योगा आयोजन- कर्जग्रस्त उत्तराखण्ड ने 20 करोड से ज्यादा झोंके
देहरादून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी अर्धसैनिक बलों की महिला ब्रिगेड अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर योग करती दिखेंगी. देहरादून 21 जून 2018 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर ऐतिहासिक पल का गवाह बनेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में इस दिन राज्यभर में करीब 60 हजार प्रतिभागी सामूहिक योग करेंगे. देहरादून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में सामूहिक योग का प्रदर्शन देश की पुरातात्विक धरोहरों में शुमार भारतीय वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) के विशाल और खूबसूरत परिसर में होगा. 21 जून 2018 को देहरादून के एफआरआई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब 60 हजार लोगों के साथ योग करेंगे। किसी से उनकी मुलाकात का भी कोई जिक्र नहीं है। सुबह साढ़े छह बजे तक उन्हें एफआरआई स्थित कार्यक्रम स्थल पर पहुंचना है। यहां जाने से पहले राजभवन में प्रधानमंत्री के हाथों चंदन का एक पौधा लगवाने के कार्यक्रम के लिए राजभवन की ओर से अनुरोध किया गया है। एफआरआई में सुबह साढ़े छह से साढ़े सात बजे तक पीएम मोदी योग कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री भी करीब पांच मिनट संबोधन भी कर सकते है,
तैयारियों में पुलिस और प्रशासन के साथ वन विभाग भी मुस्तैद है। राजधानी में सब कार्यालयो में कामकाज ठप्प है, अधिकारी पीएम के योगा की तैयारी में व्यस्त है,
पूरी तैयारियां युद्वस्तर पर पूर्ण हो चुकी है, इस आयोजन में करीबन 6 करोड रूपया तो प्रचार प्रसार में व्यय किया है, इस पूरे आयोजन में करीबन 20 करोड से ज्यादा के व्यय का अनुमान लगाया जा रहा है; नौ लाख की लागत से जटायु मशीन ट्रायल के लिए मंगवाई गई है।
कर्ज पर कर्ज ले रही उत्तराखण्ड सरकार ?
यह उत्तराखण्ड का हौंसला देखिये, स्वास्थ्य सेवाये शून्य है, राज्य सरकार कर्ज लेकर शासन चला रही है, वह राज्य 20 करोड रूपया महज योगा के आयोजन पर व्यय कर रहा है, यह मोदी के प्रति राज्य का विश्वास ही तो है, राज्य विधानसभा चुनाव के वक्त मोदी जी ने देहरादून में परेड ग्राउण्ड में जनता को सम्बोधित करते हुए डबल इंजन के लिए वोट मांगे थे, जो बम्पर मिले- और राज्य को त्रिवेन्द्र जी जैसा नायक मिला, उनकी सरलता से आज नौकरशाही हॉवी हो चुकी है और डबल इंजन जाम होकर खडा हो गया है,
सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि पीएम मोदी ने अब तक के अपने कार्यकाल के दौरान देश का चहुंमुखी विकास किया है परन्तु उत्तराखण्ड में सरकार कर्ज में चल रही है, राज्य सरकार का कर्ज 50 करोड के करीब पहुंच चुका है, सरकार विकास के लिए नही वेतन तथा पेशन देने के लिए कर्ज ले रही है।
हिमालयायूकेन्यूज पोर्टल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बुधवार रात यानि आज देहरादून पहुंच जाएंगे। वे जौलीग्रांट एयरपोर्ट से सीधे राजभवन जाएंगे, यहां रात्रि विश्राम के बाद 21 जून की सुबह वे वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) में होने वाले योग दिवस कार्यक्रम में भाग लेंगे। इसके तत्काल बाद वे वापस दिल्ली लौट जाएंगे। चर्चा यह भी है कि वे केदारनाथ धाम भी जा सकते हैं, लेकिन पीएमओ से भेजे गए कार्यक्रम में इसका जिक्र नहीं है। प्रधानमंत्री कार्यालय से शासन को भेजी गई जानकारी के मुताबिक बुधवार रात पौने 10 बजे प्रधानमंत्री जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां राज्यपाल डॉ.केके पाल और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत उन्हें रिसीव करेंगे। इसके बाद उन्हें हरिद्वार-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग से राजभवन लाया जाएगा, जहां वे रात्रि विश्राम करेंगे। एयरपोर्ट से थानो के रास्ते को दुरुस्त करके रिजर्व मार्ग के तौर पर रखा गया है।
21 जून को सुबह 6 बजे से 8 बजे तक एफआरआई में योग का मुख्य कार्यक्रम का आयोजन होगा. इसकी तैयारियां की जा रही हैं. कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए पतंजलि योगपीठ, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय, आर्ट ऑफ लिविंग, परमार्थ निकेतन, ब्रह्म कुमारी, आदि संगठन तैयारी में जुटे हैं. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2018 के मौके पर 21 जून को पीएम नरेंद्र मोदी देहरादून में होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार देहरादून में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योग करने के लिए आ रहे हैं. यहां पर भी इस बार उनके साथ अर्धसैनिक बालों की नारी शक्ति योग करती दिखाई पड़ेगीं. इस समय सभी अर्धसैनिक बलों में करीब 26000 से ज्यादा महिला जवान और अधिकारी हैं. इस साल चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर गृह मंत्रालय ने यह कहा है कि सभी अर्धसैनिक बल ज्यादा से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर महिला जवानों को तैयार रखें.
