चीफ जस्टिस पार्टियों या सेमिनार्स में शिरकत नहीं करते

बीते 4 दशक से वह हर तीन महीने में एम्स में रक्तदान भी करते हैं

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जस्टिस जे एस खेहर ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस का पदभार हाल ही में संभाला है। वहीं जस्टिस खेहर अपने कार्य को लेकर कितने ऐक्टिव हैं इस बात का अंदाजा हम लोग इस बात से लगा सकते हैं कि वह वीकेंड्स में पार्टियों या सेमिनार्स में शिरकत नहीं करते। चीफ जस्टिस के पास हर वीकेंड के लिए कई सेमिनारों या इवेंट्स के निमंत्रण आते हैं लेकिन वह उनमें शिरकत करने से मना कर देते हैं। दरअसल इसके पीछे की वजह यह है कि चीफ जस्टिस शनिवार के दिन भी कोर्ट में अपने कामों को पूरा करने आते हैं। कोर्ट में वह शनिवार के दिन भी कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक कामों को पूरा करने पहुंच जाते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं कई हाई कोर्ट के जज भी वीकेंड्स में समय लेकर उनसे मिलने सुप्रीम कोर्ट ही जाते हैं। जो जज चीफ जस्टिस से मुलाकात के लिए समय मांगते हैं, उनसे चीफ जस्टिस पूछते हैं कि क्या उनके लिए कोर्ट में मिलना संभव होगा।
जस्टिस जेएस खेहर ने 4 जनवरी 2016 को भारत के नए चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली थी। जेएस खेहर ने टीएस ठाकुर की जगह ली है। जस्टिस खेहर एक केन्याई
प्रवासी के बेटे हैं और वह उस वक्त स्कूल में थे, जब उनका परिवार भारत लौटा था। पंजाब यूनिवर्सिटी से गोल्ड मेडलिस्ट खेहर दशकों पहले सुर्खियों में आए थे जब
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक जज वी रामास्वामी का केस लड़ा था। रामास्वामी पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रहते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगा था।
रामास्वामी इकलौते ऐसे जज रहे जिनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया।
चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर के सख्त फैसलों की सूची किसी से छिपी नहीं है। वहीं वह काफी ईमानदार और साफ दिल के शख्स भी हैं। बीते 4 दशक से वह हर तीन महीने में एम्स में रक्तदान भी करते हैं। उन्होंने पांच बार रक्तदान दिल्ली में किया है। वहीं चीफ जस्टिस खेहर के जानकार बातते हैं कि वह बेहद मृदुभाषी और छोटे फ्रेंड सर्किल बनाए रखते हैं। उनके कई वकील साथियों का दावा है कि पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट बार असोरिएशन द्वारा आयोजित कोई भी रक्तदान शिविर उन्होंने कभी नहीं छोड़ा।

 जस्टिस जगदीश सिंह खेहर (जन्म:28 अगस्त 1952) वर्तमान में 44वें भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं। 04 जनवरी 2017 को प्रधान न्यायाधीश के पद की शपथ ग्रहण की। वे सिख समुदाय से उच्चतम न्यायालय के प्रथम न्यायाधीश होंगे। वर्ष १९७४ में चंडीगढ़ के राजकीय कॉलेज से विज्ञान में स्नातक उपाधि प्राप्त की। वर्ष १९७७ में पंजाब विश्वविद्यालय से विधि में स्नातक और १९७९ में एल एल एम् की उपाधि प्राप्त की। विश्वविद्यालय में अच्छे प्रदर्शन के लिए आप को स्वर्ण पदक भी मिला।

एडवोकेट

   1979 :में इन्होंने वकालत प्रारम्भ की। इस अवधि में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट चंडीगढ़ ,हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट तथा उच्चतम न्यायालय में वकालत की।

1992 :में पंजाब में अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया गया।

1995 : में वरिष्ठ एडवोकेट बने।

न्यायाधीश के रूप में

2009 :29 नवम्बर 2009 – 7 अगस्त 2010 तक उत्तराखंड हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश रहे।

2010 :08 अगस्त 2010 से 12 सितम्बर 2011 तक कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे।

2011 :13 सितम्बर 2011 से 03 जनवरी 2017तक उच्चतम न्यायालय ,भारत के न्यायाधीश।

2017 :04 जनवरी 2017 से 27 अगस्त 2017 तक उच्चतम न्यायालय ,भारत के मुख्य न्यायाधीश।

 

 

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