानुसार गौचर मेला मैदान में बनाए गए स्टेजिंग एरिया में सभी प्रवासी नागरिकों के आने पर उनकी थर्मल स्क्रीनिंग, मेडिकल जाॅच एवं पूरा डाटा तैयार किया जा रहा है। इसके बाद ही प्रवासियों को उनके गतंब्य स्थलों तक पहुॅचाया जा रहा है। चमोली में अब तक यूपी से 971, गुजरात से 392, राजस्थान से 753, मध्यप्रदेश से 82, हिमांचल से 216, दिल्ली से 1728, पंजाब से 550, हरियाणा से 1592, महाराष्ट्र से 422, आन्ध्र प्रदेश से 159, दमनदीप से 18, जम्बू कश्मीर से 9, गोवा से 132, दादार एंड नगर हवेली से 149, तमिलनाडू से 16, पश्चिम बंगाल से 1 तथा बिहार से 7, कर्नाटक से 4 सहित कुल 7201 प्रवासी घर पहुॅचे है। इसके अलावा उत्तराखण्ड राज्य के देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर एवं अन्य जनपदों से 12945 प्रवासी अपने घर पहुॅचे।
जनपद चमोली गुरूवार को 76 संदिग्ध व्यक्तियों के सैंपल जाॅच के लिए भेजे गए,
जनपद चमोली। (Himalayauk Newsportal Bureau)
कोविड-19 की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। जिलाधिकारी के निर्देशों पर संदिग्ध व्यक्तियों के सैंपल प्रतिदिन जाॅच के लिए भेजे जा रहे है। गुरूवार को 76 संदिग्ध व्यक्तियों के सैंपल जाॅच के लिए भेजे गए, जबकि 34 सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। अभी तक कुल 394 सैंपल जाॅच के लिए भेजे जा चुके है। जिसमें से 161 सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव और 11 सैंपल की रिपोर्ट पाॅजेटिव आई है। जबकि 222 सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है।
कोविड संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत बाहरी प्रदेशों से आए 336 प्रवासी फेसलिटी क्वारेन्टाइन में चल रहे है। जिला प्रशासन ने इन प्रवासियों को गौचर, कर्णप्रयाग, मंडल, गैरसैण, ग्वालदम, जोशीमठ भराडीसैंण, पीपलकोटी इत्यादि स्थानों पर फेसलिटी क्वारंन्टाइन किया है। मेडिकल टीम फेसलिटी क्वारंन्टीन में ठहराए गए लोगों की रेग्यूलर जाॅच कर रही है। जबकि 13134 प्रवासियों को होम क्वारंन्टीन किया गया है। होम क्वारंन्टीन लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए गठित 23 मोबाइल चिकित्सा टीमों ने बुधवार को 67 गांवों में घर-घर जाकर 772 क्वारेंटीन व्यक्तियों की स्वास्थ्य जाॅच की। जिले के विभिन्न क्षेत्रों से कोरोना संक्रमण की जानकारी जुटाने के लिए 18 ब्लाक एवं सिटी रिसपोंस टीम निरंतर कार्य कर रही है।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने क्वारेंटीन किए गए सभी प्रवासियों को नियमों का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। शासकीय कार्मिकों के माध्यम से क्वारेंटीन लोगों पर निरतंर निगरानी रखते हुए नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरूद्व सख्त कार्यवाही भी की जा रही है।
जिले में लाॅकडाउन का भी सख्ती से पालन कराया जा रहा है। लाॅकडाउन का उल्लंघन करने पर डीएम एक्ट के तहत 33 एफआईआर, महामारी अधिनियम के तहत 3, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने पर 02, सीआरपीसी-151 के तहत 62, डीएम एक्ट के तहत गिरफ्तारियां 50, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने पर गिरफ्तारियां 1, पुलिस एक्ट के तहत 373 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा चुके है। इसके आलावा 561 चालान और 76 वाहनों को सीज किया गया है।
