सोशल मीडिया में जबर्दस्‍त प्रतिक्रिया- अनजान क्‍यों है मुखिया का तंत्र

ukसंस्‍कृति विभाग उत्‍तराखण्‍ड भी कठघरे में  ;गले में डमरू बाध कर नाचने से धर्म और संस्‍कृति की रक्षा नही- हरीश पर आरोप 

बडी खबर- मुम्‍बई के गायक कैलाश खैर को केदारनाथ में गाना गाने और एपिसोड बनाने के 30 करोड रूपये दिये जाने का मामला तूल पकडता जा रहा है- राज्‍य सरकार की चौतरफा आलोचना हो रही है – इसके अलावा- केदारनाथ में परम्‍पराओं के विपरीत रावण दहन करवा दिया गया, इसकी भी सोशल मीडिया में जबर्दस्‍त प्रतिक्रिया हुई है- प्रतिक्रिया आ रही है कि रावण शिव द्रोही नही था अपितु स्‍वयं श्रीराम ने अपने भ्राता लक्ष्‍मण से कहा था- महाज्ञानी, महाप्रतापी, महाबलशाली, प्रखण्‍ड पंडित, महा शिव भक्‍त, चारो वेद केे ज्ञाता, ब्राहमण, शिव ताण्‍डव स्रोत के रचियता लकेश है, 

शिव के परम भक्‍त का शिव के धाम में परम्‍पराओं के विपरीत पुतला फूकवाने की पहल शुरू करने पर सोशल मीडिया में जबर्दस्‍त प्रतिक्रिया-

पूर्व मुख्‍यमंत्री विजय बहुगुण्‍ाा का बडा बयान आया है- कि गले में डमरू बाध कर नाचने से धर्म और संस्‍कृति की रक्षा नही होती, विजय बहुगुणा ने कैलाश खैर के कार्यक्रम करने और केदारनाथ  पर एपिसोडस बनाने के लिए करोडों की धनराशि र्ख्‍च करने को पैसे की बर्बादीी बताया- विजय बहुगुणा ने कहा कि हरीश रावत सिर्फ घोषणायें करते हैं, वह सिर्फ घोषणावीर हैं- हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल की प्रस्‍तुति- 

संस्‍कृति विभाग , उत्‍तराखण्‍ड भी कठघरे में हैं, हरीश रावत सरकार द्वारा कराए जा रहे कैलाश खेर के कार्यक्रमों को लेकर विपक्षी भाजपा ने प्रदेश सरकार को आरोपों के कठघरे में ला खड़ा किया है. बीजेपी का का कहना है कि भले आपदाप्रभावित क्षेत्रों में आज भी हालात न सुधर पाए हों, लेकिन आपदा प्रभावितों के लिए आई राशी को राज्य सरकार अपने प्रचार में लुटा रही है. अाम जन चर्चा है कि संस्‍क़ति विभाग में भी सब कुछ ठीक नही है, अगर यहां जांच की जाए तो सनसनी फैल जायेगी;  हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल की रिपोर्ट

संस्‍कृति विभाग अपने उददेश्‍य से भटका-

उत्‍त्‍राखण्‍ड की विलुप्‍त होती ऐतिहासिक लोक सांस्‍कृतिक विरासत यथा-लोकगीतों, लोकनृत्‍यों, लोक कलाकारों की पारम्‍परिक जीवन्‍त कला शैली को अनुरक्षण एवं सुदूरवर्ती क्षेत्रों की लोक संस्‍कृति के व्‍यापक प्रचार-प्रसार हेतु लोक प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन एवं लोक नाट्य क्षेत्र में कार्यरत कलाकारों को मंच उपलब्‍ध कराकर उपेक्षित लोक कलाओं को संरक्षित किया जाना है इसके अतिरिक्‍त प्रदेश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में जीवन यापन करने वाले प्रतिभावान लोक कलाकारों को, जो अपनी आर्थिक स्थिति के कारण अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं, ऐसे योग्‍य कलाकारों को संस्‍कृति द्वारा संरक्षण उपलब्‍ध करायेे जाने के लिए इस विभाग की स्‍थापना की गई, आज यह मुम्‍बई के कलाकारों को खैरात बांटने तक सीमित है, उत्‍तराखण्‍ड की लोक संस्‍कृति को बचाने के लिए इस विभाग ने कोई ठोस प्रयास तक नही किये- 

