वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने 39957 करोड़ का बजट पेश
उत्तराखण्ड विधानसभा में अन्दर तथा बाहर भाजपा सरकार को कांग्रेस ने घेर लिया है # HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND (www.himalayauk.org) Web & Print Media;
उत्तराखण्ड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने राज्य में भाजपा सरकार निर्वाचित होने के बाद अपनी सरकार का पहला बजट पेश किया, उत्तराखंड सरकार ने गुरुवार को कुल 39957.79 करोड़ का अनुमानित व्यय का बजट पेश किया. उत्तराखण्ड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने सदन में 39957 करोड़ का बजट पेश किया।
नौ जून को बजट पर सामान्य चर्चा की जाएगी। 10 और 11 जून के अवकाश के बाद 12 जून को बजट पर सामान्य चर्चा होगी। 13 जून से 15 जून तक विभागवार अनुदान मांगों के प्रस्तुतिकरण के साथ ही इन पर चर्चा एवं मतदान कराया जाएगा। 15 जून को ही विनियोग विधेयक पारित कराया जाएगा। 16 जून को विधायी कार्य व असरकारी कार्य किए जाएंगे। 17 व 18 जून को अवकाश रहेगा। 19 व 20 जून को विधायी कार्य किए जाएंगे।
बजट में घोषणा की गई है कि सभी विश्वविद्यालयाें में फ्री वाई-फाई की सुविधा मिलेगी. प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में योग अभ्यास केंद्र खोले जाएंगे. धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पहल की जाएगी बजट घोषणाओं में कहा गया है कि शैव, वैष्णव, गोलू, नागराजा नए पर्यटन सर्किट बनेंगे. रिवर राफ्टिंग को टैक्स फ्री किया गया है. पर्यटन स्थलों पर भूमिगत केबल बिछेगी.
घोषणा के अनुसार चारधाम ऑल वेदर रोड 2020 तक पूरी करने का लक्ष्य है. 2019 तक राज्य के हर घर में बिजली और हर गांव को सड़क सेे जोड़ दिया जाएगा.
बजट घोषणाओं में कहा गया कि जल विद्युत उत्पादन के लिए रन ऑफ रिवर प्रोजेक्ट को वरीयता दी जाएगी. सीएम कार्यालय में सीएम डैश बोर्ड होगा स्थापित होगा. डैश बोर्ड में सभी कार्यालयों से संबंधित सूचनाएं रखी जाएंगी. प्रदेश के सभी स्कूलों में बुक बैंक की स्थापना होगी. एनसीईआरटी की किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा.
घोषणाओं के अनुसार पर्वतीय क्षेत्रों में आवासीय विद्यालयों की स्थापना. मदरसों के लिए भी सरकार ने बजट में प्रावधान किया है. मदरसों को कम्प्यूटर शिक्षा से जोड़ेगी सरकार. मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए भी प्रावधान किया गया है. स्किल इंडिया मिशन से युवाओं को जोड़कर ट्रेनिंग दी जाएगी
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उत्तराखण्ड विधानसभा में अन्दर तथा बाहर भाजपा सरकार को कांग्रेस ने घेर लिया है
उत्तराखंड की सियासत में इन दिनों एक सड़क को लेकर भूचाल आया हुआ है. एनएच 74 घोटाले को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों में जुबानी जंग शुरु हो चुकी है. कांग्रेस लगातार राज्य सरकार से दोषियों के खिलाफ जहाँ कार्रवाई की बात कर रही हैं, वहीं सत्तारूढ़ भाजपा का कहना है कि सरकार इस मसले पर पहले ही सीबीआई जांच की सिफारिश कर चुकी है. मंगलवार को इसी मसले को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश में जगह-जगह केंद्र और राज्य सरकार का पुतला फूंका. बता दें कि इसी मामले में कुमाऊं कमिश्नर का भी तबादला कर दिया गया था. एनएच 74 उत्तराखंड के हरिद्वार से उत्तरप्रदेश के बरेली शहर को जोड़ता है. उत्तराखंड में इस राजमार्ग के निर्माण को लेकर 300 करोड़ के मुआवजा घोटाले के आरोप, विपक्ष लगा रहा है.