पीएम के इस दौरे से पहले राज्य के फॉरेस्ट विभाग ने भी आयोजन को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। विभाग जिस जगह योग दिवस का कार्यक्रम होना है, उसके आसपास सांप, बंदरों की खोज कर उन्हें वहां से हटाने में लगा हुआ है।
अगर आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ योग करना चाहते हैं तो आपको सुबह चार बजे के पहले एफआरआई पहुंचना होगा। क्योंकि सुबह चार बजे के बाद एंट्री नहीं मिलेगी। अधिकारियों के मुताबिक, रात 12 बजे से लोगों को एफआरआई परिसर में इंट्री देना शुरू कर दिया जाएगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि आगामी 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देहरादून आएंगे. मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि उत्तराखंड के प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार के मन में विशेष प्यार है और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री देहरादून आएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के चहुंमुखी विकास और सभी के कल्याण के लिये मोदी सरकार ने ढेरों कदम उठाए हैं. प्रधानमंत्री का न्यू इंडिया का विजन देश को खुशहाली और तरक्की के रास्ते पर ले जाने के लिये पथ प्रदर्शक है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की मान-प्रतिष्ठा में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि चार वर्षों में केंद्र सरकार के किसी भी मंत्री पर भ्रष्टाचार संबंधी कोई आरोप नहीं है. रावत ने कहा कि कि देहरादून में साईंस सिटी को मंजूरी, ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर का कन्वेन्शन सेंटर, केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण, नमामिगंगे जैसी परियोजना के लिए राज्य को केन्द्र सरकार ने विकास की यात्रा में सदैव अपने साथ रखा है.
कार्यक्रम स्थल के आसपास मोबाइल टॉयलेट लगाए जाएंगे। इनमें 450 सीट के दो दर्जन से अधिक मोबाइल टॉयलेट नगर निगम देगा। इन्हें प्रदेश के अन्य नगर निगमों और नगर पालिकाओं से मंगवाया गया है। इसके अलावा आयोजक समिति ने 200 सीट के एक दर्जन से अधिक मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था की है। कार्यक्रम स्थल से कूड़ा एकत्र करने के लिए नगर निगम के चार वाहन मौजूद रहेंगे। एक वाहन की क्षमता एक टन कूड़ा एकत्र करने की है। वहीं, 14 से 16 मीट्रिक टन कूड़ा उठाने की क्षमता रखने का कॉम्पेक्टर भी रहेगा। इसके जरिए कूड़ा ट्रांसफर सेंटर पहुंचाया जाएगा।
नौ लाख की लागत से जटायु मशीन
नगर निगम की ओर से करीब नौ लाख की लागत से जटायु मशीन ट्रायल के लिए मंगवाई गई है। जो एक बार में 40-50 किलो कूड़ा उठाने में सक्षम है। इसमें दो कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ेगी। नगर आयुक्त ने बताया कि यह मशीन पुणे से मंगवाई गई है। उत्तरकाशी और रुड़की में इसके अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। यहां भी अच्छा परिणाम रहने पर इसे खरीदा जाएगा। उन्होंने बताया कि जटायु के जरिये शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने में काफी मदद मिलेगी।
