सोशल मीडिया के जरिए कांग्रेस ने घेर लिया &महामारी एक अवसर भी लाई-अडाणी & Top National News 28 May 20

28 May 20# High Light # Himalayauk Bureau :सोशल मीडिया के जरिएकांग्रेस ने घेर लिया :वही उत्‍तराखण्‍ड में सोशल मीडिया के विवादास्‍पद पैैकेज ने तूल पकडा- # कहा नही जाा सकता कि कब तक कोरोनावायरस पूरी तरह से खत्म होगा – केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री # देश में 30 ग्रुप हैं जो कोरोना वैक्सीन बनाने की कोशिश कर रहे हैं. #सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि किसी प्रवासी मजदूर से घर जाने के लिए यात्रा का एक पैसा भी किराया नहीं वसूला जाए # बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में भर्ती #मॉडल कम एक्टर सोनू सूद मजदूरों के मसीहा # भारत और चीन- कोई सरहदी निशान नहीं है # 25 करोड़ रुपए की रकम प्रधानमंत्री राहत कोष में दान के बाद अब दिहाड़ी मजदूरों के एकाउंट में पैसा ट्रांसफर#कोरोना की चपेट — दिल्ली पुलिस 246 अभी भी अस्पताल में # कोरोना की चपेट —  हरियाणा में यदि कोई मास्क लगाए हुए नहीं मिला तो उस पर जुर्माना # यह महामारी एक अवसर भी साथ लेकर आई है – उद्योगपति गौतम अडाणी # अस्पतालों के दौरे पर सीएम योगी Presents by: www.himalayauk.org (Leading Web & Print Media)

सोशल मीडिया के जरिए कांग्रेस ने घेर लिया ;; कांग्रेस पार्टी ने 50 लाख कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन जुटाने का लक्ष्य रखा ; फेसबुक पर लाइव आकर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया

Himalayauk Bureau New Delhi, 28 May 20; कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने के बजाय सोशल मीडिया के जरिए घेरने की कोशिश की है। गुरुवार को कांग्रेस का सोशल मीडिया के जरिए प्रोटेस्ट शुरू हो गया है। कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार को तमाम मुद्दों पर घेरने की कोशिश शुरू कर दी है सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है।

केंद्र की मोदी सरकार पर लॉकडाउन की मार झेल रहे गरीबों के प्रति असंवेदनशील होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मांग की है कि सरकार अपना खजाना खोले और जरूरतमंदों की मदद करे. सोनिया गांधी ने ये बातें कांग्रेस के ‘स्पीक अप इंडिया’ अभियान के लिए वीडियो संदेश जारी कर कही.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस का ऑनलाइन प्रोटेस्ट सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर शुरू हो गया है। केवल केंद्र ही नहीं राज्यों तक भी इस प्रोटेस्ट के सहारे कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ एक आवाज उठाई है। कांग्रेस नेताओं ने श्रमिकों किसानों और छोटे दुकानदारों के लिए इस ऑनलाइन प्रोटेस्ट के जरिए सरकार से राहत पैकेज की मांग की है। अपने-अपने घरों से ऑनलाइन आकर गरीब, मजदूरों, किसानों, असंगठित कर्मचारियों और छोटे दुकानदारों के मुद्दा उठा रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी ने 50 लाख कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों ने फेसबुक पर लाइव आकर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

कोरोना महामारी के कारण ठप पड़ी अर्थव्यवस्था से संकट में घिरे मजदूर, किसानों, असंगठित क्षेत्र के कामगार, छोटे दुकानदारों को सीधी आर्थिक मदद की मांग करने के लिए कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर ‘स्पीक अप इंडिया’ ऑनलाइन अभियान चलाया जिसमें पार्टी के बड़े नेताओं से लेकर छोटे कार्यकर्ताओं ने मांगों को जोर शोर से उठाया. कांग्रेस सोशल मीडिया टीम के मुताबिक फेसबुक, ट्विटर जैसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर देशभर में 50 लाख से ज्यादा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने इस अभियान में हिस्सा लिया.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों गरीबों और छोटे दुकानदारों को राहत पैकेज देना चाहिए। साथ ही साथ साथी साथ मनरेगा को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि यह बेकार की योजना है। लेकिन पुराना संकट में सबसे ज्यादा लोगों के काम यही योजना रही है। जिसे पीएम ने बेकार कहा था।

पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि “हमारा केंद्र सरकार से फिर आग्रह है कि खजाने का ताला खोलिए और जरूरत मंदों को राहत दीजिये. हर परिवार को छः महीने के लिए 7,500 रुपए प्रतिमाह सीधे कैश भुगतान करें और उसमें से 10,000 रूपए फौरन दें. मजदूरों को सुरक्षित और मुफ्त यात्रा का इंतजाम कर घर पहुंचाइये और उनके लिए रोजी रोटी का इंतजाम भी करें और राशन का इंतजाम भी करें. महात्मा गांधी नरेगा में 200 दिन का काम सुनिश्चित करें जिससे गांव में ही रोज़गार मिल सके. छोटे और लघु उद्योगों को लोन देने की बजाय आर्थिक मदद दीजिये, ताकि करोड़ों नौकरियां भी बचें और देश की तरक्की भी हो.”

उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि मनरेगा के काम को 100 दिन से बढ़ाकर 200 दिन किया जाए। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने फेसबुक लाइव पर आकर मोर्चा खोला। अनिल चौधरी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही गरीबों की आवाज बनी है और वह गरीब मजदूरों और प्रवासी श्रमिकों की आवाज उठाने का काम करती रही है और करती रहेगी।

मोदी सरकार पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाते हुए सोनिया गांधी ने कहा “पिछले 2 महीने से पूरा देश कोरोना महामारी की चुनौती और लॉकडाउन के चलते रोजी-रोटी-रोजगार के गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है. देश की आजादी के बाद पहली बार दर्द का वो मंजर सबने देखा कि लाखों मजदूर नंगे पांव, भूखे-प्यासे, बगैर दवाई और साधन के सैकड़ों-हजारों किलोमीटर पैदल चल कर घर वापस जाने को मजबूर हो गए. उनका दर्द, उनकी पीड़ा, उनकी सिसकी देश में हर दिल ने सुनी, पर शायद सरकार ने नहीं.”

