बारामुला सेक्टर में सेना पर आतंकी हमले

army-offजम्मू कश्मीर के बारामुला सेक्टर में सेना पर आतंकी हमले की खबर सामने आई है। उत्तर कश्मीर में 46 राष्ट्रीय राइफल के आर्मी कैंप पर रविवार रात को ये हमला हुआ है। रिपोर्ट्स के अनुसार आतंकी एक पब्लिक पार्क के रास्ते आर्मी कैंप में प्रवेश करना चाहते थे लेकिन जवानों की मुस्तैदी के कारण वो सफल नहीं हो पाए। इस क्षेत्र में भारी गोला बारी हो रही है। रात 10.30 बजे से दोनों तरफ से गोलीबारी शुरू हुई है। जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस मौके पर ट्वीट करके लोगों को जानकारी भी दी है। अभी इस हमले में और जानकारी का इंतजार किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार तीन से चार आतंकी हो सकते है। जिनमें से दो आतंकियों को सुरक्षाबल द्वारा मार गिराया गया है। खबरों के अनुसार दो बीएसएफ के और दो आर-आर के जवान घायल होने की खबर है।

यह कैम्प 46 राष्ट्रीय राइफल्स का है। राष्ट्रीय राइफल्स की यह यूनिट कश्मीर में काउंटर टेरर ऑपरेशंस को अंजाम देती है। यह कैम्प झेलम नदी के पास मौजूद है। कैम्प के आसपास 3-4 और सिक्युरिटी कैम्प्स हैं। ये कैम्प्स सीआरपीएफ, आर्मी और बीएसएफ के हैं।  दो महीने पहले बारामूला में सुसाइड अटैक हुआ था। आतंकी ग्रेनेड फेंककर भाग निकलने में कामयाब हो गए थे।
– जहां यह कैम्प है, वहां आर्मी के ग्रुप कमांडिंग अॉफिसर का दफ्तर, रिहाइशी इलाके और सरकारी दफ्तर हैं।  रविवार और सोमवार की दरमियानी रात 1.20 बजे सेना के सूत्रों ने कहा कि ऑपरेशन खत्म हो गया है। सर्च ऑपरेशन जारी है।
– आपरेशन के दौरान सेना ने एक बैग बरामद किया है। बताया जा रहा है कि इसमें ग्रेनेड हैं। ये भी खबर है कि आतंकी इस बैग को छोड़कर भागे हैं। सेना पास की एक नदी पर नजर रख रही है। शक है कि कोई आतंकी इसमें भी गिरा है। यह छोटी नदी है और इसमें पानी भी कम है।

इससे पहले जम्मू और कश्मीर के ही अखनूर सेक्टर में रविवार रात पाकिस्तान की ओर से एक बार फिर संघर्षविराम का उल्लंघन किया गया है। पिछले कई दिनों से दोनों देशों की तरफ से रुक रुककर गोली बारी हो रही है।
श्रीनगर स्थित पंद्रहवीं कोर के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि बारामूला के जांबाजपोरा में आतंकवादिों ने सैन्य शिविर पर गोलियां चलायीं. गोलीबारी अब भी जारी ही है. यह शिविर श्रीनगर से करीब 54 किलोमीटर दूर है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय राइफल्स की 46वीं बालियन में गोलीबारी की खबर है. समझा जाता है कि आतंकवादी बगल के बीएसएफ कैंप से इस प्रतिष्ठान में घुसे. सूत्रों ने बताया कि शिविर के समीप के मकानों से कुछ गोलीबारी हुई. यह हमला इस खुफिया सूचना के बाद हुई है कि 29 सितंबर को भारतीय सेना द्वारा किये गए लक्षित हमले के बाद जम्मू कश्मीर में सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर आतंकवादी हमला हो सकता है.

गौरतलब है कि बारामुला में सेना के कई प्रतिष्ठान मौजूद हैं. सूत्रों से हवाले खबर मिल रही है कि सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया है.

