UK: बीजेपी हाईकमान ने सरकार, संगठन में कर डाला आमूलचूल परिवर्तन; 2 उपचुनाव की कसौटी
शुक्रवार 12 मार्च 21 को राजभवन में राज्यपाल श्रीमती बेबीरानी मौर्य ने कैबिनेट मंत्रियों एवं राज्य मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में राज्यपाल ने मंत्री श्री सतपाल महाराज, श्री हरक सिंह रावत, श्री यशपाल आर्य, श्री सुबोध उनियाल, श्री अरविंद पाडेय, श्री बंसीधर भगत, श्री गणेश जोशी, श्री बिशन सिंह चुफाल को कैबिनेट मंत्री एवं श्रीमती रेखा आर्य, श्री धनसिंह रावत और स्वामी यतीश्वरानंद को राज्य मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
कौशिक को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के पीछे मैदानी क्षेत्र में विधानसभा की 19 सीटों को साधने के अलावा किसान आंदोलन की तपिश थामने की रणनीति
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इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने सभी कैबिनेट एवं राज्य मंत्रियों को बधाई देते हुए कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि मंत्रिमंडल के सभी सहयोगी आपसी समन्वय के साथ प्रदेश के विकास में प्रतिबद्धता के साथ काम करेंगे और एक नए उत्तराखंड का निर्माण करेंगे ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को विकास के पथ पर निरंतर अग्रसर बनाए रखने के लिए आपका सहयोग मिलता रहेगा, इसका मुझे पूरा विश्वास है। प्रदेश के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। सकारात्मक ऊर्जा के साथ समन्वय और सहयोग से हम सभी प्रदेश के विकास के नए प्रतिमान स्थापित करेंगे।
तीरथ कैबिनेट में आज चार नए चेहरे, पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, हरिद्वार ग्रामीण के विधायक स्वामी यतीश्वरा नंद, डीडीहाट से विधायक बिशन सिंह चुफाल और मसूरी विधायक गणेश जोशी को शामिल किया गया है। तीरथ कैबिनेट में बंशीधर भगत, यशपाल आर्य, सतपाल महाराज, अरविंद पांडेय, हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल, बिशन सिंह चुफाल और गणेश जोशी को बतौर कैबिनेट मंत्री शामिल किया गया है। जबकि रेखा आर्य, धनसिंह रावत और स्वामी यतीश्वरा नंद को राज्यमंत्री के तौर पर जगह दी गई। विधायक यतीश्वरानंद ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली। वर्तमान में ये हरिद्वार ग्रामीण से विधायक हैं
आलाकमान ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को हटाकर संकेत दे दिए। उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में भी फेरबदल भी किया जा सकता है। कुमाऊं की महत्वपूर्ण सीट सल्ट के उपचुनाव के लिए भी सियासत गरमा गई है। भाजपा विधायक सुरेंद्र जीना के निधन के कारण कुमाऊं की सल्ट सीट रिक्त है। यह सीट पहले कांग्रेस के कब्जे में ही थी और 2017 के चुनाव में भाजपा के सुरेंद्र जीना ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। अब इस सीट पर उपचुनाव जल्द होने की संभावना है। तीरथ सिंह रावत को छह महीने के अंदर विधानसभा में चुनकर आना है। तीरथ सिंह रावत चुनाव लड़ सकते हैं। इनमें डोईवाला, श्रीनगर और कोटद्वार विधानसभा सीट प्रमुख हैं। भाजपा मुख्यमंत्री को इन तीनों में से किसी एक सीट पर उपचुनाव लड़ा सकती है।
एक विकल्प यह है कि भाजपा डोईवाला विस सीट खाली करे और वहां से विधायक पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पौड़ी लोस सीट से उपचुनाव लड़ाए। पौड़ी संसदीय सीट में शामिल श्रीनगर और कोटद्वार में से कोई एक सीट तीरथ के लिए खाली की जा सकती है।
शुक्रवार को उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व में पूरा मंत्रिमंडल अस्तित्व में आ गया। शुक्रवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में 11 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। इनमें आठ कैबिनेट व तीन राज्य मंत्री शामिल हैं। प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए पूर्व मंत्री मदन कौशिक के अलावा त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों को तीरथ की टीम में शामिल किया गया है। चार नए मंत्रियों में भाजपा अध्यक्ष पद सेहटने वाले बंशीधर भगत, बिशन सिंह चुफाल, गणेश जोशी एवं स्वामी यतीश्वरानंद के नाम शामिल हैं।
उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर गुजरे शनिवार से चल रही राजनीतिक हलचल के बाद पौड़ी गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने इसी बुधवार को राज्य के 10वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। शुक्रवार शाम उनके मंत्रिमंडल के 11 सदस्यों को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
कैबिनेट मंत्री के रूप में सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, सुबोध उनियाल, अरविंद पांडेय, बंशीधर भगत, बिशन सिंह चुफाल व गणेश जोशी ने कैबिनेट मंत्री तथा धनसिंह रावत, रेखा आर्य, स्वामी यतीश्वरानंद ने राज्यमंत्री पद की शपथ ली। पिछली कांग्रेस सरकार में शामिल रहे कांग्रेस पृष्ठभूमि के सभी पांचों मंत्रियों को तीरथ मंत्रिमंडल में जगह मिली है। कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय ने संस्कृत में शपथ ली। सबसे पहले राज्यपाल ने सतपाल महाराज को कैबिनेट मंत्री के रूप में पद की शपथ दिलाई।
सरकार में अप्रत्याशित तरीके से नेतृत्व परिवर्तन के बाद प्रदेश भाजपा नेतृत्व में भी बदलाव कर दिया गया है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने त्रिवेंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री और प्रवक्ता का दायित्व निभाने वाले हरिद्वार से विधायक मदन कौशिक को प्रदेश भाजपा की कमान सौंपी है। कौशिक के गुरुवार को दिल्ली दौरे और वहां केंद्रीय नेताओं से मुलाकात के बाद शुक्रवार सुबह उनकी नियुक्ति कर दी गई। वह निवर्तमान अध्यक्ष बंशीधर भगत का स्थान लेंगे।
भाजपा हाईकमान ने प्रदेश सरकार के बाद पार्टी के प्रांतीय नेतृत्व में भी परिवर्तन कर फिर से चौंकाया है। पहले यह माना जा रहा था कि गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपने के बाद राज्य में पार्टी संगठन को यथावत रखा जाएगा, लेकिन अब हाईकमान ने इसमें भी नेतृत्व परिवर्तन कर दिया है। राज्य गठन के बाद से लगातार चौथी बार हरिद्वार का प्रतिनिधित्व कर रहे विधायक मदन कौशिक को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह पूर्व में सरकार के साथ ही संगठन में विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं।
एक रोज पहले ही पूर्व कैबिनेट मंत्री कौशिक ने अचानक दिल्ली पहुंचकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम समेत अन्य केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की थी। शुक्रवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा द्वारा कौशिक को उत्तराखंड भाजपा का अध्यक्ष बनाने के संबंध में राष्ट्रीय महासचिव एवं मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह ने नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया। इसके साथ ही यह भी साफ हो गया कि तीरथ कैबिनेट में कौशिक शामिल नहीं होंगे। अलबत्ता, निवर्तमान अध्यक्ष बंशीधर भगत को सरकार में जिम्मेदारी मिलने जा रही है।
बिशन सिंह चुफाल
बिशन सिंह चुफाल पिथौरागढ़ की डीडीहाट सीट से विधायक हैं. पांच बार के विधायक चुफाल पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व की सरकारों में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. हालांकि पिछली त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में चुफाल मंत्री नहीं बन पाए, लेकिन बदले हुए सियासी समीकरणों में चुफाल की वरिष्ठता को देखते हुए उनके मंत्री बनने की चर्चा तेज है. तीरथ सिंह रावत कैबिनेट में जगह पाने वालों की रेस में में बीजेपी के सीनियर विधायक बिशन सिंह चुफाल का नाम शामिल है. चुफाल उत्तराखंड उन गिने-चुने विधायकों में शामिल हैं, जो लगातार 5 वीं विधायक बनें हैं. ग्राम प्रधान से राजनीति का सफर शुरू करने वाले चुफाल उत्तराखंड की सियासत में मुख्यमंत्री को छोड़कर सभी सरकार और संगठन में सभी अहम पदों पर काबिज हो चुके है.डीडीहाट विधानसभा के विधायक बिशन सिंह चुफाल ने अपने राजनीतिक करियर का आगाज ग्राम प्रधान से किया, जिसके बाद चुफाल डीडीहाट ब्लॉक के प्रमुख भी रहे. 1996 में चुफाल ने पहली बार बीजेपी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा था और पहली बार ही वे जीतने में सफल भी रहे.