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सबसे अपील की कि ऐसे मुश्किल वक्त में राजनीतिक मतभेद भुला कर लोगों की मदद करनी चाहिए. हालांकि प्रियंका ने यूपी बस विवाद का जिक्र कर बीजेपी पर महामारी के वक्त राजनीति करने का आरोप लगया. इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी पर महाराष्ट्र सरकार को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया.

साफ नहीं कहा जा सकता है कि कब तक कोरोनावायरस पूरी तरह से खत्म होगा – केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री

Himalayauk Bureau New Delhi, 28 May 20; HIGH LIGHT # केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि हम सभी को अपना बचाव करना होगा और नियमों के साथ रहना होगा। अभी कुछ साफ नहीं कहा जा सकता है कि कब तक कोरोनावायरस पूरी तरह से खत्म होगा। क्योंकि अभी अन्य देशों में भी इसका खतरा कम नहीं हुआ है। लेकिन इससे बचने का एक ही तरीका है। सोशल डिस्टेंसिंग मुंह पर मास्क और हाथों को हमेशा धोते रहना –

Coronavirus : भारत में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि जल्द ही देश में कोरोना की वैक्सीन आएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना की वैक्सीन तैयार करने के लिए काम चल रहा है और इस वक्त पूरे देश में कोरोना की 14 वैक्सी पर काम चल रहा है और इसको बनाने के लिए 14 कंपनियां काम में जुटी हुई है। 10 वैक्सीन को बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट से फंडिंग देने की सिफारिश की गई है। एक न्यूज़ एजेंसी को दिए गए अपने इंटरव्यू में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि हमारी स्थिति अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है। अगर आप 26 मई तक के आंकड़े देखते हैं तो भारत अमेरिका, ब्रिटेन और चीन के मुकाबले काफी अच्छी स्थिति में है। देश मे कोरोना से मरने वालों की संख्या 0.3 है, जबकि दुनिया में 4.4 है।

वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि तापमान और कोरोना संक्रमण के बीच कोई संबंध नहीं आता है। क्योंकि कई अन्य ऐसे देश है जहां पर गर्मी का तापमान है वहां पर भी कोरोना से कई मौतें हो रही है। वहीं उन्होंने कहा कि लोगों को अभी और दिनों तक सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा। मेरा अनुभव कहता है कि कोरोना तेजी से फैल रहा है। लेकिन इसकी वजह से मौत दर कमी है। लेकिन हम सभी को अपना बचाव करना होगा और नियमों के साथ रहना होगा। अभी कुछ साफ नहीं कहा जा सकता है कि कब तक कोरोनावायरस पूरी तरह से खत्म होगा। क्योंकि अभी अन्य देशों में भी इसका खतरा कम नहीं हुआ है। लेकिन इससे बचने का एक ही तरीका है। सोशल डिस्टेंसिंग मुंह पर मास्क और हाथों को हमेशा धोते रहना एक और सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं डब्ल्यूएचओ के उदाहरण के बारे में अवेयर हूं कि टेस्टिंग में पॉजिटिव आ रहे। कुछ मरीज एसिम्प्टोमेटिक हैं, लेकिन ये भी सच है कि एसिम्प्टोमेटिक ट्रांसमिशन का पुख्ता प्रूफ नहीं है।

कई राज्यों के शहरों में बिगड़ती स्थिति पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं राज्यों के मुख्यमंत्रियों से लगातार संपर्क में हूं। वह संक्रमण को रोकने और उसकी रोकथाम के लिए लगातार काम कर रहे हैं। हम लगातार लोगों से कह रहे हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति जिम्मेदारी निभाए और किसी भी तरह की लापरवाही ना बरतें।

देश में 30 ग्रुप हैं जो कोरोना वैक्सीन बनाने की कोशिश कर रहे हैं देश में तीन तरह के टेस्ट विकसित हो चुके हैं, जबकि चौथी की भी पूरी तैयारी 

Himalayauk Bureau New Delhi, 28 May 20; कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में भारत को बड़ी कामयाबी मिली है. देश में तीन तरह के टेस्ट विकसित हो चुके हैं, जबकि चौथी की भी पूरी तैयारी है. एक टेस्ट आईआईटी दिल्ली ने विकसित किया है और एक चित्रा इंस्टीट्यूट ने. गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गई.

देश में 30 ग्रुप हैं जो कोरोना वैक्सीन बनाने की कोशिश कर रहे हैं. भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के विजय राघवन ने कहा कि यह बहुत रिस्की प्रॉसेस है. दुनिया में बहुत सारे लोग वैक्सीन की बात कर रहे हैं लेकिन यह पता नहीं है कि किसकी वैक्सीन प्रभावी होगी. अगर वैक्सीन वेस्ट हो जाती है तो नुकसान भी होता है.

उन्होंने कहा कि वैक्सीन हम नॉर्मल लोगों को देते हैं न कि बीमार और किसी भी अंतिम स्टेज के मरीज को इसलिए जरूरी है कि वैक्सीन की क्वालिटी और सेफ्टी को पूरी तरह से टेस्ट किया जाए. उन्होंने कहा कि वैक्सीन 10-15 साल में बनती है और इसकी लागत 200 मिलियन डॉलर के करीब होती है. हमारी कोशिश है कि इसे एक साल में बनाया जाए. इसलिए एक वैक्सीन पर काम करने की जगह हम लोग एक ही समय में 100 से अधिक वैक्सीन पर काम कर रहे हैं.

के विजय राघवन ने कहा कि वैक्सीन बनाने की कोशिश तीन तरह से हो रही हैं. एक तो हम खुद कोशिश कर रहे हैं. दूसरा बाहर की कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और तीसरा हम लीड कर रहे हैं और बाहर के लोग हमारे साथ काम कर रहे हैं. अभी आरटी-पीसीआर टेस्ट होता है. यह जेनेटिक मटीरियल टेस्ट है. दूसरी तरह भी टेस्ट हो सकता है जो अभी उपलब्ध नहीं है. दवा बनाने के लिए स्टूडेंट्स का हैकाथॉन किया जा रहा है. इसमें जल्दी दवा बनाने की होड़ होगी. इसके बाद ICMR इसकी जांच करेगी.

कोरोना वायरस को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ जो विश्व की लड़ाई है उसमें अंतिम लड़ाई जो जीती जाएगी वो विज्ञान और तकनीक के माध्यम से जीती जाएगी. ये लड़ाई वैक्सीन से जीती जाएगी.

