मार डालाेगे क्या पहाड के लोगों को
#बरसात से आपदा से, बच गये तो भूखे मर जायेगें ये पहाड के लोग 16 जुलाई शनिवार को भारी बारिश ;बद्रीनाथ जाने वाला राजमार्ग बंद # आज 16 जुलाई को दो टीवी चैनलों को इम्पैनल कर 50-50 लाख के विज्ञापन के रिलीज आर्डर महज इसलिए दिये गये कि पहाड की असलियत सामने न आने पाये- जबकि अन्य चैनलों को 1-1 करोड का पैकेज- किसलिये- पहाड की जनता की आवाज गूंज न पाये- बरसात से आपदा से, बच गये तो भूखे मर जायेगें ये पहाड के लोग – ये फ्रांस के लोग नही है जहां 84 मारे गये तो देश भर में इमरजैंसी लगा दी गयी, उत्तराखण्ड में जून 2013 की केदार आपदा मे तो 40 हजार से ज्यादा मारे गये तब कुछ नही हुआ-
15 दिन बाद भी नंदप्रयाग- घाट मोटर मार्ग -बंद है, सोशल मीडिया में आवाज उठी हैं, रास्ता तो खुलवा दो, मार डालाेगे क्या पहाड के लोगों को, 30 जून की रात के बाद 15 दिन व रातें गुजर चुकी हैं परन्तु हालात में एक इंच का सुधार नहीं आया है #आधे-अधूरे खुदे पहाड़ और पहाड़ पर लटकते बोल्डर और सड़क किनारे पड़ा मलबा बरसात में कभी भी जोखिम का सबब #पहाड़ों की रानी मसूरी में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त #हल्द्वानी चोरगलिया के बीच एक प्राइवेट बस बह# बिन्दुखत्ता के कुरियाखत्ता गांव में चार मवेशी बहने #काठगोदाम नैनीताल मार्ग के बीच गुलाब घाटी में मलबा #धारीदेवी मंदिर के निकट थैलीसैंण गांव में 8 घर पानी में बह गए#धारीमंदिर को जाने वाली पुलिया से सटे रास्ते पर पुश्ता धंसने से दरारें #अलकनन्दा नदी के बहाव से धारीदेवी मंदिर और धारी झूला पुल पर भी खतरा #गंगोत्री और यमनोत्री हाईवे पर सफर जोखिम भरा #दिल्ली के यात्रियों की कार तब बोल्डर लगने से खाई में जा गिरी#जब वे सड़क पर गिरे पत्थरों को हटा रहे थे# मसूरी दून मार्ग कैंपटी मार्ग में कई जगह मलबा आने से यातायात पर असर# presents by: www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal)
जून 2013 की केदार आपदा के तीन साल के बाद भी यह संकट खत्म होने के बजाए गहरा रहा है. आपदा उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के लिए एक सचाई है. आपदा के अनुमान के लिए राज्य में 64 ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन स्थापित किए जाने थे, लेकिन अब तक सिर्फ चार ही लग सके हैं. डॉप्लर रडार स्टेशन मौसम की सटीक भविष्यवाणी के लिए राज्य में वर्षों से स्थापित किए जाने के इंतजार में ही रह गए. मलबे में जिंदा दबे व्यक्तियों की तलाश में सहायक हीट सेंसर उपकरणों की खरीद अब भी इस प्राधिकरण द्वारा नहीं की जा सकी है. राहत और बचाव अभियान में जीपीएस प्रणाली का उपयोग भी प्रभावी ढंग से अब तक नहीं हो पाया है.
उत्तराखंड के अधिकतर इलाकों में 16 जुलाई शनिवार को भारी बारिश हुई जिसके कारण जनजीवन प्रभावित हुआ, जबकि भूस्खलन के कारण पहाड़ से चट्टानों के गिरने के चलते बद्रीनाथ जाने वाला राजमार्ग बंद हो गया और तीर्थयात्रा बाधित हुई. शनिवार की सुबह से हो रही जोरदार बारिश की वजह से ऊफनाए हल्द्वानी चोरगलिया के बीच पड़ने वाले सूर्या नाले में आज एक प्राइवेट बस बह गई है. बस में सवार दो दर्जन से अधिक यात्रियों को स्थानीय युवकों ने अपनी जान जोखिम में डालकर बड़ी मुश्किलों से बाहर निकाला. बारिश थमते ही सिटी मजिस्ट्रेट हरवीर सिंह ने हल्द्वानी से क्रेन बुलाकर बस निकालने के निर्देश दिए है. इसके आलावा बारिश की वजह से बिन्दुखत्ता के कुरियाखत्ता गांव में चार मवेशी बहने की सूचना है और काठगोदाम नैनीताल मार्ग के बीच गुलाब घाटी में मलबा आने की भी सूचना मिली है. जिला प्रशासन के मुताबिक नेशनल हाइवे को मलबा हटाने के निर्देशजारी कर दिए गए है.
