पौड़ी गढ़वाल बस हादसा- एक बार फिर महिलाओ के गुस्से का शिकार हुए मुख्यमंत्री
HIGH LIGHT; #महिलाओं ने सीएम त्रिवेंद्र रावत का घेराव कर उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल # ‘भागो यहां से वरना हम सब तुम्हें पत्थर से मारेंगे, फिर तुमको जो मर्जी हो कर लेना, सिर्फ वोट मांगने के लिए आते हो, वैसे पूछते भी नहीं” #भाजपा सरकार और संगठन भले ही निलंबित अध्यापिका उत्तरा पंत के आंसू न पोंछ पाया हो लेकिन उन्हें बार-बार रुला ज़रूर रहे हैं. भाजपा प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान के रविवार को कहा था कि उत्तरा पंत नियम विरुद्ध सीएम दरबार में गई थीं और वह घड़ियाली आंसू बहा रही हैं. उत्तरा पंत ने आज चौहान को जवाब तो दिया ही यह भी सलाह दी कि कभी-कभी पार्टी नहीं इंसानियत का साथ भी देना चाहिए.
# मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र रावत का प्रबन्धन एक बार फिर नकारा साबित हुआ # उत्तराखण्ड की महिलाओ की त्रिवेन्द्र रावत से नाराजगी एक बार फिर नैशनल पर गूंज गई # LINK साभार- अमर उजाला- <iframe width=”560″ height=”315″ src=”http://videocdn.amarujala.com/embed/1FAnhoN” frameborder=”0″ allowfullscreen=”” ></iframe>
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मौके पर पहुंचे। जहां उन्हें लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जब भीड़ में खड़े थे, तभी मृतकों के परिजनों में से एक महिला ने मुख्यमंत्री के सामने कहा कि, ‘यहां से भाग जाओ, नहीं तो हम पत्थर मार देंगे।’ महिला बार-बार ये कह रही थी कि ‘जब इस तरह के हादसे हो जाते हैं तब दिखाई देते हो, उससे पहले तुम में से कोई दिखाई नहीं देता।’ महिला कहती है कि, ‘मुख्यमंत्री तो बन जाते हो लेकिन, जनता की कोई फिक्र नहीं होती।’ सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ हुई यह दूसरी घटना है जहां पर उन्हें महिला के गुस्से का शिकार होना पड़ा है। इस घटना के दौरान सीएम महिला की बात को सुनकर वहां रुके और फिर आगे चल दिए।
https://www.amarujala.com/video/uttarakhand/pauri/women-angry-on-chief-minister-of-uttrakhand-says-go-away-or-will-hit-u-with-stones
पौड़ी जिले के धुमाकोट तहसील क्षेत्र में रविवार को सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर भौन पीपली मोटर मार्ग में 61 सवारियों से खचाखच भरी 30 सीटर बस गहरी खाई में गिर गई थी।
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल बस हादसे में 48 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी। इसी सिलसिले में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हालात का जायाजा लेने के लिए घटनास्थल पर पहुंच थे। जहां वहां मौजूद महिलाओं ने सीएम त्रिवेंद्र रावत का घेराव कर उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।
उत्तराखंड में पौड़ी गढ़वाल में सुबह हुए बड़े बस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 48 लोगों की मौत हो गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी सीएम त्रिवेंद्र रावत के जनता दरबार में एक महिला टीचर ने उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। जिसके बाद उस टीचर को नौकरी से सस्पेंड कर दिया गया।
ताजा मामला नैनीताल दौरे पर गए सीएम त्रिवेंद्र रावत को महिलाओं ने उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा, ‘भागो यहां से वरना हम सब तुम्हें पत्थर से मारेंगे, फिर तुमको जो मर्जी हो कर लेना, सिर्फ वोट मांगने के लिए आते हो, वैसे पूछते भी नहीं”।
मामले को बढ़ता देख मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की सुरक्षा में तैनात अधिकारियों ने बीच-बचाव कर मुख्यमंत्री को आक्रोशित महिलाओं के बीच में से निकाला।
बता दे कि इस हादसे में 48 लोगों की जान चली गई थी। जिसमें से 22 आदमी, 10 औरतें और 10 बच्चें शामिल हैं। हादसा उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में बस 60 मीटर नीचे खाई में जा गिरी से हुई थी।