1996 में चुफाल ने विधानसभा का जो सफर शुरू किया था वो आज भी जारी है. उत्तराखंड बनने के बाद अंतरिम सरकार में बिशन सिंह को कुमाऊं मंडल विकास निगम के अध्यक्ष का जिम्मा मिला, लेकिन चुफाल सूबे की सियासत में 2007 के बाद चमके. 2007 में खंडूरी सरकार में उन्हें वन, पंचायतराज, परिवहन और सहकारी जैसे अहम विभागों का जिम्मा मिला. 3 सालों तक विभिन्न विभागों में कैबिनेट मंत्री रहने के बाद चुफाल को उत्तराखंड बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया गया. त्रिवेन्द्र सरकार में भी ये उम्मीद थी कि चुफाल को मंत्रीमंडल में शामिल किया जाएगा, लेकिन उनकी लाख कोशिशों के बाद ये सम्भव नहींं हुआ. नतीजा ये रहा कि चुफाल ने त्रिवेन्द्र सरकार के खिलाफ खुला मोर्चा ले लिया.
मुन्ना सिंह चौहान
मुन्ना सिंह चौहान बीजेपी के तेजतर्रार विधायक हैं. वह चार बार के विधायक हैं. देहारादून के विकासनगर से विधायक मुन्ना सिंह चौहान को पार्टी का विद्वान नेता माना जाता है. फिलहाल वह प्रदेश बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता हैं. तीरथ सिंह रावत सरकार में उनके मंत्री बनने की चर्चा जोर पकड़े हुए है.
अरविंद पांडे
संघ पृष्ठभूमि के अरविंद पांडे बीजेपी के वरिष्ठ विधायक हैं. ऊधम सिंह नगर की गदरपुर सीट से विधायक अरविंद पांडे त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में शिक्षा और खेल मंत्री रहे. तराई में मजबूत पकड़ और संघ के पुरानी जड़ों के कारण उनका तीरथ सिंह रावत मंत्रिमंडल में शामिल होना लगभग तय माना जा रहा है.
हरक सिंह रावत
वर्तमान में कोटद्वार से विधायक हरक सिंह रावत साल 2017 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए. हरक सिंह पूर्व की कांग्रेस सरकारों में भी मंत्री रहे हैं. साथ ही त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में वन, श्रम के साथ ही आयुष विभाग के भी मंत्री रहे. श्रम विभाग में कामकाज को लेकर वो विवादों में भी रहे. त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में मंत्री रहते वो कभी भी संतुष्ट नहीं रहे. आरोप लगे कि उन्हीं के विभाग के अधिकारी उनकी अनदेखी कर रहे हैं.
सुबोध उनियाल
टिहरी की नरेंद्र नगर सीट से विधायक सुबोध उनियाल साल 2017 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए. बीजेपी के जीतने वाले 57 विधायकों में से एक उनियाल भी थे. त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में वो कृषि मंत्री रह चुके हैं. मंत्री रहते हुए उनके त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ अच्छे संबंध रहे. उनियाल के भी दोबारा मंत्री बनने की चर्चा तेज है.
