UK थराली विधानसभा उपचुनाव; मतदाता का मूड कैसा है

UK थराली विधानसभा उपचुनाव; मतदाता का मूड कैसा है # हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल #काफी कशमकश के बाद भाजपा ने थराली उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशी का नाम घोषित कर ही दिया. पार्टी ने इस सीट के लिए पूर्व विधायक स्वर्गीय मगनलाल शाह की पत्नी और जिला पंचायत चमोली की अध्यक्ष मुन्नी देवी को उमीदवार बनाया है. मुन्नी देवी 10 मई को नामांकन दाखिल करेंगीं. रिर्ट¨नग आफिसर उप जिलाधिकारी परमानंद राम ने बताया थराली विधानसभा उप निर्वाचन के लिए मंगलवार को नामांकन के छठे दिन यूकेडी के कस्वी लाल ने तीन सेट में नामांकन प्रपत्र लिया। अभी तक कुल चार प्रत्याशियों के नाम से नामांकन प्रपत्र लिए गए हैं। जिसमें भाकपा के कुंवर राम, कांग्रेस के प्रो. जीतराम, बीजेपी से मुन्नी देवी शाह तथा यूकेडी के कस्वी लाल शामिल हैं।  थराली विधानसभा उप निर्वाचन में पहली बार ईवीएम के साथ वीवीपैट (वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) से मतदाता को पता चल सकेगा कि किसे दिया वोट का इस्तेमाल किया जाएगा।

थराली उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी घोषित होने के बाद चुनावी जंग कांग्रेस और भाजपा के बीच सिमट गई है. कांग्रेस पहले ही पूर्व विधायक डॉक्टर जीतराम को टिकट देने का ऐलान कर चुकी थी. अब उनकी सीधी टक्कर जिला पंचायत अध्यक्ष मुन्नी देवी से होगी. डॉक्टर जीतराम भी 10 तारीख को ही नामांकन दाखिल करेंगे.

 

 थराली उपचुनाव  28 मई को मतदान होगा।  मतों की गिनती का काम 31 मई को किया जाएगा। चमोली जिले की थराली विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में मुकाबला दिलचस्प हो गया है. पहले माना जा रहा था कि भाजपा और कांग्रेस के बीच सीदा मुकाबला होगा लेकिन अब मुकाबला बहुकोणीय हो गया है, इसकी वजह बने हैं भाजपा के दो बागी.  दोनों ही निर्दलीय उम्मीद्वार भाजपा के बागी के तौर पर सामने आए हैं. बागी गुड्डू लाल और बलबीर घुनियाल ने भाजपा के माथे पर बल ला दिया है. गुड्डू लाल हफ्तेभर पहले भाजपा में शामिल हुए थे लेकिन, टिकट न मिलने वह बागी हो गए और निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया. भाजपा ने गुड्डू लाल की जगह इस सीट से विधायक रह चुके दिवंगत मगनलाल शाह की पत्नी मुन्नी देवी को टिकट दे दिया. बता दें कि गुड्डू लाल ने 2017 के विधानसभा चुनाव में थराली से ही निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था और सात हजार वोट पाते हुए तीसरी पोजिशन हासिल की थी. उपचुनाव में जीत सुनिश्चित करने के गणित के साथ भाजपा ने कुछ दिनों पहले गुड्डू को अपने साथ मिलाने की कोशिश की लेकिन बीजेपी टिकट की चाह में पार्टी में शामिल हुए गुड्डू ने टिकट का ऐलान होते ही भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.  दूसरे बागी बने हैं बलबीर घुनियाल. टिकट न मिलने से नाराज़ भाजपा के प्रदेश मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.    कांग्रेस ने अपने पुराने योद्धा डॉक्टर जीतराम पर दांव खेला है. दूसरे राज्यों की तरह ही उपचुनाव में सत्तारूढ़ दल को मात देने का चमत्कारिक लक्ष्य कांग्रेस के सामने है. इसीलिए कांग्रेसी नेताओं ने थराली में कैम्प करना अभी से शुरू कर दिया है.