देहरादून के डीएम एसए मुरुगेशन ने फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से पिछले हफ्ते ग्राउंड को साफ और सांप मुक्त रखने का आदेश दिया है। मुरुगेशन ने कहा कि मैंने आयोजन स्थल और उसके आसपास की जगह को सांपों, बंदरों आदि से मुक्त रखने के संबंध में आदेश दिए हैं। इसके लिए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से उचित कदम उठाने को कहा गया है।
इसकेे अलावा वन विभाग कार्यक्रम स्थल के आसपास से सांप, बंदरों को हटाने में लगा है। देहरादून के डीएम एसए मुरुगेशन ने विभाग को मैदान को साफ कराने के आदेश दिए हैं। आयोजन स्थल और उसके आसपास की जगह को सांप और बंदरों से मुक्त रखने के आदेश दिए हैं। देहरादून के डीएफओ राजीव धीमान ने बताया कि विभाग पूरी तरह से स्थल की चेकिंग कर रहा है। विभाग की दो टीमें वहां तब तक रहेंगी जब तक योग कार्यक्रम पूरा नहीं हो जाता है। जहां कार्यक्रम होना है, उसके आसपास कोई बंदर नहीं मिला है। अब तक हमने दो सांप पकड़े। एफआरआई कैंपस 450 हेक्टेयर एरिया में फैला हुआ है। यह क्षेत्र मसूरी फॉरेस्ट डिविजन से भी जुड़ा हुआ है। जिस कारण यहां कई बार सांप और तेंदुए देखे गए हैं। साल 2015 में कैंपस में एक तेंदुए ने 16 वर्षीय बच्चे पर हमला करके उसे मौत के घाट उतार दिया था।
कर्ज पर कर्ज ले रही उत्तराखण्ड सरकार ?
यह उत्तराखण्ड का हौंसला देखिये, स्वास्थ्य सेवाये शून्य है, राज्य सरकार कर्ज लेकर शासन चला रही है, वह राज्य 20 करोड रूपया महज योगा के आयोजन पर व्यय कर रहा है, यह मोदी के प्रति राज्य का विश्वास ही तो है, राज्य विधानसभा चुनाव के वक्त मोदी जी ने देहरादून में परेड ग्राउण्ड में जनता को सम्बोधित करते हुए डबल इंजन के लिए वोट मांगे थे, जो बम्पर मिले- और राज्य को त्रिवेन्द्र जी जैसा नायक मिला, उनकी सरलता से आज नौकरशाही हॉवी हो चुकी है और डबल इंजन जाम होकर खडा हो गया है,
हिमालयायूके की शीघ्र बडी रिपोर्ट
CHANDRA SHEKHAR JOSHI- FROM DEHRADUN (UTTRAKHAND)
आखिर कर्ज लेने की जरूरत क्यों पड़ रही है? सरकार को इन हालात में केन्द्र से बेलआउट पैकेज की मांग प्रमुखता से करनी चाहिए. उत्तराखण्ड में विकास कार्यो को भूल जाओ सरकार कर्मचारियो के वेतन भत्तेे चुकाने के लिए लोन पर लोन ले रही है- इस फाइनेंशियल सत्र में अभी तक 1400 करोड का लोन लिया जा चुका है#इसके अलावा एडीबी का लोन विभाग के कुल बजट से भी दोगुना है# राज्य बनने से लेकर अब तक उत्तराखंड राज्य पर अभी तक लगभग 41,000 करोड़ का कर्ज है जो जल्द ही 50 हजार करोड तक हो जायेगा और इसके अलावा खुद त्रिवेंद्र सरकार भी 6,100 करोड़ का कर्ज अपने एक साल के कार्यकाल में ले चुकी है. लोन लेकर चल रही है त्रिवेन्द्र सरकार- #सूत्रों का कहना है कि आर्थिक पैकेज के लिए प्रधानमंत्री से आज तक कोई मांग तक नही रखी गयी: क्या मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड इस बारे में कोई स्पष्टीकरण देगे
लोन की धनराशि से ही मंत्रियो की टोली, विधायक, उच्च नौकरशाह विदेश में लगातार भ्रमण पर जा रही है , त्रिवेन्द्र सरकार के आने के बाद विदेश यात्रा पर हुए धन की बर्बादी जान कर आप हैरत में पड जायेगे, करोडो रूपये विदेश यात्रा में उडा चुके है
हिमालयायूके न्यूज पोर्टल
चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में दाखिल होते ही राज्य सरकार अपने कार्मिकों के वेतन-पेंशन के लिए उत्तराखण्ड के संसाधन अादि को गिरवी रख कर लोन ले रही है। जून के पहले हफ्ते में 300 करोड़ उधार लेने के आदेश जारी किए गए हैं। इस वित्तीय वर्ष में कर्ज बढ़कर 1400 करोड़ हो जाएगा। वहीं प्रदेश के हर व्यक्ति पर बाजार की उधारी बढ़कर 45 हजार से ज्यादा हो गई है। यह बात अलग है कि इस लोन से उच्च नौकरशाही तथा मंत्रियों की टोली विदेश यात्रा कर रही है-
राज्य सरकार को हर महीने अपने कार्मिकों के वेतन और पेंशन के खर्च की प्रतिपूर्ति के लिए धन का बंदोबस्त करने में खासा पसीना बहाना पड़ रहा है। इस वित्तीय वर्ष 2018-19 के पहले दो महीनों अप्रैल और मई माह में तकरीबन 1100 करोड़ रुपये कर्ज लिया जा चुका है। तीसरे महीने यानी जून में प्रवेश करते ही फिर कर्ज लेने की नौबत है। 300 करोड़ रुपये कर्ज के लिए सरकार ने बाजार में दस्तक दे दी है। आमदनी कम और खर्चा ज्यादा होने से राज्य की माली हालत हर साल खराब हो रही है। इस वजह से कर्ज का बोझ साल-दर-साल बढ़ रहा है। राज्य बनने के वक्त राज्य के हिस्से में 4430.04 करोड़ कर्ज आया था।
उत्तराखण्ड में राज्य सरकार के मंत्रियों का विदेश दौरा अक्सर चर्चा का विषय बना रहता है। हर बार विपक्ष कहता है कि लगभग 45 हजार करोड़ के कर्ज तले दबे उत्तराखण्ड के मंत्रियों को बेवजह विदेश दौरों पर धन व्यय नहीं करना चाहिये। लेकिन, वही विपक्षी दल जब सत्ता में आते हैं, तो उनकी सरकार के मंत्री भी विदेश दौरों के अवसरों को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। भाजपा को ही देख लीजिए। उत्तराखण्ड में कांग्रेस सरकार के समय भाजपा जब विपक्ष में थी, तो मंत्रियों के विदेश दौरों को लेकर भाजपाई खूब बवाल काटते थे। अब जब भाजपाई सत्ता में हैं, तो अपने तर्कों को भूलकर वही कर रहे हैं जिसके लिए जनता ने पिछली सरकार को सत्ता से बेदखल किया था। त्रिवेन्द्र सरकार का अब तक 14माह का कार्यकाल पूरा हुआ है। सीएम समेत 10 मंत्रियों वाली सरकार के अनेक मंत्री अनेक नौकरशाह विदेश में कई कई बार घूम आए हैं।
राज्य सरकार को कार्मिकों के वेतन-भत्ते, मानदेय और पेंशन के भुगतान को एक बार फिर कर्ज के लिए बाजार में दस्तक देनी पड़ी है। नए वित्तीय वर्ष के दूसरे माह में लगातार कर्ज लेने का ये दूसरा मौका है। 300 करोड़ रुपये कर्ज लेने के साथ ही चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 800 करोड़ बाजार से लिया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में लगातार दूसरे माह सरकार को कर्ज लेने को विवश होना पड़ा है। इससे पहले बीते अप्रैल माह में 500 करोड़ का कर्ज लिया गया था। दरअसल, सातवां वेतनमान लागू होने के बाद से ही सरकार को हर महीने वेतन व पेंशन देने में पसीने छूट रहे हैं। वहीं गैर विकास मदों में बढ़ते खर्च की पूर्ति के लिए सरकार अपने संसाधनों में अपेक्षित इजाफा नहीं कर पा रही है। सरकारी आंकड़ों में चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 में कर्ज की यह राशि 47580.42 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। हालांकि, बीते वित्तीय वर्षो में लगातार कर्ज लेने के बावजूद राज्य सरकार के लिए राहत की बात ये रही है कि कर्ज सालाना निर्धारित सीमा के भीतर रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में उत्तराखंड के लिए कर्ज की सीमा बढ़ाकर 7300 करोड़ तय की गई है। बीते वित्तीय वर्ष 2017-18 में यह 6600 करोड़ थी।
