यूपी के बालिका गृह देवरिया में मुजफ्फरपुर जैसा घिनौना कांड

HIGH LIGHT#बिहार के मुजफ्फरपुर के बालिका गृह का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था की ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के देवरिया में सामने आया है. #यूपी के देवरिया में मुजफ्फरपुर जैसा घिनौना कांड #बड़ी मैम रात को कहीं भेजती थीं- देवरिया में बालिका गृह से 24 लड़कियां बरामद #एक निजी बालिका गृह से पुलिस ने रात में छापेमारी करके 24 लड़कियों को बरामद #बालिका गृह में रहने वाली 18 लड़कियों का पता नहीं चल पाया# रविवार देर रात पुलिस ने शहर के स्टेशन रोड स्थित मां विन्ध्यावासिनी बालिका गृह से 24 लड़कियों का मुक्त कराया। इस बालिका गृह से किसी तरह बच  के निकली एक लड़की ने चौकाने वाले खुलासे किये हैं। उसका कहना है कि यहाँ लड़कियों ने झाडू़-पोछा और बर्तन मजवाने का काम कराया जाता था। इसके साथ लड़कियों को कहीं भेजा भी जाता था। Presented by- हिमालयायूके- हिमालय गौरव उत्‍तराखण्‍ड

आरोप है कि बालिका गृह की लड़कियों को यहां से रात में बाहर भेजा था। मामले के खुलासा रविवार को तब हुआ जब यहां से एक लड़की किसी तरह निकल भागी। लड़की के बयान के बाद हरकत में आए प्रशासन ने बालिका गृह पर छापा मारकर वहां रह रही 24 लड़कियों को मुक्त कराया। अब इन सभी का मेडिकल होगा। ये बालिका गृह अवैध रूप से चल रहा था। एक साल पहले ही सरकार ने इसे बंद करने के आदेश दे चुकी है।

देवरिया: बिहार के मुजफ्फरपुर के बालिका गृह का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था की ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के देवरिया में सामने आया है. पुलिस ने छापेमारी करके बालिका गृह से 24 लड़कियों को बरामद किया है. जबकि वहां रह रही 18 लड़कियों का पता नहीं चल सका है. ये मामला शहर के स्टेशन रोड स्थित मां विन्ध्यावासिनी बालिका गृह से जुड़ा हुआ है. बालिका गृह से किसी तरह बचके निकली एक बच्ची ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. इस मामले में देह व्यापार के एंगल से भी जांच की जा रही है.
बच्ची ने दावा किया है कि उनसे झाडू़-पोछा और बर्तन मजवाने का काम कराया जाता था. बालिका गृह की संचालिका गिरजा त्रिपाठी उसके पति और बेटी को गिरफ्तार कर लिया गया है.

 
लड़की का कहना था की एक दीदी हैं उन्हें बड़ी मैम रात को कहीं भेजती थीं, कभी लाल गाड़ी तो कभी काली गाड़ी उनको ले जाने आती थी. जब दीदी सुबह में आती थीं तो सिर्फ रोती थीं, कुछ भी पूछने पर बताती नहीं थीं. 15 साल बड़ी जो लड़कियां थीं उन्हे कहीं भेजा जाता था और अगली सुबह वो रोते हुए वापस आती थीं. हम लोंगो से झाड़ू पोछा करवाया जाता था.
 

संचालिका गिरजा त्रिपाठी का आरोप
वहीं बालिका गृह की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कोई भी गलत काम नहीं हो रहा था. जो लड़कियां पुलिस के कब्जे में हैं, उनसे जो चाहें कहलवा लें. रजिस्टर में जितनी लड़कियां दर्ज हैं, मौके पर पुलिस को उतनी ही मिलीं. जहां तक संस्था की मान्यता की बात है तो वह ख़त्म नहीं की गई है. मान्यता स्थगित है और मामला कोर्ट में विचाराधीन है.संचालिका का कहना है कि बालिका गृह अडॉप्शन के पैसे से चल रहा था.
बालिका गृह में अनियमितता को लेकर सीबीआई पहले से कर रही थी जांच
बता दें कि इस बालिका गृह में अनियमितता को लेकर सरकार सीबीआई जांच करा रही थी. इसे सरकार की तरफ से पैसा भी आना बंद हो गया था, लेकिन संस्था की संचालिका जबरदस्ती इस संस्था को चला रही थी.

