श्राद्ध; दुनिया छोड़ चुके लोगों के श्राद्ध ; एबीवीपी,तीर्थपुरोहित ने आक्रोश में यह किसका श्राद्ध कर डाला- सितंबर में सभी ग्रहों की चाल में बदलाव- लोगों के जीवन में बदलाव
5 Sep. 20: Himalayauk Newsportal : High Light उततराखण्ड में घट रही अलग अलग घटनाओ से अपशकुन का आभास हो रहा है # इन दिनों हिंदू परम्परा के मुताबिक दुनिया छोड़ चुके लोगों का श्राद्ध किए जा रहे हैं. #वही केदारनाथ में आंदोलनरत तीर्थपुरोहित सात सितंबर को प्रदेश सरकार का पिंडदान करने का ऐलान कर दिया # इसके अलावा पिथौरागढ़ महाविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष पद पर एबीवीपी का कब्ज़ा है छात्र संघ ने सूबे के मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री और कुमाऊं यूनिवर्सिटी के कुलपति का पिंडदान कर डाला # वह कहते हैं कि जो सरकार अपनी प्रजा की फरियाद नहीं सुन रही है, वह मरे के समान है और जो सरकार मर चुकी है उसका श्राद्ध किया जाना ज़रूरी है # बीजेपी पार्टी के विधायक अपनी सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाने लगे हैं # सितंबर में सभी ग्रहों की चाल में बदलाव होगा। 23 सितंबर को राहु करेगा वृषभ राशि में प्रवेश;
देहरादून. उत्तराखंड सरकार (Government of Uttarakhand) के एक विधायक (MLA) को अपनी ही सरकार के अधिकारियों से शिकायत है, जिसके चलते वो अधिकारियों से नाराज हो गये हैं. विधायक जी ने इस मामले की शिकायत भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा (Jp nadda) करने का मूड बना लिया है. कई विधायकों ने इस बात को लेकर जेपी नड्डा को एक पत्र भी लिखा है और उनसे मिलने का समय मांगा है. उनका कहना है कि उन्होंने इस बात की जानकारी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) को भी दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई न करने के कारण दिल्ली दरबार में हाजिरी लगानी पड़ रही है. अभी कुछ दिन पहले उत्तराखंड के विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने उत्तराखंड में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उनकी ही सरकार के अधिकारी काम नहीं करते हैं और भ्रष्टाचार को लेकर भी कई तरीके के आरोप लगाए थे. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से उत्तराखंड के विधायक बिशन सिंह चुफाल ने बताया कि उत्तराखंड में अधिकारी जिस तरह से काम करते और उनका व्यवहार जिस प्रकार का है उसके बारे में हमने जेपी नड्डा जी को बताया है. उन्होंने कहा कि अधिकारी अपना काम सही ढंग से नहीं कर रहे हैं. इस बात की जानकारी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी दी गई थी. उत्तराखंड के ही एक विधायक उमेश शर्मा काऊ ने भी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को अधिकारियों की शिकायत को लेकर एक पत्र लिखा है और दिल्ली में उनसे मिलने का समय मांगा है. हालांकि अभी उत्तराखंड के विधायक उमेश शर्मा काऊ को जेपी नड्डा के यहां से मिलने का समय नहीं मिला है. # सीधे दिल्ली का रुख कर रहे हैं.
बीजेपी पार्टी के विधायक अपनी सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाने लगे हैं. आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविन्द केजरीवाल के उत्तराखण्ड चुनाव लडने के ऐलान के बाद उत्तराखण्ड में हलचल मच गई है, वही बीजेपी में हाशिये पर पड़े बीजेपी विधायक और नेता अपनी नाराजगी दिखाने लगे हैं. नाराजगी इस कदर है कि विधायक प्रदेश में सीएम और प्रदेश अध्यक्ष से कहने की बजाय सीधे दिल्ली का रुख कर रहे हैं.