भाजपा नेताओं का कहना है कि सत्ता में आते ही बीजेपी इसपर जांच बिठाएगी और कोशिश करेगी की इसमें कानून कार्रवाई भी की जाए. कैलाश खेर के कार्यक्रमों को लेकर सत्ताधारी बीजेपी ने राज्य सरकार के खिलाफ चौतरफा मोर्चा खोल दिया है. भाजपा नेता उमेश शर्मा काऊ की माने तो आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हालात अभी तक भी नहीं सुधरे हैं.
खासतौर से बात केदारनाथ क्षेत्र की करें तो कई जगहों पर अभी तक भी संपर्क मार्गों की हालत ठीक नहीं हैं. पुल नहीं बने हैं और लोगों को जान जोखिम में डाल नदी नाले पार करनी पड़ रही है. ये ही नहीं लोगों को मुआवजा तक नहीं मिल सका है. ऐसे में इस तरह के कार्यक्रमों पर करोडों रुपया खर्च करना सवाल खड़े करता है
भाजपा नेता हरक सिंह रावत ने तो इस मामले की जांच तक करवाने की बात कही है. हरक सिंह रावत का कहना है कि आपदा के पैसे का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए, यह ठीक नहीं है. हरक सिंह रावत की माने तो आज भी प्रभावित क्षेत्रों के हालात नहीं सुधर पाए हैं. भवन से लेकर स्कूल, सड़क, पुल-पुलिया निर्माण कुछ भी नहीं हो सका है. ऐसे में सरकार द्वारा यूं करोडों रुपया अपने प्रचार पर खर्च करना जांच का विषय है.

::SOCIAL MEDIA REACTION;

कल केदारनाथ में रावण दहन किया गया, जोकि एक तरह से अनुचित परम्परा की शुरुवात है, अव्वल तो यह है कि हमारे पहाड़ों में रावण दहन की कोई परम्परा नहीं रही है, जो भी रावण दहन हो रहे हैं ये नये खेल हैं। दूसरे रावण को शिव का परम् भक्त माना जाता है, शिव् तांडव स्त्रोत्र सहित अधिकतर जितने शिव भक्ति के स्त्रोत्र, मन्त्र आदि हैं उनमें से अधिकतर रावण रचित ही हैं। हो सकता है कि हिमालय को शिव का क्षेत्र होने और रावण को शिव का परम् भक्त होने के कारण ही शिवभूमि में रावण दहन की परंपरा न रही हो।

शिव के ज्योतिर्लिंग केदारनाथ में शिव के परमभक्त रावण का पुतला दहन कहीं से भी उचित प्रतीत नहीं होता है। साथ ही पर्यावरणीय दृष्टि से भी ग्लेशियर क्षेत्र में एक ही दिन में बड़े पैमाने पर विस्फोटक अग्निदाह भी बिलकुल ही अनैतिक परम्परा की शुरूवात है। मुझे लगता है हम सभी को इस परंपरा का विरोध ही करना चाहिये, स्वागत नहीं।

विपिन घिल्डियाल 100 फीसदी सहमत

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Dinesh Pal Singh Gusain Bilkul condem it its dangerous for future

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अजय सेमल्टी बिलकुल सत्य

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अजय सेमल्टी #रावण का #पात्र बहुत #बुद्धिशाली #विद्याधारी इन्सान थे । रावण कोई राक्षस नही था अपितु उनका वंश राक्षस वंश था जाति ब्राह्मण थी। और तो और चारित्रवान थे । उनका यह प्रण था की पराई स्त्री को उसकी ईच्छा के विरुद्ध हाथ नही लगाऊंगा । जो उन्होंने सीता देवी को स…See More

Prakash Chandra Sharma Dandriyal बहुत सुंदर लिखा है
जय हो

Pt Dhruv Pokhriyal पुतले जलना बिल्कुल गलत है ।

जरूरत है अपने अंदर के ईमान को जगाने की ।।
÷जय श्रीं राम

Ranjana Rawat Shi baat. I agree.

Vikas Gaur Gaur ?जय श्री राम शुभ प्रभात?

Mahendra Pal Singh I too Agree with you…परियावरन की सुरक्षा पहले।

Manoj Kandwal Agree

Nitesh Budakoti bilkul. satya vachn

Ravi Panwar Correct ???i agree

Pradeep Rawat बिलकुल सत्य

Jagmohan Rawat Thik bat hai.

Ashish Gauniyal Astro 100 % सत्य

Ashish Shukla निहायती बेहूदा हरकत।

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Kailash Budakoti Uttam vichar

Prakash Chandra Sharma Dandriyal जय श्री राम

Dhaniram Binjola आयोजकों के ऊपर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए.ताकि आगे से कोई ईस तरह के आयोजन न करे.

 

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