अयोध्या केस ; मुस्लिम पक्षकार हाशिम अंसारी का निधन

Hashim- 95अयोध्या केस में मुस्लिम पक्षकार हाशिम अंसारी का निधन हो गया है. फैजाबाद में 96 साल की उम्र में हाशिम अंसारी ने अंतिम सांस ली. हाशिम अंसारी लंबे समय से बढ़ती उम्र के कारण बीमार चल रहे थे जिसके बाद कल देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली.

सन 1949 से लेकर तकरीबन 60 सालों से वो बाबरी मस्जिद के लिए मुस्लिम पक्ष की पैरवी कर रहे थे. इस बाबत उन्होंने कई बार कोर्ट से बाहर जाकर भी हिन्दू धर्मगुरूओं से मिल मामले को सुलझाने का प्रयास किया हालांकि उन प्रयासों के नतीजे नहीं निकले.

हाशिम अकसर अपने बयानों की वजह से भी चर्चा में बने रहते थे. उन्होंने कई बार पीएम मोदी की तारीफ की तो कभी जमकर आलोचना. वहीं ऐसा ही कुछ राज्य की सपा सरकार और मुलायम सिंह के बारे में भी कहा. कभी अच्छे कामों के लिए वो मुलायम सिंह की तारीफ करते तो कभी आलोचना.

अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष की पैरवी करते हुए एक वक्त ऐसा भी आया जब हाशिम ने इस मामले की पैरवी करने से इंकार कर दिया था. साल 2014 में अयोध्या बाबरी मस्जिद के मुख्य पक्षकार मोहम्मद हाशिम अंसारी बाबरी मस्जिद मुद्दे के राजनीतिकरण से इतने नाराज हुए थे कि उन्होंने बाबरी मस्जिद के मुक़दमे की पैरवी ना करने का फैसला कर लिया था. विवादित जमीन के मालिकाना हक के मुकदमे में सबसे पुराने वादियों में एक हाशिम अंसारी ने ये कहा था कि वो अब रामलला को आजाद देखना चाहते हैं. उनका कहना है, ‘चाहे हिंदू नेता हों या मुस्लिम सब अपनी अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने में लगे हैं और मैं कचहरी के चक्कर लगा रहा हूं.’

हालांकि इसके तुरंत बाद अपने बयान से पलटते हुए हाशिम ने कहा था कि ‘उन्होंने पैरवी से हटने संबंधी जो बयान दिया, वह मामले की धीमी सुनवाई को लेकर खीझ में दिया.’ उन्होंने कहा कि वह इस मामले का जल्द से जल्द हल चाहते हैं, इसलिए सुनवाई त्वरित अदालत में हो.’
हाशिम के निधन के बाद अब अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष की पैरवी उनके बेटे करेंगे. ये फैसला खुद हाशिम ने पहले ही कर दिया था.

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