उत्तराखण्ड ; मुख्यमंत्रियों के चुनाव हारने का मिथक और दल के अन्य दावेदार कैसे नही चाहेगे & खटीमा का रिपोर्ट कार्ड क्या कह रहा है
उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्रियों के चुनाव हारने का मिथक है। धामी को सबसे बड़ा खतरा अपने ही दल के भीतरघातियों से हो सकता है। उनकी कम उम्र के कारण उन्हें राजनीति में लम्बी रेस का घोड़ा माना जा सकता है ऐसे में पार्टी के अन्य दावेदार कैसे नही चाहेगे कि उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्रियों के चुनाव हारने का मिथक पूरा न हो
वही दूसरी ओर खटीमा में मामला कडा होता जा रहा है
वही दूसरी ओर खटीमा में मामला कडा होता जा रहा है, 28 जनवरी 22 खटीमा विधानसभा क्षेत्र कुटरा के ग्रामप्रधान पति विक्की राणा जी एवं समीर राणा जी (मंगल ) ने भाजपा छोड़कर अपने सैकड़ों साथियों के साथ कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा नेता पूर्व ग्राम प्रधान साबिर शाह जी,नासिर जी,बाबू भाई,फौजी भाई,जफर भाई,आम आदमी पार्टी के नेता जसविंदर जी,बसपा के जिला प्रभारी शेर मोहम्मद जी,भाजपा नेता राजेश मल्ल जी,ने अपने सैकड़ों साथियों के साथ कांग्रेस की सदस्यता ली।
खटीमा की बिजली, पानी, सड़क, नाली निर्माण समेत कुल 34 समस्याएं मुख्य समस्याये
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री निरन्तर 2012 और 2017 में हारते रहे। प्रदेश की नजर उधमसिंहनगर की खटीमा सीट पर लगी हुई है। इस सीट पर मुख्यमंत्री धामी का मुकाबला कांग्रेस के भुवनचन्द्र कापड़ी पर है। इन दोनों का मुकाबला 2017 में भी इस सीट पर हो चुका था। उस चुनाव में भयंकर मोदी लहर के बावजूद भुवनचन्द्र कापड़ी केवल 2,709 मतों से हारे थे। खटीमा सीट पर दोनों प्रतिद्वन्दी प्रत्याशियों के पक्ष और विपक्ष में समीकरण बन और बिगड़ रहे हैं। दोनों प्रतिद्वन्दियों में एक के नकारात्मक समीकरण दूसरे के लिए सकारात्मक बने हुए हैं। धामी को एण्टी इनकम्बेंसी और हार का मिथक सता रहा है किसान आन्दोलन और खास कर सिखों की नाराजगी उनको भारी पड़ सकती है।
अब तक राज्य में हुए चार चुनावों में भाजपा और कांग्रेस बारी-बारी से सत्ता में आते रहे हैं। अगर यही मिथक नहीं टूटा तो इस बार सत्ता में कांग्रेस की बारी है। चार चुनावों में दो बार चुनाव अभियान का नेतृत्व तत्कालीन मुख्यमंत्रियों ने किया और दोनों ही बार उनकी पार्टियां भी हारीं और वे स्वयं भी हारे। मुख्यमंत्रियों को हराने वाला उत्तराखण्ड तीसरा राज्य बना था और लगातार हराने वाला देश का पहला राज्य है बना।
नवम्बर 2000 में जब उत्तराखण्ड राज्य का गठन हुआ तो नए प्रदेश की शासन व्यवस्था चलाने के लिए अंतरिम विधानसभा और अंतरिम सरकार बनाई गई। अंतरिम विधानसभा में उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश विधानसभा और विधान परिषद के 30 सदस्यों को शामिल किया गया। उस समय के अंतरिम मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी 2002 का विधानसभा चुनाव कपकोट सीट से तो जीत गए मगर उनकी पार्टी चुनाव हार गई और साथ ही प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री नित्यानन्द स्वामी पहले विधानसभा चुनाव में देहरादून की लक्ष्मण चौक सीट से हार गए। भाजपा के वरिष्ठतम् नेता और पूर्व मंत्री केदारसिंह रावत ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि उस समय कोश्यारी के अलावा मुख्यमंत्री पद के समस्त दावेदार नित्यानन्द स्वामी, रमेश पोखरियाल निशंक और वह स्वयं चुनाव हार गए थे।
