उत्तराखंड ; 2013 की आपदा जैसा मंजर

APDA 52013 की आपदा जैसा मंजर  – www.himalayauk.org (Newsportal)
भारी बारिश के बाद पिथौरागढ़ और चमोली में शुक्रवार तड़के हुए भूस्खखलन मेंं 34 लोगों की जान चली गई. पिथौरागढ़ मेंं 25 और चमोली मेंं 9 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं. प्रशासन ने भी इसकी आधिकारिक पुष्टि कर दी है. इस घटना पर मुख्यनमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों से बात हो गई है. बचाव दल को रवाना कर दिया गया है. उन्होधेंने बताया कि उनके विधानसभा क्षेत्र धारचूला में भ्‍ाी में काफी नुकसान हुआ है. नोलडा, सिंघालि और बलतडी में बारिश से सबसे ज्या्दा तबाही हुई हैं.

शुक्रवार सुबह पिथौरागढ़ के सिंगहाली में बादल फटा, इससे कई मकान तबाह हो गए और इनके नीचे लोग दब गए। कलेक्टार एचसी सेमवाल ने बताया, ”हमने सिंगहाली गांव से 5 और थाल गांव से 3 शव बरामद किए हैं। सेना और अर्धसैनिक बल राहत और बचाव कार्यों में लगे हुए हैं।” चमोली में भी बादल फटने की घटना हुई। इसके चलते मंदाकिनी नदी के किनारे बसे गोपेश्वमर में कई घर बह गए। बताया जा रहा है कि चमोली में 9 लोगों की मौत हो गर्इ। इनमें से दो लोग सिरो गांव में बरसाती नाले में बह गए। कई और घरों पर भी खतरा मंडरा रहा है।
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उत्तराखंड के पिथौरागढ़, चमोली और चंपावत में बादल फटने से खासे नुकसान की ख़बर है। इस प्राकृतिक आपदा में 12 लोगों की मौत की खबर है। इसके अलावा करीब दो दर्जन लोग लापता बताए गए हैं। इन ज़िलों में मकानों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है।

उत्तराखंड में जारी बारिश की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा मुश्किल हालात पहाड़ी ज़िलों के हैं। चमोली, पिथौरागढ़ और चंपावत में बादल फटने से खासे नुकसान की ख़बर है। पिथौरागढ़ में आई बाढ़ में जहां 20 लोग लापता हुए हैं वहीं चमोली में भी कुछ लोगों के बहने की सूचना है। इसके अलावा मकानों को भी बड़े पैमाने पर क्षति पहुंची है।

केंद्र ने मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से प्रभावित उत्तराखंड में आज राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के बचाव दल भेजने और पहाड़ी राज्य को हर जरूरी मदद उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से फोन पर बात की और पिथौरागढ़ एवं चमोली जिलों में बादल फटने और भारी बारिश के कारण पैदा हुई स्थिति का जायजा लिया। राजनाथ ने रावत को इस स्थिति से निपटने के लिए हर संभव मदद उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया।

गृह मंत्री ने कहा, ‘‘उत्तराखंड में बादल फटने से प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ के दलों को भेजा गया है। एनडीआरएफ के अतिरिक्त दलों को अलर्ट पर भी रखा गया है।’’ गृहमंत्री ने इस आपदा के कारण हुई मौतों पर गहरा दुख जाहिर किया और शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।

जानकारी के अनुसार मौसम विभाग ने उत्तराखंड के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ ही छिटपुट स्थानों खासतौर पर नैनीताल, उधमसिंह नगर और चंपावत जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान भारी वर्षा की चेतावनी दी है।मौसम केंद्र द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में, नैनीताल, उधमसिंहनगर, चंपावत, अल्मोडा, पौडी, हरिद्वार, देहरादून और टिहरी जिलों में कल सुबह से 72 घंटों के दौरान कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश तथा अन्य पांच जिलों में छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी दी गयी है।आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मौसम विभाग की इस चेतावनी के मद्देनजर संबंधित जिला प्रशासन को मुस्तैद रहने के निर्देश जारी कर दिये गये हैं।

