एक-एक लोकसभा क्षेत्र गोद ले राज्यसभा सांसद

BJP MPबीजेपी ने नई रणनीति के तहत फैसला लिया है. ; बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के राज्यसभा सांसदों से एक-एक लोकसभा क्षेत्र को गोद लेने को कहा ; Top News; www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal)

भारतीय जनता पार्टी ने उन लोकसभा सीटों पर पार्टी को मजबूत बनाने की रणनीति बनाई है जिनमें वह वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में हार गई थी. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आज पार्टी के 52 राज्यसभा सांसदों से कहा कि वे अपने-अपने राज्य की ऐसी एक-एक उस लोकसभा सीट को चुनें जहां पिछले चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. उस लोकसभा क्षेत्र में विकास करें और पार्टी को मजबूत करें.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के राज्यसभा सांसदों से एक-एक लोकसभा क्षेत्र को गोद लेने को कहा है. ये वे सीटें होंगी जहां बीजेपी हारी. सांसदों से ऐसे निर्वाचन क्षेत्र का विकास करने को कहा गया है. बुधवार को बीजेपी राज्यसभा सांसदों की बैठक हुई, जिसमें बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी हिस्सा लिया. मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बीजेपी के 52 राज्यसभा सांसद हैं. बैठक में राज्यसभा सांसदों से पार्टी की अपेक्षा पर बात हुई. अमित शाह , अरुण जेटली, वेंकैया नायडू और पीएम मोदी मार्गदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि हर सांसद एक हारी हुई लोकसभा क्षेत्र को चुने और जी-जान से जुट जाए. वहां पार्टी को मजबूत बनाएं.

जावड़ेकर ने कहा कि संगठन और विचार के विस्तार में भी राज्यसभा के सांसदों का योगदान होना चाहिए. जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार है, वहां कि सांसद संगठन के काम में राज्य स्तर पर जिम्मेदारी लेकर काम करें.

अपनी सीट मानकर करें सांसद निधि का उपयोग
अमित शाह ने दिल्ली में पार्टी के राज्यसभा सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्र के ऐसे एक-एक लोकसभा क्षेत्र को गोद लें जहां पार्टी 2014 में पराजित हुई थी. उन क्षेत्रों में सांसद निधि के तहत मिलने वाले फंड को व्यय करें. उन्होंने कहा कि सांसद इन क्षेत्रों को अपनी सीट मानकर खर्च करें. इन क्षेत्रों में पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए भी सक्रिय पहल करें.

बीजेपी ने नई रणनीति के तहत यह फैसला लिया है. इसके तहत प्रत्येक राज्यसभा सांसद अपने राज्य की ही एक सीट गोद लेंगे. पार्टी नेतृत्व का मानना है कि यदि सांसद इस योजना पर गंभीरता से अमल करते हैं तो अगले चुनाव से पहले वे 52 सीटें मजबूत हो सकती हैं जहां पार्टी हार गई थी.

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