UTTRAKHAND BJP; अजय भट्ट की बात मुख्यमंत्री को चुभ गई ?
UTTRAKHAND BJP; संगठन और सरकार के बीच तनातनी
अजय भट्ट की बात मुख्यमंत्री को चुभ गई और उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को उनकी हदें बताने में देर नहीं की.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने हाल ही में कहा था कि बिना सुविधाओं और तैयारियों के गैरसैंण में सत्र आयोजित नहीं करवाना चाहिए. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि गैरसैंण में सत्र कराना या न कराना सरकार की ज़िम्मेदारी है गैरसैंण को उत्तराखंड की स्थायी राजधानी बनाए जाने को लेकर लंबे समय से मांग की जा रही है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने अव्यवस्थाओं का हवाला देकर गैरसैंण में शीतकालीन सत्र बुलाए जाने पर असहमति व्यक्त की थी.
गैरसैंण में स्थाई राजधानी राज्य में कांग्रेस और बीजेपी के बीच एक-दूसरे पर आरोप लगाने का मुद्दा बना रहा है. इस बार भी गैरसैंण विधानसभा सत्र को लेकर बयानबाज़ी के केंद्र में है लेकिन मामला कुछ अलग सा है. इस बार बीजेपी, कांग्रेस के बीच नहीं बल्कि भाजपा संगठन और प्रदेश सरकार के बीच गैरसैंण को लेकर बयानबाज़ी चल रही है और ऐसा लग रहा है कि बीजेपी सरकार और संगठन में सब-कुछ ठीक ठाक नहीं है.
उत्तराखंड की राजधानी तो गैरसैंण नहीं बनी लेकिन सत्ता तक पहुंचने की चाबी गैरसैंण में ज़रूर है. चुनाव और विधानसभा सत्र आहूत किए जाते ही गैरसैंण का मुद्दा गरम हो जाता है. गैरसैंण को लेकर राजनीति कर भाजपा, कांग्रेस और यूकेडी जैसे राजनैतिक दलों ने चुनाव जीते हैं.
लेकिन इस बार विधानसभा देहरादून में आहूत किए जाने के बाद कांग्रेस-बीजेपी में कोई विवाद नहीं हुआ और तो और नेता प्रतिपक्ष ने सरकार के फ़ैसले का समर्थन कर दिया. लेकिन गैरसैंण के मुद्दे को जैसे बिना विवाद के चैन ही नहीं पड़ता. अब भाजपा संगठन और भाजपा सरकार ही गैरसैंण को लेकर आमने सामने हो गए. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने हाल ही में कहा था कि बिना सुविधाओं और तैयारियों के गैरसैंण में सत्र आयोजित नहीं करवाना चाहिए. इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि गैरसैंण में सत्र कराना या न कराना सरकार की ज़िम्मेदारी है. दरअसल त्रिवेंद्र सरकार दो बार गैरसैंण में विधानसभा सत्र आयोजित कर चुकी है. शायद इसीलिए अजय भट्ट की बात मुख्यमंत्री को चुभ गई और उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को उनकी हदें बताने में देर नहीं की.
गैरसैंण में सत्र कराए जाने को लेकर संगठन और सरकार के शीर्ष नेताओं में यह बयानबाज़ी हो सकता है अब आगे न बढ़े लेकिन इससे संगठन और सरकार के बीच तनातनी तो जगज़ाहिर हो ही गई है. निकाय चुनाव में दो मजबूत निगमों में हार के बाद से बीजेपी पहले हही भितरघात और निष्ठा के सवाल से जूझ रही है. ऐसे में सरकार और संगठन के शीर्ष पर बैठे दोनों नेताओं के बीच इस बयानबाज़ी का असर पार्टी पर पड़ना तय है.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि गैरसैंण में फिलहाल सत्र की जरूरत नहींं है. उनके इस बयान के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष में सियासी संग्राम देखने को मिल रहा है.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के बयान पर विपक्षी दोलों ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने अजय भट्ट को उनके पुराने बयानों की याद दिलाते हुए बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. साथ ही इस मसले को दिसम्बर में होने वाले विधानसभा सत्र में कांग्रेस द्वारा उठाए जाने का भी दावा किया.
उत्तराखण्ड क्रांति दल के नेताओंं ने तो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के बायन को न सिर्फ प्रदेश की जनता का अपमान बताया, बल्कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही सरकार से इस्तीफे की मांग की है. यूकेडी नेता लताफत हुसैन ने अजय भट्ट से जनता से माफी मांगने की भी मांग की है.
गैरसैंण को उत्तराखंड की स्थायी राजधानी बनाए जाने को लेकर लंबे समय से मांग की जा रही है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने अव्यवस्थाओं का हवाला देकर गैरसैंण में शीतकालीन सत्र बुलाए जाने पर असहमति व्यक्त की है.
विधानसभा का शीतकालीन सत्र गैरसैंण की जगह देहरादून में कराने को लेकर सरकार को अब विपक्ष का भी साथ मिल गया है. नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा है कि गैरसैंण में अभी पर्याप्त व्यवस्थाएं उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए ठंड के समय में वहां विधानसभा का सत्र आयोजित कराना ठीक नहीं होगा. उन्होंने कहा कि इस मौसम में विधानसभा का सत्र हर हाल में देहरादून में ही होना चाहिए.
उत्तराखंड में निकाय चुनाव के नतीजे आने के कुछ ही दिन हुए कि गैरसैंण में विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुलाए जाने के मसले पर बहस शुरू हो गई थी. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा था कि गैरसैंण में विधानसभा के सत्र की जरूरत नहीं है. अजय भट्ट के इस बयान के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष में सियासी संग्राम छिड़ गया था.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के बयान पर विपक्षी दलों ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया था. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने अजय भट्ट को उनके पुराने बयानों की याद दिलाते हुए बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था. साथ ही इस मसले को दिसंबर में होने वाले विधानसभा सत्र में कांग्रेस द्वारा उठाए जाने की बात भी कही थी.
उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के नेताओं ने तो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के बयान को न सिर्फ प्रदेश की जनता का अपमान बताया बल्कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही सरकार से इस्तीफे की मांग कर डाली थी. यूकेडी नेता लताफत हुसैन ने अजय भट्ट से जनता से माफी मांगने की भी मांग की थी.
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