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और चमोली जिले के विभिन्न हिस्सों में आज तड़के भारी बारिश होने और बादल फटने से कम से कम 12 लोगों के मारे जाने की सूचना है. जबकि दर्जनों घर जमींदोज हो गये. मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका जताई गई है.
उत्तराखंड मे तेज बारिश और सैलाब से कई शहरों में हालात बिगड़ गए हैं. पिथौरागढ़ और चमोली में बादल फटने से 30 लोगों के मौत की आशंका जताई जा रही है. जबकि 18 लोगों शव बरामद किए जा चुके हैं. भारी बारिश के कारण ऋषिकेश-बद्रीनाथ मार्ग पर तोता घाटी के निकट नेशनल हाईवे पर चट्टान आ गिरी, जिससे हाईवे बंद हो गया. मानसून के आते ही उत्तराखंड में आफतों का दौर भी शुरू हो गया. बागेश्वर में नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया हैं. नैनीताल में रात से रुक-रुककर बारिश हो रही है. जानकारी के मुताबिक,बादल फटने के कारण पिथौरागढ़ में 9 और चमोली में 9 लोगों की मौत हुई है. सड़कों के क्षतिग्रस्त होने के कारण राहत एवं बचाव के काम में बाधा आ रही है. कई गांवों का सड़क संपर्क पिथौरागढ़ के डीडीहाट में सबसे अधि‍क 5 लोग मारे गए हैं, जबकि नौलाड़ा में के चिफलवाकुमल्गोनि में एक मकान पहाड़ी से आए मलबे में दब गया. इससे एक ही एक ही परिवार के तीन सदस्य दब गए. बस्तड़ी में मलबे में दबे 4 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. सिंगाली, दाफिला, बस्तड़ी और नौलाड़ा क्षेत्र में बादल फटने से जमीन से पानी निकल रहा है. कितने लोग मलबे में और दबे हैं इसकी वास्तविक संख्या का पता नहीं चल सका है. नेशनल हाईवे को चालू करने में जुटे कर्मी
ऋषिकेश-बद्रीनाथ मार्ग पर तोता घाटी के निकट हाईवे पर सुबह करीब 4 बजे चट्टान आ गिरी. इससे यह मार्ग बंद हो गया. फिलहाल चट्टान को हटाने का काम जारी है. प्रभारी थानाध्यक्ष देवप्रयाग हीरामणि पोखरिया ने बताया कि क्षेत्र में रात से ही भारी बारिश जारी है. जेसीबी की मदद से रास्ते को दुरुस्त करने का काम जारी है, फिलहाल मार्ग बंद होने से दोनों ओर लंबा जाम लग गया है.