राज्य के पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनी तो 2007 में हुए दूसरे विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार बन गई। इस सरकार के मुख्यमंत्री भुवनचन्द्र खण्डूड़ी ने भारी मतों से धूमाकोट सीट से उप चुनाव जरूर जीता मगर वह पौड़ी गढ़वाल की कोटद्वार सीट पर कांग्रेस के सुरेन्द्र सिंह नेगी से 4,623 मतों से हार गए। उनके साथ ही भाजपा भी सरकार बनाने से चूक गई। देश में मुख्यमंत्री रहते हुए चुनाव हारने वाले भुवनचन्द्र खण्डूड़ी तीसरे नेता थे। उत्तराखण्ड में भुवनचन्द्र खण्डूड़ी के बाद मुख्यमंत्री रहते हुए हार का सिलसिला हरीश रावत ने 2017 में जारी रखा। वह एक से नहीं बल्कि दोनों सीटों से चुनाव हार गए। उन्हें हरिद्वार ग्रामीण से भाजपा के यतीश्वरानन्द ने 12,278 मतों से तथा उधमसिंहनगर की किच्छा सीट पर राजेश शुक्ला ने 2,127 मतों से पराजित किया। इसी वर्ष गोवा के लक्ष्मीकान्त पारसेकर मुख्यमंत्री रहते हुए हारने वाले देश के पांचवें मुख्यमंत्री बने। उन्हें कांग्रेस के दयानन्द सोप्ते ने मान्द्रेम सीट पर 7,119 मतों से हराया था।
खटीमा का रिपोर्ट कार्ड; कुल 34 समस्याएं मुख्य समस्याये ; मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, मैं आज एक बार फिर से अपने उस प्रण को दोहराता हूं कि मैं सदैव खटीमा के विकास के लिए समर्पित रहूंगा. वही मुख्यमंत्री के गांव के लोगों का कहना है कुछ काम अभी गांव में होने हैं उनको किया जाना जरूरी है. उम्मीद है कि वे इसबार जीतकर उन कामों को पूरा करेंगे.
खटीमा की बिजली, पानी, सड़क, नाली निर्माण समेत कुल 34 समस्याएं मुख्य समस्याये
खटीमा: बहुद्देशीय शिविर में मिट्टी भरान, भू-कटाव रोकने, ट्रांसफार्मर लगाने, विद्युत पोल, राशन कार्ड, पंचायत भवन, पुलिया निर्माण, नाली निर्माण, एनएच 125 बाइपास हैंडपंप, बिजली बिल सही करने की मांग फरियादियों ने उठायी पर इन शिविरों का आमजन को कोई लाभ नही पहुंच पाया है।
मुख्यमंत्री विधानसभा खटीमा शहर में जाम बेलगाम हो गया है। आए दिन जाम की वजह से जनजीवन की रफ्तार थम सी गई है। शहर में थोड़ी दूरी तक जाने में काफी समय लग जा रहा है। आलम यह है कि शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह फेल होकर रह गई है। खराब यातायात व्यवस्था की वजह से लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मुख्य मार्ग पर अमूमन पूरे दिन जाम रहना अब आम बात हो गई है। इससे निजात पाने के लिए कोई ठोस पहल होती नहीं दिखाई दे रही है। शहर में जाम की समस्या से निजात पाने में अब तक प्रशासन लाचार साबित हो रहा है। बाइपास नहीं होने से यातायात व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर गई है। अव्यवस्थित ढंग से संचालित होने वाली निजी बसें, टुकटुक, टेंपो व छोटे-बड़े वाहनों के अलावा पार्किंग के अभाव में बैंकों व अन्य प्रतिष्ठानों के आगे व मुख्य सड़कों के किनारे खड़े होने वाले वाहन जाम बढ़ाने का काम कर रहे हैं। टनकपुर, सितारगंज, पीलीभीत व मेलाघाट मार्गो पर दिन भर जाम के हालात रहते हैं। मुख्य चौक पर वाहनों की लंबी कतारें लगती है। इसके चलते पैदल आने-जाने वाले लोगों व वाहनों में बैठे मुसाफिरों को खासी परेशानी होती है। यह हालात मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड की विधानसभा के मुख्य शहर के हैं,
सड़क के दोनों ओर से अतिक्रमण हटाए जाने के बाद भी शहरवासियों को जाम के झाम से मुक्ति नहीं मिल पा रही है। शहर के सभी प्रमुख मार्गो पर यातायात व्यवस्था पटरी से उतरी हुई दिखाई देती है।
क्या हुआ तेरा वादा; वो कसम वो इरादा;; जनता ने पूछा
