एेतिहासिक रहा सदन- भाजपा ने मर्यादा तार तार की
21 JULY 2016 एेतिहासिक रहा सदन- भाजपा ने मर्यादा तार तार की #भाजपा ने सदन में को बाधित कर जमकर हंगामा किया #विधायक नवप्रभात विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर आसीन हुए #भाजपा ने कहा नवप्रभात को विधानसभा की कार्यवाही के लिए नामित करना नियमों के विपरित #मुख्यमंत्री ने कहा – भाजपा सदस्य आक्रामक है, #माईक से आप लोग हमला करने का डर#विधायक का काला कुर्ता फाडकर बनाया काला -झण्डा #भाजपा के विधायकों द्वारा सदन में कुर्सी भी उछाली #भाजपा विधायको द्वारा पप्पु फेल हो गया के नारे लगाये गये #विपक्ष की अनुपस्थिति में चलाया सदन, इसी तरह ४०४२२२११३००० रूपये बजट पारित# www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal)
हिमालयायूके न्यूज पोर्टल के लिए वरिष्ठ पत्रकार कैलाश जोशी की रिपोर्ट
देहरादून। विधानसभा के विषेश सत्र में विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव होने के कारण विधायक नवप्रभात को विधानसभा की कार्यवाही के लिए कार्यकारी अध्यक्ष नामित करने पर भाजपा ने सदन में को बाधित कर जमकर हंगामा किया। भाजपा का कहनाा था कि बिना चुनावी प्रकिया के किसी भी सदस्य को विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैंठाना सविधान का उल्लंधन है।
विधानसभा के विषेश सत्र के शुरू होते ही सदन में पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष गोबिन्द सिंह कुंजवाल ने वंदेमातरम के बाद अपनी कुर्सी से उठ गए और अधिष्ठाता मण्डल के विकासनगर के विधायक नवप्रभात विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर आसीन हुए और फिर उठ कर सदस्यों से विधानसभा की कार्यवाही शुरू करने की मांग की। इतना सुनते ही भाजपा सदस्यों ने बिना सदन के सदस्यों के चुने विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैंठने पर हंगामा करते हुये सदस्यों ने कहा कि कांग्रेस सरकार नियम कानूनो को ताक में रखकर सदन को चलाना चाहती है। नेता प्रतिपक्ष अजय भटट ने कहा कि जिस नियम १८० के तहत सरकार सदन चलाने के लिए विधायक नवप्रभात को विधानसभा की कुर्सी पर बैठाना चाहती है, ऐसा संभव है कि, जब विधानसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ अविष्वाष प्रस्ताव हो तो ऐसे में सदन के सभी सदस्यों को विश्वास में लिए बिना नवप्रभात को विधानसभा की कार्यवाही के लिए नामित करना नियमों के विपरित है उन्होंने ये भी कहा कि अधिष्ठाता मण्डल २०१२ में बना था, उसके पैनल में नवप्रभात का नाम प्रथम नम्बर पर था किन्तु सत्र को प्रारम्भ करने से पहले राज्यपाल की अनुशंसा लेनी चाहिए थी जिसका कारण ये था कि विधानसभा अध्यक्ष गोबिन्द सिंह कुंजवाल व उपाध्यक्ष अनुसुईया प्रसाद मैखुरी के खिलाफ १८ मार्च को अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था।
जिस पर सीएम हरीश रावत ने जबाव देते कहा नियम १८० के तहत व १८० दो तथा १८० -ंउचय १८ में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की अनुपस्थित में ऐसी प्रकिया है कि अधिष्ठाता मण्डल की लिस्ट में सबसे वरिष्ठ सदस्य को पीठ पर बैठाया जा सकता है। जिस पर सदन की सहमति थी। सीएम के जबाव पर भी भाजपा के सदस्यों को हंगामा जारी रहा जिस कारण सदन को दोपहर १ बजें तक स्थागित कर दिया
नेता प्रतिपक्ष ने कहा-आवाज दबाने की कोशिश