सिंघली में बादल फटने से आठ की मौत
पिथौरागढ़ जिले के सिंघली क्षेत्र में बादल फटने से आठ लोगों की मौत हुई है. जबाकि 25 अन्य लापता हो गये हैं. वहीं गोपेश्वर जिले के सिरोन गांव में दो व्यक्ति और सिथेल गांव में एक व्यक्ति गीली मिट्टी के साथ बह गये. एक अन्य की मौत भारी बारिश की चपेट में आकर हो गई.
चलाये जा रहे हैं तलाशी अभियान
पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी हरीश चंद्र सेमवाल ने कहा, ‘हमने सिंघली क्षेत्र से पांच शव बरामद किये हैं और थल गांव से भी तीन शव मिले हैं. सेना और अर्धसैनिक बलों के कर्मियों की मदद से चलाये जा रहे तलाशी अभियान के जरिये अन्य शव निकालने का प्रयास किया जा रहा है.’
स्थिति पर प्रशासन की नजर
उन्होंने बताया कि बादल फटने से प्रभावित गांवों में लापता हुए लोगों की तलाश के लिये पूरे क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. इसके साथ ही जरूरी राहत कार्य के लिए तमाम टीमों को भेज दिया गया है. प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है.
कई मकान जमींदोज
सेमवाल ने कहा कि पिथौरागढ़ जिले में बादल फटने से प्रभावित हुए सात गांवों में कई मकान जमींदोज हो गये. मौके पर मौजूद पिथौरागढ़ के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी आर एस राणा ने बताया कि जिले के डीडीहाट क्षेत्र के सिंघली क्षेत्र के सात गांवों से लापता हुए करीब 25 लोगों की तलाश चल रही है.
तलाश में लगे जवान
भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और जिला पुलिस की मदद से उन्हें ढूंढ़ने के प्रयास किये जा रहे हैं. आपदा प्रबंधन अधिकारी के मुताबिक, क्षेत्र के सिंघली के अलावा पटथाकोट, ओगला और थल गांव बादल फटने से प्रभावित हुए हैं जहां कई लोग मलबे में दब गये हैं.
दो घंटे के भीतर 100 मिलीमीटर बारिश
राणा ने बताया कि बचाव दल उन्हें ढूंढ़ने और बाहर निकालने में जुटे हुए हैं. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में केवल दो घंटे के भीतर 100 मिलीमीटर बारिश होने के चलते बादल फटने से 50 वर्ग किलोमीटर के इलाके में व्यापक तबाही हुई है. इलाके के लोगों का भी कहना है कि पिछले 100 साल में पहली बार क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर बादल फटने की घटना सामने आयी है.
गीली मिट्टी के साथ बहे
उधर, चमोली के उपजिलाधिकारी एसके बरनवाल ने कहा कि जिले के घाट क्षेत्र में एक व्यक्ति के मरने की सूचना मिली है. एक अन्य व्यक्ति सिथेल में गीली मिट्टी के साथ बह गया. दो अन्य व्यक्ति सिरोन गांव में बह गये.

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उत्तराखंड में हुई बारिश ने कहर बरपा दिया है| यहां चमोली और पिथौरागढ़ में बादल फटने से दर्जनों लोग मलबे में दब गए हैं और कई लोग लापता हो गए हैं| वहीं बदरीनाथ हाईवे भी मलबा आने से जगह-जगह बंद हो गया है| बदरीनाथ से गौचर में बीच करी‌ब तीन हजार यात्रियों को सुरक्षित स्था नों पर रोका गया है|
गुरुवार रात से हो रही बारिश ने उत्तराखंड के चमोली और पिथौरागढ़ जिले में तबाही मचा दी है| पिथौरागढ़ ‌जिले के बतसड़ी, सिगली और नोल्डा में बादल फटने की घटना हुई है| जिससे कई घरों के जमींदोज होने की सूचना है| इस घटना में 30 लोगों के जिंदा दफन होने की आशंका जताई जा रही है| पांच के शव निकाले जा चुके हैं| फिलहाल, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है|
कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले के नाचनी में बारिश से आए मलबे में तीन लोगों के दबे होने की सूचना है| बागेश्वर के कपकोट में छह सड़कें बंद होने से जन जीवन प्रभावित हो रहा है| जिले के समा और धन्नार गांव में दो मकानों ध्वस्तम हो गए हैं| बीसा में आठ दुकानों में मलबा घुसने से तबाही मच गई है|
वहीं चमोली में घाट ब्लॉक के जाखड़ी गांव में बादल फटने से चीख पुकार मच गई| बादल फटने की घटना के बाद गांव के चार लोगों के लापता हो गए| दसोली ब्लॉक के ‌‌सिरों गांव के बीच से बहने वाले गदेरे में ऊफान आने से दो लोग बह गए| इनके शव बरामद किए जा चुके हैं|
रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़कर 622.350 एम पहुंच गया है| वहीं ऊखीमठ में गुरुवार देर रात से शुक्रवार सुबह तक 27 एमएम दर्ज की गई| जखोली में शुक्रवार सुबह तक 1.55 एमएम ‌बारिश रिकॉर्ड की गई है| अलकनंदा और मंदाकिनी ऊफान पर है| मौसम विभाग के अलर्ट के बाद गुरुवार देर रात उत्तराखंड के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में मेघ जमकर बरसे|