2017 में हुए चुनाव में भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय गुड्डू लाल को मिले वोटों से थराली सीट का समीकरण और भी स्पष्ट हो जाता है. तब थराली सीट पर भाजपा के मगनलाल शाह को 25 हजार, 931 वोट मिले थे. कांग्रेस के डॉक्टर जीतराम को 21 हजार, 73 वोट मिले थे. यानि लगभग पांच हजार के अंतर से भाजपा ने जीत दर्ज की थी. उसी चुनाव में निर्दलीय गुड्डू लाल ने सात हज़ार से ज्यादा वोट हासिल किए थे. अब न सिर्फ गुड्डू लाल बागी बन गए हैं बल्कि भाजपा के ही प्रदेश मंत्री बनबीर घुनियाल भी बागी के तौर पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. माना जा रहा है कि दोनों ही बीजेपी के वोट काटेंगे. जाहिर है कांग्रेस के उत्साह के पीछे उसे वोटों का यही समीकरण दिखाई दे रहा है. अब भाजपा इस उपचुनाव में अपनी किस हद तक नाक बचा पा रही है ये 31 मई को पता चलेगा जब उपचुनाव का नतीजा सामने आएगा.

 

भाजपा विधायक मगनलाल शाह का निधन होने के कारण खाली हुई थराली सीट का उपचुनाव भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती है. ये उपचुनाव त्रिवेंद्र रावत सरकार के किए गए सवा साल के कामों पर जनादेश माना जा रहा है.
भाजपा के लिए 57 सीटों के प्रचंड बहुमत को कायम रखना भी बड़ी चुनौती है. निकाय चुनाव से पहले हो रहे इस उपचुनाव में पार्टी की जीत निकाय चुनावों के लिए बूस्टर डोज़ का काम करेगी. इसे देखते हुए ही पार्टी फूंक-फूंककर कदम रख रही है. पार्टी ने खुद को मजबूत करने के मद्देनज़र साल 2017 के विधानसभा चुनाव में उतरने वाले गुड्डू लाल शाह को 28 अप्रैल पार्टी में शामिल कराया. पिछले चुनाव में गुड्डू लाल को सात हजार से ज़्यादात मत हासिल हुए थे. अब गुड्डू लाल के निर्दलीय चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद बीजेपी मुश्किल में है और चुनावी ऊंट किसी भी तरफ बैठ सकता है.

उत्‍तराखण्‍ड के चमोली जनपद में जहां विधानसभा उपचुनाव हो रहा है, उस जनपद की यह स्‍थिति है, जोशीमठ प्रखंड के किमाणा गांव में आज तक सड़क नहीं पहुंची है। ग्रामीणों को अपने गांव तक आने-जाने के लिए 12 किमी की पैदल चढ़ाई नापनी पड़ती है।  बीमार होने पर ग्रामीण चारपाई पर बांधकर अस्पताल पहुंचाते है। 

स्‍वास्‍थ्‍य की स्‍थिति

गांव के राजकीय जूनियर हाई स्कूल में सेवारत अध्यापक प्रेम बल्लब गौड़ की तबियत   खराब होने लगी थी।  गांव सड़क से 12 किमी पहाड़ी मार्ग के बाद स्थित है और रास्ते में वन्यजीवों का भी भारी खतरा है। इसलिए ग्रामीण उन्हें रात को इलाज के लिए नहीं ला सके। सुबह तक उनकी तबियत और खराब हो गई, गांव के कुछ युवाओं ने उन्हें चारपाई से बांधा और किसी तरह सड़क तक ले कर लाए। यहां से उन्हें गाड़ी से अस्पताल पहुंचाया गया। किमाणा गांव में सड़क की कमी के कारण कई बार पैदल जाते हुए मरीजों की मौत तक हो चुकी है। 

स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को बयां करती तस्वीर है। चमोली जिले के दूरस्थ क्षेत्र गैरसैंण में एंबलेंस सेवा 108 का इंतजार करते एक गर्भवती की जान चली गई।

स्थानीय निवासी प्रदीप भंडारी कहते हैं कि 13-14 वर्ष पहले हेलंग से डुमक तक 12 किमी सड़क स्वीकृत हुई, जिसका निर्माण लोनिवि कर रहा है, लेकिन आज तक यह सड़क पूरी नहीं हो पाई। कहते हैं कि डुमक से उनके गांव किमाणा तक के लिए 8 किमी सड़क का दस वर्ष पूर्व सर्वे हुआ, लेकिन अभी तक सड़क की फाइल स्वीकृति के लिए शासन में फंसी है। क्षेत्र पंचायत प्रमुख प्रकाश रावत ने बताया कि किमाणा गांव जोशीमठ विकासखंड का दूरस्थ पहाड़ी गांव है। लोगों को छोटी-छोटी वस्तुओं एवं तीमारदारी के लिए 12 किमी की चढ़ाई नापनी पड़ती है। जोशीमठ के कई पहाड़ी गांवों में अभी भी सड़क सुविधा का अभाव है। प्रदेश सरकार जोशीमठ के पहाड़ी गांवों के विकास के लिए असंवेदनशील बनी हुई है जिससे लोगों में रोष है। 