देहरादून। सदन में आज नेता प्रतिपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश की गई। जहां एक और सीएम हरीश रावत कोर्डलेस माईक से सदन के भीतर सदन को सम्बोंधित कर रहें थे, वही नेता प्रतिपक्ष के कई बार मांगने पर भी माईक दिया। जिस पर सीएम ने चुटकी लेते हुये कहा कि भाजपा के सदस्य आज ज्यादा आक्रामक है इसलिए उन्हें डर है कि माईक से आप लोग हमला न करें।
विधायक का काला कुर्ता फाडकर बनाया काला -झण्डा
देहरादून। सदन में एक विधायक ने अपने साथी विधायक का कुर्ता फाडकर दिखाया काला -झण्डा । हुंआ यु की सदन के भीतर हंगामे के दौरान लेंसडाऊन के विधायक दलीप सिंह रावत का काला कुर्ता फाडकर लक्सर के विधायक संजय गुप्ता काला -हजयण्डा बना कर सदन में लहराते हुये सरकार का विरोध किया। सदन में भाजपा विधायकों ने उछाली कुर्सिया
देहरादून विधानसभा की कार्यवाही के दौरान भाजपा सदस्यों सदन की मर्यादा को जमकर तार-ं तार किया। जहां एक और सदन में अध्यक्ष की कुर्सी पर बैंठे कार्यकारी अध्यक्ष नवप्रभात के सर पर कार्यवाही की प्रतिया व मैगजीन फेंकी गई वही भाजपा के विधायकों द्वारा सदन में कुर्सी भी उछाली गई। साथ ही सदन के अंदर विधायक पुष्कर सिंह धामी , राजकुमार ठुकराल, संजय गुप्ता, गणेश जोशी द्वारा मार्शलों के साथ धक्का मुक्की की गई। सदन में भाजपा विधायको द्वारा पप्पु फेल हो गया के नारे लगाये गये, देहरादून विधानसभा में भाजपा विधायकों ने नारेबाजी के दौरान हालांकी कई तरह के नारे लगाए जिसमें भ्रष्टाचारियों की सरकार, गुण्डों की सरकार व कई तरह के नारे लगाएं। लेकिन सल्ट विधायक सुरेन्द्र सिंह जीना का पप्पु फेल हो गया नारा सदन में खासा चर्चा में रहा। जिस पर अन्य विधायकों ने ताली बजाकर पप्पु फेल हो गया के नारे से सदन का गुंजा दिया।
वरिष्ठ पत्रकार रवीन्द्र कौशिक की रिपोर्ट-
विपक्ष की अनुपस्थिति में चलाया सदन, इसी तरह ४०४२२२११३००० रूपये बजट पारित
देहरादून 21 जुलाई। उत्तराखंड विधानसभा में विपक्ष की अनुपस्थिति में सत्ता पक्ष के चलाई सदन की कार्यवाही में अध्यक्ष गोविन्द सिंह कंुजवाल तथा उपाध्यक्ष डाक्टर अनसूया प्रसाद मैखुरी के विरूद्ध 18 मार्च के अविश्वास प्रस्ताव व्ययगत कर दिये गये । इसके बाद कंुजवाल ने सदन अध्यक्ष की कुर्सी संभाल सदन की कार्यवाही चलाई और बिना किसी व्यवधान घंटेभर में सभी 34 मद निपटा दिये। अब यह तय है कि सत्ता पक्ष विपक्ष की अनुपस्थिति में ही तीन बजे के बाद विनियोग विधेयक को पारित करा लेगा । इससे पहले आज से प्रारंभ विशेष सत्र में विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल तथा उपाध्यक्ष डाक्टर अनसूया प्रसाद मैखुरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव होने और कल सर्वोच्च न्यायालय के उन अविश्वास प्रस्तावों के नौ विधायकों को अयोग्य घोषित किये जाने के मामले का निर्णय होने तक जीवित रहने की व्यवस्था के चलते सत्ता पक्ष ने विधायक नवप्रभात को विधानसभा की कार्यवाही के लिए कार्यकारी अध्यक्ष नामित करने पर भाजपा ने सदन में डे़ढ घंटे तक जमकर हंगामा किया। भाजपा का आरोप था कि संविधान सम्मत चुनावी प्रकिया के बिना किसी भी सदस्य को विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाना संविधान का उल्लंघन है। शोरशराबे के बीच दोनों ओर के तर्क – वितर्क के बाद साढे 12 बजे नव प्रभात ने सदन एक घंटे तक स्थगित कर दिया । बाद में सदन ने ४०४२२२११३००० रूपये का बजट पारित कर आज ही हस्ताक्षर को राज्यपाल को भेज दिया गया ! इसमें से लोक सभा से पारित चार माह के १३६४२४३८५ रूपये घटा दिए जायेगे !