After CBI inspection last year, it was established that Deoria shelter home centre was running illegally. A direction was issued to shift the inmates and shut it. But this order was not followed: Rita Bahuguna Joshi, Women & Child Welfare Minister

महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि पिछले साल सीबीआई की जांच के बाद ये सामने आया था कि ये बालिक गृह अवैध रूप से चल रहा है. इस तत्काल बंद करने और बच्चों को वहां से ट्रांसफर करने के आदेश दिए गए थे, लेकेन आदेश का पालन नहीं हुआ.
एसपी रोहन पी कनय ने बताया कि बालिका गृह से बच के निकली बच्ची ने हमारे महिला थाने पहुंचकर आपबीती सुनाई. जिसके बाद हमने पुलिस फोर्स भेजकर संस्थान पर छापेमारी करवाई. छापेमारी के दौरान 42 लड़कियों में से 24 लड़कियों क़ो छुड़ाया गया है. बाकी 18 लड़कियों की तलाश की जा रही है. संस्था की संचालक, उसके पति और बेटी क़ो गिरफ्तार कर लिया गया है. लड़की का कहना था की एक दीदी हैं उन्हें बड़ी मैम रात को कहीं भेजती थीं, कभी लाल गाड़ी तो कभी काली गाड़ी उनको ले जाने आती थी. जब दीदी सुबह में आती थीं तो सिर्फ रोती थीं, कुछ भी पूछने पर बताती नहीं थीं. 15 साल बड़ी जो लड़कियां थीं उन्हे कहीं भेजा जाता था और अगली सुबह वो रोते हुए वापस आती थीं. हम लोंगो से झाड़ू पोछा करवाया जाता था.
इस मामले पर देवरिया डीपीओ प्रभात कुमार ने कहा कि मां विन्ध्यावासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाजिक सेवा संस्थान था. इन लोगों के खिलाफ जो अनिमियता पाई गई थी उसके आधार पर इनकी मान्यता स्थगित थी और शासन से एक आदेश हुआ था कि सभी बच्चों को यहां से ट्रांसफर किया जाए. इन लोगों ने बच्चों को गैर कानूनी तरीके से यहां पर रखा था.
इस मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एक मां विन्ध्यावासिनी संस्था थी जिसे स्थगित किया गया था. जब इस संस्था को बंद करने का आदेश हुआ था तब हमारे लोग वहां गए थे. उस वक्त संस्था के लोग विरोध में उतर आए थे. एक बच्ची इस संस्था से भाग गई थी जिसने हमारे महिला थाना पहुंच कर सारी बातें बताई. जांच के दौरान कई बड़े खुलासे हुए हैं. 24 बच्चियों को सुरक्षित बचा लिया गया है. इस संबंध में तीन गिरफ्तारियां भी हुई हैं. आगे की जांच चल रही है.

वही दूसरी ओर बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर हाऊस में 34 लड़कियों से रेप मामले में जांच सीबीआई के हाथों में है. इस मामले में नीतीश कुमार सरकार में समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर पर भी आरोप लगे हैं. चंद्रशेखर पर आरोप है कि वो रात में बालिका गृह जाते थे. इस बीच मंजू वर्मा को लेकर बिहार की राजनीति में नई उठा पटक शुरू हो गई है. बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी मंजू वर्मा के समर्थन में हैं जबकि बिहार बीजेपी के बड़े नेता सीपी ठाकुर ने नीतीश सरकार में मंत्री मंजू वर्मा को हटाने की मांग की है.
सुशील मोदी ने मंजू वर्मा का समर्थन किया, ट्वीट कर कहा, ”बीजेपी पूरी तरह मंजू वर्मा के समर्थन में है, उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं है. जिन्हें सीबीआई ने रेलवे टेंडर घोटाले में समन किया है, जिनकी दो दर्जन बेनामी संपत्ति ईडी और आईटी ने जब्त की हैं, हमें नैतिकता पर लेक्चर दे रहे हैं.”

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