जिले में खाद्यन्न आपूर्ति सुचारू बनी हुई है। स्टाॅक में गेहूं 2754.61 कुन्तल, चावल 5365.47 कुन्तल, मसूर दाल 661.46 कुन्तल, चना दाल 283.12 कुन्तल, चीनी 166.48 कुन्तल, पीएम गरीब कल्याण चावल 1416.60 कुन्तल व दाल 95.00 कुन्तल, एसएफवाई का अतिरिक्त गेहूॅ 1949.24 कुन्तल, चावल 29404.75 कुन्तल तथा घरेलू गैस के 4683 गैस सिलेण्डर है।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के प्रयासों से मोबाइल फिश आउटलेट वैन के माध्यम से हर रोज जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क भोजन खिलाया जा रहा है। अब तक 6329 लोगों को भोजन कराया गया है जबकि गरीब, मजदूर एवं जरूरतमंद लोगों में अभी तक 6179 ड्राई राशन किट का वितरण कराया गया है। लाॅकडाउन अवधि में पुरानी गम्भीर बीमारियों का उपचार कर रहे लोगों को जिला अस्पताल के माध्यम से जीवन रक्षक दवा उपलब्ध कराने में मदद की जा रही है।
गोपेश्वर में स्थापित बद्रीश प्रसाद वितरण केन्द्र में स्थानीय उत्पादों बिक्री शुरू
चमोली 28 मई, 2020 (सू0वि0) जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के प्रयासों से गोपेश्वर में स्थापित बद्रीश प्रसाद वितरण केन्द्र में स्थानीय उत्पादों बिक्री शुरू हो गई है। यहाॅ पर स्थानीय दालें, तरोताजा फल, सब्बजियां, जूस, चैलाई के लड्डू से निर्मित बद्रीश प्रसाद एवं अन्य शुद्व जैविक उत्पाद सस्ते दामों पर उपलब्ध हो रहे। बद्रीश प्रसाद वितरण केन्द्र में स्थानीय उत्पाद हाथों हाथ बिक रहे है। शुद्व जैविक एवं तरोताजा उत्पाद मिलने से जहाॅ ग्राहक खुश है वही स्वयं सहायता समूह को भी बाजार मिलने से भरपूर लाभ मिलने लगा है।
गुरूवार को जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया एवं मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने बद्रीश प्रसाद वितरण केन्द्र का निरीक्षण कर स्वयं भी स्थानीय उत्पादों की जमकर खरीदारी की। जिलाधिकारी ने बद्रीश प्रसाद वितरण केन्द्र में अच्छे तरोताजा उत्पाद उपलब्ध कराने पर स्वयं सहायता समूह की खूब सहराना करते हुए इससे जुड़े काश्तकारों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने बद्रीश प्रसाद में चैलाई के लड्डू के साथ-साथ जौ, तिल, गुलाब जल, तुलसी इत्यादि सामग्री को भी शामिल करने को कहा। बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान इसकी बहुत डिमांड रहेगी और एसएचजी को बहुत लाभ होगा। वही बद्रीश प्रसाद वितरण केन्द्र का अच्छे एवं आकर्षक रूप में निर्माण करने पर जिलाधिकारी ने ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिकारियों की भी प्रशंसा की।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के प्रयासों से स्थानीय उत्पादों को बढावा देने एवं उनकी अच्छी ब्राडिंग, पैकेजिंग एवं बिक्री के लिए राजकीय सामुदायिक फल संरक्षण एवं प्रशिक्षण केन्द्र गोपेश्वर के निकट बद्रीश प्रसाद वितरण केन्द्र स्थापित किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष में जिलाधिकारी ने वितरण केन्द्र स्थापित करने हेतु बजट का प्राविधान किया था। वितरण केन्द्र संचालन के इच्छुक स्वयं सहायता समूहों से आवेदन लिए गए थे। दशोली ब्लाक के आदित्य देव स्वयं सहायता समूह को वितरण केन्द्र संचालन हेतु आवंटित किया गया। दशोली ब्लाक के इस स्वयं सहायता समूह में 84 से अधिक महिला काश्तकार जुड़ी है।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में आलू, राजमा, चैलाई, मंडुवा, मटर, सेब, बंद गोभी, फूल गोभी, मिर्च, अदरक, लहसुन अन्य सब्जियां एवं दालें प्रचुर मात्रा में उत्पादन होता हैं। लेकिन उत्पादन से जुड़े काश्तकारों को इसके सही दाम नही मिलता है। इस केन्द्र की स्थापना से जहाॅ ग्राहकों को शुद्व स्थानीय उत्पाद उपलब्ध होंगे वही इससे जुड़े सभी काश्तकारों को भी भरपूर फायदा मिलेगा और एसएचजी से जुड़ी महिलाओं की आर्थिकी सुदृढ होगी। बद्रीश प्रसाद वितरण केन्द्र के निरीक्षण के दौरान मुख्य उद्यान अधिकारी तेजपाल सिह, अधिशासी अभियंता आरडब्लूडी एलपी भट्ट एवं अलादिया भी मौजूद थे।
