UK हाईकोर्ट ने मांगा केंद्र और राज्य सरकार से स्पष्टीकरण& Top News 15 April 20
15 April 20 Uttrakhand News: High Light # हाईकोर्ट ने मांगा केंद्र और राज्य सरकार से स्पष्टीकरण # हडको ने 50.28 करोड़ रुपए PM CARES FUND में COVID-19 महामारी के मद्देनजर स्वास्थ्य सेवा और राहत गतिविधियों के लिए योगदान दिया:- # सार्वजनिक स्थानों पर सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा # शिक्षकों, आशा कार्यकर्तियों एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों द्वारा अब तक कुल 350441 व्यक्तियों की सामुदायिक निगरानी # चमोली जिलाधिकारी ने क्वारेन्टाइन सेंटर का औचक निरीक्षण किया # कृषि मंत्री की अध्यक्षता में किसानों-कास्तकारों को तत्काल विभिन्न तरीकों से राहत प्रदान करने और उनकी समस्याओं के समाधान के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक #शैक्षणिक संस्थानों ने राहत कोष हेतु धनराशि के चेक दिए #राज्य की आर्थिकी में सुधार के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित # लाकडाउन को कडाई के साथ लागू ; लोगों को मास्क या कपडे से मुंह को ढकने तथा सोसियल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा #‘मेक इन इंडिया’ का पुनर्जीवन लाॅकडाउन के बाद भारतीय आॅटोमोटिव उद्योग को सक्षम बनाने वाले मुख्य कारक होंगे: एनआरआई कंसल्टिंग रिपोर्ट #270 परिवारों को राशन उपलब्ध कराया गया: विधायक जोशी #कोटद्वार दिहाड़ी मजदूरों का हौसला टूट पड़ा और सभी तहसील पहुंच गए हैं # तीन चार दिनों से इनके घरों में चूल्हा तक नही जला.
हाईकोर्ट ने मांगा केंद्र और राज्य सरकार से स्पष्टीकरण
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि कितने पीपीई किट हैं और कितनों की और ज़रूरत है? यह भी बताने को कहा गया है कि साथ ही कितने मास्क की ज़रूरत है. कोर्ट ने राज्य सरकार ये यह भी पूछा है कि कोरोना के बीच अन्य बीमारियों से निपटने की क्या व्यवस्था की गई है? नैनीताल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से भी पूछा है कि कोरोना जांच के लिए नई लैब कब तक बन सकती है? ऊधम सिंह नगर, हरिद्वार, रामनगर, नैनीताल में टेस्ट की सुविधा कब मिल सकेगी?
हाईकोर्ट के वकील दुष्यंत मैनाली के लिखे पत्र को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने यह स्पष्टीकरण मांगा है. अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने हाईकोर्ट को पत्र लिखा है. इसमें कहा गया है कि राज्य में मेडिकल स्टाफ के लिए पीपीई किट और एन95 मास्क की कमी है. WHO की गाइडलाइन के अनुसार सर्वप्रथम सुरक्षा मेडिकल स्टाफ के होनी चाहिए. सरकार को प्राइवेट अस्पतालों में थर्मल स्कैनर और अन्य ज़रूरी उपकरणों को तत्काल कब्ज़े में ले लेना चाहिए ताकि दिक्कतों को कम किया जा सके. याचिका में डॉक्टरों के खाने व रहने के इंतज़ाम तत्काल करने की मांग की गई है. कोरोना वायरस से होने वाली महामरी से निपटने को लेकर तैयारियों पर हाईकोर्ट ने आज केंद्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट ने दोनों सरकारों को नोटिस जारी कर 18 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने यह स्पष्टीकरण हाईकोर्ट के वकील दुष्यंत मैनाली के लिखे पत्र को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए मांगा है. ख़ास बात यह है कि पहली बार उत्तराखंड हाईकोर्ट में वीडियो कॉन्फेंस से सुनवाई हुई है.
हडको ने 50.28 करोड़ रुपए PM CARES FUND में COVID-19 महामारी के मद्देनजर स्वास्थ्य सेवा और राहत गतिविधियों के लिए योगदान दिया:-
हडको ने 50.28 करोड़ रुपए PM CARES FUND में COVID-19 महामारी के मद्देनजर स्वास्थ्य सेवा और राहत गतिविधियों के लिए योगदान दिया:- हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कारपोरेशन लिo (भारत सरकार का उपक्रम) द्वारा Corporate Social Responsibility Fund (सीएसआर फंड) से 50.00 करोड़ रुपए तथा हडको के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा एक दिन के स्वैच्छिक वेतन के योगदान से 0.28 करोड़ रुपए कुल 50.28 करोड़ रुपए COVID-19 के महामारी के मद्देनजर स्वास्थ्य सेवा और राहत गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु PM CARES Fund में योगदान दिया। इस के साथ ही हडको द्वारा अभूतपूर्व स्थिति से उभर रही चुनौतियों से निपटने में भी भारत सरकार के प्रयासों में पूर्ण सहयोग करने का भी आश्वासन दिया है।
Dehradun News सार्वजनिक स्थानों पर सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा
