उत्तराखण्ड में 300 मदरसे संचालित जबकि166 मदरसों का पंजीकरण
#अधिक से अधिक स्थानों पर एएनएम सेन्टरों की स्थापना पर विशेष ध्यान #अल्प संख्यक समुदाय की कक्षा-09 में पढ़ने वाली छात्राओं को मुफ्त साईकिल# साधू सन्तो, आश्रमो, धार्मिक/स्वंय सेवी संस्थाओ एवं कार्मिको को सम्मानित करेगे मुख्यमंत्री #मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह गुरूवार को सचिवालय में पंद्रह सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन राज्य समिति की समीक्षा में बताया-127 मदरसों को मध्याहन भोजन #मुख्यमंत्री को अब याद आया- उत्तराखण्ड में अभी भी बहुत से स्थल ऐसे हैं जिनकी पर्यटकों को जानकारी नहीं #www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal)
देहरादून 11 अगस्त, 2016 (सू.ब्यूरो)
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति विशेष ध्यान देने को कहा है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक स्थानों पर एएनएम सेन्टरों की स्थापना पर विशेष ध्यान दिया जाय। आम आदमी को उसके नजदीक में ही स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो जाय यह सुनिश्चित किया जाय।
सचिवालय में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि दाई, एएनएम, आशा एवं आशा फेसिलेटरों पर आम आदमी को प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराने की बडी जिम्मेदारी है, इनके प्रशिक्षण एवं मानदेय आदि सुविधाओं के सम्बंध में कार्य योजना तैयार की जाय ताकि ये अपने दायित्वो का निर्वहन सुगमता से कर सके। उन्होंने कहा कि जहां पर स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना में मानकों आदि में कठिनाई हो रही हो, वहां पर भी एएनएम सेंटर की स्थापना की जाय। उन्होंने कहा कि पीएचसी व सीएचसी के उच्चीकरण के मामलों में भी तेजी लायी जाय। तथा इन केन्द्रों के जितने भी भवन तैयार हो गये है। उन्हें उपयोग में लाना सुनिश्चित किया गया। ताकि इनका बेहतर उपयोग हो सके।
बैठक में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिहं, सचिव अमित नेगी, डा. भूपिंदर कौर औलख, अपर सचिव नीरज खैरवाल सहित चिकित्सा, स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
देहरादून 11 अगस्त, 2016 (सू.ब्यूरो)
मुख्यमंत्री हरीश रावत शुक्रवार 12 अगस्त को केन्ट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास सभागार में अपराह् 3ः30 बजे अर्द्धकुम्भ मेला 2016 हरिद्वार के आयोजन में सराहनीय योगदान देने वाले साधू सन्तो, आश्रमो, धार्मिक/स्वंय सेवी संस्थाओ एवं कार्मिको को सम्मानित करेंगे।
उत्तराखण्ड राज्य में 17.05 लाख अल्प संख्यक समुदाय के लोग हैं। इनका राज्य की आबादी का 16.90 प्रतिशत
देहरादून 11 अगस्त, 2016 (सू.ब्यूरो)
अल्प संख्यक समुदाय की कक्षा-09 में पढ़ने वाली छात्राओं को मुफ्त साईकिल दी जायेगी। 30 सितम्बर तक अल्प संख्यक प्रमाण पत्र आनलाइन कर दिया जायेगा। इसके अलावा जिलाधिकारी अल्प संख्यक बहुल क्षेत्र में शिविर लगायेंगे। अल्प संख्यक बहुल क्षेत्रों में पेयजल, सम्पर्क मार्ग, हाॅस्टल, स्कूल आदि बुनियादी इंतजाम किये जायेंगे। मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह गुरूवार को सचिवालय में पंद्रह सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन राज्य समिति की समीक्षा कर रहे थे।
गौरतलब है कि राज्य में 17.05 लाख अल्प संख्यक समुदाय के लोग हैं। इनका राज्य की आबादी का 16.90 प्रतिशत है। इसमें मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, पारसी तथा जैन समुदाय के लोग आते हैं। राज्य सरकार ने अल्प संख्यक बहुल जनपद देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल में अल्प संख्यक कल्याण अधिकारी तैनात किये है। राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति की बैठक में 36 करोड़ रूपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इस धनराशि से विकास नगर, बहादराबाद, भगवानपुर, लक्सर, नारसन, रूड़की, जसपुर, काशीपुर, रूद्रपुर, सितारगंज, बाजपुर विकास खंड़ों और उधमसिंह नगर, हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल के फारेस्ट गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जायेगा। इसके अलावा समिति ने सहसपुर, रायपुर के ग्राम मेहूंवाला माफी, डोईवाला के मारखम ग्रांट और भोगपुर को भी एमएसडीपी में शामिल करने का अनुमोदन दिया। भारत सरकार को यह प्रस्ताव भेजा जायेगा।