उन्होंने कहा कि कितनी बीमारियां होती हैं और कारगर दवाई होती है तो हमें चिंता करने की जरूरत भी नहीं होती है. साइंस और तकनीक एक फाइनल फ्रंटियर है इस लड़ाई में. हमारे देश का विज्ञान और तकनीक का जो बेस है वो मजबूत है. सीमित संसाधनों के बावजूद हमने आधार बहुत मजबूत किया है. उन्होंने कहा कि देश की फार्मा इंडस्ट्री को फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड कहा जाता है. हमारे यहां बनाई गई कई वैक्सीन दवाएं सारे विश्व में जाती हैं और जान बचाती हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि किसी प्रवासी मजदूर से घर जाने के लिए यात्रा का एक पैसा भी किराया नहीं वसूला जाए

Himalayauk Bureau New Delhi, 28 May 20; प्रवासी मजदूरों के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली बेंच ने गुरुवार को सुनवाई की. केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 1 मई से 27 मई तक 3700 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई गई हैं, जिसके जरिए 95 लाख से ज्यादा यात्रियों का आवागमन हुआ है.

सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में यह भी कहा कि ट्रेन का किराया यात्रा शुरू करने या मंजिल वाले राज्य ने चुकाया है, मजदूरों पर इसका कोई बोझ नहीं था. शुरुआत में जिन्होंने किराया दे दिया था उनको बिहार सरकार ने भुगतान कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि किसी प्रवासी मजदूर से घर जाने के लिए यात्रा का एक पैसा भी किराया नहीं वसूला जाए. सारा व्यय राज्य वहन करें. जहां मजदूर रह रहा है या यात्रा शुरू हो रही है वो राज्य या जहां उसे जाना है वो राज्य. ये राज्य आपस में तय कर लें. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने यह भी हिदायत दी है कि रास्ते में मजदूरों के खाने-पीने और आश्रय का इंतजाम राज्य सही ढंग से करें.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देशों में यह भी कहा है कि जहां से मजदूर रेल यात्रा शुरू करें, वहां की सरकार उनके भोजन, पानी और टिकट इत्यादि का इंतजाम करे. इसके अलावा रेल में भी उनके खाने-पीने का इंतजाम हो.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार सभी प्रवासी मजदूर यात्रियों का रजिस्ट्रेशन करे और उसके मुताबिक ही उनका ट्रेन में बैठना सुनिश्चित करे. सड़क पर पैदल जाता कोई भी मजदूर दिखे तो उसे शेल्टर होम में लाकर रखे फिर खाना-पीना देकर ट्रेन या बस से उसके गांव तक भेजने का इंतजाम करे.

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की की दस्ती कॉपी केंद्र और सभी राज्य सरकारों को दे दी गई है. इसके साथ ही अगले शुक्रवार तक सभी राज्यों को कोर्ट में यह रिपोर्ट दाखिल कर देनी है जिसमें मजदूरों की संख्या, उनके ट्रांसपोर्टेशन का तरीका, रजिस्ट्रेशन का तरीका, उनको दी जा रही सुविधाओं का ब्यौरा सभी कुछ होंगे.

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में भर्ती

Himalayauk Bureau New Delhi, 28 May 20; भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बताया जा रहा कि संबित पात्रा में कोरोना के लक्षण दिखने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पात्रा के अस्पताल में भर्ती होने पर बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने ट्वीट कर उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है. संबित पात्रा की गिनती बीजेपी के तेजतर्रार प्रवक्ताओं में होती है. वह सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहते हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक संबित पात्रा में कोरोना के लक्षण पाए गए हैं.

बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया कि संबित पात्रा के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं. वहीं, तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने भी बीजेपी प्रवक्ता के जल्द ठीक होने की कामना की.

गौरतलब है कि भारत में अब तक 1 लाख 58 हजार से अधिक लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं और 4500 से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है. वहीं 67 हजार से अधिक लोग अबतक इस बीमारी से ठीक भी हो चुके हैं. देश में पिछले 24 घंटे में 6566 कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ गई और 194 मरीजों की मौत हो गई.

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में भी हाथ आजमाया था. वह ओडिशा के पुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे. मोदी लहर के बावजूद संबित पात्रा को बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्र से शिकस्त मिली थी. हालांकि दोनों के बीच कांटे की टक्कर हुई थी. पिनाकी मिश्र 12 हजार से कम वोटों के अंतर से जीते थे.

भारत में कोरोना वायरस के मामले हर रोज नया रिकॉर्ड बना रहे हैं।

Himalayauk Bureau New Delhi, 28 May 20; भारत में कोरोना वायरस के मामले हर रोज नया रिकॉर्ड बना रहे हैं। देश में अभी तक कोविड 19 के सबसे ज्यादा मामले 27 मई को आए हैं। पिछले 24 घंटे में 7270 लोग महामारी से संक्रमित हुए हैं। इसके बाद देश में संक्रमितों की संख्या 1,58,897 हो गई है। देश में महाराष्ट्र-तमिलनाडु को छोड़कर अन्य राज्यों में भी कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। जिसके कारण केंद्र और राज्य सरकारों की चिंताएं बढ़ती जा रही है।

देश में कल महाराष्ट्र में 2190 कोरोना वायरस संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा तमिलनाडु में 817, दिल्ली में 792, गुजरात में 376, राजस्थान में 280, उत्तर प्रदेश में 267, मध्यप्रदेश में 237 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। इसके बाद देश भर में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 1,58,086 पर पहुंच गया है। इनमें से 86445 मरीजों का अस्पतालों में उपचार चल रहा है यानि ये मामले सक्रिय हैं। इसके अलावा 67901 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 3472 लोग ठीक हुए हैं। जबकि 4540 मरीजों की अभी तक मौत हो चुकी है। देशभर में 27 मई को 187 लोगों ने दम तोड़ा है। देश में दूसरी बार 7 हजार से अधिक मामले भारत में दूसरी बार ऐसा हुआ है जब एक दिन में सात हजार से अधिक मामले आए हैं। 24 मई को कोरोना वायरस के 7113 मामले दर्ज किए गए थे। इसके बाद अब 27 मई को 7270 कोरोना वायरस के मामले आए हैं।

मॉडल कम एक्टर सोनू सूद मजदूरों के मसीहा

Himalayauk Bureau New Delhi, 28 May 20;  मॉडल कम एक्टर सोनू सूद (Sonu Sood) को आज देश का बच्चा-बच्चा मजदूरों के मसीहा के रूप में जानने लगा है. माइग्रेंट्स की मदद के साथ उनका व्यवहारिक पहलू भी लोग खूब पसंद कर रहे हैं. माइग्रेंट्स के साथ वन टू वन कनेक्शन के साथ ही उनका मजाकिया अंदाज लोगों के दिल को छू जा रहा है. फिल्मों में अपनी खलनायकी से लोगों का खून खौला देने वाले सोनू सूद असल जिंदगी में लोगों के छालों और दर्द पर मरहम लागने का काम कर रहे हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि वे बॉलीवुड में कैसे आए और यहां उनका स्ट्रगल कैसा था?