गढ़वाल के पहाड़ी इलाकों मे भारी बारिश के कारण अलकनंदा ऊफान पर आ गई और 2013 की आपदा जैसा मंजर आंखों के सामने फिर से आ गया| नदी किनारे रहने वाले लोग खौफ में आकर अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थामन पर चले गए हैं| चमोली जनपद के घाट विकास खंड में नंदाकिनी नदी में बाढ़ आने से पुराने बाजार में स्थित दो मकान बह गए| एक बच्चे और बुजर्ग के बहने की भी खबर है|
घाट विकास खंड में नदी के तेज बहाव के कारण कई भवन भी खतरे की जद में आ गए हैं| वहीं बीएसएनल की संचार सेवा भी ठप हो गई है| प्रशासन के अधिकारियों से संपर्क नहीं हो पा रहा है|
गोपेश्वर में गुरुवार रात्रि से हो रही बारिश से नदियां और गदेरे ऊफान पर आ गए हैं| नदियों से घाट और दशोली ब्लॉक के गांवों में काफी नुकसान होने की सूचना है|
चमोली जिले में कई जगह हाईवे बंद हो गए हो गए| चमोली के पास हाईवे पर सैकडों तीर्थ यात्रियों के फंसने की खबर है| वहीं सिरोली गांव में दो लोगों के लापता होने की खबर है| वहीं श्रीनगर में अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है| नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थाोन पर पहुंचाया गया है|
चमोली मे भारी बारिश का कहर– कल देर रात से हो रही लगातार बारिश के कारण चमोली के घाट, पीपलकोटी, फरस्वाण फाट, चमोली, कोठियाल सैण, सहित कई इलाकों मे भारी नुकसान हुआ है । लोगों ने किसी तरह रातभर रत्त जग्गा किया। लोग सहमे हुये है । लोगों के घरों मे पानी घुस गया है । घाट पुराने कस्बे मे कुछ दुकानें बहने की सूचना और दो पुल बहने की सूचना । भारी बारिश से अलकनंदा, नन्दाकिनी ऊफान पर। कर्णप्रयाग संगम में पानी बढ़ा । बारिश से अधिकांश सम्मर्पक मार्ग और लिंक रोड पूरी तरह बंद। I लगातार जारी; संजय चौहान ने यह जानकारी दी है
वही
उत्तराखंड सरकार का आपदा तंत्र एक बार फिर असफल साबित हुआ; आर्मी को बुलाया गया:
मुख्यमंत्री हरीश रावत का बयान
पिथौरागढ़ में आर्मी भी बचाव कार्य में जुटी; इससे पहले केदारनाथ आपदा के दौरान भी तत्कालिन मुख्य मंत्री ने सेना की मदद ली थी;
?? सबसे पहले, सबसे तेज़…..लाखों लोगों तक;