देहरादून दिनांक 15 अप्रैल 2020 (जि.सू.का), जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने अवगत कराया है कि गृह मंत्रालय भारत सरकार के आदेशों के अनुपालन में उत्तराखण्ड कूड़ा फेंकने एवं थूकना प्रतिषेध अधिनियम-2016, National Disaster Management Act-2005 एवं Uttarakhand Epidemic Diseases, COVID-19 Regulations, 2020 Epidemic Diseases Act 1987 में वर्णित प्राविधानों के अन्तर्गत जनपद में लाॅक डाउन अवधि 03 मई 2020 तक सार्वजनिक स्थानों पर सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा, किसी भी सार्वजनिक स्थान पर 05 से अधिक व्यक्तियों का समूह एकत्रित नही होगा, सार्वजनिक स्थान पर थूकना दण्डनीय अपराध होगा तथा सभी शराब, गुटखा एवं तम्बाकू से सम्बन्धित दुकानों बन्द रहेंगी।
जिलाधिकारी ने अवगत कराया है कि आज विभिन्न स्वंयसेवी संस्थाओं ने जिला प्रशासन को सहयोग प्रदान करते हुए भोजन पैकेट उपलब्ध कराये, जिसमें मुख्यतः राधास्वामी सत्संग व्यास, सर्राफा मण्डली मनभावन, गीता भवन, लोकायुक्त कार्यालय देहरादून, अग्रवाल चेरिटेबल ट्रस्ट, गुरूद्वारा श्री गुरू अंगद देव जी कांवली रोड, पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर झण्डाबाजार, दून यूनिवर्सिटी, ई-नेट सोल्यूशन ट्रांस्पोर्टनगर, वेस्ट वाॅरियर संस्था, एल्थम बेकरी, केतन आनन्द, रोशनी जन सेवा संस्थान डी.एल रोड चैक देहरादून, राजकुमार जिंदल नेहरू कालोनी द्वारा भोजन के पैकेट उपलब्ध कराये गये। जनपद सदर क्षेत्रान्तर्गत कुल 5950 व्यक्तियों को भोजन पैकेट वितरित किये गये। इसी प्रकार जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण देहरादून द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम हेतु जनपद के विभिन्न कार्यालयों एवं फील्ड ड्यूटी में लगे कार्मिकों को 320 सेनिटाइजर वितरित किये गये। जिला प्रशासन देहरादून को आॅनलाईन ‘‘दून हैप्पी मील्स’’ के द्वारा सहयोग प्रदान करते हुए श्रीमती कमला जायसवाल द्वारा 200 किलो आटा एवं 50 किलो चावल उपलब्ध कराये गये।
जिला प्रशासन की टीम द्वारा विभिन्न सामाजिक संस्थाओं एवं व्यक्तियों के सहयोग से जनपद के विभिन्न स्थानों पर 2849 अन्नपूर्णा राशन किट वितरित की गयी, थाना कैंट में 225, थाना पटेलनगर में 270, थाना बसंत विहार में 80, नेहरू कालोनी में 509, तहसील मसूरी में 100, थाना प्रेमनगर में 224, थाना राजपुर में 249, थाना डालनवाला में 200, थाना रायपुर में 250, थाना कोतवाली में 50, तहसील सदर में 692 अन्नपूर्णा किट वितरित किये गये।
लाॅक डाउन अवधि के दौरान विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं संस्थाओं द्वारा भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। जिला खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम द्वारा आज भोजन बनाने वाली संस्था इ-नेट सोल्यूशन ट्रांस्पोर्ट नगर, सर्राफा मण्डल मनभावन, सत्य साईं मन्दिर ट्रस्ट सुभाषनगर के किचन के निरीक्षण किया गया। इसके अतिरिक्त सत्यसांई मन्दिर ट्रस्ट सुभाषनगर एवं इस्कोन इन्टरनेशलन सोसायटी देहरादून के प्रशासन को सहयोग हेतु कम्युनिटी किचन शुरू करने से पूर्व किचन के निरीक्षण उपरान्त अनुमति प्रदान की गयी।
जिलाधिकारी के निर्देशों के अनुपालन में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा स्वयं सेवी संस्थाओं के सहयोग से जनपद अन्तर्गत विकासखण्ड चकराता, विकासनगर, सहसपुर, रायपुर व डोईवाला में कुल 1264 निराश्रित पशुओं जिसमें 878 श्वान, 346 गौवंश एवं 40 अन्य पशुओं को चारा व पशु आहार उपलब्ध कराया गया। लाॅक डाउन अवधि में पशु पालकों की समस्याओं के निराकरण हेतु शुरू की गयी हेल्पलाईन ( दूरभाष) पर प्राप्त 123 काॅल का निस्तारण किया गया।
कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के दृष्टिगत जिला आपदा परिचालन केन्द्र देहरादून में जन सहायता हेतु स्थापित कन्ट्रोलरूम में कुल 37 काॅल प्राप्त हुई हैं, जिसमें, ई-पास हेतु 5, भोजन हेतु 1, राशन हेतु 29 एवं मेडिकल सहायता हेतु 2 काॅल प्राप्त हुई।
जनपद के देहरादून सदर एवं विकासनगर में 20 सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों के माध्यम से प्रति पैकेट रू0 50 की दर से 1000 पैकेट विक्रय किया गया। इसी क्रम में जनपद के विभिन्न चयनित स्थानों पर प्रशासन द्वारा अधिकृत 15 मोबाईल वैन के माध्यम से सस्ते दरों पर 61.23 क्विंटल सब्जियों का विक्रय किया गया। दुग्ध विकास विभाग द्वारा भगत सिहं कालोनी, कारगी ग्रान्ट एवं लक्खीबाग में कुल 774 ली0 दूध तधा जिला पूर्ति विभाग द्वारा भगत सिहं कोलोनी में 13 लक्खीबाग में 44, एवं कारगीग्रान्ट में 40 गैस सिलेण्डर वितरित किये गये। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत भगत सिंह कालोनी में 375 तथा लक्खीबाग क्षेत्र में 124 उपभोक्ताओं को खाद्यान उपलब्ध कराया गया। इसी प्रकार भगत सिंह कोलोनी में 03 मोबाईल वैन के माध्यम से फल-सब्जी का वितरण किया गया। इसी क्रम में एफआरआई संस्थान की मांग के अुनसार जिला प्रशासन द्वारा संस्थान को फल-सब्जी उपलब्ध कराई गयी। जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में अनियमितता पाये जाने पर 7 व्यापारियों/दुकानदारों के चालन किये गये। आज भगत सिंह कालोनी में पंजाब नेशनल की मोबाईल एटीएम वैन जनमानस हेतु उपलब्ध रही तथा लक्खीबाग एवं डोईवाला में जनमानस की सहायता हेतु बैंक मित्र उपलब्ध रहे। कल 16 अपै्रल को कारगीग्रान्ट में जनसुविधा हेतु मोबाईल एटीएम वैन उपलब्ध रहेगा।
