ह्रीं बगलामुखी …मेघनाद ने आवाहन शुरू किया ही था कि …

एक्‍सक्‍लूसिव – ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा।

हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल के लिए -परम आदरणीय सत्‍य साधक पं0 बिजेन्‍द्र जी महाराज – के निर्देश पर- चन्‍द्रशेखर जोशी मुख्‍य सम्‍पादक द्वारा एक्‍सक्‍लुसिव आलेख- प्रकाशित-  

30 September , 2017 शनिवार – दशहरा महायोग पर बन रहा है महायोग; दशहरे पर इस बार आनंद योग बन रहा है। शुक्रवार को चंद्रमा उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के साथ आनंद योग भी बना रहा है। यह योग सूर्योदय से सूर्योदय तक रहेगा। इसका सबसे बड़ा लाभ इन चार राशि वालों को मिल सकता है।

युद्व में एक बार स्वखयं श्रीराम और दो बार लक्ष्मिण को हरने वाला रावण पुत्र महाबली इन्द्रजीत ने मॉ बगुलामुखी का आहवान करना शुरू किया ही था कि ………………

रावण के पुत्र मेघनाद ने अशोक वाटिका में हनुमान के वेग को श्री बगलामुखी की स्तंभन शक्ति के बल पर ही अवरुद्ध किया था। इसी शक्ति के बल पर रावण की सभा में अंगद ने अपना पैर जमा दिया था जिसे उठाने में कोई भी सफल नहीं हुआ था। महारथी वीर अर्जुन ने भी महाभारत के युद्ध में विजय के लिए मां पीतांबरा बगलामुखी की साधना की थी।

मां बगलामुखी को ‘ब्रह्मास्त्र के नाम से भी जाना जाता है। पुराणों में अंकित है कि सर्वप्रथम ब्रह्मा जी ने बगला महाविद्या की उपासना की थी। इसके दूसरे उपासक भगवान विष्णु व तीसरे परशुराम हुए। परशुराम ने ही यह विद्या आचार्य द्रोण को बताई थी। रावण के पुत्र मेघनाद ने अशोक वाटिका में हनुमान के वेग को श्री बगलामुखी की स्तंभन शक्ति के बल पर ही अवरुद्ध किया था। इसी शक्ति के बल पर रावण की सभा में अंगद ने अपना पैर जमा दिया था जिसे उठाने में कोई भी सफल नहीं हुआ था। महारथी वीर अर्जुन ने भी महाभारत के युद्ध में विजय के लिए मां पीतांबरा बगलामुखी की साधना की थी।

राम-रावण युद्ध में जब रावण के बड़े-बड़े योद्धा राक्षस मारे जा चुके थे, तब रावण के पुत्र मेघनाद ने स्वयं रणभूमि में जाने का फैसला किया। रणभूमि में जाने से पहले उसने शत्रु के शमन के लिए और अपने पिता दशानन रावण की जीत सुनिश्चित करने के लिए इस शक्तिस्वरूपा देवी माता श्री बगलामुखी का आवाहन और अनुष्ठान निर्जन एकांत स्थान में शुरू किया इस अनुष्ठान की निर्विघ्न समाप्ति के लिए सभी प्रमुख दानवों को तैनात कर दिया गया था। उन्हें आदेश था कि जो इस यज्ञ को हानि पहुंचाने की चेष्टा करे, उसका वध कर दिया जाए। इसके साथ ही मेघनाद ने पूरे आत्मविश्वास, उत्साह और पूरी श्रद्धा के साथ अनुष्ठान आरंभ कर दिया। परंतु विष्णु अवतार श्री रामचंद्र जी को इसका आभास हो गया कि अगर माता बगलामुखी इस यज्ञ के बाद जागृत हो उठीं तो वह काली का रूप धारण करके वानर सेना का विनाश कर दंेगी और उनके साथ चलने वाली योगिनियां उनके योद्धाओं का खून पी जाएंगी। इस शंका के चलते उन्होंने अपने परम भक्त हनुमान, बाली पुत्र अंगद आदि को  उसका यज्ञ भंग कर देने की आज्ञा दी। श्री राम की आज्ञा का पालन करते हुए दोनों योद्धा अपने प्रमुख वानर यूथपालों को लेकर उस गुप्त जगह पर छद्म वेश धारण करके पहुंच गए और महा पराक्रमी इंद्रजीत का यज्ञ अनुष्ठान पूरा होने से पहले ही भंग कर दिया। अगर मेघनाद का वह यज्ञ पूरा हो जाता तो श्री राम का लंका पर विजय पाना कठिन हो जाता