विधानसभा के विशेष सत्र के शुरू होते ही सदन में पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल वंदेमातरम के बाद अपनी कुर्सी से उठ गए और विकासनगर के विधायक नवप्रभात विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर आकर बैठ गए और फिर उठ कर सदस्यों से विधानसभा की कार्यवाही शुरू करने की मांग की। इतना सुनते ही भाजपा सदस्यों ने बिना सदन के सदस्यों के चुने विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने पर हंगामा करते हुये सदस्यों ने कहा कि कांगे्रस सरकार नियम कानूनो को ताक में रखकर सदन को चलाना चाहती है। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने कहा कि संविधान के जिस अनुच्छेद 180 के अंतर्गत सरकार सदन चलाने के लिए विधायक नवप्रभात को विधानसभा की कुर्सी पर बैठाना चाहती है, ऐसा संभव है जब राज्यपाल उन्हे प्रोटेम स्पीकर नियुक्त कर देते । उप नेता भाजपा विधायक दल मदन कौशिक ने कहा कि सत्ता पक्ष के एक विधायक खुद के लिये अनुज्ञा नही मांग सकते जिसमें समर्थन को केवल कांगे्रस विधायक ही हैं । पीठ पर सदैव सर्वमान्य विधायक ही बैठ सकता है । मुख्यमंत्री ने कहा कि 2012 में सदन में अनुमोदित तथा 21 मई 2012 को अधिसूचित विधानसभा अधिष्ठाता मंडल के वरिष्ठतम सदस्य नवप्रभात ने सदन का अनुमोदन प्राप्त कर लिया है और विपक्ष चाहे तो वे दोबारा अनुज्ञा मांग सकते हैं । कौशिक का कहना था कि अधिष्ठाता मंडल हर वित्तीय वर्ष में नया होता है । यदि असाधारण परिस्थिति मान भी ली जाये तो भी इसके लिये राज्यपाल की अनुमति जरूरी है । इसलिये पूरी कार्यवाही अवैध है । सत्ता पक्ष ने कार्यवाही एकतरफा आगे बढाने का प्रयास किया तो विपक्ष ने ’सब कुछ फर्जी है’ और ’पप्पू फेल हो गया’ के नारे लगाने शुरू कर दिये । मुख्यमंत्री ने बार-बार दावा किया कि सदन संविधान के अनुच्छेद 180 एक तथा के अनुसार चलाया जा रहा है और भाजपा सहमत नही है तो संविधान संशोधन करा ले ।
बाद में नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट तथा उपनेता भाजपा विधायक दल मदन कोैशिक ने कहा कि भाजपा बजट पारित कराने के पक्ष में है लेकिन मुख्यमंत्री हरीश रावत तथा विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह ने न्यायालय में शपथ पत्र दे रखे हैं कि बजट 18 मार्च को पारित हो चुका जो फिर आज सत्ता पक्ष क्या करना चाहता है ?