कोरोना वायरस संक्रमण कोविड-19 की रोकथाम एवं अन्य व्यवस्थाओं के सम्पादन हेतु नियुक्त विभिन्न विभागों एवं संस्थानों के आज कुल 133 कार्मिकों को उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाॅ ए.के डिमरी द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिसमें जल संस्थान रिंग रोड डिवीजन के 33 एवं सिविल डिफेंस के 100 कार्मिक शामिल है।
लाॅक डाउन अवधि में सिविल सोसायटी व शासकीय विभागों द्वारा किये गये उत्कृष्ट कार्यों के दृष्टिगत आज के कोरोना वाॅरियर:-
कोरोना वाॅरियर (सिविल सोसायटी से)
संत बलजीत सिंह,
संस्थापक, विश्व मानव रूहानी केन्द्र, देहरादून।
जिला प्रशासन को निर्धन परिवारों के लिए राशन उपलब्ध करवाकर सहयोग प्रदान किया गया।
आज के कोरोना वाॅरियर (शासकीय विभाग से)
डाॅ0 पियुष आॅगस्टिन
District Epidemiologist देहरादून।
कोरोना वाॅरियर
श्री सुरेन्द्र कुमार चैहान,
अध्यक्ष, विवेकानन्द इन्कलेव विकास एवं समन्वय समिति, देहरादून।
माननीय मुख्यमंत्री राहत कोष में सहायता राशि प्रदान की गयी ।
DEHRADUN NEWS; शिक्षकों, आशा कार्यकर्तियों एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों द्वारा अब तक कुल 350441 व्यक्तियों की सामुदायिक निगरानी
देहरादून दिनांक 15 अप्रैल 2020 (जि.सू.का), जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुपालन में कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध व्यक्तियों हेतु दैनिक सर्विलांस के आधार पर शिक्षकों, आशा कार्यकर्तियों एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों द्वारा अब तक कुल 350441 व्यक्तियों की सामुदायिक निगरानी ( Community Surveillance ) का कार्य किया गया। इसी क्रम में आज 37 टीमों द्वारा दूरभाष के माध्यम से 198 व्यक्तियों से सम्पर्क कर किया गया।
आज सामुदायिक निगरानी टीम द्वारा सम्पर्क किये जाने पर जनपद में कुल 18 व्यक्तियों को खांसी,जुकाम आदि के लक्षण पाये जाने पर मेडिकल टीम को सन्दर्भित कर दिया गया है। आज कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत संदिग्ध 28 व्यक्तियों के सैंपल जांच हेतु भेजे गये हैं तथा 32 सैम्पल प्राप्त हुए जिनकी समस्त की रिपोर्ट नेगिटिव है। जनपद में कुल कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 18 है, जिसमें 08 व्यक्ति ठीक हो गये हैं तथा वर्तमान में शेष 10 व्यक्ति उपचाररत् हैं, जिनमें सभी 10 जमाती हैं।
कोरोना वायरस संक्रमण कोविड-19 की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु समस्त मेडिकल स्टोर पर बिना चिकित्सक के परामर्श की पर्ची के सर्दी, खांसी व जुकाम की दवाईयों का विक्रय प्रतिबन्धित किये जाने के उपरान्त समस्त मेडिकल स्टोर स्वामियों द्वारा जनपद में कुल 176 व्यक्तियों को चिकित्सकीय पर्ची के आधार पर सर्दी, खांसी व जुकाम की दवाईयां विक्रय की गयी। आज कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम हेतु नियुक्त विभिन्न कार्मिकों को संक्रमण से सुरक्षा के दृष्टिगत 75 एन-95 मास्क, 2205 ट्रिपल लेयर मास्क, 28 पी.पी.ई किट, 15 वीटीएम वाईल और 353 सेनिटाइजर उपलब्ध कराये गये।
कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत लाॅक डाउन अवधि के दौरान जनपद में बनाये गये 22 राहत शिविरों ( Relief Camps ) में ठहरे 574 व्यक्तियों का चिकित्सकों एवं परामर्शदाताओं ( Counsellors ) द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण उपरान्त कांउसिलिंग प्रदान की गयी। इसी क्रम में कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत दिहाड़ी/मजदूरी करने आये 36 श्रमिकों जिन्हे इन्दिरा गांधी बोक्सा जनजाति विद्यालय तिपरपुर सहसपुर में बनाये गये राहत शिविर में ठहराया गया है, की साईकेट्रिक सपोर्ट टीम द्वारा कांउसिलिंग की गयी।
चमोली जिलाधिकारी ने क्वारेन्टाइन सेंटर का औचक निरीक्षण किया
चमोली 15 अप्रैल,2020 (सू0वि0)जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बुधवार को गोपेश्वर मंडल में बनाए गए फेसलिटी क्वारेन्टाइन सेंटर का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान जिलाधिकारी ने मेडिकल टीम से क्वारेन्टाइन में रखे गए लोगों की स्वास्थ्य संबधी फीडबैक लिया और क्वारेटाइन सेंटर में आवास, भोजन तथा साफ सफाई का बारीकी से निरीक्षण किया।