यशपाल आर्या
ऊधम सिंह नगर के बाजपुर से विधायक यशपाल आर्या कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे, लेकिन साल 2017 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए. दलित पृष्ठभूमि से आने वाले यशपाल आर्या पूर्व में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री भी रहे. बीजेपी में शामिल होने के बाद 2017 में बनी त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व वाली सरकार में उन्हें परिवहन और समाजकल्याण विभाग का मंत्री बनाया गया. हालांकि इस सरकार में यशपाल आर्या कटे-कटे से रहे. उनके विभाग के अधिकारी भी उनकी नहीं सुनते थे. यशपाल आर्या सरकार में ज्यादा तवज्जो न मिलने से परेशान भी रहे, लेकिन दलित पृष्ठभूमि में होने के कारण तीरथ कैबिनेट में शामिल होने की चर्चा गर्म है.
सतपाल महाराज
सतपाल महाराज उत्तराखंड के वरिष्ठ राजनेताओं में से एक हैं. साल 2014 में लोकसभा चुनावों से पहले ही सतपाल महाराज से कांग्रेस सांसद रहते हुए पार्टी छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए. महाराज इस समय पौड़ी की चौबट्टाखाल विधानसभा सीट से विधायक हैं और त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में सिंचाई और पर्यटन मंत्री रहे. हालांकि त्रिवेंद्र सरकार में उनकी हैसियत नंबर दो की थी, लेकिन उनकी त्रिवेंद्र सिंह से खटास रही. त्रिवेंद्र के हटने के बाद महाराज का नाम मुख्यमंत्री की रेस में भी रहा, लेकिन तीरथ सिंह को मुख्यमंत्री बना दिया गया. उम्मीद है कि तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व वाली सरकार में महाराज को अहम पोर्टफोलियों दिया जा सकता है.
धन सिंह रावत
श्रीनगर से बीजेपी विधायक धन सिंह रावत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से आए नेता हैं. बीजेपी में आने से पहले वो बीजेपी के संगठन महामंत्री रह चुके हैं. धन सिंह रावत वैसे तो त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में राज्यमंत्री थे, लेकिन उनका जलवा कैबिनेट मंत्रियों से भी ज्यादा था. संघ में मजबूत पकड़ और लगातार दौड़ने-भागने वाले धन सिंह रावत का तीरथ सिंह रावत सरकार में मंत्री बनना तय माना जा रहा है.
रेखा आर्या
कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस में रहीं रेखा आर्या अल्मोड़ा की सोमेश्वर विधानसभा से विधायक हैं. त्रिवेंद्र सिंह सरकार में रेख आर्या पशुपालन और महिला कल्याण विभाग की राज्यमंत्री रहीं. इस दौरान उनके अधिकारियों के साथ हुए विवादों ने सरकार की बहुत किरकिरी की, लेकिन दलित और महिला चेहरा होने के कारण रेखा आर्य का नाम तीरथ सिंह सरकार के बनने वाले मंत्रियों की रेस में शामिल है.
महेंद्र भट्ट
महेंद्र भट्ट बीजेपी के युवा विधायकों में से एक हैं. चमोली जिले की बदरीनाथ विधानसभा से विधायक महेंद्र भट्ट बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. साथ ही पार्टी की मेन बॉडी में भी पदाधिकारी रहे हैं. भट्ट तीरथ सिंह रावत के लिए उपचुनाव में अपनी सीट खाली करने का भी दावा कर चुके हैं. गढ़वाल के ब्राह्मण चेहरे होने की वजह है भट्ट का मंत्री मंडल में शामिल होने वाले विधायकों की लिस्ट में नाम चल रहा है.
ऋतु खंडूरी
पौड़ी गढ़वाल की यमकेश्वर विधानसभा से विधायक ऋतु खंडूरी पूर्व सीएम बीसी खंडूरी की बेटी हैं. वो बीजेपी महिला मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष हैं. महिला और ब्राह्मण चेहरा होने की वजह से ऋतु खंडूरी राम नाम मंत्री बनने वालों की रेस में शामिल हैं.
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