उत्ततराखंड विधानसभा में मानसून सत्र 17 to 19 Sep.

मॉनसून सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्रवाई शुरू होते ही विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया. सत्ता पक्ष के सदस्यों यानि भाजपा के विधायकों ने ही सरकार को घेरा. प्रश्नकाल में सबसे ज्यादा वन एवम् पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत सवालों में घेरे में आए और सही जवाब न मिलने से विधायक असंतुष्ट दिखे. प्रश्नकाल में पर्यावरण, मुख्यमंत्री राहत कोष, चीड़ के वृक्ष, लीसा डिपो, आरक्षण को लेकर सवाल पूछे गए. सरकार की हालत का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने निर्देश दिए कि सरकार के मंत्री गंभीरता से सवालों के जवाब दें. सुबह 11 बजे जैसे ही सत्र की शुरुआत हुई विपक्ष ने अतिक्रमण के मुद्दे पर सरकार को घेरने का प्रयास किया और नियम 310 के तहत इस पर चर्चा की मांग की. लेकिन प्रश्नकाल होने की वजह से पीठ ने इस पर चर्चा की अनुमति नहीं दी. पीठ ने विपक्ष की अतिक्रमण नियम 310 पर चर्चा को नियम 58 में सुनने को कहा.

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सरकार की हालत का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने निर्देश दिए कि सरकार के मंत्री गंभीरता से सवालों के जवाब दें. सत्ता पक्ष के सदस्यों यानि भाजपा के विधायकों ने ही सरकार को घेरा.  सत्र के पहले दिन सरकार के मंत्री भी फिसड्डी साबित हुए. समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को उनके ही विभाग के सवालों को लेकर कांग्रेस ने जमकर घेरा.  सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल में सबसे ज्यादा वन एवम् पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत सवालों में घेरे में आए और सही जवाब न मिलने से विधायक असंतुष्ट दिखे. विभागीय अधिकारियो द्वारा उनको परची भेज कर जवाब भिजवाया गया,हालांकि अपने मुंह मिंयां मिटठू बनते हुए वन एवम् पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत कहने लगे कि उनको हर विभाग का अनुभव है,क्‍योंकि लम्‍बे समय से मंत्री रहा हूं, इस पर सदन में सदस्‍यो ने मजाक में कहा कि हा, बस मुख्‍यमंत्री का अनुभव नही है

उत्ततराखंड विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन सत्र शुरू होते ही कांग्रेस ने अतिक्रमण के मसले को नियम 310 के तहत लेने की मांग को लेकर हंगामा किया। इस दौरान पक्ष विपक्ष में तकरार हुई। कांग्रेसी विधायक वेल में आ गए और हंगामा करने लगे। कहा, कहा नागरिकों को संरक्षण दे सरकार। पीठ ने कहा नियम 58 में सुनेंगे। इसके बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ।
सदन में नगर निकायों में आरक्षण का मुद्दा भी उठा. झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल ने निकायों में अनुसचित जाति को आरक्षण बढ़ाने की मांग की. शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने इसका जवाब दिया. उन्होंने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार तय अनुपात में आरक्षण लागू किया गया है. उन्होंने प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1969 की धारा 7 का हवाला दिया.

 

19 सितम्‍बर२०१८ को विधानसभा सत्र के दूसरे दिन रूद्रपुर विधायक राजकुमार ठुकराल ने नियम300 के अन्‍तर्गत सूचना दी कि रूद्रपुर जिला मुख्‍यालय की मलिन बस्‍तियो के नियमितीकरण कर अधिनियम बनाने व पिछले तीस वर्षो से स्‍थायी रूप से काबिज नागरिको को उनके स्‍वामित्‍व में फ्री होल्‍ड कर पटटा प्रदान किया जाये- इन मलिन बस्‍तियो में सासद निधि विधायक निधि,नगर पालिका व नगर निगम से व अन्‍य अनेक योजनाओ से पक्‍की सडकेेे ,नालियो, सामुदायिक भवन, शैड व अन्‍य सैकडो विकास/ निर्माण कार्य हो चुुुकेे है

 

विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे बुधवार को सरकार की ओर से गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने का संकल्प प्रस्तुत किया जाएगा। यह संकल्प पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। गाय को राष्ट्रमाता बनाने की मांग देवभूमि से उठी है और अब सरकार इसे संबल देने जा रही है। इसी कड़ी में विधानसभा के मानसून सत्र में यह संकल्प बुधवार को पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि संत गोपालमणि महाराज गाय को राष्ट्रमाता बनाने की मांग को लेकर मुहिम छेड़े हुए हैं। इस संबंध में 26 विधायकों की ओर से भी संकल्प की सूचना विधानसभा को दी गई है। विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति की मंगलवार शाम हुई बैठक के बाद बुधवार के लिए जारी कार्यसूची में उल्लेख है कि यह संकल्प पशुपालन मंत्री प्रस्तुत करेंगे। यही नहीं, बुधवार को सत्र के दौरान चार संशोधन विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे, जबकि दो विधेयक पारित होंगे।
विधानसभा में मंगलवार को पेट्रोल व डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा होने और बढ़ती महंगाई का मुद्दा गूंजा। सदन में कांग्रेस विधायकों ने इस मामले में सरकार पर हमला बोला। जवाब में वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने तथ्यों के आधार पर महंगाई के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। सरकार के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया।

19 सितम्‍बर२०१८ को विधानसभा सत्र के दूसरे दिन रूद्रपुर विधायक राजकुमार ठुकराल ने नियम ५३ के अन्‍तर्गत सूचना दी कि उधम सिंह नगर जनपद के जिला मुख्‍यालय रूद्रपुर में टचिंग ग्राउण्‍ड कूडाघर निर्माण हेतु सरकार द्वारा भूमि प्रदान की जाये

18 सितम्बउर २०१८ को
मानसून सत्र के पहले दिन उत्तराखंड विधानसभा में जहां सरकार के मंत्रियों की आधी-अधूरी तैयारी साफ देखी गई, वहीं सरकार को घेरने के मुद्दों पर कांग्रेस विधायक भी होमवर्क पूरा करके नहीं आये. सत्र के पहले दिन सरकार के मंत्री भी फिसड्डी साबित हुए. समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को उनके ही विभाग के सवालों को लेकर कांग्रेस ने जमकर घेरा.