हरिद्वार 06 लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज
हरिद्वार। नोडल आॅफिसर क्वारंटीन कंट्रोल रूम रोशनाबाद द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि आज दिनांक 28 मई 2020 को होम क्वारंटीन का उलंघ्न करते पाये जाने पर 06 लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी। उपरोक्त में से तीन ब्रहम्पुर जट तथा तीन बसवा खेड़ी के हैं।
जनपद हरिद्वार में प्रवासियों के लिए संचालित किये जा रहे क्वारंटाईन केन्द्रों के संबंध में
हरिद्वार। जिला मजिस्ट्रेट हरिद्वार श्री सी0 रविशंकर ने सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विभाग द्वारा जारी निर्देशों के क्रम में जनपद हरिद्वार में प्रवासियों के लिए संचालित किये जा रहे क्वारंटाईन केन्द्रों के संबंध में मा0 उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड नैनीताल में योजित जनहित याचिका में मा0 उच्च न्यायालय के द्वारा इनमें रखे जा रहे व्यक्तियों को दी जा रही सुविधाओं को उच्चीकृत किये जाने व इनका नियमित अनुश्रवण सुनिश्चित किये जाने हेतु बिजली/पानी, स्वच्छता व नियमित सैनिटाईजेशन, स्वच्छ बिस्तर, कम से कम 03 समय पौष्टिक भोजन, साफ व पर्याप्त संख्या में शौचालय/स्नानागार, शिकायत पंजिका एवं शिकायत हेतु उच्च अधिकारियों के नम्बर, नियमित चिकित्सकीय परीक्षण, चैबिसों घण्टे केयर टेकर की उपलब्धता, क्या करें एवं क्या न करें से संबंधित फ्लैक्स/बोर्ड, मनोंरंजन व्यवस्था, मास्क/सैनिटाइजर की उपलब्धता तथा सामाजिक दूरी के नियमों का पालन व्यवस्थाएं सुनिश्चित किये जाने के क्रम में जनपद के समस्त उप जिलाधिकारियों को अपने क्षेत्रान्तर्गत स्थित सभी केन्द्रों में उक्त सुविधाओं को संबंधित विभागीय अधिकारियों से समन्वय कर उच्चीकृत करते हुए इनका प्रभावी अनुश्रवण सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
जिला मजिस्ट्रेट ने इन सभी केन्द्रों का नियमित रूप से निरीक्षण करने तथा शासन से निर्देशानुसार इनमें दी जा रही सुविधाओं का विस्तृत अभिलेखीकरण (फोटो व वीडियो सहित) की स्पष्ट रिपोर्ट नोडल अधिकारी/प्रभारी अधिकारी, आपदा कन्ट्रोट रूम के माध्यम से राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र (फैक्स सं0 0135-27100334 तथा ईमेल –seoc.dmmc@gmail.com ) को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चत करने के भी निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये। इस संबंध में प्रश्नगत वाद की अगली सुनवाई दिनांक 02.06.2020 को होनी है, इस कारण उपरोक्तानुसार वांछित कार्यवाही समयबद्ध रूप से पूर्ण कराते हुए समस्त अभिलेखों सहित आख्या दिनांक 30.05.2020 तक अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिये। साथ ही प्रकरण मा0 उच्च न्यायालय के निर्देशों के पालन से संबंधित है, इस कारण इसमें किसी प्रकार की शिथिलता न बरतने के निर्देश भी दिये।
2019 में उत्तराखंड में गंभीर मुकदमों में केवल 30 प्रतिशत ही सजा हुई