संस्कृत महाविद्यालय मंडल में बनाए गए फेसलिटी क्वारेन्टाइन सेंटर के बाहर प्रांगण में रात्रि में प्रकाश व्यवस्था के लिए जिलाधिकारी ने तत्काल सोलर लाईट लगाने के निर्देश दिए और सुरक्षा व्यवस्था के लिए रात्रि में होमगार्ड की तैनाती करने को कहा। जिलाधिकारी ने भोजन मैन्यू का भी अवलोकन किया। उन्होंने मैन्यू के अनुसार ही क्वारेन्टाइन में रखे लोगों के लिए चाय, नाश्ता तथा भोजन की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा। जिलाधिकारी ने क्वारेन्टाइन सेंटर में एक अतिरिक्त वाटर फिल्टर रखने तथा भोजन को गर्म रखने के लिए हाॅटपाॅट की व्यवस्था भी करने को कहा। निरीक्षण के दौरान फेसलिटी क्वारेन्टाइन सेंटर में आवास तथा शौचालयों में साफ-सफाई व्यवस्था ठीक पाई गई। इसके बाद जिलाधिकारी ने राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय मंडल में बनाए गए फेसलिटी क्वारेन्टाइन सेंटर का भी निरीक्षण किया। उन्होंने मेडिकल टीम से क्वारेन्टाइन में रखे गए लोगों के बारे में फीडबैक लिया। कहा कि किसी में भी संक्रमण के लक्षण दिखने पर इसकी तत्काल जानकारी दे और अपनी सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखे। जिलाधिकारी ने क्वारेन्टाइन में रखे लोगों को मेडिकल टीम के साथ पूरा सहयोग करने की बात कही। उन्होंने चेतावनी दी की अगर क्वारेन्टाइन में रखे गए किसी भी व्यक्ति द्वारा मेडिकल टीम के साथ सहयोग ना करने संबधी शिकायत मिली तो संबधित के खिलाफ कडी कार्यवाही भी अमल में लाई जाएगी।
गोपेश्वर मंडल स्थित संस्कृत महाविद्यालय तथा राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय में बाहरी जनपदों से आने वाले अधिकारियों एवं आम लोगों को कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत एहतियात के तौर पर क्वारेन्टाइन फेसलिटी में रखा गया है। इन दोनों फेसलिटी सेंटरों में 12 लोगों को रखा गया है।
वही दूसरी ओर जिलाधिकारी के मंडल से वापसी के दौरान सगर गांव के निकट 6 लोग एक साथ लाज निर्माण कार्य करते पाए गए। लाकडाउन के उल्लंघन करने पर इनके खिलाफ सीआरपीसी की धारा-151 के तहत वैधानिक कार्यवाही भी की गई। इस दौरान एसडीएम बुशरा अंसारी, एसीएमओ डा0 एमएस खाती एवं मेडिकल टीम के अन्य चिकित्सा अधिकारी मौजूद थे।
कृषि मंत्री की अध्यक्षता में किसानों-कास्तकारों को तत्काल विभिन्न तरीकों से राहत प्रदान करने और उनकी समस्याओं के समाधान के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक
देहरादून दिनांक 15 अप्रैल 2020 (जि.सू.का), माननीय कृषि मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में उनके शिविर कार्यालय यमुना कालोनी में कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के दृष्टिगत राष्ट्रीय लाॅक डाउन से कृषि तथा उससे जुड़ी अन्य गतिविधियों (गेहूॅ कटाई, फसल क्रय, भण्डारण, मण्डी गतिविधियों औद्यानिकी, उर्वरक तथा मानवश्रम उपलब्धता इत्यादि) के प्रभावित होने के चलते किसानों-कास्तकारों को तत्काल विभिन्न तरीकों से राहत प्रदान करने और उनकी यथासंभव हल की जाने वाली समस्याओं के समाधान के सम्बन्ध में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा कोरोना वायरस कोविड-19 संक्रमण से आहूत आपातकाल के चलते किसानों कास्तकारों को होने वाले विभिन्न तरह के नुकसान को हरसंभव उभारने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। भारत सरकार के दिशा-निर्देशों तथा राज्य सरकार द्वारा कृषकों के कल्याण के लिए अपने स्तर पर भी कुछ अहम् निर्णय लेकर किसानों को तत्काल राहत देने का प्रयास कर रही है। इसी क्रम में आज आयोजित बैठक में मा0 मंत्री ने किसानों के हित में राज्य सरकार द्वारा लिये गये महत्वपूर्ण निर्णय बताते हुए अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिये।
माननीय मंत्री ने बैठक में कहा कि कृषकों को मिलने वाले बीज में वर्तमान 50 प्रतिशत् सब्सिडी दी जाती है इसको 50 प्रतिशत् से बढाकर 75 प्रतिशत् किया गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में जहां फसलों-नकदी फसलों को विक्रय करने के लिए किसानों के पास बाजार पंहुच नहीं हैं। ऐसे अपूर्ण बाजारों का संचालन स्वयं सहायता समूह ( SHG ) के माध्यम से करने तथा समूहों को इसके लिए 2 लाख रू0 तक की सब्सिडी देने का भी निर्णय लिया गया साथ ही अपूर्ण बाजार की सम्पूर्ण गतिविधि को क्रियान्वित करने के लिए अपर सचिव कृषि रामविलास यादव की अध्यक्षता में एक समिति का भी गठन किया गया है और समिति में और्गेनिक बोर्ड, मण्डी समिति, कृषि, उद्यान से जुड़े अधिकारी भी सदस्य रहेंगे।
माननीय मंत्री ने कहा कि काॅपरेटिव सोसाईटिज जो अभी तक केवल रासायनिक उर्वरक के इनपुट किसानों को उपलब्ध करवाती थी अब इन सोसाइटिज के माध्यम से किसानों को जैविक इनपुट (जैविक बीज-उर्वरक इत्यादि) भी किसानों को उपलब्ध करवायी जायेंगी।
