भारत ने 11 हजार करोड़ रुपये का सामान चीन से आयात किया

 चीन से आयात में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी  #हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत ने 18 अरब डॉलर (11 हजार करोड़ रुपये) का सामान चीन से आयात किया जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 13.5 अरब डॉलर (आठ हजार करोड़ रुपये) का सामान आयात किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार रुपये के मजबूत होने से भारतीय कारोबारी ज्यादा सामान का आयत कर रहे हैं। इस समय एक युआन का विनिमय मूल्य 9.61 रुपये है। भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने हिन्दुस्तान टाइम्स से कहा कि राजनीतिक और आर्थिक बाधाएं अलग-अलग होती हैं और घरेलू बाजार को बढ़ावा देने की जरूरत है ताकि नए रोजगार तैयार हों और आयात पर निर्भरता कम हो सके। www.himalayauk.org (Leading Digital newsportal & Print Media) Dehradun & Haridwar 

डोकलाम विवाद को सुलझाने के लिए 11 अगस्त को भारतीय और चीन के सेना के बीच मेजर जनरल स्तर पर नाथूला में फ्लैग लेवल मीटिंग हुई, लेकिन बेनतीजा साबित हुई. सूत्रों का कहना है कि चीन इस बात पर जोर डाल रहा है कि भारत डोकलाम से अपने सैनिक हटाए वहीं भारत का कहना है कि चीन जब तक सड़क बनाने का उपकरण नहीं हटाता वो अपनी सेना नहीं हटाएगा. दोनों पक्षों ने फैसला लिया कि अपने अपने हेडक्वाटर को रिपोर्ट करेंगे. पिछले हफ्ते भी ब्रिगेडियर स्तर पर नाथूला में ही दोनों देशों के सेनाओं के बीच बातचीत हुई थी लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.

चीन ने आरोप लगाया है कि भारतीय फौज उसकी सीमा में घुस आए हैं. चीन के सरकारी अखबार पीपुल्स डेली में छपी खबर में आरोप लगाया गया है कि भारतीय फौज ने सीमा का गलत आकलन (Miscalculation) किया. इस गलती के लिए भारत को इसके लिए शर्मिंदगी झेलनी पड़ेगी. चीनी मीडिया लगातार ऐसा प्रोपेगेंडा खड़ा कर रहा है कि दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं. हालांकि भारत सरकार लगातार कह रही है कि जबतक चीनी सेना डोकलाम से पीछे नहीं हटेगी तब तक बातचीत का कोई सवाल ही नहीं है. चीन के आक्रामक रुख को देखते हुए भारत ने भी बार्डर पर भारी संख्या में फौज तैनात कर दिए हैं. हालांकि अच्छी बात यह है कि इस तनावपूर्ण हालात में भी दोनों तरफ से एक भी गोली नहीं चली है. चीन की हरकतों पर सेना प्रमुख  बिपिन रावत 1965 के युद्ध का जिक्र करते हुए कह चुके हैं कि भारत तब और अब में काफी अंतर आ चुका है.  पीपुल्स डेली ने वुहान यूनिवर्सिटी में चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ बाउंड्री एंड ओशन स्टडीज में प्रोफेसर गुआन पीफेंग के हवाले से कहा है, ‘इस बार भारत और चीन के बीच अलग तरह के तनाव पैदा हुए हैं. भारतीय फौज चीनी सीमा के अंदर आ गई है.’  हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल एवं प्रिन्‍ट मीडिया

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल की तुलना में इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में चीन से आयात में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि करीब दो महीने से चीन और भारत के बीच सीमा विवाद जारी है। भारत द्वारा चीन से मंगाए जाने वाले सामान में इलेक्ट्रॉनिक सामान, इंजीनियरिंग गुड्स और केमिकल्स प्रमुख हैं। इस दौरान भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 5.5 प्रतिशत और युआन के मुकाबले 3.7 प्रतिशत मजबूत हुआ है। आर्थिक मामलों की संस्था क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डीके जोशी ने हिन्दुस्तान टाइम्स से कहा कि दोनों देशों के बीच जारी सीमा विवाद का असर दोनों देशों के आपसी कारोबार पर नहीं पड़ेगा। दोनों देशों के बीच विवाद तब शुरू हुआ जब चीन ने भूटान की डोकलाम घाटी में सड़क बनानी शुरू कर दी। भारतीय सैनिकों ने उसे सड़क बनाने रोका क्योंकि ये इलाका भारत की सुरक्षा के लिहाज से काफी संवेदनशील है। चीन ऐसी सड़क बना रहा था जिस पर से 40 टन वजन तक के सैन्य वाहन भी आसानी से आ-जा सकें। चीन डोकलाम को अपना डोंगलॉन्ग इलाका बताता है। 16 जून को भारतीय सैनिकों द्वारा सड़क निर्माण से रोके जाने के बाद से ही चीनी मीडिया में बार-बार भारत को युद्ध की धमकी दी जा रही है। चीनी सेना और विदेश मंत्रालयों के प्रवक्ताओं ने भी भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए हैं। चीन की मांग है कि भारत डोकलाम से अपने सैनिक हटाए तभी दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर सार्थक बातचीत हो सकेगी। वहीं भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में कहा था कि भारत और चीन दोनों को एक साथ इलाके से सैनिक हटाने चाहिए। चीनी मीडिया ने भारत को 1962 के युद्ध का सबक याद रखने की बात कही गई। इस पर भारतीय रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत अब 1962 वाला नहीं है। बाद एक अन्य बयान में जेटली ने कहा कि चीन से 1962 में मिले सबक का नतीजा 1965 और 1971 में देखने को मिला था। 1965 और 1971 में भारत ने पाकिस्तान को युद्ध में हराया था।
भारत और चीन के बीच कारोबारी संतुलन का पलड़ा चीन की तरफ झुका है। भारत चीन से आयात ज्यादा मूल्य के सामान करता है और निर्यात कम। ये अंतर पिछले कुछ सालों में और बढ़ गया है। साल 2016-17 में ये अंतर 51.1 अरब डॉलर था, जबकि साल 2009-10 में ये अंतर केवल 19.26 अरब डॉलर था।

इसी साल 16 जून को भारतीय सैनिक डोकलाम इलाके में गश्त पर थी, तभी पता चला कि चीन यहां सड़क बना रहा है. भारतीय सेना ने चीन के सड़क निर्माण के कार्य को रोक दिया. इसी बात से चीन नाराज हो गया और लगातार प्रोपेगेंडा कर रहा है. उसका दावा है कि वह अपनी सीमा में सड़क बना रहा है, ऐसे में भारत को क्या ऐतराज है. हालांकि यह इलाका भूटान का है.

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