बगलामुखी माता मूलत: तंत्र की देवी हैं, प्राचीन तंत्र ग्रंथों में दस महाविद्याओं का उल्लेख मिलता है। 1. काली 2. तारा 3.
षोड़षी 4. भुवनेश्वरी 5. छिन्नमस्ता 6. त्रिपुर भैरवी 7. धूमावती 8. बगलामुखी 9. मातंगी 10. कमला। मां भगवती श्री बगलामुखी का महत्व समस्त देवियों में सबसे विशिष्ट है।मां बगलामुखी यंत्र मुकदमों में सफलता तथा सभी प्रकार की उन्नति के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। कहते हैं इस यंत्र में इतनी क्षमता है कि यह भयंकर तूफान से भी टक्कर लेने में समर्थ है।बगलामुखी यंत्र अकाल मृत्यु, दंगा-फसाद, आपरेशन आदि से बचाव करता है। बगलामुखी यंत्र द्वारा शत्रुओं पर विजय व वांछित सफलता प्राप्त हो सकती है। बगलामुखी यंत्र बुरी शक्तियों से बचाव के लिए अचूक यंत्र है।
विशेष: इसे गले में पहनने के साथ-साथ पूजा घर में रख सकते हैं। अपनी सफलता के लिए कोई भी व्यक्ति इस यंत्र का उपयोग कर सकता है।
प्राचीन तंत्र ग्रंथों में दस महाविद्याओं का उल्लेख मिलता है। उनमें से एक है बगलामुखी। माँ भगवती बगलामुखी का महत्व समस्त देवियों में सबसे विशिष्ट है। भारत में माँ बगलामुखी के तीन ही प्रमुख ऐतिहासिक मंदिर माने गए हैं जो क्रमश:
दतिया (मध्यप्रदेश), कांगड़ा (हिमाचल) तथा नलखेड़ा जिला शाजापुर (मध्यप्रदेश) में हैं। तीनों का अपना अलग-अलग महत्व है।

महाशक्ति का अवतार- # इन महाशक्ति देवी की उपासना से प्रत्येक दुर्लभ वस्तु प्राप्त की जा सकती है। 

 दस महाविद्याओं में देवी बगलामुखी को प्रथम स्थान प्राप्त है। यही एक मात्र देवी हंै जिनके मुकुट पर अर्धचंद्र और लालट में तीसरा नेत्र है। यही कारण है कि महाकाल शिवजी की यह अति प्रिय हैं। यह शक्तिरूपा विष्णु के तेज से युक्त होने के कारण वैष्णवी हैं। मंगलवार युक्त चतुर्दशी की अर्द्धरात्रि में इन महाशक्ति का अवतार हुआ। इनकी आराधना से दैवी प्रकोप और शत्रु से रक्षा तथा शांति, सुख समृद्धि राज्यकृपा की प्राप्ति होती है। भोग और मोक्ष देनों देने वाली इन महाशक्ति देवी की उपासना से प्रत्येक दुर्लभ वस्तु प्राप्त की जा सकती है। इन्हें ब्रह्मास्त्र विद्या के अतिरिक्त पीतांबरा, त्रिनेत्री, खड्गधारिणी, श्री विद्या, देवी श्री त्रिपुर सुंदरी, विश्वेश्वरी, मातंगी आदि नामों से भी पुकारा जाता है। पुरातन काल से ही देवी बगलामुखी को अति श्रेष्ठ स्थान प्राप्त है। राम-रावण युद्ध में जब रावण के बड़े-बड़े योद्धा राक्षस मारे जा चुके थे, तब रावण के पुत्र मेघनाद ने स्वयं रणभूमि में जाने का फैसला किया। रणभूमि में जाने से पहले उसने शत्रु के शमन के लिए और अपने पिता दशानन रावण की जीत सुनिश्चित करने के लिए इस शक्तिस्वरूपा देवी माता श्री बगलामुखी का आवाहन और अनुष्ठान निर्जन एकांत स्थान में शुरू किया इस अनुष्ठान की निर्विघ्न समाप्ति के लिए सभी प्रमुख दानवों को तैनात कर दिया गया था। उन्हें आदेश था कि जो इस यज्ञ को हानि पहुंचाने की चेष्टा करे, उसका वध कर दिया जाए। इसके साथ ही मेघनाद ने पूरे आत्मविश्वास, उत्साह और पूरी श्रद्धा के साथ अनुष्ठान आरंभ कर दिया। परंतु विष्णु अवतार श्री रामचंद्र जी को इसका आभास हो गया कि अगर माता बगलामुखी इस यज्ञ के बाद जागृत हो उठीं तो वह काली का रूप धारण करके वानर सेना का विनाश कर दंेगी और उनके साथ चलने वाली योगिनियां उनके योद्धाओं का खून पी जाएंगी। इस शंका के चलते उन्होंने अपने परम भक्त हनुमान, बाली पुत्र अंगद आदि को उसका यज्ञ भंग कर देने की आज्ञा दी। श्री राम की आज्ञा का पालन करते हुए दोनों योद्धा अपने प्रमुख वानर यूथपालों को लेकर उस गुप्त जगह पर छद्म वेश धारण करके पहुंच गए और महा पराक्रमी इंद्रजीत का यज्ञ अनुष्ठान पूरा होने से पहले ही भंग कर दिया। अगर मेघनाद का वह यज्ञ पूरा हो जाता तो श्री राम का लंका पर विजय पाना कठिन हो जाता। तात्पर्य यह कि शक्तिस्वरूपा देवी माता बगलामुखी का मुख बगले जैसा और शेष संपूर्ण शरीर स्त्रियों जैसा है