 मुंबई से दरभंगा पहुंची गर्भवती महिला – सोनू सूद (Sonu Sood) ने बिहार की एक गर्भवती महिला प्रवासी मजदूर को मुंबई से घर पहुंचाया तो उन्होंने ने बेहद खास तरीके से उन्हें शुक्रिया किया.

सोनू सूद का जन्म 30 जुलाई 1973 को पंजाब के मोगा पंजाब में हुआ था और वह एक बिजनेस फेमली से ताल्लुक रखते थे, हालांकि उनकी मां एक प्रोफेसर थी औश्र वह चाहती थीं कि सोनू इंजीनियर बनें. सोनू ने उनकी ये इच्छा पूरी भी और इसके लिए वह नागपुर के यशवंतराव चव्हाण अभियांत्रिकी महाविद्यालय से इलेक्ट्रानिक इंजीनियर की डिग्री लेकर बाहर निकले, लेकिन इसी दौरान उन्हें मॉडलिंग का चस्का लग गया और वह अपनी मां से एक साल का समय मांग कर मॉडलिंग और फिल्मों में करियर बनाने के लिए मुंबई आ गए.

हिन्दी, तेलुगू कन्नड़ और तमिल फ़िल्मों के साथ सोनू सूद कई नामचीन कंपनियों के ऐड में भी काम कर चुके हैं. उन्होंने अपनी पहली फिल्म 1999 में तमिल फिल्म कालजघर में पादरी की भूमिका से की थी. इसके बाद तमिल फ़िल्म ‘मजनू’ (2001) से उनकी पहचान साउथ में बन गई. वहीं सोनू ने हिंदी फिल्मों में अपने अभिनय की शुरुआत ‘शहीद-ए-आज़म भगत सिंह’ के रोल के साथ की.  इसके बाद उन्हें मणिरत्नम की ‘युवा’ (2004) और ‘आशिक बनाया आपने’ (2005) में अभिषेक बच्चन के भाई का रोल मिला. इसके बाद कई और फिल्मों में सोनू सूद ने काम किया, लेकिन ज्यादातर फिल्मों में उन्हें विलेन का रोल ही मिला.

सलमान खान की दबंग में खलनायक छेदी सिंह की भूमिका के लिए सोनू सूद को दो अवार्ड मिले। पहला अप्सा अवार्ड और दूसरा आईआईएफए सर्वश्रेष्ठ खलनायक का पुरस्कार.

एक इंडियन वेबसाइट द्वारा किए टॉप इंडियन हैंडसम मैन में सोनू सूद भी शामिल हैं. इस साइट के अनुसार सोनू सूद 47वें हैंडसम मैन हैं. बता दें कि साउथ की पहली फिल्म भी उन्हें अपने बॉडी टोन और हैंडसम लुक के कारण ही मिली थी.

सोनू जब मुंबई फिल्मों में करियर बनाने आए थे तो एक फ्लैट में 5-6 लोगों के साथ रहते थे. काम की तलाश जारी थी, लेकिन हर जगह से रिजेक्शन मिल रहा था. परिवार से पैसा मांगना उन्हें अच्छा नहीं लगता था, इसलिए वह बहुत तंगी में जीवन जीते रहे जबतक की उनको पहला ब्रेक नहीं मिला.

सोनू को जहां पता चलता कि एक्टर्स की जरूरत है वह अपना पोर्टफोलियो भेज देते थे. एक बार सोनू सूद ने ऐसी जगह अपना पोर्टफोलियो भेज दिया, जहां हिरोइन की जरूरत थी. भेजने के बाद उन्हें पता चला कि उन्होंने ये क्या कर दिया, लेकिन उनकी किस्मत यहीं रंग लाई और सोनू को एक दिन वहीं से कॉल आया कि वे क्या साउथ इंडियन फिल्म में काम करना चाहते हैं? यदि हां तो ऑडिशन के लिए आ जाएं. ऑडिशन के सोनू पहुंच गए तो उनसे शर्ट उतारने को कहा गया, ये सुन कर वह सकते में आ गए, लेकिन शर्ट उतार ही दी और उनका सलेक्शन उनकी बॉडी को देख कर कर लिया गया.

भारत और चीन- कोई सरहदी निशान नहीं है

Himalayauk Bureau New Delhi, 28 May 20; भारत और चीन को अलग करने वाली ये सीमा सिर्फ अक्साई चीन या लद्दाख में ही नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्कम और अरुणाचल प्रदेश तक है. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इतनी लंबी सीमा होने के बावजूद इसमें कोई सरहदी निशान नहीं है. यानी असल में इसका कोई नक्शा ही नहीं है.

बस यही चीन और भारत के सीमा विवाद की जड़ है. क्योंकि भारत जिसे एलएसी मानता है. चीन उसे नकार कर अपनी नई एलएसी तैयार कर देता है. और लद्दाख में भी भारतीय और चीनी सैनिकों की ताज़ा झड़प की जड़ में यही है.

अमेरिका के एक थिंक टैंक ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते पाकिस्तान और श्रीलंका की चरमराती आर्थिक स्थिति का फायदा उठाकर उनके साथ संबंध मजबूत कर हिंद महासागर में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे चीन को रोकने के लिए अमेरिका तथा भारत को कोई योजना बनानी चाहिए. 

हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी से भारत में चिंता है. भारत मुख्यत: चीन की बढ़ती आक्रामकता को रोकने के उद्देश्य से श्रीलंका, मालदीव, इंडोनेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, म्यामां और सिंगापुर सहित क्षेत्र के देशों के साथ समुद्री सहयोग बढ़ाने की कोशिश करता रहा है. थिंक टैंक ‘हडसन इंस्टिट्यूट’ के अनुसार कोरोना वायरस महामारी से न सिर्फ दक्षिण एशिया में जीवन और आजीविका को खतरा पैदा हो रहा है, बल्कि यह क्षेत्र में महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामरिक बदलाव का भी कारण बन सकती है. 

रिपोर्ट ‘कोलकाता से लेकर काबुल तक संकट: दक्षिण एशिया में कोविड-19 का प्रभाव’ के अनुसार चीन दक्षिण एशिया की कर्ज से दबी सरकारों पर अपने लाभ के लिए आदान-प्रदान के तहत दबाव बना सकता है. हडसन इंस्टिट्यूट की इस सप्ताह जारी रिपोर्ट में कहा गया है, “यह क्षेत्र में भारत की सुरक्षा और अमेरिका के प्रभाव की कीमत पर होगा. पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ संबंध मजबूत कर हिंद महासागर में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे चीन को रोकने के लिए भारत और अमेरिका को कोई योजना बनानी चाहिए.” 

चीन अपनी महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट एंड रोड’ योजना के लिए पाकिस्तान और श्रीलंका की मदद लेने में लगा है और उसकी इस बात के लिए आलोचना होती रही है कि वह आर्थिक रूप से कमजोर देशों को अपने फायदे के लिए कर्ज के जाल में फंसा रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 से उत्पन्न खतरे से क्षेत्र के मिलकर काम करने की भारत की पहल को पाकिस्तान तवज्जो नहीं दे रहा है और वह इस चुनौतीपूर्ण समय में भी कश्मीर का मुद्दा उठा रहा है. इसमें उल्लेख किया गया है, “इस तथ्य के बावजूद कि पाकिस्तान के पास अपनी सेना को भारत के खिलाफ मजबूत करने के लिए संसाधनों की कमी है, फिर भी वह काफी बड़े देश भारत के खिलाफ अपने को ऊपर दर्शाने के प्रयास के तहत उप-पारंपरिक युद्ध (आतंकवाद) के इस्तेमाल को बढ़ा सकता है.” 

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के असैन्य और सैन्य नेताओं में भारत विरोधी भावना को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव, खासकर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के प्रतिबंधों की आवश्यकता पड़ सकती है. इसमें कहा गया है कि विगत में पाकिस्तान ने प्राकृतिक आपदाओं का इस्तेमाल भारत में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के लिए किया है. 

भारतीय अधिकारी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि पाकिस्तान पागलपन के रूप में कोविड-19 का इस्तेमाल भी ऐसा करने के लिए कर सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है, “यद्यपि उपमहाद्वीप में पूर्ण युद्ध होने की संभावना नहीं है, लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव से क्षेत्रीय सहयोग के प्रयास लगातार बाधित रहने की संभावना है. इस तरह का सहयोग आर्थिक पुनर्निर्माण के काम को आसान बना सकता है, जो महामारी के खत्म होने पर मुख्यत: निश्चित तौर पर होगा. भारत क्षेत्र में अन्य देशों के साथ संभवत: मिलकर काम कर सकता है और करेगा, लेकिन पाकिस्तान नहीं.”

जिस चीन ने दुनिया को घरों में कैद होने पर मजबूर कर दिया, जिस चीन ने इंसानों से इंसानों को दूर कर दिया, वही चीन अब भारतीय सीमा पर एक नई चाल चल रहा है. भारत को उकसा कर और कोरोना को लेकर चीन की तरफ से दुनिया का ध्यान बांटने की इस चाल के तहत भारतीय सीमा में घुसपैठ कर चीन भारत को जंग के लिए उकसाने का काम कर रहा है. पर सवाल ये है कि आखिर चीन का भारत के साथ ये सीमा विवाद है क्या? तो आइए आज आपको चीन के साथ भारत की 3,488 किलोमीटर लंबी सरहद का पूरा सच बताते हैं.

चीन ने पहले दक्षिणी चीन सागर में चालबाज़ियां की. फिर उसने अपने समुद्री पड़ोसियों को तंग करना शुरू किया और अब वो भारत के साथ उलझने की कोशिश कर रहा है. दरअसल, चीन की ये कोशिशें सिर्फ भारत या अपने पड़ोसियों के साथ उलझन की नहीं, बल्कि वो ये करके दुनिया का ध्यान कोरोना के इस ऊबड़ खाबड़ वायरस से हटाकर लद्दाख के इन ऊंचे नीचे पहाड़ों में उलझाना चाहता है. ताकि इसमें उलझकर दुनिया उससे कोरोना का हिसाब ना मांग सके. मगर सवाल ये है कि आखिर चीन का भारत के साथ ये सीमा विवाद है क्या. जिसकी वजह से ड्रैगन रह-रहकर आए दिन सिर उठाता रहता है. क्योंकि बिना इस विवाद को समझे चीन की चाल को समझना मुश्किल है.

चीन की चालबाज़ियों को समझने से पहले ये जान लीजिए कि आखिर भारत की सरहद पर चीन क्या गुस्ताखी कर रहा है. इंडो-चाइना विवाद की इनसाइड स्टोरी जानने के लिए नक्शे को आपको देखना होगा. भारत के नक्शे में ये जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का वो हिस्सा है. जो भारत की सीमा में आता है. मगर 1948 की जंग में इसका कुछ पश्चिमी हिस्सा पाकिस्तान के कब्ज़े में चला गया, जिसे आज हम पीओके यानी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के नाम से जानते हैं. जबकि पूरब में अक्साई चीन और लद्दाख का कुछ हिस्सा 1962 की लड़ाई में चीन के कब्ज़े में चला गया था.

चूंकि बात चीन के साथ हमारी सीमा विवाद पर है. लिहाज़ा आइये इस लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर फोकस करते हैं. जिसे मौजूदा दौर में भारत और चीन के बीच की सीमा माना जाता है. भारत और चीन को अलग करने वाली ये सीमा सिर्फ अक्साई चीन या लद्दाख में ही नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्कम और अरुणाचल प्रदेश तक है. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इतनी लंबी सीमा होने के बावजूद इसमें कोई सरहदी निशान नहीं है. यानी असल में इसका कोई नक्शा ही नहीं है.