बैठक में बताया गया कि राज्य में 300 मदरसे संचालित हैं। 166 मदरसों का पंजीकरण किया गया हैं। पंजीकृत मदरसों में से 153 मदरसों की 5000 रूपये प्रति मदरसे की दर से दिया जा रहा है। 127 मदरसों को मध्याहन भोजन दिया जा रहा है। इससे 25823 छात्र-छात्राओं को लाभ हो रहा है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को मुफ्त आवास, भोजन, शिक्षा के अलावा 100 रूपये हर महीने स्टाइपेंड भी दिया जा रहा है। मदरसों में विज्ञान, गणित, अंग्रेजी आदि विषयों को पढ़ाने के लिए स्नातक स्तर पर 6000 रूपये और परास्नातक अध्यापकों को 12000 रूपये मानदेय दिया जा रहा है। बताया गया कि मुख्यमंत्री हुनर योजना के तहत वर्ष 2015-16 में 236 लोगों को विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण दिया गया। इनमें से 206 अभ्यार्थियों को रोजगार प्राप्त हुआ है।
बैठक में सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव समाज कल्याण डा.भूपिंदर कौर औलख, सचिव शहरी विकास डीएस गब्र्याल, सचिव तकनीकी शिक्षा सैंथिल पांडियन, डीएम हरिद्वार हरबंश सिंह चुघ, डीएम देहरादून रविनाथ रमन, प्रभारी जिलाधिकारी उधम सिंह नगर आशीष श्रीवास्तव, भारत सरकार में अनुसचिव अल्प संख्यक कल्याण गीता मिश्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
::::मुख्यमंत्री को अब याद आया- उत्तराखण्ड में अभी भी बहुत से स्थल ऐसे हैं जिनकी पर्यटकों को जानकारी नहीं ::
पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए इंटीग्रेटेड एप्रोच अपनाई जाए। निकटवर्ती पर्यटन स्थलों को एक सर्किट में शामिल कर विकसित किया जाए। हरकीदून-केदारकांठा सर्किट, भरत सर्किट (कोटद्वार-कण्वाश्रम), जागेश्वर-मदमहेश्वर, कालसी-हनोल-लाखामण्डल, चम्पावत-मायावती-पूर्णागिरी, लैंसडौन-ताड़केश्वर, पुरोला-मोरी, कौसानी-ग्वालदम-गरूड़-बेदिनी, जखोली-बधाणीताल को पर्यटन के मानचित्र पर लाते हुए फोकस किया जाए। गुरूवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पर्यटन विभाग की समीक्षा करते हुए उक्त निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हरकीदून, जागेश्वर, कण्वाश्रम, लाखामण्डल, पूर्णागिरी, ग्वालदम सहित विभिन्न पर्यटन स्थलों पर पर्यटन विभाग ने बहुत से प्रयास किए हैं। अब इन प्रयासों को समन्वित करते हुए मिशन मोड़ में काम करने की आवश्यकता है। उत्तराखण्ड में अभी भी बहुत से स्थल ऐसे हैं जिनकी पर्यटकों को जानकारी नहीं है। इन स्थलों को पर्यटन के मानचित्र पर लाते हुए आवश्यक सुविधाएं विकसित की जाएं।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जागेश्वर व मदमहेश्वर में कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। इन कार्यक्रमों को निरंतरता व स्थायी रूप दिए जाने की आवश्यकता है। द्यारा बुग्याल को राज्य के पर्यटन विभाग द्वारा ट्रेक आॅफ द इयर चयनित किया गया था। इसका व्यापक प्रचार प्रसार करते हुए सुविधाएं जुटाई जाएं। यहां पर्यटन की असीम सम्भावनाएं हैं। उत्तरकाशी के जोशियाड़ा को नौकायन के केंद्र के तौर पर विकसित किया जाए। धुŸतु भिलंग(टिहरी) में साहसिक पर्यटन की गतिविधियां आयोजित की जाएं। मसूरी-धनोल्टी-चम्बा-नई टिहरी पर्यटन सर्किट की योजना में गति लाई जाए। मदकोट में हाॅट वाटर स्प्रिंग विकसित किया जा रहा है। चम्पावत के बनलेख क्षेत्र को बुरांश के जंगल के तौर पर विकसित किया जाए। मसूरी से धनोल्टी मार्ग के मध्य स्थित गांवों में ग्रामीण पर्यटन योजना के तहत होम स्टे पर विशेष फोकस किया जाए। हरिद्वार से ऋषिकेश तक गंगा के किनारे घाटों को विकसित करने के लिए बड़े उद्योगपतियों से सहयोग के लिए सम्पर्क किया जाए। यहां छोटे-छोटे ध्यान केंद्र विकसित किए जाएं। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जाए। बताया गया कि वेलनेस सेंटर के काम को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना मे शामिल कर लिया गया है। जीएमवीएन व केएमवीएन पायलट तौर पर पंचकर्म कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने एक अन्य बैठक में सिंचाई विभाग को जलसंरक्षण के लिए जलाशयों के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जलाशयों के निर्माण में कम लागत व स्थानीय ज्ञान पर आधारित तकनीक का प्रयोग किया जाए। ऐसे क्षेत्र चिन्हित किए जाएं जहां जलाशय विकसित करने के लिए सकरात्मक प्राकृतिक परिस्थितियां मौजूद हैं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने छोटी याोजनाओं के लिए 50 करोड़ रूपए का प्रस्ताव विŸा में भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने सचिव विŸा को इन योजनाओं को प्रस्ताव प्राप्त होते ही जल्द से जल्द मंजूरी देने के निर्देश दिए। बताया गया कि सिंचाई विभाग से लगभग 150 करोड़ रूपए की योजनाओं की डीपीआर नाबार्ड को भेजी जा चुकी हैं। उक्त बैठकों में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, सचिव आनंदवर्धन, अमित नेगी, शैलैश बगोली सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।