08 Jan 2022 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा से प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में आयोजित बहुउद्देशीय शिविरों को वर्चुअली संबोधित किया था सीएम ने खटीमा क्षेत्र की 74.32 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया, जिसमें 41.45 करोड़ का शिलान्यास एवं 32.87 करोड़ की योजनाओं को लोकार्पण शामिल है। साथ ही 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को मोबाइल टैबलेट और महिलाओं को महालक्ष्मी किटें प्रदान की गईं। सीएम धामी ने कहा कि जनपद में लगभग 500 करोड़ की लागत से एम्स का सैटेलाइट सेंटर स्थापित किया जा रहा है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्यवासियों को बड़ी सौगात ऋषिकेश एम्स हैं। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना, राज्य में अटल आयुष्मान योजना को स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि बताया। कहा कि टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन के लिए भारत सरकार से सर्वे की अनुमति मिल चुकी है। 2024 तक ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का निर्माण पूरा हो जाएगा। खटीमा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लगातार दैवी आपदा, भूस्खलन, अतिवृष्टि आदि से उत्तराखंड को बचाने के लिए भारत सरकार के सहयोग से शीघ्र अनुसंधान केंद्र खोला जाएगा।
इसके उपरांत खटीमा चटिया में आयोजित मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में कुछ महिलाएं भीड़ के साथ नारेबाजी करतीं हुईं कार्यक्रम स्थल पर पहुंचीं। पुलिस ने उन्हें शांत रहने एवं उनकी सीएम से बात कराने की बात कही, लेकिन दलित बैकवर्ड मुस्लिम मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष नूरी हिना के नेतृत्व में वहां पहुंचीं महिलाएं नारेबाजी करतीं हुईं प्रदर्शन करने लगीं थी।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि
07 Jan 2022 प्रदेश के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में सरकारी कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें राज्य सरकार की पांच साल की उपलब्धियों को साझा किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को खटीमा में सरकार के 05 साल ‘नये इरादे-युवा सरकार’ प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में लगभग 74 करोड़ 32 लाख की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिसमें 41 करोड़ 45 लाख के शिलान्यास एवं 32 करोड़ 87 लाख की योजनाओं के लोकार्पण शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच सालों में डबल इंजन की सरकार में जनहित में अनेक कार्य हुए हैं। सड़क कनेक्टिविटी, रेलवे कनेक्टिविटी एवं हवाई कनेक्टिविटी में तेजी से विस्तार हुआ है। स्वास्थ्य सुविधाओं, लंबे समय से लंबित प्रकरणों एवं अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अनेक कार्य हुए हैं। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केदारनाथ का पुनर्निर्माण किया गया है। बदरीनाथ में भी 250 करोड़ रूपये की योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। भारतमाला श्रृंखला के अन्तर्गत भी अनेक सड़कों पर कार्य चल रहा है। पिछले पांच वर्षों में केन्द्र सरकार से राज्य के लिए एक लाख करोड़ रूपये से अधिक परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं।
धरातल पर कुछ नही हुआ
मुख्यमंत्री ने कहा था कि 06 माह पूर्व उन्हें राज्य के मुख्य सेवक की जिम्मेदारी दी गई। इन 06 माह में जनहित में 600 से अधिक निर्णय लिए गए। राज्य सरकार अन्त्योदय के सिद्धान्त पर कार्य कर रही है। समाज के अन्तिम पंक्ति पर खड़े लोगों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं चलाई जा रही हैं। राज्य में सीमित संसाधन होने के बावजूद भी कोरोना काल में लोगों की परेशानियों को देखते हुए हर क्षेत्र में लोगों को राहत देने का कार्य किया गया। प्रतियोगी परिक्षाओं में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों को आयुसीमा में एक वर्ष की छूट दी गई। अनेक पदों पर भर्ती प्रक्रिया तेजी से गतिमान हैं। पुलिस विभाग में भी 1734 पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। राज्य में नई खेल नीति लाई गई है।