तिपक्ष ने एनएच घाटाले को 310 के तहत सुनने की मांग की। स्पीकर ने प्रश्नकाल के बाद सुनने की बात कही। नेता प्रतिपक्ष पहले सुनने की मांग पर अड़ी हैं। विपक्ष ने नितिन गडकरी की की चिट्ठी सदन में लहराकर कहा सीधी धमकी दे रहा है केंद्र। कैबिनेट मंत्री मैदान कौशिक ने कहा सीबीआई जांच की संस्तुतिकी जा चुकी है। इस दौरान सदन में विधायक देशपाल कर्णवाल और हरीश धामी आपस में भिड़ गए। इस पर सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।
सदन फिर शुरू हुआ तो नेता प्रतिपक्ष ने एनएच घोटाले पर चर्चा की मांग की। इस दौरान विधायक वेल में पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। स्पीकर ने मामले को 310 में सुनने पर सहमति दी। विपक्ष की नेता डॉ इंदिरा हृदयेश ने कहा कि सरकार ने जांच कराई करवाई भी की और सीबीआई की जांच की संस्तुति की, लेकिन क्या एसडीएम स्तर का अधिकारी अकेले यह काम कर सकता हैं। हम सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति का समर्थन कर रहे है। इस मामले में सात अधिकारियों पर करवाई को चुकी है। एक को क्यों छोडा जा रहा है। केंद्रीय मंत्री सीधे तौर पर धमका रहे हैं। प्रोजेक्ट रोकने की धमकी दी जा रही है। डबल इंजन की सरकार इसका जवाब दे। भारत सरकार के अटॉर्नी जनरल ने हाई कोर्ट में आकर एनएच अधिकारी की पैरवी की। इसका मतलब साफ है कि केंद्र सीबीआई की जांच नही चाहती। ऐसे में सरकार ये जवाब दे की क्या सीबीआई जांच होगी। कुमाऊं कमिश्नर का तबादला क्यो किया गया।
कुमाऊं आयुक्त डी सेंथिल पांडियन के तबादले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश सरकार पर फिर हमलावर हुई हैं। उनका कहना है कि एनएच घोटाले में हुई जबरदस्त किरकिरी के बाद सरकार ने ईमानदार एवं सख्त अधिकारी को घोटाले की भेंट चढ़ा दिया।
डॉ. इंदिरा ने एक बयान में कहा कि एनएच-74 घोटाले का सच कुमाऊं आयुक्त पांडियन ने ही उजागर किया था। सख्त एवं ईमानदार अधिकारी की छवि वाले अधिकारी को प्रोत्साहन के बजाय भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात कहने वाली भाजपा अपना असली चेहरा एक बार फिर जनता के सामने उजागर कर चुकी है। उन्होंने कहा कि सीएम त्रिवेंद्र रावत की सीबीआई जांच की सिफारिश को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ही खारिज कर दिया था। अब राज्य सरकार पांडियन का तबादला कर इस पूरे मामले पर ही पर्दा डालना चाह रही है। उन्होंने कहा कि पांडियन का न तो कार्यकाल पूरा हुआ है और न सरकार के समक्ष कोई मजबूरी थी। सिवाय एनएच घोटाले को छिपाने के। डॉ. इंदिरा ने कहा कि सरकार की पहचान जनहित वाले विकास कार्यों को गति देने से बनती है। पखवाड़े भर के भीतर दो बार वरिष्ठ अधिकारियों को फेंटकर सरकार महज अपनी कमजोरियों की खीझ उतार रही है। भाजपा व सरकार की छवि धूमिल हो चुकी है और जनता सच जान चुकी है।
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UK TOP NEWS; Himalaya Gaurav Uttrakhand; 8 June 2017