मां बगलामुखी जी आठवी महाविद्या हैं। इनका प्रकाट्य स्थल गुजरात के सौरापट क्षेत्र में माना जाता है। हल्दी रंग के जल से इनका प्रकट होना बताया जाता है। इसलिए हल्दी का रंग पीला होने से इन्हें पीताम्बरा देवी भी कहते हैं। इनके कई स्वरूप हैं। इस महाविद्या की उपासना रात्रि काल में करने से विशेष सिद्धि की प्राप्ति होती है। इनके भैरव महाकाल हैं। देवी बगलामुखी दस महाविद्या में आठवीं महाविद्या हैं यह माँ बगलामुखी स्तंभव शक्ति की अधिष्ठात्री हैं इन्हीं में संपूर्ण ब्रह्माण्ड की शक्ति का समावेश है. माता बगलामुखी की उपासना से शत्रुनाश वाकसिद्धि वाद विवाद में विजय प्राप्त होती है. इनकी उपासना से शत्रुओं का नाश होता है तथा भक्त का जीवन हर प्रकार की बाधा से मुक्त हो जाता है. बगला शब्द संस्कृत भाषा के वल्गा का अपभ्रंश है। जिसका अर्थ होता है दुलहन है अत: मां के अलौकिक सौंदर्य और स्तंभन शक्ति के कारण ही इन्हें यह नाम प्राप्त है. देवी बगलामुखी भक्तों के भय को दूर करके शत्रुओं और बुरी शक्तियों का नाश करती हैं। माँ बगलामुखी का एक नाम पीताम्बरा भी है इन्हें पीला रंग अति प्रिय है इसलिए इनके पूजन में पीले रंग की सामग्री का उपयोग सबसे ज्यादा होता है. देवी बगलामुखी का रंग स्वर्ण के समान पीला होता है अत: साधक को माता बगलामुखी की आराधना करते समय पीले वस्त्र ही धारण करना चाहिए.बगलामुखी देवी रत्नजडित सिहासन पर विराजती होती हैं रत्नमय रथ पर आरूढ़ हो शत्रुओं का नाश करती हैं। देवी के भक्त को तीनो लोकों में कोई नहीं हरा पाता, वह जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पाता है पीले फूल और नारियल चढाने से देवी प्रसन्न होतीं हैं। देवी को पीली हल्दी के ढेर पर दीप-दान करें देवी की मूर्ति पर पीला वस्त्र चढाने से बड़ी से बड़ी बाधा भी नष्ट होती है। बगलामुखी देवी के मन्त्रों से दुखों का नाश होता है।

2017 दशहरे का त्योहार इस बार 30 सितंबर को है। इस दिन शनिवार भी हैं। इसलिए तंत्र व ज्योतिषीय उपायों के लिए ये दिन अधिक फलदायी है। 30 सितंबर, शनिवार को विजयादशमी का पर्व है। ये पर्व बुराई की अच्छाई की जीत की खुशी में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो व्यक्ति सच्चे मन से भगवान राम का स्मरण व पूजा-पाठ करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। ज्योतिष के अनुसार, इस दिन यदि भगवान श्रीराम को राशि के अनुसार भोग लगाया जाए तो वे बहुत प्रसन्न होते हैं और भक्त के सभी कष्टों का तुरंत निवारण कर देते हैं।