उत्तराखंड में सिर्फ एक दिन की बारिश ने जलजला ला दिया: हमेशा की तरह इस बार भी सरकारी इंतजामात नकारा: उत्तराखंड में 6 माह से राजनितिक कुश्ती में मशगूल है बीजेपी तथा कांग्रेस सरकार;- बरसात की तैयारियों की किसे थी चिंता? वही
पिथौरागढ़ जनपद में रात भर हुई भारी बारिश,सडीडीहाट के सिंघाली क्षेत्र के बस्र्तडी,दयालकोट व गैराड में तबाही, 35 से अधिक लोग मलबे में दफन, बस्र्तडी में मिटा पूरे गांव का नामो निशान कई मकान , चार शव निकाले,धारचूला मागॆ कनालीछीना के समीप कई जगह मलबा आने से बंद, डीडीहाट से राहत टीम व आईटीबीपी पहुंची
एक के बाद एक दुखद खबर; इसे बिग ब्रेकिंग कहना भी गलत होगा अब तो; ये जरूर कहा जा सकता है की कुदरत एक ही रात में क्यों सब कुछ तहस नहस करने पर उतारू हो गई है: अभी प्राप्त समाचार के अनुसार ; बागेश्वर के अमस्यारी गांव में बिजली गिरने से एक की मौत।
Big Breaking: नेपाली सिम से खबर प्राप्त की जा रही है मुख्यमंत्री की विधान सभा में; रुक रुक कर गंभीर तथा भयावह खबरे मिल रही है जिसको हिमालयायूके न्यूज़ पोर्टल देश विदेश तक पहुचाने में लगा है;
Important message ,,, ओगला क्षेत्र में बस्तड़ी गांव से 3 km पैदल रस्ते में sikhadi village गाव में तीन बच्चे दबे होने पर गॉव वाले द्वारा स्वंय सर्च करते समय दुबारे 2 घंटे पहले landslide आने से लगभग 15 से ज्यादा लोगो के दबने की सूचना नेपाली सिम के माध्यम से प्राप्त हुई है वही ;
एक रात की बरसात ने पुरे उत्तराखंड में त्राहिमाम की स्थिति पैदा की# पहली बरसात में खुली आपदा प्रबंधन की पोल# क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को नही है कोई सरोकार#उत्तराखंड वन विकास निगम के अध्यक्ष हरीश धामी बैठकों में मशगूल: आम जन के लिए दुर्लभ है CM के खासमखास सलाहकार ‪#‎पिथौरागढ़‬:-बीएसएनएल सेवा ठप होने से राहत व बचाव कार्य प्रभावित#
पिथौरागढ़ के बतसडी में बादल फटने से दर्जनों घर जमीदोंज 30 लोगो के जिंदा दफन होने की सूचना,5 के शव मिले ,कई लापता#
बड़ा सवाल-मौसम विभाग के अलर्ट के वावजूद हादसे को रोकने के लिए प्रशासन ने क्यों नही उठाए ठोस कदम
वही दूसरी और
Exclusive photo ;
केदारनाथ की आपदा भी उस समय कमतर करके आकी गई थी; उस समय सूबे का तत्कालीन महाबली नौकरशाह ने तो इस बात की खिल्ली उड़ाई थी की केदारनाथ की आपदा इतनी बड़ी बताई जा रही है; स्मरण रहे हिमालयायूके न्यूज़ पोर्टल ने केदारनाथ आपदा की भयावहता को सबसे पहले विश्व स्तर तक पहुचाया था: जिसके बाद नेशनल चैनल ने इसको पकड़ा;
बड़ी खबर
पिथौरागढ़ के बतसडी में बरसात का कहर कई घर जमीदोज , 20 लोग जिन्दा दफन , 5 के शव निकले गए रेस्क्यू जारी,