बस यही चीन और भारत के सीमा विवाद की जड़ है. क्योंकि भारत जिसे एलएसी मानता है. चीन उसे नकार कर अपनी नई एलएसी तैयार कर देता है. और लद्दाख में भी भारतीय और चीनी सैनिकों की ताज़ा झड़प की जड़ में यही है. दोनों देशों के बीच एलएसी को लेकर नक्शे पर कहां-कहां विवाद है. ये आपको बताएंगे लेकिन उससे पहले दोनों देशों के बीच इस मौजूदा विवाद को समझाते हैं.

लद्दाख में काराकोरम पहाड़ियों के निचले हिस्से पर पैंगोंग नाम की ये लेक बहती है. एलएसी के हिसाब से इसका पश्चिमी हिस्सा भारत में और पूर्वी हिस्सा चीन में बहता है. 135 किमी लंबी इस लेक का 45 किमी लंबा हिस्सा फिलहाल भारत के कब्ज़े में हैं और बाकी की 90 किमी लंबी लेक चीन ने अपने कब्ज़े में ले रखी है. मौजूदा विवाद पैंगोंग लेक के इसी पश्चिमी और पूर्वी हिस्से को लेकर है. इसको अगर और करीब से देखने की कोशिश करें. तो पहाड़ों से घिरी ये लेक कुछ इस तरह नज़र आती है. इस तस्वीर में आप हरी और नीले रंग की ये दो लाइन देख रहे हैं. इसमें हरी लाइन वो है जिसे भारत चीन के साथ अपनी अंतर्राष्ट्रीय सीमा मानता है. जबकि ये नीली लाइन वो है जिसे 1962 के युद्ध के बाद एलएसी घोषित किया गया था. लेकिन विवाद इस हरी रेखा पर नहीं बल्कि नीले रेखा पर है.

एलएसी की मौजूदा स्थिति ये है कि भारतीय सेना इस नीली लाइन के इस तरफ है और चीनी सेना दूसरी तरफ.. इस सीमा पर भारत का सबसे नज़दीकी बेस ये है और चीनी सेना का नज़दीकी बेस यहां पर था. मगर अब चीनी सैनिक एक तरफ जहां इस एलएसी को लांघने और भारतीय हिस्से में घुसने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ उसकी टुकड़ियों की हलचल गालवान वैली में भी बढ़ गई है. खबर तो यहां तक है कि चीनी सैनिक गालवान वैली की तरफ से 3 किमी अंदर तक घुस आए थे. जहां दोनों देशों के सैनिकों का टकराव भी हुआ. पिछले 4 महीने में अबतक 170 बार से ज़्यादा चीनी सैनिक एलएसी क्रास करने की कोशिश कर चुके हैं.

गालवान वैली पर चीनी और भारतीय सेना के विवाद को आगे समझेंगे. मगर फिलहाल वापस आते हैं पैंगोंग लेक पर हुए मौजूदा विवाद पर. पैंगोंग लेक के विवाद को समझने के लिए इसे और करीब से देखेंगे. तो आपको बंद मुठ्ठी में उभरने वाले इन निशानों की तरह. पैंगोंग लेक का ये पूरा इलाका ऊपर-नीचे नज़र आएगा. इसीलिए इसे पैंगोंग लेक का फिंगर एरिया कहते हैं. माना जाता है कि लाइन ऑफ एक्चुल कंट्रोल के ईर्द-गिर्द पैंगोंग नदी के फिंगर एरिया में 8 ऊभार हैं. जिन्हें एक से लेकर आठ तक की गिनतियों के नाम से ही जाना जाता है.

मौजूदा दौर में आईटीबीपी की पोस्ट फिंगर फोर के नज़दीक है और चीन का नज़दीकी पोस्ट फिंगर 8 पर है. भारत और चीन को अलग करने वाली एलएसी पैंगोंग लेक के फिंगर-8 से गुज़रती है. मगर चीन का कहना है कि उसके हिसाब के एलएसी पैंगोंग लेक के फिंगर-8 से नहीं बल्कि फिंगर-2 से गुज़रती है. और इसीलिए फिंगर-8 और 2 के दरमियान अक्सर चीन भारतीय सेना से मुठभेड़ की कोशिश करता है.

मतलब साफ है कि चीन भारत की सीमा में घुसकर हमारे इलाकों पर अपना दावा ठोक रहा है. मगर भारत की अस्मिता के अलावा. ये मामला इसलिए भी संजीदा है. क्योंकि पैंगोंग लेक के फिंगर एरिया में घुसने का मतलब रणनीतिक तौर पर चीन की जीत होगी. और तब उसका सामना करना और भी मुश्किल हो जाएगा. इसलिए भारत इस जगह से एक इंच भी पीछे नहीं हटना चाहता है.

आपको बता दें कि पैंगोंग लेक का ये पूरा एरिया नो-मैन लैंड है. यानी यहां ना तो आबादी है और ना ही खेती ही की जा सकती है. चीनी सैनिकों का मुकाबला करने के लिए भारत लगातार इस इलाके में सड़क निर्माण की कोशिश कर रहा है. मगर चीन भारत को इसे बनाने नहीं देना चाहता है. क्योंकि अगर इस सड़क का निर्माण हो गया. तो भारतीय सैनिकों के लिए चीनी सैनिकों से मुकाबले के लिए. बेहद कम वक्त में सपोर्ट पहुंचाया जा सकेगा. इसलिए चीन लगातार इस इलाके में अशांति फैलाकर सड़क निर्माण को रोकने की कोशिश करता रहता है. जबकि कारगिल युद्ध के दौरान जब भारत एक तरफ पाकिस्तान से लड़ रहा था. तो वहीं दूसरी तरफ इस मौके का फायदा उठाते हुए. चीन ने पैंगोंग लेक की फिंगर-4 के आसपास एक सड़क का निर्माण कर लिया था.