शनि की टेढ़ी (वक्री) चाल
रावण ज्योतिष शास्त्र का महान ज्ञाता था।पौराणिक कथानुसार लंकापति रावण ने अपनी अपार शक्ति से न केवल देवताओं का राज्य छीन लिया बल्कि उसने सभी ग्रहों को भी कैद कर लिया था। जब रावण की मंदोदरी गर्भ से थी तब रावण की यह इच्छा थी कि उसका होने वाला पुत्र ऐसे ग्रह-नक्षत्रों में जन्म ले जिससे कि वह महा-पराक्रमी, कुशल योद्धा और तेजस्वी बने।
वह चाहता था कि उसका पुत्र दीर्घायु हो और कोई भी देवी-देवता उसके प्राण न हर सके।समस्त ग्रह रावण के प्रकोप से भयभीत रहते थे लेकिन एकमात्र शनिदेव ही ऐसे ग्रह थे जो रावण से जरा भी नहीं डरते थे।
मेघनाद के जन्म के समय रावण ने सभी ग्रहों को शुभ और सर्वश्रेष्ठ स्थिति में रहने का आदेश दिया था।उस समय शनि देव के अलावा अन्य सभी ग्रह रावण की इच्छानुसार स्थिति में आ गए थे।
रावण जानता था कि शनि देव आयु की रक्षा करते हैं लेकिन वे यह भी जानता था कि आसानी से तो शनि देव उसकी बात मानकर शुभ स्थिति में विराजित नहीं होंगे।
अत: रावण ने अपने बल का प्रयोग करते हुए शनि देव को भी ऐसी स्थिति में रखा, जिससे उसके होने वाले पुत्र की आयु वृद्धि हो सके। शनि तो न्याय के देवता हैं, इसलिए रावण की मनचाही स्थिति में रहते हुए भी मेघनाद के जन्म के दौरान उन्होंने अपनी दृष्टि वक्री कर ली, जिसकी वजह से मेघनाद अल्पायु हो गया। शनि की इस हरकत से रावण क्रोधित हो गया और क्रोध के आवेग में उसने अपनी गदा से शनि के पैर पर प्रहार किया। तभी से शनि देव लंगड़ाकर चलते हैं

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दशहरा के दिन जानिए किन लोगों की खुलने वाली है किस्मत

 30 सितंबर को दशहरे का पर्व मनाया जा रहा है। विजयदशमी यानी कि दशहरे पर इस बार आनंद योग बन रहा है। शुक्रवार को चंद्रमा उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के साथ आनंद योग भी बना रहा है। यह योग सूर्योदय से सूर्योदय तक रहेगा। इसका सबसे बड़ा लाभ इन चार राशि वालों को मिल सकता है।  कन्या राशि

आज आपको वित्तीय क्षेत्र से अच्छी खबर मिल सकती है। अगर आप कार्यक्षेत्र में किसी पदान्नति का इंतजार कर रहे हैं या किसी नए व्यापारिक प्रस्ताव का इंतजार कर रहे हैं तो आज आपकी सारी रुकावटें दूर हो सकती हैं। आपको अपने परिवार और दोस्तों से जो मदद मिली है उसके लिए उन्हें धन्यवाद जरूर कहें। बस आपको ऑफिस में अपना ध्यान केंदित करना होगा।

सिंह

आज आपको कोई बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। आज आप पूरे दिन बहुत अच्छे मूड में रहेंगे। अगर आप अपने कार्यक्षेत्र में पंख फैलाने की सोच रहे हैं तो पहले आपको अपने ऊपर नजर डालनी होगी। आपका मन इस समय अपने काम में नहीं लग रहा है, जिसके कारण आप कुछ उदास भी हैं। आप आज अपना बजट बढ़ा सकते हैं व आपके पास आगामी योजनाओं के लिए कुछ धनराशि उपलब्ध होनी चाहिए।