सदन की कार्यवाही 11 बजे शुरू हुई तो कांग्रेस ने महंगाई पर नियम 310 के तहत चर्चा की मांग की, जिस पर स्पीकर ने नियम 58 के तहत सुनने पर सहमति जताई. प्रश्नकाल के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को मौन रखकर श्रृद्धांजलि दी गई. इसके बाद सदन में दो विधेयक और दो अध्यादेश भी सदन में रखे गये. सदन में उत्तराखंड सेवानिवृत लाभ अध्यादेश 2018 और उत्तराखंड नगर निकाय एवं प्राधिकरणों के लिए विशेष प्रावधान रखे गये.

सदन में राभभवन द्वारा लौटाया गया उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग संशोधन विधेयक 2018 पुनर्विचार के लिए सदन के पटल पर रखा गया. उत्तराखंड राज्य सूक्ष्म तथा लघु उधम सुकरीकरण परिषद नियमावली 2018 को भी सदन में रखा गया. पॉवर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड की चतुर्थ वार्षिक रिपोर्ट 2007-2008 से 2014-2015 भी सदन के पटल पर रखा गया.

प्रशनकाल के दौरान महंगाई के मसले पर कांग्रेस ने चर्चा की मांग की. कांग्रेस ने इस मसले पर अपने आधे-अधूरे होमवर्क के साथ सदन में दलीलें रखी, जिसे संसदीय कार्यमंत्र ने अपने आंकड़ों के साथ धराशायी कर दिया. सदन में चार नए जिले बनाने की मांग कांग्रेस विधायक करन माहरा ने उठाई. संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने कांग्रेस विधायक की मांग का जवाब देते हुए कहा कि नए जिले यमनोत्री, कोटद्वार, रानीखेत और डीडहाट की तरफ प्रदेश सरकार का पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.
18 सितम्बतर २०१८ को मानसून सत्र के दूसरे दिन
विधानसभा में मंगलवार को पेट्रोल व डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा होने और बढ़ती महंगाई का मुद्दा गूंजा। सदन में कांग्रेस विधायकों ने इस मामले में सरकार पर हमला बोला। जवाब में वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने तथ्यों के आधार पर महंगाई के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। सरकार के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया।
विधानसभा में कार्य स्थगन प्रस्ताव रखते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश ने कहा कि महंगाई चरम पर है। मध्यम वर्ग, किसान, ट्रांसपोर्टर और मध्यम व्यापारी कराह रहा है। सरकार चुप्पी साधे बैठी है। बाजार में कच्चे तेल की कीमत 73 डालर प्रति बैरल है। सरकार बनने के बाद पेट्रोल-डीजल की एक्साइटज ड्यूटी में 12 बार वृद्धि हो चुकी है। सरकार का पेट्रोल और डीजल पर नियंत्रण खत्म हो गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव और फिर 2017 में विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी और भाजपा के शीर्ष केंद्रीय नेताओं ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को मुद्दा बनाया था, लेकिन केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकारें बनने के बाद कीमतें घटाने से आंखें चुराई जा रही हैं। विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि जनता को राहत देने के लिए सरकार को पेट्रोल-डीजल पर कर कम किया जाना चाहिए। वित्त, विधायी एवं संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि राज्य सरकार ने बीते वर्ष ही पेट्रोल पर लिया जाने वाला पांच फीसद सेस माफ किया जा चुका है। महंगाई काबू में है। उन्होंने बताया कि देहरादून में केंद्र की पिछली यूपीए सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर 74.94 रुपये और डीजल की कीमत प्रति लीटर 61.21 रुपये थी। वर्तमान एनडीए सरकार के कार्यकाल में उक्त कीमत में प्रति लीटर क्रमश: 4.40 रुपये और 6.44 रुपये का इजाफा हुआ है। उन्होंने दालों और तेल की कीमतें पेश करते हुए महंगाई बढऩे के आरोप नकार दिए। मंत्री के जवाब से खफा विपक्षी विधायक सदन से वॉकआउट कर गए।
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश ने मंगलवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही महंगाई के मुद्दे पर नियम-310 के तहत काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग की। पीठ ने इसे अस्वीकार कर दिया। बाद में इस प्रस्ताव को नियम-58 में कार्य स्थगन प्रस्ताव के रूप में चर्चा के लिए स्वीकार किया गया। हालांकि, नियम-310 में कांग्रेस के 11 विधायकों के हस्ताक्षरयुक्त प्रस्ताव को कार्य स्थगन के तहत स्वीकार करने पर विधायी एवं संसदीय मंत्री प्रकाश पंत ने आपत्ति की। उन्होंने कहा कि कार्य स्थगन प्रस्ताव पर मामले को सुने जाने पर विपक्षी विधायक एक से अधिक मामलों में कार्य स्थगन पर चर्चा नहीं कर सकेंगे। इसे लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक भी हुई। पीठ के हस्तक्षेप पर मामला शांत हुआ।

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