उत्‍तराखण्‍ड- आपदा तबाही के कारण जनता मुश्किलों में

 पिथौरागढ़ में आसमान से आफ़त बरसी  लेकिन  उबर पाने में आपदा प्रबंधन विभाग  असफल  कोटद्वार में आपदा प्रबंधन का सच आंखों में धूल झोकता साफ दिख रहा है- आपदा प्रबंधन के हालात कुछ और ही तस्वीर बयां करते है।
तबाही के कारण जनता मुश्किलों में चुफाल ने आपदा प्रभावित क्षेत्र में पहुंचकर बचाई सरकार की लाज
आपदा प्रभावितों को दिया साथ देने का भरोसा सरकारी महकमों को तेजी से कार्य करने के निर्देश
सीएम, डीएम को बताई हालत

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पिथौरागढ़ में आसमान से आफ़त बरसी  लेकिन  उबर पाने में आपदा प्रबंधन विभाग  असफल साबित हो रहा   है. इस हादसे में अब तक छह लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है. हालांकि मौके पर मौजूद लोगों का मानना है कि मरने वालों की संख्या 30 से भी ज़्यादा हो सकती है. उधर मांगती में बादल की वजह से किमखोला गांव का संपर्क पूरी तरह बाकी क्षेत्रों से कट गया है और गांव के सात-आठ घर नष्ट हो गए हैं. रविवार रात बादल फटने वाली जगह था मांगती के करीब ही है किमखोला गांव. स्थानीय विधायक हरीश धामी के अनुसार यहां करीब 30 लोग पूरी तरह फंस चुके हैं. न तो इस गांव तक जाने का कोई रास्ता बचा है और न ही किसी तरह वहां संपर्क हो पा रहा है. दरअसल क्षेत्र के संपर्क मार्ग कटे होने के वजह से मांगती और मालपा में रेस्क्यू ऑपरेशन भी पूरी रफ़्तार और क्षमता के साथ नहीं चलाया जा पा रहा है. प्रभावित क्षेत्रों तक न तो जेसीबी मशीनें पहुंच पाई हैं और न ही कोई और भारी उपकरण. ऐसे में मलबे को साफ़ करना, जो कहीं-कहीं 50 फ़ीट तक पहुंच गया है, संभव नहीं लगता. इसलिए लोग आशंका जता रहे हैं कि मारे जाने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है.

भाजपा कार्यकर्ता द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट – पूर्व विधान सभा प्रभारी जगत मर्तोलिया
धारचूला, १६ अगस्त। धारचूला तहसील के बुंगबुंग में बादल फटने के कारण मांगती नाले ने घट्टाबगड में भारी तबाही मचायी है। घटना के दूसरे दिन भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा डीडीहाट के विधायक विशन सिंह चुफाल ने घटना स्थल पर पहुंचकर सरकार की लाज बचाई। सरकार के पहले चेहरे के रूप में आपदा प्रभावितों के बीच पहचे चुफाल ने कहा कि सरकार आपदा प्रभावितों के साथ है। अन्तिम पंक्ति में खडे प्रभावित को राहत पहुंचाना सरकार का प्रमुख लक्ष्य है। उन्होनें कहा कि आपदा के बाद उत्पन्न हालातों को बदलने का काम तेजी से किया जा रहा है। एक एसडीएम प्रभावित क्षेत्र में तो दूसरा तहसील मुख्यालय में तैनात है। सामंजस्य से कार्य हो रहा है।

वही अन्‍य मीडिया रिपोर्ट के अनुसार- 
सोमवार सुबह पिथौरागढ़ के पांगती और मालपा में आसमान से बरसी आफ़त ने कई ज़िंदगियां लील लीं लेकिन एक युवक मौत के हाथों से फ़िसल गया. सोमवार सुबह हुई अविश्वसनीय घटना में मलबे के साथ आई आंधी में मालपा का एक युवक उड़ता हुआ काली नदी के पार नेपाल पहुंच गया और उसकी जान बच गई. रेस्क्यू टीम में शामिल एक अधिकारी के मुताबिक मालपा में होटल चलाने वाले सुनील सिंह रविवार रात अपने घर में सोए हुए थे. घर में उनकी मां भवानी सिंह भी मौजूद थीं. सुबह अचानक सुनील को कुछ तेज आवाज़ आई, जिसे सुनकर वह बाहर निकले. जैसे ही वह बाहर निकले ऐसी तेज आंधी चली कि वह हवा में उड़ने लगे. हवा और मलबे ने सुनील को बॉर्डर पर काली नदी के दूसरी तरफ नेपाल में जाकर पटक दिया. वहां कुछ घंटे बाद स्थानीय लोगों ने सुनील को उठाया. सोमवार को दोपहर बाद नेपाल के लोगों ने उन्हें बूंदी तक पहुंचाया, जहां से उसे धारचूला लाया गया. मंगलवार की शाम इलाज के लिए सुनील को हेलिकॉप्टर से हल्द्वानी पहुंचाया गया. इस हादसे में घर के अंदर ही रही सुनील की 65 साल की मां भवानी सिंह की मौत हो गई. सुनील के सिर में काफ़ी चोट आई है और अभी वह बात करने की स्थिति में नहीं हैं. माना जा रहा है कि मालपा में बादल फटने की घटना से करीब 30 लोगों की जान गई है. हालांकि अभी छह ही लोगों के मरने की पुष्टि हो पाई है. स्थानीय लोगों के मुताबिक या तो लोग मलबे के अंदर दब गए हैं या फिर काली नदी में बह गए हैं. काली नदी का बहाव भी इतना तेज है कि उसमें किसी को ढूंढना लगभग नामुमकिन सा है और अगर सुनील उस नदी में गिरते तो उनकी गिनती भी लापता लोगों में ही होती.