उत्तराखंड के कई विधायक अधिकारियों के द्वारा उनकी बात नहीं सुनने को लेकर नाराज हैं. विधायकों का कहना है कि अधिकारी उनकी बातों को अनसुना कर देते हैं और अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर जब भी वो अधिकारियों के पास पहुंचते हैं उनको हमेशा टालमटोल का सामना करना पड़ता है, जिसके चलते क्षेत्र का विकास सही ढंग से नहीं हो पाया है. इसको लेकर हमने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी को भी अवगत कराया था उन्होंने हमें आश्वासन दिया था कि सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए जाएंगे कि अधिकारी बातों को अनसुना ना करें, लेकिन उसके बावजूद इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिसके चलते हम लोगों को दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के पास आना पड़ा और उनको हम लोगों ने इस मामले से अवगत करवाया है.
प्रदेश में विधानसभा की 70 सीटें हैं. संवैधानिक आधार पर सरकार में 12 मंत्री बन सकते हैं. मार्च 2017 में जब त्रिवेंद्र रावत की सरकार बनी, तो सीएम सहित 9 लोगों ने शपथ लिया. उसी समय मंत्रिमण्डल में 2 सीटें खाली रह गईं. बाद में सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद एक सीट और खाली हो गई. अब तीन मंत्री के पद खाली हैं. उत्तराखण्ड मंत्रिमण्डल के अपूर्ण रहने से एक दूरगामी संदेश गया है जिसका पूरा पूरा लाभ अरविन्द केजरीवाल की पार्टी उठाने की कोशिश कर रही है,
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि जब तक विधायक और अधिकारियों के बीच आपसी तालमेल में नहीं होगा तब तक किसी भी क्षेत्र का विकास करने में मुश्किल आएगी.
वही दूसरा प्रकरण – नाराजगी का और गंभीर है- पिथौरागढ़ महाविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष पद पर एबीवीपी का कब्ज़ा है इसके बावजूद महाविद्यालय का छात्र संघ सूबे की भाजपा सरकार के खिलाफ खुलकर खड़ा है. छात्र संघ ने सूबे के मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री और कुमाऊं यूनिवर्सिटी के कुलपति का पिंडदान कर डाला महाविद्यालय परिसर में छात्र संघ ने पिंडदान का आयोजन बाकायदा पूरे विधि विधान के साथ किया. इन दिनों हिंदू परम्परा के मुताबिक दुनिया छोड़ चुके लोगों का श्राद्ध किए जा रहे हैं. छात्र संघ अध्यक्ष चंद्र मोहन पांडे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के ज़िला संयोजक कहते हैं कि जब दोनों तरफ से कोई जवाब नहीं मिला तो उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार के साथ ही कुलपति का पिंडदान करना ही ज़रूरी समझा. वह कहते हैं कि जो सरकार अपनी प्रजा की फरियाद नहीं सुन रही है, वह मरे के समान है और जो सरकार मर चुकी है उसका श्राद्ध किया जाना ज़रूरी है
उत्तराखंड के सबसे बड़े महाविद्यालयों में एक पिथौरागढ़ महाविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष पद पर एबीवीपी का कब्ज़ा है. यही नही अन्य पदों पर भी इसी संगठन से जुड़े छात्र काबिज़. बावजूद इसके महाविद्यालय का छात्र संघ सूबे की भाजपा सरकार के खिलाफ खुलकर खड़ा है. असल में छात्र संघ कुमाऊं विश्विद्यालय और प्रतियोगी परीक्षा एक साथ कराए जाने पर विरोध जता रहा है. छात्र संघ का कहना है कि एक ही वक़्त में दोनों परीक्षाएं आयोजित हो रही है जिसकी वजह से छात्रों को एक ही परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा. पिथौरागढ़ महाविद्यालय छात्र संघ अपनी मांगों को लेकर बीते दिनों प्रदर्शन भी कर चुका है. इस दौरान छात्र संघ ने प्रदेश की भाजपा सरकार और कुमाऊं यूनिवर्सिटी के कुलपति का पुतला जलाया था. जब उनकी मांग को अनसुना किया गया तो छात्र संघ ने सूबे के मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री और कुमाऊं यूनिवर्सिटी के कुलपति का पिंडदान कर डाला कुमाऊं यूनिवर्सिटी में 14 सितंबर से एग्ज़ाम होने हैं जबकि 5 से 24 सितंबर तक कई प्रतियोगी परीक्षा भी होनी हैं. पिथौरागढ़ छात्र संघ अध्यक्ष चंद्र मोहन पांडे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के ज़िला संयोजक भी हैं.