एडीबी का लोन विभाग के कुल बजट से भी दोगुना है।
राज्य के जन्म के साथ मिला यह कर्ज वित्तीय वर्ष 2016-17 में 40793.70 करोड़ होने का अनुमान बजट आंकड़ों में लगाया गया था, जो 31 मार्च, 2017 तक लोक ऋण 35209.59 करोड़ पहुंच गया। चालू वित्तीय वर्ष तक यह ऋण 45 हजार करोड़ से ज्यादा पहुंच रहा है। हालांकि चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 में कर्ज की यह राशि 47580.42 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। वित्त सचिव अमित नेगी ने 300 करोड़ कर्ज लेने के आदेश जारी किए हैं।
वही दूसरी ओर राज्य एडीबी के लोन से पट चुका है, एडीबी के 1750 करोड़ रुपए लोन को सरकार बड़ी कामयाबी के तौर पर देख रही है। दरअसल, इस साल प्रदेश के शहरी विकास और आवास विभाग का कुल बजट ही 773 करोड़ रुपए का है। इस तरह एडीबी का लोन विभाग के कुल बजट से भी दोगुना है।
वही दूसरी ओर
एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) से खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)सरकार ने नौ महीनों में चाय और नाश्ते पर कुल 68.59 लाख रुपये खर्च किए हैं. यह आरटीआई आवेदन हेमंत सिंह गौनिया ने यहां भारतीय जनता पार्टी सरकार को 19 दिसंबर, 2017 को भेजा था. आरटीआई के माध्यम से वह यह जानना चाहते थे कि 18 मार्च 2017 को सत्ता संभालने के बाद से रावत सरकार ने चाय और नाश्ते पर कितने रुपये खर्च किए. इसके जवाब में उत्तराखंड सरकार ने बताया कि इस बाबत अब तक 68 लाख 59 हजार 865 रुपये खर्च किए गए हैं. सरकार ने बताया कि यह राशि मंत्रियों और अन्य अधिकारियों द्वारा मेहमानों के स्वागत खासकर चाय और नाश्ते के लिए खर्च की गई.
डबल इंजन के नारे के साथ सत्ता में आई भाजपा की राज्य सरकारे कर्ज पर चल रही है- जहां जहां भाजपा सरकारे है वहां आर्थिक स्थिति अच्छी नही है- हिमाचल प्रदेश की जयराम सरकार एक बार फिर कर्ज लेने जा रही है. पहले से ही गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे हिमाचल में कर्ज लेने की परंपरा खत्म नहीं हो रही है. इस बार जयराम सरकार 700 करोड़ रूपये का कर्ज लेगी. भाजपा सरकारे डबल इंजन का सपना जरूर दिखाती है पर बिना कर्ज के नही चल पा रही है, हिमाचल भाजपा सरकार भी आर्थिक हालात खराब; आर्थिक संकट से जूझ रही राज्य सरकार 800 करोड़ का कर्ज लेने जा रही है। राज्य के कर्मचारियों व पैंशनरों को 4 फीसदी आई.आर. व डी.ए. का भुगतान करने के लिए राज्य सरकार 800 करोड़ रुपए का कर्ज लेगी।
राज्य सरकार को एक बार फिर 2 माह से भी कम अवधि के भीतर 700 करोड़ रुपए का कर्ज लेने की जरूरत पड़ गई है। इससे पहले राज्य सरकार ने 300 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। इस तरह वर्तमान सरकार अब तक 3,000 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। कर्ज लेने का यह क्रम यहीं पर थमता नजर नहीं आ रहा और आगामी दिनों में सरकार को कर्ज लेने के लिए फिर बाध्य होना पड़ेगा। इस तरह राज्य सरकार अब तक करीब 49,385 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी
है। इससे पहले पूर्व कांग्रेस सरकार के समय प्रदेश पर 46,385 करोड़ रुपए का कर्ज था
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