गंभीर मुकदमों में 242 में सजा 525 में रिहाई अभियोजन निदेशालय द्वारा नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ खुलासा
उत्तराखंड में वर्ष 2019 में गंभीर मुकदमों में केवल 30 प्रतिशत मामलोें में ही सजा व 64 प्रतिशत में रिहाई हुई, अन्य मुकदमों में मुल्जिमांे पर अपराध साबित नहीं हो सके। जबकि भारतीय दंड संहिता के अपराधों के कम गंभीर अपराधोें में 32 प्रतिशत मुकदमों में सजा हुई। यह खुलासा अभियोजन निदेशालय के लोक सूचना अधिकारियों द्वारा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने उत्तराखंड के अभियोजन निदेशालय से उत्तराखंड के न्यायालयों मेें वर्ष में निपटाये गये मुकदमों में सजा व रिहाई सम्बन्धी सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में प्रदेश के 13 जिलोें केे अभियोजन निदेशालय के लोेक सूचना अधिकारी/जेष्ठ अभियोजन अधिकारी के0एस0राणा ने पत्रांक सं0 218 से सूूचना विवरण उपलब्ध कराये हैै।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार 2019 में प्र्रदेेश भर में भारतीय दंड संहिता केे सेशन विचारण (गंभीर अपराधों वाले) कुल 814 मुुकदमों का फैसला किया गया हैै जिसमें 242 मामलोें में सजा हुई तथा 525 मुकदमों मे रिहाई हुई, शेष 47 मुकदमें अन्य कारणों से समाप्त कर दिये गये हैै। भारतीय दंड संहिता के अन्य अधीनस्थ न्यायालयों द्वारा विचारण योग्य कम गंभीर मामलोें में 32 प्रतिशत मामलोें में सजा हुई है। साल भर में ऐसे 5002 मुकदमों में से 1616 मामलों में सजा हुई हैै तथा 1121 मुकदमों में रिहाई हुई हैै शेष 2260 मामले अन्य कारणों से समाप्त कर दिये गये है। इसमें 1356 मामले राजीनामे के आधार पर समाप्त किये गये है।
श्री नदीम को उपलब्ध जिलावार सूचना के अनुसार सेशन विचारण (आई.पी.सी. के गंभीर अपराधोें) के मुकदमोें में देहरादून में 113 में से 41, पिथौैरागढ़ में 26 में से 7, बागेश्वर में 18 में से 7, चम्पावत में 5 में से 2, रूद्रप्रयाग में 16 में से 6, पौैडी गढ़वाल 27 में से 7, टिहरी गढ़वाल 10 में से 7, उत्तरकाशी 7 में से 5, नैैनीताल 100 में से 39, उधमसिंह नगर में 184 में से 46, अल्मोड़ा मंे 11 में से 4, चमोली में 27 में से 6, हरिद्वार जिल में 270 में से 65 मामलों में ही सजा हुई है।
श्री नदीम कोे भारतीय दंड संहिता केे अधीनस्थ न्यायालयोें द्वारा विचारण किये गये जिलावार मुकदमोें में देहरादून में 918 में 399, पिथौैराढ़ में 98 में से 21, बागेश्वर में 121 मेें 41, चम्पावत में 92 में से 32, रूद्रप्रयाग में 51 में से 14, पौैड़ी गढ़वाल में 264 में से 61, टिहरी गढ़वाल 151 में 41, उत्तरकाशी 70 में से 17, नैनीताल 565 में से 148, उधमसिंह नगर 1369 में से 478, अल्मोेड़ा 129 में से 20, चमोली 113 में से 23, हरिद्वार जिले में 1061 में 321 मुकदमों में ही सजा हुई हैै।
प्रदेश भर में 2019 में अधीनस्थ न्यायालयोें में भारतीय दंड संहिता के कम गंभीर 5002 मामलों में से 1356 राजीनामे से समाप्त किये गये हैै जोे कुल निपटाये गयेे मुकदमों के 27 प्रतिशत हैैं। पक्षकारोें में सुलह व राजीनामे सेे समाप्त किये गये भारतीय दंड संहिता के अपराधों केे फौैजदारी मुुकदमोें में देहरादून जिलेे में 247, पिथौैराढ़ के 21, बागेश्वर के 14, चम्पावत के 18, रूद्रप्रयाग के 12, पौैड़ी गढ़वाल के 56, टिहरी गढ़वाल केे 53, उत्तरकाशी के 31, नैैनीताल के 141, उधमसिंह नगर के 385, अल्मोड़ा के 33, चमोली के 11 तथा हरिद्वार जिले के 334 केेस शामिल है।
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