उन्होंने कहा कि लाॅक डाउन की अवधि के दौरान किसानों के जरूरी कार्यों को चायमान बनाये रखने के लिए भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अुनरूप यथासंभव जिलाधिकारियों को निर्देशित किया जायेगा कि इस अवधि में किसानों की बही खाता बुक व किसान के्रेडिट कार्ड इत्यादि को पास-पहचान के दस्तावेज के रूप में मान्यता दी जाय ताकि उनकी किसानी कार्यो की जरूरी गतिवधियाॅं संचालित होती रहें। साथ ही कृषकों की विभिन्न समस्याओं को प्राथमिकता आधार पर समाधान करने के लिए भी जिलाधिकारियों तथा अधीनस्थ विभागों को निर्देश दिये। उन्होंने फाॅर्मस मशीनरी बैंक की संख्या बढाने तथा किसानों के उत्पादों पर भण्डी शुल्क ना लेने अथवा उसमें यथासंभव कटौति करने के भी निर्देश दिये।
माननीय मंत्री ने कहा कि किसानों की विभिन्न समस्याओं को दूर करने के लिए लगातार भारत सरकार से पहल की जा रही है। कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में बीज प्रमाणित नही होता, किन्तु परम्परागत रूप से प्राचीन समय से ही ट्रूथफुल होता है और उपयोग होता आया है। अतः राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय परंपरागत बीज जो कि पंरपरागत ट्रूथफूल है को भी संशोधित श्रेणी में शामिल करने की पहल की गयी थी, जिसको भारत सरकार द्वारा सहमति प्रदान की गयी है, इससे पर्वतीय किसानों को अब पहले के मुकाबले अधिक लाभ होगा। इसी कड़ी में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा परंपरागत किसान योजना में बेहतर परिणाम देने के फलस्वरूप भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को इस योजना की दूसरी किस्त भी सबसे पहले जारी कर दी है। इसके अतिरिक्त माननीय मंत्री ने कहा कि लाॅक डाउन की अवधि में पुष्प उत्पादकों और मशरूम उत्पादों को बहुत नुकसान हुआ है और उनके इस नुकसान की भरपाई हेतु भारत सरकार के कृषि मंत्रालय से जरूरी पहल की जा रही हैं।
इस दौरान समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसानों-काश्तकारों और इससे जुड़े सैक्टर्स के लोगों की विभिन्न समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर संज्ञान लेते हुए समाधान करें और इस सम्बन्ध में यदि उच्च स्तर पर किसी सहायता-परामर्श की जरूरत पड़ती है तो उस सम्बन्ध में पहल करें।
इस अवसर पर सचिव कृषि आर मीनाक्षी सुन्दरम, अपर सचिव राम विलास यादव, कृषि निदेशक गौरी शंकर, मण्डी सचिव विजय थपलियाल सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।
शैक्षणिक संस्थानों ने राहत कोष हेतु धनराशि के चेक दिए
देहरादून 15 अप्रैल, 2020 (सू.ब्यूरो) कोविड-19 के दृष्टिगत द यूनिसन ग्रुप के शैक्षणिक संस्थानों ने मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु कुल 21 लाख रुपए की धनराशि के चेक दिए हैं, जिसमें से डीआईटी विश्वविद्यालय ने 11 लाख, आईएमएस यूनिसन विश्वविद्यालय एवं यूनिसन वर्ल्ड स्कूल ने 5-5 लाख रुपए के चेक दिए हैं। ये चेक संस्थापक सदस्यों श्री अमित अग्रवाल एवं श्री अनुज अग्रवाल द्वारा मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपे गए। यूनिसन ग्रुप द्वारा जरूरतमंदों को राशन के पैकेट, हैंड सैनिटाइजर, डिटोल आदि आवश्यक सामग्री भी वितरित की गई है।
ब्रह्मकमल प्रोजेक्ट की ओर से श्री दीपक राजपूत ने 1 लाख 58 हजार रूपए का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु दिया है।
ऋषिकेश मेयर श्रीमती अनीता ममगाईं के पति श्री हेतराम ममगाईं ने एक लाख एवं उनके पुत्र श्री हिमांशु ममगाईं ने 50 हजार रूपए का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु दिए हैं ।
कोविड 19 के दृष्टिगत नैनीताल बैंक लिमिटेड ने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) को 11 लाख रुपए का चेक दिया है।
राज्य की आर्थिकी में सुधार के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित
देहरादून 15 अप्रैल, 2020 (सू.ब्यूरो) राज्य की आर्थिकी में सुधार के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर बनाई गई समिति लॉकडाउन के बाद आर्थिक संसाधनों व आजीविका में सुधार के लिए सुझाव देगी समिति
प्रदेश की आर्थिकी में सुधार लाने और आजीविका के संसाधनों में वृद्धि के लिए श्री इंदु कुमार पाण्डे की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय सलाहकार समिति गठित की गई है। कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाऊन से हुए नुकसान को कम करने और उत्तराखंड की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिये मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर इस समिति का गठन किया गया है। सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी श्री इंदुकुमार पाण्डे को इसका अध्यक्ष नामित किया गया है। प्रमुख सचिव उद्योग श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव वित्त श्रीमती सौजन्या, अपर सचिव वित्त श्री भूपेश तिवारी और अपर सचिव नियोजन श्री योगेन्द्र यादव समिति के सदस्य होंगे। अपर सचिव श्री भूपेश तिवारी सदस्य सचिव होंगे।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर गठित यह समिति लॉकडाऊन से राज्य की अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान का अध्ययन कर राज्य के आर्थिक संसाधनों में सुधार लाने के लिए संस्तुतियां देगी। इस पर भी विचार किया जाएगा कि लोगों को आजीविका उपलब्ध कराने के लिए किन क्षेत्रों को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी। समिति जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को देगी।