मुख्यमंत्री उत्तराखंड की विधान सभा में कुदरत का कहर; राजनेता; तथा सूबे के बड़े अधिकारी दिल्ली में मीटिंग में है व्यस्त; हाहाकार मचा उत्तराखंड के पहाड़ो में ; अभी तो बरसात शुरू हुई है: पिक्चर तो अभी पूरी बाकी है: जनता की तबाही की;-
बिग ब्रेकिंग ; उत्तराखंड में नदिया कहर बरपाने को तैयार; भारी बरसात से पहाड़ में ख़तरा: वही बीजेपी तथा कांग्रेस नूरा कुश्ती में मस्त: एक दूसरे को कोसने; आपस में राजनितिक प्रतिद्वन्दिता में मस्त; सड़के बंद होने; खानपान की सामग्री पहाड़ो में न पहुच पाने तथा आम जन के दुखदर्द से नहीं है इनको कोई वास्ता; वही
अलकनंदा खतरे के निशान से ऊपर।
चमोली जिले के विभिन्न स्थानों पर बादल फटने से भारी तबाही, घाट ब्लाक में तीन लोगों के बहने की आशंका। अलकनंदा, सहायक नदियां उफान पर: अनेक सड़के बंद। नंदप्रयाग में भी तबाही;-जबकि
पिथौरागढ़ जनपद में हालात ख़राब ; मुख्य मंत्री जी की बिधान सभा में कुदरत का कहर: डीडीहाट और मुनस्यारी तहसील की सीमा रेखा कुमालगोनी में गुरुवार रात मौसम ने कहर बरपाया। मध्य रात्रि के आसपास गाँव के उपरी हिस्से में बादल फटने से गाँव के मध्य नाला बन गया जिससे गाँव में अफरा तफरी मच गयो। ग्रामीणों ने अपने गोशालाओं में बंधे जानवर खोल दिए और खुद जंगल की तरफ भाग गये। इअ दौरान बच्ची राम ,उसका पुत्र मनोज कुमार,और पत्नी पारवती देवी घर से बहार नही निकल पाए। मकान पूरा बह गया। तीनों का कोई पता नही है और उसकी गोशाला में बधीं 60 बकरियां और दर्जनों जानवर मलबे के साथ बह चुके हैं। उधर सिंगली के बस्तड़ी गाँव में बादल फटने से बहे मकानों की अभी तक जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी है। इस गाँव में काफी अधिक क्षति हुई है। 7-8 मकानों के बहने की सुचना है। प्रशासन का कोई भी कारिंदा यहाँ नहीं पहुंचा है।
प्रस्तुति :
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पिथौरागढ़ और चमोली जिले में गत दिवस से हो रही भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने की घटना में मृत लोगों के प्रति गहरा दु:ख व्यक्त किया है और उनके परिजनों को दो-दो लाख रुपए की राहत राशि देने की घोषणा की है. एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि यह दु:खद घटना है और राज्य सरकार इस घड़ी में प्रभावितों के साथ खड़ी है.
उन्होंने जिलाधिकारियों को घायलों को त्वरित उपचार उपलब्ध कराने और उन्हें राहत राशि शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं. रावत ने संबंधित जिलाधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के साथ ही गढ़वाल और कुमाउं, दोनों मण्डलों के आयुक्तों को निर्देश दिये हैं कि वे प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों की स्वयं निगरानी करें.
रावत ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन के सहयोग के लिए राज्य आपदा मोचन बल (एस.डी.आर.एफ) .को तत्काल रवाना किया जाए. उन्होंने कहा कि प्रभावितों की सहायता के लिए हेलीकॉप्टर भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को प्राकृतिक आपदा की घटनाओं की जानकारी मुख्य सचिव को निरंतर उपलब्ध कराने और नदियों के किनारे निवास करने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने को भी कहा है.
गौरतलब है कि मौसम विभाग ने कल उत्तराखंड के अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ ही छिटपुट स्थानों, खास तौर पर नैनीताल, उधमसिंह नगर और चंपावत जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी. यहां मौसम केंद्र द्वारा कल शाम जारी एक विज्ञप्ति में, नैनीताल, उधमसिंह नगर, चंपावत, अल्मोडा, पौडी, हरिद्वार, देहरादून और टिहरी जिलों में आज सुबह से 72 घंटों के दौरान कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश और अन्य पांच जिलों में छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी दी गयी है.मौसम विभाग की इस चेतावनी के मद्देनजर संबंधित जिला प्रशासन को मुस्तैद रहने के निर्देश जारी कर दिये गये थे.।

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