खटीमा कर्मभूमि रही पर धरातल पर कुछ नही हुआ
मुख्यमंत्री ने कहा कि खटीमा उनकी कर्मभूमि रही है। इस क्षेत्र के विकास के लिए हर संभव प्रयास किए गए हैं। इस क्षेत्र को शिक्षा का हब बनाने के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं। क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय, कैन्टीन की सुविधा एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र जनजाति बहुल क्षेत्र है, इसके दृष्टिगत क्षेत्र में एकलव्य आवासीय विद्यालय खोला गया है। भारत सरकार की कैबिनेट में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है कि भारत एवं नेपाल को जोड़ने वाले पुल का निर्माण 03 साल के अन्दर पूर्ण किया जाएगा।
एक छोटे से मजदूर को न्याय
सीएम की विधानसभा में ऊर्जा निगम में नाबालिग श्रमिक हाईटेंशन लाइन पर पोल पर चढ़कर कार्य कर रहा था। तभी अचानक पोल भरभराकर दो हिस्सों में टूट गया। जिसमें पवन नीचे आ गिरा। पोल टूटने के दौरान एक हिस्सा उसके सिर पर आ गिरा। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
मुख्यमंत्री के गह जनपद में उपखनिज के खेल में करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी के मामले की जांच रिपोर्ट पूरी नहीं;; 22-24 स्टोन क्रशर के संचालक के पीछे कौन
रुद्रपुर 12 Jan 2022 :जांच के नाम पर मामले को लटकाने में कुछ अधिकारी माहिर होते जा रहे हैं। पांच माह बाद भी उपखनिज के खेल में करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी के मामले की जांच रिपोर्ट पूरी नहीं हो सकी है। रुद्रपुर एआरटीओ से वाहनों की सत्यापन रिपोर्ट प्रशासन को मिल गई,मगर काशीपुर एआरटीओ दफ्तर से अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। आखिर कौन अधिकारी इस मामले में मेहरबान हैं, जो टैक्स चोरी करने वालों को बचाने में लगे हैं। इस से लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। जांच में करीब 22-24 स्टोन क्रशर के संचालक दायरे में आ रहे हैं।
करोड़ों रुपये का चूना सरकार को लगाया
यूएस नगर में बाजपुर, सुल्तानपुर पट्टी, सितारगंज, किच्छा, शांतिपुरी में अवैध खनन होता है। करीब पांच माह पहले मामला उजागर हुआ था कि पिथौरागढ़ सहित यूएस नगर में स्कूटी, ई-रिक्शा, टेंपो, स्कूटर, कार के नंबर पर भी उपखनिज की निकासी की गई। इस मामले की तत्कालीन जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने तत्कालीन एडीएम वित्त उत्तम सिंह चौहान को जांच कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई। तत्कालीन उपनिदेशक खान विभाग दिनेश कुमार ने पिथौरागढ़, रुद्रपुर एआरटीओ, काशीपुर एआरटीओ व पुलिस से वाहनों की सत्यापन रिपोर्ट मांगी थी। तत्कालीन डीएम रंजना का ट्रांसफर हो जाने के बाद जांच अधर में लटक गई है। सूत्र के मुताबिक खान विभाग ने एआरटीओ से कई बार रिपोर्ट मांगी, मगर रिपोर्ट अभी तक नहीं दी गई। बताया जा रहा है कि जांच के दायरे में बाजपुर के कई स्टोन क्रशर संचालक आएंगे। जिन्होंने करोड़ों रुपये का चूना सरकार को लगाया है। आखिर एआरटीओ काशीपुर किसके दवाब में जांच रिपोर्ट नहीं सौंप रहे हैं। जबकि परिवहन विभाग की वेबसाइट पर वाहनों के नाम व नंबर दर्ज हैं, जिन्हें आसानी से सत्यापन किया जा सकता है। जिला खनन अधिकारी अमित गौरव ने बताया कि अभी तक एआरटीओ काशीपुर से रिपोर्ट नहीं आई है।
मुख्यमंत्री के गह जनपद में स्वरोजगार करने के लिए लोन नही