लाकडाउन को कडाई के साथ लागू ; लोगों को मास्क या कपडे से मुंह को ढकने तथा सोसियल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा
चमोली 15 अप्रैल,2020 (सू0वि0)जनपद चमोली में अगले एक सप्ताह तक लाॅकडाउन को कडाई के साथ लागू कर दिया गया है। लाॅकडाउन का उल्लंघन करने पर अब सख्त सजा भी मिल सकती है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने लाॅकडाउन का कडाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए है। लोगों को घरों में ही रहने को कहा गया है। छूट के दौरान भी लोगों को मास्क या कपडे से मुंह को ढकने तथा सोसियल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। लाॅकडाउन पर जिला प्रशासन की सख्ती का असर बुधवार को पूरे जनपद में देखने को मिला। बाजार, गली, मुहल्लों एवं सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा।
कोरोना महामारी से निपटने के लिए पूरा देश 03 मई तक लाॅकडाउन रहेगा। अगले एक सप्ताह तक दैनिक आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई को छोडकर सभी कुछ बंद रहेगा। महामारी से बचने के लिए लोगों को घरों में ही रहने की सलाह दी जा रही है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने लाॅकडाउन को सख्ती के साथ लागू कर दिया है। बाहरी जनपदों से आने वाले अधिकारी हो या आम नागरिक सभी को 14 दिनों तक फेसलिटी क्वारेन्टाइन में रखा जा रहा है। जिले की प्रवेश सीमाओं पर पहले से ही नाकाबंदी है। जरूरी सेवाओं से जुड़े वाहन एवं वाहन चालकों को भी सेनेटाइज्ड करने के बाद जिले में प्रवेश दिया जा रहा है। लाॅकडाउन में दी जा रही छूट के दौरान भी अनावश्यक खडे होने पर सख्ती कर दी गई है। दिहाडी करने वाले मजदूरों और गरीब व्यक्तियों को लाॅकडाउन के दौरान खाने की किल्लत न हो इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा सभी जरूरमंदों को राशन किट बांटे जा रहे है।
कोरोना वायरस (कोबिड-19) संक्रमण के चलते एहतियात के तौर पर विगत मंगलवार को 29 लोगों को होम क्वारेन्टाइन में भेजा गया। होम क्वारेन्टाइन में अब 1700 लोग चल रहे है। अभी तक 3767 लोगों में से 2067 लोग होम क्वारेन्टाइन अवधि पूरा कर चुके है। होम क्वारेन्टीन लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए गठित 23 मोबाइल चिकित्सा टीमों ने 14 अप्रैल को 27 गांवों में घर-घर जाकर 217 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया।
विगत मंगलवार को बाहर से आए 20 लोगों को फेसलिटी क्वारेन्टाइन में रखा गया। अब तक 151 लोगों को फेसलिटी क्वारेन्टाइन किया गया, जिसमें से 44 लोग क्वारेन्टाइन अवधि पूर कर डिस्चार्ज किए गए है, जबकि 107 लोग अभी भी क्वारेन्टाइन में रखे गए है। कोरोना मरीजों के इलाज हेतु जिला अस्पताल गोपेश्वर में बनाए गए आइसोलेशन बैड में एहतियात के तौर पर अभी एक मरीजों भर्ती है। जिले में अब तक 13 लोगों के ब्लड सैंपल कोरोना जाॅच के लिए भेजे गए थे। सभी 13 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है। जिले में कोरोना का अभी तक कोई भी पाॅजेटिव केस सामने नही आया है। जिले में कोरोना संक्रमण पर निगरानी रखने के लिए जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने 18 ब्लाक एवं सिटी रिसपोंस टीमें भी गठित की है। इन टीमों ने कोरोना संदिग्धों की जानकारी जुटाने के लिए अब तक 5558 लोगों से संपर्क किया है।
कोरोना संकट की इस घटी में कोई भूखा ना रहे इसके लिए भी जिला प्रशासन सजग है। जिला प्रशासन द्वारा गरीब, मजदूर एवं जरूरतमंद लोगों में 14 अप्रैल तक निःशुल्क 3554 ड्राई राशन किट तथा 1806 लोगों को पका हुआ भोजन खिलाया गया। पाॅलिटेक्निक गौचर में बनाए गए रिलीफ सेंटर में 33 मजदूरों को रखा गया है। इन मजदूरों को भी नियमित खाने, रहने, मनोरंजन आदि की समुचित व्यवस्था भी जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है। जिले में लाॅकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। लाॅकडाउन का उल्लंघन करने पर डीएम एक्ट के तहत 18 एफआईआर, 151-सीआरपीसी के तहत 36, डीएम एक्ट के तहत 22, पुलिस एक्ट के तहत 57 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा चुके है। इसके आलावा 175 चालान और 50 वाहनों को सीज किया गया है। जिले में खाद्यन्न आपूर्ति सुचारू बनी हुई है। स्टाॅक में गेहूं 1778.34 कुन्तल, चावल 2549.90 कुन्तल, मसूर दाल 14.78 कुन्तल, चना दाल 33.88 कुन्तल, चीनी 106.57 कुन्तल, पीएम गरीब कल्याण खाद्यान्न 4334.31 कुन्तल तथा घरेलू गैस के 2178 सिलेण्डर शेष है।