उत्तराखंड के पौड़ी में बस हादसे में मारे गए सभी 48 लोगों की पहचान हो चुकी हैं। इसके साथ ही इस हादसे में घायल लोगों की भी पुलिस ने पहचान कर ली हैं। पुलिस ने बताया कि इस हादसे में मारे गए 48 लोगों में से 22 आदमी, 10 औरतें और 10 बच्चें शामिल हैं। बता दे कि उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में आज सुबह एक बस 60 मीटर नीचे खाई में जा गिरी थी।
उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस हादसे में मारे गए लोगों के परिवारवालों को 2 लाख रुपये तक का मुआवजा देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घायलों को इलाज कराने की भी घोषणा की। इसके साथ ही घायलों को भी जल्द ही उचित मुआवजा देने का ऐलान जल्द ही किया जाएगा। इसके साथ ही सीएम त्रिवेंद्र रावत ने इस हादसे की मजिस्ट्रेड जांच के भी आदेश दे दिए हैं।
पौड़ी गढ़वाल जिले के धूमाकोट के पास रविवार को हुए भीषण बस हादसे में 48 लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद सोमवार से जिला प्रशासन ने पूरे मामले पर जांच शुरू कर दी है. पौड़ी गढ़वाल के जिला अधिकारी सुशील कुमार ने बताया की ये अब तक की सबसे बड़ी दुर्घटना हुई है, जिसमें 48 लोगों की मौत हो गई. जिला अधिकारी ने बताया कि पूरे मामले की जांच लैंसडाउन के एसडीएम कमलेश महेता कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हादसे का कारण ओवर लोडिंग और सड़कों पर गड्डे बताये जा रहे हैं. जिस पर भी प्रशासन द्वारा बारिकी से जांच कराई जा रही है, फिलहाल डीएम ने बताया कि मृतकों के परिजनों को कोई असुविधा ना हो इसके लिये राजस्व प्रशासन के साथ ही पुलिस प्रशासन को आज ही उनको राहत राशि देने के भी निर्देश जारी कर दिये गये हैं.
वही दूसरी ओर
उत्तरा पंत बहुगुणा के मामले पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे को किसी ने चुप करा दिया है. चुप भी ऐसा कि बार-बार कुरेदे जाने पर वह माफ़ी मांगकर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर रहे हैं. दरअसल अरविंद पांडे उत्तरा पंत बहुगुणा और सीएम वाले घटनाक्रम के दौरान राज्य से बाहर थे. वल कल रात आए लेकिन इससे पहले रविवार को ही उनके ऑफ़िस ने प्रेस रिलीज़ जारी कर कहा था कि मुख्यमंत्री ने उन्हें इससे मामले को सुलझाने के लिए अधिकृत किया है. 30 जून को अरविंद पांडे ने उत्तरा पंत बहुगुणा से बात भी की थी. लेकिन आज उन्होंने इस मामले में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.
उत्तरा पंत बहुगुणा मामले ने अब जातिवादी रंग भी ले लिया है. मंगलवार को उत्तरा से मिलने पहुंची कोटद्वार महिला कांग्रेस अध्यक्ष कृष्णा बहुगुणा ने मुख्यमंत्री पर जातिवाद करने का आरोप लगाया. कृष्णा बहुगुणा ने कहा कि उत्तरा पंत बहुगुणा के साथ जनता दरबार में दुर्व्यवहार इसलिए हुआ क्योंकि वह ब्राहम्ण हैं. कोटद्वार से उत्तरा से मिलने उनके घर पहुंची कृष्णा बहुगुणा ने यह भी आरोप लगाया कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से बीजेपी के लोग भी परेशान हैं क्योंकि वह सिर्फ अपने रिश्तेदारों के सेटलमेन्ट में लगे हैं.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा के बीच हुई बहस का वीडियो पिछले दिनों वायरल हो गया था. शिक्षिका के साथ अभ्रदता के कारण सीएम की काफी अलोचना हुई थी.
शिक्षिका ने कहा है कि उन्हें रियलिटी शो बिग बॉग के अगले सीजन में कंटेस्टेंट बनने का ऑफर आया है. उत्तरा बहुगुणा का कहना है, “मेरे पास बिग बॉस के निर्माताओं का कल फोन आया था. लेकिन मैंने उनका ऑफर ठुकरा दिया. मैं बस अपना घर चलाना और बच्चों की देखरेख करना चाहती हूं.”
महिला मुख्यमंत्री से अपने ट्रांसफर की गुहार लगा रही थीं. इसी दौरान सीएम भड़क गए और उन्होंने महिला को सस्पेंड करने की बात कह दी. उत्तराखंड सरकार की तरफ से बीजेपी MLA मुन्ना सिंह चौहान ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की कोई गलती नहीं की है. उनके मुताबिक सीएम ने महिला को शालीनता से समझाने का प्रयास किया था.
इस घटना के बाद महिला को सस्पेंड कर दिया था. इस घटना के चलते उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का जनता दरबार सुर्खियों में बना हुआ है.
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