‘आपकी टिप्पणी से देशवासी बेहद आहत बाबा रामदेव ;स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की प्रतिक्रिया ; योग गुरु रामदेव ने क्‍या टिप्‍पणी कर दी?

23 May 2021: Himalayauk Newsportal & Print Media Bureau # High Light # डॉक्टरों के ख‍िलाफ की गई ‘आपत्त‍िजनक टिप्पणी’ वापस लें बाबा रामदेव : स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन # योग गुरु रामदेव फिर विवादों में  # उन्होंने कथित तौर पर एलोपैथी को स्टूपिड और दिवालिया साइंस कहा # इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी आईएमए ने मांग है कि ‘केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री या तो आरोप स्वीकार करें और आधुनिक चिकित्सा सुविधा को भंग करें या उन पर मुक़दमा चलाएँ और उन पर महामारी रोग अधिनियम के तहत मामला दर्ज करें।’ #  एक डॉक्टर सुभाश्री रे ने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, ‘योग गुरु दावा कर रहे हैं कि एलोपैथी एक स्टूपिड साइंस है। यह महामारी हर रोज़ नया झटका दे रही है।’

केंद्रीय मंत्री ने पत्र में लिखा, एलोपैथिक दवाओं औऱ डॉक्टरों पर आपकी टिप्पणी से देशवासी बेहद आहत हैं. लोगों की इस भावना से मैं आपको फोन पर पहले भी अवगत करा चुका हूं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हषवर्धन ने योग गुरु रामदेव से डॉक्टरों के ख‍िलाफ की गई ‘आपत्त‍िजनक टिप्पणी’ वापस लेने को कहा है. केंद्रीय मंत्री ने इस बाबत बाबा रामदेव को एक चिट्ठी लिखी है. रामदेव का एलोपैथी को बेवकूफी भरा बताने वाला एक वीडियो वायरल हुआ था, इसको लेकर डॉक्टरों ने कड़ा ऐतराज जताया था. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इसको लेकर बाबा रामदेव को कानूनी नोटिस भी भेजा है. 

एक डॉक्टर सुभाश्री रे ने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, ‘योग गुरु दावा कर रहे हैं कि एलोपैथी एक स्टूपिड साइंस है। यह महामारी हर रोज़ नया झटका दे रही है।’

इस वायरल वीडियो में रामदेव को यह कहते सुना जा सकता है, ‘ग़जब का तमाशा है। एलोपैथी ऐसी स्टूपिड और दिवालिया साइंस है कि पहले क्लोरोक्वीन फेल हुई, फिर रेमडेसिविर फेल हो गई, फिर एंटी-बायोटिक्स इनके फ़ेल हो गए, फिर स्टेरॉइड इनके फ़ेल हो गए, प्लाज्मा थेरेपी के ऊपर भी कल बैन लग गया और इवरमाक्टिन भी फ़ेल हो गया, और फेवि फ्लू भी फ़ेल है। जितनी भी दवाएँ दे रहे हैं, तमाशा हो क्या रहा है!’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने योग गुरु रामदेव से डॉक्टरों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान को वापस लेने के लिए कहा है. डॉ. हर्षवर्धन (Dr. Harshwardhan) ने कहा कि संपूर्ण देशवासियों के लिए कोविड-19 (COVID-19) के खिलाफ़ दिन-रात युद्धरत डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्यकर्मी देवतुल्य हैं. बाबा @yogrishiramdev जी के वक्तव्य ने कोरोना योद्धाओं का निरादर कर,देशभर की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई है. लिहाजा उन्हें पत्र लिखकर अपना आपत्तिजनक वक्तव्य वापस लेने का अनुरोध किया है.

उस वीडियो में वह आगे कहते हैं, ‘…इसलिए बहुत बड़ी बात कह रहा हूँ। हो सकता है कि कुछ लोग इसके ऊपर विवाद करें। लाखों लोगों की मौत एलोपैथी की दवा खाने से हुई है। जितने लोगों की मौत हॉस्पिटल न जाने के कारण से हुई है, ऑक्सीजन न मिलने के कारण से हुई है उससे ज़्यादा लोगों की मौत ऑक्सीजन मिलने व एलोपैथी दवा मिलने के बावजूद हुई है। स्टेरॉइड की वजह से…।’

केंद्रीय मंत्री ने पत्र में लिखा, एलोपैथिक दवाओं औऱ डॉक्टरों पर आपकी टिप्पणी से देशवासी बेहद आहत हैं. लोगों की इस भावना से मैं आपको फोन पर पहले भी अवगत करा चुका हूं. संपूर्ण देशवासियों के लिए कोरोना के खिलाफ दिन-रात जंग लड़ रहे डॉक्टर औऱ अन्य स्वास्थ्यकर्मी भगवान हैं. आपके बयान न न केवल कोरोना योद्धाओं का निरादर किया है, बल्कि देशवासियों की भावनाओं को भी गहरी ठेस पहुंचाई है. कल आपने जो स्पष्टीकरण जारी किया है, वह लोगों की आहत भावनाओं पर मरहम लगाने में नाकाफी है.