श्रीनगर गढ़वाल से 17 किलोमीटर दूर धारीदेवी मंदिर के निकट थैलीसैंण गांव में अलकनन्दा नदी के जलस्तर बढ़ने से आठ घर पानी में बह गए, जबकि पास में ही मौजूद एक मंदिर भी पानी में डूब गया पौराणिक सिद्धपीठ धारीमंदिर को जाने वाली पुलिया से सटे रास्ते पर पुश्ता धंसने से दरारें पड़ गई हैं. मंदिर सम्पर्क मार्ग पर पड़ी दरारों पर यदि जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो कभी भी लगातार होते भूधंसाव से किसी भी दिन मंदिर का सम्पर्क अन्य क्षेत्रों से कट सकता है. लगातार तेज होते अलकनन्दा नदी के बहाव से धारीदेवी मंदिर और धारी झूला पुल पर भी खतरा मंडरा रहा है. नदी में बहकर आ रहे विशालकाय पेड़ों की लगातार धारीदेवी मंदिर के पिलरों पर लगती टक्कर से मंदिर में कम्पन पैदा हो रहा है. पुल के दूसरी तरफ के एबेडमैंट के किनारों तक पानी आने से धारीदेवी मंदिर के क्षतिग्रस्त होने की आंशका बनी हुई है.
मौसम विभाग ने विशेषकर आपदा की आशंका वाले पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली और रूद्रप्रयाग जिलों सहित राज्य के पहाड़ी इलाकों में अगले 48 घंटों में बहुत भारी बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है. यहां मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ आने, बादल फटने और भूस्खलन हो सकती है. इसके मद्देनजर लोगों को चौकस रहने को कहा गया है.
लगातार जारी बारिश के कारण गंगोत्री और यमनोत्री हाईवे पर सफर जोखिम भरा हो गया है. कब कहां पहाड़ी से पत्थर गिर जाएं या फिर कब कहां सड़क धंस जाए कहा नहीं जा सकता. शुक्रवार सुबह गंगोत्री हाईवे पर भटवाड़ी में दिल्ली के यात्रियों की कार तब बोल्डर लगने से खाई में जा गिरी, जब वे सड़क पर गिरे पत्थरों को हटा रहे थे.
ऐसी दुर्घटनाएं आए दिन होने लगी हैं. यमनोत्री हाईवे पर बर्नीगाड और नौगांव के बीच शुक्रवार सुबह सडक का पुश्ता धंसने के कारण सामान से भरा यह ट्रक खाई में गिरते-गिरते बचा. ट्रक के फंसने के कारण यहां घंटो तक जाम लगा रहा.
करीब हप्ते भर पहले एक मामला यमनोत्री हाईवे का ही है. तुनाल्का में यात्रियों से भरा यह टेंपो ट्रेवलर बाल-बाल बचा. ट्रेवलर के पहुंचते ही भरभराकर चट्टान आ गिरी. वहीं रैथल-नटीण मार्ग पर यात्रियों से भरी यह बुलेरो चंद कदम दूरी ही थी कि रास्ते पर पूरी चट्टान टूट पड़ी.
आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यदि ये वाहन चपेट में आते तो क्या होता. बहरहाल, यदि आप यात्रा पर हैं तो जरा संभलकर गंगोत्री, यमनोत्री हाईवे का सालों से चौड़ीकरण कार्य चल रहा है.आधे-अधूरे खुदे पहाड़ और पहाड़ पर लटकते बोल्डर और सड़क किनारे पड़ा मलबा बरसात में कभी भी जोखिम का सबब बन सकते है. सुनील नवप्रभात की ईटीवी के लिए रिपोर्ट –साभार
पहाड़ों की रानी मसूरी में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है.टिहरी मोटर मार्ग पुरी तरह से बंद हो गया.जिससे मार्ग के दोनो और वाहनों की लंबी कतारे लग गई है.
शहर के लक्ष्मणपुरी के पास करीब पचास मीटर पुश्ता गिरने से बस्ती को खतरा हो गया है.साथ ही मसूरी दून मार्ग कैंपटी मार्ग में कई जगह मलबा आने से यातायात पर असर पड़ा है पर्यटक स्थल कंपनी गार्डन में बिजली के पोल पर पेड़ गिरने से बिजली की लाईन क्षतिग्रस्त हो गई है जिससे पुरे क्षेत्र की बिजली गुल हो गई..जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है.
शहर के बाटाघाट के पास भूस्खलन से आवासीय भवन को खतरा हो गया है.साथ ही सड़क में भी दरार पड़ गई है.पिक्चर पैलेसे के निकट बड़े मोड़ के पास सड़क पर बारिश से भारी मलबा आने से लोगो को परेशानी उठानी पड़ी.
बारिश का असर शहर के पर्यटन व्यवसाय पर भी पड़ है.शहर में आए सैलानी या तो होटलों में कैद हो गए. या फिर वापस जाने लगे है.
नगर पालिका की नालियां बंद होने से पानी सड़को पर बहने लगा है.जिससे लोगो की परेशानी बढ़ गई.पालिका अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने कहा कि बारिश रुकने के बाद ही शहर की बंद नालियों को खोलने का काम शुरु किया जाएगा.