 
पूर्व विधान सभा प्रभारी जगत मर्तोलिया के अनुसार- धारचूला तहसील के मालपा तथा घट्टाबगड में आयी तबाही के कारण चौंदास तथा व्यासघाटी की जनता मुश्किलों में है। राहत और बचाव कार्य का इंतजार कर रही जनता के बीच सरकार के चेहरे के रूप में विधायक चुफाल तथा पूर्व विधान सभा प्रभारी जगत मर्तोलिया पहुंचें। जैसे ही व घट्टा बगड में पहुंचे तो आपदा प्रभावितों ने उन्हें चारो तरफ से अपने आगोश में ले लिया। आंखों में आंसू और जुबान पर तबाही का दर्द साफ झलक रहा था। घटना के बाद सरकार के किसी नुमाईन्दें को अपने बीच पाकर आपदा प्रभावित बेहद प्रसन्न थे। उन्हें लग रहा था कि मानो सरकार ही उनके बीच आ गयी हो। सबने एक-एक करके अपनी समस्याऐं चुफाल जी के सामने रखी। आपदा प्रभावितों के आंखों में अब आशाऐं नजर आ रही थी। उन्होंने राशन, चिकित्सा, पैदल मार्गो की मरम्मत, पेयजल की व्यवस्था तथा आर्थिक सुरक्षा के मामले उठाये। उन्होनें कहा कि अब आ गये है सरकार के सामने हमारी बातों को जोरदार ढंग से रख दीजिए। विधायक चुफाल ने कहा कि मुख्यमन्त्री यहां आने के लिए दून से घटना के दिन नही आ पाये थे मौसम ने साथ नहीं दिया। अब वे मुख्यमन्त्री के सामने इस क्षेत्र की सभी समस्याओं को जोरदार ढंग से उठायेंगे। विधायक ने कहा कि मालपा के हालात को देखने के लिए उपजिलाधिकारी वहां पहुंच चुके है। लोनिवि के अफसरों के साथ कुमॉऊ आयुक्त, डीआईजी आदि ने भी क्षेत्र को देखकर तत्काल प्रभाव से राहत के कार्य शुरू कर दिये है। विधायक चुफाल को तवाघाट से घट्टाबगड तक मार्ग में पत्थरों को हटाने के बाद आगे बढना पडा। सीमा सडक संगठन के अधिकारियों को मौके पर ही सडक मार्ग को दूरस्थ करने को कहा गया। चुफाल ने धारचूला पहुंचकर जिलाधिकारी व मुख्यमन्त्री को क्षेत्र की विकट स्थिति के बारे में बताया। पूर्व विधान सभा प्रभारी जगत मर्तोलिया ने कहा कि आपदा प्रभावितों की सहायता के लिए भाजपा कार्यकर्ता भी अपने स्तर से सहयोग कर रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक संतोषजनक कार्य किये है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम क्षेत्र में तैनात है। आईटीबीपी और एसएसबी का सहयोग लगातार मिल रहा है। इस मौके पर भाजपा के मण्डल अध्यक्ष ओम प्रकाश कापडी, प्रान्त कार्यकारणी सदस्य रूकम सिंह बिष्ट, युवा मोर्चा पूर्व जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह नेगी, युवा मोर्चा के जिला महामन्त्री नवीन थलाल, महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष लीला कुंवर, मण्डल महामन्त्री पूरन सिंह ग्वाल, बलुवाकोट व्यापार मण्डल अध्यक्ष नरेश बोरा, भाजपा नेता हिमांशु ओझा, गेहराज पाण्डे, राजू ठकुराठी, जगत वर्मा, सुरेश भट्ट, लक्की थापा, प्रकाश सैलाल आदि मौजूद थे।

वही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने मालपा आपदाग्रस्त क्षेत्रों विस्तृत दौरा करने के लिए एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है. अजय भट्ट ने बताया कि समिति मालपा में हादसे की जगह पर जाएगी और त्रासदी में हुए जान-माल के नुक़सान का अध्ययन करेगी. इसके बाद यह समिति एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी. समिति में पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और खटीमा के विधायक पुष्कर सिंह धामी संयोजक हैं जबकि लोहाघाट के विधायक पूरण फर्त्वाल, वरिष्ठ नेता बाबा वीरेन्द्र सिंह, राजू रावत, व धारचूला के वरिष्ठ भाजपा नेता महेंद्र बुदयाल सदस्य हैं. समिति मालपा क्षेत्र में जाकर आपदा के कारणों, वहां हुई नुक़सान, राहत कार्यों की स्थिति और आवश्यकताओं का विस्तार से यथास्थान अध्ययन करेगी और इस बारे में प्रदेश अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट देगी.

