बीएसएफ के आला अधिकारी जवान तेज बहादुर को लपेट न दे

अगर मैं गलत था तो क्यों उन्हें अवार्ड दिए #सरकार ने जांच शुरू कर

बॉर्डर सिक्‍योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के एक जवान तेज बहादुर यादव के खाने की गुणवत्‍ता शिकायत पर सरकार ने जांच शुरू कर दी है। यादव ने सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर शिकायत की थी। इसके बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जांच के आदेश दिए थे। वहीं बीएसएफ ने भी जांच शुरू कर दी थी। वहीं बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि यादव पर कई मामलों में अनुशासनात्‍मक कार्रवाई हो चुकी है। बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि तेज बहादुर यादव जहां पर तैनात है वह बीएसएफ की ट्रांजिंट पोस्‍ट है। इसका ऑपरेशनल कंट्रोल सेना के पास है और वहीं राशन मुहैया कराती है।
गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो मैसेज के जरिए शिकायत करने वाले बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव पर अब अनुशासनहीनता के आरोप लग रहे हैं। बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि यादव पर कई मामलों में अनुशासनात्‍मक कार्रवाई हो चुकी है। अधिकारी के मुताबिक यादव कई मामलों में सजा तक काट चुका है। इसके अलावा जवान पर सही तरीका अपनाने की जगह वीडियो के जरिए शिकायत करने पर अनुशासनहीनता के आरोप लग रहे हैं। हालांकि खुद जवान ने भी इन आरोपों पर अपनी सफाई पेश की है।
वीडियो बनाने वाले तेज बहादुर यादव ने एक मीडिया चैनल को दिए जवाब में कहा , “जहां मैं रहता हूं मैने वहां के कमांडेंट को इस बारे में सूचित किया था, लेकिन जब कोई एक्शन नहीं हुआ तब जाकर मैने वीडियो के जरिए सच्चाई दिखाने का फैसला लिया।” अपने करियर पर उठाए गए सवालों के जवाब में जवान ने कहा कि आरोप लगाने वालों से यह भी पूछा जाए कि अगर मैं इतना ही गलत था तो क्यों उन्हें अवार्ड दिए गए। तेज बहादुर ने बताया कि उन्हें 16 बार सम्मानित किया जा चुका है और एक बार वह गोल्ड मेडल भी जीत चुके हैं। हालांकि उन्होंने माना कि करियर में उन्होंने कुछ गलतिया कीं, लेकिन फिर वह उनमें सुधार भी कर चुके हैं।
वीडियो में यादव कहते हैं, ‘देशवासियों मैं आपसे एक अनुरोध करना चाहता हूं। हम लोग सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक, लगातार 11 घंटे इस बर्फ में खड़े होकर ड्यूटी करते हैं। कितना भी बर्फ हो, बारिश हो, तूफान हो, इन्‍हीं हालातों में हम ड्यूटी कर रहे हैं। फोटो में हम आपको बहुत अच्‍छे लग रहे होंगे मगर हमारी क्‍या सिचुएशन हैं, ये न मीडिया दिखाता है, न मिनिस्‍टर सुनता है। कोई भी सरकार आईं, हमारे हालात वहीं हैं। मैं इस के बाद तीन वीडियो भेजूंगा जिसको मैं चाहता हूं कि आप दिखाएं कि हमारे अधिकारी हमारे साथ कितना अत्‍याचार व अन्‍याय करते हैं। हम किसी सरकार के खिलाफ आरोप नहीं लगाना चाहते। क्‍योंकि सरकार हर चीज, हर सामान हमको देती है। मगर उच्‍च अधिकारी सब बेचकर खा जाते हैं, हमारे को कुछ नहीं मिलता। इसकी जांच होनी चाहिए।”
बॉर्डर सिक्‍योरिटी फोर्स (बीएसएफ) अधिकारियों ने बताया कि कि इस तरह की पोस्ट में अच्‍छी सुविधाएं नहीं होती हैं क्‍योंकि ये अस्‍थायी तौर पर बनाई जाती है और दूरदराज के इलाकों में होती हैं। एक अधिकारी ने बताया कि यादव ने 31 जनवरी 2016 को स्‍वैच्छिक सेवानिवृति के लिए अर्जी दी थी। उन्‍हें 10 दिन पहले संतरी की ड्यूटी पर तैनात किया गया था। अधिकारी ने बताया, ”यादव को आदेश ना मानने के चलते फटकारा जा चुका है और कम से कम चार बार बड़ी सजाएं दी गईं। इनमें शराब पीकर गाली-गलौच करना, अभद्र भाषा का इस्‍तेमाल, गैरमौजूद रहना और आधिकारिक आदेश से विपरीत काम करने के आरोप शामिल हैं। आखिरी अपराध के लिए उन्‍हें बीएसएफ कोर्ट ने सात दिन की कड़ी जेल की सजा दी थी।
वीडियो में यादव कहते हैं, ‘देशवासियों मैं आपसे एक अनुरोध करना चाहता हूं। हम लोग सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक, लगातार 11 घंटे इस बर्फ में खड़े होकर ड्यूटी करते हैं। कितना भी बर्फ हो, बारिश हो, तूफान हो, इन्‍हीं हालातों में हम ड्यूटी कर रहे हैं। फोटो में हम आपको बहुत अच्‍छे लग रहे होंगे मगर हमारी क्‍या सिचुएशन हैं, ये न मीडिया दिखाता है, न मिनिस्‍टर सुनता है। कोई भी सरकार आईं, हमारे हालात वहीं हैं। मैं इस के बाद तीन वीडियो भेजूंगा जिसको मैं चाहता हूं कि आप दिखाएं कि हमारे अधिकारी हमारे साथ कितना अत्‍याचार व अन्‍याय करते हैं। हम किसी सरकार के खिलाफ आरोप नहीं लगाना चाहते। क्‍योंकि सरकार हर चीज, हर सामान हमको देती है। मगर उच्‍च अधिकारी सब बेचकर खा जाते हैं, हमारे को कुछ नहीं मिलता। कई बार तो जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है। मैं आपको नाश्‍ता दिखाऊंगा जिसमें सिर्फ एक पराठा और चाय मिलता है, उसके साथ अचार नहीं होता। दोपहर के खाने की दाल में सिर्फ हल्‍दी और नमक होता है, रोटियां भी दिखाऊंगा। मैं फिर कहता हूं कि भारत सरकार हमें सब मुहैया कराती है, स्‍टोर भरे पड़े हैं मगर वह सब बाजार में चला जाता है। इसकी जांच होनी चाहिए।”

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