रुद्रपुर जनपद में स्वनिधि योजना में आम लोगों को स्वरोजगार करने के लिए बैंक लोन देने में कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद भी आनाकानी कर रहे हैं। इसको लेकर नगर आयुक्त विशाल मिश्रा ने मंगलवार को नगर निगम कार्यालय में नगर पालिका खटीमा, नगर पंचायत गूलरभोज, नगर पालिका सितारगंज व नगर पालिका किच्छा के अधिशासी अधिकारी व प्रतिनिधि की बैठक ली। योजना की समीक्षा में पाया गए कि बैंक आवेदकों को काफी परेशान कर रहे हैं। वहीं कई ब्लाकों ने अपने लक्ष्य को अब तक पूरा नहीं किया है।
स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए महिलाओं को शून्य ब्याज दर पर ऋण;; सब वादे हुए हवा हवाई
खटीमा: स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए महिलाओं को शून्य ब्याज दर पर ऋण दिया जाएगा। जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष योगेंद्र रावत ने शुक्रवार को कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर बैठक की। जिसमें कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा पांच दिसंबर को महिला समूह को शून्य ब्याज दर पर एक से तीन लाख तक के ऋण का वितरण किया जाएगा। जिसका उद्देश्य महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध करा कर आत्मनिर्भर बनाना है। टीवीएस के अध्यक्ष गोपाल बोरा ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से युवाओं को व्यापार, रोजगार मुहैया करवाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्होंने महिलाओं से केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न लाभकारी योजनाओं का लाभ उठाने का आह्वान किया।
20 Dec 2021 मुख्यमंत्री के जनपद में बेरोजगारी का यह आलम
रुद्रपुर : स्थायी नौकरी की मांग को लेकर सिडकुल स्थित अशोका लीलैंड कंपनी के प्रशिक्षुओं का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कलक्ट्रेट गेट पर प्रदर्शन कर कंपनी प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश जताया। इसके बाद उन्होंने डीएम को ज्ञापन सौंपकर समस्या का समाधान कराने की मांग की।
कंपनी के करीब करीब सौ प्रशिक्षु सोमवार को कलक्ट्रेट पर पहुंचे तो पहले से ही तैनात पंतनगर थाना पुलिस ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया। इससे नाराज होकर उन्होंने धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की। बाद में एसडीएम प्रत्यूष सिंह ज्ञापन लेने धरना स्थल पर आए तो प्रशिक्षुओं ने ज्ञापन देने से मना कर दिया। कहा कि डीएम को ही ज्ञापन देकर समस्या से अवगत कराया जाएगा। मामला बढ़ता देख एक प्रतिनिधिमंडल दल डीएम युगल किशोर पंत से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तराखंड मुक्त विवि व अन्य विश्वविद्यालयों से डिप्लोमा किया गया तो विवि व कंपनी के एचआर हेड के बीच वार्ता हुई थी कि डिप्लोमाधारियों को सोमवार से शनिवार तक कंपनी में और रविवार को मुक्त विवि की शाखा स्मार्ट स्किल्स सेंटर हल्द्वानी में अध्ययन कराया जाएगा। तीन साल ट्रेनिग व कोर्स पूरा होने के बाद योग्यता के आधार पर कंपनी में उन्हें स्थायी नौकरी दी जाएगी। आम पर ट्रेनिग के लिए पांच से 10 हजार रुपये मानदेय पर रखा गया था। ट्रेनिग के बाद भी स्थायी नौकरी नहीं मिली। बाद में पता चला कि उन्हें चार साल के लिए बेस बांड में रखा गया है। कुछ लोगों से नौ साल तक काम लिया गया। उन्हें स्थायी नौकरी देने की बजाय कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। कहा कि कंपनी का ट्रेनिग प्रमाण पत्र भी अन्य कंपनियों में मान्य नहीं है। बेरोजगार होने के कारण उनके सामने आर्थिक संकट गहरा गया है। उन्होंने कहा कि यदि स्थायी नौकरी जल्द नहीं मिली तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