वही दूसरी ओर कोटद्वार में आपदा प्रबंधन का सच आंखों में धूल झोकता साफ दिख रहा है- आपदा प्रबंधन के हालात कुछ और ही तस्वीर बयां करते है।
कोटद्वार में आपदा प्रबंधन को लेकर एक ओर शासन-प्रशासन जहां दावे करता हुआ दिख रहा है कि आपदा पीड़ितों को मिलने वाली राहत के लिए जोर-शोर से कार्य किये जा रहे है। वही दूसरी ओर आपदा प्रबंधन का सच कितना दिखाई देता है इसकी वास्तविकता आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जाकर देखने को मिल रही है। आपदा प्रबंधन का कार्य जिस दुर्त गति से होना चाहिए था वह हो नहीं पा रहा है। नगर पालिका क्षेत्रों में ही आपदा प्रबंधन के कार्य कछुआ गति से चल रहे है। वहीं नगर पालिका के वार्ड नंबर 1 में अभी तक आपदा प्रबंधन को लेकर जो कार्य किये जा रहे है। वह नाममात्र के दिखाई देते है। एक ओर तो शासन-प्रशासन व नीतिनियंता इस बात का जोर देते हुए नजर आ रहे है कि आपदा प्रबंधन को लेकर किसी तरह कि कमी नहीं आने दी जायेगी लेकिन आपदा प्रबंधन के हालात कुछ और ही तस्वीर बयां करते है।
विगत 4 और 5 अगस्त को पनियाली गदेरा गिवई स्रोत में बाढ़ आने से पानी व मलबा आस-पास के लोगों के घरों में घुस गया था। जिससे लोगों के घरों व दुकानों में रखा सारा सामना खराब हो गया था। आपदा के 9 दिन बाद भी नगर पालिका के वार्ड नंबर 1 में अभी भी राहत कार्य नहीं हो पा रहे है। जिससे स्थानीय निवासियों में भारी रोष व्याप्त है। नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत वार्ड नंबर 1 अपर कालाबड़ निवासी आपदा पीड़ित शोभा नेगी पत्नी शैलेंद्र्र ंसह नेगी ने बताया कि आपदा के कारण उनके घर का सारा सामना नष्ट हो गया है और अभी तक शासन-प्रशासन द्वारा उनकी किसी भी प्रकार की मदद नहीं की गयी है। उन्होंने बताया कि आपदा से घर का सारा सामना खराब होने से परिवार के भरण-पोषण में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आपदा पीड़ित रामबहादुर, राजू, मनोज, मोहन ने बताया कि आपदा के कारण उनके घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये है। जिससे घर में रखे बर्तन, कपड़े, खाने का सामान सहित सारा सामान खराब हो गया है। उन्होंने कहा कि अभी तक उनको शासन-प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार की मदद नहीं दी गयी है। आपदा पीड़ित पंकज कुमार ने बताया कि आपदा के कारण उनके घर में लगभग 4 फुट पानी भर गया था। जिस कारण आपदा की बाढ़ के साथ बर्तन, कपड़े, खाने का सामान सहित सभी सामान बह गया है। उन्होंने कहा कि घर में खाने, पहनने व सोने के लिए कुछ भी नहीं है। वही आपदा पीड़ित कलावती ने कहा कि आपदा के कारण उनकी चाहरदीवारी क्षतिग्रस्त हो गई है। जिसका अभी तक कोई भी मुआवजा नहीं मिला है। श्याम प्रकाश थपलियाल ने कहा कि आपदा से उनकी मोबाईल की दुकान में रखा लगभग 3 लाख रूपये का सामान बह गया है और दुकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी है। उन्होंने कहा कि दुकान क्षतिग्रस्त होने से उनके सामने परिवार के भरण पोषण का संकट उत्पन्न हो गया है। क्योंकि वह दुकान के माध्यम से ही अपने परिवार का भरण पोषण करते है। उन्होंने शासन-प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि शासन-प्रशासन की लारवाही से आपदा के कारण जिनका नुकसान हुआ है उनको राहत राशि नहीं मिल रही है और जिनका नुकसान नहीं हुआ है उनको राहत राशि मिल रही है। वही सतीश प्रकाश थपलियाल और सुशील हिंदवाण की दुकान भी आपदा की चपेट में आने से उनकी दुकान का सारा सामान खराब हो गया है। आपदा पीड़ितों का कहना है कि यह हाल तो नगर पालिका क्षेत्र का है तो ग्रामीण क्षेत्र का क्या हाल होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

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