सडक की स्‍थिति

ऋषिकेश-बदरीनाथ और रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर कई स्थानों पर बने गड्ढे वाहन चालकों के साथ ही आम लोगों को भी परेशानी का कारण बने हैं। सरकारी लापरवाही के चलते यह हर वक्त दुर्घटना का न्यौता दे रहे हैं।  विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम हैं। ऐसे में ऋषिकेश-बदरीनाथ और रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर कई स्थानों में बने गड्ढें लोगों के लिए परेशानी का सबव बने हैं।  केदारनाथ हाईवे पर बड़े-बड़े गड्ढे दुर्घटना को खुला न्यौता दे रहे हैं 

स्यूणी तल्ली निर्माणाधीन मोटर मार्ग पर वर्तमान में कार्य बंद होने से लाभान्वित गांव के लोगों में रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने पीएमजीएसवाई सड़क पर कार्य प्रारंभ करने की मांग की है। इस निर्माणाधीन मोटर मार्ग पर विगत 15 मार्च को क्षेत्रीय विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी ने शुभारंभ किया था। अब आपत्ति लगने के कारण इस सड़क पर दो सप्ताह से भी अधिक समय से कार्य ठप है। ग्रामीण मनमोहन, बसंती देवी, चंद्र सिंह परसारा, सुरेन्द्र सिंह, केशर सिंह, संग्राम सिंह, कलम सिंह, दरमान सिंह और रणजीत सिंह आदि से सड़क पर शीघ्र निर्माण कार्य प्रारंभ करने की विभाग से अपील की है।

20 मार्च 2018 को पहली बार बस पहुंची

 तहसील थराली के मैन गांव में पहली बार बस पहुंची। इससे विकास का अंदाजा लगाया जा सकता है, भाले भाले ग्रामीणों ने एक-दूसरे को मिठाई बांटकर बर्धा दी। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत थराली के केरा से मैन तक 6 किमी सड़क तक का निमार्ण कार्य पूरा होने पर  बस पहुंची।  

राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय डुमक चमोली जिले  के 24 छात्र-छात्राएं भराड़ीसैंण (गैरसैंण) पहुंचे तो   वाहनों को देख सकपका गए। कुछ बच्चों ने तो शिक्षकों से सवाल तक कर डाला कि यह क्या चीज है। गैरसैंण में विधानसभा भवन समेत अन्य भवनों को देख वे कहने लगे, अरे! इतने बड़े भी घर होते हैं क्या। चमोली जिले के जोशीमठ विकासखंड स्थित डुमक गांव जाने के लिए बदरीनाथ हाईवे पर पीपलकोटी से चार किमी आगे पाखी से 29 किमी की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है। इसी गांव में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय डुमक के 24 छात्र -छात्राएं शैक्षिकभ्रमण पर गैरसैंण पहुंचे थे। 29 किमी पैदल चलकर जब वह रोड हेड पर पाखी पहुंचे तो सड़क को देख उनकी आंखें फटी की फटी रह गई। सड़क पर वाहन को देख पहले तो वे सकपकाए और फिर उसके पीछे दौड़ने लगे। तब शिक्षकों ने बताया कि यह बस है, जिसमें बैठने पर पैदल यात्रा नहीं करनी पड़ती। 

चमोली जिले के देवाल विकासखंड के अंतिम गांव झलियां में लगातार पहाड़ी से पत्थर और मलबा गिर रहा है। देवाल के झलियां के ग्राम प्रधान झलियां भाग चंद्र एवं जिला पंचायत सदस्य राजेंन्द्र दानू ने बताया कि पिछले दो दिन से गांव के ऊपर से लगातार पत्थर एवं मलबा गिर रहा है। गांव में मलबा भरने से गांव का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। ग्रामीण पिछले 40 घंटों से गांव के पास बने मंदिर एवं पंचायत घर में शरण लिए हुए हैं। गांव में बलवंत सिंह दानू का मकान मलबे से दब गया है। साथ ही खीम सिंह एवं लाल सिंह के मकान को भी नुकसान पहुंचा है। गांव के रास्ते और पेयजल लाइन भी भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हो गए हैं। गांव की कृषि भूमि पूरी तरह मलबे से पट गर्इ है।

 

थराली विधानसभा उप निर्वाचन में पहली बार ईवीएम के साथ वीवीपैट (वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) से मतदाता को पता चल सकेगा कि किसे दिया वोट का इस्तेमाल किया जाएगा। 

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