इन दिनों हिंदू परम्परा के मुताबिक दुनिया छोड़ चुके लोगों का श्राद्ध किए जा रहे हैं. # केदारनाथ में आंदोलनरत तीर्थपुरोहित सात सितंबर को प्रदेश सरकार का पिंडदान करेंगे #
केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मंदिर परिसर में धरना दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड और मास्टर प्लान का लंबे समय से विरोध हो रहा है। मांग के समर्थन में बीते 37 दिन से केदारनाथ में क्रमिक अनशन जारी है। बावजूद शासन, प्रशासन द्वारा उनके आंदोलन की उपेक्षा की जा रही है। वहीं सुबह, दोपहर और सायंकाल को मंदिर परिसर में अर्धनग्न होकर धरना दे रहे आचार्य संतोष त्रिवेदी ने कहा कि सरकार को यह उपेक्षा भारी पड़ेगी। तीर्थपुरोहितों ने निर्णय लिया कि मांगों के समर्थन में 7 सितंबर को पांचवें श्राद्ध पर केदारनाथ में सरकार का पिंडदान किया जाएगा। इस मौके पर रमाकांत शर्मा, उमेद पोस्ती, तेज प्रकाश पोस्ती, रोशन तिवारी, आशुतोष, लोकेश अवस्थी, कमल त्रिवेदी, रामप्रसाद शुक्ला, अजय प्रसाद, अरविंद शुक्ला, शशि अवस्थी, प्रियांक, भगवती प्रसाद त्रिवेदी समेत अन्य मौजूद थे।
सितंबर में सभी ग्रहों की चाल में बदलाव- लोगों के जीवन में बदलाव
सितंबर में सभी ग्रहों की चाल में बदलाव होगा। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार इस महीने सूर्य, बुध, शुक्र और राहु-केतु राशि बदलेंगे। चंद्रमा हर ढाई दिन में राशि बदलेगा। इनके अलावा मंगल की चाल वक्री होगी। वहीं, बृहस्पति और शनि की चाल मार्गी हो जाएगी। इन ग्रहों के बदलाव का असर सभी राशियों पर पड़ेगा। बहुत कम ही ऐसा होता है जब एक महीने में सभी ग्रहों की चाल बदल जाए। सभी ग्रहों की चाल में परिवर्तन होने से इस महीने कई लोगों के जीवन में बदलाव हो सकते हैं।
23 सितंबर को राहु करेगा वृषभ राशि में प्रवेश;
23 सितंबर को राहु करेगा वृषभ राशि में प्रवेश; लगभग 18 महीने के बाद राहु मिथुन राशि की यात्रा समाप्त करके वृषभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं, जहां ये अप्रैल 2022 तक विराजमान रहेंगे उसके बाद मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे। राहु और केतु हमेशा उल्टी गति से चलते हैं इसलिए यह कर्क राशि में जाने की बजाय पीछे चलकर वृषभ राशि में आ रहे हैं। यह राशि इनके गुरु, शुक्र की राशि है इस राशि में भी राहु सर्वाधिक बलवान होते है। धार्मिक ग्रंथों में राहु को सर्वदा अपने भक्तों पर वैभव और बाहुल्य प्रदान करने को प्रस्तुत, मित्रवत एवं प्रेम से परिपूर्ण, चंदन पुष्प एवं क्षत्र से सुशोभित नीले रंग में व्यक्त, खड़क और खाल से सुशोभित दक्षिण दिशा की ओर मुंह किए हुए भद्रासन पर आसीन चारों ओर सिद्धियों से घिरे हुए गहरे नीले रंग के राहु हम पर कृपा करें, इस तरह से प्रार्थना की गई है। आपकी जन्मकुंडली के अनुसार राहु किस भाव में बैठे हैं। उनका प्रभाव कैसा रहेगा ! इसका ज्योतिषीय विश्लेषण करते हैं।