‘मेक इन इंडिया’ का पुनर्जीवन लाॅकडाउन के बाद भारतीय आॅटोमोटिव उद्योग को सक्षम बनाने वाले मुख्य कारक होंगे: एनआरआई कंसल्टिंग रिपोर्ट
देहरादून,15 अप्रैल 2020: दुनिया भर में नोवेल कोरोनो वायरस बीमारी का कहर जारी है और इसने मानवता के लिए काफी बड़ी चुनौती खड़ी कर दी ह,ै वैसे में इस संकट का भारत सहित विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव स्पश्ट तौर पर दिख रहा है और आने वाले महीनों में इस प्रभाव के और बढ़ने की संभावना है।
चूंकि मोटर वाहन उद्योग का हिस्सा भारत के औद्योगिक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 50 प्रतिशत है और यह क्षेत्र प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करने वाले सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक है। इस सिलसिले में नोमुरा रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनआरआई) कंसल्टिंग एंड साॅल्युशंस इंडिया ने उन उपायों के बारे में विस्तृत अध्ययन किया है कि कैसे यह उद्योग कोरोना वायरस के प्रभावों की कुछ हद तक भरपाई करते हुए दोबारा अपना कार्यकलाप शुरू कर सकता है। हालांकि अनेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय निकायों और फर्मों ने इन प्रभावों के कारण उत्पन्न परिदृश्यों का बेहतर तरीके से दस्तावेजीकरण किया है लेकिन यह रिपोर्ट भारत में मोटर वाहन मूल्य श्रृंखला के चरणों में सूक्ष्म स्तर की चुनौतियों की व्याख्या करती है और वैसे उपयुक्त समाधान सुझाती है जिन्हें संचालन के लिए शामिल किया जा सकता है।
रिपोर्ट अलग-अलग कंपनियों के लिए विभिन्न चरणों के संदर्भ और कॉन्फिगरेशन के आधार पर मूल्य श्रृंखला के प्रत्येक चरण में सामने आने वाली चुनौतियों को प्रस्तुत करती है जैसे उत्पाद विकास, खरीद, विनिर्माण, वित्त, रसद, बिक्री, विपणन और आफ्टर सेल्स।
रिपोर्ट में उपर्युक्त विशयों में से प्रत्येक विशय के लिए अलग-अलग स्ट्रेटेजिक इम्पीरेटिव्स का समाधान किया गया है जो तात्कालिक फोकस एवं उसके बाद के चरणों को परिभाषित करता है, जो लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद ऑटोमोटिव सेक्टर को फिर से जमने में मदद करेगा।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस संकट ने भारतीय ऑटो पार्ट निर्माताओं के लिए एक अवसर लाया है जो बदलते भू राजनीतिक दुनिया के क्रम में चीन के लिए एक विकल्प बनकर वैश्विक मूल्य श्रृंखला में अपनी भागीदारी बढ़ा सकता है और कुछ मामलों में, प्रौद्योगिकी को हासिल किया जाना संभवतः अनिवार्य होगा। दुनिया भर में वित्तीय संकट को देखते हुए, इस अवधि में देश में अधिक आर्थिक रूप से सुदृढ़ कंपनी भी फर्मों और प्रौद्योगिकियों का अधिग्रहण कर सकते हैं और इससे उन्हें ‘मेक इन इंडिया’ की भावना को आगे बढ़ाते हुए प्रभावी विकल्प के रूप में स्थिति बनाने में मदद मिलेगी।
एनआरआई (नोमुरा रिसर्च इंस्टीट्यूट) कंसल्टिंग एंड सॉल्यूशंस के बिजनेस परफॉरमेंस इम्प्रूवमेंट (ऑटो, इंजीनियरिंग एंड लॉजिस्टिक्स) के समूह प्रमुख एवं पार्टनर आशिम शर्मा ने कहा, ‘‘स्वच्छता और कीटाणुशोधन (डिसइंफेक्शन) की उभरती जरूरतों, स्थानीयकरण, अधिक स्वचालनी, डिजिटलीकरण और वित क्षेत्र में नवाचारों तथा सरकार द्वारा आर्थिक प्रोत्साहन वक्त की जरूरत है और यह संकट में मार्ग प्रषस्त करेगा। फैक्टरियों में कार्य षुरू करने के लिए अस्पतालों को चलाने की तरह के सुरक्षित कार्यप्रणाली के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश और नीति, माल की अंतरराज्यीय आवाजाही, ब्याज दरों में कमी, पर्याप्त अधिस्थगन अवधि, राजकोशीय और गैर राजकोशीय उपाय जैसे कि सब्सिडी और स्क्रैपेज नीति के माध्यम से मांग उत्पन्न करना तथा ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को काफी बड़े पैमाने पर आगे बढ़ाने जैसे कदम लाॅकडाउन के बाद के चरण में भारतीय आॅटोमोटिव क्षेत्र के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होंगे।’’
हालाँकि, रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि सभी उपायों के बावजूद, कोरोना वायरस का संक्रमण अभी भी फैल सकता है और इसे नियंत्रित एवं सीमित करने के लिए आपूर्तिकर्ता स्थल से लेकर सामान लाने वाले ट्रक से लेकर इन जगहों पर काम करने वाले लोगों तथा वाहनों के लाए जाने तथा इन वाहनों को बेचने वाले सेल्स एजेंटों तक की सही तरीके से ट्रैसेबिलिटी अत्यंत आवश्यक होगी। इसलिए संपर्क में आने वाले लोगों के डिजिटल हस्ताक्षर लेने की प्रौद्योगिकी का उपयोग तथा पूरी मूल्य श्रंखला के दरम्यान इसे कायम रखना जरूरी होगा ताकि संक्रमण फैलने की स्थिति में तत्काल एवं प्रभावी नियंत्रण किया जा सके।