वृश्चिक

आज सितारे आपके पक्ष में रहेंगे। आर्थिक क्षेत्र में आज आपको कोई बड़ी उपलब्धि मिल सकती है। आर्थिक मामले और निवेश के क्षेत्र में आप काफी दिनों से हतोत्साहित थे, लेकिन आज आपमें सकारात्मक उत्साह नजर आएगा। इसक इस्तेमाल अपनी तरक्की के लिए करें।

मकर

आज अचानक कोई आर्थिक लाभ हो सकता है। इस तरह आप देखें तो आपके पास जो चीजें कल तक नहीं थी, वो आज हो सकती हैं। हो सकता है, आपको कोई बड़ा उपहार मिल जाए, या फिर अचानक से कहीं से बड़ा धन लाभ हो जाए।

मेष (Aries) चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ :

आज आपके विचारों में स्पष्टता आएगी और कुछ गंभीर मुद्दों पर आप स्पष्टता से सोच पाएंगे। हर समस्या का समाधान अब आपको साफ दिखने लगेगा। इसी स्पष्टता से आपको सफलता भी मिल सकती है। आज के दिन निवेश करने से बचना चाहिए। कुछ छोटे-मोटे मतभेद अचानक उभरेंगे। प्रेम के दृष्टिकोण से उत्तम दिन है। आपकी भरपूर ऊर्जा और जबरदस्त उत्साह सकारात्मक परिणाम लाएंगे व घरेलू तनाव दूर करने में मददगार रहेंगे।

वृषभ (Taurus) ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो ब बो :

आज राजनैतिक क्षेत्र में आपका प्रभाव बढ़ सकता है। कार्यक्षेत्र में अनुकूलता बनी रहेगी, अधिकारी पक्ष से सहयोग मिल सकता है। कार्य क्षेत्र में विस्तार होने के संकेत हैं। धार्मिक कार्य में मन लग सकता है। मित्रों का सहयोग मन प्रसन्न करेगा। यात्रा टालें। आज आपके कार्य में बदलाव आ सकता है लेकिन घबराने की आवश्यकता नहीं है। आज आपको किसी कानूनी कार्य में फसना पड़ सकता है इसलिए सावधानी बनाये रखें।

मिथुन (Gemini) का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह :

आज नए कार्यों के साथ जुड़ने का योग बनेगा। आज आपका आर्थिक तौर पर सुधार तय है। अपनी बात दृढ़ता से रची लेन देन से सावधान रहें। मेहमानों के आने से रोनक रहेगी। मधुर व्यवहार से सबका दिल जीत लेंगे। व्यापार अच्छा चलेगा। फालतू कामों में समय बर्बाद न करें। आपकी महत्वाकांक्षाए सफलता की राह पर संघर्ष हेतु प्रेरित करेंगी, अच्छी भावना से किए गए कार्य में आपको सफलता अवश्य मिलेगी। पर्यटन स्थल की सैर होगी।

कर्क (Cancer) ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो :

आज आप अकेलापन महसूस कर सकते हैं, इससे बचने के लिए कहीं बाहर जाएं और दोस्तों के साथ कुछ समय बिताएं। जल्दबाजी से निर्णय न लें। व्यापार व कारोबार के लिए विशेष परिश्रम करना पड़ेगा। आज आप ऐसी जानकारियों को उजागर न करें जो व्यक्तिगत और गोपनीय हों। पारिवारिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे। साझीदारी में किसी नई परियोजना को शुरू करने के लिए अच्छा दिन है।

सिंह (Leo) मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे :

आज सामाजिक मन-सम्मान और प्रतिष्ठा में बढ़ोत्तरी होगी। अगर आप केवल अपने लक्ष्यों पर ध्यान दें तो बाकी सब कुछ खुद ही योजनानुसार होता चला जाएगा। आज आप का राजनैतिक सम्मान बढ़ेगा। आप की लोकप्रियता में वृद्धि होगी। लंबी यात्रा करने से बचे आज अगर आप दूसरों की बात मानकर निवेश करेंगे, तो आर्थिक नुकसान होगा। पारिवारिक तनावों से छुटकारा मिलेगा। नई योजना से लाभ होगा। व्यर्थ खर्च से तनाव होगा।

कन्या (Virgo) ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो :

आज कार्य एवं व्यवसाय के क्षेत्र में बाधाओं से मन अशांत रहेगा। आज का दिन आपके लिए अच्छा रहेगा। आज आप धार्मिक प्रवृत्तियों में व्यस्त रहेंगे एवं स्नेहीजनों के साथ किसी धार्मिक स्थल पर जाने का सुनहरा अवसर है। कर्मनिष्ठ होकर हाथ पर रखे काम को पूर्ण करने का प्रयास करेंगे। आपका व्यवहार आज न्यायानुकूल रहेगा। प्रतिस्पर्द्धी एवं दोस्त के वेश में छिपे शत्रु अपने प्रयासों में असफल रहेंगे। दफ्तर में सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा।

आज का राशिफल  ( Rashifal 30 September 2017 )-

तुला (Libra) रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते :

आज अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें। छोटी परेशानियां आपको घेरे रहेंगी। इस बात का विशेष ध्यान रखें की आपके फैसले से ऐसी किसी व्यक्ति को दुःख न हो जो आप पर भावनात्मक रूप से निर्भर है। आज आपका विशेष ध्यान दोस्तों पर रहेगा। किसी पुराने दोस्त से या तो आप मिलेंगे या उनमे से कोई आपसे मिलने आज अचानक चला आएगा। कोर्ट-कचहरी के चक्कर लग सकते हैं। बिजनेस में नुकसान होने की आशंका है।

वृश्चिक (Scorpio) तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू :

आज आपको अपनी जिम्मेदारियों को लेकर परेशानी हो सकती है। आज आप खुद को कुछ मनोरंजक गतिविधियों में शामिल करना चाहते हैं लेकिन आपको काम की जिम्मेदारियां रोक रही हैं। आप को दोनो चीजों में संतुलन बनाने की जरूरत है। इच्छाशक्ति की कमी आपको भावनात्मक और मानसिक परेशानियों में फंसा सकती है। उदास और अवसादग्रस्त न हों। खर्चों पर काबू रखने की कोशिश करें और सिर्फ जरूरी चीजें ही खरीदें।

धनु (Sagittarius) ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे :

आज आपके प्रयास सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। कामकाज, व्यवहार, सौदेबाजी हर चीज में ईमानदारी रखें। पुराने दोस्त ओर रिश्तेदारों से बातचीत हो सकती है अस्वस्थता संभव है। आपकी यात्रा सफल रहेगी। पति-पत्नी के संबंधों में मधुरता आएगी। कोई भी फैसला करने से पहले अच्छाईयों और कमियों पर सावधानी से गौर फरमाएँ। पारिवारिक सदस्यों से मतभेद खत्म कर आप अपने उद्देश्यों की पूर्ति आसानी से कर सकते हैं।

मकर (Capricorn) भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी :

आज परिवारजनों के साथ गलतफहमी की वजह से मनमुटाव हो सकता है। दूसरों के मामलों में दखल देने से आज बचें। आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा, लेकिन पैसे का लगातार पानी की तरह बहते जाना आपकी योजनाओं में रुकावट पैदा कर सकता है। अपने दोस्तों और परिवार के सहयोग के चलते आप नए आत्मविश्वास और रोमांच से भरपूर रहेंगे। काम-धंधा और नौकरी भी बेहतर स्थिति में पहुंच जाएगी।

कुंभ (Aquarius) गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा :

आज राजनैतिक प्रभुत्व और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आज आप स्वार्थी लोगों से दूर रहें। विरोधी वर्ग पराजित होंगे। विद्यार्थियों को और अधिक कड़ी मेहनत करनी होगी। अपने खर्चों पर नियंत्रण रखने की कोशिश करें। वाणी पर संयम रखें अन्यथा किसी को इससे ठेस पहुँच सकती है। मित्रों और स्नेहजनों के साथ आनंदपूर्वक समय बिता सकते हैं। व्यापारियों के व्यापार में वृद्धि होगी और लाभ प्राप्त होगा। मानसिक तनाव अधिक होने से मन बेचैन रहेगा।

मीन (Pisces) दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची :

आज आपके नए मित्र बनेंगे व ऐसे लोगों से संपर्क होगा जो कि भविष्य में आप के लिए लाभदायी साबित होंगे। घर से शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। संतान से लाभ होगा। आकस्मिक धनलाभ के योग हैं। दूर स्थित स्नेहीजन के समाचार मिलेंगे। निरर्थक व्यय होगा। कारोबार में लाभप्रद स्थिति मे रहेंगे एवम् आत्मसम्मान का भाव महसूस करेंगे। मन प्रसन्न रहेगा। पारिवारिक वातावरण अनुकूल रहेगा। पुराने मित्रों से मुलाकात होगी।

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