उधर, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर बताया कि उनके कुछ जानने वालों ने फोनकर भारी गोलबारी की खबर दी है. उन्होंने सबकी सलमती की दुआ मांगी है. गौरतलब है कि बीते 29 सितंबर को सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल ऑपरेशन को अंजाम देने की खबर दी थी. भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर आतंकी लॉन्‍च पैड्स की गई सर्जिकल स्‍ट्राइक्‍स में लगभग 34 आतंकवादी मारे गए थे.
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देश भर में बढ़ाई गई सतर्कता के बीच भारतीय तटरक्षक दल ने रविवार को सुबह गुजरात तट के निकट एक पाकिस्तानी नौका को पकड़ा है। इस पर नौ लोग सवार थे। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक तटरक्षक बल के जहाज समुद्र पावक ने गश्त के दौरान इस नौका को गुजरात तट के निकट सुबह दस बजकर पंद्रह मिनट पर पकड़ा। इस पर नौ लोग सवार थे। प्राथमिक जानकारी से ऐसा लगता है कि इस नौका पर सवार लोग पाकिस्तानी मछुआरे हैं। बयान के मुताबिक, ‘नौका और इस पर सवार लोगों को आगे की जांच के लिए पोरबंदर ले जाया जा रहा है।’ भारतीय सेना ने कुछ दिन पहले ही नियंत्रण रेखा के पार लक्षित हमला किया था। इसके बाद से पड़ोसी देश से लगने वाली मैदानी और समुद्री सीमा को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इससे पहले, शुक्रवार को, तटरक्षक बल ने कहा था कि नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ठिकानों पर भारत के लक्षित हमलों के मद्देनजर गुजरात तट से लगने वाले संवेदनशील इलाकों को खाली करवा लिया गया है और निगरानी बढ़ा दी गई है। तटरक्षक बल ने मछुआरों और अन्य लोगों को अधिक सतर्कता बरतने और समुद्र या तट से निकट के इलाकों में किसी भी तरह की असामान्य गतिविधि की खबर देने को कहा है।
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पाकिस्तान के एक दैनिक समाचारपत्र ने दक्षेस सम्मेलन के रद्द होने के मद्देनजर पाकिस्तान की छवि ‘बदलने की तत्काल जरूरत’ बताई है और सरकार से कहा है कि वह ‘आत्मविश्लेषण’ करने के साथ ही एक ‘प्रभावी’ विदेश नीति विकसित करे जिससे देश की छवि को आतंकवाद एवं असहिष्णुता से मुक्त किया जा सके। भारत और चार अन्य देशों के इस्लामाबाद में अगले महीने होने वाले दक्षेस सम्मेलन में हिस्सा लेने से मना करने के बाद समाचार पत्र ‘द डेली टाइम्स’ ने एक संपादकीय में लिखा, ‘यह समय पाकिस्तान के लिए आत्मविश्लेषण करने और यह तय करने का होना चाहिए कि वह स्वयं को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष किस तरह से प्रभावी तौर पर पेश कर सकता है।’ संपादकीय में लिखा है, ‘जब सवाल वैश्विक मंच का आता है, धारणा काफी मायने रखती है और दुर्भाग्य से पाकिस्तान की आतंकवाद एवं असहिष्णुता से ग्रस्त देश के तौर पर उसकी छवि के चलते उसकी अपीलों का अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर कोई प्रभाव नहीं होता।’ यह संपादकीय ऐसे समय आया है जब उरी में गत 18 सितम्बर को सेना के शिविर पर पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा किये गए हमले के बाद भारत के साथ तनाव बढ़ा हुआ है। हमले में 19 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। हमले के जवाब में भारत ने कहा कि उसने नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को नेस्तनाबूत करने के लिए लक्षित हमला किया।
भारत ने सैन्य कार्रवाई के साथ ही पाकिस्तान को ‘अलग थलग’ करने के लिए कूटनीतिक प्रयास किए। भारत, बांग्लादेश, भूटान, अफगानिस्तान और श्रीलंका ने नौ-10 नवम्बर को पाकिस्तान के इस्लामाबाद में होने वाले 19वें दक्षेस सम्मेलन में हिस्सा लेने से मना कर दिया। संपादकीय में लिखा है, ‘दक्षेस के पांच देशों के इस्लामाबाद में आयोजित होने वाले सम्मेलन में हिस्सा लेने से इनकार करने से अंतरराष्ट्रीय समुदाय में एक गलत संकेत गया है। इस परिप्रेक्ष्य में पाकिस्तान को एक प्रभावी विदेश नीति की जरूरत है और इसके लिए उसे एक पूर्णकालिक विदेश मंत्री चाहिए जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारतीय लॉबिंग का जवाब दे सके और विश्व के समक्ष पाकिस्तान का पक्ष रख सके।’
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भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के दावे को गलत साबित करने की कोशिश में लगे पाकिस्तान ने अब दूसरा तरीका अपनाया है। डैमेज कंट्रोल करने के लिए पाकिस्तानी आर्मी शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय और स्थानीय मीडिया को लेकर लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) गया ताकि यह साबित कर सके कि भारत के ओर से कोई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं किया गया है। इस बात की जानकारी के पाकिस्तान की लोकल मीडिया और इंटरनेशनल मीडिया ने रविवार को दी। पाकिस्तान की ओर से न्यूज एजेंसी एएफपी ने बताया कि पत्रकारों को हवाई यात्रा करा कर एलओसी ले जाया गया। एजेंसी ने पाकिस्तान आर्मी की ओर से पत्रकारों को हवाई सफर कराकर बॉर्डर पर ले जाने को दुर्लभ कदम बताया। डॉन और द न्यूज इंटरनेशनल के मुताबिक पाकिस्तान के एक प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल असीम बाजवा ने पत्रकारों को बताया कि इन सब के पीछे वजह पूरी दुनिया के सामने यह साबित करना है कि सर्जिकल स्ट्राइक के कोई भी संकेत नहीं मिले हैं और भारत का दावा “सफेद झूठ” है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान सेना की ओर से 20 मीडिया संगठनों के 40 पत्रकारों के एक ग्रुप को एलओसी पर ले जाया गया है। पत्रकारों को सात में से उन दो जगहों पर ले जाया गया था, जहां भारत की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक का दावा किया गया था। ग्रुप को भिंमभेर के बागसर सेक्टर और हॉट स्प्रिंग सेक्टर के मानडोल ले जाया गया। इन जगहों पर पाकिस्तान के दो सैनिको ने अपनी जान गवाई थी। गौरतलब है कि 18 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले में अब तक कुल 20 जवान शहीद हो चुके हैं। इस घटना के बाद पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ उबाल है। बुधवार देर रात भारत की ओर से आतंकी हमले का बदलना लेने के लिए पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक करके आतंकियों को सफाया किया गया। भारतीय सेना ने बुधवार देर रात पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में घुसकर आतंकियों के लॉन्च पैड तबाह कर दिए। स्पेशल फोर्सेज के कमांडो ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देते हुए PoK में आतंकियों के 7 कैंप तबाह कर दिए। करीब 4 घंटे चले इस ऑपरेशन में 38 आतंकी मारे गए थे। आतंकियों को बचाने के चक्कर में इस स्ट्राइक में 2 पाकिस्तानी सैनिक भी मारे गए। सर्जिकल अटैक के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। सेना ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब में इंटरनेशनल बॉर्डर से सटे हुए गांवों को खाली करा लिया गया है।

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