रामदेव के इस वीडियो को सोशल मीडिया पर कई लोगों ने शेयर किया। एलोपैथी के डॉक्टरों ने सोशल मीडिया पर वायरल उस वीडियो पर गंभीर आपत्ति जताई। डॉक्टरों की संस्था इंडियन मेकिकल एसोसिएशन यानी आईएमए ने रामदेव को लिखित में माफ़ी मांगने को कहा है और अपना बयान वापस लेने की माँग की है। आईएमए ने कहा है कि कोरोना जैसे संकट के हालात में काम करने और लोगों की ज़िंदगियाँ बचाने वाले लोगों की छवि ऐसे बयानों से ख़राब होती है। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन ने भी रामदेव को क़ानूनी नोटिस दिया है।

डॉक्टरों, इनकी संस्था और सोशल मीडिया पर ज़बरदस्त आलोचना के बाद रामदेव के पतंजलि ग्रुप ने बयान जारी किया। पतंजलि के बयान में दावा किया गया है कि उस वीडियो को एडिट किया गया यानी छेड़छाड़ की गई और संदर्भ से अलग बयान को लिया गया। बयान में यह भी कहा गया कि रामदेव आधुनिक विज्ञान और आधुनिक चिकित्सा के अच्छे डॉक्टर के ख़िलाफ़ कोई ग़लत भावना नहीं रखते हैं।

पतंजलि के बयान में जो दावा किया गया है, उसकी पुष्टि रामदेव के ही फ़ेसबुक एकाउंट से ख़ुद ही तुलना की जा सकती है। सोशल मीडिया पर जो क़रीब 2.20 मिनट का वीडियो वायरल है वह रामदेव के एक उस कार्यक्रम की एक क्लिप है जिसे रामदेव ने वेरिफ़ाइड फ़ेसबुक एकाउंट पर लाइव किया था। वह लाइव कार्यक्रम 34.05 मिनट का है। इसी वीडियों में वह कोरोना संकट का ज़िक्र करते हैं और फिर एलोपैथी को लेकर बयान देते हैं। लेकिन इस बयान की शुरुआत अपने मोबाइल किसी के संदेश को पढ़कर सुनाते हैं जिसमें एलोपैथी की बुराई की गई है। इसी दौरान रामदेव एलोपैथी स्टूपिड और दिवालिया साइंस है…. की बात भी कहते हैं। लेकिन इसी बात के साथ वह अपनी ओर से भी ऐसी ही कुछ बातें कहते हैं।

https://www.facebook.com/watch/?v=273249977830958

रामदेव के इस बयान के बाद पतंजलि ने बयान में कहा है, ‘यह उल्लेख करना आवश्यक है कि यह कार्यक्रम एक निजी कार्यक्रम था और स्वामी जी (रामदेव) उनके और इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले विभिन्न अन्य सदस्यों को मिले एक अग्रेषित वाट्सऐप संदेश पढ़ रहे थे… जिसके लिए उन्हें ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है वह झूठा और निरर्थक है।’ पतंजलि ने आगे कहा, ‘रामदेव का मानना ​​है कि एलोपैथी एक प्रगतिशील विज्ञान है, और ऐसे कठिन समय में एलोपैथी, आयुर्वेद और योग का संयोजन सभी के लिए फायदेमंद होगा।’

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कोरोना महामारी के इस दौर में एलोपैथी और उससे जुड़े डॉक्टरों ने करोड़ों लोगों को नया जीवनदान दिया है.यह कहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि लाखों कोरोना मरीजों की मौत एलोपैथी दवा खाने से हुई है. एलोपैथी चिकित्सा पद्धति को तमाशा, बेकार और दिवालिया बताना भी अफसोसनाक है. आज लाखों लोग कोरोना से ठीक होकर घर जा रहे हैं. कोरोना से मृत्यु दर 1.13 फीसदी औऱ रिकवरी रेट 88 फीसदी से अधिक है. इसके पीछे एलोपैथी और डॉक्टरों का अहम योगदान है.

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