25 करोड़ रुपए की रकम प्रधानमंत्री राहत कोष में दान के बाद अब दिहाड़ी मजदूरों के एकाउंट में पैसा ट्रांसफर#

  Himalayauk Bureau New Delhi, 28 May 20; नई दिल्ली: बॉलीवुड सुपरस्टार अक्षय कुमार (Akshay Kumar) हमेशा ही अपनी दरियादिली से लोगों का दिल जीतते रहते हैं. देश पर कोई भी समस्या आए तो अक्षय कुमार सबसे आगे आकर लोगों की मदद करने वाले स्टार्स में शुमार हैं. हाल ही में कोरोनावायरस के कारण हुए लॉकडाउन के तुरंत बाद उन्होंने 25 करोड़ रुपए की रकम प्रधानमंत्री राहत कोष में दान की थी. वहीं अब उन्होंने दिहाड़ी मजदूरों के एकाउंट में पैसा ट्रांसफर करके खुद को रियल हीरो साबित करने के साथ ही लोगों का दिल भी जीत लिया है. 

अक्षय कुमार ने दिहाड़ी मजदूरों की मदद के लिए सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (सिंटा) में 45 लाख रुपए का योगदान दिया है. इस बात की पुष्टि सिंटा के सीनियर ज्वॉइंट सेक्रेटरी अमित बहल ने की है. हाल ही में एक बातचीत में अमित ने कहा, “इस कठिन दौर में मदद के लिए हम अक्षय के बहुत आभारी हैं. यह इनिशिएटिव कार्यकारी समिति के सदस्य और अभिनेता अयूब खान द्वारा लिया गया था. उन्होंने अभिनेता जावेद जाफरी जरिए साजिद नाडियाडवाला और अक्षय कुमार से मदद की मांग की थी.’

अमित ने इसके आगे बताया कि अक्षय कुमार ने किसी भी तरह की बिना देर किए मजदूरों की लिस्ट मांगी. इसके बाद 1500 दिहाड़ी मजदूरों की ओर से आभार के मैसेज आ चुके हैं, जिनकी मदद अक्षय ने की है. अक्षय और प्रोड्यूसर साजिद नाडियाडवाला ने हर सदस्य के अकाउंट में 3 हजार रुपए डाले हैं.

कोरोना की चपेट — दिल्ली पुलिस 246 अभी भी अस्पताल में

Himalayauk Bureau New Delhi, 28 May 20; नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस में अब तक लगभग 450 पुलिस कर्मी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. हालांकि 450 पुलिस कर्मियों में से 196 के लगभग पुलिस कर्मी ठीक होकर वापस काम पर भी लौट चुके हैं. वहीं 246 पुलिस वाले अभी भी अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे हैं. 1200 के लगभग पुलिस कर्मियों के टेस्ट किए गए हैं.

दिल्ली पुलिस के अलग-अलग थानों के 7 एसएचओ कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. दिल्ली के अलग अलग थानों के पुलिस वाले भी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से ज्यादातर ठीक हो चुके हैं. कोरोना की चपेट में सिर्फ निचले रैंक के पुलिस वाले ही नहीं, दिल्ली में अब तक दो आईपीएस भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. शाहदरा जिले के एडिशनल डीसीपी और नार्थ दिल्ली की डीसीपी आईपीएस अधिकारी कोरोना संक्रमित हैं.

अब तक दिल्ली में एक पुलिस कर्मी की कोरोना से मौत हुई है. लगातार पुलिस वालों को हो रहे कोरोना की वजह से कई सवाल उठने लगे हैं कि पुलिस कर्मियों को कोरोना कैसे हो रहा है इसमें पुलिस के सीनियर अधिकारियों का कहना है पुलिस कर्मी ग्राउंड पर फ्रंट वॉरियर के तौर पर काम कर रहे हैं, पुलिस का कहना ही कोशिश तो पूरी की जाती है. कोई कोरोना के सम्पर्क में न आए लेकिन न चाहते हुए भी कोरोना जाने अनजाने कई बार चपेट में ले लेता है. पुलिस द्वारा कोशिश इस बात की भी की जा रही है कि पुलिस कर्मियों का इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग किया जाए, इसके लिए न केवल थानों में योग क्लास शुरू की गई है, बल्कि आयुष मंत्रालय की गाइडलाइंस के हिसाब से काढ़ा भी पुलिस कर्मियों को दिया जा रहा है. मेंटली भी सीनियर अफसर और अलग—अलग अस्पतालों के डॉक्टर्स से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए काउंसलिंग कराई जा रही है.

पुलिस ये भी कोशिश कर रही है कि स्टाफ को अलग-अलग शिफ्ट में काम पर बुलाया जाए, किसी के भी पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर बाकियों को होम क्वारंटाइन किया जा रहा है. अभी अगर कोई पुलिस कर्मी कोरोना से संक्रमित होता है तो उसे दिल्ली पुलिस वेलफेयर फंड से 10 हजार रुपए की तुरंत सहायता दी जा रही है और अगर किसी की मौत कोरोना से होती है तो 10 लाख रुपए परिवार को दिए जाते हैं.

कोरोना की चपेट —  हरियाणा में यदि कोई मास्क लगाए हुए नहीं मिला तो उस पर जुर्माना 

Himalayauk Bureau New Delhi, 28 May 20; नई दिल्ली : कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है. पूरी दुनिया इस वायरस के इलाज के लिए वैक्सीन और दवा खोजने लगी है. इससे बचाव के लिए कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है. सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, साबुन और सैनिटाइजर से नियमित अंतराल पर हाथ साफकर इससे बचा जा सकता है.

कोरोना का संक्रमण छींकने से, खांसने से और खुले में थूकने से फैलता है. इसलिए मास्क पहनने और सार्वजनिक स्थानों पर ना थूकने पर जोर दिया जा रहा है. हरियाणा में यदि कोई मास्क लगाए हुए नहीं मिला तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा. इतना ही नहीं सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर भी दंडित किया जाएगा. हरियाणा सरकार ने यह कदम कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए उठाया है.

देश भर में कोरोना वायरस के मरीजो की संख्या डेढ़ लाख से अधिक हो गई है. इनमें से ज्यादातर ठीक भी हो गए हैं. हरियाणा में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या भी 1300 से अधिक हो गई है. हरियाणा सरकार इस वायरस पर जल्द से जल्द नियंत्रण करना चाहती है. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने घोषणा की है कि यदि राज्य में कोई बिना मास्क के मिला तो उस पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. इतना ही नहीं जो लोग सार्वजनिक जगहों पर थूकते हुए मिलेंगे उन पर भी 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. 