अंतिम तौर पर उत्पन्न होने वाले परिदृश्य से परे यह रिपोर्ट उन नई स्थितियों को भी दर्शाती है जिसके लिए संकट के खत्म होने के बाद ऑटोमोटिव उद्योग को तैयार रहना चाहिए।
श्री शर्मा ने कहा, ‘‘संक्षेप में, जीवन को बचाते हुए हमें आने वाली नई स्थितियों के साथ रहने की जरूरत होगी और यह हमारा प्राथमिक उद्देश्य होना चाहिए। हमें ऐसी रणनीतियों को भी लागू करनी चाहिए जो आजीविका को सुनिष्चित कर सके और देष के लाखों लोगों की आजीविका पर पड़ने वाले विनाषकारी प्रभाव को भी सीमित कर सके तथा साथ ही वैष्विक पारिस्थितिकी में अपने देष को स्थापित कर सके।’’
270 परिवारों को राशन उपलब्ध कराया गया: विधायक जोशी
देहरादून 15 अप्रैल: बुधवार को देहरादून के आर्यनगर साकेत कालोनी लेन-6 में सैकड़ों लोगों को राशन उपलब्ध करवाने से पहले मसूरी विधायक गणेश जोशी पुलिसकर्मियों को फूल देकर उनका सम्मान किया। विधायक जोशी ने कहा कि पुलिसकर्मी संकट की इस घड़ी में अग्रिम मोर्चे पर आकर कार्य कर रहे हैं और हमें उनका उत्साहवर्धन करना चाहिए।
विधायक गणेश जोशी ने कहा कि 200 लोगों को आटा, चावल, दाल, नमक, मसाले, तेल, चीनी आदि प्रदान किये गये। उन्होनें बताया कि मोदी किचन के माध्यम से प्रतिदिन 6500 लोगों को भोजन के पैकेट उपलब्ध कराये जा रहे हैं। भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता का संकल्प है कि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे। विधायक जोशी ने बताया कि लाॅकडाउन की अवधि तक मसूरी क्षेत्र के डोभालवाला, जाखन, राजपुर, गढ़ी कैंट एवं मसूरी में मोदी किचन को चलाया जाऐगा ताकि कोई भी व्यक्ति भोजन की कमी के कारण अस्वस्थ न हो।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक्शन एण्ड रिसर्च सोसाइटी के माध्यम से 70 परिवारों के राशन की व्यवस्था कर प्रेमनगर के निकट मिठ्ठी बेहड़ी में की गयी। जहां पर भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय सह-मीडिया प्रभारी नेहा जोशी के नेतृत्व में युवाओं ने गरीब एवं जरुरतमंद लोगों को भोजन के पैकेट उपलब्ध कराये। ओएनजीसी की ओर से प्रदान की गयी राशन सामाग्री को जरुरतमंद लोगों तक पहुॅचाने का काम किया जा रहा है। विधायक जोशी ने ओएनजीसी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि ओएनजीसी के सहयोग से गरीब परिवारों को राहत सामाग्री प्रदान की जा रही है। उन्होनें ओएनजीसी निदेशक मानव संसाधन अल्का मित्तल, प्रधान निगमित प्रशासन विपुल कुमार जैन सहित सीएसआर टीम से रामराज दिवेदी, एलएम लखेड़ा, जेपी पाण्डे, टीवी हासंमी का आभार प्रकट किया है।
इस अवसर पर पुलिस उपाधीक्षक विवेक कुमार, दरोगा एनएस रावत, पार्षद योगेश घाघट, डा0 ओपी कुलश्रेष्ठ, राकेश चड्डा, कोस्तुभ पंत, अर्जुन, पूर्व पार्षद संदीप पटवाल, अजय, इकबाल, सोनू, राजीव आदि उपस्थित रहे।
कोटद्वार दिहाड़ी मजदूरों का हौसला टूट पड़ा और सभी तहसील पहुंच गए हैं तीन चार दिनों से इनके घरों में चूल्हा तक नही जला.
कोटद्वार. लॉकडाउन (Lockdown) के कारण अपने घरों से दूर कोटद्वार (Kotdwar) में फसें मजदूरों ने प्रशासन से उनकी घर वापसी की व्यवस्था करनें की मांग की है. हर दिन एक वक्त की रोटी को तरस रहे दिहाड़ी मजदूरों ने प्रशासन से उनकी तकलीफों को देखते हुए उनको वापस अपने घरों तक जाने की परमिशन देने की गुहार लगाई है. 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉकडाउन (Lockdown) की समय सीमा बढ़ाए जाने की सूचना के बाद से दिहाड़ी मजदूरों का हौसला टूट पड़ा और सभी तहसील पहुंच गए हैं. दरअसल, तहसील पहुंचे सैकड़ों दिहाड़ी मजदूर उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले हैं जो लॉकडाउन के बाद से ही कोटद्वार में फसें हुए है. सरकार की ओर से राशन की मदद का आश्वसन मिलने के बाद ये लोग अपने ही स्थानों पर रुक गए, लेकिन अब इन लोगों पर रोटी का संकट खड़ा हो गया है. दिहाड़ी मजदूरों ने कहा कि ज्यादातर सभी मजदूर इनदिनों बहुत बुरे दौर से गुजर रहे हैं, तीन चार दिनों से इनके घरों में चूल्हा तक नही जला.
प्रशासन से कई दफा राशन की व्यवस्था करनें की मांग की गई, लेकिन कोई देखने नही आया.
अपना दर्द बयां करते हुए उन्होंने बताया कि कभी कभार कोई चार पूरी और थोड़ी सब्जी का पैकेट दे जाता है, लेकिन उसके बाद हफ्तों तक कोई मदद नही मिल पाती. एसडीएम से उनको वापस घरों तक पहुंचने की गुहार लगाते हुए मजदूरों ने तहसील में इकट्ठा हो गए. वहीं, प्रशासन की ओर से बमुश्किल सभी लोगों को आश्वासन देकर वापस भेजा जा सका. एसडीएम कोटद्वार योगेश मेहरा ने कहा कि सभी लोगों का नाम लिस्ट में शामिल किया जा रहा है जिससे उनके लिए राशन की व्यवस्था हो सके.