खटीमा सफाई कर्मचारियों को सिर्फ छला जा रहा है
खटीमा : छह माह का बकाया भुगतान समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सफाई कर्मचारी दूसरे दिन भी सांकेतिक धरने पर डटे रहे। उन्होंने पालिका प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।
उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ से जुड़े कर्मी मंगलवार को पालिका में एकत्र हुए। वहां मांगों को लेकर 11 से दो बजे तक सांकेतिक धरना देते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों को सिर्फ छला जा रहा है। वे अब इसमें फंसने वाले नहीं हैं। अपनी मांगों को मनवाकर ही दम लेंगे। कोविड काल में भी, जबकि आम जन घरों के अंदर थे, उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना नगर को स्वच्छ रखने का जिम्मा बखूबी निभाया। फिर भी उनकी समस्याओं के समाधान को लेकर गंभीरता कतई नहीं बरती जा रही है। पर्यावरण मित्रों का छह माह का बकाया वेतन भुगतान, समान कार्य समान वेतन, महिला पर्यावरण मित्रों को वर्दी, मृतक आश्रित के तहत नियुक्त कर्मियों को उनकी शिक्षा के अनुरूप कार्य, लिपिक वर्ग में पदोन्नति, सफाई कर्मियों की संख्या में बढ़ोतरी, पालिका कर्मियों को आवास आवंटन समेत सेवानिवृत्त कर्मियों के सभी देयकों का भुगतान एकमुश्त करने की मांग वे उठा रहे हैं। संघ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष गौरव ने चेतावनी दी कि समय रहते उनकी मांगों का निदान न किया तो संगठन उग्र आंदोलन करेगा। इस बीच अधिशासी अधिकारी मनोज कुमार ने सफाई कर्मियों को वार्ता के लिए बुलाया है। अब देखना है कि इसका क्या परिणाम निकलता है।
बगुलिया गांवों के 200 परिवार जलभराव की चपेट में आ गए थे;; सैकड़ों परिवार डैम की भूमि पर वर्षाे से आशियाना बनाकर रह रहे हैं।
03 Dec 2021 खटीमा: शारदा सागर डैम का जलस्तर बढ़ने से सिसैया, झाउ परसा, बलुआ खैरानी बगुलिया गांवों के 200 परिवार जलभराव की चपेट में आ गए हैं। सैकड़ों एकड़ भूमि पर लगी गन्ने की फसल, गांव की सडकें भी जलमगन हो गई हैं। डूबने का खतरा देख स्कूली बच्चे भी घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे थे। सिसैया गांव मेलाघाट रोड स्थित है। जिसमें लगभग सैकड़ों परिवार डैम की भूमि पर वर्षाे से आशियाना बनाकर रह रहे हैं।
कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष भुवन कापड़ी ने गांव पहुंचकर नाव के जरिए जायजा लिया था ग्रामीणों की कापड़ी ने समस्या सुनी साथ ही गामीणों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया
तौल केंद्र बंद किए जाने से काश्तकार भड़केे थे
खटीमा: ग्राम चंदेली स्थित तौल केंद्र बंद किए जाने से काश्तकार भड़क उठे। इसके विरोध में उन्होंने वरिष्ठ विपणन अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन कर विरोध जताया। साथ ही तौल सुनिश्चित कराए जाने की मांग की।
चंदेली गांव के ग्रामीण शुक्रवार को मंडी समिति परिसर स्थित वरिष्ठ विपणन निरीक्षक के कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि चंदेली गांव में खोला गया धान तौल केंद्र अचानक बंद कर दिया गया है। जबकि तमाम स्थानीय काश्तकार अभी तक अपनी धान की उपज नहीं बेच पाए है। ऐसे में उन्हें सरकार द्वारा घोषित मूल्य का लाभ नहीं मिल पाएगा। मजबूरन उन्हें औने-पौने दामों पर अपनी उपज को बिचौलियों को बेचना पड़ेगा। उन्होंने गांव स्थित तौल क्रय केंद्र को सुचारु किए जाने की मंाग की। जिससे वंचित किसानों को लाभ मिल सके। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द इस संबंध में निर्देश जारी नहीं होते तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।