यह महामारी एक अवसर भी साथ लेकर आई है – उद्योगपति गौतम अडाणी

नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी की वजह से आज देश को हुए आर्थिक क्षति का सवाल आज सबसे महत्वपूर्ण है. हालांकि उद्योगपति गौतम अडाणी का मानना है कि यह महामारी एक अवसर भी साथ लेकर आई है. गौतम अडाणी ने गुरुवार को कहा कि कोविड-19 महामारी ने कठिनाइयों के साथ साथ कम कार्बन वाले भविष्य की ओर तेजी से बढ़ने के नए अवसर भी दिखाए हैं. गौतम अडाणी उम्मीद जताई कि आने वाले समय में सौर बिजली उत्पादन के मोड्यूल सस्ते होंगे. लिंक्डइन पर उन्होंने लिखा है कि कोविड-19 चुनौतियों को देखते हुए ऊर्जा क्षेत्र में हरित क्रांति की आवश्यकता महत्वपूर्ण हो गयी है.


अडाणी ने कहा, ‘‘तात्कालिक आर्थिक प्रभाव हमें धीमा कर सकता है, पर हमारे पास अवसर है. हम थोड़ा रूके, पुनर्विवार करें और कम कार्बन वाले भविष्य की ओर तेजी से बढ़ने के लिए योजना तैयार करे.’’ अडाणी ने जनवरी में कहा था कि उनके समूह का लक्ष्य 2025 तक दुनिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा कंपनी और 2030 तक सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी बनना है. समूह की नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता 2500 मेगावाट से अधिक है. वर्ष 2020 में इसके दोगुना हो जाने और 2025 तक 18,000 मेगावाट पहुंच जाने का अनुमान है. कंपनी की 2900 मेगावट की क्षमता निर्माणधीन है.

देश के सबसे बड़े बुनियादी ढांच समूह के प्रमुख ने कहा कि यूरोप में कई ग्रिड आपरेटर मांग में कमी का सामना कर रहे हैं और वे कुल ऊर्जा में नवीकरणीय ऊर्जा का हिस्सा 70 प्रतिशत तक रख कर ग्रिड का प्रबंधन करना सीख रहे हैं. यह अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि कुछ महीने पहले इस प्रकार की परिस्थितियां नहीं थी.

अडाणी ने कहा, ‘‘मांग बढ़ने के साथ उत्पादन संतुलन पूर्व की तरह हो सकता है, पर इस संकट ने नवीकरणीय ऊर्जा का अधिकाधिक उपयोग कर ग्रिड को स्थिर रखने के तरीके के निरीक्षण का एक मौका दिया है. कोविड-19 के बाद हो सकता है कि यह नया चलन हो.’’ उन्होंने कहा कि पिछले 40 साल में सौर मोड्यूल की कीमत 99 प्रतिशत कम हुई है.

अडाणी ने कहा, ‘‘इसको देखते हुए मुझे लगता है कि अगले 40 साल में मोड्यूल का दाम और 40 प्रतिशत घटेगा. इससे बिजली की सीमंत लागत घटकर संभवत: शून्य पर आ जाएगी. इस प्रकार की कटौती का मतलब है कि दो व्यापार मॉडल बने रहेंगे. एक जीवाश्म ईंधन पर आधारित होगा और दूसरा नवीकरणीय ऊर्जा पर. निकट भविष्य में दोनों एक-दूसरे के पूरक होंगे लेकिन दीर्घकाल में चीजें नवीकरणीय ऊर्जा के पक्ष में होंगी.’’

उन्होंने कहा कि जो यह कहावत थी कि नवीकरणीय ऊर्जा पर्यावरण के लिए अच्छा है लेकिन कारोबार के लिहाज से बुरा, वह बीते दिनों की बात होगी. अडाणी ने कहा कि न केवल सौर ऊजा बल्कि प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर नई-नई खोज और बड़े पैमाने पर उपयोग के साथ पवन ऊर्जा की लागत भी उल्लेखनीय रूप से कम होगी. उन्होंने हरित हाइड्रोन की बात की और इसे पासा पलटने वाला बताया.

अडाणी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (आईआरईएनए) के अनुसार स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में 2050 तक रोजगार चौगुना हो सकता है जो अभी 1.2 करोड़ है. रिपोर्ट के अनुसार इस बदलाव में सौर, पवन, बैटरी भंडारण, हरित हाइड्रोजन, कार्बन प्रबंधन और ऊर्जा दक्षता में 2050 तक 19,000 अरब डॉलर के निवेश के अवसर हैं. अडाणी ने कहा, ‘‘भारत नवीकरणीय ऊर्जा के मामले में बेहतर स्थिति में है। हम सौर ऊर्जा के लिये देश में लगभग पूरे साल सूर्य की किरणों का लाभ उठा सकते हैं, लंबा तटवर्ती क्षेत्र पवन ऊर्जा के लिये आकर्षक है.’’

अस्पतालों के दौरे पर सीएम योगी

लखनऊ: यूपी में बढ़ते कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. सीएम योगी खुद राजधानी लखनऊ के अस्पतालों का निरीक्षण भी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री गुरुवार दोपहर अचानक लखनऊ में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल पहुंचे. सीएम ने यहां डॉक्टरों के साथ इमरजेंसी के अलावा दूसरे वार्ड का जायजा लिया. अपने दौरे के दौरान योगी ने सभी डॉक्टर और अधिकारियों को सतर्कता बरतने को कहा, साथ ही उन्होंने इलाज के बेहतर साधनों के प्रयोग करने का निर्देश भी दिया.

सिविल अस्पताल में उन्होंने डॉक्टर चिकित्सा अधीक्षक आशुतोष दुबे से बातचीत भी की. आशुतोष दुबे ने बताया, “मुख्यमंत्री ने सिविल अस्पताल में व्यवस्थाओं का जायजा लिया. उन्होंने मरीजों की बेहतर देखभाल करने के लिए निर्देश दिए हैं. हमने उन्होंने बताया कि अभी तक आइसोलेशन वार्ड में हमारे यहां कुल 93 मरीज आ चुके है. जिसमें 3 मरीज पॉजटिव पाए गए हैं और 8 मरीजों की रिपोर्ट आनी बाकी है.”

इससे पहले सीएम योगी बुधवार को लखनऊ में डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान पहुंचे थे. उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों से बात कर उनका हाल जाना था. इस दौरान उनके साथ चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह भी मौजूद रहे.

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